Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English Literature Essay Writing Reflective Essays Exercise Questions and Answers.
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1. Education and Human Values
Education and human values are integral parts. The ultimate objective of education is to inculcate human values. Human values intakes all that is humane, just and fair. I think there are five core human values. First, the value of truth (practised as honesty and fairness) is related to the intellectual domain. Second, the value of high conduct (practised as good actions in life) is related to physical domain. Third, the value of peace (practised as contentment and equal mindedness) is related to emotional domain. Fourth, the value of love (practised as caring and sharing) is related to psychic domain. Fifth, the value of Godliness (practised as spirituality) is related to philosophical domain.
Educationists, media and governments have been striving to make education based on human values. The U.G.C. has introduced a scheme of value-education. Through education, observance of human values keep the practitioners happy, healthy, wealthy liked, loved, calm, amiable, sociable, successful, humane and so on.
शिक्षा और मानव मूल्य
शिक्षा और मानव मूल्य अभिन्न अंग हैं। शिक्षा का परम उद्देश्य मानव मूल्यों को बढ़ाना है। मानव मूल्यों में वे सभी चीजें निहित हैं जो मानवीय, न्यायप्रिय एवं उचित हैं। मेरे विचार से पाँच मुख्य मानवीय मूल्य हैं। प्रथम, सच्चाई का मूल्य (जिसे ईमानदारी तथा अच्छाई के रूप में सीखा जाता है) यह बौद्धिक पक्ष से सम्बन्धित है। दूसरा मूल्य है उच्च चरित्र (जिसे अच्छे आचरण के रूप में सीखा जाता है) जो शारीरिक पक्ष से सम्बन्धित है। तीसरा मूल्य है शान्ति (जिसे सन्तुष्टि व समभाव के रूप में सीखा जाता है) जो संवेदात्मक पक्ष से सम्बन्धित है।
चौथा मूल्य है प्रेम (जिसे देखभाल एवं साझेदारी के रूप में सीखा जाता है) जो आत्मिक पक्ष से सम्बन्धित है। पाँचवाँ मूल्य है ईश्वरीय गुण (जिसे अध्यात्म के रूप में सीखा जाता है) जो दार्शनिक पक्ष से सम्बन्धित है। शिक्षाविद, मीडिया तथा सरकारें शिक्षा को मूल्य आधारित बनाने का प्रयास कर रहे हैं। U.G.C. ने मूल्यपरक शिक्षा की एक योजना प्रस्तुत की है। शिक्षा के माध्यम से मानव मूल्यों का अनुपालन कर्ताओं को खुश, स्वस्थ, सम्पन्न, पसंदीदा, प्यारा, शान्त, मित्रवत, सामाजिक, सफल, मानवीय आदि रखता है।
2. Good Health
Good health is the greatest blessing on this earth. Man aims at achieving happiness, but happiness without good health is unthinkable. In fact, it is the physical as well as mental health that can be called the salt of life.
Good health cannot be taken for granted. One has to be serious about it and must try to work for it. Certain things can make and keep a man healthy. One must be disciplined in the matter of food, exercise, habits and regularity in everything. Consuming food should be chosen for its nutritional value, not for its taste. Fast foods, so popular these days, may taste better, but their nutritional value is doubtful. Thus, only the kind of food that has all the essential elements can keep us in good health.
Regular exercise is another necessary thing. It keeps body in good health by keeping its metabolic activities in good order. The role of good and regular habits cannot be ruled out. Bad and irregular habits disturb the biological clock of the body and may cause conditions of ill health. In a sentence, a disciplined life style is the only way to good health.
अच्छा स्वास्थ्य
अच्छा स्वास्थ्य इस पृथ्वी पर सबसे बड़ा वरदान होता है। मनुष्य प्रसन्नता को जीवन का ध्येय बनाता है किन्तु अच्छे स्वास्थ्य के अभाव में प्रसन्नता की कल्पना भी मुश्किल होती है। वस्तुतः शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य ही जीवन का नमक कहा जा सकता है। अच्छे स्वास्थ्य को हल्के रूप में नहीं लिया जा सकता है। व्यक्ति को इसके लिए गंभीर होना होता है तथा इसके लिए प्रयास करना पड़ता है। कुछ चीजें मनुष्य को स्वस्थ बना सकती हैं और स्वस्थ रख सकती हैं। व्यक्ति को भोजन, व्यायाम, आदतों तथा नियमितता के मामले में अनुशासित होना पड़ता है।
खाया जाने वाला भोजन इसके पोषक महत्त्व के आधार पर चुना जाना चाहिए, न कि स्वाद के आधार पर। फास्ट फूड्स जो आजकल इतने लोकप्रिय हैं, अधिक स्वादिष्ट हो सकते हैं लेकिन उनकी पोषण क्षमता संदेहास्पद होती है। अतः केवल उस प्रकार का भोजन ही हमें स्वस्थ रख सकता है जिसमें सभी आवश्यक तत्त्वों की उपस्थिति हो । नियमित व्यायाम एक अन्य आवश्यक चीज है। यह शरीर को स्वस्थ बनाये रखता है तथा ऐसा यह शरीर की रासायनिक क्रियाओं को व्यवस्थित रख कर करता है। अच्छी एवं नियमित आदतों का महत्त्व भी नकारा नहीं जा सकता। खराब एवं अनियमित आदतें शरीर की जैविक घड़ी को बाधित करती हैं और बुरे स्वास्थ्य की स्थितियाँ पैदा कर सकती हैं। एक वाक्य में कहा जा सकता है कि अनुशासित जीवन-शैली ही अच्छे स्वास्थ्य का मार्ग है।
3. My Role Model
Role model is a person whose qualities inspire to march forward to reach the goals in life. My role model is the formerly President, and great scientst, Dr. APJ Abdul Kalam. His mental and moral qualities allure me to the core. He was a man who rose against all odds. He belonged to a poor family of a village. His parents were mediocre in education. Nevertheless, he touched heights. Further, he was a man of vision. Out of more than 100 crores of Indians, he was the only person who gave Vision 2020' to make India world's superpower.
Besides this, he was a man who ignited the minds of Indians. Indian ignited minds are proceeding towards the fields of science and technology. Dr. Kalam, was a man of moral values too. Though, a Muslim by birth, he read 'Geeta’, a Hindu ethic, as well, daily. Further, he was a man who believed in spirituality. He had guidance from the heads of different faiths. Finally, he had a man who was no difference in words and deeds. That's why he was named as a 'Missile-man'.
मेरा आदर्श
Role model वह व्यक्ति होता है जिसके गुण हमें, अपने जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अग्रसर करने में प्रेरित करते हैं। मेरे Role model पूर्व भारतीय राष्ट्रपति व प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हैं। उनके नैतिक व मानसिक गुण मुझे भीतर से आकर्षित करते हैं। वे वह व्यक्ति थे जो समस्त विषमताओं के विरुद्ध ऊपर उठे। वह गाँव के एक गरीब परिवार से थे। उनके माता-पिता साधारण शिक्षित थे। तथापि उन्होंने ऊँचाइयों को छुआ। आगे, वे एक स्वप्नद्रष्टा व्यक्ति थे। एक सौ करोड़ की आबादी के इस देश में, वे अकेले व्यक्ति थे जिन्होंने
‘Vision 2020' दिया जो भारत को विश्व की सुपर पावर बनायेगा। इसके अतिरिक्त, वे वह व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय मस्तिष्क को प्रज्वलित किया। भारतीय प्रज्वलित मस्तिष्क विज्ञान व तकनीकी के क्षेत्र में अग्रसर है। डॉ. कलाम नैतिक गुणों वाले व्यक्ति थे। यद्यपि वह जन्म से ही मुस्लिम थे किन्तु वह गीता. एक हिन्द... ग्रन्थ, भी प्रतिदिन पढ़ते थे। आगे वह ऐसे व्यक्ति थे जो आध्यात्म में विश्वास करते थे। वे विभिन्न धर्माचार्यों से मार्गदर्शन प्राप्त करते थे। अन्त में, वे ऐसे व्यक्ति थे जिसकी कथनी व करनी में कोई अन्तर नहीं होता था। इसलिए, उनको 'मिसाइल मैन' के नाम से जाना जाता है।
4. Significance of Books
Good books are our sincere friends. They are the storehouse of knowledge. Printing Press has brought books in large numbers. In world good and evil go side by side. Evil tries to overpower the good and many a time it succeds in its efforts. When evil in man overpowers the good in him, he becomes a satan but when the good is not subdued by evil, the man remains godly.
In the modern world of paper and printing presses, books wield a wide influence in the lives of people. So bad books may turn people into satans and good books into gods. The value of books is in their goodness. Thus books, like friends, may be few but well chosen.
The value of books may be understood by the fact that books mould men and men mould the nations or society at large. Besides this, the books are the most sincere friends of men in their loneliness. They also help men in their moments of sadness, sorrow and grief. We can call those moments, the days of adversities. When all friends desert in adverse days, books help them like sincere friends.
पुस्तकों का महत्त्व
अच्छी पुस्तकें ही हमारी सबसे अच्छी मित्र होती हैं। वे ज्ञान का भण्डार होती हैं। प्रिन्टिंग प्रेस ने पुस्तकों को काफी अधिक संख्या में उपलब्ध कराना सम्भव बनाया है। इस संसार में अच्छाई तथा बुराई का साथ-साथ चलन होता है। बुराई अच्छाई को पराजित करने की कोशिश करती है और कई बार अपने इन प्रयत्नों में वह सफल भी हो जाती है। जब किसी मनुष्य में बुराई उसकी अच्छाइयों के ऊपर हावी हो जाती है तो वह एक शैतान बन जाता है, लेकिन जब अच्छाई को बुराई परास्त नहीं कर पाती तो मनुष्य दैवीय बना रहता है।
आजकल के कागज तथा छापेखानों के संसार में पुस्तकें लोगों के जीवन में एक बहुत बड़ा प्रभाव रखती हैं। इसीलिये बुरी पुस्तकें लोगों को शैतान बना देती हैं और अच्छी पुस्तकें उनको देवता बना देती हैं। पुस्तकों का महत्त्व तो उनकी अच्छाइयों में है। इसलिये मित्रों की तरह पुस्तकें भले ही थोड़ी हों, परन्तु अच्छी तरह चयनित होनी चाहिये।
पुस्तकों का महत्त्व तो इसी तथ्य से आंका जा सकता है कि पुस्तकें मनुष्य के जीवन का निर्माण करती हैं और मनुष्य बड़े रूप में राष्ट्रों तथा समाज का निर्माण करते हैं। इसके अतिरिक्त पुस्तकें मनुष्य की एकाकी स्थिति में, उनके दुःख तथा उदासी के क्षणों में, उनकी सबसे अधिक सच्ची तथा वफादार मित्र होती हैं। हम उन क्षणों को कठिनाई तथा तकलीफों के दिन कह सकते हैं। इन कठिनाई तथा तकलीफों के दिनों में जबकि मित्र भी हमारा साथ छोड़ जाते हैं तो पुस्तकें ही सच्चे मित्र की तरह उनको आश्रय देती हैं।
5. India of My Dreams
Everyone who thinks of India, visualises the country in his or her own way. He works in that direction to see his vision come true. I, too, have an India of my dreams. India of my dreams shall be quite strong and she will resist and cast away all that is evil and hateful. She shall be able to dispel all evil designs of her enemies. Her citizens will be physically, morally and spiritually strong enough to resist even the strongest. She will have enough quantity of products in her production houses and they will make her financially strong.
She will be economically self-reliant. She will not divert herself from her ages' old path of spiritualism. She will be the spiritual leader to guide the whole world. We see millions of persons coming from the west in their spiritual search for truth. Despite her strong physical force, valuable moral force and a high spiritual power, she will continue to remain humble to save the poorest not only in India but abroad also. Such is the picture of "India of My Dreams”.
मेरे स्वप्नों का भारत
प्रत्येक व्यक्ति जो भारत के बारे में चिन्तित है, अपने तरीके से ही अपने मस्तिष्क में भारत देश का चित्र खींचता है। वह अपने स्वप्न को पूरा होते देखने के लिए उसी दिशा में कार्य करता है। मेरे मस्तिष्क में भी अपने स्वप्नों के भारत का एक चित्र है। मेरे स्वप्नों का भारत काफी ताकतवर होगा और वह उन सभी बातों का जो बुरी हैं, घृणास्पद हैं, विरोध कर सकेगा और उनको उखाड़कर फेंक सकेगा। वह अपने दुश्मनों की सभी बुरी एवं वीभत्स योजनाओं को नष्ट कर सकेगा। उसके नागरिक शारीरिक तौर से, नैतिक रूप से तथा आध्यात्मिक स्तर पर काफी शक्तिशाली रहेंगे कि ताकतवर से ताकतवर व्यक्ति का मुकाबला कर सकेंगे।
उसके पास असीमित एवं असंख्य मात्रा में अपने देश के निर्मित उत्पाद होंगे जो कि उसको आर्थिक रूप से समृद्ध एवं शक्तिशाली बनायेंगे। वह आर्थिक रूप से एक आत्मनिर्भर देश होगा।वह आध्यात्मिकता के अपने अति-प्राचीन युगीन पथ से विचलित नहीं होगा। वह सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करने के लिए विश्व का आध्यात्मिक गुरु बना रहेगा। हम देखते हैं कि पश्चिमी देशों से करोड़ों लोग सत्य की आध्यात्मिक तलाश में भारत आ रहे हैं। अपने ताकतवर शारीरिक बल, बहुमूल्य नैतिक बल और एक उच्च आध्यात्मिक बल के होने के बावजूद वह केवल भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर विश्व के अन्य देशों में गरीब से गरीब व्यक्ति की मदद करता रहेगा। मेरे स्वप्नों के भारत की ऐसी ही एक तस्वीर है।
6. The Value of Time
Time is very valuable, There is nothing as valuable as time. Time once lost is lost for ever. Money spent can be earned again. Even more than that can be earned. It is not so with time. Time spent is spent and it is gone for ever. It can never be got back. Almost everything in the world can be purchased, but time lost cannot be purchased. As each second ticks away, that second moves from the present to the past. If you have not properly used that single second when it was the present, it is a second wasted and it is already lost and merged into the past.
No amount of crying or trying can bring you back to the past. It is the time which gives birth to a child, makes him young and then makes him old. It is the time which ends life. Future is yet to come. How will you use the future, depends on how you are using the present ? If you want success in life, make proper use of time. Mind the present and make full use of it. It is sure and certain. The present should be used to some advantage.
समय का मूल्य
समय बहुत कीमती है। समय के समान कोई वस्तु मूल्यवान नहीं है। एक बार समय खो (नष्ट हो) जाता है वह सदैव के लिए खो (नष्ट हो) जाता है। धन जो खर्च किया है, पुनः प्राप्त किया जा सकता है, सम्भवतः ब्याज सहित। किन्तु समय के साथ ऐसा नहीं है। समय जो व्यतीत हो गया वह व्यतीत हो गया और समाप्त हो गया। विश्व में प्रायः प्रत्येक वस्तु खरीदी जा सकती है, किन्तु समय जो खो गया, उसे नहीं खरीदा जा सकता। जब एक सेकंड व्यतीत हो जाता है, वह सेकंड वर्तमान से भूतकाल में चला जाता है। यदि तुमने उस सेकंड को जो वर्तमान में था, का उचिंत.उपयोग नहीं किया है तो वह सेकंड बरबाद हो जाता है, वह नष्ट हो जाता है और भूतकाल बन जाता है। कितने भी प्रयास अथवा व्याकुलता, भूतकाल को वापस नहीं ला सकता। यह समय ही है जो बालक को जन्म देता है, उसे युवा व वृद्ध बनाता है। यह समय ही है जो उसे मृत्यु लाता |
7. Holidays
Holidays are like rain-drops on a parched earth. They have a great charm for students. They provide much needed and much wanted rest and respite to a student who is tired of a hard routine and discipline of school. After long spells of hard-work at school and home, holidays come as welcome guests. They cheer up the lives of students and save them from boredom and depression.
Students say goodbye to class-room lessons and homework to enjoy themselves in any way they like. Some of them plan a tour of places of historical interest. : Some like to go to watering places to enjoy a swim. Still others like to spend their time in watching T.V. and reading story-books and magazines. A few, of course, go to see science museums and exhibitions. Thus, holidays bring pleasure to the lives of students and refresh them, enabling them to take up harder tasks lying ahead.
छुट्टियाँ
छुट्टियाँ सूखी जमीन पर वर्षा की बूंदों के समान होती हैं। छात्रों के लिए वे बहुत आकर्षण रखती हैं। वे आवश्यक एवं चाहा गया आराम एवं चैन छात्रों को प्रदान करती हैं। ऐसा छात्र स्कूल की कठोर दिनचर्या एवं अनुशासन से ऊब चुका होता है। घर एवं स्कूल में कठोर परिश्रम की लम्बी अवधियों के बाद छुट्टियाँ स्वागतयोग्य मेहमानों की भाँति आती हैं। वे छात्रों के जीवन को प्रसन्नता से भर देती हैं तथा उन्हें थकान एवं निराशा से बचाती हैं। छात्र कक्षा के अध्ययन तथा गृहकार्य को अलविदा कह देते हैं तथा स्वयं को अपने इच्छित तरीके से मनोरंजन करते हैं।
कुछ छात्र ऐतिहासिक स्थानों के भ्रमण की योजना बनाते हैं। अन्य पानी के स्थानों पर जाकर तैरने का आनन्द लेते हैं। अन्य छात्र टी.वी. देखकर तथा कहानियों की पुस्तकें पढ़कर अपना समय गुजारना पसंद करते हैं। कुछ अन्य छात्र विज्ञान-संग्रहालय तथा प्रदर्शिनियों से अपना मन बहलाना पसंद करते हैं। इस प्रकार छुट्टियाँ छात्रों के जीवन में आनन्द लेकर आती हैं तथा उन्हें तरोताजा बनाती हैं ताकि वे आने वाले और भी कठिन कार्यों को कर सकें।
8. Superstitions
Superstitions are based on ignorance. The best way to remove them is to educate people and give them light of reason. Superstitions are unreasoned and irrational beliefs of the people living in the past or in present age. In old primitive times, superstitions governed the majority of the people. They prevailed because the growth of civilization and science had not lighted the darkness of ignorance.
Lack of scientific and philosophical advancement provides a suitable ground for superstitions to grow and prevail. Undue respect for old traditions is another cause which makes people superstitious in ideas. The priests have their own role in perpetuating superstitions in the field of religion.
Superstitions affect our actions even today. Number 13, is considered ominous by some. A cat crosses our path and we put off our going forward. Some diseases are attributed to the anger of certain gods etc. Superstitions make us narrow-minded and retard the growth of science and reason. A rational approach to irrational beliefs alone can make them disappear.
अंधविश्वास
अंधविश्वास अज्ञानता पर आधारित होते हैं । इनको दूर करने का श्रेष्ठ उपाय है, लोगों को शिक्षित करना तथा उन्हें तर्क की रोशनी प्रदान करना। अंधविश्वास वर्तमान एवं अतीत के लोगों के तर्कहीन विश्वासों को कहते हैं। प्राचीन समय में अंधविश्वास बहुसंख्यक लोगों पर नियंत्रण करते थे। ये इसलिए प्रचलित थे क्योंकि विज्ञान एवं सभ्यता की उन्नति ने अज्ञानता के अंधेरे को दूर नहीं किया था। वैज्ञानिक एवं दार्शनिक उन्नति का अभाव अंधविश्वासों की वृद्धि एवं प्रचलन के लिए उपयुक्त आधार प्रदान करता है।
प्राचीन परम्पराओं के प्रति अत्यधिक आदर भी लोगों को वैचारिक दृष्टि से अंधविश्वासी बनाता है। पुजारी लोग धर्म के क्षेत्र में अंधविश्वासों को बनाये रखने में अपनी भूमिका अदा करते हैं। अंधविश्वास आज भी हमारे कार्यों को प्रभावित करते हैं। 13 की संख्या कुछ लोगों द्वारा अपशकुन मानी जाती है। एक बिल्ली हमारा रास्ता काट देती है और हम परेशान हो जाते हैं। कुछ बीमारियों को कुछ देवीदेवताओं के क्रोध का परिणाम समझ लिया जाता है। अंधविश्वास हमें संकीर्ण मस्तिष्क वाला बनाते हैं तथा विज्ञान एवं तर्क के विज्ञान में बाधक बन जाते हैं। अतार्किक विश्वासों के प्रति तार्किक दृष्टिकोण ही इन्हें लुप्त कर सकता है।
9. My Aim in Life
Or
The Aim of My Life
My aim in life is to serve the nation and lead a life of satisfaction. I want to become a teacher. A teacher is a nation-builder. He makes or mars the life of the students. A good teacher makes the lives of the students. His life is peaceful. He lives among the young so he is always young. It is a noble profession. Students and other people respect him. He guides the students. He teaches his students how to behave with others. He tells them their duty towards the country. He loves his students.
He wishes that his students must progress and live happily. If his student becomes a Collector or an I.A.S. officer, he is not jealous of him. But he is proud of him. He does not expect money or wealth from the students. He is very sensitive. If a student shows disrespect to him, he cannot tolerate it. A teacher is a friend, father and guide to his students. So I want to become a teacher. It is the aim of my life.
मेरे जीवन का लक्ष्य
मेरे जीवन का लक्ष्य राष्ट्र की सेवा करना एवं संतोष का जीवन व्यतीत करना है। मैं एक अध्यापक बनना चाहता हूँ। एक अध्यापक राष्ट्र का निर्माता होता है। वह अपने विद्यार्थियों के जीवन को बना अथवा बिगाड़ सकता है। एक अच्छा अध्यापक विद्यार्थियों के जीवन को बना सकता है। उसका जीवन शान्त होता है। वह युवाओं के बीच रहता है, अतः वह भी स्वयं सदैव युवा रहता है। यह एक अच्छा व्यवसाय है। विद्यार्थी एवं अन्य व्यक्ति उसका सम्मान करते हैं। वह विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करता है।
वह विद्यार्थियों को सिखाता है कि किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए। वह उन्हें देश के प्रति उनका कर्तव्य बतलाता है। वह अपने विद्यार्थियों को प्यार करता है। वह चाहता है कि उसके विद्यार्थी अवश्य ही उन्नति करें और प्रसन्न रहें। यदि उसका कोई विद्यार्थी कलक्टर अथवा आई.ए.एस. अफ़सर बन जाता है तो वह उससे ईर्ष्या नहीं करता है, किन्तु वह उस पर गर्व करता है। वह विद्यार्थियों से धन अथवा सम्पत्ति की आशा नहीं करता है। वह अति संवेदनशील होता है। यदि कोई विद्यार्थी उचित सम्मान प्रदर्शित नहीं करता है तो वह सहन नहीं कर सकता है। एक अध्यापक विद्यार्थी का मित्र, पिता एवं मार्गदर्शक होता है। इसलिए मैं अध्यापक बनना चाहता हूँ। मेरे जीवन का यही लक्ष्य है।