Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Geography Practical Book Chapter 7 सुदूर संवेदन का परिचय Textbook Exercise Questions and Answers.
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1. दिए गए चार विकल्पों में सही उत्तर का चनाव करें
(i) धरातलीय लक्ष्यों का सुदूर संवेदन विभिन्न साधनों के माध्यम से किया जाता है, जैसे
(A) सुदूर संवेदक
(B) मानवीय नेत्र
(C) फोटोग्राफिक
(D) इनमें से कोई नहीं। निम्न में कौन-सा विकल्प उनके विकास का सही क्रम है ?
(क) ABC
(ख) BCA
(ग) CAB
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) BCA
(ii) निम्नलिखित में से कौन-से विद्युत् चुम्बकीय विकिरण क्षेत्र का प्रयोग उपग्रह सुदूर संवेदन में नहीं होता है?
(क) सूक्ष्म तरंग क्षेत्र
(ख) अवरक्त क्षेत्र
(ग) एक्स-रे क्षेत्र
(घ) दृश्य क्षेत्र।
उत्तर:
(ग) एक्स-रे क्षेत्र
(iii) चाक्षुष व्याख्या तकनीक में निम्न में किस विधि का प्रयोग नहीं किया जाता है ?
(क) धरातलीय लक्ष्यों की स्थानीय व्यवस्था
(ख) प्रतिबिम्ब के रंग परिवर्तन की आवृत्ति
(ग) लक्ष्यों का अन्य लक्ष्यों के संदर्भ में
(घ) आंकिक बिम्ब प्रक्रमण।
उत्तर:
(घ) आंकिक बिम्ब प्रक्रमण।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।-
(i) सुदूर संवेदन अन्य पारंपरिक विधियों से बेहतर तकनीक क्यों है ?
उत्तर:
क्योंकि सुदूर संवेदन विज्ञान ने हमें ऐसे उपकरण प्रदान कर दिये हैं जो दृश्य प्रकाश के तरंग-दैर्ध्य से कहीं अधिक तरंग दैर्गों पर ब्रह्माण्ड को देख सकते हैं। इन उपकरणों को वायुयान एवं कृत्रिम उपग्रहों में रखकर लिए गये पृथ्वी के प्रतिबिम्बों का विश्लेषण करके अनेक विषयों से सम्बन्धित सूचनाएँ प्राप्त की जा सकती हैं।
(ii) आई. आर. एस. व इंसेट क्रम के उपग्रहों में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
आई. आर. एस. उपग्रहों में सूर्य तुल्यकालिक (Sun synchronous) उपग्रह सम्मिलित होते हैं जिन्हें पृथ्वी से लगभग 700 से 900 किमी ऊँचाइयों के मध्य ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया जाता है, जबकि दूसरी ओर इंसेट क्रम के उपग्रहों में भूतुल्यकालिक (Geosynchronous) उपग्रह सम्मिलित होते हैं जिन्हें पृथ्वी से लगभग 36,000 किमी. की ऊँचाई पर पृथ्वी के घूर्णन काल से मेल खाने वाले वेग के साथ स्थापित किया जाता है।
(iii) पुशबूम क्रमवीक्षक की कार्यप्रणाली का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर:
स्पेक्ट्रमी विभेदन तथा स्थानिक विभेदन के विचार से उच्चकोटि के प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए पुशबूम क्रमवीक्षक का प्रयोग किया जाता है। पुशबूम क्रमवीक्षक (Scanner) में सभी डिटेक्टर पंक्ति में क्रमबद्ध होते हैं तथा प्रत्येक डिटेक्टर पृथ्वी के ऊपर अधोबिन्दु दृश्य पर 20 मीटर के आयाम वाली परावर्तित ऊर्जा का संग्रहण करते हैं।
3. निम्न प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए।
(i) विस्क-ब्रूम क्रमवीक्षक की कार्यविधि का चित्र की सहायता से वर्णन करें तथा यह भी बताएँ कि यह पुशबूम क्रमवीक्षक से कैसे भिन्न है?
उत्तर:
विस्क-बूम क्रमवीक्षक की कार्यविधिविस्क-ब्रूम क्रमवीक्षक में एक घूमने वाला दर्पण (Rotating Scan Mirror) एवं एकमात्र संसूचक (Detector) लगा होता है। घूमने वाला दर्पण इस प्रकार से लगा होता है कि जब यह एक चक्कर पूरा करता है तो संसूचक स्पेक्ट्रम के दूश्य एवं अवरक्त क्षेत्रों में बहुत सारे सँकरे स्पेक्ट्रमी बैंडों में प्रतिबिम्ब प्राप्त करते हुए दूश्य क्षेत्र में 90° से 120° के मध्य विसर्पी होता है। संवेदक जहाँ तक पहुँच सकता है, वह स्कैनर का पूरा क्षेत्र कुल दृष्टि क्षेत्र कहलाता है। पूरे क्षेत्र के क्रमवीक्षक के लिये संवेदक का प्रकाशीय सिरा एक निश्चित आयाम का होता है जिसे तात्क्षणिक दूष्टि क्षेत्र कहा जाता है।
विस्क-बूम क्रमवीक्षक तथा पुशब्रूम क्रमवीक्षक में-
अन्तर:
विस्क-बूम क्रमवीक्षक में घूर्णी अथवा दोलायमान दर्पण लगा होता है जबकि पुशब्रूम क्रमवीक्षक में दोलायमान दर्पण के स्थान पर एक लेन्स लगा होता है। यही कारण है कि विस्क-ब्रूम क्रमवीक्षक उड़ान मार्ग के दायें-बायें स्थित धरातलीय पट्टियों को देखता हुआ आगे बढ़ता है जबकि पुशब्रूम क्रमवीक्षक इन पट्टियों के ऊपर अपनी उड़ान दिशा में सीधा आगे बढ़ जाता है।
(ii) चित्र 7.9 (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ संख्या 89) में हिमालय क्षेत्र की वनस्पति आवरण में बदलाव को पहचानें व सूचीबद्ध करें।
उत्तर:
आई. आर. एस. उपग्रह द्वारा प्राप्त इस वायव फोटोचित्र में मई व नवम्बर माह के दौरान वनस्पति आवरण की फोटो ली गयी है। इन दोनों माहों के प्रतिबिम्बों में मानसूनी अन्तर के कारण वनस्पति आवरण भिन्नता को दर्शा रहा है। एक ओर मई के महीने में लाल धब्बे नजर आ रहे हैं जो शंकुधारी वनों को दर्शा रहे हैं जबकि नवम्बर माह के प्रतिबिम्ब में अतिरिक्त लाल धब्बे नजर आ रहे हैं जो पर्णपाती वन को दर्शा रहे हैं व हल्का लाल रंग फसलों को दर्शा रहा है।