RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

Rajasthan Board RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल Important Questions and Answers. 

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

बहुविकल्पीय प्रश्न 

प्रश्न 1.
भू-पर्पटी में सर्वाधिक मात्रा में मिलने वाला तत्व है
(क) ऑक्सीजन
(ख) सिलिकन 
(ग) कैल्शियम 
(घ) पोटैशियम। 
उत्तर:
(क) ऑक्सीजन

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल  

प्रश्न 2.
'माइका' का उपयोग होता है 
(क) रेडियो एवं राडार में
(ख) चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने में 
(ग) विद्युत उपकरणों में
(घ) उपर्युक्त सभी में। 
उत्तर:
(ग) विद्युत उपकरणों में

प्रश्न 3.
पेट्रोलॉजी में अध्ययन होता है
(क) जीव-जन्तुओं का
(ख) महासागरीय नितल का 
(ग) विभिन्न शैलों का
(घ) जलवायु का।
उत्तर:
(ग) विभिन्न शैलों का

प्रश्न 4.
अवसादी शैलों का निर्माण होता है
(क) गर्म पदार्थों के ठण्डा होने से
(ख) अत्यधिक ताप व दाब के कारण 
(ग) अपक्षय एवं अपरदन क्रियाओं द्वारा
(घ) उपर्युक्त सभी। 
उत्तर:
(ग) अपक्षय एवं अपरदन क्रियाओं द्वारा

प्रश्न 5.
धरातल पर सर्वाधिक विस्तार मिलता है
(क) आग्नेय शैलों का
(ख) अवसादी शैलों का 
(ग) कायान्तरित शैलों का
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं। 
उत्तर:
(ख) अवसादी शैलों का 

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न 

निम्न में स्तम्भ 'अ' को स्तम्भ 'ब' से सुमेलित कीजिए 

स्तम्भ 'अ' (स्वरूप)

स्तम्भ 'ब' (सम्बन्ध)

(i) घनाकार

(अ) धात्विक खनिज

(ii) धातु अंश वाले खनिज

(ब) आग्नेय शैल

(iii) सीमेंट

(स) अवसादी शैल

(iv) ग्रेनाइट

(द) कायान्तरित शैल

(v) चूना-पत्थर

(य) क्रिस्टल का बाहरी रूप

(vi) संगमरमर

(र) अधात्विक खनिज


उत्तर:

स्तम्भ 'अ' (स्वरूप)

स्तम्भ 'ब' (सम्बन्ध)

(i) घनाकार

(य) क्रिस्टल का बाहरी रूप

(ii) धातु अंश वाले खनिज

(अ) धात्विक खनिज

(iii) सीमेंट

(र) अधात्विक खनिज

(iv) ग्रेनाइट

(ब) आग्नेय शैल

(v) चूना-पत्थर

(स) अवसादी शैल

(vi) संगमरमर

(द) कायान्तरित शैल

 

रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न

निम्न वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. भूपर्पटी का लगभग 98 प्रतिशत भाग........."तत्वों से मिलकर बना है। 
  2. मैग्मा के ठंडे होने पर खनिजों के....... बनते हैं। 
  3. नाइट्रेट एक.........."खनिज है। 
  4. पेट्रोलॉजी ......."का विज्ञान है। 
  5. शैल चक्र एक.........."प्रक्रिया होती है।

उत्तर:

  1. आठ
  2. क्रिस्टल
  3. अधात्विक
  4. शैलों
  5. सतत्। 

सत्य-असत्य कथन सम्बन्धी प्रश्न

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

निम्न कथनों में से सत्य-असत्य कथन की पहचान कीजिए

  1. भूपर्पटी पर सर्वाधिक मात्रा में सिलिकन मिलता है।
  2. क्वार्ट्ज एक मुलायम खनिज है।
  3. माइका विद्युत उपकरणों में प्रयुक्त होता है।
  4. अवसादी चट्टानें प्राथमिक शैल हैं। 
  5. स्लेट एक कायांतरित शैल है। 

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य
  5. सत्य। 

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. 
पृथ्वी की सम्पूर्ण पर्पटी का 98 प्रतिशत भाग किन-किन तत्वों से मिलकर बना हुआ है ?
उत्तर:
पृथ्वी की सम्पूर्ण पर्पटी का 98 प्रतिशत भाग आठ तत्वों-ऑक्सीजन, सिलिकन, एल्युमिनियम, लोहा, कैल्शियम, सोडियम, पोटैशियम व मैग्नीशियम से बना हुआ है।

प्रश्न 2. 
पृथ्वी की पर्पटी का शेष 2 प्रतिशत भाग किन-किन तत्वों से मिलकर बना है?
उत्तर:
पर्पटी का शेष 2 प्रतिशत भाग टाइटेनियम, हाइड्रोजन, फॉस्फोरस, मैंगनीज, सल्फर, कार्बन, निकिल आदि पदार्थों से बना है।

प्रश्न 3. 
खनिज क्या हैं ?
उत्तर:
खनिज एक ऐसा प्राकृतिक, कार्बनिक एवं अकार्बनिक तत्व है जिसमें एक क्रमबद्ध परमाणविक संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन व भौतिक गुणधर्म होते हैं।

प्रश्न 4. 
भूपर्पटी पर वर्तमान समय तक कितने प्रकार के खनिजों की पहचान की जा चुकी है ? 
उत्तर:
भूपर्पटी पर वर्तमान समय तक लगभग 2000 प्रकार के खनिजों की पहचान की जा चुकी है। 

प्रश्न 5. 
समस्त प्रकार के खनिजों का मूल स्रोत क्या है ? 
उत्तर:
पृथ्वी के आंतरिक भाग में पाया जाने वाला मैग्मा समस्त प्रकार के खनिजों का मूल स्रोत है। 

प्रश्न 6. 
खनिजों की कोई दो भौतिक विशेषताएँ लिखिए। 
उत्तर:

  1. प्रत्येक खनिज की अपनी चमक होती है। 
  2. खनिज का बाहरी रूप अणुओं की आंतरिक व्यवस्था द्वारा निर्धारित होता है। 

प्रश्न 7. 
विदलन क्या है ?
उत्तर:
सापेक्षिक रूप से समतल सतह बनाने के लिए खनिजों की निश्चित दिशा में टूटने की प्रवृत्ति विदलन कहलाती है।

प्रश्न 8. 
खनिजों की क्रमबद्ध श्रृंखला का निर्माण कैसे होता है ?
उत्तर:
पृथ्वी के आंतरिक भाग में पाया जाने वाले मैग्मा के ठण्डे होने पर खनिजों के क्रिस्टल बनने लगते हैं और इस प्रक्रिया के दौरान जैसे-जैसे मैग्मा ठण्डा होकर ठोस शैल बनता है, खनिजों की क्रमबद्ध श्रृंखला का निर्माण होने लगता है।

प्रश्न 9. 
पृथ्वी की पर्पटी का आधा भाग किस खनिज से बना हुआ है ? 
उत्तर:
फेल्डस्पर नामक खनिज से।

प्रश्न 10.
चीनी-मिट्टी के बर्तन बनाने में किस खनिज का उपयोग होता है ?
उत्तर:
फेल्डस्पर (फेल्सपार) का।

प्रश्न 11. 
क्वार्ट्स खनिज की प्रकृति एवं उपयोग बताइए। 
उत्तर:
क्वार्ट्स एक कठोर खनिज है जो पानी में अघुलनशील होता है। इसका उपयोग रेडियो तथा रडार में होता है। 

प्रश्न 12. 
उल्का पिंड में कौन-सा खनिज पाया जाता है ? 
उत्तर:
पाइरॉक्सीन। 

प्रश्न 13. 
रेत एवं ग्रेनाइट का प्रमुख घटक कौन-सा खनिज है ? 
उत्तर:
क्वार्ट्ज़। 

प्रश्न 14. 
पाइरॉक्सीन खनिज में कौन-कौन से तत्व सम्मिलित होते हैं ?
उत्तर:
पाइरॉक्सीन खनिज में कैल्सियम, एल्युमीनियम, मैग्नीशियम, आयरन एवं सिलिका आदि तत्व सम्मिलित होते हैं।

प्रश्न 15. 
माइका (अभ्रक) खनिज में कौन-कौन से तत्व सम्मिलित होते हैं ? 
उत्तर:
माइका खनिज में पोटैशियम, एल्युमिनियम, मैग्नीशियम, लौह व सिलिका आदि तत्व सम्मिलित होते हैं। 

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 16. धात्विक खनिजों से क्या अभिप्राय है?
अथवा 
धात्विक खनिज किसे कहते हैं? 
उत्तर:
जिन खनिजों में धातु का अंश मिलता है उन्हें धात्विक खनिज कहते हैं। 

प्रश्न 17. 
धात्विक खनिजों को कितने प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है? 
उत्तर:

  1. बहुमूल्य धातु, 
  2. लौह धातु, 
  3. अलौह धातु। 

प्रश्न 18. 
अलौह धात्विक खनिजों के नाम लिखिए। 
उत्तर:
ताँबा, सीसा, जस्ता, टिन, एल्युमिनियम आदि। 

प्रश्न 19.
अधात्विक खनिज किसे कहते हैं? 
उत्तर:
जिन खनिजों में किसी भी प्रकार धातु का अंश नहीं मिलता, उन्हें अधात्विक खनिज कहते हैं।

प्रश्न 20.
किन्हीं दो अधात्विक खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) गंधक
(ii) फॉस्फेट। 

प्रश्न 21. 
शैल किसे कहते हैं ? 
उत्तर:
भूपृष्ठ की रचना करने वाले पदार्थों को शैल या चट्टान कहते हैं। 

प्रश्न 22. 
भूगोलशास्त्री को शैलों का मौलिक ज्ञान होना क्यों आवश्यक है? 
उत्तर:
शैल व स्थलाकृतियों तथा शैल व मृदा में निकट संबंध के कारण भूगोलशास्त्री को इनका ज्ञान होना आवश्यक है। 

प्रश्न 23. 
शैलें कितने प्रकार की होती हैं ?
अथवा
निर्माण पद्धति के आधार पर शैलों को कितने समहों में विभाजित किया जा सकता है ? 
उत्तर:

  1. आग्नेय शैलें, 
  2. अवसादी शैलें, 
  3. कायांतरित शैलें। 

प्रश्न 24. 
इग्निस (Igneous) शब्द का क्या अर्थ है ? 
उत्तर:
यह लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ अग्नि होता है। 

प्रश्न 25. 
आग्नेय शैल क्या है ? उत्तर-पृथ्वी के आंतरिक भाग में मैग्मा के ठण्डा व ठोस होकर जम जाने से निर्मित शैलों को आग्नेय शैलें कहते हैं।

प्रश्न 26. 
आग्नेय शैलों को प्राथमिक शैल क्यों कहते हैं ? 
उत्तर:
सर्वप्रथम आग्नेय शैलों का निर्माण होने के कारण इसे प्राथमिक शैल कहा जाता है। 

प्रश्न 27. 
प्राथमिक शैलों से निर्मित होने वाली शैलों के नाम लिखो। 
उत्तर:

  1. अवसादी शैलें
  2. कायान्तरित शैलें। 

प्रश्न 28. 
आग्नेय शैल के कोई चार उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  1. ग्रेनाइट
  2. बेसाल्ट
  3. गैब्रो
  4. पैग्मेटाइट। 

प्रश्न 29. 
अवसादी शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
अवसादी अर्थात् Sedimentary शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द सेडिमेंट्स से हुई है, जिसका अर्थ व्यवस्थित होता है।

प्रश्न 30. 
अवसादी शैलों का निर्माण किन प्रक्रियाओं की देन है? 
उत्तर:
बहिर्जनित प्रक्रियाओं की। 

प्रश्न 31. 
शिलीभवन क्या है ? 
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा असंगठित अवसाद कठोर शैल में परिवर्तित हो जाता है, शिलीभवन कहलाती है। 

प्रश्न 32. 
अवसादी शैलों में अनेक सतह क्यों बनती हैं? 
उत्तर:
शिलीभवन के कारण। 

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प्रश्न 33. 
निर्माण पद्धति के आधार पर अवसादी शैलों को वर्गीकृत कीजिए। 
उत्तर:

  1. यांत्रिकी रूप से निर्मित, 
  2. कार्बनिक रूप से निर्मित, 
  3. रासायनिक रूप से निर्मित। 

प्रश्न 34. 
यांत्रिकी रूप से निर्मित अवसादी शैलों के कोई दो उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  1. बालुकाश्म, 
  2. चूना प्रस्तर। 

प्रश्न 35. 
कार्बनिक रूप से निर्मित अवसादी शैलों के कोई दो उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  1. चूना पत्थर 
  2. कोयला। 

प्रश्न 36. 
रासायनिक रूप से निर्मित अवसादी शैलों के कोई दो उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  1. शृंग प्रस्तर, 
  2. पोटाश। 

प्रश्न 37. 
कायान्तरण क्या है ?
उत्तर:
कायान्तरण वह प्रक्रिया है जिसमें समेकित शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण होता है तथा वास्तविक शैलों में पदार्थ पुनः संगठित हो जाते हैं।

प्रश्न 38. 
कायान्तरित शैलों का निर्माण किस प्रकार होता है ? 
उत्तर:
दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप इन शैलों का निर्माण होता है। 

प्रश्न 39. 
यांत्रिक विभाजन क्या होता है?
उत्तर:
जब बिना रासायनिक कारकों के चट्टानों के टूटने-फूटने की प्रक्रिया होती है तो ऐसी प्रक्रिया यांत्रिक विभाजन कहलाती है।

प्रश्न 40. 
गतिशील कायान्तरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
भू-गर्भिक हलचलों के समय चट्टानों में भारी दबाव से उष्णता बढ़ जाती है, जिससे चट्टानें पूर्णतः बदल जाती हैं जिसे गतिशील कायान्तरण कहते हैं। उदाहरणार्थ- कोयले का ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाना।

प्रश्न 41. 
ऊष्मीय कायान्तरण कितने प्रकार का होता है ? 
उत्तर:

  1. सम्पर्क कायान्तरण
  2. प्रादेशिक कायान्तरण। 

प्रश्न 42. 
पत्रण किसे कहते हैं ? अथवा रेखांकन क्या है ? 
उत्तर:
कायान्तरित शैलों में खनिज कणों की फैलने की प्रक्रिया को पत्रण या रेखांकन (Foliation) कहते हैं।

प्रश्न 43.
बैंडिंग से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
कायान्तरित शैलों की संरचनाओं में कभी-कभी खनिजों के कण पतली से मोटी सतह में इस प्रकार फैल जाते हैं कि वे हल्के एवं गहरे रंगों में दिखाई देने लगते हैं, जिन्हें बैंडिंग कहते हैं।

प्रश्न 44. 
बैंडेड शैल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
बैंडिंग प्रदर्शित करने वाली शैलों को बैंडेड शैल कहते हैं।

प्रश्न 45. 
कायान्तरित शैलों के कोई दो उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  1. संगमरमर
  2. स्लेट।

प्रश्न 46. 
शैली चक्र से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
शैली चक्र एक सतत् प्रक्रिया है जिसमें पुरानी शैलें परिवर्तित होकर नवीन रूप धारण करती हैं, शैली चक्र कहलाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA1 प्रश्न)

प्रश्न 1. 
पृथ्वी की बाहरी परत क्यों महत्वपूर्ण है ?
उत्तर:
पृथ्वी की बाहरी परत बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसमें अनेक मूल्यवान तत्व पाये जाते हैं। इन तत्वों में ऑक्सीजन, सिलिकन, एल्युमिनियम, लोहा, कैल्शियम, सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सल्फर आदि हैं। ये तत्व प्रायः अलग-अलग मिलते हैं, सामान्यतः ये दूसरे तत्वों के साथ मिलकर विभिन्न पदार्थों का निर्माण करते हैं। इन पदार्थों को खनिजों के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 2. 
खनिज की परिभाषा दीजिए तथा खनिजों का मूल स्रोत बताइए।
उत्तर-खनिज एक ऐसा प्राकृतिक, कार्बनिक एवं अकार्बनिक तत्व है जिसमें एक क्रमबद्ध परमाणविक संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुण-धर्म होते हैं। दूसरे शब्दों में, खनिज प्राकृतिक रूप से उत्पन्न ऐसा तत्व है जिसकी अपनी भौतिक विशेषताएँ होती हैं तथा जिसकी बनावट को रासायनिक गुणों द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। खनिज का निर्माण दो या दो से अधिक तत्वों से मिलकर होता है। लेकिन कभी-कभी सल्फर, ताँबा, चाँदी, स्वर्ण, ग्रेफाइट जैसे एकतत्वीय खनिज भी पाये जाते हैं। पृथ्वी के अन्दर पाया जाने वाला मैग्मा खनिजों का मूल स्रोत है।

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प्रश्न 3. 
खनिजों के कोई चार भौतिक गुण (विशेषताएँ) बताइए। 
उत्तर:
खनिजों के चार भौतिक गुण (विशेषताएँ) निम्नलिखित हैं

  1. क्रिस्टल-खनिज का बाहरी रूप अणुओं की आंतरिक व्यवस्था द्वारा निर्धारित होता है। अणुओं का स्वरूप घनाकार, अष्टभुजाकार या षटभुजाकार हो सकता है।
  2. विदलन-खनिजों में विदलन होना उसकी आन्तरिक व्यवस्था का परिणाम होता है। खनिजों का विदलन एक या कई दिशाओं में अथवा एक-दूसरे से कोण बनाकर भी टूट सकते हैं।
  3. पारदर्शिता-खनिज पारदर्शी, पारभासी एवं अपारदर्शी होते हैं। 
  4. कठोरता-खनिज सामान्यतया कठोर होते हैं। लेकिन कुछ खनिज मुलायम.भी होते हैं। 

प्रश्न 4. 
खनिजों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
मोटे तौर पर खनिजों को निम्न दो भागों में विभाजित किया गया है- 
(1) धात्विक खनिज-इन खनिजों में धातु तत्वों की प्रधानता होती है। इनको निम्न तीन प्रकारों में विभक्त किया गया

  1. बहुमूल्य धातु-स्वर्ण, चाँदी, प्लेटिनम आदि। 
  2. लौह धातु-लौह एवं स्टील के निर्माण के लिए लोहे में मिलायी जाने वाली अन्य धातुएँ। 
  3. अलौह धातु-इनमें ताँबा, सीसा, जिंक, टिन, एल्युमिनियम आदि धातुएँ शामिल हैं।

(2) अधात्विक खनिज-इनमें धातुओं के अंश नहीं पाये जाते; जैसे-गन्धक, फॉस्फेट तथा नाइट्रेट। सीमेण्ट अधात्विक तत्वों का सम्मिश्रण है।

प्रश्न 5. 
शैलें क्या हैं ? परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
भू-पटल का निर्माण करने वाले पदार्थों को शैल या चट्टानें कहते हैं। शैलों का निर्माण एक या अधिक खनिजों से मिलकर होता है। शैलें ग्रेनाइट की तरह कठोर और चीका मिट्टी की तरह मुलायम हो सकती हैं। गैब्रो काला तथा क्वााइट दूधिया श्वेत हो सकता है। शैलों के संघटन में खनिजों की कोई निश्चित मात्रा नहीं होती। शैलों में सामान्य रूप से फेल्डस्पर तथा क्वार्ट्स खनिज पाये जाते हैं। आर्थर होम्स के अनुसार, "शैलों का अधिकांश भाग खनिजों का सम्मिश्रण होता है। भू-पर्पटी के अनेक तत्व कई रूपों में एकत्रित तथा संगठित होकर शैलों का निर्माण करते हैं।"

प्रश्न 6. 
पेट्रोलॉजी क्या है ? बताइए।
उत्तर:
चट्टानों का अध्ययन करने वाले विज्ञान को पेट्रोलॉजी कहते हैं। पेट्रोलॉजी का अध्ययन करने वाला वैज्ञानिक चट्टानों के विभिन्न स्वरूपों का अध्ययन करता है; जैसे-खनिजों की संरचना, उनकी बनावट, संघटन, स्रोत, प्राप्ति-स्थल, उनमें होने वाले परिवर्तनों तथा अन्य शैलों के साथ सम्बन्धों का अध्ययन आदि।

प्रश्न 7. 
आग्नेय शैलों को प्राथमिक शैलें क्यों कहा जाता है ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर;
आग्नेय शैलें पृथ्वी पर सबसे प्राचीन शैलें हैं। आरम्भ में मूल पदार्थ मैग्मा पिघली हुई अवस्था में था। इस मैग्मा के ठण्डा होकर ठोस होने से आग्नेय शैलों का निर्माण हुआ। इस प्रकार पृथ्वी पर सर्वप्रथम बनने के कारण इन्हें प्राथमिक शैलें कहा जाता है। इसके पश्चात् दूसरी चट्टानों का निर्माण आग्नेय चट्टानों से प्राप्त अवसाद से हुआ।

प्रश्न 8. 
अवसादी शैलों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
निर्माण पद्धति के आधार पर अवसादी शैलों को निम्नांकित तीन वर्गों में विभक्त किया गया है

  1. यान्त्रिकी रूप से निर्मित अवसादी शैलें-इसमें बालुकाश्म, पिण्डशिला, चूना-पत्थर, शैल, विमृदा आदि शैलों को सम्मिलित किया जाता है।
  2. कार्बनिक रूप से निर्मित अवसादी शैलें-इस प्रकार की शैलों में गीजराइट, खड़िया, चूना-पत्थर, कोयला आदि चट्टानें आती हैं।
  3. रासायनिक रूप से निर्मित अवसादी शैलें-इसके अन्तर्गत शृंग प्रस्तर, चूना-पत्थर, हैलाइट तथा पोटाश आदि चट्टानों को सम्मिलित किया जाता है।

प्रश्न 9. 
शिलीभवन (Lithification) क्या है ?
उत्तर:
पृथ्वी की सतह की शैलें-आग्नेय, अवसादी एवं कायान्तरित शैलें अपक्षय की क्रियाओं द्वारा कमजोर होकर विभिन्न आकार के अनेक टुकड़ों में विभक्त हो जाती हैं। अपक्षय की क्रियाओं द्वारा कमजोर हुई शैलों के भाग अपरदन के विभिन्न कारकों द्वारा परिवहित होकर जमा किये जाते रहते हैं। कालान्तर में ये संगठित होकर शैलों में परिवर्तित हो जाते हैं। यह प्रक्रिया शिलीभवन कहलाती है। बहुत-सी अवसादी शैलें ऐसी होती हैं जो शैलों के रूप में परिवर्तित (शिलीभवन) होने के बाद भी अपनी मौलिक विशेषताएँ बनाये रखती हैं।

प्रश्न 10. 
कायान्तरण क्या है ? इसके प्रकार बताइए।
उत्तर:
कायान्तरण का आशय-कायान्तरण वह प्रक्रिया है, जिसमें समेकित शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण होता है एवं वास्तविक शैलों में पदार्थ पुनः संगठित हो जाते हैं।
कायान्तरण के प्रकार-कायान्तरण के निम्नलिखित दो प्रकार हैं-
(i) गतिशील कायान्तरण
(ii) ऊष्मीय कायान्तरण-
(अ) सम्पर्क कायान्तरण
(ब) प्रादेशिक कायान्तरण।

प्रश्न 11.
गतिक एवं ऊष्मीय कायान्तरित शैल में क्या अन्तर है?
उत्तर:
गतिक कायान्तरित शैल-जब किसी मौलिक चट्टान में अत्यधिक दबाव के कारण रूपान्तरण होता है तो इस प्रकार निर्मित चट्टानों को गतिक कायान्तरित शैल कहते हैं। ऊष्मीय कायान्तरित शैल-जब भूपटल में अत्यधिक ऊष्मा के कारण अवसादी या आग्नेय चट्टानों के खनिजों में 'रवों' का पुनर्निर्माण या रूप परिवर्तन होता है तो उसे तापीय कायान्तरित शैल कहते हैं।

प्रश्न 12. 
बैंडिंग एवं बैंडेड शैलें क्या हैं ? बताइए।
उत्तर:
कायान्तरण की प्रक्रिया में शैलों के कुछ कण या खनिज सतहों या रेखाओं के रूप में व्यवस्थित हो जाते हैं। कायान्तरित शैलों में कणों अथवा खनिज की इस व्यवस्था को पत्रण या रेखांकन कहते हैं। कभी-कभी खनिज या विभिन्न समूहों के कण पतली से मोटी सतह में इस प्रकार व्यवस्थित होते हैं कि वे हल्के व गहरे रंगों में दिखाई देते हैं। कायान्तरित शैलों में ऐसी संरचनाओं को बैंडिंग कहते हैं और बैंडिंग प्रदर्शित करने वाली शैलों को बैंडेड शैलें कहते हैं।

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प्रश्न 13. 
पत्रित (Foliated) एवं अपत्रित (Non-foliated) शैलें क्या हैं ? संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
जब कायान्तरित शैलों में कण कुछ-कुछ परत के रूप में समानान्तर अवस्था में पाये जाते हैं तो इस प्रकार की बनावट को 'फोलिएसन' या पत्रण या रेखांकन कहते हैं। पत्रीकरण के आधार पर कायान्तरित शैलों को दो वर्गों में विभाजित किया जाता है-

  1. पत्रित शैलें-पत्रित शैलों में मुख्य हैं-स्लेट, शिस्ट तथा नीस आदि। 
  2. अपत्रित शैलें-इसके अन्तर्गत क्वार्ट्साइट, संगमरमर, सर्पेन्टाइन आदि शैलों को सम्मिलित किया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA2 प्रश्न)

प्रश्न 1. 
आग्नेय शैलों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए। 
उत्तर:
आग्नेय शैलों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. इन शैलों की रचना सबसे पहले हुई है अतएव इन्हें प्राथमिक शैलें कहते हैं। 
  2. इन शैलों में परतों का अभाव पाया जाता है। 
  3. ये शैलें कठोर होती हैं, अतएव इन पर अपक्षय का प्रभाव बहुत कम पड़ता है। 
  4. इन शैलों में जीवावशेष एवं वनस्पति अवशेष का अभाव मिलता है। 
  5. इन शैलों का निर्माण ज्वालामुखी उद्गार के समय निकलने वाले मैग्मा के जमाव से होता है। 
  6. ये शैलें अछिद्रदार होती हैं।
  7. ये शैलें रवेदार होती हैं। 
  8. इन शैलों में धात्विक खनिज मिलते हैं। 

प्रश्न 2. 
आग्नेय शैलों के आर्थिक महत्व को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
आग्नेय शैलें मानव उपयोग की दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण हैं। इनके महत्व को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है

  1. आग्नेय शैलों में सोना, चाँदी, ताँबा, अभ्रक, सीसा, जस्ता, गन्धक, मैग्नेसाइट आदि महत्वपूर्ण खनिज पाये जाते हैं, जो व्यापारिक दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण हैं।
  2. आग्नेय शैलों पर अपक्षय एवं अपरदन क्रियाओं से काली मिट्टी का निर्माण होता है, जो कृषि की दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण है।
  3. आग्नेय चट्टानों से निर्मित मिट्टी बड़ी उपजाऊ होती है अतएव इनमें कपास, गन्ना आदि फसलें आसानी से लाभदायक ढंग से की जा सकती हैं।
  4. आग्नेय शैलों का उपयोग निर्माण कार्यों में पर्याप्त मात्रा में किया जाता है। 

प्रश्न 3. 
अवसादी शैलों की विशेषताएँ एवं इनके महत्व बताइए।
उत्तर:
अवसादी शैलों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं -

  1. इन शैलों में परतें पायी जाती हैं, जो एक के ऊपर एक जमा होती जाती हैं। भूतल का 75 प्रतिशत भाग इन्हीं शैलों से ढका है।
  2. इन शैलों में जीवाश्म एवं जीवावशेष पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं।
  3. इन शैलों में छिद्र होते हैं अतएव जल इनमें आसानी से प्रवेश कर जाता है। 
  4. अधिकांश अवसादी शैलों का जमाव सागरों में होता है अतएव इनमें लहरों एवं धाराओं के चिह्न स्पष्ट दिखाई देते हैं।

प्रमुख अवसादी शैलें-बलुआ पत्थर, चूना पत्थर, जिप्सम, खड़िया, कोयला व डोलोमाइट आदि हैं। अवसादी शैलों का महत्व-मानव उपयोग की दृष्टि से अवसादी शैलों का विशेष महत्व है। इन शैलों में महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ एवं शक्ति-संसाधन मिलते हैं। लोहा, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला आदि अवसादी शैलों में ही मिलते हैं। चूना-पत्थर का उपयोग लौह इस्पात उद्योग में होता है। कठोर बलुआ पत्थरों का उपयोग भवन निर्माण में किया जाता है। परतदार चट्टानों में ही कृषि सफलतापूर्वक की जाती है। इस प्रकार अवसादी शैलें आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 4. 
कायान्तरित शैलों की विशेषताएँ एवं उनका महत्व बताइए। 
उत्तर:
कायान्तरित शैलों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं -

  1. इन चट्टानों में परतों का अभाव होता है। 
  2. इनमें जीवाश्मों (Fossils) का अभाव पाया जाता है। 
  3. ये शैलें संगठित तथा छिद्ररहित होती हैं। अतएव इन पर ऋतु-अपक्षय का विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। 
  4. रन्ध्रहीन होने के कारण इनमें जल आसानी से प्रवेश नहीं कर पाता है। 
  5. इन चट्टानों में विभिन्न आकार वाले रवे पाये जाते हैं।
  6. इन शैलों का निर्माण आग्नेय एवं अवसादी दोनों प्रकार की शैलों से होता है। 

परन्तु इनमें मुल बट्टान का कोई लक्षण नहीं पाया जाता। कायान्तरित शैलों का महत्व-कायान्तरित शैलें आर्थिक दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण हैं। इन शैलों में कुछ बहुमूल्य खनिज; जैसे-सोना, चाँदी, हीरा आदि मिलते हैं। संगमरमर, ग्रेफाइट, चुम्बकीय लोहा आदि महत्वपूर्ण शैलें मिलती हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है। इन शैलों में ही गन्धक मिश्रित जलस्रोत मिलते हैं, जिसमें स्नान करने से अनेक त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ नष्ट हो जाती हैं।

प्रश्न 5. 
कायान्तरण के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कायान्तरण एक प्रक्रिया है जिसमें समेकित शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण होता है तथा वास्तविक शैलों में पदार्थों का पुनर्संगठन हो जाता है।
कायान्तरण के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं -

  1. गतिक कायान्तरण-बिना रासायनिक परिवर्तनों के टूटने एवं पिसने के कारण वास्तविक शैलों में यान्त्रिकी व्यवधान एवं उनका पुनर्संगठन गतिक कायान्तरण कहलाता है।
  2. ऊष्मीय कायान्तरण-इसके अन्तर्गत चट्टानों के पदार्थों में रासायनिक परिवर्तन एवं पुनः क्रिस्टलीकरण होता है। यह दो प्रकार का होता है

(i) सम्पर्कीय रूपान्तरण- ज्वालामुखी उद्गार के समय पृथ्वी के आन्तरिक भाग से गर्म मैग्मा बाहर निकलते समय सम्पर्क में आने वाली चट्टानों के मौलिक रूप में परिवर्तन कर देता है। ऐसे रूपान्तरण को सम्पर्कीय रूपान्तरण कहते हैं।
(ii) क्षेत्रीय या प्रादेशिक रूपान्तरण-पृथ्वी के आन्तरिक भाग में अधिक गहराई पर उच्च तापमान और दबाव अथवा इन दोनों के सम्मिलित प्रभाव के कारण चट्टानों में पुनः क्रिस्टलीकरण हो जाता है। इसे क्षेत्रीय या प्रादेशिक रूपान्तरण कहते हैं।

प्रश्न 6. 
प्रमुख कायान्तरित शैल तथा उनके मौलिक रूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कायान्तरित शैलों का निर्माण आग्नेय एवं अवसादी दोनों शैलों के रूपान्तरण से होता है। कभी-कभी एक कायान्तरित शैल पुनः कायान्तरित होकर अन्य प्रकार की शैलों में बदल जाती है।

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रमुख कायान्तरित शैलें तथा उनके मौलिक रूप निम्न प्रकार हैं -

मौलिक शैल

रूपान्तरित शैल

1.चूना-पत्थर (परतदार शैल)

संगमरमर

2. बालुका पत्थर (परतदार शैल)

क्वार्ट्जाइट/स्फटिक

3. शैल या क्ले (परतदार शैल)

स्लेट

4. कोयला (परतदार शैल)

हीरा/ग्रेफाइट

5. बेसाल्ट (आग्नेय शैल)

शिस्ट

6. ग्रेनाइट (आग्नेय शैल)

नीस

 

प्रश्न 7. 
आग्नेय (प्राथमिक) एवं अवसादी (द्वितीयक) शैलों में अन्तर स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
आग्नेय एवं अवसादी शैलों में निम्नलिखित अन्तर हैं 

आग्नेय शैल (प्राथमिक चट्टान)

अवसादी शैल (द्वितीयक चट्टान)

(i) आग्नेय शैलों का निर्माण पृथ्वी के आन्तरिक भाग में मैग्मा के ठंडे होकर घनीभूत हो जाने पर होता है।

(i) अवसादी शैलों का निर्माण उन प्राचीन चट्टानों एवं खनिजों के टुकड़ों से होता है जो कि पूरी तरह संगठित हो जाते हैं और परतों में जम जाते हैं।

(ii) ये शैलें कठोर होती हैं।

(ii) ये शैलें मुलायम होती हैं।

(iii) ये शैलें छिद्ररहित होती हैं।

(iii) ये शैलें छिद्रयुक्त होती हैं।

(iv) इन शैलों में परतें नहीं पायी जाती हैं।

(iv) इन शैलों में परतें पायी जाती हैं।

(v) ये शैलें रवेदार होती हैं।

(v) ये शैलें रवेदार नहीं होती हैं।

(vi) इन शैलों में किसी भी प्रकार के जीवावशेष नहीं पाए जाते हैं।

(vi) इन शैलों की परतों के मध्य में जीवावशेष मिलते हैं।

(vii) इन शैलों में धात्विक खनिज मिलते हैं।

(vii) इन शैलों में कार्बनिक खनिज मिलते हैं।

(viii) इन शैलों का अपरदन बहुत मन्द गति से होता है।

(viii) इन शैलों का अपरदन अपेक्षाकृत तीव्र गति से होता है।

(ix) इन शैलों का निर्माण सामान्यत: धरातल के नीचे होता है।

(ix) इन शैलों का निर्माण धरातल के ऊपर होता है।

(x) इन्हें प्राथमिक शैलें भी कहा जाता है।

(x) इन्हें द्वितीयक शैलें भी कहा जाता है।

 

प्रश्न 8. 
अवसादी (द्वितीयक) और कायान्तरित चट्टानों (तृतीयक) में अन्तर स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
अवसादी और कायान्तरित शैलों में निम्नलिखित अन्तर हैं

अवसादी (द्वितीयक) चट्टान

कायान्तरित (तृतीयक) चट्टान

(i) अवसादी शैलों का निर्माण उन प्राचीन चट्टानों एवं खनिजों के टुकड़ों से होता है जो कि पूरी तरह संगठित हो जाते हैं और परतों में जम जाते हैं।

(i) कायान्तरित शैलों का निर्माण दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप होता है।

(ii) इनका निर्माण संघनन एवं संयोजन प्रक्रियाओं द्वारा होता है।

(ii) इनका निर्माण आग्नेय व अवसादी शैलों के रूप बदलने से होता है।

(iii) ये शैलें मुलायम होती हैं।

(iii) ये शैलें मौलिक शैलों की अपेक्षा अधिक संगठित व कठोर होती हैं।

(iv) इन शैलों में मुख्यतः कार्बनिक खनिज पाए जाते हैं।

(iv) इन शैलों में मुख्यतः धात्विक खनिज पाए जाते हैं।

(v) ये शैलें रन्ध्रयुक्त होती हैं।

(v) ये शैलें अरन्ध्र होती हैं।

(vi) इन शैलों में परतें पायी जाती हैं।

(vi) इन शैलों में परतें नहीं पायी जाती हैं।

(vii) इन शैलों की परतों में जीवावशेष पाए जाते हैं।

(vii) इन शैलों की परतों में जीवावशेष का अभाव पाया जाता है।

(viii) इन शैलों का निर्माण धरातल पर होता है।

(viii) इन शैलों का निर्माण धरातल के नीचे होता है।

 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. 
खनिज की परिभाषा दीजिए तथा इनकी भौतिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
परिभाषा-खनिज एक ऐसा प्राकृतिक, कार्बनिक एवं अकार्बनिक तत्व है जिसकी एक विशेष प्रकार की रासायनिक संरचना होती है और जिसमें विशेष रासायनिक तथा भौतिक गुण पाये जाते हैं। खनिजों का निर्माण सामान्यतः दो या दो से अधिक तत्वों से मिलकर होता है किन्तु कभी-कभी एक तत्वीय खनिज भी पाये जाते हैं। पृथ्वी के आंतरिक भाग में पाया जाने वाला मैग्मा ही सभी खनिजों का मूल स्रोत है।
खनिजों की भौतिक विशेषताएँ-खनिजों की भौतिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. क्रिस्टल-इसका बाहरी रूप अणुओं की आन्तरिक व्यवस्था द्वारा निर्धारित होता है। अणुओं का स्वरूप घनाकार, अष्टभुजाकार, षटभुजाकार आदि हो सकता है।
  2. विदलन-खनिजों में विदलन होना उसकी आन्तरिक व्यवस्था का परिणाम होता है। खनिजों का विदलन एक या कई दिशाओं में अथवा एक-दूसरे से कोण बनाकर भी टूट सकते हैं।
  3. विभंजन-अणुओं की कोई निश्चित सतह नहीं होती है। इनका विभाजन अनियमित रूप से होता है। 
  4. चमक-प्रत्येक खनिज अपनी अलग-अलग चमक रखता है; जैसे-मैटेलिक, रेशमी, ग्लॉसी आदि।
  5. रंग-खनिजों में रंगों का निर्धारण दो प्रकार से होता है-परमाणविक संरचना के आधार पर तथा अशुद्धियों के आधार पर, मैलाकाइट, एजूराइट तथा कैल्सोपाइराइट आदि का रंग परमाणविक संरचना द्वारा निश्चित होता है। क्वार्ट्ज का रंग हरा, लाल व पीला होना अशुद्धियों द्वारा निर्धारित होता है।
  6. धारियाँ-खनिजों में अलग-अलग रंगों की धारियाँ पाई जाती हैं; जैसे-फ्लोराइट का रंग बैंगनी या हरा होता है और उस पर श्वेत धारियाँ पायी जाती हैं।
  7. पारदर्शिता-खनिज पारदर्शी, पारभासी तथा अपारदर्शी होते हैं।
  8. संरचना-प्रत्येक खनिज की संरचना अलग-अलग प्रकार की होती है। इनकी संरचना क्रिस्टल की विशेष व्यवस्था द्वारा निर्धारित होती है।
  9. कठोरता-खनिज सामान्यतः कठोर होते हैं, किन्तु कुछ खनिज मुलायम भी होते हैं। कुछ प्रमुख कठोर खनिज टैल्क, जिप्सम, कैल्साइट, फ्लोराइट, हीरा, ऐपेटाइट, फेल्डस्पर, क्वार्ट्ज़, टोपाज़, कोरंडम आदि हैं।

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 2. 
अवसादी (परतदार) शैलों का संक्षिप्त वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए। 
उत्तर:
अवसादी शैलों का निर्माण अपक्षय की क्रियाओं द्वारा कमजोर हुई चट्टानों के मलवे के विभिन्न अपरदन कारकों द्वारा जमा करने से होता है इसीलिए इन्हें अवसादी शैलें कहते हैं, यह प्रक्रिया शिलीभवन कहलाती है। चूंकि अवसादों के जमाव में स्तरीकरण मिलता है और इनकी परतें बन जाती हैं अतः इन्हें परतदार शैलें भी कहा जाता है। अवसादी शैलों का वर्गीकरण निम्न दो आधारों पर किया गया है
1. निर्माण पद्धति के आधार पर वर्गीकरण-निर्माण प द्धति के आधार पर अवसादी शैलों को निम्न तीन वर्गों में बाँटा गया है
(i) यन्त्रीकृत अवसादी शैलें-अपरदन के विभिन्न कारकों बहता जल, हिम, पवन तथा समुद्री तरंगों द्वारा अपक्षय से ढीली हुई चट्टानों के मलवे को हटाकर दूसरे स्थानों पर प्रक्षेपित करने से जो चट्टानें बनती हैं उन्हें यन्त्रीकृत अवसादी शैलें कहा जाता है। मोटे कणों वाली कांग्लोमरेट तथा गोलाश्म शैलें यन्त्रीकृत अवसादी शैलें हैं।

(ii) जैविक तत्वों से निर्मित शैलें-जीव-जन्तुओं एवं वनस्पतियों के अवशेषों के उपयुक्त स्थानों पर जमा होने से जो चट्टानें बनती हैं, उन्हें जैविक तत्वों वाली चट्टानें कहा जाता है। इसके अन्तर्गत चूना प्रधान शैलों, कार्बन प्रधान शैलों (कोयला एवं पीट) तथा सिलिका प्रधान शैलों को सम्मिलित किया जाता है। इन्हें कार्बनिक रूप से निर्मित शैलें भी कहते हैं।

(iii) रासायनिक तत्वों से निर्मित चट्टानें-बहता हुआ जल मार्ग में आने वाली चट्टानों के खनिजों से रासायनिक क्रिया करके उन्हें घुला लेता है। यह घोल आगे चलकर उपयुक्त दशाओं में कहीं जमा हो जाता है। इन घोलों के जमाव से जो चट्टानें बनती हैं उन्हें इसके अन्तर्गत सम्मिलित किया जाता है। जिप्सम, चट्टानी नमक, लौह निक्षेप, पोटैशियम, डोलोमाइट, हेलाइट आदि इसी प्रकार की चट्टानें हैं।

2. निर्माण प्रक्रिया में भाग लेने वाले कारकों के आधार पर वर्गीकरण-इस आधार पर अवसादी शैलों को निम्न तीन भागों में बाँटा गया है

  1. जल द्वारा निर्मित अवसादी शैलें-इस प्रकार की शैलों का निर्माण जल द्वारा निक्षेपित पदार्थों के जमावों से होता है। इसलिए इन्हें जलज चट्टानें भी कहा जाता है। निक्षेपण प्रक्रिया के आधार पर इन्हें झील, नदी तथा समुद्री शैलों में
  2. वायु निर्मित अवसादी शैलें-इस प्रकार की शैलों का जमाव पवन द्वारा शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में अवसादों के जमाव से होता है। अवसादों के जमाव में श्रेणीकरण पाया जाता है। चीन में लोयस का विशाल मैदान इसी प्रकार का मैदान है।
  3. हिमानी निर्मित अवसादी शैलें-इस प्रकार की शैलें उच्च पर्वतीय क्षेत्र में हिमनद द्वारा निक्षेपण से बनती हैं।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए इस अध्याय से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. 
सूची-I को सूची-II से सुमेलित करें तथा दिये गए कूट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करें

सूची I (महाकल्प)

सूची II (युग)

A. लिमोनाइट

1. चाँदी

B. स्टेफेनाइट

2. अभ्रक

C. मस्कोवाइट

3. लौह-अयस्क

D. लिग्नाइट

4. कोयला


कूट-

 

A

B

C

D

(क)

3

2

1

4

(ख)

3

1

2

4

(ग)

2

3

1

4

(घ)

1

2

3

4


उत्तर:
(क) 3,2,1,4

प्रश्न 2. 
चूक्विकामाटा सबसे बड़ी खान है?
(क) लौह अयस्क की 
(ख) ताँबे की
(ग) जस्ते की 
(घ) सोने की।
उत्तर:
(ख) ताँबे की

प्रश्न 3. 
निम्नांकित मे से कौन-सा एकल संसाधन है?
(क) क्रायोलाइट 
(ख) यूरेनियम 
(ग) मृदा
(घ) ऑक्सीजन। 
उत्तर:
(क) क्रायोलाइट 

प्रश्न 4. 
वह शैल जिसके माध्यम से ऊपरी सतह से पानी निचली सतह की ओर आसानी से गुजरता है, उसे कहते हैं
(क) पारगम्य शैल 
(ख) सरंध्र शैल 
(ग) संस्तरित शैल 
(घ) संरचनात्मक शैल। 
उत्तर:
(ख) सरंध्र शैल 

प्रश्न 5. 
निम्नलिखित में से कौन-सा बहिर्वेधी आग्नेय शैलों का उदाहरण है?
(क) डाइक
(ख) ग्रेबो
(ग) डोलेराइट
(घ) क्वार्ट्साइट। 
उत्तर:
(ख) ग्रेबो

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 6.
बिहार में सासाराम से लेकर राजस्थान में चित्तौड़गढ़ तक फैली लगभग क्रमिक पट्टी जिस शैल समूह की है, वह है
(क) कुडुप्पा
(ख) धारवाड़ 
(ग) गौंडवाना 
(घ) विन्ध्यन। 
उत्तर:
(घ) विन्ध्यन। 

प्रश्न 7. 
निम्न में से कौन-सी रूपान्तरित चट्टान नहीं है?
(क) संगमरमर
(ख) ग्रेनाइट
(ग) क्वार्ट्साइट 
(घ) शिस्ट।
उत्तर:
(ख) ग्रेनाइट

प्रश्न 8.
अधोलिखित कौन-सी चट्टान में जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं?
(क) कॉग्लोमरेट 
(ख) ग्रेनाइट 
(ग) शैल
(घ) बलुआ। 
उत्तर:
(ख) ग्रेनाइट 

प्रश्न 9. 
संगमरमर किस शैल का कायान्तरित रूप है ?
(क) चूना पत्थर
(ख) बलुआ पत्थर 
(ग) ग्रेनाइट
(घ) बेसाल्ट। 
उत्तर:
(क) चूना पत्थर

प्रश्न 10. 
सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए

सूची I(मूल शैल)

सूची II (कायान्तरित शैल)

A. गैब्रो

1. ऐम्फिबोलाइट

B. बेसाल्ट

2. एपिडाइओराइट

C. सैंड स्टोन

3. स्लेट

D. शैल

4. क्वार्ट्जाइट

 

कूट-

 

A

B

C

D

(क)

3

4

1

2

(ख)

3

1

4

2

(ग)

2

4

1

3

(घ)

2

2

4

3

उत्तर:
(घ) 2,2,4,3

प्रश्न 11. 
अम्लीय आग्नेय चट्टानों का उत्तम उदाहरण है
(क) गैब्रो
(ख) ग्रेनाइट
(ग) डोलेराइट 
(घ) बेसाल्ट। 
उत्तर:
(ख) ग्रेनाइट

प्रश्न 12. 
जब लावा भू-पर्पटी के अन्दर मध्यवर्ती भागों में गुम्बदाकार आकृति में जमता है तो बनता है
(क) बैथोलिथ 
(ख) लैकोलिथ 
(ग) फैकोलिथ 
(घ) डाईक। 
उत्तर:
(क) बैथोलिथ 

प्रश्न 13. 
डायोराइट किसका उदाहरण है?
(क) रासायनिकतः निर्मित अवसादी शैल
(ख) बहिर्वेधी आग्नेय शैल 
(ग) वितलीय आग्नेय शैल
(घ) कायान्तरित शैल। 
उत्तर:
(ग) वितलीय आग्नेय शैल

प्रश्न 14. 
अपनतिक वलन के नीचे या अभिनति के आधार में लेन्स आकार का आग्नेय अन्तर्वेधन क्या कहलाता है?
(क) लैपोलिथ
(ख) लैकोलिथ 
(ग) फैकोलिथ 
(घ) बैथोलिथ।।
उत्तर:
(ग) फैकोलिथ 

प्रश्न 15. 
सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनिए

सूची I

सूची II

A. बेसाल्ट

नीस

B. ग्रेनाइट

क्वार्ट्जाइट

C. बलुआ पत्थर

शिस्ट

D. शैल

स्लेट

कूट-

 

A

B

C

D

(क)

2

1

4

3

(ख)

1

2

3

4

(ग)

3

1

2

4

(घ)

4

2

1

3

उत्तर:
(ग) 3,1,2,4

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प्रश्न 16. 
जो शैल शेष अन्य से भिन्न है, वह है
(क) क्वार्ट्साइट
(ख) ग्रेनाइट 
(ग) नीस
(घ) संगमरमर। 
उत्तर:
(ख) ग्रेनाइट 

प्रश्न 17. 
निम्नलिखित में से कौन-सी रूपान्तरित चट्टान है ?
(क) नीस
(ग) ग्रेनाइट
(ग) कोयला 
(घ) चूने का पत्थर। 
उत्तर:
(क) नीस

Prasanna
Last Updated on Aug. 12, 2022, 11:17 a.m.
Published Aug. 10, 2022