Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English Literature Essay Writing Argumentative Essays Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 11 English are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 11 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Our team has come up with Tenses Class 11 to ensure that students have basic grammatical knowledge.
1. Beti Bachao Beti Padhao
Beti Bachao, Beti Padhao (means save the girl child and educate the girl child) is a scheme launched by the government of India in the month of January in 2015. The purpose of launching this scheme was generating awareness as well as improving the efficiency of welfare services for women and girl child in the Indian society. The initial capital required for initiating this. scheme was Rs. 100 crore.
The launch of this was very much required as according to census data of 2001. Child sex ratio of age group 0-6 years was 927 girls/1000 boys in our country. It was seen a huge drop in the sex ratio 918 girls/1000 boys in 2011.India was ranked 41st among 195 countries worldwide by the UNICEF in 2012 that's why the scheme for girls was very necessary to aware people about the safety of women all over India. This scheme also make a call to people to eradicate female foeticide.
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (का अर्थ है कन्या का जीवन बचाना व उसको शिक्षा देना) एक स्कीम है जिसे भारत सरकार ने जनवरी 2015 में आरम्भ किया था। इस स्कीम को आरम्भ करने का उद्देश्य भारतीय समाज में महिलाओं व बालिकाओं की कल्याणकारी योजनाओं/सेवाओं की कुशलता में सुधार करना तथा आम जनता में जाग्रति पैदा करना है। इस स्कीम को आरम्भ करने के लिए शुरुआत में 100 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी। इस स्कीम को आरम्भ करने की सख्त आवश्यकता थी क्योंकि 0-6 वर्ष के बच्चों का लिंगानुपात 2001 में 927 बालिकाएँ/1000 बालक था जो कि 2011 में 918 बालिकाएँ/1000 बालक रह गया था। 2012 में यूनिसेफ द्वारा भारत को 41वीं रैन्क दी गई थी इसीलिए इस तरह की स्कीम बालिकाओं के लिए बहुत आवश्यक थी ताकि संपूर्ण भारत में लोगों को महिला सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके। यह स्कीम लोगों को कन्या भ्रूण हत्या रोकने का आह्वान भी करती है।
2. Swachh Bharat Abhiyan/Clean India Mission
Swachh Bharat Abhiyan is a Swachh Bharat mission led by the government of India to make India clean. This campaign was launched officially by the... government of India on 145th birthday anniversary of the great person Mahatma Gandhi on 2nd of October 2014. It was launched at the Rajghat, New Delhi (cremation of Mahatma Gandhi), The government of India has aimed at making India a clean India by 2nd of October 2019
(means 150th birth anniversary of the Mahatma Gandhi) through this campaign. :: It is a political free campaign inspired by the patrotism. It is launched as a responsibility of each and every Indian citizen to make this country a Swachh country. This campaign has initiated people globally towards the cleanliness. Teachers and students of schools are joining this "Clean India Campaign' very actively with great fervour and joy.
स्वच्छ भारत अभियान
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार के नेतृत्व में भारत को स्वच्छ बनाने का अभियान है। इस अभियान का आरम्भ 2 अक्टूबर, 2014 को महात्मा गाँधी के 145वीं जन्म दिन/जयंती पर भारत सरकार द्वारा अधिकारिक रूप से आरम्भ किया गया था। इसे राजघाट, नई दिल्ली (महात्मा गाँधी के समाधिस्थल से) से आरम्भ किया गया था। भारत सरकार ने 2 अक्टूबर, 2019 तक (पाँच वर्ष में) भारत को स्वच्छ बनाने का अभियान हाथ में लिया है। यह राजनीति से मुक्त अभियान है और राष्ट्रभक्ति से प्रेरित है। इसे एक दायित्व के रूप में लेने के लिए आरम्भ किया गया है कि प्रत्येक नागरिक भारत को स्वच्छ बनाए। इस अभियान ने वैश्विक स्तर पर भी लोगों को अग्रसर किया है। विद्यालय के अध्यापक व विद्यार्थी स्वच्छ भारत अभियान को ज्वॉइन कर रहे हैं वो भी अत्यधिक उत्साह व आनंद के साथ ।
3. Road Safety
Road safety is very necessary while going on the road and we must know that road accidents are the leading cause of death. Everyone should learn the road traffic and safety rules at a very early age to perform safer behaviours in the later life. Following are the road safety rules
सड़क सुरक्षा
जब आप सड़क पर हैं तब सड़क सुरक्षा अत्यधिक आवश्यक है तथा सभी को सुरक्षा के बारे में अवश्य जानना चाहिए क्योंकि सड़क दुर्घटनाएँ मृत्यु का बड़ा कारण बन गई हैं। प्रत्येक व्यक्ति को कम उम्र में ही सड़क यातायात व सुरक्षा नियमों की जानकारी होनी चाहिए ताकि बाद के जीवन में वे सुरक्षित व्यवहार अपना सकें। सड़क सुरक्षा के नियम निम्न हैं
4. Save Water
Water is the most precious gift to humanity by nature. Life on the earth is possible only because of water. Three-fourth surface of the earth is covered by water even after people are suffering from water scarcity in many regions of India and other countries. Difficulties faced by the people in various regions because of water scarcity teach us to conserve and save water. In order to protect water and environment. We should train public.
Water is the most essential source of life on this earth as we need water in every walk of life like drinking, cooking, bathing, washing, growing crops, plants, etc. We should save water for proper supply of water for future generations without contaminating it. We should stop misusing water, manage water usage properly and maintain the quality of water.
जल बचाव
जल, प्रकृति द्वारा मानवता को दिया गया सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपहार है। धरती पर जीवन जल के कारण ही संभव है। धरती के 3/4 भाग पर जल है। फिर भी भारत व विश्व के अनेक देशों में लोग जल की कमी का सामना कर रहे हैं। जल की कमी के कारण विभिन्न क्षेत्रों में कठिनाइयों का सामना कर रहे लोगों से यह शिक्षा मिलती है कि हमें जल का संरक्षण व बचाव करना चाहिए। जल एवं पर्यावरण को बचाने हेतु हमें जनता को प्रशिक्षित करना चाहिए।
पृथ्वी पर जीवन का सर्वाधिक आवश्यक स्रोत जल ही है क्योंकि हमें जल की आवश्यकता जीवन के प्रत्येक क्षेत्र जैसे पीना, कुकिंग, स्नान, धुलाई, फसल उगाने, पौधों आदि में पड़ती है। हमें भावी पीढ़ियों को अप्रदूषित जल आपूर्ति देने के लिए भी इसे बचाना चाहिए। हमें जल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए, जल का उपयोग प्रबंधन उचित रखना चाहिए तथा जल की गुणवत्ता को बनाए रखना चाहिए।
5. Rain Water Harvesting
Rain Water harvesting is the collection of rainwater into the man made resources or any natural resource like pond, lake etc. at the same place where it falls from rooftops or ground. Two main techniques of rainwater harvesting are storage for future use and recharge into the ground. It can be used for crops harvesting, gardening, toilets, etc. Following are the benefits of rainwater harvesting at individual or city-wide level.
वर्षा जल संरक्षण
वर्षा जल संरक्षण, मानव निर्मित स्थल या प्राकृतिक स्थल जैसे तालाब, झील आदि में वर्षा जल का संग्रहण वहीं करना है जहाँ यह छत से या जमीन से गिरता है। वर्षा जल संरक्षण की दो मुख्य तकनीक हैंभविष्य के लिए संग्रहण तथा जमीन के अंदर पहुँचाना है। इसे फसल उगाने, बागानी करने, शौचालयों आदि के लिए प्रयोग किया जा सकता है। वर्षा जल संग्रहण के व्यक्तिगत स्तर पर व शहर-स्तर पर अनेक लाभ हैं।
6. Female Foeticide
A girl child in India is religiously given the place of a goddess. Why, then, has it become essential to launch a social or political drive against the female foeticide ? Why is the gap in the men-women ratio widening year after year ? Obviously, conservative traditions, modern machines for diagnosis, governmental inactions, women's dependence, educational backwardness etc. have aggravated this problem.
Govt. should enact stringent laws and implement effectively. There must be complete ban on the detection of sex of the foetus. State should impart free education to girls upto college. Social awakening and political drive should be launched against it. In these ways, we can maintain the balance otherwise the problem will become uncontrollable.
कन्या भ्रूण हत्या
एक बालिका को, भारत में, धार्मिक रूप से एक देवी का स्थान दिया जाता है। फिर, कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध सामाजिक व राजनैतिक अभियान चलाने की आवश्यकता क्यों पड़ी? महिला-पुरुष अनुपात, वर्ष उपरांत वर्ष, क्यों अंतर वृद्धि दिखा रहा है ? स्वाभाविक रूप से, रूढ़िवादी प्रथाओं, जाँच की आधुनिक मशीनों, सरकारी निष्क्रियताओं, नारी निर्भरता, शैक्षिक पिछडापन आदि ने समस्या को बढ़ा दिया है।
सरकार को सख्त कानूनों का निर्माण व प्रभावी क्रियान्वयन करना चाहिए। भ्रूण के लिंग परीक्षण पर पूर्ण रोक होनी चाहिए। महाविद्यालय तक बालिका को राज्य द्वारा मुफ्त शिक्षा देनी चाहिए। इसके खिलाफ सामाजिक जागृति व राजनैतिक अभियान चलाना चाहिए। इन तरीकों से हम संतुलन बनाए रख सकते हैं अन्यथा समस्या नियंत्रण से बाहर हो जायेगी।
7. Women Empowerment
Women in general and the Indian women in particular are being empowered. The Indian women are on the path of progress. With the spread of education among women, they are coming out of the four walls of their houses and working for the progress of the nation shoulder to shoulder with men. They are entering even those fields which used to be the exclusive domain of men. They are now working in offices, schools, and factories, driving commercial vehicles, flying aeroplanes, joining military services and running administration of the states.
In our legislative bodies in the states and in the parliament, women have a sizable number. Government's efforts to empower women have made them aware of their rights and privileges. It is a happy sign that fifty percent of our population which had no part in nationbuilding is now contributing its time and energy in every way. Thanks to the efforts of our governments, social organisations and individuals whose efforts have made it possible.
नारी सशक्तिकरण
साधारणतया सभी महिलाएँ तथा विशेषकर भारतीय महिलाएँ शक्ति संपन्न की जा रही हैं। भारतीय महिलाएँ उन्नति के पथ पर हैं। महिलाओं के बीच शिक्षा के विस्तार के कारण वे घर की चारदीवारी से बाहर आ रही हैं तथा देश की उन्नति के लिए कार्य कर रही हैं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर। वे उन क्षेत्रों में भी प्रवेश कर रही हैं जो पुरुषों के एकाधिकार में हुआ करते थे। अब वे ऑफिसों, स्कूलों तथा फैक्ट्रियों में काम कर रही हैं। वे अब वाणिज्यिक गाड़ियाँ चला रही हैं, हवाई जहाज उड़ा रही हैं, सेना की सेवाओं में जा रही हैं तथा राज्यों के प्रशासन को चला रही हैं। राज्यों की विधानसभाओं तथा संसद में उनकी बड़ी संख्या है।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार के प्रयासों ने उन्हें उनके अधिकारों तथा विशेषाधिकारों के प्रति सजग बनाया है। यह एक सुखद संकेत है कि हमारी 50% आबादी जिसका राष्ट्र-निर्माण में कोई योगदान नहीं था, अब हर प्रकार से अपने समय एवं शक्ति का योगदान कर रही है। हमारी सरकारों, सामाजिक संस्थाओं तथा विशेष व्यक्तियों के प्रयासों से यह संभव हो सका है।
8. Environmental Pollution
Do you know ? What's green house effect ? or What's global warming ? or What's ozone layer depletion ? or Why is there unevenness in seasonal and climatic patterns ? Why are millions of people dying of T.B. and Cancer every year ? The only answer is environmental pollution.
We, human beings, in our greed for materialistic development harming the delicate balance of nature, Black and yellow gases from factories and emission of smokes by vehicles are responsible for global warming. The effect is that the increasing water level of the seas and the oceans can engulf the coastal cities or human settlements.
The ozone layer is depleting at a great speed because of increasing use of CFC gases. The seasonal and climatic patterns are also becoming uneven. One part of the world experiences drought while the other floods. Medical wastes, polythenes, plastic wastes etc. produce harmful gases. Lung related diseases are causing deaths to millions of people. Thus, environmental pollution is harmful for both the living beings and the nature.
पर्यावरणीय प्रदूषण
क्या आप जानते हैं ? ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है ? वैश्विक ताप क्या है ? ओजोन परत. क्षरण क्या है ? ऋतु और जलवायु चक्र में असमानता क्यों है ? प्रत्येक वर्ष लाखों लोग टी.बी. और कैंसर से क्यों मर रहे हैं ? एक मात्र उत्तर है पर्यावरणीय प्रदूषण। हम मानव, भौतिक विकास के लालच में प्रकृति के कोमल संतुलन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कारखानों की काली और पीली गैसें और वाहनों से निकलने वाला धुआँ वैश्विक ताप के लिए जिम्मेदार है। इसका प्रभाव यह आया है कि समुद्रों और महासागरों का जल स्तर बढ़ रहा है जो तटीय शहरों या मानव बस्तियों को निगल सकते हैं।
सी.एफ.सी. गैसों के प्रयोग में वृद्धि के कारण ओजोन परत का तेजी से क्षरण हो रहा है। ऋतु और जलवायु चक्र असमान हो रहे हैं। विश्व का एक भाग सूखे का अनुभव करता है जबकि दूसरे को बाढ़ का सामना करना पड़ता है। चिकित्सीय अपशिष्ट, पोलीथीन, प्लास्टिक अपशिष्ट आदि नुकसानदेह गैसें पैदा करते हैं। फेफड़ों से.... सम्बन्धित बीमारियाँ लाखों लोगों को मार रही हैं। . इस प्रकार पर्यावरणीय प्रदूषण जीवित प्राणियों और प्रकृति दोनों के लिए नुकसानदेह है।
9. Importance of Forests
Forests are gifts of nature. Human evolution itself has taken place in the forests. Even today some tribes live in the forests and their life depends on them. Yet with the spread of civilization, man has spurned the forests and has systematically destroyed them. The vast Sahara desert once used to be full of thick forests. But the men of ancient civilizations hacked at these forests ruthlessly and the result is there for everyone to see. India's forest area is approximately 23% of the total land area which is at least 10% less than the world average.
Fortunately, under Nehru a National Forest Policy was formed under which the total forest area was to be one-third of the total land in the country. The government has been taking more and more steps to conserve the forests and encourage afforestation through social forestry.
Forests maintain the ecological balance of nature. They conserve the soil, regulate the rainfall and the floods and maintain the ecosystems of the flora and fauna. They provide us with forest products. They also conserve the lives of millions of wild animals. They are, indeed, indispensable for man's existence on the earth.
जंगलों का महत्त्व
जंगल प्रकृति का उपहार हैं। मनुष्य का उद्भव भी जंगलों में ही हुआ है। आज भी कुछ आदिवासी लोग जंगलों में रहते हैं। इनका जीवन जंगलों पर ही निर्भर है। फिर भी, सभ्यता के विस्तार के साथ ही मनुष्य ने जंगलों को ठुकराया है तथा उन्हें व्यवस्थित रूप से नष्ट किया है। सहारा का विशाल रेगिस्तान कभी घने जंगलों से ढका हुआ था। किन्तु प्राचीन सभ्यताओं के लोगों ने इन जंगलों को निर्दयता से काट डाला तथा इसका परिणाम सभी के सामने है। भारत का जंगल-स्रोत कुल क्षेत्र का 23% है जो दुनिया के औसत प्रतिशत से 10% कम है।
सौभाग्य से नेहरूजी के समय में राष्ट्रीय वन-नीति बनाई गई जिसके अनुसार जंगल-क्षेत्र को कुल क्षेत्र के एक-तिहाई माना गया। सरकार जंगलों की रक्षा एवं वनीकरण के लिए अधिकाधिक कदम उठा रही है। सामाजिक वानिकी द्वारा वनीकरण किया जा रहा है। जंगल प्रकृति के वातावरण में संतुलन बनाये रखते हैं। वे जमीन का संरक्षण, वर्षा का नियमितीकरण, बाढ़ पर नियंत्रण तथा जीवों एवं पौधों के बीच संतुलन बनाने का कार्य करते हैं। वे हमें जंगल के उत्पाद उपलब्ध कराते हैं। वे लाखों जंगली जीबों की रक्षा करते हैं । वस्तुतः जंगल पृथ्वी पर मानव के जीवन के लिए अपरिहार्य हैं।
10. The Importance of Newspapers
Newspapers are the windows through which we see the things of the country and the world. Without newspapers, we would be like a frog in a well. They supply food to out mind. Newspaper is a mirror which reflects the political, the economic and the social conditions. Newspapers try to give us the latest news about the country and the world.
The government programmes and policies are made public through newspapers. They are an eye-opener for the government. A good newspaper is a watchdog of democracy. Newspapers are eyes, ears and mind of the government and politicians. They can know the public opinion. There are separate sections (columns) for business, games and sports. Our examination results are published in them.
It is a link between the people and the government. The government and the public, both can explain their points of view through newspapers. There are many advertisements. They help the growth of trade and business. They bring the sellers and the buyers closer. They serve the society in many ways. We should develop the habit of reading newspapers.
समाचार-पत्रों का महत्त्व
समाचार-पत्र वे खिड़कियाँ हैं जिनमें से हम संसार एवं अपने देश की घटनाओं को देखते हैं। बिना समाचार-पत्रों के हम कुएँ के मेंढ़क के समान हैं। वे हमें मानसिक भोजन देते हैं। समाचार-पत्र एक दर्पण है जो राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक दशाओं को प्रतिबिम्बित करता है। समाचार-पत्र, हमारे देश एवं संसार के नवीनतम समाचार देने का प्रयास करते हैं। सरकार अपनी योजनाओं एवं नीतियों को समाचार-पत्रों के माध्यम से जनता को अवगत कराती है। ये सरकार के लिए उसकी आँख खोलने वाले होते हैं । इस प्रकार जनतंत्र और उसकी सफलता के लिए समाचार-पत्र बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। एक अच्छा समाचार-पत्र जनतंत्र पर निगरानी रखने वाला (रक्षक) है।
समाचार-पत्र, सरकार एवं राजनीतिज्ञों की आँखें, कान, मुँह एवं मस्तिष्क होते हैं। वे जनमत को मालाम कर सकते हैं। व्यापार व खेल के लिए पृथक् (स्तम्भ) भाग होते हैं। हमारी परीक्षाओं के परिणाम इनमें प्रकाशित होते हैं । यह जनता एवं सरकार के मध्य एक कड़ी है। सरकार एवं जनता अपने-अपने दृष्टिकोण को समाचार-पत्रों के द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं। समाचार-पत्र में अनेक विज्ञापन होते हैं। वे विक्रेता एवं क्रेताओं को निकट लाते हैं। वे व्यापार के विकास में सहायता करते हैं। वे समाज की अनेक प्रकार से सेवा करते हैं। हमें समाचार-पत्र पढ़ने की आदत डालनी चाहिए।
11. Importance of Computers
Computer is a man-made machine. It makes calculations at a very high speed with accuracy. It has been called mechanical brain'. The mathematical computer has made the long mathematical calculations easy & quick. It is also useful in the field of medicine & surgery. In the field of space science, computer does complex calculations. It is also being used in the Railways & Post & Telegraph Department. Astrologers use it in the preparation of horoscopes of people. Most of the examination records are kept in the computer.
Computers provide jobs to a large number of people. Software & hardware engineers, computer operators, computants, computer programmers & so on are in great demand these days. Computers extend a helping hand in curbing corruption. All, Govt. departments & private & other agencies have websites with all types of information. People can through internet receive required information. In this way, it adds transparency in the working of the public & private agencies and makes the 'Right to Information' easily accessible.
कम्प्यूटर का महत्त्व
कम्प्यूटर मानव-निर्मित मशीन है। यह तीव्र गति से सही-सही गणनायें कर देता है। इसे 'यांत्रिक मस्तिष्क' भी कहा जाता है। गणितीय कम्प्यूटर ने लम्बी-लम्बी गणनाओं को सरलता एवं शीघ्रता प्रदान की है। यह चिकित्सा एवं शल्य-क्रिया के क्षेत्र में भी उपयोगी है। अंतरिक्ष-विज्ञान के क्षेत्र में कम्प्यूटर जटिल गणनायें करता है। इसका उपयोग रेलवे एवं डाक-तार विभाग में भी किया जाता है। ज्योतिषी लोग इसका उपयोग लोगों की जन्म-पत्रियाँ बनाने में करते हैं। परीक्षाओं का अधिकतर लेखा-जोखा कम्प्यूटर में रखा जाता है।
कम्प्यूटर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। सोफ्टवेयर और हार्डवेअर इंजीनियर्स, कम्प्यूटर ऑपरेटर्स, कम्प्यूटेन्ट्स, कम्प्यूटर प्रोग्रैमर्स आदि की इन दिनों बहुत माँग है। भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में भी कम्प्यूटर सहायता करते हैं। सभी सरकारी विभागों और निजी व अन्य एजेन्सियों की अपनी वेबसाइट्स हैं, जिन पर सभी प्रकार की सूचना है। लोग इंटरनेट द्वारा आवश्यक सूचना प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार यह सार्वजनिक और निजी एजेन्सियों के कार्यों में पारदर्शिता लाता है और सूचना के अधिकार की पहुँच आसान करता है।
12. Blood Donation
With increased pace of life, more and more incidents involving terrorist activities and natural calamities such as, fires, earthquakes and land-slides, more and more blood is needed to save lives. A campaign is run time and again to encourage people to donate blood by the governmental agencies as well as non-governmental organisations. Blood donation camps are held on important occasions to motivate people in favour of donating blood. Seminars and street-corner-shows are held to educate people on the issue of blood donation. Newspapers carry large-sized advertisements asking people to donate blood and save lives.
There are great misconceptions regarding the donation of blood. It is thought by some that donating blood leads to permanent loss of physical power and strength. Such a misunderstanding must be removed from their minds by educating them. They should be told that blood regenerates itself very quickly compensating for the donated blood. Again, it is not the blood alone that decides the bodily power and strength. Many other factors decide them.
रक्तदान
जीवन की बढ़ी हुई रफ्तार, आतंकवादी गतिविधियों तथा प्राकृतिक विपदायें जैसे भूकम्प, आग, भूस्खलन के कारण जीवन बचाने हेतु अधिकाधिक रक्त की आवश्यकता होती है। लोगों को रक्तदान हेतु प्रोत्साहित करने के लिए बार-बार सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा अभियान संचालित किये जाते हैं। महत्त्वपूर्ण अवसरों पर रक्तदान शिविर आयोजित किये जाते हैं ताकि लोगों को रक्तदान हेतु प्रेरित किया जा सके। रक्तदान के मसले पर लोगों को शिक्षित करने हेतु गोष्ठियों तथा नुक्कड़नाटकों का आयोजन भी किया जाता है। अखबारों में भी बड़े-बड़े विज्ञापन छपते हैं जो लोगों से रक्त देकर जीवन बचाने का आग्रह करते हैं।
रक्तदान के बारे में बड़ी-बड़ी गलतफहमियाँ मौजूद हैं। ऐसा माना जाता है कि रक्तदान करने से शारीरिक शक्ति का स्थायी नुकसान हो जाता है। ऐसी गलतफहमी को उनके मन से निकाला जाना चाहिए। उन्हें इस बारे में जागरूक बनाया जाना चाहिए। उन्हें बताया जाना चाहिए कि रक्त बड़ी जल्दी ही स्वयं को पुनर्जीवित कर लेता है तथा दिये गये रक्त की क्षतिपूर्ति हो जाती है। पुनः केवल रक्त ही शारीरिक शक्ति का निर्धारण नहीं करता। अन्य कई कारक इसमें शामिल होते हैं।
13. Morning Walk
Walking is the best exercise. It is equally good for the old and the young. It keeps a man healthy and happy. It refreshes our mind and makes us smart. We feel fresh for the rest of the day. We get the habit of early rising. After my examination, I went to my friend who lives in a village. We got up early in the morning. We started for a morning walk. The atmosphere was peaceful. The air was cool and pleasant. We enjoyed the beauties of nature. Flowers were laughing and leaves were dancing.
There were green trees and green fields. They looked very beautiful. Birds were singing. Their voice was very sweet. Farmers were doing work in their fields. The sun was rising in the east. It was red. It looked very nice. The air was fresh and full of natural good smell. After about an hour, I was tired. We sat on the ground. The sand was cool. It gave us pleasure and comfort. I enjoyed the beauty of nature. We came back. I took fresh milk and took rest. I felt that God is really a big artist who made these things for us. I was very happy.
प्रातःकालीन भ्रमण
घूमना सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है। यह युवा एवं वृद्ध दोनों के लिए समान रूप से अच्छा है। यह मनुष्य को स्वस्थ एवं प्रसन्न रखता है। यह हमारे दिमाग को ताजा करता है और हमें चुस्त बनाता है। परीक्षा के पश्चात् मैं अपने मित्र के पास गया जो कि एक गाँव में रहता है। हम प्रातः जल्दी उठे। हम प्रात:कालीन भ्रमण के लिए रवाना हुए। समय शान्तिपूर्ण था। वायु शीतल और आनन्ददायक थी। हमने प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द उठाया। फूल हँस रहे थे और पत्तियाँ नृत्य कर रही थीं। इधर-उधर हरे वृक्ष व हरे खेत थे।
वे बहुत सुन्दर दिखाई पड़ रहे थे। चिड़ियाँ गा रही थीं। उनकी आवाज बहुत अच्छी थी। कृषक खेतों में काम कर रहे थे। पूर्व में सूर्योदय हो रहा था। यह लाल था। वह बहुत सुन्दर दिखाई दे रहा था। हवा ताजी थी और प्राकृतिक सुगन्ध से भरपूर थी। लगभग एक घण्टे के पश्चात् मैं थक गया। हम जमीन पर बैठ गये। मिट्टी ठण्डी थी। इससे मुझे बड़ा आनन्द व आराम मिला। मैंने प्रकृति की सुन्दरता का आनन्द लिया। हम घर आये। मैंने ताजा दूध पिया और विश्राम किया। मैंने अनुभव किया कि ईश्वर वास्तव में बड़ा कलाकार है जिसने ये चीजें बनाईं। मैं बहुत खुश था।
14. The Tyranny of Noise
The world is growing more and more noisy. Noise affects our nerves. It lessens our efficiency and it disturbs our sleep. It has made our ears less sensitive. Noise also creates tension in our mind. The lowering of efficiency lowers the quantity and quality of production. Formerly, there was always a loud noise of machines in the factories. But now, because of its adverse effect on efficiency, the factories are managing to lesssen this menace of noise.
Industries are spending large sums to solve the growing problem of noise. Trees and shrubs have helped a great deal in solving this problem. The walls are now sound-proof. Machines are being kept rubber mounted. These efforts have improved the quantity and quality of our products. Now there is much talk about noise pollution. Noise also spoils the serenity and calmness of our environment. People shall have now to fight against noise as they fight against the bacteria of diseases.
शोरगुल के दष्परिणाम
विश्व तो आज अधिकाधिक शोरगुल से ग्रस्त होता जा रहा है। शोरगुल तो हमारे स्नायुतंत्रों को भी कुप्रभावित करता है। यह हमारी कुशलता को कम करता है तथा हमारी नींद को भी खराब करता है। इस शोरगुल ने तो हमारे कानों की संवेदनशीलता ही कम कर दी है। शोरगुल से हमारे मस्तिष्क में भी तनाव रहता है। हमारी कार्यकुशलता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कार्यकुशलता में कमी आने से उत्पादन के परिमाणात्मकता तथा गुणात्मकता पर भी कुप्रभाव पड़ता है। पहले के समय तो कल-कारखानों में हमेशा ही बहुत जोर का शोर हुआ करता था।
लेकिन अब इसका हमारी कार्यकुशलता पर कुप्रभाव पड़ने के कारण कल-कारखाने भी शोरगुल के इस खतरे को कम करने का प्रबन्ध कर रहे हैं। कल-कारखाने तथा उद्योग शोरगुल की समस्या को हल करने के लिए काफी बड़ी मात्रा में धन व्यय कर रहे हैं। पेड तथा घास-फूसों ने भी इस समस्या को हल करने में काफी मदद की है। दीवारें अब ध्वनि के कुप्रभावों से सुरक्षित प्रकार की होती हैं। मशीनों के शोरगुल को कम करने के लिए उन पर रबड़ चढ़ाकर रखी जाती है। इससे हमारे उत्पादनों के परिमाण तथा गुणात्मकता पर अच्छा प्रभाव पड़ा है। अब तो ध्वनि प्रदूषण के बारे में खूब चर्चा होती है। शोरगुल हमारे वातावरण की शान्ति तथा पवित्रता को भंग करता है। व्यक्तियों को तो अब शोरगुल के विरुद्ध इस प्रकार लड़ना होगा जैसे कि किसी बीमारी के कीटाणुओं को मारने के लिए कोई लड़ाई लड़ी जाती है।
15. National Integration and the Youth
India is a large country. We follow different religions and speak different languages. People often fight among themselves in the name of religion, region, or language. The pre-independence dragon of communalism is still alive. People with vested interest provoke riots. Even a petty clash is given a communal colour. Our political leaders are also responsible for all this. During elections they exploit the sentiments of region, religion, community and caste. The result is that we are not yet fully integrated as a nation.
We have the National Integration council to promote the cause of National Integration. Representative of various political parties meet together and adopt unanimous resoultions. But we are still far from our long cherished goal.
We cannot get rid of these factions until and unless our youths come forward. Most of them are above communal frenzy and regional feelings. They do not have vested interests. They are true nationalists. They can do a lot to promote National Integration. They should start a campaign against these evils. They can achieve the goal only if they are determined to do so.
राष्ट्रीय एकता और युवा वर्ग
भारत एक विशाल देश है। हम भिन्न-भिन्न धर्मों को मानते हैं और भिन्न भाषाएँ बोलते हैं। लोग धर्म, क्षेत्र अथवा भाषा के नाम पर प्रायः आपस में लड़ते रहते हैं। स्वतंत्रता से पूर्व का साम्प्रदायिकता का अजगर अभी जीवित है। निहित स्वार्थ वाले लोग दंगों को भड़काते हैं। एक छोटे से झगड़े को भी साम्प्रदायिकता का रंग दिया जाता है। इस सबके लिए हमारे राजनीतिक नेता भी उत्तरदायी हैं। चुनाव के समय वे लोगों की क्षेत्रीय, धार्मिक, जातीय और वर्ग भावनाओं का अनुचित लाभ उठाते हैं। परिणाम यह है कि हम अभी भी पूर्ण रूप से संगठित राष्ट्र नहीं हैं।
राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय एकता परिषद् (कौंसिल) है। भिन्न-भिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मिलते हैं और सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित करते हैं। परन्तु अभी भी अपने लक्ष्य से दूर हैं। हम इन गुटों से छुटकारा नहीं पा सकते जब तक कि हमारे युवक आगे नहीं आयेंगे। उनमें से अधिकांश साम्प्रदायिक उन्माद और क्षेत्रीय भावनों से ऊपर (ऊँचे) उठे हुए हैं। उनके निहित स्वार्थ भी नहीं हैं। वे राष्ट्रवादी हैं। वे राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने में बहुत कुछ कर सकते हैं। उनको इन बुराइयों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। वे यह लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं यदि वे ऐसा करने के लिए कृत संकल्प हैं।