RBSE Class 11 English The Guide Translation in Hindi Part 1

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English The Guide Translation in Hindi Part 1 Questions and Answers.

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RBSE Class 11 English Solutions The Guide Translation in Hindi Part 1

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद 

(1) Raju welcomed the intrusion .................. coins of his jail life. (Pages 13-14)

कठिन शब्दार्थ-intrusion (इन्'ट्रशन) = अनाधिकार प्रवेश। relieve (रि'लीव) = राहत पहुँचाना, लाना। gazing (गेजिंग) = टकटकी लगाकर देखना। reverentially (रे'वरे'नशली) = श्रद्धापूर्वक। amused (अ'म्यूज्ड) = मजेदार या विचित्र स्थिति लगी। embarrassed (इम्बैरसट) = व्याकुल, लज्जित। spell (स्पेल) = जादू। nod (नॉड) = सहमति जताने के लिए सिर हिलाना। came up (केम अप्) = उठा, चर्चा छिड़ना। wiping (वाइपिंग) = पोंछते हुए। checkered (चेकअड) = चार खाने का कपड़ा। cross-legged (क्रॉस् लेग्ड्) = पालथी मारे हुए।

shrine (श्राइन) = पूजास्थल। canopying (कैनपिंग) = छत्र की तरह छाई हुई। course (कॉर्स) = मार्ग। rustled (रस्ल्ड ) = सरसराहट उत्पन्न की। trembled (ट्रेम्ब्ल्ड ) = भय या कमजोरी से काँप गया। agitation (ऐजिटेशन) = आन्दोलन। settling down (सेटिलंग डाउन) = आरामदायक स्थिति में बैठना या लेटना। upstream (अप्स्ट्रीम) = जलधारा की प्रतिकूल दिशा में। dreading (ड्रेडइंग) = डरते हुए। lest (लेस्ट्) = ऐसा न हो कि कहीं। waved (वेव्ड्) = हवा में लहराया। indicating ('इन्डिकेटिंग) = संकेत देते हुए।

steep (स्टीप्) = चढ़ाई, जीना आदि खड़ा (ढलुआँ नहीं)। volunteered (वॉलन् 'टिअर्ड) = स्वयंसेवक के रूप में आगे आये, सेवाएँ समर्पित की। sensible ('सेन्सब्ल्) = समझदार, विवेकी। chatter (चैटर्) = जल्दी में बेवकूफी की बातें करना, बकवास करना। after thought (ऑफ्टर् थॉट) = अनुबोध, घटना के बाद दिमाग में उठा विचार। considered (कन'सिडर्ड) = किसी के बारे में ध्यान रखा, सोचा। rambling (रैब्लिंग) = (बातचीत) बहकी-बहकी, प्रायः विषयान्तर के साथ। resumed (रिज्यूम्ड) = (कुछ रुकने के बाद) पुनः कार्य जारी किया, दोबारा किया। intense (इन् 'टेन्स) = (गुण) तीव्र, उग्र, गम्भीर। stroked (स्ट्रोक्ट) = थपथपाया। apostolic (ऐपॅस्टॉलिक) = धार्मिक विचारों से भरी हुई, सन्त वाली।

हिन्दी अनुवाद-राजू ने उस स्थान के अकेलेपन को राहत पहुँचाने के लिए अनाधिकार प्रवेश का स्वागत किया। वह आदमी टकटकी लगाकर चेहरे पर श्रद्धाभाव से खड़ा देख रहा था। राजू ने उस मजेदार स्थिति में अपने आपको लज्जित महसूस किया। राजू ने चुप्पी के जादू को तोड़ते हुए कहा, "यदि तुम चाहो तो बैठ जाओ।" दूसरे ने कृतज्ञता से सहमति से सिर हिलाते हुए सुझाव को स्वीकृत किया और नदी की सीढ़ियों पर अपने पाँव और मुँह को धोने के लिए नीचे उतर गया, अपने कंधे पर पड़े चारखाने वाले तौलिये के सूखे सिरे से पौंछते हुए ऊपर की ओर उठा और ग्रेनाइट पत्थर की पटिया जिस पर राजू पालथी मारकर बैठा था, मानो कि वह किसी प्राचीन समाधि के पास किसी सिंहासन पर बैठा हुआ हो, उससे दो सीढ़ियाँ नीचे बैठ गया। पेड़ों की शाखाओं ने छत्र की तरह से नदी के रास्ते को ढका हुआ था, पक्षी और बन्दर रात्रि विश्राम हेतु अपने आपको आरामदायक स्थिति में ला रहे थे, उनकी सरसराहट और कम्पन से हलचल मच रही थी

और नदी अपनी दिशा तय कर रही थी। पहाड़ियों के उस पार जलधारा की प्रतिकूल दिशा में सूर्य अस्त हो रहा था। राजू ने कुछ कहने के लिए दूसरे का इन्तजार किया। परन्तु वह इतना विनम्र था कि वह बातचीत प्रारम्भ नहीं कर पा रहा था। राजू ने पूछा, "आप कहाँ के निवासी हैं?" उस भावी भय से डरते हुए कि कहीं ऐसा न हो जाए कि दूसरा भी वही सवाल पूछ ले। उस आदमी ने कहा कि, "मैं मंगल....से हूँ।" "मंगल कहाँ है?" दूसरे ने अपनी भुजा हवा में लहराते हुए नदी के पार दिशा दिखाते हुए खड़े नदी के किनारे को दिखाया। उसने कहा, "यहाँ से ज्यादा दूर नहीं है।" उस आदमी ने स्वयं ही स्वेच्छा से अपने बारे में आगे बताया। "मेरी बेटी पास में ही रहती है, मैं उससे मिलने गया था; अब मैं अपने घर के रास्ते पर जा रहा हूँ।

मैंने वहाँ से भोजन के उपरान्त प्रस्थान किया था। उसने जोर देकर कहा था कि मुझे रात्रिभोज तक रुकना चाहिए था, परन्तु मैंने मना कर दिया था। उसका अर्थ यह होता कि मैं तकरीबन मध्यरात्रि तक पैदल चलते हुए घर पर पहुँचता। मैं किसी से डरता नहीं हूँ परन्तु जब हमें सोना है तब हम पैदल क्यों चलें।" राजू ने कहा, "आप बहुत समझदार हैं।"

उन्होंने एक क्षण के लिए बन्दरों की किटकिटाहट सुनी और उस आदमी ने अपने मन में उठे हुए दूसरे विचार के साथ और जोडा । "मेरी बेटी की शादी मेरी सगी बहिन के बेटे के साथ हुई है अतः इसमें कोई समस्या नहीं है। मैं प्रायः अपनी बहिन और अपनी बेटी से भी मिलने जाता रहता हूँ और इससे कोई भी इस बात पर ध्यान नहीं देता है।" "क्यों कोई किसी भी परिस्थिति में इस बात पर ध्यान देगा यदि आप अपनी बेटी से मिलने जा रहे "यह एक उचित बात नहीं मानी जाती है जब आप अपने जामाता के घर बहुत बार जाते हैं", उस ग्रामीण ने विस्तार से व्याख्या की।। 

राजू इस विषयान्तर के साथ की जा रही बात को पसन्द करने लगा। वह एक दिन से भी अधिक समय से इस स्थान पर अकेला रहा था। यह उसके लिए अच्छा था कि वह किसी मनुष्य की आवाज पुनः सुन रहा था। इसके पश्चात् गम्भीर, गहन सम्मान के साथ वह ग्रामीण उसके चेहरे का पुनः अध्ययन करने लगा। और राजू ने अपनी ठोड़ी को यह जाँचने के लिए थपथपाया कि कहीं अचानक कोई सन्त, धर्माधिकारी जैसी दाढ़ी वहाँ नहीं उग आई है। यह अभी भी चिकनी थी। उसने केवल दो दिन पहले ही अपनी दाढ़ी बनवाई थी और उसने उसके लिए कड़ी मेहनत से अपने जेल के जीवन में कमाये पैसे चुकाये थे। 

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(2) Loquacious as usual................ for murder only half proved. (Pages 14-15)

कठिन शब्दार्थ-loquacious (लो'क्वेशंस) = वाचाल, बकवादी, गप्पी । scraping (स्क्रेपिंग) = रगड़ या घिसकर बराबर करना, चिकना करना। rolled (रोलड्) = घूमना, घुमाना। obstinately ('ऑब्स्टिनट्ली) = जिद्दी, दुराग्रही, जो आसानी से काबू में न आ सके। raises (रेज्ज) = उठाता है। jealousies ('जेलसिस) = ईर्ष्याएँ। inmates ('इनमेट) = जेल के बन्दी, साथ रहने वाले।

compete (कम्'पीट) = स्पर्धा में भाग लेना। snapped (स्नॅपट्) = तीखे स्वर में बोला। sullen ('सलन्) = चिड़चिड़ा, उदास एवं घुन्ना। forbidding (फ़र 'बिडिंग) = कठोर, धमकाने वाला। cowed (काउड) = डराया-धमकाया हुआ। hardened (हार्ड्सन्ड) = कठोर बना दिया। admiration (ऐड्म रेशन) = आह्लाद, संतृप्ति और आदर की भावना, श्लाघा । temper (टेम्पर्) = मनोदशा, मिजाज, जल्दी क्रोधित होने की प्रवृत्ति। bent (बेन्ट्) = झुका, टेढ़ा किया। sort (सॉर्ट्स) = समान प्रकार के व्यक्तियों/वस्तुओं का समूह, वर्ग।

हिन्दी अनुवाद-रोजमर्रा की भाँति वाचाल और अपनी तेज ब्लेड से साबुन को घिसते हुए, चिकना बनाते हुए, हज्जाम ने पूछा था, "मैं अनुमान लगा सकता हूँ कि आप बाहर आ रहे हो?" राजू ने अपनी आँखों को घुमाया और चुप रहा। इस प्रश्न पर उसे चिढ़ना सा महसूस हो रहा था, परन्तु वह इस चिढ़न को दिखाना नहीं चाहता था अपने उस साथी को जिसके हाथ में चाकू था। जिद्दी नाई ने पुनः दोहराया, "क्या अभी अभी बाहर आ रहे हो?"

राजू ने महसूस किया कि इस प्रकार के आदमी से गुस्से होने का कोई उपयोग नहीं है। यहाँ वह अपने अनुभव की उपस्थिति के साथ था। उसने पूछा, "तुम कैसे जानते हो?"
"मैंने लोगों की यहाँ दाढ़ी बनाते हुए बीस साल बिताये हैं। क्या तुमने यह ध्यानपूर्वक नहीं देखा कि जैसे ही आप जेल के दरवाजे को छोड़कर आगे बढ़े यही सबसे पहली दुकान थी? आप अपना कारोबार सही जगह रखते हैं यही आधी चालाकी है। परन्तु यह दूसरे लोगों को ईर्ष्यालु बना देती है।" उसने ईर्ष्यालु नाइयों के एक झुण्ड को अलग हटाते हुए यह कहा।

"क्या तुम जेल में रहने वाले लोगों की सेवा नहीं करते हो?"
"नहीं जब तक वे बाहर नहीं आ जाते हैं उनकी सेवा नहीं करता हूँ। मेरे भाई का पुत्र है जो वहाँ पर उनकी सेवा करता है। मैं उसके साथ स्पर्धा नहीं करना चाहता हूँ और मैं जेल के दरवाजे में रोजाना प्रवेश करना नहीं चाहता हूँ।"

राजू ने साबुन लगे चेहरे से कहा, "इतनी बुरी जगह भी नहीं है।" हज्जाम ने कहा, "तब वापस चले जाओ" और पूछा, "क्या कारण था तुम्हारे जेल जाने का।" ,
"पुलिस ने क्या कहा था?"  "इसके बारे में बात मत करो" राजू तीखे स्वर में बोला और उसने चिड़चिड़ा, उदास रहने का प्रयास किया जिससे कि बाकी की दाढ़ी को बनाते समय वह चुपचाप रहे। परन्तु उस हज्जाम को इतनी सरलता से नहीं डराया-धमकाया जा सकता था। मजबूत लोगों से उसका जीवनपर्यन्त सम्पर्क रहने से वह कठोर और भावनाशून्य हो गया था। उसने कहा, "अठारह या चौबीस महीने? मैं यह शर्त लगा सकता हूँ कि इनमें से ही कोई एक या दूसरा है।"

राजू उस आदमी के लिए आदर की भावना महसूस करने लगा। उसे महारत हासिल थी। जल्दी ही क्रोधित होने का कोई उपयोग नहीं था। "आप बहुत ही ज्ञानवान और बुद्धिमान हो। आप प्रश्न क्यों पूछते हैं?" नाई इस प्रशंसा से खुश था। उसकी अँगुलियाँ कार्य करते हुए रुकीं। वह राजू के सामने आने के लिए थोड़ा झुका और कहा, "केवल तुमसे छिपी हुई बातों को बाहर निकलवाने के लिए, और कुछ नहीं। यह तुम्हारे चेहरे पर लिखा है कि तुम उन लोगों में से हो जो दो साल के लिए जेल जाते हैं, जिसका तात्पर्य यह है कि तुम एक हत्यारे नहीं हो।"
"तुम किस प्रकार से यह कह सकते हो?" राजू ने कहा।
"यदि तुम सात साल जेल में रहते तो तुम अलग से दिखाई देते, जो उसे सजा दी जाती है जब हत्या के जुर्म में केवल आधा साबित हो।"

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(3) "What else have I not ........... without worries in life.” (Pages 15-16)

कठिन शब्दार्थ-else (एल्स्) = (अन्य और आदि शब्दों के बाद प्रयुक्त) के अतिरिक्त, इसके साथ, अन्य । manner ('मैनर्) = कार्य किये जाने का ढंग, रीति। abducted (ऐब'डक्टिड) = जबरदस्ती भगाया, अपहरण किया। pick out (पिक आउट) = औरों से विशेष रूप से चुनना। trash (ट्रैश) = रद्दी, बेकार। howl (हाउल्) = दर्द, क्रोध आदि से चीखना। slightly (स्लाइट्लि) = थोड़ा सा। awakened (अ'वेकन्ड) = जगाया, सचेत किया, जागरूक हुआ। prowler (प्राउल्र्) = विचरण करता हुआ व्यक्ति या पशु। insinuation (इन्सिन्यु 'एशन) = परोक्ष रूप से दोषारोपण करना, परोक्ष दोष । surveying (सर्वेइंग) = किसी को पूर्ण रूप से ध्यानपूर्वक देखना, विशेषतः कुछ दूरी से। devotion (डिवोशन) = निष्ठा एवं स्नेह । 

irked (अॅक्ड) = क्षुब्ध किया। brusquely (ब्रुस्कलि) = अशिष्ट या रूखे व्यवहार से दो बातें करते हुए। blurt out (ब्लर्ट आउट) = बिना सोचे-समझे बोल उठना (किसी रहस्य को) बिना सोचे अचानक प्रकट कर देना। wondering (वन्डरिंग) = आश्चर्य का अनुभव करते हुए। hurting (हटिंग) = चोट पहुँचाना, दर्द पैदा करना। sentiment ('सेन्टिमन्ट) = भावुकता, दया, प्यार आदि के नाजुक भाव। whispered ("विस्पर्ड) = फुसफुसाया। fumble (फ़म्ब्ल ) = टटोलना, गड़बड़ाना । affording (अ फॉर्डिंग) = खर्च कर सकना, पर्याप्त धन या समय निकाल सकना। asserting (अ सर्टिंग) = दावे के साथ कहना, निश्चयपूर्वक/बलपूर्वक कहना। recommended (रेक मेन्डिड) = सिफारिश करना। worth while (वर्थ वाइल) = लाभकर, सार्थक। involved (इन्'वाल्व्ड) = कुछ भाग के रूप में शामिल किया।

हिन्दी अनुवाद-"मैंने और क्या नहीं किया है?" राजू ने पूछा।
"तुमने किसी और बड़े तरीके से धोखा नहीं दिया है, परन्तु शायद केवल किसी छोटे, तुच्छ कार्य किये जाने के ढंग से किया है।"
"बताते रहो, और आगे क्या?" "तुमने किसी को भगाया या बलात्कार नहीं किया है, या किसी घर को आग नहीं लगाई है।"
"तुम बिल्कुल पूरी तरीके से क्यों नहीं कहते हो कि मुझे दो साल तक जेल क्यों भेजा गया था? मैं तुम्हें एक अटकल के चार आने दूंगा।" ।
"अभी मेरे पास किसी खेल के लिए समय नहीं है।" हज्जाम ने कहा और उसने अपनी बातचीत जारी रखी।

"अब तुम आगे क्या करोगे?"
"मैं नहीं जानता हूँ। मैं अनुमान लगाकर कहता हूँ कि मुझे अवश्य ही कहीं और जाना पड़ेगा।" राजू ने अच्छी तरह विचार करके कहा।
"इस स्थिति में तुम अपने पुराने साथियों में वापस जाना चाहोगे, तुम क्यों नहीं अपना हाथ बाजार में किसी की जेब में डाल दो, या किसी के खुले द्वार में चले जाओ और कुछ बेकार को चुनकर ले आओ और लोगों को पुलिस के लिए चीखने दो? वे तुम्हें वहाँ पहुँचा देंगे जहाँ तुम जाना चाहते हो।"

"वह कोई बुरा स्थान नहीं है" राजू ने थोड़ा सा जेल की दीवार की दिशा में सिर हिलाते हुए दोहराया। "वहाँ भी मैत्रीभाव वाले लोग हैं-परन्तु मुझे प्रतिदिन सुबह पाँच बजे जगाये जाने से घृणा है।"
"यह वह समय है जब रात्रि में विचरण करने वाला व्यक्ति या पशु घर जाकर बिस्तर में आराम करना चाहता है, मैं यह अनुमान से कहता हूँ।" हज्जाम ने परोक्ष रूप से दोषारोपण करते हुए कहा, "चलो, अब काम खत्म हुआ, तुम अब उठ सकते हो" उसने अपना उस्तरा रखते हुए कहा। "अब तुम एक महाराजा की तरह लगते हो"-राजू को उसने कुर्सी से कुछ दूरी से ध्यानपूर्वक देखते हुए कहा।

ग्रामीण जो नीचे की सीढ़ी पर बैठा था, उसने निष्ठा और स्नेह से उसके चेहरे की ओर देखा, जिससे राजू क्षुब्ध हुआ। उसने अशिष्टता से बात करते हुए कहा, "तुम मेरी ओर इस प्रकार से क्यों देखते हो?"
उस व्यक्ति ने जवाब दिया, "मैं नहीं जानता हूँ। मेरा तात्पर्य आपको नाराज करने का नहीं है, श्रीमान्।" राजू अपना रहस्य बिना सोचे-समझे कहना चाहता था, "मैं यहाँ इसलिए हूँ क्योंकि मेरे पास जाने के लिए अन्य और कोई जगह नहीं है। मैं उन लोगों से दूर रहना चाहता हूँ जो मुझे पहचान सकते हैं।" परन्तु वह हिचकिचाया, उसे आश्चर्य हो रहा था कि वह किस प्रकार से इसे कहे । इस प्रकार का लग रहा था मानो कि वह किसी दूसरे की गहरी नाजुकता, प्यार के भाव को चोट पहुँचायेगा यदि वह इतना अधिक 'जेल' शब्द को फुसफुसाता है। उसने कम से कम यह कहने का प्रयास किया, "तुम जितनी कल्पना कर रहे हो मैं उतना महान नहीं हूँ। मैं केवल साधारण आदमी हूँ।" इससे पहले कि वह शब्दों तक पहुँचकर बड़बड़ाता, दूसरे ने कहा, "श्रीमान मेरी एक समस्या है।"

"मुझे इसके बारे में बताओ" राजू ने कहा, निर्देशन देने की पुरानी, पुरानी आदत जिसमें वह दूसरों को दावे के साथ कहता था स्वयं बाहर आ गई। सैलानी जो आपस में एक-दूसरे को किसी समय सिफारिश करके कहते थे, "यदि तुम्हें राजू के द्वारा भ्रमण कराया जाता है तो तुम सौभाग्यशाली होओगे, तुम सब कुछ जान पाओगे। वह न केवल तुमको सार्थक स्थानों का भ्रमण करायेगा बल्कि हर प्रकार से तुम्हारी सहायता भी करेगा।" यह उसके स्वभाव में था कि वह दूसरे लोगों के कार्यों और रुचियों में शामिल हो जाता था। राजू प्रायः सोचता था, "इसके अलावा, मैं अन्य हजारों सामान्य व्यक्तियों की भाँति बड़ा होता, अपने जीवन में बिना किसी चिन्ता के।"

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(4) "My troubles would ............ looked for all his life. (Pages 16-17)

कठिन शब्दार्थ-course (कॉर्स) = दौरान में, उक्त अवधि में। narrating (न रैटिंग) = किसी घटना/कथा का वर्णन करना। chose; (pt of chose) (चोज्) = दो विकल्पों के बीच में एक का चयन किया। wore (वॉर्) = पहनी। skirt (स्कर्ट्स) = स्कर्ट, घाघरा । cropped (pp-crop) (क्रॉप) = काटकर बहुत छोटे कर दिये। orthodox (आर्थडॉकस्) = रूढ़िवादी। hue (ह्यू) = रंग। lace (लेस) = डोरी। curly (कर्लि) = धुंघराले। braided (ब्रेडिड) = सजावटी फीता लगाया। fostered ('फॉस्टर्ड) = बनाये रखा।

flattering (फ्लैटरिंग) = चापलूसी से भरे हुए। Sentiments (सेन्टिमन्टस्) = मनोवृत्तियाँ । whenever (वेन् एवर) = जब भी कभी । snatch (स्नैच) = जबरदस्ती निकालना। grotesque (ग्रोटेस्क्) = विकृत। creature (क्रीचर्) = प्राणी। undertake (अन्डर्टेक) = निर्णय लेकर आरम्भ करना। expedition (एकसप डिश्न्) = अभियान। helmet ( 'हेल्मिट) = कड़ा टोप। perpetually (पर्'पेचुअल्)ि = स्थायी रूप से। stretched (स्ट्रेचड) = तनाव, खींची हुई। appearance (अपिअरन्स्) = बाहरी रूप। space (स्पेस्) = अन्तरिक्ष । associate (असोशिएट्) = जोड़ना। preferred (प्रि'फ़र्ड) = (तुलना में) अधिक पसन्द किया। passionately (पैशनटिल) = उत्कटतापूर्वक। looked for (लुकटफॉ(र)) = तलाश किया।

हिन्दी अनुवाद-मेरी समस्याएँ प्रारम्भ नहीं होती परन्तु केवल रोजी के लिए (राजू ने अपने जीवन की कहानी कहने के लिए कहा, इस आदमी को जिसे बाद की स्थिति में वेलान कहा गया था)। वह अपने आपको रोजी कहकर क्यों पुकारती थी? वह किसी विदेशी सरजमीं से नहीं आई थी। वह केवल भारतीय थी जो कि हमारे देश में पुकारे जाने वाले हजारों नामों में से किसी एक देवी, मीना, ललिता या किसी अन्य नाम से अच्छा कर सकती है। उसने अपने आपको रोजी कहलाना पसन्द किया था। यह नाम सुनकर यह कल्पना मत कर लेना कि उसने कोई स्कर्ट पहना था या अपने बालों को बहुत छोटा काट रखा था। 

वह रूढ़िवादी नृत्यांगना की भाँति दिखाई देती थी जो कि वह थी। वह चटख रंगों की साड़ी और सोने की डोरी पहनती थी, उसके धुंघराले बाल थे जिनको वह वेणी में बाँधती थी और फूलों से सजाती थी, डायमण्ड के कान के कुण्डल और सोने का भारी हार पहनती थी। मैंने उसे प्रथम अवसर पर कहा था कि वह एक गजब की नृत्यांगना थी और वह अपनी संस्कृति की उन्नति में प्रोत्साहन देती थी, और वह इन सबसे बहुत प्रसन्न हुई थी।

हजारों लोगों ने अवश्य ही उसे यह सब इसी प्रकार से कहा होगा, परन्तु मैं उस पंक्ति में सर्वप्रथम था। हर कोई खुशामदी से भरी हुई भावुकतापूर्ण चर्चाएं सुनना पसन्द करता है, और वह दूसरों से और अधिक सुनना चाहता है, मैं कल्पना करता हूँ कि नर्तकियाँ विशेषतः ऐसा पसन्द करती हैं। वे दिन के प्रत्येक घण्टे में यह सुनना चाहती हैं कि वे अपने कदमों को बहुत ही सधे हुए अन्दाज़ में रखती हैं। मैं उसकी कला की प्रशंसा करता था जब-जब भी मैं अकेले में उसके साथ रहने के लिए जबरदस्ती समय निकालता था और उसके कान में फुसफुसाता था, जब वह अपने पति के सीमा क्षेत्र से दूर होती थी। आह, क्या अद्भुत आदमी है ! मैं इस प्रकार के विकृत प्राणी से अपने जीवन में नहीं मिला था। स्वयं को रोजी कहने के स्थान पर, वह और अधिक तार्किक रूप में उसे मार्को पोलो कह सकती थी।

वह उस व्यक्ति की भाँति वस्त्र धारण करता था जो कि किसी खोज यात्रा पर जाने का निर्णय लेकर आरम्भ कर चुका हो। वह अपने गहरे रंग के मोटे चश्मे के साथ, मोटी जैकेट और एक मोटा लोहे का टोप पहनता था जिसके ऊपर अनन्त हरा, चमकदार जिस पर पानी बेअसर हो हमेशा पहनता था जो उसे एक अन्तरिक्ष यात्री का स्वरूप प्रदान करती थी। मुझे, निःसन्देह, वास्तविक मार्को पोलो के दर्शन का पता नहीं है, परन्तु मैं इस व्यक्ति को पहली नजर में ही मार्को कहना चाहता था और तब से मैं उसे किसी अन्य नाम के साथ जोड़कर परेशान नहीं हुआ हूँ।

उस क्षण जब मैंने अपनी नजरें उस पर जमाईं, अपने रेल्वे स्टेशन पर उस यादगार दिवस पर, मैं जान गया था कि मेरे लिए यहाँ पर एक जीवनपर्यन्त का ग्राहक था। एक व्यक्ति जो कि किसी सैलानी की भाँति कपड़े पहनना पसन्द करता है उसे एक गाइड अपने सारे जीवन में उत्कटतापूर्वक तलाश करता रहता था। 

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(5) You may want to ask ............. and wake me up. (Pages 17-18)

कठिन शब्दार्थ-signaler (सिग्न्ल (र)) = संकेतक। porter (पॉर्ट) = कुली। fated (फेटिड्) = नियति में लिखा हुआ। tremendous (ट्र'मेन्डस्) = भीषण। clanging (क्लैंङ्इंग) = टकराने की ध्वनि। ensnared (इन्स्नेॲड्) = जाल में फँसा लेते थे। considered (कन्'सिडर्ड) = समझता था। enlightened (इन् 'लाइट्न्ड ) = प्रबुद्ध बनाती थी। grow up (ग्रू अप) = वयस्क हुआ। midst (मिड्स्ट्) = बीच में, के बीच। kneaded (नीडिड्) = गूंधता था। thatch (थैच) = छप्पर, फूस की छत। yielded (यील्ड्डि ) = उत्पादन होता था।

carved (काड्) = काटकर कलाकृति बनाई। dexterity (डेक्स्टे रटि) = निपुणता, दक्षता । dealwood (डीलवुड) = देवदारू की लकड़ी। planks (प्लै क) = तख्ते। gunny (गॅनइ) = टाट। sack (सैक) = बोरा। parched (पाच्ट्) = भुने हुए। gram (ग्रेम्) = चना । wayfarer (वेफेअरर्) = पदयात्री। peasants (पेन्ट्स् ) = किसान। wagon (वेगन) = गाड़ी। stuff (स्टफ्) = पदार्थ। stuffed (स्टफ्ड्) = ठूसकर भरा हुआ। complicated (कॉम्प्लिकेट्ड) = पेचीदा। concession (कन्सेशन्) = रियायत। swallowed (स्वैलोड्) = निगल जाता था। eccentric (इक्सेनट्रिक) = असामान्य, सनकी। cockerel (कॉकर्ल) = मुर्गा । day break (डे ब्रेक) = सूर्योदय । shattering (शैटरिंग) = चूर-चूर कर देने वाली।

हिन्दी अनुवाद-आप यह पूछ सकते हैं कि मैं कब और क्यों एक गाइड बना। मैं गाइड उसी कारण से बना जैसे कि कोई संकेतक (सिग्नल देने वाला), कुली या गार्ड बनता है। यह इसी प्रकार से मेरी नियति में है। रेल्वे के और मेरे सम्बन्धों पर आप हँसिये नहीं। रेल्वे मेरे जीवन में बहुत पहले ही मेरे रक्त में समा गया था। एंजिन अपने विशालकाय टनटनाहट की ध्वनि और धुआँ के साथ मेरी इन्द्रियों में फंसे हुए थे। मुझे रेल्वे प्लेटफॉर्म पर घर जैसा लगता था, और मैं रेल्वे स्टेशन मास्टर और कुली को अपना सबसे अच्छा साथी मानता था और उनकी रेल्वे की बातें मुझे और अधिक प्रबुद्ध बनाती थीं। 

मैं उनके बीच में ही वयस्क हुआ था। मालगुड़ी स्टेशन के बाहर उसके सामने हमारा एक छोटा सा मकान था। यह मकान मेरे पिताजी के द्वारा उनके स्वयं के हाथों से बना था, यह उस समय ही बन गया था जबकि ट्रेन के बारे में किसी ने सोचा ही नहीं था। उसने इस जगह का चयन इसलिए किया था क्योंकि यह कस्बे के बाहर था और वह इसे सस्ते में खरीद सकता था। उसने जमीन खोदी थी, कुएँ से पानी निकालकर मिट्टी को गूंथा था और दीवारें बनाई थीं और उन पर नारियल के छप्पर से छत बनाई थी। उन्होंने मकान के चारों ओर पपीता के पेड़ लगाये थे जिनसे उन्हें फल प्राप्त होते थे, जिनको वे काट लेते थे और उनकी फाँक काटकर बेचते थे। केवल एकमात्र फल हो उनको यदि वे इसे अपनी निपुणता से काटकर कलाकृति बनाते तो वह फल उनको आठ आने कमाकर देता था। 

मेरे पिताजी की एक छोटी सी दुकान थी जो देवदारू के तख्तों से और टाट के कपडे से बनी हई थी। वे सारा दिन वहाँ पर बैठे रहते थे और पिपरमेन्ट, फल, तम्बाकू, पान के पत्ते, भुने हुए चने (जिनको कि वे बाँस के एक छोटे बेलनाकार पिण्ड से नापते थे) बेचते थे। और वह सब कुछ भी बेचते थे जो कि ग्रांड ट्रंक रोड पर पैदल चलने वाला आदमी उनसे माँग करता था। इसे 'झोंपड़ी दुकान' के नाम से जाना जाता था। किसानों, खेतिहरों और बैलगाड़ी चलाने वाले चालकों की एक भीड़ हमेशा दुकान के सामने इकट्ठी रहती थी। वे वास्तव में बहुत व्यस्त आदमी थे। दोपहर में वे बुलाते थे जब वे अपना मध्याह्न भोजन खाने जाते थे और उस समय के लिए रोजाना कहे जाने वाला वाक्य कहते थे, "राजू मेरी सीट पर बैठ जाओ। जो भी कुछ तुम दो उसके पैसे अवश्य लेना। खाने की सामग्री को मत खाना। इसे बेचने के लिए रखा गया है, अगर तुम्हें कोई सन्देह हो तो मुझे बुला लेना।"

और मैं उनको निरन्तर पुकारता, "पिताजी, हरे पिपरमेन्ट, आधे आने में कितने आयेंगे?" उस समय ग्राहक बहुत ही धैर्य के साथ इन्तजार करता था। "तीन" वे घर से चिल्लाकर कहते थे, उनका मुँह भोजन से लूंसकर भरा होता था। "परन्तु यदि वह पौने आने में खरीद रहा है, तो उसे दो.......।" वह कुछ जटिलता से भरे हुए रियायत के बारे में कहते, जो मैं कभी भी काम में नहीं लेता था। मैं ग्राहक से प्रार्थना करता था, "मुझे केवल आधा आना दो" और मैं वापसी में उसे तीन पिपरमेन्ट दे देता था। यदि संयोग से मैं कभी हरी बोतल से चार हरे पिपरमेन्ट निकाल लेता था, तो जटिलता को न्यूनतम करने के लिए मैं चौथी गटक जाता था। पड़ोस में एक सनकी मुर्गा (पट्टा) सूर्योदय की घोषणा करता था जब शायद यह महसूस कर लेता था कि हम पर्याप्त देर तक सो चुके थे। यह चूर-चूर कर देने वाली चीख से पुकारता था जिससे मेरे पिताजी अपने बिस्तर से उछलते और मुझे उठा देते।

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(6) "I washed myself at the ......... flourished his twig menacingly. (Pages 18-19)

कठिन शब्दार्थ-smeared (स्मिअर्ड) = मलता। recited (रि'साइटिड) = गाता। sacred (सेक्रिड) = धार्मिक। verse (वर्स) = गीत। slipped away (स्लिप् अव्) = चले जाते। yard (याई) = प्रांगण । pail (पेल) = बाल्टी, डोल। even (ईवन्) = भी। invariably (इन् 'वेअरिअब्ल) = स्थायी रूप से। mysterious (मिस्टिअरिअस्) = रहस्यमय। sinister (सिनिस्टर्) = अमंगल, अनर्थकारी। tumbler (टम्ब्लर) = गिलास। can (केन) = टीन, डिब्बा। rusty (रस्टी) = जंग लगा हुआ। contained (कन् 'टेन्ड्) = रखी थी।

ledge (लेज) = टांड। twig (ट्विग्) = टहनी। notions (नोशन्) = विचार । indispensable (इन्डि'स्पेन्सबल) = अपरिहार्य | unbeaten (अन्बीटन) = बिना पिटा हुआ। brat (ब्रैट) = ढीठ बच्चा। proverb (प्रॉवर्ब) = कहावत। contour (कॉन्टुअर) = परिरेखा, रूपरेखा। bloated (ब्लोटिड्) = उभरे हुए। distorted (डिस्टॉड्)ि = विकृत। glared (ग्लैअड) = क्रोध से देखते। mess (मेस्) = लीपापोती। prosper (प्रॉस्पर्) = समृद्ध होना। damp (डैम्प) = नम। injunction (इन्जक्श न्) = आधिकारिक आदेश । Trace (ट्रेस) = निशानों पर चलना। flourished (फ्लरिश्ड्) = लहराते। menacingly (मेन्सङ्गलि) = धमकाते हुए।

हिन्दी अनुवाद-मैं दीवार के पास जाकर स्नान करता, अपने ललाट पर पवित्र राख को लगाता, देवताओं के चित्र जो फ्रेम में मँढे हए दीवार पर ऊँचे टँगे थे, उनके सम्मुख खड़ा होकर जोर-जोर से खनकती आवाज में सभी प्रकार के पवित्र गीतों/पद्यों को गाता । मेरे कार्य करने की योग्यता को थोड़ी देर देखने के पश्चात्, मेरे पिताजी पिछले अहाते में भैंस का दूध निकालने के लिए चले जाते। बाद में, दूध से भरी बाल्टी के साथ आते हुए, वे हमेशा टिप्पणी करते थे, "इस बार इस जानवर के साथ अवश्य ही वास्तव में कुछ गलत बात है। आज तो उसने पहले जैसी आधी मात्रा में भी दूध नहीं दिया है।"

मेरी माताजी अपने स्थायी जवाब में बोलती, "मैं जानती हूँ, मैं जानती हूँ। आजकल इसका दिमाग फिर गया है, और कुछ नहीं है। मैं जानता हूँ वह क्या जवाब देगी।" उसने रहस्यमय अमंगलकारी तरीके से बाल्टी लेकर रसोई में जाते हुए कहा। वह एक क्षण में ही वापस मेरे लिए एक गिलास गरम दूध का लेकर आ गई थी।

चीनी एक पुराने डिब्बे में रखी जाती थी, जो जंग लगा हुआ दिखाई देता था परन्तु उसमें श्रेष्ठ चीनी हुआ करती थी। इसे एक लकड़ी की पट्टी पर धुएँ से आच्छादित, धब्बे लगी हुई रसोई की दीवार पर रखा जाता था, जो मेरी पहुँच से बाहर था। मैं डरता था कि इस डिब्बे की स्थिति को जैसे-जैसे मैं बड़ा होता जाता था, बदला जाता था क्योंकि मुझे याद है मैं कभी भी उस जंग लगे डिब्बे तक नहीं पहुंच पाया था सिवाय मेरे से बड़ों के सहयोग के।

जब आकाश में बादल छंट जाते थे, मेरे पिताजी प्योल (चटाई) पर मेरे लिए तैयार रहते थे। वे वहाँ पर अपने एक तरफ एक पतली सी टूटी हुई टहनी लेकर बैठते थे। उस समय बाल मनोविज्ञान विचार अज्ञात थे, छड़ी एक शिक्षक का अनिवार्य उपकरण होती थी। "बिना पिटा हुआ बच्चा अशिक्षित रहेगा" मेरे पिताजी एक पुरानी कहावत को जोड़कर कहते थे। वे मुझे तमिल वर्णमाला सिखाते थे। वे एक बार में मेरी स्लेट के प्रत्येक तरफ पहले दो शब्द लिखते थे। मुझे उन अक्षरों की परिरेखा तक अनन्त रूप से अपनी पेन्सिल घुमानी होती थी जब तक कि वे फूले हुए और विकृत नहीं हो जाते थे और अपनी पहचान से परे नहीं होते थे।

समय-समय पर मेरे पिताजी मेरे हाथों से स्लेट छीन लेते थे, इसे देखते और आँखें तरेरकर क्रोधित दृष्टि से मेरी ओर देखते थे और कहते थे, "क्या गंदगी है। तुम अपने जीवन में कभी भी समृद्ध नहीं बनोगे यदि तुम इस पवित्र वर्णमाला के अक्षरों को बिगाड़ोगे।" तब वे अपने नम रूमाल से स्लेट को साफ करते थे, अक्षरों को फिर से लिखते थे और मुझे दे देते थे, इस आधिकारिक आदेश के साथ, "यदि तुम इसे बिगाड़ोगे तो तुम मुझे क्रोध से पागल कर दोगे। जैसा मैंने लिखा है, वैसे ही इसकी नकल क़रो। अपनी कोई भी चालाकी इन पर मत चलाओ" और वे धमकाते हुए अपनी छड़ी को लहराते थे।

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(7) I said meekly................. the Panorama of life enchanted me. (Pages 19-20)

कठिन शब्दार्थ-meekly (मीक्लि) = विनम्रता से। sticking (स्टिकिंग) = चिपक जाना/ चिपकाना। screwing (स्क्रूइंग) = मोड़कर । screeched (स्क्रीच्ड) = चीत्कारें निकलती थीं। drive through (ड्राइव श्रू) = कार्य करने के दौरान, कार्य करना। chirping (चपिंग) = चहचहाट। cursed (कर्स्ड) = कोसता था। confined (कन्'फाइन्ड्) = नियंत्रण में रखती थी। abrupt (अ'ब्रप्ट) = आकस्मिक। clay head (क्ले हेड) = मंदबुद्धि। interminable (इन'टर्मिनब्ल्) = अनन्तकाल। left off (ल्ट् ऑव) = मुक्त करना। tamarind (टैम्रिन्ड्) = इमली।

dense (डेन्स्) = घना। amidst (अमिड्स्ट) = के मध्य। bred (ब्रेड्) = प्रजनन करते थे। chattered (चैटर्ड्स) = किलकारी मारते थे। incessant (इन'सेसन्ट्) = निरन्तर। tender (टेन्ड्र) = कोमल। piglets (पिग्लट्स्) = सुअर के बच्चे । marbles (मार्बल्स्) = कंचे। hoop (हूप) = लोहे का चक्कर। took along (टूक् अ लाग्) = साथ लेकर जाते। clambered (क्लैम्ब) = चढ़ जाता था। jingled (जिङ्ग्ल ड) = खनखनाहट की आवाज होती थी। staves (स्टेव्ज्) = दण्ड, आधार, सहारा । hogs (हॉग्स्) = खस्सी सुअर । grated (ग्रेटिड) = घिसने की आवाज करते थे। Panorama (पैन'रामा) = निरन्तर बदलता हुआ परिदृश्य । enchanted (इन'चान्ट्ड्)ि = मंत्रमुग्ध कर दिया।

हिन्दी अनुवाद-मैंने विनम्रता से कहा, "हाँ, पिताजी" और पुनः लिखने लगा था। मैं बेहतरीन तरीके से अपना चित्रण कर सकता हूँ, अपनी जिव्हा को बाहर रोककर, चिपकाकर अपने दिमाग को एक तरफ मोड़कर, और अपने शरीर का पूरा वजन पेन्सल पर डालकर : स्लेट पर पेन्सल उत्तेजना के साथ चीखने लगी जैसे ही मैंने कार्य करने का प्रयास किया और मेरे पिताजी ने आदेश दिया, "अपनी इस डरावनी पेन्सल से इतना शोर मत करो। तुम्हें क्या हो गया है?"

इसके पश्चात् अंकगणित को पढ़ने का नम्बर आता था। दो और दो, चार; चार और तीन, कुछ अन्य। कुछ में कुछ, और अधिक, कुछ अधिक में कम। हे भगवान, इन संख्याओं से मुझे सिर दर्द होता था। मैं अपने भाग्य को कोसता था जिसने मुझे पिताजी की संगति में बन्द कर दिया था, जबकि उस समय पक्षी बाहर आकर चहचहाहट कर रहे थे और ठंडी हवा में उड़ान भर रहे थे। उसका मिजाज़ प्रतिक्षण बढ़ रहा था। मानो कि मेरी शान्त प्रार्थना के जवाब में झोंपडी दुकान पर एक जल्दी आए ग्राहक को ध्यान से देखा गया था और मेरे पाठ की अप्रत्याशित समाप्ति हो गई थी। मेरे पिताजी मुझे यह टिप्पणी करके चले गए कि, "मेरे पास सुबह करने के लिए और अच्छे काम हैं इस तुलना में कि एक मंदबुद्धि को बुद्धिमान बना दूं।"

यद्यपि यह पाठ मेरे लिए एक अनन्त हो गया था, मेरी माँ ने जिस क्षण मुझे देखा उन्होंने कहा, "अच्छा तो तुम्हें मुक्त कर दिया गया है; मुझे आश्चर्य होता है कि तुम आधा घण्टे में क्या सीख सकते हो।" मैंने उससे कहा, "मैं बाहर जाऊँगा और खेलूँगा और तुम्हें कोई परेशानी नहीं दूंगा परन्तु कृपया मैं आज और नहीं पढ़ पाऊँगा" और उसी के साथ मैं सड़क के उस पार इमली के पेड़ के पास दूर चला जाता था। यह एक प्राचीन, विस्तृत पेड़ था, पत्तियों से घना, जिसके बीच बन्दर और पक्षी रहते थे, पलते थे और निरन्तर दाँत किटकिटाते, खड़खड़ाते रहते थे, कोमल पत्तियों और फलों को खाकर अपना पेट भरते रहते थे। सुअर और सुअर के बच्चे कहीं से आए थे और गिरी हुई पत्तियों से घने हुए जमीन को अपने थूथन से खोदते थे और मैं वहाँ सारे दिन खेलता था। 

मैं सोचता हूँ कि मैंने सुअरों को किसी काल्पनिक खेल में शामिल कर लिया था, और मैं कल्पना करता था कि मैं उनकी पीठ पर बैठकर ले जाया जा रहा हूँ। मेरे पिताजी के ग्राहक मुझे नमस्कार कर अभिवादन करते थे जब वे उस रास्ते से गुजरते थे। मेरे पास कंचे थे और लोहे का एक गोल घेरा घुमाने के लिए था, और एक रबड़ की बॉल यह सब कुछ मेरी सम्पत्ति थी। मैं बड़ी मुश्किल से जानता था कि यह दिन का क्या समय था और मेरे चारों ओर, आसपास क्या घटित हो रहा था।

जब मेरे पिताजी सामान खरीदने जाते थे और कभी-कभी मुझे अपने साथ कस्बे में ले जाते थे। इस यात्रा के लिए वे कस्बे में जा रही बैल गाड़ी को रोक लेते थे। मैं चिन्तातुर होकर याचना भरी निगाहों से देखता था (मुझे यह सिखाया गया था कि साथ चलने के लिए मैं कभी नहीं कहूँगा) जब तक कि मेरे पिताजी नहीं कहते थे कि, "नन्हें, अन्दर चढ़ जाओ" मैं बड़ी कठिनाई से उसका वाक्य पूर्ण होने से पहले चढ़ जाता था। बैल के गले में बँधी घंटियाँ छनछनाहट के साथ बजती थीं, लकड़ी के पहिए किरकिराते थे और खराब सड़क पर पड़ी धूल को दूर करते थे; मैं साइड में लगे सहारे को पकड़ लेता था और अपनी हड्डियों में कम्पन महसूस करता था। मैं अभी भी गाड़ी में पड़े भूसे की गंध का मजा लेता और मेरे सामने से सारे दृश्य गुजरते थे। आदमी और जानवर, खस्सी सुअर और लड़के, जीवन का परिदृश्य मुझे मंत्रमुग्ध करता था।

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(8) At the market my father ................. to all problems. (Page 20-21)

कठिन शब्दार्थ-munching (मन्चिंग) = चबा-चबाकर खाते हुए। swearing (स्वेअरिंग) = गाली बकते हुए। drumming (ड्रमिंग) = गुंजते रहना। gazing (गेजिंग) = टकटकी लगाकर देखते हुए। haze (हेज) = हल्की सी धुंध, ऐसी मानसिक स्थिति जब स्पष्ट न सोचा जा सके। din (डिन्) = शोरगुल। lulled (लल्ड्) = निष्क्रिय कर देता था। glare (ग्लेअर्) = चकाचौंध करने वाला प्रकाश । drowsy (ड्राउजि) = अर्धनिद्रा में, ऊँघता हुआ, नींद लाने वाली। leaning (लीनिंग) = झुकते हुए। nodded (नॉड्डि) = गर्दन हिलाई।

access (ऐक्सेस्) = प्रयोग करने या किसी तक पहुँचने का अवसर या अधिकार। pontificality (पॉनटिफ़िकल्टिी ) = धर्माचार्य की तरह आडम्बरपन। ever since (एवर सिन्स) = जब से। utter (अटर्) = कहना। edged (एज्ड्) = आगे सरका। wailing (वेलिंग) = बिलख-बिलखकर रोना। clasping (क्लास्पिंग) = बाँहों में जकड़ना। bosom (बुज़म) = छाती। fetch (फेच्) = ले आओ। mustard (मस्टर्ड्स) = सरसों। conquer (कॉङ्कर्) = जीतना। clicked (क्लिक) = एकाएक समझ में आ गई। bury (बरि) = दफनाना । attain (अ'टेन) = प्राप्त करना।

हिन्दी अनुवाद-बाजार में मेरे पिताजी मुझे किसी जानकार दुकानदार की नजरों के सामने लकड़ी के बने एक प्लेटफॉर्म पर बैठा देते थे, और वह बाजार में खरीददारी करने वाले अपने काम में लग जाते थे। मेरी जेबें सूखे मेवे और मिठाई से भरी होती थीं, उनको चबाते हुए मैं बाजार की गतिविधियों को देखता रहता था-लोग खरीदते-बेचते, तर्क करते और हँसते, सौगंध खाते और जोर से चिल्लाते थे। जब मेरे पिताजी अपनी खरीददारी के अभियान पर होते थे, मुझे याद आता है, मेरे दिमाग में एक प्रश्न गूंजता रहा था, "पिताजी, आप स्वयं एक दुकानदार हैं।

आप दूसरी दुकानों में खरीदते हुए क्यों लगे रहते हैं?" मुझे कभी भी इसका जवाब नहीं मिला था। जैसे ही मैं बैठा हुआ दोपहर बाद हुई धुंध की सी स्थिति को देखता रहता था, तब बाजार का वह निरन्तर शोरगुल मेरी इन्द्रियों को शान्त कर देता था, चकाचौंध कर देने वाली वह अस्पष्ट सी स्थिति अचानक मुझे अर्धनिद्रा की ओर ले जाती थी और जहाँ मेरे पिताजी मुझे बैठाते, उस अज्ञात स्थान की दीवार की ओर झुकते हुए मैं सो जाता था।

"मेरी एक समस्या है, श्रीमान?" वह आदमी बोला। राजू ने अपना सिर हिलाया और कहा, "यह तो हर किसी के होती है।" अचानक धर्मध्यक्षीय स्थिति तक पहुँचते हुए वह बोला। जिस क्षण से यह आदमी आया था और उसके समक्ष बैठा था, वह उसके चेहरे को लगातार टकटकी लगाता हुआ देख रहा था, उसे महत्त्वपूर्ण होने की भावना का अनुभव हुआ था।

वह उस अभिनेता की भाँति महसूस करने लगा था जिससे हमेशा सही वाक्य बोलने की उम्मीद की जाती थी। अब स्वयं के उपयोग के लिए वाक्य था, "यदि तुम मुझे कोई व्यक्ति बता दो जिसे कोई समस्या नहीं है, तब मैं तुम्हें पूर्ण संसार दिखा सकता हूँ। क्या तुम जानते हो बुद्ध ने क्या कहा था?" दूसरा आदमी नजदीक सरका। "एक औरत एक बार रोती हुई बुद्ध के पास गई, उसने अपनी छाती से अपने मृत बच्चे को जकड़ रखा था। 

बुद्ध ने कहा, "इस शहर में प्रत्येक घर में जाओ और यह पता करो जहाँ कोई मृत्यु से अनजान है। यदि तुमको कोई ऐसा स्थान मिल जाता है, तो वहाँ से मेरे लिए एक मुट्ठी सरसों लेकर आ जाना, और तब मैं तुम्हें बताऊँगा कि मृत्यु को कैसे जीता जाएगा।" उस आदमी से गुण-दोष विवेचना में अपनी जीभ से खट की आवाज निकाली और कहा, "और श्रीमान, उस मृत बच्चे को क्या हुआ?" "नि:सन्देह, उसको उसे दफनाना पड़ा था।" राजू ने कहा, "यह तो होना ही था।" उसने सारांश निकालकर कहा, जब उसने इस तुलना से अपने संदेह को दिमाग में जोड़ते हुए कहा। "यदि तुम मुझे बिना समस्या के कोई घर दिखा दो, तो मैं तुम्हें सभी समस्याओं का सार्वभौमिक हल प्राप्त करने का रास्ता बता दूँगा।" 

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(9) The man was overwhelmed ................. trouble in life.” (Pages.21-22)

कठिन शब्दार्थ-overwhelmed (ओवल्म्ड् ) = अभिभूत हो गया। weightiness (वेटिन्स) = भारी-भरकम। performed obeisance (पफॉम्ड ओबेसन्स्) = झुककर प्रणाम किया। paused (पॉज्ड्) = रुका। gratitude (ग्रैट्यूिड्) = कृतज्ञता। absolutely ('ऐबस्लूटलि) = पूर्णतया। wonderstruck (वन्डस्ट्रक) = आश्चर्यचकित होना। even (ईव्न्) = भी। wedding (वेडिङ्ग) = विवाह समारोह । spotted (स्पॉड्)ि = चिह्नित किया। chariot (चैरिअट) = रथ। puppet ('पपिट) = कठपुतली ।

satisfaction (सैटिस्फैक्श्न् ) = संतुष्टि। sulks (सल्क्स् ) = रूठती है । possessed (प'जेस्ड्) = नियंत्रण में की हुई। philosophic ('फलॉसफिक्) = दार्शनिक, सत्य/ज्ञान की खोज का भाव। weariness (वेअरीन्स्) = थकान। unduly (अ'न्ड्यूलि) = अनुचित रूप से। grandly (गैड्लि ) = शानदार तरीके से। bowed (बाउड्) = झुककर अभिवादन किया। recoiled (रि'कॉइल्ड्) = पीछे हटना । entitled (इन'टाइट्ल्ड ) = योग्य। prostration (प्रॉसट्रेशन्) = दण्डवत की स्थिति। usurp (यू'ज) = हड़प लेना । stature (स्टैचर्) = प्रतिष्ठा । ruminated (रूमिनेटिड्) = गम्भीरता से विचार किया।

हिन्दी अनुवाद-वह आदमी इस वाक्य के भारी वजन से पूर्णतः पराजित हो गया था। उसने गहराई से आदर व्यक्त करते हुए प्रणाम किया और कहा, "श्रीमान, मैंने आपको अपना नाम नहीं बताया है। मैं वेलान हूँ। मेरे पिताजी ने अपने जीवनकाल में तीन बार शादियाँ की थीं। मैं उनकी पहली पत्नी का पहला पुत्र हूँ। उनकी अन्तिम पत्नी की सबसे छोटी लड़की भी हमारे साथ है। परिवार के मुखिया के रूप में, मैंने घर पर उसे हर प्रकार का आराम दिया है। जो कुछ एक लड़की को चाहिए वैसे ही उसे सभी गहने और कपड़े दिये हैं परन्तु"....।" वह थोड़ा सा रुका इससे पहले कि वह बहुत बड़ा आश्चर्य प्रकट करता। परन्तु राजू ने उसके लिए वाक्य पूर्ण कर दिया, "लड़की कोई कृतज्ञता नहीं दिखाती है।"

"पूर्णतया, श्रीमान!" उस आदमी ने कहा। "और उसकी शादी के लिए वह तुम्हारी कोई योजना भी नहीं स्वीकार करेगी।" "आह, बहुत ही सत्य है, श्रीमान", वेलान ने आश्चर्यचकित होकर कहा। "मेरे भतीजे का पुत्र एक बहुत ही अच्छा लड़का है। विवाह समारोह की तिथि भी नियत कर दी गई थी, परन्तु श्रीमान आप जानते हैं, उस लड़की ने क्या किया था?" राजू ने कहा, "सभी चीजों से दूर भाग गई थी" और पूछा, "तुम उसे वापस कैसे लाए?"

मैं तीन दिन और तीन रातों तक उसकी तलाश सुदूर गाँव के एक उत्सव की भीड़ में की थी। वे मन्दिर का रथ गली के चारों ओर खींच रहे थे और पचास गाँवों की भीड़ एक जगह इकट्ठा हो गयी थी। मैंने भीड़ में से हर चेहरे को गौर से देखा और अन्ततः उसे कठपुतली का एक शो देखते हुए पकड़ लिया। अब, क्या आप जान सकते हैं वह क्या करती है? राजू ने यह निश्चय किया कि दूसरों को स्वयं अपनी बात कहकर संतुष्ट होना चाहिए। और वेलान ने अपनी कहानी को इसके साथ समाप्त किया, "वह रूठकर सारा दिन एक कमरे में रहती है, मैं नहीं जानता कि क्या करूँ। यह सम्भव है कि वह किसी के अधिकार में है, यदि मैं यह जान पाता कि उसके साथ क्या करूँ, तो यह एक बहुत बड़ी सहायता होगी, श्रीमान।" राजू ने दार्शनिक भाव धारण करते हुए कहा, "इस प्रकार की बातें जीवन में सामान्य हैं, किसी को अनुचित रूप से किसी भी प्रकार से परेशान नहीं होना चाहिए।"

"श्रीमान, मैं उसके साथ क्या करूँ?" "उसे यहाँ लेकर आओ, मुझे उससे बात करने दो" राजू ने सर्वश्रेष्ठ तरीके से कहा। वेलान खड़ा हुआ, नीचे झुका, और उसने राजू के पैर को छूने का प्रयास किया। राजू इस प्रयास, पर पीछे हट गया। "मैं ऐसा करने के लिए किसी को अनुमति नहीं दूंगा, भगवान एकमात्र ही इस तरह की दण्डवत स्थिति के योग्य है। यदि हम उसके अधिकारों को हथियाने का प्रयास करेंगे तो वह हमें नष्ट कर देगा।" उसने महसूस किया कि वह एक संत प्रतिष्ठा को प्राप्त कर रहा है। वेलान विनम्रता के साथ सीढ़ियों से नीचे उतरा, नदी को पार किया, सामने वाले किनारे पर चढ़ गया, और शीघ्र ही नजरों से दूर चला गया। राजू चिन्तन करने लगा।"काश मैं यह पूछ लेता कि लड़की की क्या उम्र थी। उम्मीद करता हूँ कि वह शायद रुचि ही नहीं लेती हो। मेरे पास जीवन में पर्याप्त समस्याएँ रही हैं।" 

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(10) He sat there for a long..................you will accept them, sir. (Pages 22-23)

कठिन शब्दार्थ-rustle (रस्ल) = सरसराहट, खरखराहट। banyan (बैन्यन) = वट वृक्ष । frightening (फ्राइनिङ्ग) = डराने या सदमा पहुँचाने वाला। profound (प्र फाउन्ड्) = अत्यधिक, हार्दिक। on that account (ऑन् दैट अकाउन्ट्) = उस दृष्टि से। Patch (पैच) = किसी सतह पर आसपास के क्षेत्र से भिन्न प्रकार का हिस्सा, टुकड़ा। evolving (इ'वाल्विंग) = विकसित होना। fringe (फ्रिन्ज्) = सीमान्त। palmyra (पलमिरा) = एक प्रकार का वृक्ष। cluster (कल्स्ट्र ) = समूह । assimilated (असिमलेट्ड्) = आत्मसात कर लिया।

reckoning (रेकनिंग) = अनुमान लगाते हुए। entangled (इन टैङ्ग्ल्ड् ) = (किसी में) उलझा या फँसा हुआ। exhausted (इग्जॉस्टिड्) = बहुत थका हुआ। stretched (स्ट्रेच्ड्) = अंगड़ाई ली। thrust up (थ्रस्ट अप्) = आगे की ओर धकेला। affairs ('अ फेअ(र)स्) = मामले। ablutions (अ ब्लू श्न्) = नहाना-धोना। pillared (पिल(र)ड्) = खम्बे वाले । elevated (एलिवेट्ड्) = उठा हुआ। vessel (वेस्ल) = पात्र । brimming (ब्रिमिंग) = ऊपर तक भरा होना।

हिन्दी अनुवाद-वह वहाँ पर काफी देर तक बैठा रहा, रात्रि में नदी को बहता हुआ देखता रहा। पीपल और बरगद के वृक्ष की सरसराहट आसपास में जोर का और डरावना शोर कर रही थी। आकाश साफ था। जब उसके पास और कुछ नहीं करने को था तो उसने सितारों को गिनना शुरू कर दिया था। उसने अपने आप से कहा, "मुझे मानवता की इस बहुत बड़ी सेवा के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। लोग कहेंगे, "यह वह व्यक्ति है जो अंतरिक्ष के सभी सितारों की सही संख्या बता सकता है। यदि तुम्हें इस दृष्टि से कोई समस्या हो तो, तुमको उससे जानकारी मांगनी चाहिए। वह अंतरिक्षों के लिए आपका रात्रि का दिग्दर्शक बनेगा।" उसने अपने आप से कहा, "जो कार्य आपको करना है, वह है कि आप कोने से शुरूआत कीजिए और एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक जाइए। 

कभी भी सबसे ऊँचाई से क्षितिज तक काम मत कीजिए, परन्तु हमेशा दूसरे तरीके से काम कीजिए (नीचे से ऊपर की ओर)।" वह एक सिद्धान्त का विकास कर रहा था। उसने अपने बाएं हाथ की तरफ से पलमिरा के वृक्ष के अन्तिम छोर से गिनना शुरू किया, नदी के बहने की विपरीत दिशा में, दूसरे तरफ के उस पार से। "एक....दो....पचपन...." उसने अचानक यह महसूस किया था कि यदि वह गहराई से देखता तो उसकी निगाहों में सितारों का एक और समूह उभरकर आ जाता, उस समय तक जब उसने यह मानकर इसे समावेश किया था। उसने महसूस किया कि उसने अपने शुरुआती बिन्दु को अपनी नजरों से खो दिया था और उसने अपने आपको हताशा से भरे आशाहीन आँकड़ों में फंसा पाया। वह बहुत थका हुआ महसूस करने लगा था। उसने अपने आपको पत्थर की पटिया पर लम्बाकर खींचा और खुले आकाश के नीचे वह गहरी नींद में सो गया था।

उसके चेहरे पर आठ बजे का सूरज पूर्णतया चमकने लगा था। उसने अपनी आँखें खोली और देखा कि वेलान नीचे की सीढ़ी पर सम्मानपूर्वक खड़ा हुआ था। "मैं अपनी बहिन को लेकर आ चुका हूँ।" उसने कहा और अचानक से चौदह साल की एक लड़की को धक्का दिया, जिसने अपने बाल कसकर गूंथे हुए थे और अपने आप को गहनों से सजाया हुआ था। वेलान ने व्याख्या की, "यह गहने मेरे द्वारा दिए गए थे। मेरे स्वयं के पैसे से खरीदे थे, क्योंकि अन्ततः वह मेरी बहिन है।"

राजू अपनी आँखें मलता हुआ बैठ गया। वह अभी भी संसार के व्यक्तिगत मामलों को हाथ में लेने हेतु तैयार नहीं था। उसकी तात्कालिक आवश्यकता अपने सुबह के कर्मों से निवृत्त होने की थी, जिसके लिए उसे एकान्त चाहिए था। उसने उनसे कहा, "आप वहाँ पर चले जाइए और मेरा इन्तजार कीजिए।"

उसने उन्हें प्राचीन स्तम्भाकार हॉल में उसका इन्तजार करते हुए पाया। राजू हॉल के मध्य एक हल्के से ऊँचे उठे हुए प्लेटफॉर्म पर बैठ गया। वेलान ने उसके सामने केले, ककड़ी, गन्ने के टुकड़े, भुने हुए मेवे और ताँबे का दूध से भरा हुआ लोटा, से भरी एक टोकरी रख दी। राजू ने पूछा, "यह सब किसलिए?" "श्रीमान यदि आप इन्हें स्वीकार कर लेते हैं तो हमें बहुत प्रसन्नता होगी।" 

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(11) Raju sat looking .............. followed him mutely. (Pages 23-24)

कठिन शब्दार्थ-hamper (हैम्प(र)) = भोजन ले जाने की बड़ी ढक्कनदार टोकरी। fussy (फसि) = (व्यक्ति) छोटी-छोटी बातों पर अधिक ध्यान देने वाला अतएव प्रायः असंतुष्ट। formerly (फॉमलि) = अब से पहले। munching (मन्चिंग) = किसी वस्तु को काटना और आवाज करते हुए खाना, चबड़-चबड़ कर खाना। cell (सेल) = कोठरी। warder (वॉड(र)) = चौकीदार। unpalatable (अन्पैलट्ब्ल ) = ( भोजन या पेय) अरुचिकर गंध या स्वाद। mutton-puff (मट्न्-पफ) = भेड़-बकरी के मांस को सघन रूप में पकाया जाना। rancid (रैन्सिड्) = बासी और विकृत गंध वाली खाद्य सामग्री। gusto (गसटो) = उत्साह के साथ। further (फद(र)) = कुछ या कोई और।

adulation (ऐड्यु'लेशन) = अत्यधिक प्रशंसा। inevitable (इन एविटब्ल) = जिसे घटित होने से रोका न जा सके, अवश्य होने वाला। picked up (पिकड् अप्) = (व्यक्ति या वस्तु) पकड़कर उठाना। Sanctum (सैङ्कटम् ) = पवित्र जगह। recess (रि 'सेस) = मध्यावकाश । mace (मेस्) = राजदण्ड। chiselled (चिल्ड) = छैनी। abandoned (अ'बैन्डन्ड) = त्याग दिया। ceremoniously (सेरे मोनिअस्लि ) = समारोहपूर्वक। edibles (एड्ब्ल स्) = खाने योग्य। remnant (रेम्नन्ट्) = किसी का बचा हुआ टुकड़ा। rather (राद्(र)) = किसी हद तक। alms (आम्ज्) = निर्धनों को दिया गया दान। lapsed (लैप्स्ड्) = दो बातें घटित होने के बीच का समय, व्यवधान, अन्तराल । stuff (स्टफ्) = चीज़, सामान। disciples (डि'साइप्लस्) = अनुयायी। strode (स्ट्रोड) = लम्बे डग भरे। majestically (म'जेस्टिकलि) = शानदार ढंग से। mutely (म्यूटलि) = चुपचाप।

हिन्दी अनुवाद-राजू बैठा हुआ भोजन की टोकरी को देख रहा था। इस भेंट से उसे अप्रसन्नता नहीं हुई। वह सब कुछ खा सकता था और इसे अभी पचा सकता था। उसने सीखा था कि असंतुष्ट नहीं होना चाहिए। वह अब से पहले कह सकता था, "इसे कौन खाएगा? कृपया मुझे दिन के प्रारम्भ में कॉफी और इडली दीजिए। यह तो बाद में भी चबाने के लिए पर्याप्त अच्छे हैं।" परन्तु जेल के जीवन ने उसे किसी भी समय किसी को भी खा जाने निगलने के लिए प्रशिक्षित कर दिया था। कभी-कभार जेल की कोठरी में कोई साथी, चौकीदार की दयालुता के द्वारा, किसी वस्तु को गैरकानूनी ढंग से मंगवा लेता था, कुछ भेड़-बकरी का सघन रूप से पकाया बासी अरुचिकर मांस जो कि छः दिन पहले बना था, और इसका तेल विकृत गंध देता था, इसे राजू के साथ हिस्सेदारी करके खाता, और राजू को यह याद था कि वह किस प्रकार से सुबह तीन बजे इसे अतिउत्साह के साथ खाता था, यह वह चुना गया समय था जिस समय दूसरे उठकर अपनी हिस्सेदारी का दावा नहीं कर सकते थे। अब तो सभी का स्वागत था। उसने पूछा, "तुम यह सब मेरे लिए क्यों कर रहे हो?"

"ये सब मेरे खेत में पैदा हुए हैं और हमें आपको इन्हें देकर गर्व महसूस हो रहा है।" राजू को अब आगे और प्रश्न नहीं करना था। वह इस प्रकार के अवसरों का क्रमशः मालिक बनता हुआ अपने आप को देख रहा था। उसने पहले से ही यह महसूस करना शुरू कर दिया था कि जो अत्यधिक प्रशंसा और आदर जो उसको दिए जा रहे हैं, वह अवश्यम्भावी था। वह शान्ति के साथ बैठा रहा, एक क्षण के लिए उसने उपहारों को देखा। अचानक उसने टोकरी को उठाया और अन्दर पवित्र स्थान की ओर चला गया। दूसरे भी उसके पीछे-पीछे आए।

राजू एक पत्थर की प्रतिमा के सामने जाकर अन्धकारयुक्त विराम में रुक गया था। यह चार भुजाओं वाले एक विशाल देवता थे, उनके हाथ में चक्र और गदा थी, उनका मस्तक खूबसूरती के साथ उकेरा गया था, परन्तु उन्हें एक शताब्दी पूर्व ही परित्यक्त कर दिया गया था। राजू ने मूर्ति के चरणों में समारोहपूर्वक खाद्य सामग्री से भरी टोकरी रख दी थी और कहा, "यह सबसे पहले उसका है। यह प्रसाद सबसे पहले इसे दिया जावे, और हम बचा हुआ खायेंगे । 

भगवान को देकर, क्या तुम जानते हो यह कितना बढ़ता है इससे पहले कि हम इसे बाँट लेवें। क्या तुम्हें इसकी कहानी का पता है?" वह देवका की कहानी कहने लगा था, यह प्राचीन समय का वह व्यक्ति था जो मन्दिर के द्वार पर प्रतिदिन भिक्षा माँगता था और वह अपनी एकत्रित की गई सामग्री का प्रयोग तब तक नहीं करता था जब तक कि वह इसे भगवान के चरणों में नहीं रख देता था। अपनी कहानी के आधे रास्ते तक उसने यह महसूस किया कि न तो उसे इसका रास्ता या इसका उद्देश्य याद किया था। वह शान्ति के अन्तराल में था। वेलान ने धैर्य से उसके कहानी निरन्तर जारी रखने का इन्तजार किया था। वह उस प्रकार का था जिस प्रकार के शिष्य बने हुए होते थे। एक अपूर्ण कहानी या अधूरी नैतिकता से कभी भी परेशान नहीं होता था, यह सब उसके जीवन की योजना थी। जब राजू मुड़ा और शानदार ढंग से नदी में लम्बे-लम्बे डग भरने लगा था, वेलान और उसकी बहिन ने चुपचाप रहकर उसका अनुसरण किया था। 

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(12) How could I recollect ........ will spoil his health. (Pages 24-25) 

कठिन शब्दार्थ-recollect (रेक'लेक्ट्) = किसी बात को याद करना। remained (रि'मेन्ड्) = रहा। unyoked (अन्योक्ड्) = जुआ खोला। drifted (ड्रिफिटड्) = इधर-उधर व्यर्थ घुमाया। harvest (हाविस्ट्) = खेत में फसल काटने या इकट्ठी करने का समय। punctuated (पङ्कचुएट्ड्)ि = बीचबीच में बाधित करना। roars (रॉ(र)) = ठहाके । absurd (अब 'स्ड) = जो बिल्कुल भी तर्कसंगत न हो। loophole (लूपहोल्) = बच निकलने का रास्ता। tickled (टिक्लड्) = गुदगुदाया। temper (टेम्प(र)) = मिज़ाज़ । coached (कोच्ड्) = प्रशिक्षित किया। yawning (यॉनिंग) = जंभाई लेना। absorbing (अब्जॉबिङ्ग) = किसी की सम्पूर्ण रुचि या ध्यान को बनाए हुए। glance (ग्लान्स) = उड़ती नजर। handful (हैन्ड्फु ल) = मुट्ठीभर (चीज़)। 

buttermilk (बटिमल्क) = दूध से छाछ । oven (अवन्) = बकसनुमा अंगीठी। cronies (क्रोनिज) = लंगोटिया दोस्त । swift (स्वि'फ्ट) = तेज । dash (डैश) = अचानक और तेजी से कहीं चले जाना। dim (डिम्) = धुंधला। lantern (लैन्टन्) = लालटेन। threshold (थ्रेश्होल्ड्) = दहलीज। passage (पैसिज्) = गलियारा। sweat (स्वेट) = पसीना निकलना । supernatural (सुप(र)नैचल्) = प्रकृति से ऊपर, भूत-प्रेत आदि। emerge (इ'मज़) = कहीं से प्रकट होना या निकलना। grab (ग्रैब) = झपटकर किसी चीज को पकड़ना। doorstep (डॉस्टैप) = दहलीज। folk (फोक्) = पारंपरिक शैली का। crowing (क्रोइंग) = मुरगे की बांग।

हिन्दी अनुवाद-अपनी माताजी से बहुत पहले सुनी हुई उस कहानी को मैं कैसे याद करूँ? वह हर चाहिए। वह अब से पहले कह सकता था, "इसे कौन खाएगा? कृपया मुझे दिन के प्रारम्भ में कॉफी और इडली दीजिए। यह तो बाद में भी चबाने के लिए पर्याप्त अच्छे हैं।" परन्तु जेल के जीवन ने उसे किसी भी समय किसी को भी खा जाने निगलने के लिए प्रशिक्षित कर दिया था। कभी-कभार जेल की कोठरी में कोई साथी, चौकीदार की दयालुता के द्वारा, किसी वस्तु को गैरकानूनी ढंग से मंगवा लेता था, कुछ भेड़-बकरी का सघन रूप से पकाया बासी अरुचिकर मांस जो कि छः दिन पहले बना था, और इसका तेल विकृत गंध देता था, इसे राजू के साथ हिस्सेदारी करके खाता, और राजू को यह याद था कि वह किस प्रकार से सुबह तीन बजे इसे अतिउत्साह के साथ खाता था, यह वह चुना गया समय था जिस समय दूसरे उठकर अपनी हिस्सेदारी का दावा नहीं कर सकते थे। अब तो सभी का स्वागत था। उसने पूछा, "तुम यह सब मेरे लिए क्यों कर रहे हो?"

"ये सब मेरे खेत में पैदा हुए हैं और हमें आपको इन्हें देकर गर्व महसूस हो रहा है।" राजू को अब आगे और प्रश्न नहीं करना था। वह इस प्रकार के अवसरों का क्रमशः मालिक बनता हुआ अपने आप को देख रहा था। उसने पहले से ही यह महसूस करना शुरू कर दिया था कि जो अत्यधिक प्रशंसा और आदर जो उसको दिए जा रहे हैं, वह अवश्यम्भावी था। वह शान्ति के साथ बैठा रहा, एक क्षण के लिए उसने उपहारों को देखा। अचानक उसने टोकरी को उठाया और अन्दर पवित्र स्थान की ओर चला गया। दूसरे भी उसके पीछे-पीछे आए। राजू एक पत्थर की प्रतिमा के सामने जाकर अन्धकारयुक्त विराम में रुक गया था। यह चार भुजाओं वाले एक विशाल देवता थे, उनके हाथ में चक्र और गदा थी, उनका मस्तक खूबसूरती के साथ उकेरा गया था, परन्तु उन्हें एक शताब्दी पूर्व ही परित्यक्त कर दिया गया था। राजू ने मूर्ति के चरणों में समारोहपूर्वक खाद्य सामग्री से भरी टोकरी रख दी थी और कहा, "यह सबसे पहले उसका है। 

यह प्रसाद सबसे पहले इसे दिया जावे, और हम बचा हुआ खायेंगे । भगवान को देकर, क्या तुम जानते हो यह कितना बढ़ता है इससे पहले कि हम इसे बाँट लेवें। क्या तुम्हें इसकी कहानी का पता है?" वह देवका की कहानी कहने लगा था, यह प्राचीन समय का वह व्यक्ति था जो मन्दिर के द्वार पर प्रतिदिन भिक्षा माँगता था और वह अपनी एकत्रित की गई सामग्री का प्रयोग तब तक नहीं करता था जब तक कि वह इसे भगवान के चरणों में नहीं रख देता था। अपनी कहानी के आधे रास्ते तक उसने यह महसूस किया कि न तो उसे इसका रास्ता या इसका उद्देश्य याद किया था। वह शान्ति के अन्तराल में था। वेलान ने धैर्य से उसके कहानी निरन्तर जारी रखने का इन्तजार किया था। वह उस प्रकार का था जिस प्रकार के शिष्य बने हुए होते थे। एक अपूर्ण कहानी या अधूरी नैतिकता से कभी भी परेशान नहीं होता था, यह सब उसके जीवन की योजना थी। जब राजू मुड़ा और शानदार ढंग से नदी में लम्बे-लम्बे डग भरने लगा था, वेलान और उसकी बहिन ने चुपचाप रहकर उसका अनुसरण किया था। 

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(13) How could I recollect ........ will spoil his health. (Pages 24-25) 

कठिन शब्दार्थ-recollect (रेक'लेक्ट्) = किसी बात को याद करना। remained (रि'मेन्ड्) = रहा। unyoked (अन्योक्ड्) = जुआ खोला। drifted (ड्रिफिटड्) = इधर-उधर व्यर्थ घुमाया। harvest (हाविस्ट्) = खेत में फसल काटने या इकट्ठी करने का समय। punctuated (पङ्कचुएट्ड्)ि = बीचबीच में बाधित करना। roars (रॉ(र)) = ठहाके । absurd (अब 'स्ड) = जो बिल्कुल भी तर्कसंगत न हो। loophole (लूपहोल्) = बच निकलने का रास्ता। tickled (टिक्लड्) = गुदगुदाया। temper (टेम्प(र)) = मिज़ाज़ । coached (कोच्ड्) = प्रशिक्षित किया। yawning (यॉनिंग) = जंभाई लेना। absorbing (अब्जॉबिङ्ग) = किसी की सम्पूर्ण रुचि या ध्यान को बनाए हुए।

glance (ग्लान्स) = उड़ती नजर। handful (हैन्ड्फु ल) = मुट्ठीभर (चीज़)। buttermilk (बटिमल्क) = दूध से छाछ । oven (अवन्) = बकसनुमा अंगीठी। cronies (क्रोनिज) = लंगोटिया दोस्त । swift (स्वि'फ्ट) = तेज । dash (डैश) = अचानक और तेजी से कहीं चले जाना। dim (डिम्) = धुंधला। lantern (लैन्टन्) = लालटेन। threshold (थ्रेश्होल्ड्) = दहलीज। passage (पैसिज्) = गलियारा। sweat (स्वेट) = पसीना निकलना । supernatural (सुप(र)नैचल्) = प्रकृति से ऊपर, भूत-प्रेत आदि। emerge (इ'मज़) = कहीं से प्रकट होना या निकलना। grab (ग्रैब) = झपटकर किसी चीज को पकड़ना। doorstep (डॉस्टैप) = दहलीज। folk (फोक्) = पारंपरिक शैली का। crowing (क्रोइंग) = मुरगे की बांग।

हिन्दी अनुवाद-अपनी माताजी से बहुत पहले सुनी हुई उस कहानी को मैं कैसे याद करूँ? वह हर शाम को मुझे एक कहानी कहती थी जब हम पिताजी के दुकान बन्द करके घर आने का इन्तजार करते थे। दुकान मध्य रात्रि तक खुली रहती थी। सुदूर के गाँवों से बैलगाड़ियों का काफिला देर शाम तक आता था, उनमें नारियल, चावल और दूसरा अन्य बाजार का माल भरा रहता था। उस रात के लिए उस बड़े इमली के पेड़ के नीचे जानवरों का जुआ उतार देते थे, और गाड़ीवान दो-दो या तीन-तीन करके दुकान की तरफ चले आते थे,

या तो वे बात करते थे या खाने की किसी वस्तु की माँग करते थे या धूम्रपान करने आते थे। मेरे पिताजी उनसे अनाज की कीमतों, वर्षा, फसल काटने या सिंचाई के प्रकारों, तरीकों पर बात करके प्रसन्न होते थे। या वे किसी पुराने न्यायालय के मुकदमे पर चर्चा करते थे। कोई भी बार-बार न्यायाधीशों के सन्दर्भ, शपथ पत्रों, मुकदमे में गवाहों और वाद की अपील के बारे में सुन सकता था, बीच-बीच में हँसी की गर्जना से बाधित होती रहती बातों को सुन सकता था। सम्भवतः बेतुकी कानूनी कमजोरी से बच निकलने का तरीका उन्हें खुश करने हेतु याद आता।

मेरे पिताजी भूख और नींद की तरफ जब वे इस प्रकार के साथ में होते थे तो उपेक्षा कर देते थे। मेरी माताजी मुझे कई बार यह देखने के लिए बाहर भेजती थी कि क्या वे अन्दर आने का प्रयास कर रहे हैं। उनका मिजाज अनिश्चित था और कोई यह अनुमान नहीं लगा सकता था कि वे व्यवधान किए जाने पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया करेंगे। इस तरह मेरी माँ मुझे जाकर उनकी मनोदशा देखने हेतु प्रशिक्षित करती थी और यह कहती कि मैं धीमे से उसे घर और खाने की याद दिलाऊँ । मैं दुकान के नीचे जंभाई लेता हुआ खड़ा रहता था, खांस कर अपना गला साफ करता और उसकी नजर पकड़ने की उम्मीद करता। परन्तु वह बातों में इतना खो जाते थे कि वे मेरी तरफ एक निगाह भी नहीं डालते थे। और मैं भी उनकी बातों में ध्यान लगा लेता था, यद्यपि मैं उसमें से एक शब्द भी नहीं समझता था।

थोड़ी देर के बाद मेरी माँ की आवाज रात्रि की हवा में तैरती हल्की सी आती, वे मुझे पुकारती, "राजू, राज" और मेरे पिताजी अपनी गतिविधियों में बाधित होकर मेरी तरफ देखकर कहते. "अपनी माँ को कहो कि मेरा इन्तजार नहीं करें। उनसे कहो कि वे एक प्याले में एक मुट्ठी चावल और थोड़ी सी छाछ रख दें, उसके साथ एक टुकड़ा अचार भी, और उसे मेरे लिए अंगीठी पर रख दें। मैं बाद में आऊँगा।" यह सप्ताह में पाँच दिन करीबन उनका यही फार्मूला रहता था। वे हमेशा साथ में कहते, “आज रात मुझे ज्यादा भूख भी नहीं है।" और तब मैं मानता था कि वह अपने साथियों के साथ अपनी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं पर चर्चा करते थे। परन्तु मैं आगे और सुनने के लिए नहीं रुकता था। मैं तेजी से झपटकर घर की ओर वापस आता। 

दुकान से लालटेन के बीच में अंधेरे का एक टुकड़ा था जहाँ से लालटेन की रोशनी हमारी देहरी तक आती थी, करीबन दस गज का मामला था, जैसा कि मैं अनुमान लगाता हूँ, परन्तु इसके बीच का लम्बा गलियारा मुझे ठण्डा पसीना ला देता था। मैं उम्मीद करता था कि कोई जंगली जानवर या कोई भूत-प्रेत वहाँ से प्रकट होगा और मुझे पकड़ लेगा। मेरी माँ दहलीज पर मेरा स्वागत करने के लिए खड़ी रहती थी और कहती थी, "भूख नहीं है, मैं मानती हूँ। इससे वह गाँव के लोगों से सारी रात बात करेंगे और तब सोने के लिए एक घण्टा अन्दर आयेंगे और तब कहीं से जब वह मूर्ख मुर्गा बोलेगा तो उसकी आवाज के साथ उठ जायेंगे। वे अपना स्वास्थ्य खराब कर लेंगे।"

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(14) I followed her into the kitchen ................ you told me about. (Pages 25-26)

कठिन शब्दार्थ-simultaneously (सिमल'टेनिअसलि) = एक साथ। sooty (सुटि) = चिमनियों में जमा कालिख (जलती चीजों से उत्पन्न)। lay down (ले डाउन्) = किसी बात को नियम के रूप में व्यवस्थित करना या नियमबद्ध करना। inexplicable (इनिक्'स्प्लिक्ब्ल ) = जिसे समझाया न जा सके, जिसकी व्याख्या न की जा सके, अव्याख्येय। coziness (कोन्स्)ि = गरम और आरामदेह । proximity. (प्रॉक् सिमट्)ि = निकटता। bothering (बॉद(र)इंग) = परेशान करना। scratched (स्क्रैच्ड्) = खरोंचा। nape (नेप) = गर्दन का पिछला भाग, घाटिका । overcoming (ओव'कमिङ्ग) = नियंत्रित करते हुए। dazzling (डैङ्लिंग) = चौंधिया देने वाला। irritated (इरिटेट्ड्) = नाराज किया। thrusting on (थ्रस्टिंग ऑन) = किसी पर कुछ थोपना। realms (रेल् 'म्) = क्षेत्र। eternity (इ'टनटि) = अनंत काल। resignation (रेज़िग्नेश्न्) = अप्रिय स्थिति को स्वीकार कर लेना। (इन'डेटिड्) = कृतज्ञ । pacifyingly (पैसिफाइंग्लि) = किसी नाराज़ या परेशान व्यक्ति को शांत एवं स्थिर करना।

हिन्दी अनुवाद-मैं रसोई में उसके पीछे गया। उसने फर्श पर अपनी ओर मेरी प्लेट को पास-पास रखा, चावल का बर्तन अपनी पहुँच तक खींच लिया, और साथ-साथ मुझे और अपने आप को खाना परोस लिया था, और हमने अपना भोजन को कील से दीवार पर टंगे लोहे के लेम्प के मंद्धिम प्रकाश में पूर्ण किया। उसने सामने वाले कमरे में मेरे लिए एक चटाई खोल दी और मैं सोने के लिए लेट गया। वह मेरे एक तरफ बैठ गई, पिताजी के आने का इन्तजार करने लगी। उसकी उपस्थिति मुझे व्यक्त न की जा सकने वाली आराम प्रदान कर रही थी। मैंने महसूस किया कि मुझे उसकी निकटता का अच्छा उपयोग करना चाहिए और मैंने शिकायत की, "मेरे बालों में कुछ परेशान कर रहा है।" और उसने अपनी अंगुलियाँ मेरे बालों में घुमाई और मेरी गर्दन का पिछला हिस्सा खरोंचने लगी। और तब मैंने आदेश दिया, "एक कहानी।"

उसने तुरन्त ही शुरू किया, "एक बार एक आदमी था जिसका नाम देवका था....." मैंने प्रत्येक रात को उसके नाम का जिक्र सुना था। वह कोई नायक, संत या कुछ इसी प्रकार का था। मैंने कभी पूर्णतः नहीं सीखा था कि उसने क्या और क्यों किया था। मेरी माँ प्रस्तावना में ही थी कि मुझे नींद आने लगी थी।

राजू सीढ़ियों पर बैठा हुआ सुबह के सूर्य के प्रकाश में नदी का चौंधिया कर देने वाली चमक को देख रहा था। हवा ठण्डी थी, और उसकी इच्छा हुई कि वह अकेला रहे। उससे मिलने आने वाले नीचे की सीढ़ियों पर धैर्य के साथ बैठे थे, वे इन्तजार कर रहे थे कि वह उनकी ओर ध्यान देगा, जैसे कि डॉक्टर के कक्ष में मरीज इन्तजार करते हैं। राजू की स्वयं की बहुत सी समस्याएँ थीं जिन पर उसे सोचना है। उसे अचानक नाराजगी सी महसूस हुई उस जिम्मेदारी पर जो कि वेलान उस पर थोप रहा था और उसने स्पष्टता से कहा, "मैं तुम्हारी समस्याओं पर अभी नहीं सोच रहा हूँ, अभी नहीं वेलान।"

उसने विनम्रता से पूछा, "क्या मैं जान सकता हूँ क्यों?" "कुछ ऐसा ही है।" राजू ने अन्तिम निर्णय के अन्दाज़ में कहा। उसने पूछा, "श्रीमान, मैं आपको कब तकलीफ दूं।" राजू ने शान से कहा, "जब इसके लिए उचित समय होगा।" इससे मामला अनन्तकाल के क्षेत्र में चला गया। वेलान ने असमर्थता के कारण इस जवाब को स्वीकार किया और जाने के लिए खड़ा हो गया। यह थोड़ा सा मर्मस्पर्शी था। राजू उसके लिए ऋणी महसूस कर रहा था क्योंकि वह उसके लिए खाने हेतु लाया था। इसलिए उसने उसे शांत करते हुए कहा, "क्या यह तुम्हारी बहिन है जिसके बारे में तुमने मुझे कहा था।"

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(15) Yes Sir, it is .... which she never wore. (Pages 26-28)

कठिन शब्दार्थ-vital (वाइट्ल) = आवश्यक। bide (बाइड्) = उपयुक्त अवसर की प्रतीक्षा करना। float (फ्लोट्) = बहना । perch (पच्) = किसी शाखा पर बैठना। sort (सॉट) = प्रकार। transmigration (ट्रैन्ज्माइ 'ग्रेश्न्) = पुनर्जन्म। significantly (सिग् 'निफिकट्लि ) = सार्थक रूप से। fixedly (फिक्सड्लि) = किसी वस्तु को किसी पर दृढ़ता से जमाना। gazed (गेज्ड्) = टकटकी लगाकर देखा। in a black mood = चिड़चिड़ाहट का समय। locomotive (लोक मोटिव्) = एंजिन। grimly (ग्रिम्लि) = गम्भीर, अप्रफुल्लित। briskly (ब्रिलि ) = तेजी से। extent (इक स्टेन्ट्) = विस्तार। bankon (बैक्ऑ न) = आश्रित होना। enchanting (इन'चान्टिङ) = मोहक। mound (माउन्ड्) = टीला। hazy (हेज़ि) = धुंधभरा । piling up (पाइलिंग अप) = ढेर लगना । sawn-off metal bits (सॉन आफ मेटल बिट्स) = आरी द्वारा काटे जाने के बाद धातु के टुकड़े, (आरी से) काटना।

हिन्दी अनुवाद-"हाँ श्रीमान, यही है।"
"मैं जानता हूँ तुम्हारी समस्या क्या है, परन्तु मैं इस मामले पर कुछ सोचना चाहता हूँ। हम कोई आवश्यक हल जबरदस्ती नहीं डालना चाहते हैं। प्रत्येक प्रश्न को अपने उपयुक्त अवसर की प्रतीक्षा करनी चाहिए। क्या तुम समझते हो?"
"हाँ श्रीमान" वेलान ने कहा । उसने अपनी भौंहों पर अंगुलियाँ फिराईं और कहा, "जो कुछ यहाँ पर लिखा है अवश्य होगा। हम किसी प्रकार से भी कुछ नहीं कर सकते हैं।"
"हम इसे बदल नहीं सकते हैं, परन्तु हम इसे समझ सकते हैं।" राजू ने शानदार अन्दाज में कहा, "और एक उचित समझ तक पहुँचने के लिए, समय की आवश्यकता होती है।" राजू ने महसूस किया कि उसके पंख आ रहे हैं। तुरन्त ही उसने महसूस किया, वह हवा में उड़ सकता है और अपने आपको एक पुराने मंदिर की मीनार पर बैठा सकता है। उसके लिए कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं हो रहा था। उसने अपने आपको पूछते हुए पाया, "क्या मैं जेल में रहा हूँ या यह किसी प्रकार का देहान्तरण था?" 

वेलान थोड़ा संतुष्ट हुआ और उसे अपने मालिक के मुँह से कुछ सुनकर गर्व हुआ। उसने सार्थक रूप से अपनी जटिल बहिन की ओर देखा। और उसने शर्म से अपना सिर झुका लिया था। राजू ने टकटकी लगाकर उसकी बहिन की ओर देखते हुआ कहा, "जो कुछ होना है अवश्य होगा। इस पृथ्वी या आकाश (स्वर्ग) की कोई भी शक्ति इसके रास्ते को नहीं बदल सकती है, ठीक वैसे ही जैसे कोई भी नदी की इस धारा को नहीं बदल सकता है।" वे नदी की ओर गहराई से देखने लगे, मानो कि उनकी समस्या का सुराग वहाँ पर पड़ा था, और वह जाने के लिए मुड़ा। राजू ने उन्हें नदी के पार जाते देखा और दूसरे किनारे पर चढ़ते देखा। शीघ्र ही वे उसकी नजरों से दूर चले गये थे।

हमने अपने घर के सामने वाले खेत में बहुत सी गतिविधि को गौर किया। कस्बे से प्रत्येक सुबह लोगों का एक समूह आता था और सारे दिन खेत में व्यस्त रहते थे। हमें पता लगा कि रेल्वे ट्रैक (रेलगाड़ी की लाइन) बना रहे थे। वे नाश्ते के लिए मेरे पिताजी की दुकान पर आते थे। मेरे पिताजी चिन्तातुर होकर पूछते थे, "हम यहाँ पर कब से गाड़ी को आते हुए पायेंगे?" यदि उनकी मनःस्थिति अच्छी होती थी, वे जवाब देते थे, "करीब छः या आठ माह में, कौन कह सकता है?" और यदि वे चिड़चिड़ाहट के मूड में होते तो कहते, "हमें मत पूछो। आगे तुम हमें कहोगे कि हम तुम्हारी दुकान तक इंजन चलाकर लाएँ।" और वे गम्भीरता से हँसते थे।

काम तेजी से चल रहा था। मैंने कुछ सीमा तक इमली के पेड़ के नीचे अपनी स्वतंत्रता को खो दिया था क्योंकि ट्रकों को वहाँ पर खड़ा किया जाने लगा था। मैं उनमें चढ़ जाता और खेलता था। मेरी तरफ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया था। सारा दिन मैं ट्रकों के अन्दर-बाहर चढ़ता रहता था और मेरे कपड़े कीचड़ से लाल हो जाते थे। अधिकांश ट्रक लाल मिट्टी लाते थे जिसको खेत में इकट्ठा किया जाता था। थोड़े ही समय में हमारे घर के सामने एक छोटा सा पर्वत खड़ा हो गया था। यह मोहक था। जब मैं इस छोटी पहाड़ी के सबसे ऊँचे स्थान पर खड़ा होता था तो मैं दूर-दूर तक के स्थानों को देख सकता था, मेम्पी पहाड़ियों की धुंध भरी बाहरी रेखाओं को भी देख लेता था। मैं उन लोगों जितना ही व्यस्त हो गया था। 

मैं मेरा सारा समय ट्रैक पर काम कर रहे लोगों के साथ में व्यतीत करता था, मैं उनकी बातें सुनता था और उनके चुटकलों का हिस्सेदार बनता था। और अधिक ट्रक आये थे, वे अपने साथ लोहा और लकड़ी लाये थे। हर तरफ कई प्रकार के सामान का ढेर लगता जा रहा था। उसी समय मैंने धातु के कटे हुए टुकड़े इकट्ठे किये थे, नट और बोल्ट और मैं उन्हें मेरी माँ के बड़े सन्दूक में इकट्ठा करता था, जहां उसकी पुरानी सिल्क की साड़ियों के मध्य में मुझे एक स्थान आवंटित किया गया था, उन साड़ियों को मेरी माँ ने कभी भी नहीं पहना था।

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(16) A boy grazing his cows .............. have you left?" (Pages 28-29)

कठिन शब्दार्थ-grazing (ग्रेजिंग) = चरना। trespassers (ट्रेसपस(र)) = अतिक्रमी। frowned (फ्राउन्ड्) = त्यौरी चढ़ाई। barked (बाक्ड्) = जोर से चिल्लाकर कहा। begone (बिगॉन) = चले जाओ। run over (रन् ऑव(र)) = वाहन से कुचल देना। yell (येल) = चिल्लाना। pounced (पाउन्स्ड्) = झपट्टा मारा। picked up (पिक्ड् अप्) = समझ गया। screaming (स्क्रीमिंग) = जोर की चीख। sprang up (स्प्रैङ् अप्) = प्रकट हो गये । misfortune (मिस्'फाँचून) = दुर्भाग्य। rushing (रशिंङ्) = तेज चलते हुए।

resuming (रि'जूमिंग) = पुनः आरम्भ करते हुए। blinked (बिलङ्क्ड्) = आँखें झपकाना या मिचकाना। wordlessly (वड्ल्सल्)ि = बिना बोले। remained (रि 'मेन्ड्) = रहा। harsh (हाश्) = कठोर। loathed (लोद्ड) = नफरत करता था। tremendous (ट्र'मेनड्स) = बहुत बड़ा या अधिक। fuss (फ़स्) = किसी बेकार बात पर उत्तेजित या क्रोधित हो जाने की क्रिया। slung (स्लङ्) = टांग लिया। curls (कल्स्) = धुंघराले बाल । aversion (अ'वश्न्) = विमुखता। stern (स्ट्न्) = कठोर। disciplinarian (डिस'प्लिनरिअन्) = अनुशासनप्रिय । snob (स्नॉब) = घमण्डी। brag (बॅग) = डींग मारना।।

हिन्दी अनुवाद-एक लड़का अपनी गायें चराता हुआ उस छोटी पहाड़ी के ठीक नीचे वाले स्थान पर आ पहुँचा उस जगह मैं स्वयं अपना खेल खेल रहा था। उसकी गायें छोटी पहाड़ी के ठीक नीचे आवाज करती हुई घास खा रही थीं। उस जगह जहाँ पर आदमी काम कर रहे थे, और वह छोटा साथी हिम्मत करके उस ढलान पर पैर रखा हुआ था, जहाँ पर मैं खेल रहा था। मैं रेलवे के प्रति अपना मालिकाना हक की समझ रखने लगा था और मैं वहाँ किसी अतिक्रमी को नहीं चाहता था। मैंने भौंहें तानकर उस लड़के से कर्कश आवाज में बोला, "बाहर निकलो।"

"क्यों?" उसने पूछा। "मेरी गायें यहाँ पर हैं, मैं उनकी रखवाली कर रहा हूँ।"
"अपनी गायों के साथ भागकर दूर हो जाओ" मैंने कहा। "अन्यथा वे ट्रेन के द्वारा कुचल दी जाएंगी, जो यहाँ बहुत जल्दी आने वाली है।"
"आ जाने दो उनको। तुम्हें किसकी चिन्ता है?" उसने कहा। इससे मुझे इतनी चिड़चिड़ाहट हुई कि मैं एक जोर की चीख के साथ उस पर हमला करने के लिए झपटा। "तुम..........औलाद" और कई प्रकार की अन्य बातें जो मैंने हाल ही में बिना किसी औपचारिकता से सीखी थीं। वह लड़का, मुझे नीचे पटकने के बजाय, चीखता हुआ मेरे पिताजी की ओर दौड़ा, "आपका बेटा बुरी भाषा का प्रयोग कर रहा है।"

मेरे पिताजी यह सुनकर उछले, यह सिर्फ मेरा दुर्भाग्य था। वे दौड़ते हुए मेरी तरफ आए जैसे ही मैं अपना खेल पुनः शुरू करने वाला था और उन्होंने पूछा, "तुमने इस लड़के को कैसे पुकारा था?" मेरे पास इतनी अच्छी समझ थी कि मैंने इसे दोहराया नहीं। मैंने आँखें झपकाईं, निःशब्द रहा, इस पर उस लड़के ने ठीक वैसे ही दोहराया जैसा कि मैंने कहा था। इससे मेरे पिताजी पर एक हिंसक प्रभाव उत्पन्न हुआ था। उन्होंने अपने हाथ के खोखले के भाग से मेरी गर्दन पकड़ी और पूछा, "तुमने यह कहाँ से सीखा?" मैंने ट्रैक पर काम करते हुए लोगों की ओर इशारा किया। उन्होंने उधर देखा, एक क्षण के लिए चुप रहे और कहा, "अच्छा, तो यह बात है, क्या यही है? अब तुम और अधिक इसी प्रकार से बुरे शब्द सीखते हुए निठल्ले नहीं भटकोगे। मैं इसका ध्यान रखेंगा। तुम कल और रोजाना स्कूल जाओगे।"
"पिताजी" मैं रोया। वह मुझे बहुत कठोर सजा दे रहे थे। मुझे उस स्थान से हटाया जा रहा था जिसे मैं प्यार करता था और उस स्थान पर भेजा जा रहा था, जिसे मैं घृणा करता था।

मेरे स्कूल जाने से पूर्व बहुत अधिक हो-हल्का होता था जब प्रतिदिन मैं अपने स्कूल के लिए निकलता था। मेरी माताजी मुझे जल्दी खाना खिला देती थी और दोपहर के नाश्ते के लिए एक छोटे से एल्यूमिनियम के बर्तन को भर देती थी। वह बहुत ही ध्यान से मेरी पुस्तक और स्लेट को बैग में डालती थी और मेरे कंधे पर लटका देती थी। मुझे साफ-सुथरा नेकर और शर्ट पहनाया जाता था, और मेरे बालों को ललाट की ओर से पीछे की तरफ कंघी किया जाता था, सारे धुंघराले बाल मेरे गर्दन के पिछले हिस्से में आ जाते थे। कुछ प्रारम्भिक दिनों में तो मेरी ओर दिए जा रहे इस ध्यान का मैं आनन्द लेता था, परन्तु शीघ्र ही मुझे एक सामान्य सी विमुखता हो गई थी।

मैं चाहता था कि मेरी ओर ध्यान नहीं दिया जाए और मुझे घर पर ही रोक लें जिससे कि मुझ पर हो-हल्ला हो और मुझे विद्यालय भेजा जावे। परन्तु मेरे पिताजी सख्त अनुशासनप्रिय थे; शायद वे घमण्डी थे और दूसरों के सामने डींग मारते कि उनका बेटा विद्यालय जा रहा था। वे मेरी हलचलों पर निगाह रखते थे जब तक कि मैं सुरक्षित प्रत्येक सुबह सड़क पर नहीं होता था। वे अपनी दुकान में बैठे थोड़ी-थोड़ी देर में पुकारते रहते थे, "लड़के, क्या तुम स्कूल के लिए चले गये हो?"

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(17) I walked endlessly .................. either side with thoroughness. (Pages 29-30)

कठिन शब्दार्थ-endlessly (एन्ड्ल स्लि ) = अन्तहीन रूप से। paused (पॉज्ड्) = रुका। lumbering (लम्बरिंग) = मंद गति से। grasshoper (ग्रॉसहॉप(र)) = टिड्डा । culvert (कल्वट्) = सड़क आदि के नीचे से जाने वाला पानी का नाला। halting (हॉल्टिंग) = रुकते हुए। unison (यूनिस्न्) = मिलकर। convert (कॉन्वट्) = धर्म बदलना । notion (नोश्न्) = विचार। convinced (कन् विन्सड्) = विश्वास दिलाया। boast (बोस्ट) = शेखी बघारना। under the sun = पृथ्वी पर श्रेष्ठ। lane (लेन्) = तंग सड़क । drain (ड्रेन्) = नाली। a score of (अ स्को(र) ऑफ) = बीस लड़कों का समूह । pyol (प्योल) = पुआल या छप्पर जैसा। reclined (रि'कलाइन्ड्) = (सहारा लेते हुए) बैठना या लेटना। flourish (परिश्) = किसी वस्तु को हवा में लहराना ताकि लोग उसे देख पाएँ। rattan (रेट्न्) = बेंत। cane (केन्) = छड़ी। bestowed (बिस्टो) = देता था। flicks (फ्लिक्स्) = हल्के प्रहार। follies (फॉलिज्) = मूर्खताएँ। abusive (अ'ब्यूसिव्) = अपमानजनक। genealogies (जीनि एलजि) = वंशावली। thoroughness (थरॉन्स्) = परिपूर्णता।।

हिन्दी अनुवाद-मैं अपने विद्यालय पहुँचने के लिए अनन्त रूप से पैदल चलता था। कोई और लड़का मेरी दिशा में नहीं जाता था। मैं रास्ते पर अपने आपसे बात करता था, किसी जाने वाले का पर्यवेक्षण करने के लिए रुकता था, या कोई ग्रामीण गाड़ी जो मंद गति से जा रही होती थी, उसे देखने या कोई टिड्डा जो कि सड़क के नीचे नाली में जा रहा होता था, रुकता था। मेरी प्रगति इतनी धीरे और रुकावट वाली थी कि जब मैं बाजार की गली की ओर मुड़ता था तब मैं सुन सकता था कि मेरी कक्षा के साथी एकबद्ध एक स्वर में अपने पाठ चिल्लाकर पढ़ रहे होते थे, उस बूढ़े व्यक्ति के लिए जो हमारे अध्यापक थे, जो हमें पढ़ाते थे, जो इस तथ्य में विश्वास करते थे कि अधिकतम शोर लोगों तक पहुँचना चाहिए था।

मैं नहीं जानता हूँ कि मेरे पिताजी ने किसकी सलाह पर मुझे यहाँ पर शिक्षा प्राप्त करने हेतु चुना था, जबकि लोकप्रिय अल्बर्ट मिशन स्कूल हमारे एकदम नजदीक था। मुझे इस बात का यह कहलाकर गर्व महसूस होता कि मैं अल्बर्ट मिशन का लड़का था। परन्तु मैंने प्रायः मेरे पिताजी को यह घोषणा करते हुए सुना था कि, "मैं अपने बच्चे को वहाँ नहीं भेजना चाहता हूँ, ऐसा प्रतीत होता है कि वे हमारे बच्चों को ईसाई बनाने का प्रयास करते हैं और हर समय हमारे देवताओं का अपमान करते रहते हैं।" मैं नहीं जानता हूँ कि उनकी यह धारणा कैसे बनी थी। किसी प्रकार से, उनको यह पक्का विश्वास था कि जिस विद्यालय में मुझे भेजा जा रहा है वह इस पृथ्वी पर सर्वश्रेष्ठ विद्यालय था। वह शेखी बघारने के लिए जाने जाते थे, "बहुत से छात्र जो इस प्राचीन, पुराने अध्यापक के हाथों पास होकर गए हैं वे अभी मद्रास में बड़े अफसर, जिलाधीश और उसी की प्रकार के........" यह पूर्णतः उनकी कल्पना थी या उस बूढ़े व्यक्ति का आविष्कार था जिसने मुझे पढ़ाया था। 

कोई भी यह स्वप्न में भी नहीं सोच सकता था कि यह किसी भी मायने में कोई विद्यालय था, केवल एकमात्र श्रेष्ठ विद्यालय था। यह वह विद्यालय था जिसे छप्पर वाला विद्यालय कहा जाता था। क्योंकि कक्षाएँ उस भद्र व्यक्ति के घर पर छप्परों में बैठाकर लगा करती थीं। वे कबीर गली में रहते थे, एक पुराने से संकरे मकान में जिनके सामने सीमेन्ट का फर्श था, जिसके ठीक नीचे गली का पानी बहने वाली नाली थी। वे मेरी उम्र के 20 लड़कों के समूह को प्रत्येक सुबह उस छप्पर के नीचे इकट्ठा कर लेते थे, एक कोने में गद्दे पर आधे लेट जाते थे और छोटे साथियों पर चिल्लाते रहते थे, हर समय बाँस की एक छड़ी हवा में डराने के लिए लहराते रहते थे। उसी समय सारी कक्षाएँ वहाँ पर लगा करती थीं, और वे बारी-बारी से प्रत्येक समूह पर अपना ध्यान देते थे। 

मैं सबसे छोटे और प्राथमिक समूह में था, सिर्फ संख्याएँ और वर्णमाला सीखता था। वह हमें हमारी पुस्तकों से जोर से पढ़ने के लिए जोर डालते थे और हमारी स्लेट पर अक्षरों की नकल करवाते थे और प्रत्येक की तरफ देखते थे और सुधार करते और जो गलतियाँ दोहराते उन पर छड़ी फटकारते या अंगुली झाड़ते थे। वे बहुत ही अपमानित करने वाले व्यक्ति थे। मेरे पिताजी, जो मुझे रेल्वे ट्रैक पर काम करने वालों की भाषा से बचाना चाहते थे, उन्होंने निश्चित रूप से अपनी कोई सुरक्षित इच्छा नहीं रखी कि उन्होंने मुझे इस बूढ़े व्यक्ति के पास भेजा था। जो आदमी आदतन रूप से अपने शिष्यों को गधा आदि जैसे शब्दों के सम्बोधित करते थे और परिपूर्णता के साथ उनकी वंशावली का चित्रण करते थे।

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(18) The thing that irritated .............and we sprinted homeward. (Pages 30-31)

कठिन शब्दार्थ-clumsy (क्लम्ज़ि) = (व्यक्ति) फूहड़। fumbling (फ़ब्लिंग) = हिलते-डुलते हुए। shuffling (शफ्लिंग) = पैरों की स्थिति बदलते रहना। got on his nerves (गोट ऑन हिज नव्स) = उसे बड़ी बेचैनी होती थी। pyol (प्योल) = केलू या छप्पर का मकान। nap (नैप) = झपकी। rolled over (रोल्ड् ऑव(र)) = लगातार ऊपर लुढ़कते थे। bleated (ब्लीटिड) = मिमियाते थे। yelled (येल्ड) = चीखते थे। invade (इन'वेड्) = आक्रमण करना। peep in (पीप् इन्) = झांककर देखना। backing (बेकिंग) = पकाने की क्रिया करना। giggled (गिग्ल्ड्) = ही-ही करके हँसती थी। fiercely (फिअस्लि) = उग्रतापूर्वक। scampered (स्कैम्प्ड्) = हड़बड़ाकर दौड़ते थे।

twisted (ट्विस्ट्ड्)ि = मरोड़े। catalogued (कैटलॉगड्) = सूचीपत्र बखानना शुरू कर दिया। sins (सिन्स्) = अपराध । misdeeds (मिस्डीड्स्) = गलतियाँ। contrite (कन्'ट्राइट) = लज्जित। hereafter (हीअर आफ्ट) = अब से, भविष्य में। confined (कन्'फाइन्ड्) = बहुत छोटा (स्थान) । beneath (बि'नीथ्) = नीचे की ओर। bellies (बैलिज्) = पेट । gutter (ग) = मोरी। grim (ग्रिम) = गम्भीर । prospect (प्रॉसपेकट्) = कुछ घटित होने की सम्भावना। cubes (क्यूबस्) = चोकोर टुकड़े। jaggery (जैगरि) = गुड़। ran out (रेन् आऊट) = समाप्त हुआ। fetch (फेच्) = जाकर लाना। canvassing (कैन्वसिंग) = किसी विषय पर लोगों की राय माँगना। pestered (पेस्ट्ड् ) = तंग कर देते थे। excessive (इक'सेसिव) = अत्यधिक। readiness (रेड्न्स्)ि = तत्परता। sprinted (स्प्रिंटिड्) = (थोड़ी दूरी) अति वेग से दौड़ते थे।

हिन्दी अनुवाद-वे वस्तुएँ जो उसे चिड़चिड़ा बनाती थीं, वे केवल मात्र गलतियाँ ही नहीं थीं जो हम करते थे परन्तु हमारी उपस्थिति भी उसे चिड़चिड़ा बनाती थी। छोटे फूहड़ लड़कों को देखकर, जो हर वक्त हिलते-डुलते रहते थे, उसे बड़ी बेचैनी होती थी। इसमें शक नहीं कि हम लोग चबूतरे पर बहुत शोर मचाते थे। जब वह अपने घर में एक क्षण की झपकी लेने या भोजन करने या घर से किसी बुलावे कारण अपने घर के अन्दर जाता था, हम एक-दूसरे पर लोटने लगते, झगड़ते, खरोंचते, में-में कर मिमियाते और जोर-जोर से चीखते थे। या हम उसके निजी जीवन में आक्रमण कर अन्दर झाँकने का प्रयास करते थे। एक बार हम अन्दर घुस गए और एक कमरे से दूसरे कमरे में घूमे जब तक कि हम उसकी रसोई तक नहीं और हमने उसे चूल्हे के पास बैठे देखा, वह कुछ पका रहा था। हम गलियारे में खड़े हो गए और कहा, "ओह, गुरुदेव, आप खाना पकाना भी जानते हैं।" और हम ही-ही करके हँसने लगे, और एक औरत जो पास में ही खड़ी थी वह भी हमारी टिप्पणी पर ही-ही करके हँसने लगी थी।

वह उग्रतापूर्वक हमारी ओर घूमा और आदेश दिया, "लड़कों, यहाँ से बाहर जाओ; यहाँ पर मत आना; यह तुम्हारी कक्षा नहीं है।" और हम हड़बड़ाकर दौड़कर अपने स्थान पर आ गए थे। जहाँ पर बाद में उसने हमें पाया और हमारे कान मरोड़े जब तक कि हम चीखे नहीं थे। उसने कहा था, "तुम शैतानों को मैंने यहाँ प्रवेश दिया था क्योंकि मैं तुम्हें सुसंस्कृत बनाना चाहता हूँ, परन्तु जो कुछ तुम करते हो वह......" और उसने हमारे पापों और गलतियों की श्रृंखलाबद्ध सूची बता दी थी।

हम लज्जित थे और वह थोड़ा मुलायम हुआ और बोला, "अब से तुम दहलीज के उस पार नहीं जाओगे । मैं तुम्हें पुलिस को सुपुर्द कर दूंगा यदि तुम अन्दर आओगे तो।" इससे सारा मामला व्यवस्थित हो गया था। हमने कभी भी अन्दर झाँककर नहीं देखा था, परन्तु जब उसकी पीठ मुड़ती थी तो हमारा ध्यान गंदी नाली तक सीमित हो जाता था जो कि नीचे से बहकर जाती थी, और थोड़ी ही देर में यह एक निर्धारित अभ्यास बन गया था, और इसमें से एक प्रकार की नाव दौड़ प्रतियोगिता निकलकर आई थी; हम अपने पेट के बल लेट जाते थे और नाली के पानी में नाव को बहती हुई जाते देखते थे। उसने हमें चेतावनी दी थी, "यदि तुम इस परनाले में गिर गए, तो तुम अपने आपको सरयू नदी में ही पाओगे, याद रखो, और मुझे तुम्हारे पिताजी को कहना पड़ेगा कि वे वहाँ जाएँ और तुमको तलाशें, जैसा कि मैं अनुमान लगाकर कहता हूँ।" और वह हमारे गम्भीर भविष्य की आशा पर हँसता था।

हममें उसकी रुचि केवल एक रुपये माह के कारण थी या और अन्य कोई प्रकार जो कि हम ले जाने का ध्यान रखते थे। मेरे पिताजी प्रतिमाह उसे दो चौकोर टुकड़े गुड़ के भेजते थे, दूसरे चावल और सब्जियाँ लेकर आते और अन्य कोई वस्तु जो कि वह समय-समय पर हमसे माँगते थे। जब कभी घर पर उसका भण्डार खत्म हो जाता था तो वह किसी एक या दूसरे को अपने पास बुलाता था और कहता था, "अब यदि तुम एक अच्छे बच्चे हो तो तुम दौड़कर अपने घर जाओगे और मेरे लिए थोड़ा सा, केवल इतना अधिक, ध्यान रखना, चीनी लेकर आओगे। मैं देखू कि तुम कितने चतुर हो।" उसने एक दयालु, राय माँगने वाली ध्वनि इस प्रकार के अवसरों हेतु अपना रखी थी, और हम उसकी सेवा करके अपने आपको सम्मानित महसूस करते थे,

और हमारे माता-पिता को विवश कर वह उपहार लाते और उसकी सेवा करने के सम्मान के लिए लड़ते थे। हमारे माता-पिता अत्यधिक तत्परता के साथ गुरुजी पर उपकार करते थे, आभारी थे शायद क्योंकि वह दिन के अधिकांश समय के लिए हमें अपने पास रखता था, सुबह से दोपहर तक, जब वह हमें छोड़ देता था और हम घर की ओर तेजी से दौड़ते थे।

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(19) Inspite of all the apparent..... for a second the happy event. (Pages 31-32)

कठिन शब्दार्थ-Inspite of (इन् स्पाइट ऑव) = के बावजूद । apparent (अ'पैरन्ट) = वास्तविक। purpozelessness (पप्स्ल स्नस्) = निरुद्देश्यता। escorted (ईस्कॉटिड्) = साथ ले गये। saw off (सॉ ऑव) = विदा किया। blessed (ब्लेस्ड्) = ईश्वर की कृपायुक्त। bursting (बस्टिंग) = किसी वस्तु से भरपूर होना। turned out (टन्ड् आउट) = साबित हुई। pinched (पिन्च्ट) = चुटकी काटी। cast (कास्ट) = छा गया। leave out (लीव् आउट) (pt left out) = किसी व्यक्ति या वस्तु को शामिल न करना। suit (सूट) = मुकदमा। sulk (सल्क्) = कुड़ना । miserable (मिडब्ल) = परेशान। on account of = के कारण। bowed (बाउड्) = झुकाये हुए क्रिया। astrologer (अ'स्ट्रॉलज()) = ज्योतिषी। auspicious (ऑ'सपिश्स्) = शुभ।

हिन्दी अनुवाद-आभासी हिंसा और निरुद्देश्यता के बावजूद, मैं यह मानता हूँ कि हमने अपने अध्यापक के पास अच्छा काम सीखा, एक साल के भीतर मैंने अपने आपको बोर्ड हाई स्कूल के प्रथम दर्जे के लिए पर्याप्त अच्छा साबित किया था। मैं भारी पुस्तकें पढ़ सकता था, और अपने मन में ही 20 तक का गुणा कर सकता था। बूढ़े गुरुजी बोर्ड हाई स्कूल तक मेरे साथ गये थे, जो कि अभी-अभी अपने आपको स्थापित कर पाई थी, और वहाँ मेरा प्रवेश करवाया था। वे मुझे नई कक्षा में विदा करवाकर आए थे, मुझे और दो अन्य को बैठाकर आए थे, और हमें छोड़कर जाने से पहले हमें आशीर्वाद दिया था। यह हमारे लिए प्रसन्न कर देने वाला आश्चर्य था कि वह इतना दयालु भी था।

वेलान चमत्कार की खबर के लिए भरपूर उतावला हो रहा था । वह राजू के सामने हाथ जोड़कर खड़ा था, और उसने कहा, "श्रीमान, सभी चीजों का जमावड़ा अच्छा हुआ है।"
"मैं बहुत खुश हूँ-कैसे?" "मेरी बहिन, परिवार जब इकट्ठा बैठा था तब आई और अपनी मूर्खता को स्वीकार किया। वह सहमत हो चुकी है....." वह अपनी व्याख्या करता गया। उस सुबह वह लड़की इकट्ठे हुए परिवार के सामने अचानक आई थी। उसने सभी की ओर नज़र मिलाकर देखा और कहा, "मैंने इन सभी दिनों में बहुत मूर्खता से व्यवहार किया है। मैं वही करूँगी जो मेरा भाई और घर पर अन्य बड़े करने को कहेंगे। वे जानते हैं कि हमारे लिए श्रेष्ठ क्या है।"

"मैं अपने कानों पर मुश्किल से विश्वास कर पाया था", वेलान ने विस्तार से बताया। मैंने यह देखने के लिए अपने आपको चुभाया था कि क्या मैं जग रहा हूँ या सपना देख रहा हूँ। इस लड़की के मामले ने हमारे घर पर एक उदासी की छाया डाल दी थी। यदि आप हमारे विभाजन को बचाने में उपयोगी नहीं होते और सारी जटिलताएँ इसी से उठ रही थीं, तो हमारे लिए इसके समान कोई चिन्ता नहीं थी। आपने देखा कि हम सब उस लड़की को पसन्द करते हैं; और हमें उसे एक अंधेरे कक्ष में रूठा हुआ देखकर बहुत तकलीफ होती थी, वह न तो अपने कपड़े, न अपनी शक्ल, और न ही उसे भोजन की परवाह थी। हमने उसे प्रसन्न रखने का श्रेष्ठ प्रयास किया था और तब हमें उसे अकेला छोड़ना पड़ा था। हम सभी उसी के कारण बहुत उदास थे। 

और इसलिए आज सुबह हमें आश्चर्य हुआ जब वह अपने बालों में तेल लगाकर वेणी गूंथकर सामने आई थी। उसने कहा था, "अच्छा लग रहा है, मैं इन दिनों आप सभी के लिए परेशानी का कारण बनी। आप सभी मुझे क्षमा कर दीजिए। मैं वही सब कुछ करूँगी जो मेरे बड़े मुझे करने का आदेश देंगे।" स्वाभाविक रूप से, जब हम इस आश्चर्य के पार हुए उसके बाद, हमने पूछा था, "क्या तुम अपने भांजे से शादी करने के लिए तैयार हो?" उसने तुरन्त ही जवाब नहीं दिया था, परन्तु सिर झुका कर खड़ी रही थी। \

'मेरी पत्नी उसे एक तरफ ले गई और पूछा क्या हम दूसरे परिवार को संदेश भेज सकते हैं? और वह सहमत थी। हमने प्रसन्न कर देने वाला संदेश हर तरफ भेजा था, और शीघ्र ही हमारे घर में शादी होगी। मेरे पास धन, गहने और सब कुछ तैयार है। मैं कल सुबह शहनाई और नगाड़ा वादक को बुलाकर इसे शीघ्रता से सम्पन्न कर दूंगा। मैं पहले से ही ज्योतिषी से मशविरा कर चुका हूँ, और वह यह कहता है कि यह मंगलकारी समय है। मैं इसमें एक क्षण के लिए भी इस प्रसन्नता के कार्य में देर नहीं करना चाहता हूँ।"

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(20) For fear that she may change .................... you are changed. (Pages 32-33) 

कठिन शब्दार्थ-pace (पेस्) = चाल। fit (फिट) = दौरा। provoking (प्र'वोकिंग) = उकसाना। state (स्टेट) = अवस्था। debunk (डीबॅक) = असली रूप दिखलाना। mortals (मॉट्ल्स् ) = मनुष्य। divert (डाइ वट) = बदलना। came round (केम राउण्ड) = धनराशि विशेष या कुल योग विशेष होना। prefers (प्रि'फ(र)) = अधिक पसन्द करना। else (एल्स्) = अन्य। utter (अट()) = कुछ कहना। dread (ड्रेड्) = आशंकित होना। vow (वाउ) = प्रतिज्ञा। prudence (प्रूडन्स) = विवेकशीलता।

plead (प्लीड्) = गम्भीरतापूर्वक याचना करना। conjure up (कन्ज(र) अप) = मन में चित्र बनना, किसी वस्तु का तुरन्त और एकाएक प्रकट हो जाना। edification (एडिफिक्शन्) = भव्यता। obstinate (ऑबस्टिनट्) = दूसरों के लाख कहने पर भी अपनी बात से नहीं हटने वाला व्यक्ति, हठी, दुराग्रही। aloofness (अ'लूफन्स्) = एकाकी, भाव-शून्यता । bound (बाउन्ड्) = निश्चित रूप से होना या करना। concourse (काङ्कॉस) = रेल्वे स्टेशन या हवाई अड्डे के भवन में विशाल कक्ष या खुला स्थान | saviour (सेव्य(र)) = उद्धारक।

हिन्दी अनुवाद-"उस डर के कारण कि वह कहीं फिर से अपना विचार नहीं बदल दें?" राजू ने पूछा । वह जानता था कि क्यों वेलान जल्दी से यह चाल पूरी करना चाहता था। यह अनुमान लगाना बहुत ही सरल था कि ऐसा क्यों? परन्तु यह टिप्पणी दूसरे को प्रशंसा के दौरे में डालेगी, और उसने पूछा, "आपने यह कैसे जाना कि मेरे मन में क्या है, श्रीमान?"

राजू चुप रहा था। वह बिना किसी विशेष प्रशंसा के भाव के अपने होठों को नहीं खोलना चाह रहा था। यह मामलों की एक खतरनाक स्थिति थी। वह अपना असली रूप एक ही क्षण में दिखाने का मन कर चुका था। उसने तेजी से वेलान से कहा, "मेरे इस अनुमान में कुछ भी असाधारण नहीं है।" और बिना विलम्ब के इसका जवाब आया, "श्रीमान यह आपके कहने के लिए नहीं है। किसी विशालकाय दैत्य को हर वस्तु, कार्य सरल नजर आता है, परन्तु साधारण हमारे जैसे गरीब आदमी कभी नहीं जानते हैं कि दूसरे लोगों के मन में क्या चलता है।"

राजू ने उसका ध्यान हटाने के लिए साधारण तरीके से पूछा, "क्या तुम्हें दूल्हे के दृष्टिकोण का कोई विचार है? क्या वह तुम्हारे लिए तैयार है? वह उसकी मनाही के बारे में क्या सोचता है?"
"जब लड़की ने अपने विचार बदले, मैंने अपने पंडित को इसके लिए उसके साथ विचार-विमर्श करने को भेजा था, और वह यह कहने आ चुका है कि लड़का इच्छुक है। जो कुछ चला गया है वह उसके बारे में नहीं सोचना पसन्द करता है। जो कुछ हो गया है, चला गया है।"
"सत्य, सत्य" राजू ने कहा, उसके पास और कुछ कहने को नहीं था और वह और कुछ ऐसा नहीं कहना चाहता था जो एकदम बुद्धिमानी लगे। वह आजकल अपनी चतुराई से डरने लगा था। वह अपने होंठ खोलने से डरता था। शान्ति की एक प्रतिज्ञा दिखाई देती थी, परन्तु शान्ति में और भी खतरे हैं।

इस सारी विवेकशीलता ने उसने नहीं बचाया। वेलान के मामले संतुष्टिपूर्ण तरीके से समाप्त हो गये थे। एक दिन वह राजू को अपनी बहन की शादी के लिये आमन्त्रित करने आया था, और राजू को बहुत ही लम्बे समय तक, मुश्किल से गम्भीरतापूर्वक यह याचना करनी पड़ी थी इससे पहले कि वह उस पर दबाव डाले उसने कहा कि उसे (राजू) को अकेला छोड़ दें। यद्यपि वेलान बड़ी-बड़ी ट्रे में उसके लिए सिल्क के कपड़े से ढककर फल लाया था, वह इस प्रकार की पेशकश थी जो राजू अपने सैलानियों के मन में भव्यता का चित्रण कर देता था जब वह उन्हें किसी प्राचीन महल या हॉल को दिखाता हुआ ले जाता था। उसने बड़े ही स्नेहभाव से उपहार को स्वीकार किया था।

वह लड़की की शादी से बचा था। वह नहीं चाहता था कि उसे भीड़ में देखा जाए, और वह अपने चारों ओर भीड़ भी इकट्ठी नहीं होने देना चाहता था, उस आदमी के रूप में जिसने एक जिद्दी, हठी लड़की में परिवर्तन किया था। परन्तु उसका अकेलापन, भावशून्यता उसे बचा नहीं पाई थी। यदि वह शादी में नहीं जाता है तो शादी उसके पास आकर हो जाएगी एक सम्भवतः जल्दी के क्षण में वेलान लड़की और उसके पति को ले आया और सम्बन्धियों का जमावड़ा मन्दिर के विशाल खुले स्थान में आया। राजू से लड़की ने स्वयं एक उद्धारक के रूप में बात की। उसने प्रत्येक से कहा, "वह किसी से बात नहीं करते हैं, परन्तु यदि वे आपकी ओर देखते हैं तो आप बदल जायेंगे।"

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(21) His circle was gradually ............... his hand for stabbing us.” (Pages 33-34)

कठिन शब्दार्थ-widening (वाइड्निंग) = चौड़ा हो जाना। toil (टॉइल) = परिश्रम करना। gratitude (ग्रैटिट्यूड) = कृतज्ञता। entruder (इन'ट्रड(र)) = अनधिकार प्रवेश करने वाला व्यक्ति । whisper (विस्प(र)) = कानाफूसी करना। wondered (वन्ड(र)ड्) = स्वयं से पूछता था। devise (डि'वाइज्) = युक्ति। throughout (श्रू'आउट) = सारा का सारा । backyard (बैक'याड) = घर का पिछला आँगन। gigantic (जाइ 'गैनटिक)) = अत्यधिक बड़ा । hibiscus (हिबिस्कॅस) = जपाकुसुम। hushed (हश्ड) = चुप्पी।

palpitated (पैल्पिटेट) = (दिल का) धड़का। crouched (क्राउन्ड) = टांगों और शरीर को ऐसे झुकाना कि जमीन तक पहुँच जाए, सिकुड़ कर बैठना। bay (बे) = घेरा। congenial (कन्'जीनिअल) = प्रीतिकर। contemplation (कॉन्टम् 'प्लेशन्) = चिन्तन। look for (लुक फॉ(र)) = तलाश करना। awed (ऑड्). = भय या प्रशंसा से प्रेरित आदर भाव । renounced (रि'नाउन्स्ड् ) = त्याग दिया। meditate (मेडिटेट) = चिन्तन करना। promissory (प्रॉम्'इसॅरि) = वचन पत्र । stabbing (स्टैबिंङ्) = छुरा भोंकने की वारदात।

हिन्दी अनुवाद-उसका क्षेत्र क्रमशः चौड़ा होता जा रहा था। वेलान, अपने दिन के अन्त में जब वह कृषि कार्य के कड़े परिश्रम के बाद आता और नीचे वाली सीढ़ी पर बैठ जाता था। यदि राजू बोलता था, वह सुनता था; अन्यथा वह शान्ति को समान कृतज्ञता के साथ स्वीकार कर लेता था, अंधेरा होने पर बिना एक शब्द बोले उठ जाता और चल देता था। क्रमशः बिना ध्यान दिये, कुछ और भी बहुत नियमित आना शुरू हो गए थे। राजू बहुत अच्छी तरह से यह प्रश्न नहीं कर सकता था कि वे कौन थे। नदी का किनारा एक सार्वजनिक स्थान था, और वह स्वयं बिना अनुमति के आया था। 

वे वहीं नीचे की सीढी पर बैठे और राज की ओर देखते और निरन्तर उसकी ओर देखते रहते थे। वह किसी से भी एक शब्द भी नहीं कहता था; वह सिर्फ उसी एक स्थान पर ही बैठा रहता था, नदी की ओर देखता रहता था, दूसरे किनारे पर और बहुत सोचने का प्रयास करता कि अब वह आगे कहाँ जाए और क्या करे । वे इतनी जोर से नहीं बोलते थे केवल फुसफुसाते थे, डरते थे कि कहीं वह (राजू) व्यवधान में नहीं पड़ जाए । इन अवसरों पर राजू अपने आपको परेशान सा महसूस करता था और यह जानने को उत्सुक रहता था कि वह इस संगत से बचकर निकलने का कोई नया तरीका निकाले । सारा का सारा दिन वह व्यावहारिक रूप में अकेला छोड़ दिया जाता था, परन्तु शाम को देर तक जब ग्रामीण अपना काम कर लेते थे, वे सभी आ जाते थे।

एक शाम उस संगत के आने से पहले वह स्वयं ही मन्दिर के पिछवाड़े की ओर चला गया और उसने स्वयं को अत्यधिक बड़ी गुड़हल की झाड़ी के पीछे छुपा लिया जो कि लाल रंग के फूलों से भरी हुई थी। उसने उनको आते हुए सुन लिया था, और नदी की सीढ़ियों पर उनकी आवाज को सुन लिया था। वे सन्नाटे में धीमी आवाज में बातें कर रहे थे। वे भवन के चारों ओर गए और गुड़हर की झाड़ी के पास से भी गुजरे । राजू का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा जैसे ही वह उस तरह सिकुड़कर उकडू होकर बैठा जैसे कि कोई जानवर किसी कक्ष या खण्ड विशेष में बैठता है। उसने अपनी सांस रोक ली और इन्तजार किया। वह पहले से ही स्पष्टीकरण देने की योजना बना चुका था यदि वे उसकी उपस्थिति को वहाँ खोजकर पता लगा लेते हैं। वह यह कहेगा कि वह गहरे विचारों में था और गुड़हर की यह झाड़ी सौहार्द्रपूर्ण है इस प्रकार के चिन्तन के लिए। परन्तु सौभाग्य से उन्होंने उसको वहाँ तलाश नहीं किया। वे झाड़ी के नजदीक खड़े होकर धीर-धीरे, प्रशंसा के भाव से फुसफुसाहट करने लगे, एक ने कहा, "वह कहाँ जा सकते हैं?"

"वे बहुत बड़े आदमी हैं, वे कहीं भी जा सकते हैं, उनके पास करने के लिए हजारों काम हैं।"
"ओह, तुम नहीं जानते हो। उसने संसार का स्वामित्व त्याग दिया है, वे कुछ भी नहीं केवल ध्यान लगाते हैं। कितनी दया की बात है कि वे आज यहाँ नहीं हैं।" "सिर्फ उनके साथ कुछ मिनिट तक बैठे रहते हैं-आह, वे हमारे घर में क्या परिवर्तन लाए हैं। क्या तुम जानते हो, मेरा वह चाचा का भाई कल रात मेरे पास आया और उसने रुक्का/वचन पत्र वापस दे दिया था। जब तक वह उसके पास था, मैं यह महसूस करता था कि मैंने उसके हाथ में हमें छुरा घोंपने के लिए एक चाकू दे दिया था।"

RBSE Class 11 English The Guide Translation in Hindi Part 1

(22) "We won't have to fear ............... Velan had given him. (Pages 34-36) 

कठिन शब्दार्थ-appearances: (अपिअरन्स्स् ) = दर्शन। moved off (मूव्ड् ऑफ) = हट गये। splashing (स्प्लै शिंग) = छपछप करते हुए। held up (pt of hold up) = देरी, देर, जकड़ना, लूटना। dragged (ड्रैग्ड्) = घसीटा, खींचा। cautiously (कॉशसलि) = सतर्कता से। shadowy (शेडोई) = छाया बहुल। vanished (वैनिश्ड्) = गायब हो गया। altogether (ऑल्ट'गेद(र)) = पूर्णतया। wrapped (रेपड्) = लपेटा। pedastal (पेडिस्टल) = आधार । subsisted (सब् 'सिस्टेड्) = निर्वाह करता था। atom (एट्म्) = सूक्ष्म भाग। at ease (एट् इज्) = आराम से। unasked (अनआस्क्ट ) = बिना माँगे । sublime (स'ब्लाइम्) = अति श्रेष्ठ।

हिन्दी अनुवाद-"अब हमें और अधिक डरना नहीं पड़ेगा, यह हमारा अच्छा सौभाग्य है कि यह महान आत्मा आकर हमारे बीच में रह रही है।"
"परन्तु वह आज गायब हो गए हैं, इसमें आश्चर्य नहीं कि वह हमें सदैव के लिए छोड़ गये हैं।" "यह हमारा दुर्भाग्य होगा यदि वह चले जाते हैं।" "उनके वस्त्र तो अभी भी हॉल में हैं।" "उन्हें कोई डर नहीं है।" "वह भोजन जो मैं कल लाया था खा लिया गया है।"

"जो कुछ तुम अभी लाए हो उसे वहीं छोड़ दो, वह निश्चय ही अपने भ्रमण से आएंगे और उनको भूख लगेगी।" राजू उस आदमी के विचारों के लिए अपने आपको उसका आभारी महसूस कर रहा था।
"क्या तुम जानते हो कि ये योगी सिर्फ एक विचार से ही हिमालय की यात्रा कर सकते हैं।" "मैं यह नहीं मानता हूँ कि वह इस प्रकार का योगी है।" दूसरे ने कहा। "कौन कह सकता है? बाह्य रूप रंग कभी कभार भटकाने वाले होते हैं।" किसी ने कहा। वे तब अपनी रोज बैठने वाले स्थान की सीट की ओर चले गए और वहाँ बैठ गए। लम्बे समय तक राजू उन्हें आपस में बातें करता हुआ सुन सकता था। थोड़ी देर बाद वे वहाँ से चले गए थे, राजू उनके पैरों के छपछप की आवाज सुन सकता था, "अब हमें चलना चाहिए इससे पहले कि बहुत अंधेरा हो जाए। लोग कहते हैं कि नदी के इस भाग में एक बहुत बूढ़ा मगरमच्छ रहता है।" "इसी स्थान पर, एक लड़का जो मेरा जानकार था, उसे घुटने से पकड़ लिया था।" "तब क्या हुआ?" "अगले दिन, वह घसीटा हुआ पड़ा था............"

राजू दूर से उनकी आवाजें सुन सकता था। उसने सावधानी से अपने छुपे हुए स्थान से उन्हें झाँककर देखा था। वह दूसरे किनारे पर से उनकी धुंधली आकृतियाँ देख सकता था। उसने इन्तजार किया जब तक कि वे पूर्णतया उसकी नजरों से गायब नहीं हो गए थे। वह अन्दर गया और उसने एक दीया जलाया। वह भूखा था। वे पुरानी मूर्ति के आधार पर केले के पत्तों में लपेटकर उसका भोजन छोड़कर गए थे। राजू आभार से भर गया था और उसने प्रार्थना की कि वेलान कभी भी उस स्थिति पर आकर नहीं सोचे कि वह भोजन के लिए इतना अच्छा था और यह कि वह हवा के अणुओं पर जीवनयापन कर सकता था। _ अगली सुबह वह जल्दी उठा और अपने नित्यकर्मों से निवृत्त हुआ, नदी में उसने अपने कपड़े धोए, स्टोव जलाया, अपने लिए कॉफी बनाई, और पूर्णतः अपने आपको आराम महसूस करवाने लगा कि वह संसार में ठीक है। आज उसे अपना भाग्य निर्धारित करना था। 

या तो वह अपने जन्म स्थान के कस्बे में वापस चला जाएगा। लोगों की हँसी और घूरने को कुछ दिनों तक बर्दाश्त करेगा या कहीं और चला जाएगा। वह कहाँ पर जा सकता था? उसने कठोर परिश्रम से अपना जीवनयापन करने का प्रशिक्षण नहीं लिया था। अब उसके पास बिना माँगे भोजन आ रहा था, यदि वह कहीं और चला जाता है तो निश्चित रूप से उसके लिए कोई भी भोजन लेकर आने की जहमत नहीं उठायेगा। केवल वह इन्तजार करता रहेगा। और कोई दूसरा स्थान जहाँ यह हो सकता था कि कोई उसे भोजन लाकर दे वह जेल थी। अब वह कहाँ जा सकता था? कहीं नहीं। गायें जो ढलानों पर चर रही थीं वे उस स्थान को अतिश्रेष्ठ शान्ति का स्थान प्रदर्शित कर रही थीं। उसने महसूस किया कि उसके पास और कोई विकल्प नहीं था, उसे वही भूमिका अदा करनी थी, जो कि वेलान ने उसे दी थी।

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(23) With his mind made up ..................... and dry yourself, boy.” (Pages 36-37)

कठिन शब्दार्थ-mind made up (make up your mind) = मन में निश्चय करके। beatitude (बिएटिट्यूड) = परमानन्द। radiance (रेडिअन्स्) = प्रकाश या ताप को बिखेरने वाला, विकिरणकारी। afford (अ'फॉड्) = कुछ करने या खरीद सकने के लिए पर्याप्त धन या समय निकाल सकना। stint (स्टिन्ट) = निश्चित अवधि । anticipated (ऐन्'टिसिपेटिड्) = पूर्वाभास किया। composed (कम पोज्ड) = निर्मित। pose (पोज्) = किसी को निपटाने के लिए कुछ दे देना या कुछ परेशानी उत्पन्न कर देना। aflame (अफलेम) = प्रज्वलित । tint (टिन्ट) = किसी रंग की रंगत या हल्का पुट या छींटा। crescendo (क्र 'शेन्डो) = (संगीत या ध्वनि) आरोह या उत्कर्ष स्वर। dying down (die down) = क्रमशः क्षीण होना। panicky (पैन्इकि) = आतंकित। redeem (रि'डीम्) = बचा लेना। dignified (डिग्निफाइड्) = गरिमामय । plantain (प्लैन्टिन्) = मीठा फल । bleached (ब्लीचड्) = मांस रहित, स्वच्छ।

हिन्दी अनुवाद-उसने इस बात का निश्चय कर लिया था कि वह शाम को वेलान और उसके दोस्तों से मिलेगा। वह आम दिनों की भाँति पत्थर की पटिया पर अपने चेहरे पर शान्ति और परमानन्द का भाव लेकर बैठा था। वह चीज जो उसे वास्तव में परेशान कर रही थी वह थी कि जो कुछ वह कहता है वह उसमें बहुत श्रेष्ठ प्रतीत होता था। भविष्य की समस्या से बचने के लिए वह मौन धारण कर चुका था। परन्तु अब यह भय भी चला गया था। उसने यह निश्चय किया कि अब वह जितना श्रेष्ठ लग सकता है, लगेगा, अब उसके होठों से विचारों के मोती गिरने दो, उसे उपलब्ध प्रकाश को भी मान लेना चाहिए और इस अवधि में आवश्यक निर्देशन देने का समय निकाल लेना चाहिए। उसने और पूर्णता के साथ मंच से प्रदर्शन व्यवस्थित कर प्रदर्शन करने का निश्चय किया। इस दृष्टिकोण के साथ उसने मन्दिर के अन्दर के हॉल में अपनी सीट को स्थानान्तरित किया। यह किसी को भी अच्छी पृष्ठभूमि दे देता था। वह वहाँ पर उस समय तक बैठा जब तक वेलान और दूसरे लोगों के आने का समय हो गया था। उसने अपनी मुखाकृति और मुद्रा उनका स्वागत करने के अन्दाज में बना लिया था।

सूर्य अस्त हो रहा था। इसका रंग दीवार को छूकर लाल हो रहा था । नारियल के पेड़ों की चोटियाँ प्रज्वलित हो रही थीं। पक्षियों की चहचहाट क्षीण होने से पूर्व आरोह स्वर की ओर चली गई थी इससे पहले कि रात हो । अंधेरा हो गया था। अभी तक वेलान और किसी अन्य का कोई संकेत नहीं था। उस रात वे नहीं आये थे। वह बिना भोजन के रह गया था, यह मुख्य चिन्ता नहीं थी, उसके पास अभी भी कुछ केले रखे थे। क्या मान लें वे कभी दुबारा नहीं आयें? क्या होना था? वह घबरा गया था। सारी रात वह चिन्ता करता हुआ लेटा रहा। उसके सारे पुराने डर वापस आ गये थे। यदि वह कस्बे में वापस गया तो वह उस आदमी से अपना घर वापस ले सकेगा जिसको उसने इसे गिरवी रखा था। उसे रहने के स्थान के लिए संघर्ष करना पड़ेगा वह भी अपने स्वयं के घर में या उसे नकद राशि से इसे बचाना पड़ेगा। उसने स्वयं से वाद-विवाद किया कि क्या वह नदी के उस पार जाए, गाँव में चलकर जाए और वेलान की तलाश करे। यह करना गरिमामय प्रतीत नहीं होता था। इससे उसका आत्मसम्मान कम दिखेगा और वे सब उसकी ओर ध्यान नहीं देंगे।

उसने नदी के दूसरे किनारे पर एक लड़के को भेड़ चराते हुए देखा। उसने अपने हाथों से ताली बजाई और चिल्लाया, "यहाँ आओ" वह सीढ़ियों से नीचे उतरा और पानी के उस पार चिल्लाया, "बालक, मैं इस मन्दिर का नया पुजारी हूँ, यहाँ आओ। मेरे पास तुम्हारे लिए एक केला है। आओ और इसे ले लो।" उसने प्रभावशाली ढंग से इसे कहा, यह महसूस करते. हुए कि शायद यह एक जुआ हो; यह उसके गोदाम का अन्तिम फल था और वर्तमान में यह भी जा रहा है, जैसे कि शायद यह बालक, और वेलान यह कभी भी नहीं जान पायेगा कि उसे इसकी कितनी आवश्यकता थी, जब कि वह, राजू, वह वहाँ भूखा पड़ा रहेगा जब तक कि मन्दिर में पड़ी उसकी हड्डियों का रंग बदल जायेगा और उसके चारों ओर पड़े ध्वस्त मलबे में मिल जाएगी। इन्हीं विचारों के साथ उसने प्रभावशाली तरीके से केले को आगे बढ़ाया। इसकी ओर बालक आकर्षित हो गया और जल्दी ही नदी के पानी को पार कर इस ओर आ गया। वह ठिगना था और कानों तक गीला हो गया था। राजू ने कहा, "बालक, अपनी पगड़ी उतारकर अपने आपको सुखा लो।" 

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(24) I am not afraid .......... flock on the opposite slope. (Pages 37-38)

कठिन शब्दार्थ-farther ('फाद(र)) = दूर, दूरस्थ। whoever (हू एव(र)) = जो कोई। peeled (पील्ड) = छिलका उतारा। resolute (रेज़लूट) = दृढनिश्चयी। vaguely (वेग्लि) = साफ तौर से नहीं। flock (फ्लॉक) = झुण्ड।

हिन्दी अनुवाद-"मैं पानी से नहीं डरता हूँ।" उसने कहा। "तुम्हें इतना भीगना नहीं चाहिए।" लड़के ने केले के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया और कहा, "मैं तैर सकता हूँ। मैं हमेशा तैरता हूँ।" "परन्तु मैंने तुम्हें पहले यहाँ नहीं देखा है।" राजू ने कहा। "मैं यहाँ नहीं आता हूँ। मैं आगे नीचे जाता हूँ और तैरता हूँ।" "तुम यहाँ क्यों नहीं आते हो?" "यह मगरमच्छ का स्थान है।" उसने कहा। "परन्तु मैंने कोई मगरमच्छ नहीं देखा है।"
"आप कभी देख लोगे" बालक ने कहा, "मेरी भेड प्रायः वहाँ पर चरती हैं, मैं यह देखने आया था कि यहाँ कोई आदमी था।"
"क्यों" "मेरे चाचा ने मुझे निगरानी रखने के लिए कहा था।" उसने कहा "अपनी भेड़ों को उस मन्दिर के सामने लेकर जाओ और देखो कि कोई आदमी वहाँ है, यही है कि आज मैं यहाँ क्यों आया हूँ।"

राजू ने लड़के को केला दिया और कहा, "अपने चाचा से कहना कि वह आदमी यहाँ वापस आ गया है और उसे आज शाम को यहाँ पर भेजना।"
उसने यह पूछने का इन्तजार नहीं किया कि चाचा कौन थे। जो कोई भी वह है, उसका स्वागत था। लड़के ने केले को छीला और इसे पूरा निगल गया था, और वह छिलके को भी चबाकर खाने लगा था।
"तुम छिलका क्यों खाते हो? इससे तुम बीमार हो जाओगे।" राजू ने कहा।
"नहीं, इससे नहीं होऊँगा" लड़के ने जवाब दिया। वह एक दृढनिश्चयी लड़का प्रतीत होता था जो उसके मन को जानता था।
राजू ने अस्पष्ट रूप से सलाह दी, "तुम अवश्य ही एक अच्छे लड़के हो, अब तुम जाओ और अपने चाचा को कहो।"
लड़का चला गया था, उसने जाते हुए चेतावनी दी, "उन पर मेरे वापस आने तक निगाह रखना।" उसने ढलान के विपरीत दिशा की ओर झुण्ड की ओर इशारा किया था। 

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(25) One fine day...............not impress my mother. (Pages 38-39) 

कठिन शब्दार्थ-gleamed (ग्लीम्ड्) = दिखाई दिया, चमका। posts (पोस्ट्स) = खम्बे। stripes (स्ट्राइप्स्) = रंगीन धारी। culvert (कलवट) = पुलिया। sapling (सैप्लिङ्) = छोटा पौधा। festoons (फे स्टून्स) = बंदनवार। buntings (बन्टिंगस्) = झण्डियाँ । banging (बैङ्-इंग) = तेज आवाज करते हुए। steamed in (स्टीम्ड इन्) = पहुँच गया। flourished (फ्लरिश्ड्) = लहराते थे। assembled (अ'सेम्बल्ड) = समूह के रूप में एकत्र हुए। cheated (चीट्ड्) = ठगा हुआ। indignant (इन 'डिगनन्ट) = अपमानित। squeezed (स्कवीड) = सिकोड़कर निकल गया। recurring (रि'करिंग) = बार-बार दोहराते हुए। struck up (स्ट्रक अप) = बजने लगा। consuming (कन् 'स्यूमिंङ्) = खा रहे थे। inclined (इन'क्लाइन्ड्) = प्रवृत्त। record (रेकॉड्) = उच्चतम। installed (इन'स्टॉल्ड) = पदस्थापित कर दिया गया था। prosperous (प्रॉस्परस्) = समृद्ध। acquired (अ'क्वाइअ(र)) = खरीद लिया। Jutka (जुटका) = तांगा| apathetic (ऐप'थेटिक्) = अनिच्छुक। gram (ग्रैम) = चना। horse gram (हॉस ग्रैम) = कुलथी (एक प्रकार की दाल)। swept off (स्वेप्ट ऑफ) = दूर कर दिया। emphasis (एम्फसिस्) = विशेष ध्यान।

हिन्दी अनुवाद-एक बहुत ही शुभ दिन इमली के पेड़ के उस पार, स्टेशन का भवन तैयार था। फौलाद की पटरियाँ सूरज की रोशनी में चमकती थीं। सिग्नल (संकेतक) के खम्भे अपनी लाल और हरी धारियों और रंगीन चिमनियों के साथ खड़े थे, और हमारा संसार साफ सुथरे तौर पर रेल्वे लाइन के इस पार और उस पार के पक्षों में विभाजित कर दिया गया था। सब कुछ तैयार था। हमारा सारा अतिरिक्त समय रेल्वे लाइन के सहारे आधी मील तक बने हुए पुलिया तक घूमकर ही बीतने लगा था। हम अपने प्लेटफॉर्म पर ऊपर-नीचे चढ़ने लगे थे। एक गुलमोहर का छोटा पौधा रेल्वे के आँगन में लगा दिया गया था। हम उसके गलियारे में से गुजरते, और स्टेशन मास्टर के लिए बने हुए कमरे में झाँककर देखते थे।

एक दिन हम सभी को अवकाश दिया गया था। "आज हमारे कस्बे में ट्रेन आ रही है।" लोगों ने उत्तेजित होकर कहा। स्टेशन को झण्डियाँ और रंगीन कागज व फूलों से सजाया गया। एक वादक शहनाई बजा रहा था, बैण्ड भी बज रहे थे। नारियलों को रेल्वे लाइन पर फोड़ा गया था, और एक इंजन सतत प्रवाह के साथ आया और अपने साथ कुछ डिब्बे भी खींचता हुआ लाया था। कस्बे के बहुत से महत्त्वपूर्ण व्यक्ति वहाँ पर थे। कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और नगरपालिका के अध्यक्ष, और बहुत से व्यापारी, जो अपने हाथों में हरे रंग के आमंत्रण पत्रों को लहरा रहे थे, वे सभी लोग स्टेशन पर एकत्रित हुए थे। पुलिस प्लेटफॉर्म की सुरक्षा कर रही थी और भीड़ को अन्दर नहीं आने दे रही थी। मुझे इस बात से लगा कि हमें धोखा दिया गया था। मुझे यह नापसन्द था कि कोई भी व्यक्ति मेरे प्लेटफॉर्म पर प्रवेश को रोक सके। मैं सुदूर अन्त के छोर में जाकर रेलिंग्स के बीच में से सिकुड़कर प्लेटफॉर्म पर घुस गया था, और उस समय तक जब इंजन आया मैं उसका स्वागत करने के लिए वहाँ पर था। मैं संभवतया इतना छोटा था कि किसी ने मेरी उपस्थिति पर गौर नहीं किया था।

टेबल लगाई गई थी और अफसर लोग वहाँ बैठकर अपना नाश्ता ले रहे थे और तब कई आदमी खड़े हुए और उन्होंने वहाँ पर भाषण दिया। मैं केवल C' (सी) और 'मालगुड़ी' शब्द के प्रति ही सचेत रहा जो कि बार-बार उनके भाषणों में आ रहा था। वहाँ तालियाँ बजाई जा रही थीं। बैण्ड ने अपना राग छेड़ा, इंजन ने सीटी मारी, घंटी बजी, गार्ड ने अपनी सीटी बजाई और वह व्यक्ति जो कि नाश्ता कर रहे थे, गाड़ी में चढ़ गये। मैं उनके उदाहरण का अनुसरण करने का आधा इच्छुक था, परन्तु वहाँ पर बहुत से पुलिस के लोग थे जिन्होंने मुझे रोक दिया था। गाड़ी चली और बहुत ही जल्दी हमारी नजरों से ओझल हो गई थी। अब एक बहुत बड़ी भीड़ को प्लेटफॉर्म पर आने की आज्ञा दी गई थी। उस दिन मेरे पिताजी की दुकन पर उच्चतम बिक्री हुई थी।

उस समय तक एक स्टेशन मास्टर और कुली को पदस्थापित कर दिया गया था और वे स्टेशन के पीछे बने अपने मकान में रहने लगे थे, जो कि हमारे घर के सामने बना था। मेरे पिताजी इतने समृद्ध हो गये थे कि उन्होंने एक तांगा और घोड़ा खरीद लिया जिससे कि वे कस्बे में जाकर अपनी खरीददारी कर सकें।

मेरी माँ उदासीन हो गई थी। "तुम घर में यह अतिरिक्त परेशानी क्यों ले आए, घोड़ा और घोड़े को दाना (दाल) और यह सब, जबकि भैंस का यह जोड़ा ही मेरे लिए पर्याप्त परेशानी है।"
उन्होंने उसे विस्तार से जवाब नहीं दिया था, सिर्फ उसकी आपत्तियों को दूर किया था, "तुम इन सब चीजों के बारे में कुछ नहीं जानती हो। मुझे कस्बे में रोजाना बहुत सारा काम होता है। मुझे प्रायः बार-बार बैंक भी जाना पड़ता है।" उसने "बैंक" शब्द कहा था जिसमें एक गर्व का महत्त्व था, परन्तु इसने मेरी माताजी के मन में कोई छाप नहीं छोड़ी थी।

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(26) And so there was an addition ........................ should be mine! (Pages 39-40)

कठिन शब्दार्थ-addition (अडिशन) = संयोजन। Thatch (थैच) = छप्पर । shed (शेड्) = अस्तबल। pony (पोनि) = टट्टू । groom (ग्रूम) = साईस। look after (लुक् ऑफ्ट(र)) = देखभाल करना। become the talk of the town = कस्बे में चर्चा का विषय बन गया। carriage (कैरिज) = गाड़ी। reconciled (रेकन्साइल्ड्) = तालमेल बैठाया। vanity (वैनटि) = दंभ। convinced (कन विन्स्ट्) = विश्वास दिलाया। overestimated (ओवर 'एसटिमेट्ड) = किसी व्यक्ति या वस्तु का अधिक मूल्यांकन कर लिया। nagged (नैग्ड्) = जली-कटी सुनाती, पीछे पड़ी रहती थी। aggressiveness (अ'ग्रेसिव्न्स ) = आक्रामकता। apologetic (अ'पॉल'जेटिक) = क्षमा याचना करने की स्थिति, खेद व्यक्त करने की दशा । spurmed (स्पन्ट्) = ठुकरा दिया, स्वीकार नहीं किया। maintain (मेन् 'टेन्) = बनाए रखना। extravagant (इक स्ट्रैवगन्ट्) = फिजूल खर्च। turnout (टआउट्) =

धारियों और रंगीन चिमनियों के साथ खड़े थे, और हमारा संसार साफ सुथरे तौर पर रेल्वे लाइन के इस पार और उस पार के पक्षों में विभाजित कर दिया गया था। सब कुछ तैयार था। हमारा सारा अतिरिक्त समय रेल्वे लाइन के सहारे आधी मील तक बने हुए पुलिया तक घूमकर ही बीतने लगा था। हम अपने प्लेटफॉर्म पर ऊपर-नीचे चढ़ने लगे थे। एक गुलमोहर का छोटा पौधा रेल्वे के आँगन में लगा दिया गया था। हम उसके गलियारे में से गुजरते, और स्टेशन मास्टर के लिए बने हुए कमरे में झाँककर देखते थे।

एक दिन हम सभी को अवकाश दिया गया था। "आज हमारे कस्बे में ट्रेन आ रही है।" लोगों ने उत्तेजित होकर कहा। स्टेशन को झण्डियाँ और रंगीन कागज व फूलों से सजाया गया। एक वादक शहनाई बजा रहा था, बैण्ड भी बज रहे थे। नारियलों को रेल्वे लाइन पर फोड़ा गया था, और एक इंजन सतत प्रवाह के साथ आया और अपने साथ कुछ डिब्बे भी खींचता हुआ लाया था। कस्बे के बहुत से महत्त्वपूर्ण व्यक्ति वहाँ पर थे। कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और नगरपालिका के अध्यक्ष, और बहुत से व्यापारी, जो अपने हाथों में हरे रंग के आमंत्रण पत्रों को लहरा रहे थे, वे सभी लोग स्टेशन पर एकत्रित हुए थे। पुलिस प्लेटफॉर्म की सुरक्षा कर रही थी और भीड़ को अन्दर नहीं आने दे रही थी। मुझे इस बात से लगा कि हमें धोखा दिया गया था। मुझे यह नापसन्द था कि कोई भी व्यक्ति मेरे प्लेटफॉर्म पर प्रवेश को रोक सके। मैं सुदूर अन्त के छोर में जाकर रेलिंग्स के बीच में से सिकुड़कर प्लेटफॉर्म पर घुस गया था, और उस समय तक जब इंजन आया मैं उसका स्वागत करने के लिए वहाँ पर था। मैं संभवतया इतना छोटा था कि किसी ने मेरी उपस्थिति पर गौर नहीं किया था।

टेबल लगाई गई थी और अफसर लोग वहाँ बैठकर अपना नाश्ता ले रहे थे और तब कई आदमी खड़े हुए और उन्होंने वहाँ पर भाषण दिया। मैं केवल C' (सी) और 'मालगुड़ी' शब्द के प्रति ही सचेत रहा जो कि बार-बार उनके भाषणों में आ रहा था। वहाँ तालियाँ बजाई जा रही थीं। बैण्ड ने अपना राग छेड़ा, इंजन ने सीटी मारी, घंटी बजी, गार्ड ने अपनी सीटी बजाई और वह व्यक्ति जो कि नाश्ता कर रहे थे, गाड़ी में चढ़ गये। मैं उनके उदाहरण का अनुसरण करने का आधा इच्छुक था, परन्तु वहाँ पर बहुत से पुलिस के लोग थे जिन्होंने मुझे रोक दिया था। गाड़ी चली और बहुत ही जल्दी हमारी नजरों से ओझल हो गई थी। अब एक बहुत बड़ी भीड़ को प्लेटफॉर्म पर आने की आज्ञा दी गई थी। उस दिन मेरे पिताजी की दुकन पर उच्चतम बिक्री हुई थी।

उस समय तक एक स्टेशन मास्टर और कुली को पदस्थापित कर दिया गया था और वे स्टेशन के पीछे बने अपने मकान में रहने लगे थे, जो कि हमारे घर के सामने बना था। मेरे पिताजी इतने समृद्ध हो गये थे कि उन्होंने एक तांगा और घोड़ा खरीद लिया जिससे कि वे कस्बे में जाकर अपनी खरीददारी कर सकें।

मेरी माँ उदासीन हो गई थी। "तुम घर में यह अतिरिक्त परेशानी क्यों ले आए, घोड़ा और घोड़े को दाना (दाल) और यह सब, जबकि भैंस का यह जोड़ा ही मेरे लिए पर्याप्त परेशानी है।" उन्होंने उसे विस्तार से जवाब नहीं दिया था, सिर्फ उसकी आपत्तियों को दूर किया था, "तुम इन सब चीजों के बारे में कुछ नहीं जानती हो। मुझे कस्बे में रोजाना बहुत सारा काम होता है। मुझे प्रायः बार-बार बैंक भी जाना पड़ता है।" उसने "बैंक" शब्द कहा था जिसमें एक गर्व का महत्त्व था, परन्तु इसने मेरी माताजी के मन में कोई छाप नहीं छोड़ी थी।

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(27) And so there was an addition ........................ should be mine! (Pages 39-40)

कठिन शब्दार्थ-addition (अडिशन्) = संयोजन। Thatch (थैच) = छप्पर । shed (शेड्) = अस्तबल। pony (पोनि) = टटू । groom (ग्रॅम) = साईस। look after (लुक् ऑफ्ट(र)) = देखभाल करना। become the talk of the town = कस्बे में चर्चा का विषय बन गया। carriage (कैरिज) = गाड़ी। reconciled (रेकन्साइल्ड्) = तालमेल बैठाया। vanity (वैनटि) = दंभ। convinced (कन विन्स्ट्) = विश्वास दिलाया। overestimated (ओवर 'एसटिमेट्ड) = किसी व्यक्ति या वस्तु का अधिक मूल्यांकन कर लिया। nagged (नैग्ड्) = जली-कटी सुनाती, पीछे पड़ी रहती थी। aggressiveness (अग्रेसिवन्स) = आक्रामकता। apologetic (अ'पॉल'जेटिक) = क्षमा याचना करने की स्थिति, खेद व्यक्त करने की दशा ।

spurmed (स्पन्ट्) = ठुकरा दिया, स्वीकार नहीं किया। maintain (मेन्टेन्) = बनाए रखना। extravagant (इक'स्ट्रैवगन्ट्) = फिजूल खर्च। turnout (टआउट्) = जमावड़ा। worn out (वॉन् आउट) = तंग आकर । persistent (प'सिस्टन्ट) = सतत । considered (कन सिड(र)ड्) = गम्भीरतापूर्वक। disposing of (डिसपोजिंग ऑफ) = मुक्ति पाने की। fantastic (फैन 'टैस्टिक्) = विलक्षण। converting (कन्'बट) = बदलना। acquaintance (अ'कवेन्टन्स्) = परिचित व्यक्ति। proposition (प्रॉप'जिश्न्) = प्रस्ताव। convincing (कन् 'विन्सिंग) = आश्वस्त करना। lounging (लाउन्ज़िग) = अलसाते हुए बैठना, खड़े होना या लेटना। instinct (इनस्टिंक्ट्) = सहज प्रवृत्ति । ply (प्लाइ) = लोगों को सेवा उपलब्ध करवाना।

हिन्दी अनुवाद-और हमारे आँगन में छप्पर का बना एक शेड अतिरिक्त जुड़ गया, जिसमें एक भूरे रंग का खच्चर बाँधा गया, और मेरे पिताजी ने इसकी देखभाल करने के लिए एक साईस रख लिया। इस गाड़ी और घोड़े के कारण हम कस्बे में चर्चा का विषय बन गए, परन्तु मेरी माँ ने कभी भी इसके साथ तालमेल नहीं बैठाया। यह इसे मेरे पिताजी की ओर से एक असाधारण घमण्ड के रूप में देखती थी और मेरे पिताजी की ओर से दिया गया कोई भी स्पष्टीकरण किसी भी प्रकार से उन्हें आश्वस्त नहीं कर पाया। उसका दृष्टिकोण था कि मेरे पिताजी ने अपने व्यवसाय का अधिक मूल्यांकन कर लिया था और वह इसकी शिकायत करती रहती थी जब कभी भी घोड़ा और गाड़ी का सही प्रयोग नहीं होता और वह घर पर खड़ा रहता था। 

वह उनसे यह उम्मीद करती थी कि वे शहर की गलियों में हमेशा अपने इसी वाहन से चक्कर लगाते रहें। उसका कस्बे में कभी भी एक घंटे से अधिक का काम नहीं रहता था और वे हमेशा समय पर अपनी दुकान में उपस्थित रहने के लिए आ जाते थे, जिसे अब वो अपने एक मित्र को दिन के कुछ घंटों के लिए संभलाकर जाते थे। मेरी माताजी अपने आपको एक सफलतम आलोचक के रूप में विकसित कर रही थी, मैं मानता हूँ कि मेरे पिताजी अपनी आक्रामकता को बहुत अधिक कम कर रहे थे और घर पर आने पर क्षमायाचना करते जब कभी भी घोड़ा और गाड़ी को वे इमली के पेड़ के नीचे अनुपयोगी छोड़ देते थे, "यदि तुम चाहो तो इसे लेकर बाजार जाकर आ जाओ", वे प्रायः कहते थे, परन्तु मेरी माताजी उसकी पेशकश को ठुकरा देती थी, और यह स्पष्ट करती, "मैं रोजाना कहाँ जाऊँ? 

कभी किसी दिन शुक्रवार को इसका प्रयोग मन्दिर जाने के लिए कर सकते हैं। परन्तु क्या आप यह फिजूल खर्च सारी साल करेंगे, सिर्फ मन्दिर जाने की एक सम्भावना के लिए? घोड़े की दाल और घास, क्या तुम जानते हो इनकी कीमत क्या लगती है?" सौभाग्य से, यह स्थिति एक उत्तरदायित्व साबित नहीं हुई थी। मेरी माताजी के निरन्तर विरोध से थककर, मेरे पिताजी ने गम्भीरता से घोड़ागाड़ी को देने को तैयार हुए (यह एक बहुत अच्छा प्रस्ताव था) वे इस गाड़ी को एक अकेली बैलगाड़ी में बदल रहे थे जिसमें पहिये पर एक स्प्रिंग होगी जिसे उसकी पहचान का बाजार के दरवाजे पर एक लुहार बनाने को तैयार हो गया था।

वह साईस जो घोड़े की सेवा करता था, इस विचार पर हँस पड़ा और बोला कि यह एक असम्भव योजना है, मेरे पिताजी को यह आश्वस्त कर रहा था कि वह लुहार इसे घटाकर इमली के पेड़ के नीचे बैठने का एक फर्नीचर बना देगा, "आपको इस घोड़े के बदले एक बैल को रखने के वादे को ध्यान से सुनना चाहिए।" उसने कहा, और तब उसने एक प्रस्ताव बनाया जो मेरे पिताजी के व्यावसायिक सहजवृत्ति को प्रेरित कर रही थी, "मुझे इसे किराये पर चलाने के लिए दो। सारी दाल और घास का जिम्मा मेरा-केवल मुझे आपका छप्पर वाला शेड उपयोग में लेने दीजिए। मैं आपको एक दिन के दो रुपये दूंगा और शेड का प्रयोग करने का एक माह का एक रुपया, और दो रुपये से ज्यादा जो भी मैं कमाऊँगा वो मेरा होगा।"

RBSE Class 11 English The Guide Translation in Hindi Part 1

(28) This was a delightful................ a very big business after all. (Pages 40-41)

कठिन शब्दार्थ-delightful (डिलाइट्फल) = प्रसन्नता से परिपूर्ण। come along (कम् अलाँग) = आगे आया। pleaded (प्लीडिड्) = गम्भीरतापूर्वक याचना करता था। lack of engagements (लेक ऑफ इन्गेजमेन्ट्स) = सवारियों की कमी। exact (इग् 'जैक्ट) = (बिल्कुल) सही। fellows (फेलोज) = इन्सान। retorted (रि'टॉड्)ि = त्वरित उत्तर। cringed (क्रिन्ज्ड्) = झेंप गया। remission (रि'मिश्न्) = कटौती। evident (एविडन्ट्) = स्पष्ट। misappropriating (मिस एप्रोप्रिटिंडं) = अनुपयुक्त। bony (बोनि) = दुबला-पतला। constantly (कॉन्सट्न्टलि) = लगातार। expense (इक'स्पेन्स) = खर्च (समय या धन का)। hinted (हिन्ट्ड्)ि = संकेत किया। rid (रिड्) = अप्रिय से पीछा छुड़ाना। privilege (प्रिविलिज्) = केवल एक विशेषाधिकार। brisk (ब्रिस्क) = तेज । spacious (स्पेशस) = लम्बा-चौड़ा। paved (पेव्ड्) = रास्ता बनाया गया। after all (आफ्ट(र)) = आखिरकार।

हिन्दी अनुवाद-यह एक प्रसन्नता देने वाला हल था। मेरे पिताजी गाड़ी का उपयोग जब कभी वे चाहते, कर सकते थे और प्रतिदिन इससे रुपये भी कमाते थे और इसका कोई उत्तरदायित्व भी नहीं था। जैसेजैसे दिन गुजरते गए ड्राइवर (चालक) सामने आता और पूर्व निर्धारित काम नहीं मिल पाने हेतु गम्भीरतापूर्वक याचना करता। मेरे घर के आधे अंधेरे के सामने इस बिन्दु पर बहुत विवाद हुआ, मेरे पिताजी और ड्राइवर के मध्य जैसे कि मेरे पिताजी अपने यथार्थ में निर्धारित दो रुपये चाहते थे। अन्ततः मेरी माताजी भी यह कहती हुई शामिल हो गई थी, "इन लोगों पर विश्वास मत करो। आज त्यौहार की इतनी भीड़ है और वह कहता है कि उसने कोई पैसा नहीं कमाया है। हम कैसे उस पर विश्वास कर लें?"

मेरी माताजी को विश्वास था कि गाड़ीवाला उसकी कमाई की दारू पी जाता है। मेरे पिताजी ने विनोदपूर्ण स्वर में उत्तर दिया, "क्या हुआ अगर वह दारू पीता है? इससे हमें कोई मतलब नहीं है।" प्रतिदिन यह चलता रहा था। हर रात को वह आदमी पेड़ के नीचे खड़ा होकर झेंपता और सुधार करने की याचना करता। यह स्पष्ट था कि वह हमारे धन का अनुचित प्रयोग कर रहा था। कुछ सप्ताह के अन्दर वह आदमी पुनः आया और बोला, "यह घोड़ा हड्डियों का ढाँचा बनता जा रहा है और सही तरीके से नहीं दौड़ पायेगा, और अब इसका दिमाग भी खराब होता जा रहा है। इसे जल्दी ही बेच देना ठीक रहेगा और दूसरा ले लेना चाहिए, क्योंकि सभी यात्री जो इस तांगे में चढ़ते हैं यह शिकायत करते हैं और असावधानी से ग्रसित होकर वे अन्त में कम पैसे भी देते हैं । 

और पहियों पर लगी इसकी स्प्रिंग को भी अवश्य ही बदलना होगा।" वह आदमी निरन्तर सुझाव दे रहा था कि इसे बेच देना ही इसका हल है और हमें एक नया ले लेना चाहिए। जब कभी वह इसे कहता और मेरी माँ इसे सुनकर अपना आपा खो बैठती और उस पर चिल्लाकर कहती कि क्या एक घोड़ा और गाड़ी पर्याप्त खर्चा नहीं है? इस बात का दोहरान करना मेरे पिताजी के लिए आवश्यक था और वे इसे एक नाउम्मीदगी का उत्तरदायित्व मानते थे, जब तक कि उस आदमी ने यह नहीं कहा कि उसके पास घोड़ा और गाड़ी के लिए सत्तर रुपये का एक प्रस्ताव है। मेरे पिताजी इसे पचहत्तर रुपये तक करने की व्यवस्था करने में कामयाब हो गए और अन्ततः आदमी नकद धनराशि लेकर आया और घोड़ा व गाड़ी को लेकर गया। स्पष्टतः उसने हमारा बहुत सारा धन अपनी इस नई योजना से बचा लिया था। हम खुश थे कि हमने किसी भी प्रकार से उस चीज से छुटकारा पा लिया था। यह लेनदेन बहुत अच्छा साबित हुआ। जब से गाड़ियों का स्टेशन पर नियमित आना प्रारम्भ हुआ, हमने पाया कि हमारा तांगा त्वरित व्यापार यात्रियों को कस्बे से लाने-ले जाने में कर रहा था।

मेरे पिताजी को रेल्वे स्टेशन पर दुकान चलाने का विशेषाधिकार दिया गया था। यह क्या बंढ़िया दुकान थी। इसे सीमेन्ट से समतल व सपाट बनाया गया था, इसमें आलमारियाँ बनाई गई थीं। यह इतनी चौड़ी थी कि जब मेरे पिताजी ने झोपड़ी की दुकान से अपने सभी सामान का स्थानान्तरण किया तो इसका केवल एकचौथाई भाग ही भरा था, इसमें दीवार के सहारे-सहारे इतनी खाली जगह थी कि उसने अपने आपको इसे देखकर अवसाद में महसूस किया। पहली बार वह यह महसूस करने लगा था कि वह आखिरकर एक बहुत बड़ा व्यापार नहीं चला रहा था।

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(29) My mother had come out.......... of my school unobtrusively. (Pages 41-42)

कठिन शब्दार्थ-operation (ऑपरेशन्) = अनेक व्यक्तियों का भिन्न कार्य करने का संगठित प्रयास । taunted (टॉन्ट्ड्)ि = ताना मारा। ruminating (रूमिनेटिंग) = गम्भीरतापूर्वक सोचा। at least (एट् लीस्ट) = कम से कम। spectacles (स्पेक्टेक्ल्ज् ) = आँखों का चश्मा। extremely (इक स्ट्रीम्लि ) = अत्यधिक। deferential (डेफ्ररेन्श्ल ) = आदर भाव। withdrew (विद् ड्रयू) = कहीं से हट जाना या किसी को हटा देना। unobtrusively (अनब्ट्र'सिवलि) = बिना ध्यान आकृष्ट किए। handiwork (हैन्डिवक्) = कलात्मक। come round (कम् राउण्ड) = दौर पर आते। poking his nose into (पॉकिंग हिज नोज इन्टू) = किसी के मामले में दखल देना, दखलंदाजी। lentils (लेन्ट्ल्स् ) = दाल। 

implicitly (इम्'प्लिसिट्लि) = परोक्ष रूप से। palpable (पैल्पब्ल्) = छूकर महसूस करने योग्य । stacks (स्टैक्ज्) = (किसी वस्तु की) सुव्यवस्थित ढेरी बनाना। trough (ट्रॉफ) = दो ऊँचे क्षेत्रों के बीच एक नीचा क्षेत्र या बिन्दु, गर्त । stuff (स्टफ्) = पदार्थ । loaves (sl. loaf) = डबल रोटी। bun (बन्) = छोटा गोल मीठा केक, बन। appetizing (ऐपिटाइजिङ्) = (खाद्य पदार्थ) क्षुधावर्धक। racks (रैकज़) = (प्रायः) सरियों से बना ढाँचा (जिसके अन्दर या ऊपर सामान रखा जाता है।)। anticipate (ऐन् 'टिसिपेट्) = प्रत्याशा करना । tedious (टीडिअस्) = उबाऊ और लंबा । subtleties (सल्टिज्) = सूक्ष्मता, किसी विषय पर छोटा-छोटा अनावश्यक विवरण। untenable (अन्टेनब्ल) = तर्कसंगत, तर्कसम्मत। sophisticated (स'फिस्टिकेटिड्) = सांसारिक और सामाजिक मामलों में अति अनुभवी। thrilling (थ्रिलिंग) = रोमांचकारी।।

हिन्दी अनुवाद-मेरी माताजी स्वयं उस कार्य को देखने बाहर आई थी और उन्हें ताना मारती थी। "तुम अपने इस भण्डार से मोटरकार और पता नहीं क्या-क्या खरीदने की सोच रहे थे।" उसने कभी भी मोटरकार खरीदने का प्रस्ताव नहीं रखा था, परन्तु वह उन्हें शिकायत करना पसन्द करती थी। पिताजी ने थोड़ा मंद होकर कहा, "अब वह सब कुछ क्यों घसीट कर ला रही हो?" वह चिन्तन कर रहे थे। "मुझे कम से कम और पाँच सौ रुपयों की आवश्यकता होगी जिससे कि उसकी कीमत का सामान खरीदकर इस खाली जगह को भरा जा सके।" ।

स्टेशन मास्टर, अपने सिर पर हरी पगड़ी पहने और स्टील की फ्रेम का चश्मा लगाए एक बूढ़ा आदमी था, वे दुकान का सर्वेक्षण करने आए थे। मेरे पिताजी उसे देखकर बहुत ही आदर भाव व्यक्त करने लगे थे। उनके पीछे नीले रंग के शर्ट व पगड़ी में कुली खड़ा था जिसका नाम कारिया था। मेरी माँ चुपके से पीछे हटकर वापस घर चली गई थी। स्टेशन मास्टर ने एक ओर सिर करके दूर से दुकान को देखा मानो वह कोई कलाकार था जो हाथ से बनी किसी कलात्मक वस्तु को देख रहा था। कुली जो हमेशा से विश्वासपात्र था उसका उदाहरण का अनुसरण कर रहा था, अपने आपको सहमति के लिए हमेशा तत्पर रखता। जो भी कुछ स्टेशन मास्टर कहता, उसकी सहमति के लिए हमेशा तत्पर रहता था। स्टेशन मास्टर ने कहा, "इस सारी जगह को भरो-अन्यथा ATS वापस यहाँ पर आकर प्रश्न पूछेगा उसकी दूसरों के मामले में व्यवधान डालने की आदत है । तुम्हें यह दुकान देना सरल नहीं था....."

मेरे पिताजी मुझे दुकान पर बैठाकर कस्बे में अपनी खरीददारी करने के लिए चले जाते थे। "इतना चावल और अन्य दूसरा सामान इतना अधिक प्रदर्शित मत करो-इसके लिए दूसरी दुकान है" स्टेशन मास्टर ने सलाह दी। "रेल्वे के यात्री इमली और दाल की माँग अपनी यात्रा के दौरान नहीं करेंगे।" मेरे पिताजी ने परोक्ष रूप से उसके निर्देशों को स्वीकार कर लिया था। अब स्टेशन मास्टर उसके प्रत्यक्ष भगवान थे और वह प्रसन्नता से उसके सभी आदेशों का पालन करते थे। और इस तरह अब वर्तमान में मेरे पिताजी की दुकान में कीलों से टंगे हुए बड़े-बड़े केलों के गुच्छे, मेम्पी के नारंगियों की ढेरियाँ, तले हुए सामान के छोटे-बड़े ढेर और शीशे के बर्तनों में रंगीन पिपरमन्ट और मिठाइयाँ, रोटी और बन (छोटे गोल केक) के हिस्से आदि थे। प्रदर्शन क्षुधावर्धक था, और उसने सिगरेट के पैकेट्स के कई खाने आलमारी के भरे थे। उसे हर यात्री की माँग की आशा के अनुरूप सामान लगाकर उसकी आपूर्ति करनी थी।

अपनी झोंपड़ी दुकान का वे मुझे इन्चार्ज बना चुके थे। उनके पुराने ग्राहक खरीददार और गपशप करने दुकान पर आते थे जैसे कि उनकी आदत रही थी। परन्तु उन्होंने मुझे इसके लिए असमान पाया था। मैंने उनकी कानून और सिंचाई की बातों को सुनना लम्बा और उबाऊ पाया था। मैं इतना बड़ा नहीं था कि उनके लेनदेन की सूक्ष्मता और उनकी समस्याओं की प्रशंसा कर सकूँ। मैं बिना जवाब दिए उनकी बातों को सुनता रहा था, और शीघ्र ही उन्होंने यह खोज लिया था कि मैं उनका अच्छा साथी नहीं था। वे मुझे शान्ति से छोड़कर दूसरी दुकान की ओर चले गए थे, मेरे पिताजी का साथ खोजने के लिए। परन्तु यह उनके तर्कसंगत नहीं था। वे वहाँ पर अजीब सा महसूस करते थे। यह आवरण उनके लिए बहुत ज्यादा सयाना और दुनियादारी से परिपूर्ण था। 

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बहुत ही जल्दी मेरे पिताजी चुपके से अपनी झोंपड़ी दुकान में वापस आ गए थे। मुझे उन्होंने नई दुकान का व्यापार करने का कार्य सुपुर्द कर दिया था। जैसे ही मालगुड़ी की पुलिया तैयार हुई थी, हमारी पटरियों पर नियमित ट्रेन की सेवा शुरू हो गई थी। यह देखना बहुत ही रोमांचकारी था कि किस प्रकार से स्टेशन मास्टर और नीली शर्ट वाला कुली अपना काम करते थे, वे हर दिन दो पूरी गाड़ियों की लाइन क्लीयर और उन्हें स्टेशन पर बुलाने का कार्य करते थे। दोपहर को मद्रास से और शाम को त्रिची से गाड़ी आती थी। मैं वास्तव में दुकान पर बहुत सक्रिय हो गया था। जैसा कि आपने अनुमान लगाया होगा, मेरे परिवार में व्यापार के विस्तार से वांछनीय उद्देश्य की प्राप्ति करने में बहुत सहायता मिली थी-चुपके से मेरे विद्यालय की पढ़ाई भी छूट गई थी।

Bhagya
Last Updated on Aug. 24, 2022, 9:55 a.m.
Published Aug. 23, 2022