Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
क्या हम सभी पदार्थों का स्वाद ज्ञात करने के लिए उन्हें चख सकते हैं?
उत्तर:
नहीं। हमें अज्ञात पदार्थों को नहीं चखना चाहिए; क्योंकि ये हमें हानि पहुँचा सकते हैं।
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प्रश्च 2.
जब हम शुष्क लिटमस पत्र पर खाने के सोडे के ठोस कण रखते हैं, तो हमें सही परिणाम नहीं मिलते। क्यों?
उत्तर:
क्योंकि विलयन दशा में पदार्थ अपने अम्लीय गुण ग्रहण करते हैं। इसलिए शुष्क लिटमस पत्र पर खाने के सोडे के ठोस कण रखने पर सही परिणाम प्राप्त नहीं होते।
प्रश्न 1.
अम्लों और क्षारकों के बीच अन्तर बताइए।
उत्तर:
अम्ल |
क्षारक |
(i) ऐसे पदार्थ, जो स्वाद में खट्टे होते हैं, अम्ल कहलाते हैं। |
(i) ऐसे पदार्थ, जो स्वाद में कड़वे होते हैं और जो स्पर्श करने पर साबुन जैसे लगते हैं, क्षारक कहलाते हैं। |
(ii) अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। |
(ii) क्षारक लाल लिटमस को नीला कर देते हैं। |
प्रश्न 2.
अनेक घरेलू उत्पादों, जैसे खिड़की साफ करने के मार्जकों आदि में अमोनिया पाया जाता है। ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं। इनकी प्रकृति क्या है?
उत्तर:
इनकी प्रकृति भारकीय होती है, क्योंकि क्षारकीय पदार्थ ही लाल लिटमस को नीला करते हैं।
प्रश्न 3.
उस स्रोत का नाम बताइए, जिससे लिटमस विलयन को प्राप्त किया जाता है। इस विलयन का क्या उपयोग है?
उत्तर:
प्रश्न 4.
क्या आसुत जल अम्लीय/क्षारकीय/उदासीन होता है? आप इसकी पुष्टि कैसे करेंगे?
उत्तर:
प्रश्न 5.
उदासीनीकरण के प्रक्रम को एक उदाहरण देते हुए समझाइए।
उत्तर:
उदासीनीकरण: किसी अम्ल और किसी क्षारक के बीच होने वाली अभिक्रिया उदासीनीकरण कहलाती इस अभिक्रिया में कष्मा निर्मुक्त होती है अर्थात् निकलती है और इसके साथ - साथ लवण और जल भी बनते हैं। यह लवण अम्लीय, क्षारकीय अथवा उदासीन प्रकृति का हो सकता है। अतः
अम्ल + क्षारक → लवण + जल (ऊष्मा निर्मुक्त होती है।)
उदाहरण:
प्रश्न 6.
निम्नलिखित कथन- यदि सही है, तो (T) अथवा गलत हैं, तो (F) लिखिए
(क) नाइट्रिक अम्ल लाल लिटमस को नीला कर देता है।
(ख) सोडियम हाइड्रॉक्साइड नीले लिटमस को लाल कर देता है।
(ग) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक - दूसरे को उदासीन करके लवण और जल बनाते हैं।
(घ) सूचक वह पदार्थ है, जो अम्लीय और क्षारकीय विलयनों में भिन्न रंग दिखाता है।
(च) दंत क्षय, क्षार की उपस्थिति के कारण होता है।
उत्तर:
(क) False
(ख) False
(ग) True
(घ) True
(च) False
प्रश्न 7.
दोरजी के रेस्टोरेन्ट में शीतल (मृदु) पेय की कुछ बोतलें हैं। लेकिन दुर्भाग्य से वे चिह्नित नहीं हैं। उसे ग्राहकों की मांग के अनुसार पेय परोसने हैं। एक ग्राहक अम्लीय पेय चाहता है, दूसरा क्षारकीय और तीसरा उदासीन पेय चाहता है। दोरजी यह कैसे तय करेगा कि कौन-सी बोतल किस ग्राहक को देनी है?
उत्तर:
दोरजी, सूचक की सहायता से यह तय कर सकता है कि कौन - सी बोतल किस ग्राहक को देनी है। चूंकि सूचक ऐसे पदार्थों के विलयन होते हैं, जो अम्लीय, क्षारकीय और उदासीन विलयन में भिन्न रंग दर्शाते हैं। इसलिए दोरजी सूचक के प्रयोग से अपनी समस्या का समाधान कर सकता है। अगर दोरजी प्राकृतिक सूचक लिटमस का प्रयोग करता है, तो जो पेय पदार्थ लाल लिटमस को नीला कर देगा, वह क्षारकीय प्रकृति का होगा तथा जो पेय पदार्थ नीले लिटमस को लाल कर देगा, वह अम्लीय प्रकृति का होगा। यदि पेय पदार्थ लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा तो वह उदासीन प्रकृति का होगा। इस प्रकार दोरजी पेय पदार्थों को अलग-अलग करके ग्राहकों को उनकी इच्छा के अनुसार दे सकता है।
प्रश्न 8.
समझाइए, ऐसा क्यों होता है
(क) जब आप अतिअम्लता से पीड़ित होते हैं, तो प्रतिअम्ल की गोली लेते हैं।
(ख) जब चींटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है।
(ग) कारखाने के अपशिष्ट को जलाशयों में बहाने से पहले उसे उदासीन किया जाता है।
उत्तर:
(क) प्रतिअम्ल वास्तव में, क्षारक होते हैं। जब हम अतिअम्लता से पीड़ित होते हैं, तब प्रतिअम्ल की गोली लेते हैं। यह क्षारक होने के कारण अत्यधिक अम्ल के प्रभाव को उदासीन कर देते हैं।
(ख) जब चोटी काटती है तब यह त्वचा में अम्लीय द्रव डोड़ देती है, जिससे खुजली चलती है। इसको दूर करने के लिए त्वचा पर कैलेमाइन अथवा नमीयुक्त खाने का सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) का बिलयन लगाया जाता है। वह विलयन क्षारीय प्रकृति का होता है, जो डंक के प्रभाव को उदासीन कर देता है।
(ग) कारखानों के अपशिष्टों (कचरे) में अनेक अम्लीय व क्षारकीय पदार्थ मिश्रित होते हैं। यदि इन अपशिष्ट पदार्थों को ऐसे ही सौधे ही जलाशयों में विसर्जित कर दिया जाए, तो मछली एवं अन्य जलीय जीवों को ये नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए कारखानों के अपशिष्ट को जलाशयों में विसर्जित करने से पहले उदासीन किया जाता है।
प्रश्न 9.
आपको तीन द्रव दिए गए हैं, जिनमें से एक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल है, दूसरा सोडियम हाइड्रॉक्साइड और तीसरा शक्कर का विलयन है। आप हल्दी को सूचक के रूप में उपयोग करके उनकी पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
हल्दी का विलयन अम्लीय और उदासीन पदार्थों से प्रभावित नहीं होता है। परन्तु भारकीय पदार्थों के साथ इसका रंग लाल हो जाता है। इसलिए उपयुक्त तीनों बिलयनों में से सबसे पहले हम भारक विलयन की पहचान करेंगे। क्षारक की पहचान करने के लिए हम तीनों द्रों को अलग-अलग हल्दी पत्र की पट्टी पर धीरे - धीरे डालते हैं। हम देखते हैं कि सोडियम हाइड्रॉक्साइड डालने पर हल्दी पत्र की पट्टी का रंग लाल हो जाता है।
अत: सोडियम हाइड्रॉक्साइड क्षारक है। अब हम लाल हुई हल्दी पट्टी पर शेष दो द्रवों की बर्दै डालते हैं। यदि पट्टी पुनः पीली हो जाती है तो डाला गया द्रव हाइड्रोक्लोरिक अम्ल है क्योंकि यह क्षारक को उदासीन कर देता है। अगर पट्टी का रंग लाल ही रहता है तो डाला गया द्रव शक्कर का विलयन है। इस प्रकार हम तीनों बिलयनों की पहचान कर लेते हैं।
प्रश्न 10.
नीले लिटमस पत्र को एक विलयन में डुबोया गया। यह नीला ही रहता है। विलयन की प्रकृति क्या है? समझाइए।
उत्तर:
विलयन उदासीन अथवा क्षारीय प्रकृति का हो सकता है; क्योंकि ये दोनों ही नीले लिटमस पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं डालते हैं।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित वक्तव्यों को ध्यान से पढ़ें
(क) अम्ल और क्षारक दोनों सभी सूचकों के रंगों को परिवर्तित कर देते हैं।
(ख) यदि कोई सूचक अम्ल के साथ रंग परिवर्तित कर देता है, तो वह क्षारक के साथ रंग परिवर्तन नहीं करता।
(ग) यदि कोई सूचक क्षारक के साथ रंग परिवर्तित करता है, तो वह अम्ल के साथ रंग परिवर्तित नहीं करता।
(घ) अम्ल और क्षारक में रंग परिवर्तन सूचक के प्रकार पर निर्भर करता है। ऊपर लिखे वक्तव्यों में से कौन-से वक्तव्य सही हैं?
(i) सभी चार
(ii) (क) और (घ)
(iii) (ख), (ग), (घ)
(iv) केवल (घ)
उत्तर:
केवल (घ)