Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English Literature Essay Writing Discursive Essays Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 11 English are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 11 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Our team has come up with Tenses Class 11 to ensure that students have basic grammatical knowledge.
1. Social Media
The term 'social media' refers to the wide range of internet-based and mobilebased services that allow users to participate in online exchanges, contribute usercreated content, or join online communities. The kinds of internet services commonly associated with social media include blogs, wikis, social book marking sites, social network sites, status update services, virtual-world content, and media-sharing sites. These categories overlap to some degree.
Social media provide a way of keeping in touch with friends, relatives and communities. Social media also allow companies, organisations, governments and parliamentarians to reach large numbers of people. People having different professions can make groups. Social media have drawbacks too. The most common disadvantage is addiction. Users harm their performance in other fields. They cause mental health problem and sometimes harm their body too. Sharing of personal information is insecure. A doctor can operate with a knife and a dacoit can kill a person with the same knife.
सोशल मीडिया
शब्द 'सोशल मीडिया' इंटरनेट आधारित तथा मोबाइल आधारित सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला का उल्लेख करता है जिसमें यूजर्स ऑनलाइन विनिमयों में हिस्सा लेते हैं, यूजर-सर्जित विषयवस्तु में योगदान देते हैं या ऑनलाइन समुदायों से जुड़ जाते हैं। सोशल मीडिया से साधारणतया सम्बन्धित इंटरनेट सेवाओं के प्रकार में सम्मिलित हैं ब्लॉग, विकिज, सोशल बुकमार्किंग साइट, सोशल नेटवर्क साइट, स्टेटस अपडेट सेवाएँ, वर्चुअल वैश्विक विषयवस्तु तथा मीडिया शेअरिंग साइट। यह वर्गीकरण भी कुछ हद तक एक-दूसरे से मिलता-जुलता है।
सोशल मीडिया मित्रों, रिश्तेदारों तथा समुदायों से सम्पर्क बनाए रखने का एक मार्ग उपलब्ध कराता है। सोशल मीडिया कम्पनियों, संस्थानों, सरकारों तथा सांसदों को बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँचाने का काम करता है। विभिन्न व्यवसायों के लोग अपने-अपने समूह निर्मित कर लेते हैं। सोशल मीडिया की कमियाँ भी हैं। सर्वाधिक आम हानि है व्यसन। यूजर्स अन्य क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों को नुकसान पहुँचा लेते हैं। ये मानसिक स्वास्थ्य की समस्या पैदा करते हैं तथा कभी-कभी उनके शरीर को भी नुकसान पहुंचाते हैं। व्यक्तिगत सूचनाओं की साझेदारी असुरक्षित होती है। एक चाकू से एक डॉक्टर तो ऑपरेशन कर सकता है और उसी चाकू से एक डाकू एक व्यक्ति की हत्या कर सकता है।
2. Internet as a Source of Information
It is right that today we use internet as a source of information. Internet is a network of world wide computers connected by signals received from the telecommunication tower networks and satellites. Internet users can have access to information about every field of human activities, such as, education, medical, bank, railways, roadways, airways, administration, judiciary, police, space, defence, energy, science, technology, politics, employment, entertainment, trade, products, marketing, friendship, public connection and so on.
Students consult world-fame teachers on internet. Specialist doctors direct operation process in the operation room on internet. Banks have provided internet banking. Rail, road and airways provide reservation on internet. All the governmental plans and schemes are available on internet. Employment opportunities are advertised on internet. Social media have been much influential on internet. Internet is full of entertainment. But we should use internet wisely. Porn websites mislead the users. Thus internet is a strong source of information in this modern age.
इंटरनेट-सूचना के एक माध्यम के रूप में
यह सही है कि आज हम इंटरनेट को सूचना के एक माध्यम के रूप में प्रयोग करते हैं। इंटरनेट विश्वव्यापी कम्प्यूटरों का एक नेटवर्क है। दूरसंचार टावर नेटवर्क और उपग्रहों से प्राप्त सिग्नलों से जुड़े हुए इंटरनेट यूजर्स प्रत्येक मानवीय गतिविधियों के बारे में सूचना प्राप्त कर सकते हैं, जैसे-शिक्षा, चिकित्सा, बैंक, रेलवे, रोडवेज, एयरवेज, प्रशासन, न्यायालय, पुलिस, अंतरिक्ष, रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान, तकनीकी, राजनीति, रोजगार, मनोरंजन, व्यापार, उत्पाद, मार्केटिंग, मित्रता, लोकसंपर्क आदि।
इंटरनेट पर विद्यार्थी विश्व-प्रसिद्ध शिक्षकों से मार्गदर्शन लेते हैं। इंटरनेट पर विशेषज्ञ डॉक्टर ऑपरेशन कक्ष में चल रही शल्य चिकित्सा प्रक्रिया को निर्देशित करते हैं। बैंकों ने इंटरनेट बैंकिंग उपलब्ध करा दी है। रेल, रोड, एयरवेज ने इंटरनेट पर आरक्षण टिकट उपलब्ध करा दी है। सारी सरकारी योजनाएँ और कार्यक्रम इंटरनेट पर उपलब्ध हैं । रोजगार के अवसर इंटरनेट पर विज्ञापित किए जाते हैं। सोशल मीडिया का इंटरनेट पर अत्यधिक प्रभाव है। इंटरनेट मनोरंजन से भरा हुआ है। लेकिन हमें इंटरनेट का इस्तेमाल बुद्धिमानी से करना चाहिए। अश्लील वेबसाइट्स यूजर्स को गलत मार्ग पर ले जाती हैं। अतः आज के आधुनिक युग में इंटरनेट सूचना का एक सशक्त माध्यम है।
3. Increase in Juvenile Crimes
Juvenile crimes are the illegal acts of adolescents. There is a sharp increase in the juvenile crimes. In 2000 AD juvenile crimes were 9267; in 2001, these were 16509; in 2002, 18560; in 2004, 19229; in 2006, 21088 and in 2007 these were 22865. These datas were published in NCRB report 1990-2007 New Delhi.
There are various causes of increment in juvenile crimes. Poverty is the first and foremost cause. Children of poor families easily fall into the hands of criminals. Lack of proper parental care and love pushes children to be delinquent. Inhuman treatment with juvenile criminals make them more negative.
The following measures will certainly assist in reducing the juvenile crimes. Juvenile Justice Acts should be effectively implemented. A proper mechanism should be created for the needs and requirements of juveniles. Juvenile jails should be converted into 'Reformative Homes'. Thus, increasing juvenile crimes must be checked.
किशोर अपराधों में अभिवृद्धि
किशोर अपराध किशोरों के गैर-कानूनी कार्य होते हैं। किशोर अपराधों में तीव्र वृद्धि हो रही है। सन् 2000 में किशोर अपराध 9267 थे; सन् 2001 में ये 16509 थे; सन् 2002 में ये 18560 थे; सन् 2004 में 19229 थे; सन् 2006 में 21088 थे तथा सन् 2007 में ये 22865 थे। ये आँकड़े NCRB की नई दिल्ली से प्रकाशित 1990-2007 की रिपोर्ट में थे।
किशोर अपराधों में वृद्धि के अनेक कारण हैं। गरीबी इनमें से प्रथम एवं सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारण है। गरीब परिवारों के बच्चे आसानी से अपराधियों के हाथों में आ जाते हैं। माता-पिता की उचित देखभाल व प्रेम का अभाव बच्चों को बाल-अपचार की ओर धकेल देता है। किशोर अपराधियों के साथ अमानवीय बर्ताव उन्हें और अधिक नकारात्मक बना देता है। निम्न उपाय किशोर अपराधों को कम करने में निश्चित ही सहायक होंगे। किशोर न्याय एक्ट को प्रभावशाली ढंग से लागू किया जाना चाहिए। किशोरों की आवश्यकताओं तथा जरूरतों के लिए एक उचित तंत्र का सृजन करना चाहिए। किशोर जेलों को 'सुधार गृहों' में बदल देना चाहिए। इस प्रकार बढ़ते किशोर अपराधों को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
4. Corruption in Our Country
Corruption has come to occupy a permanent place in India's social and political life. We have grown more and more corrupt since we achived feedom. Every man, who has some power to misuse, never leaves an opportunity to make money by fraudulent means. The evil of corruption has gained such large dimensions that it seems the country is passing through a crisis of character.
Corruption in India comes from the above, from the people who matter, and then percolates down to the people who do not. Politicians are the first to be corrupted. Scams amounting to crores of rupees bring credit to our politicians. As elections become costlier day-by-day, it is only natural that our politicians have to compensate themselves by resorting to unfair means. Those who are below them in hierarchy only copy them. The common man does what his leaders do.The solution to this problem lies in making people aware of its existence. The people at large should be alerted against corrupt politicians and asked to reject them when the occasion comes.
हमारे देश में भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार ने भारत के सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन में एक स्थायी स्थान बना लिया है। हम अंग्रेजों के शासन से मुक्त हुए तभी से अधिकाधिक भ्रष्ट होते चले गये हैं। प्रत्येक व्यक्ति जिसके पास जरा-सी भी शक्ति है, वह उसका दुरुपयोग कर गलत तरीकों से पैसा बनाने से नहीं चूकता। भ्रष्टाचार की बुराई ने इतना बड़ा आकार ग्रहण कर लिया है कि ऐसा लगता है कि हम चारित्रिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं।
भारत में भ्रष्टाचार ऊपर से आता है। उन लोगों से आता है जो महत्त्वपूर्ण होते हैं और उन लोगों में उतरता है जो महत्त्वपूर्ण नहीं होते। राजनेता. पहले व्यक्ति हैं जो भ्रष्ट होते हैं। करोड़ों रुपयों के घोटाले हमारे
राजनेताओं की शोभा बढ़ाते हैं। ज्यों-ज्यों चनाव महंगे होते जाते हैं त्यों-त्यों यह स्वाभाविक होता चला जाता है कि हमारे राजनेता अपनी क्षतिपूर्ति गलत तरीकों से करें। जो उनसे पदक्रम में नीचे होते हैं वे उनकी नकल करते हैं। सामान्य आदमी तो वही करता है जो उसके नेता करते हैं। इस समस्या का समाधान यही है कि लोगों को इसके अस्तित्व के बारे में सचेष्ट किया जाये। सामान्य लोगों को भ्रष्ट राजनेताओं से सावधान किया जाना चाहिए। उन्हें ऐसे राजनेताओं को अवसर आने पर ठुकरा दिये जाने को कहा जाना चाहिए।
5. Role of Media in Development of a Nation
The role of media in development of a nation is vital. Media create, mould and reflect public opinion. Media inform about the governmental schemes and programmes. Media warn the masses on an issue which is against them and the government wants to implement. Media publish or broadcast vacancies for the unemployed people. Classified advertisements in print media help people a lot.
Business reports and discussions help the professionals in growing their skills and taking decisions. Reports and discussions as games and sports assist the sports-persons to shape their careers. News-items, articles and editorials of print media help the unemployed to prepare for the competitive examinations and interviews. M.Ps. and M.L.As. debate in their houses on the basis of media reports. Media give us news about the film industry. Media provide sufficient matter or programmes for children. Thus media have developmental role in every field of a nation's life.
एक राष्ट्र के विकास में मीडिया की भूमिका
एक राष्ट्र के विकास में मीडिया की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया जनमत का सृजन करते हैं, प्रभावित करते हैं तथा प्रदर्शित करते हैं। मीडिया सरकारी योजनाओं तथा कार्यक्रमों के बारे में सूचना देते हैं। मीडिया एक ऐसे मुद्दे पर चेतावनी देते हैं जो लोगों के विरुद्ध है तथा सरकार उसे लागू करना चाहती है। मीडिया बेरोजगारों के लिए रिक्त पदों को प्रकाशित या प्रसारित करते हैं। छपाई-मीडिया के वर्गीकृत विज्ञापन लोगों की काफी सहायता करते हैं। व्यापारिक प्रतिवेदन तथा चर्चाएँ, पेशेवरों को अपने कौशलों में अभिवृद्धि करने तथा निर्णय लेने में सहायता करती हैं।
खेलों के प्रतिवेदन तथा चर्चाएँ खिलाड़ियों को अपने कार्यक्षेत्र को बनाने में सहायक होती हैं। छपाई-मीडिया की खबरें, लेख तथा संपादकीय, बेरोजगारों की प्रतियोगिता परीक्षा तथा साक्षात्कार की तैयारी करने में सहायता करते हैं। सांसद तथा एम.एल.ए. अपने सदनों से मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर वादविवाद करते हैं। मीडिया, फिल्म इंडस्ट्री के बारे में भी रिपोर्ट देते हैं। मीडिया, बच्चों के लिए पर्याप्त सामग्री या कार्यक्रम उपलब्ध कराते हैं। इस प्रकार राष्ट्र के जीवन में मीडिया का प्रत्येक क्षेत्र में विकास करने वाली भूमिका है।
6. Impact of Television on Youth
T.V. is a great boon of science to mankind. T.V. entertains, educates and informs us. It entertains by showing us programmes based on history, literature, fiction, science and technology. It educates us by showing us live telecast of events taking place all over the world and their effect on the lives of the people. It informs us about what the government is doing for the development of the country and betterment of its people. However, there is another side of the coin.
Our youths are giving it more time than they are giving to their studies, games and sports. They are watching the T.V. at the cost of their career and health. They are becoming unsociable and aloof. For them T.V. personalities are becoming role-models. Latest fashions are becoming a craze among our youths. Serials depicting crimes are teaching them how to commit crimes without being caught. Thus T.V. is both boon and a bane for our youths.
युवा वर्ग पर टेलिविजन का प्रभाव
टी.वी. मानव-जाति को विज्ञान का महान् वरदान है। टी.वी. हमारा मनोरंजन करता है, हमें शिक्षित करता है तथा सूचना देता है। यह हमारा मनोरंजन इतिहास, साहित्य, कथा-साहित्य, विज्ञान तथा तकनीक पर आधारित कार्यक्रम दिखाकर करता है। यह हमें विश्वभर में होने वाली घटनाओं तथा लोगों के जीवन पर उनके प्रभावों को सजीव रूप से दिखाकर हमें शिक्षित करता है। यह हमें सूचित करता है कि सरकार देश के विकास हेतु क्या कर रही है तथा लोगों की बेहतरी के लिए क्या कर रही है। किन्तु सिक्के का दूसरा पहलू भी है।
हमारे युवा टी.वी. को उनके अध्ययन तथा खेलकूद की अपेक्षा अधिक समय दे रहे हैं। वे अपने भविष्य एवं स्वास्थ्य की कीमत पर टी.वी. देख रहे हैं। वे असामाजिक एवं अलग-थलग रहने वाले बन रहे हैं। उनके लिए टी.वी. पर आने वाले व्यक्ति आदर्श बनते जा रहे हैं। नवीनतम फैशन हमारे युवकों के लिए पागलपन का पर्याय बन रहे हैं। अपराध दिखाने वाले टी.वी. धारावाहिक उन्हें सिखा रहे हैं कि अपराध किस प्रकार किए जाएँ तथा पकड़े जाने से कैसे बचा जाए। इस प्रकार टी.वी. हमारे युवकों के लिए वरदान तथा अभिशाप दोनों है।
7. Terrorism
Or
The Global Menace of Terrorism
Terrorism has become global and is creating global menace. Terrorist attack on the American World Trade Centre is its proof.
India has been facing this terrorism for the last more than twenty five years. The tendencies of separatism and regionalism have grown into terrorism. Terrorism started in Punjab and later spread to Delhi and some other northern states of India. Jammu and Kashmir has, now, become the centre of terrorist activities.
India is facing cross-border terrorism. Pakistan, in this respect, is playing the double role. To show it to international community, it is condemning terrorism, though internally it is encouraging terrorists. It has established training camps for terrorists, provide them training in the use of lethal weapons and is sending them to India. It, many a time, gives them a fly cover to cross the line of control and enter the Indian territory to enhance terrorists' activities in Jammu & Kashmir and other states of India.
आतंकवाद
अथवा
आतंकवाद का विश्वव्यापी
खतरा आतंकवाद अब विश्वव्यापी समस्या हो गई है और इसके विश्वव्यापी खतरे उपस्थित हो गये हैं। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर हुआ आतंकवादी हमला इसका प्रमाण है। भारत तो पिछले पच्चीस वर्षों से अधिक समय से आतंकवाद का सामना कर रहा था। अलगाववाद तथा क्षेत्रवाद की प्रवृत्ति से भी आतंकवाद को बढ़ावा मिला है। आतंकवाद पंजाब में शुरू हुआ और बाद में यह दिल्ली तथा भारत के उत्तरी राज्यों में फैल गया। अब तो जम्मू और कश्मीर आतंकवादी कार्यवाहियों का केन्द्र बन गया है।
भारत तो सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है। इस रूप में पाकिस्तान अपनी दोगली भूमिका निभा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय समाज को दिखाने के लिये तो यह आतंकवाद की निन्दा करता है यद्यपि अन्दरूनी तौर पर यह आतंकवादियों को प्रोत्साहित कर रहा है। उसने अपने आतंकवादियों के प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर रखे हैं और उनको प्राणघाती हथियारों के प्रयोग करने का प्रशिक्षण दे रहा है और फिर ऐसे प्रशिक्षित आतंकवादियों की भारत में घुसपैठ करा देता है। कई बार तो, वह नियंत्रण रेखा पर से भारत में उनकी घुसपैठ कराने के लिये हवाई संरक्षण प्रदान करता है जिससे भारत में जम्मू-कश्मीर तथा भारत के अन्य राज्यों में आतंकवादियों की गतिविधियाँ बढ़ सकें।
8. The Modern Craze for Mobiles
Or .
Mobile Telephones
Mobile phone is one of the wonders of science. It has made it possible for a person to remain in contact with the world while he himself is on the move. Gone are the days when people sat near their land-line telephones to receive calls from others. Thanks to the mobile telephone.
As every other thing, mobile phones too have their disadvantages. First, they are a great distraction and disturbance. Mobile phone does not care whether you are in your class-room, or in a hospital, or at a funeral.
It has rudely encroached upon the privacy of today's man. It has given extra edge to criminals who can keep a track of the movements of the police and thereby escape easily. The worst nuisance caused on the mobile phone is the advertisements by banks, insurance companies and others. These people assume that they have right to call you at an unearthly hour.In short, if not used with moderation and care, mobile phone can become a great curse also.
मोबाइल टेलिफोन का आधुनिक चाव
अथवा
मोबाइल टेलिफोन
मोबाइल टेलिफोन विज्ञान के आश्चर्यों में से एक है। इसने संभव बना दिया है कि एक व्यक्ति दुनिया से तब भी सम्पर्क में रह सकता है जब वह स्वयं एक स्थान से दूसरे स्थान के बीच चल रहा है। वे दिन अब लद गये जब लोग दूसरों के फोन सुनने के लिए अपने स्थायी टेलिफोन के निकट बैठे रहते थे। यह मोबाइल फोन की ही तो मेहरबानी है। अन्य किसी भी वस्तु की तरह मोबाइल फोन के भी अपने नुकसान हैं। प्रथमतः, ये ध्यान बांटने वाली एवं बाधा पहुंचाने वाली वस्तु हैं। मोबाइल फोन परवाह नहीं करता है कि आप अपनी कक्षा में हैं, अथवा अस्पताल में अथवा श्मशान में ।
इसने आज के मानव के व्यक्तिगत जीवन पर बुरी तरह अतिक्रमण किया है। इसने अपराधियों को अतिरिक्त लाभ पहुँचाया है क्योंकि वे पुलिस के आवागमन का हिसाब रख सकते हैं और आसानी से बचकर भाग जाते हैं। सबसे बुरा सिरदर्द मोबाइल फोन पर विज्ञापनों द्वारा पैदा किया जाता है जिसमें बैंक एवं बीमा कम्पनियाँ एवं अन्य शामिल होते हैं। ये लोग मानते हैं कि उन्हें बहुत सवेरे फोन करने का अधिकार है। संक्षेप में, अगर मर्यादा एवं सावधानी से काम न लिया गया तो मोबाइल फोन एक बड़ा शाप भी सिद्ध हो सकता है।
9. Science and Religion
Science has its bases in facts whereas religion has its bases in faiths. Further, Science by removing dirt can make religion crystal clear. On the other hand, religion by giving soul to science, can save it to be destructive. Science and religion are complementary as well as confronting entities.
Religion believes in existence of God, Science also believes in a natural power regulating the world but denies the existence of God. Religion leads to the spiritual development whereas science leads to materialistic development. Spirituality brings internal peace while materialism destroys it.
Science can make man arrogant while religion makes him humble. Scientific development adds all kinds of comforts and pleasure to human life. Religion, by the message of love, peace, equality and harmony tries to keep humans in unity.
Thus Science and religion are of dual nature. The defects of one can be rectified by the other. Science can prove superstitions false. Religion can stop science to be destructive by showing the way of common welfare.
विज्ञान और धर्म
विज्ञान का आधार धर्म है और धर्म का आधार विज्ञान। इसके अतिरिक्त, विज्ञान, धर्म से धूल हटाकर उसे अत्यधिक स्वच्छ बना देता है। दूसरी तरफ, धर्म, विज्ञान को आत्मा देकर इसे विनाशी होने से बचाता है। विज्ञान और धर्म पूरक व प्रतिद्वन्द्वी अस्तित्व रखते हैं।
धर्म, ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास करता है, विज्ञान भी ऐसी प्राकृतिक शक्ति में विश्वास करता है जो इस संसार को नियंत्रित कर रही है, किन्तु विज्ञान ईश्वर के अस्तित्व को नकारता है। धर्म, आध्यात्मिक विकास की तरफ ले जाता है जबकि विज्ञान, भौतिक विकास की ओर ले जाता है। आध्यात्मिकता, आन्तरिक शान्ति लाती है जबकि भौतिकता इसे नष्ट करती है। विज्ञान, व्यक्ति को अभिमानी बना सकता है जबकि धर्म उसे विनीत करता है। वैज्ञानिक विकास मानव जीवन को आराम और खुशी प्रदान करता है। धर्म प्रेम, शांति, समानता और समरसता के संदेश द्वारा मानवों को एक रखने का प्रयास करता है।
इस प्रकार विज्ञान और धर्म दो प्रकार के स्वभाव के हैं। एक के दोषों को दूसरे के द्वारा दूर किया जा सकता है। विज्ञान, अंधविश्वासों को झूठा साबित कर सकता है। धर्म, विज्ञान को सामूहिक भलाई का रास्ता दिखाकर इसे विनाशी होने से रोक सकता है।
10. Computer Education
Computer education is the hub of all branches of knowledge. Even, Children, nowadays, play more on computer than on the grounds. Computer education at primary, secondary, college & university level is necessary. Now, India has a vast network of internet users and it is increasing by leaps and bounds. India in software engineering, is already, widely accepted us a super power. World has become a global village because of computer education.
Computer education has wide applicability in today's world. With increased pace of economic, scientific, political & industrial activities, it has now become very difficult for man to store, analyse, memorise and interpret various types of facts & figures. Computer, which has come to become an alternative for human brain in certain respects, can take care of all those tasks which are too big and complex for man. Thus, computer education has become an essential and important part of our curriculum. It is essential to equip today's student suitably to enable him to meet the challenges of the 21st Century. Computer education will go a long way in helping him in his struggle of future.
कम्प्यूटर शिक्षा
कम्प्यूटर शिक्षा ज्ञान की सभी शाखाओं का केन्द्र है। यहाँ तक कि बच्चे, आजकल खेल मैदानों की बजाय कम्प्यूटर पर अधिक खेलते हैं । कम्प्यूटर शिक्षा प्राथमिक, माध्यमिक, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर पर आवश्यक है। भारत में अब इंटरनेट का प्रयोग करने वालों का एक बड़ा नेटवर्क है और यह दिनदुगुनी-रात-चौगुनी वृद्धि कर रहा है। भारत सॉफ्टवेअर इंजीनियरिंग में पहले ही वृहद् स्तर पर सुपर-पॉवर माना जाता है। कम्प्यूटर शिक्षा के कारण ही संसार आज विश्व गाँव बन गया है।
कम्प्यूटर शिक्षा की आज के युग में बहुत बड़ी उपयोगिता है। आर्थिक, वैज्ञानिक, राजनैतिक एवं औद्योगिक गतिविधियों की तीव्र गति के कारण तथ्यों एवं आँकड़ों का भंडारण, विश्लेषण, स्मरण तथा व्याख्या करना दुरूह हो गया है। कम्प्यूटर, जो कुछ अर्थों में मानव-मस्तिष्क का विकल्प बन गया है, इन सब कार्यों का जिम्मा ले सकता है जो मनुष्य के लिए अत्यधिक विशाल एवं जटिल सिद्ध हो रहे हैं। इस प्रकार कम्प्यूटर की शिक्षा हमारे पाठ्यक्रम का आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण अंग बन गई है। आज के छात्र को इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों के लिए पुष्ट करना आवश्यक हो गया है। भविष्य के संघर्ष में कम्प्यूटर की शिक्षा आज के क्षेत्र के लिए काफी सहायक सिद्ध होगी।
11. Indiscipline among Students :
The problem of indiscipline among students has become a cause of great concern to our academicians, leaders and the people at large. Students indulge in throwing stones, torching buses, destroying public property, teasing girls and beating teachers. There are many causes of indiscipline. The most important one is the political cause. Political parties use students to further their interests.
Our education does not suit many of the students. They see no future after completing their studies. Our curricula lack variety. Moreover, films, T.V. serials and other media paint a picture of a society that is full of violence and indiscipline. The immature students try to copy the values shown on the screen.
Here are some suggestions. First, politics in every form must be kept out of schools and colleges. Students' unions should not be allowed to take the form of political parties. They must work only as literary organisations. Only first class persons must be appointed as teachers. It is in the interest of everyone to help in solving this problem.
छात्रों में अनुशासनहीनता
छात्रों के बीच अनुशासनहीनता की समस्या ने हमारे शिक्षा-शास्त्रियों, नेताओं तथा जनसामान्य को चिन्तित कर दिया है। छात्र पत्थर फेंकने, बसें जलाने, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने, लड़कियों को छेड़ने तथा अध्यापकों के साथ मारपीट करने जैसे दुष्कार्यों में सम्मिलित होते हैं। अनुशासनहीनता के कई कारण हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण कारण है राजनीति। राजनैतिक दल अपने हितों को आगे बढ़ाने हेतु छात्रों का उपयोग करते हैं। हमारी शिक्षा कई छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं है। वे अपना अध्ययन पूरा करने के बाद कोई भविष्य नहीं देखते। हमारी शैक्षणिक सामग्री में विविधता का अभाव है।
फिल्में, टी.वी. सीरियल एवं अन्य माध्यम एक ऐसे समाज का चित्रण करते हैं जिसमें हिंसा एवं अनुशासनहीनता का बोलबाला होता है। अपरिपक्व छात्र पर्दे पर दिखाये गये जीवन-मूल्यों की नकल करने का प्रयास करते हैं। यहाँ कुछ सुझाव हैं। प्रथमतः राजनीति को किसी रूप में स्कूलों एवं कॉलेजों से दूर रखा जाना चाहिए। छात्र-संघों को राजनैतिक दलों का रूप नहीं लेने दिया जाना चाहिए। वे केवल साहित्यिक संगठन बने रह सकते हैं। केवल प्रथम श्रेणी के लोग ही अध्यापक के रूप में नियुक्त किये जाने चाहिए। यह सभी के हित में है कि इस समस्या के समाधान में परस्पर सहयोग हो।
12. Advantages of Early Rising
An early riser gets a good start in his day's work. The early riser has done a larger amount of hard work before other men have hardly got out of their beds. In the early morning, the mind is fresh and there is little noise or other disturbance. So the work done at that time is generally well done. The early riser also finds time to take some exercise in the fresh morning air. This exercise supplies him energy that lasts till evening. He knows that he has enough time to work. So he is not in a hurry to finish his work.
All his work is finished in good time. He has long interval to rest before he goes to bed. He follows the sying “Early to bed and early to rise, makes a man healthy, wealthy and wise.” It is clear that a man who goes to bed early is more healthy than the man who sleeps late because his sleep is shortened. The late riser may not be able to produce as good results as the early riser because he misses the best working hours in the morning of the day.
प्रातः जल्दी उठने के लाभ
प्रातः भोर में उठने वाला व्यक्ति अपने दिन के कार्य का अच्छा आरम्भ करता है। देर से उठने वाले अन्य व्यक्तियों के उठने से पूर्व, शीघ्र उठने वाला पर्याप्त मात्रा में कठिन कार्य कर चुकता है। प्रात:काल भोर के समय हमारा मस्तिष्क ताजा रहता है और बहुत ही कम शोर तथा व्यवधान होते हैं। उस समय किया गया कार्य, प्रायः अच्छी तरह किया होता है। शीघ्र उठने वाले व्यक्ति को सुबह की ताजा हवा में कसरत करने के लिए समय उपलब्ध हो जाता है। इस कसरत से उसे ऊर्जा प्राप्त होती है, जो शाम तक चलती है। वह जानता है कि उसके पास कार्य करने के लिए पर्याप्त समय है। अतः उसे अपने कार्य को समाप्त करने के लिए शीघ्रता नहीं करनी पड़ती है। उसका सम्पूर्ण कार्य, समय से पहले ही समाप्त हो जाता है।
इस प्रकार सोने से पहले उसे विश्राम के लिए काफी समय मिल जाता है। वह इस कहावत का अनुसरण करता है-" (रात्रि को) जल्दी सोने और (प्रातः) जल्दी उठने से, मनुष्य स्वस्थ, धनी एवं बुद्धिमान हो जाता है।" यह स्पष्ट है कि ऐसा व्यक्ति जो रात्रि को शीघ्र सो जाता है वह उस व्यक्ति से अधिक स्वस्थ होता है जो रात्रि को देर से सोता है, क्योंकि वह कम समय के लिए नींद ले पाता है। (सुबह) देर से उठने वाला व्यक्ति उतने अच्छे परिणाम प्रदर्शित नहीं कर सकता, जितने अच्छे परिणाम (सुबह) शीघ्र उठने वाला व्यक्ति प्रदर्शित कर सकता है, क्योंकि वह (देर से उठने वाला व्यक्ति) दिन में कार्य करने का श्रेष्ठतम समय खो देता है।
13. Science : Blessing or Curse
Science has great powers. It is both—a blessing and a curse.
Science has given legs to the lame and eyes to the blind. X-ray has done a lot for us. Vaccination has almost rooted out small-pox, cholera etc. Plastic surgery is the latest development in surgery. Now germs die, men live. Today man can live a longer and healthier life. Science has conquered time and space. Now man can fly in the sky like a bird and swim in oceans like a fish. Ships, aeroplanes, trains, motors have been invented. They run very fast on earth, on waters and in air. Electricity is another wonder.
In the field of industry, machines have helped us in wide and varied productions. Cinemas, radios, transistors and televisions give us recreation. Computers and robots are wonders. Man has reached the moon and many other planets of this universe. Now earth has established a number of its own satellites.
Science has given birth to many evils. It has invented various war weapons. Atom and hydrogen bombs, and machine-guns are the examples. Modern wars are the wars of Science. Science has shaken our faith in God and religion. It has made our life-a life of anxieties. In short, science is a good servant but a bad master.
विज्ञान : वरदान अथवा अभिशाप
विज्ञान में बहुत शक्ति होती है। इसमें अच्छे व बुरे गुण पाये जाते हैं। विज्ञान ने लंगडों को टाँगें और अंधों को आँखें दी हैं। एक्स-रे ने हमको चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत कुछ दिया है। टीकों ने चेचक एवं हैजे का लगभग उन्मूलन कर दिया है। शल्य-चिकित्सा के क्षेत्र में प्लास्टिकसर्जरी एक बड़ी उपलब्धि है। अब कीटाणु मरते हैं मानव जीवित रहता है। आज मानव अधिक लम्बा एवं अधिक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है। विज्ञान ने समय एवं दूरी पर विजय प्राप्त कर ली है। अब मनुष्य पक्षी की भाँति आकाश में उड़ सकता है और समुद्र में मछली की तरह तैर सकता है। जलयान, वायुयान, रेल, मोटर आदि का आविष्कार कर लिया गया है। वे पृथ्वी पर, पानी पर तथा हवा में बहुत ही तेज गति से चलते हैं। विद्यत एक अन्य आश्चर्य है।
उद्योग के क्षेत्र में मशीनों ने विशाल मात्रा में विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन संभव बनाया है। सिनेमा, रेडियो, ट्रांजिस्टर और टेलीविजन हमारा मनोरंजन करते हैं। कम्प्यूटर व रोबोट आश्चर्यजनक हैं। मनुष्य चन्द्रमा तथा इस सौरमण्डल के अन्य बहुत से ग्रहों पर पहुँच गया है। विज्ञान ने अनेक बुराइयों को जन्म दिया है। इसने विभिन्न प्रकार के युद्ध अस्त्र-शस्त्रों का आविष्कार किया है। एटम बम व हाइड्रोजन बम एवं मशीन-गनें इसके उदाहरण हैं । आधुनिक युद्ध, विज्ञान के युद्ध हैं। विज्ञान ने ईश्वर एवं धर्म में हमारे विश्वास को हिला दिया है। इसने हमारे जीवन को चिन्ताओं का जीवन बना... दिया है। संक्षेप में, विज्ञान एक अच्छा सेवक है, किन्तु बुरा स्वामी है।
14. Advertisement
Advertisements have come to occupy an important place in modern times. The newspapers are packed with advertisements of all sorts. No newspaper can do away with the income that these advertisements earn for it. Advertisements keep the wheels of trade and commerce and of many varieties of social contact and communication welloiled. Advertisements are required by all sorts of goods and services. They serve two purposes; first, they inform and guide the consumer about a product and secondly, they help the producer in reaching out to the consumer and in finding out his needs.
Advertisements take various forms from newspaper insertions to audiovisual ads, such as, cinema-slides, posters, pamphlets, brochures, hoardings, T.V. and radio sports clips etc. Advertisements cover such a vast variety of goods and services as marriages, articles lost and found, official and non-official notifications, cinema shows, circuses, scholarship, educational tours, hotels and beauty spots, races and modes of travel etc. Almost every field of life is covered by advertisements. Indeed, it is difficult to think of life without advertisements.
विज्ञापन
आधुनिक समय में विज्ञापनों ने महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर लिया है। अखबार सभी प्रकार के विज्ञापनों से भरे होते हैं। कोई भी अखबार इनसे होने वाली आय की अनदेखी नहीं कर सकता। विज्ञापन व्यापार एवं वाणिज्य तथा सामाजिक सम्पर्क एवं सम्प्रेषण के पहियों में चिकनाई का काम करते हैं। सभी प्रकार के सामान एवं सेवाओं के लिए विज्ञापन आवश्यक हो गया है। ये दोहरी भूमिका अदा करते हैं। प्रथमतः, वे उपभोक्ता को सूचित कर मार्ग-प्रदर्शन करते हैं तथा दूसरा, वे उपभोक्ता तथा उसकी आवश्यकताओं की जानकारी निर्माता तक पहुँचाते हैं ।
विज्ञापन के कई रूप हैं, जैसे, अखबार में स्थान, दृश्य-श्रव्य साधन जैसे सिनेमा पट्टिकाएँ, पोस्टर, पर्चे, विवरण-पत्र, विज्ञापन-पट्ट, टी.वी., रेडियो, स्पोर्ट्स के छोटे अंश आदि। विज्ञापनों का विषय-क्षेत्र भी उतना ही विशाल है। ये सामान एवं सेवायें जैसे, विवाह, खोया-पाया, जन-सूचनाएँ, सिनेमा फिल्में, सर्कस, छात्रवृत्तियों, शैक्षणिक भ्रमण, होटलें, सुन्दर स्थान, दौड़ें तथा यात्रा के साधन आदि के बारे में हो सकते हैं। जीवन का हर क्षेत्र विज्ञापनों के दायरे में आ जाता है। वस्तुतः बिना विज्ञापनों के जीवन की कल्पना करना भी कठिन है।
15. The Effects of Globalization
Globalization is a recent phenomenon. With the advancement in the fields of communication, transport and trade, the world has come to acquire the character of being one nation. Language, literature, philosophy, scientific and technical knowledge, trade and commerce, are no longer confined within the boundaries of one nation or continent, thanks to the progress we have made in the field of communication and transport.
Printed books carry the language and literature of one country to another country. Thoughts are exchanged on the matters of science and technology. Goods and services are sold and bought to this country and from other countries. This process of things acquiring global character has been called globalization.
Trade and commerce have received a healthy competition and monopolies have disappeared in most cases. The standard of living of people has gone up the world over. Rich nations are investing their resources in poor countries, with the result that economic disparities are fast disappearing. Thus, globalization has helped the world.
वैश्वीकरण के प्रभाव
वैश्वीकरण एक नई प्रक्रिया है। संचार, यातायात तथा व्यापार के क्षेत्र में उन्नति के कारण दुनिया ने एक ही देश का रूप धारण कर लिया है। भाषा, साहित्य, दर्शन, वैज्ञानिक एवं तकनीकी ज्ञान, व्यापार एवं वाणिज्य, अब किसी एक देश अथवा महाद्वीप की सीमाओं में कैद नहीं रह गये हैं। इसके लिए संचार तथा यातायात के क्षेत्र में हुए विकास का आभारी होना होगा। मुद्रित किताबें एक देश की भाषा एवं साहित्य को दूसरे देश तक पहुँचाती हैं। विज्ञान एवं तकनीकी विषयों पर विचार-विमर्श किया जाता है। सामान एवं सेवायें एक देश द्वारा दूसरे देश को बेची एवं खरीदी जाती हैं। चीजों का वैश्विक चरित्र धारण किया जाना ही वैश्वीकरण कहलाता है।
व्यापार एवं वाणिज्य को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा मिली है तथा अधिकतर मामलों में एकाधिकार समाप्त हो गये हैं। विश्वस्तर पर लोगों के जीवन-स्तर में बढ़ोतरी हुई है। धनी देश अपने संसाधनों का निवेश गरीब देशों में कर रहे हैं जिसका परिणाम यह है कि आर्थिक असमानता तेजी से गायब होती जा रही है। इस प्रकार वैश्वीकरण ने विश्व की सहायता की है।