Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 3 पदार्थों का पृथक्करण
RBSE Solutions for Class 7 Science
RBSE Class 7 Science पदार्थों का पृथक्करण Intext Questions and Answers
पाठगत प्रश्न
पृष्ठ – 24
प्रश्न 1.
हमारे दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले मिश्रणों के अवयवों को दी गई सारणी में लिखिए।
उत्तर:
सारणी : दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले मिश्रणों के अवयव
प्रश्न 2.
बालू मिट्टी एवं शक्कर को देखने पर दोनों पदार्थों में क्या अन्तर है?
उत्तर:
बालू मिट्टी में बहुत से पदार्थ जैसे मृदा, छोटे कंकड़, घास-फूस आदि दिखाई देते हैं और आपस में मिले होते हैं अत: यह एक मिश्रण है जबकि शक्कर को देखने पर उसमें एक ही प्रकार के कण नजर आते हैं, अतः शक्कर एक पदार्थ है।
पृष्ठ – 26
प्रश्न 3.
गेहूँ, जौ, चावल, मक्का के मिश्रण को अलग – अलग कैसे करेंगे?
उत्तर:
गेहूँ, जी, चावल, मक्का के मिश्रण को पृथक्करण की विधि बीनना/हस्तचयन के द्वारा अनाजों के इस मिश्रण को अलग-अलग करेंगे।
पृष्ठ – 27
प्रश्न 4.
गन्दले जल से मिट्टी जैसी अविलेय अशुद्धियों को कैसे दूर करेंगे?
उत्तर:
गन्दले जल से मिट्टी जैसी अविलेय अशुद्धियों को निस्वंदन विधि द्वारा दूर करेंगे।
पृष्ठ – 28
प्रश्न 5.
दही से मक्खन एवं छाछ को कैसे पृथक् करते हैं?
उत्तर:
बिलौनी की सहायता से दही को पात्र में वृत्ताकार घुमाया जाता है। इससे दही से छाछ एवं मक्खन पृथक्पृथक् हो जाते हैं। हाल भारी होने से नीचे रह जाती है जबकि मक्खन हल्का होने से छाछ के ऊपर तैरता रहता है, जिसे अलग कर लेते हैं। पृथक्करण की यह विधि अपकेंन्द्रण कहलाती है।
पृष्ठ – 29
प्रश्न 6.
समुद्री जल से नमक कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
समुद्री जल से नमक प्राप्त करने हेतु जल को छोटी-छोटी क्यारियों में वाध्यीकरण हेतु भर लेते हैं, जिन्हें लैगून कहते हैं। सूर्य की गर्मी पाकर इन क्यारियों से जल का वाष्पीकरण (वाष्प बनकर उड़ जाना) हो जाता है तथा क्यारियों में नमक शेष बच जाता है जिसे एकत्रित कर लिया जाता है। पृथक्करण की यह विधि वाष्पीकरण कहलाती है।
पृष्ठ – 30
प्रश्न 7.
ऊनी वस्त्रों की सुरक्षा के लिए रखी नैफ्थेलीन की गोलियों कुछ समय (दिनों) बाद गायब क्यों हो जाती हैं?
उत्तर:
नैफ्थेलीन ऊनी कपड़ों के अन्दर की गर्मी पाकर सीधे ही ठोस अस्या से गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाती है। यह पदार्थो में ऊर्ध्वपातन के गुण के कारण होता है। कुछ ठोस गरम करने पर सीधे गैस अवस्था में एवं ठण्डा करने पर गैस से ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं। इसे ऊर्ध्वपातन कहते हैं, जैसे-नैफ्थेलीन, कपूर आदि।
पृष्ठ – 31
प्रश्न 8.
गन्दले जल में फिटकरी क्यों डालते हैं?
उत्तर:
गन्दले जल में फिटकरी जल की अशुद्धियों को दूर करने के काम आती है। इसके प्रयोग से मिट्टी के कण भारी होने के कारण पात्र के पैदे में बैठ जाते हैं। शुद्ध जल को निधारकर अलग कर लेते हैं।
प्रश्न 9.
जल में घुली हुई अशुद्धियों को कैसे दूर करते हैं?
उत्तर:
जल में घुली अशुद्धियों को वायन एवं संघनन विधियों से जल को पृथक् कर दूर करते हैं।
RBSE Class 6 Social Science पदार्थों का पृथक्करण Text Book Questions and Answers
सही विकल्प का चयन कीजिए
Question 1.
गेहूँ से कंकड़ को अलग कौनसी विधि द्वारा किया जाता है?
(अ) फटकना
(ब) चुम्बक
(स) बीनना
(द) श्रेशिंग
उत्तर:
(स) बीनना
Question 2.
दही से मक्खन को कौनसी विधि से अलग किया जाता है?
(अ) आसवन
(ब) अपकेन्द्रण
(स) छानना
(द) वाध्यन
उत्तर:
(ब) अपकेन्द्रण
Question 3.
समांगी मिश्रण का उदाहरण है ……………….
(अ) शक्कर व दूध का मिश्रण
(ब) रेत व लोहे का मिश्रण
(स) मिट्टी व पानी का मिश्रण
(द) तेल व पानी का मिश्रण
उत्तर:
(अ) शक्कर व दूध का मिश्रण
Question 4.
भाप को द्रव में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को कहते हैं ……………….
(अ) वायन
(ब) संघनन
(स) आसवन
(द) थ्रेशिंग
उत्तर:
(ब) संघनन
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- चने व गेहूँ के मिश्रण से चने को ………………. द्वारा पृथक् किया जाता है।
- किसी द्रव का वाष्य में बदलना ………………. कहलाता
- शर्बत ………………. का उदाहरण है।
- दवाइयाँ बनाने में ………………. जल का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
- बीनना
- वाष्पीकरण
- समांगी मिश्रण
- आसुत
कॉलम (1) व कॉलम (2) को सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1. (ब)
2. (स)
3. (अ)
4. (द)
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
लैगून किसे कहते हैं?
उत्तर:
समुद्री जल से नमक प्राप्त करने के लिए समुद्री जल को वाष्पीकरण हेतु छोटी-छोटी क्यारियों में इकट्ठा करते हैं, जिन्हें लैगून कहते हैं।
प्रश्न 2.
समांगी मिश्रण को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
समांगी मिश्रण-ऐसे मिश्रण जिनमें दो या दो से अधिक अवयव उपस्थित रहते हैं, किन्तु उन्हें अलग-अलग नहीं देख सकते हैं, समांगी मिश्रण कहलाते हैं। जैसेनमक का जलीय विलयन। इसमें नमक तथा जल को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता। अन्य उदाहरणवाय।
प्रश्न 3.
निस्यंदन से क्या अभिप्राय है? इसे चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
1. निस्यन्दन (Filtration) – ठोस तथा द्रव के किसी मिश्रण में से अवयवों को पृथक् करना, निस्पंदन कहलाता है।
2. सचित्र प्रयोग – एक छन्ना कागज लीजिए. और इसे चित्रानुसार मोडकर एक शंक की आकृति तैयार कीजिए। चित्रानुसार इसे एक कीप में लगाकर नीचे रखिए। अब गन्दले जल को एक बीकर में लेकर छनने कागज पर धीरे-धीरे सावधानी से उंडेलिए। कीप का \(\frac { 2 }{ 3 }\) भाग भर जाने पर हम देखते हैं कि छन्ना कागज मिट्टी के कणों, कंकड़ों आदि को कागज पर ही रोक लेता है, जबकि जल को नीचे जाने देता है। यह प्रक्रिया निस्पंदन है।
प्रश्न 4.
समांगी मिश्रण एवं विषमांगी मिश्रण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
समांगी मिश्रण:
- समांगी मिश्रण के अवयवों को अलगअलग नहीं देख सकते है।
- उदाहरण – नमक का जलीय विलयन।
विषमांगी मिश्रण:
- विषमांगी मिश्रण के अवयवों को अलगअलग देखा जा सकता है।
- उदाहरण – सरसों का तेल व पानी का मिश्रण।
प्रश्न 5.
अशुद्ध नमक से शद्ध नमक प्राप्त करने की विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अशुद्ध नमक से शुद्ध नमक प्राप्त करने की . विधि निम्न प्रकार हैचाइना डिश में नौसादार व नमक का मिश्रण लीजिए। इसे तिपाई स्टेण्ड पर रखकर, इसके ऊपर काँच की एक कीप को उल्य करके ढक दीजिए। कीप के मुँह को रूई से बन्द कर दीजिए। डिश को तब तक गर्म कीजिए, जब तक कि मिश्रण में से सफेद धुआँ न निकलने लगे। अब मिश्रण को गर्म करना बन्द कर दीजिए। हमें कीप की सतह पर सफेद पदार्थ जमा हुआ दिखाई देता है। यह सफेद पदार्थ नौसादार है और चाइना डिश में शेष नमक रह जाता है।
चित्र-ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा शुद्ध नमक प्राप्त करना
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
रेत, नमक एवं लोहे की छीलन के मिश्रण में से इसके अवयवों को पृथक् करने की विधि लिखिए।
उत्तर:
इसके लिए हमें एक से अधिक विधियाँ अपनानी होंगी।
- चुम्बकीय पृथक्करण विधि
- अवसादन विधि
- वाष्पन विधि।
1. चुम्बकीय पृथक्करण विधि – सर्वप्रथम इस मिश्रण में से लोहे की छीलन को चम्बकीय पृथक्करण विधि से अलग करते हैं। इस मिश्रण में बार-बार चुम्बक को घुमाने-फिराने पर लोहे की छीलन चुम्बक में चिपक कर अलग हो जाती है। चुम्बकीय पृथक्करण विधि द्वारा अचुम्बकीय पदार्थों को अलग कर लेते हैं।
2. अवसादन विधि-अब शेष रेत एवं नमक को अवसादन विधि द्वारा अलग कर लेते हैं। इसका एक विलयन बना लेते हैं। रेत पात्र में नीचे रह जायेगी एवं नमक के विलयन को निधारकर अलग कर लेते हैं।
3. वाष्पन विधि – अब विलयन में से नमक को वाष्पीकरण विधि द्वारा अलग कर लेते हैं। इस प्रकार तीन अलग-अलग विधियों द्वारा रेत, नमक एवं लोहे की छीलन के मिश्रण में से इसके अवयवों को अलग-अलग कर सकते हैं।
प्रश्न 2.
पृथक्करण की किन्हीं चार विधियों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मिश्रण से उसके अवयवों को पृथक् करने की कई विधियाँ प्रचलित हैं। इनमें से चार का वर्णन निम्न प्रकार है –
1. निष्पावन (फटकना) (Winnowing) – खलिहानों में किसान अनाज के मिश्रण को ऊँचाई से गिराते हैं, अनाज भारा हान के कारण पास गिरता है, जबकि हल्का भूसा वायु के प्रवाह से दूरी पर अलग हो जाता है।
इस प्रकार किसी मिश्रण को फटक कर अवयवों को मिश्रण से अलग करने की विधि निष्पावन कहलाती है।
2. अपकेन्द्रण (Centrifugation) – घरों में दही से मक्खन, छाछ को पृथक् करते हैं। इस प्रक्रिया में बिलौनी की सहायता से दही को पात्र में वृत्ताकार घुमाया जाता है, जिससे भारी अवयव (छाह) नीचे रह जाती है एवं हल्का अवयव (मक्खन) ऊपर आकर तैरने लगता है। पृथक्करण की यह प्रक्रिया अपकेन्द्रण कहलाती है।
3. श्रेशिंग (Threshing) – खेतों में विभिन्न दालों, धान के पौधों को सुखाया जाता है। तत्पश्चात् अनाज के कणों को अलग-अलग करने के लिए सूखे पौधों को पत्थर या लकड़ी के पट्टों पर पीटते हैं। अन्न कणों को पके हुए पौधों से अलग करने की इस प्रक्रिया को श्रेशिंग कहते हैं। इस कार्य हेतु आजकल श्रेशिंग मशीन का भी प्रयोग किया जाता है।
4. चुम्बकीय पृथक्करण विधि (Magnetic Separation Process) – एक कागज पर रेत व लोहे की छीलन का मिश्रण लीजिए। चुम्बक को मिश्रण के पास ले जाइए। बार-बार यह प्रक्रिया दोहराइए। हम देखते हैं कि लोहे की छीलन चुम्बक पर चिपक जाती है और रेत कागज पर रह जाती है। इस प्रकार चुम्बकीय पृथक्करण विधि द्वारा चुम्बकीय पदार्थों को अचुम्बकीय पदार्थों से पृथक् किया जाता है।
प्रश्न 3.
पदार्थों का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? समझाइए।
उत्तर:
निम्न कारणों से किसी मिश्रण के पदार्थों का पृथक्करण आवश्यक है –
- मिश्रणों से अशुद्धियों को पृथक् करके वस्तुओं की गुणवत्ता में वृद्धि कर सकते हैं।
- इससे वस्तुओं की शुद्धता, सामर्थ्य एवं उपयोगिता बड़ा सकते हैं।
- पृथक्करण द्वारा मिश्रण के घटकों का अनुपात ज्ञात कर सकते हैं।
- जैसे सीमेन्ट में अशुद्धि के कारण उसकी सामर्थ्य कम हो जाती है। सोने में अशुद्धियों से चमक कम हो जाती है।
- अशुद्ध जल को पीने से हम बीमार हो सकते हैं। पृथक्करण द्वारा हम इन्हें शुद्ध बना सकते हैं। अत: हम कह सकते हैं कि मिश्रण से अवयवों को पृथक् करना हमारे जीवन में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मिश्रण से उसके अवयवों को पृथक् करने की कई विधियाँ प्रचलित हैं।
RBSE Class 6 Social Science पदार्थों का पृथक्करण Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
ऐसे मिश्रण जिनमें उसके अवयवों को अलग-अलग देखा जा सकता है, क्या कहलाते हैं?
(अ) समांगी मिश्रण
(ब) विषमांगी मिश्रण
(स) घटकीय मिश्रण
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) विषमांगी मिश्रण
Question 2.
ठोस तथा द्रव के किसी मिश्रण में से अवयवों को पृथक् करना कहलाता है …………………….
(अ) आसवन
(ब) निस्पंदन
(स) निष्पादन
(द) अपकेन्द्रण
उत्तर:
(ब) निस्पंदन
Question 3.
अन्न कणों को पके हुए पौधों से अलग करने की प्रक्रिया को कहते हैं ……………………
(अ) अवसादन
(ब) कटाई
(स) भण्डारण
(द) श्रेशिंग
उत्तर:
(द) श्रेशिंग
Question 4.
किसी द्रव का वाष्प में बदलना कहलाता है ……………………
(अ) वाष्पीकरण
(ब) निस्यन्दन
(स) निष्पादन
(द) संघनन
उत्तर:
(अ) वाष्पीकरण
Question 5.
नमक एवं नौसादर के मिश्रण को कौनसी विधि से अलग कर सकते हैं?
(अ) ऊर्ध्वपातन
(ब) आसवन
(स) वाध्धन
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) ऊर्ध्वपातन
Question 6.
भूसा मिले हुए अन्न को ऊँचाई से गिराने पर भूसा व अन्न कण पृथक् हो जाते हैं। यह पृथक्करण की कौनसी विधि है?
(अ) प्रेसिंग
(ब) निस्पंदन
(स) उर्ध्वपातन
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(द) इनमें से कोई नहीं
Question 7.
समुद्री जल से नमक प्राप्त करते हैं ……………………
(अ) निष्पावन द्वारा
(ब) वाष्पीकरण द्वारा
(स) छानने द्वारा
(द) अपकेन्द्रण द्वारा
उत्तर:
(ब) वाष्पीकरण द्वारा
Question 8.
पानी और तेल का मिश्रण है ……………………
(अ) विषमांगी
(ब) समांगी
(स) विलेय
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) विषमांगी
Question 9.
नमक व रेत को कौनसी विधि द्वारा पृथक् करते हैं।
(अ) ऊर्ध्वपातन
(ब) वाष्पीकरण
(स) चुम्बकीय पृथक्करण
(द) निष्पंदन
उत्तर:
(ब) वाष्पीकरण
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- इन्जेक्शन की दवा को घोलने के लिए ………………….. जल का प्रयोग करते हैं। (आसुत/भारी)
- भाप को द्रव में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को ………………….. कहते हैं। (आसवन/संघनन)
- किसी मिश्रण में से प्रत्येक अवयव को अलग करना ………………….. कहलाता है। (छानना/पृथक्करण)
- अशुद्धियों को हाथ से निकालाना …………………… कहलाता है। (बीनन/छानना)
- नमक का जलीय विलयन ………………….. का उदाहरण है। (समांगी मिश्रण/विषमांगी मिश्रण)
उत्तर:
- आसुत
- संघनन
- पृथक्करण
- बीनना
- समांगी मिश्रण।
कॉलम (1) को कॉलम (2) से मिलाकर सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1. (ब)
2. (द)
3. (अ)
4. (य)
5. (स)
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मिश्रण से क्या अभिप्राय है? यह कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
मिश्रण दो या दो से अधिक घटकों या अवयवों से मिलकर बनता है। मिश्रण दो प्रकार के होते हैं –
- समांगी
- विषमांगी।
प्रश्न 2.
मिश्रण के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
मिश्रण के कई उदाहरण हैं जैसे – वायु, शरबत, आईसक्रीम, बालू मिट्टी, चाय, इलुवा आदि।
प्रश्न 3.
पृथक्करण किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी भी मिश्रण में से उसके प्रत्येक अवयव को अलग-अलग करना पृथक्करण कहलाता है।
प्रश्न 4.
पृथक्करण की कोई दो विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- छानना
- चुम्बकीय पृथक्करण विधि।
प्रश्न 5.
फिल्टर पेपर द्वारा पृथक् करने की विधि कौनसी है?
उत्तर:
निस्पंदन।
प्रश्न 6.
वाष्पन किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी द्रव अवस्था का वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को वायन कहते हैं।
प्रश्न 7.
संघनन क्या है?
उत्तर:
किसी भाप का द्रव अवस्था में परिवर्तित होना, संघनन कहलाता है।
प्रश्न 8.
गन्दे जल से मिट्टी को अलग कैसे करते हैं?
उत्तर:
गन्दे जल को उन्ना कागज से छानकर मिट्टी एवं जल को अलग करते हैं।
प्रश्न 9.
हस्तचयन विधि से किस प्रकार के मिश्रणों का पृथक्करण करते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
गेहूँ, जौ, मक्का से कंकड़-पत्थर आदि को हस्तचयन विधि द्वारा अलग करते हैं।
प्रश्न 10.
छानना पृथक्करण विधि से किस प्रकार के मिश्रणों का पृथक्करण करते हैं? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
आटे से भूसा एवं अन्य अशुद्धियाँ छानकर दूर करना छानना पृथक्करण विधि द्वारा करते हैं।
प्रश्न 11.
अपकेन्द्रण पृथक्करण विधि से किन मिश्रणों को पृथक् करते हैं? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
दही से छाछ एवं मक्खन को बिलोकर दूर करना अपकेन्द्रण विधि द्वारा करते हैं।
प्रश्न 12.
अनाज के कणों को उनके सूखे पौधों से किस विधि द्वारा पृथक् करते हैं?
उत्तर:
प्रेशिंग द्वारा पृथक् करते हैं।
प्रश्न 13.
सूप की सहायता से अनाज की हल्की अशुद्धियों को पृथक् करने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर:
फटकना प्रक्रिया कहते हैं।
प्रश्न 14.
चुम्बकीय पदार्थों को अचुम्बकीय पदार्थों से पृथक करने की विधि का क्या नाम है?
उत्तर:
चुम्बकीय पृथक्करण विधि।
प्रश्न 15.
ऊध्र्वपातन को अभिक्रिया द्वारा प्रदर्शित कीजिए
उत्तर:
प्रश्न 16.
पृथक्करण की किन्हीं दो विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- छानना
- बीनना (हस्तचयन)
प्रश्न 17.
आसवन किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी बिलयन से वाष्पीकरण और संघनन विधि द्वारा शुद्ध द्रव को प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसवन कहते है।
प्रश्न 18.
अवसादन किसे कहते हैं?
उत्तर:
मिश्रण में भारी अवयवों के नीचे बैठ जाने की प्रक्रिया को अवसादन कहते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या पदार्थों का पृथक्करण करना, दैनिक जीवन में आवश्यक है?
उत्तर:
हौं। दैनिक जीवन में पदार्थों का पृथक्करण आवश्यक है। मिश्रणों से अशुद्धियों को पृथक करके हम उनकी गुणवत्ता, शुद्धता, सामर्थ्य एवं उपयोगिता बढ़ा सकते हैं। साथ ही मिश्रण के घटकों का अनुपात भी ज्ञात कर सकते हैं। अत: दैनिक जीवन में पदार्थों का पृथक्करण आवश्यक है। जैसे-अशुद्ध जल को शुद्ध करना।
प्रश्न 2.
शेसिंग का प्रक्रम चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
ग्रेसिंग-खेतों में धान, दालों और अन्य कई फसलों के पौधों को जमीन से काटने के बाद सुखाया जाता है। सूखने के बाद अनाज के कणों को अलग करने के लिए इन सूखे पौधों को पत्थरों या लकड़ी के पट्टों | पर पीटा जाता है। इससे पौधों से अनाज के कण पृथक हो जाते हैं। अनाज के कणों को पके हुए पौधों से अलग करने का यह प्रक्रम प्रेसिंग कहलाता है। आजकल इस कार्य हेतु श्रेसिंग मशीन का उपयोग किया जाने लगा है।
प्रश्न 3.
ऊध्वपातन किसे कहते हैं?
उत्तर:
कुछ ठोस गरम करने पर बिना द्रव में बदले सीधे गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं एवं ठण्डा करने पर गैसीय अवस्था से बिना द्रव में बदले पुनः ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को ऊळपातन कहते हैं।
प्रश्न 4.
नमक बनाने के लिए छोटी-छोटी क्यारियों में पानी क्यों भरते हैं?
उत्तर:
समुद्री जल से नमक बनाने के लिए जल को छोटी-छोटी क्यारियों में भरा जाता है, जिन्हें लैगून कहते हैं। क्यारियाँ बनाने से पानी छोटे-छोटे टुकड़ों में भरा रहता है, जिनका क्षेत्रफल कम होता है। इससे जल का वाष्पीकरण जल्दी एवं सही तरीके से होता है। क्यारियों से नमक को ठेरियां बनाने में आसानी रहती है एवं क्यारियों से एक निश्चित जगह पर नमक तैयार होता है।
प्रश्न 5.
पदार्थों के मिश्रण से पृथक्करण की कौन-कौन सी विधियाँ हैं?
उत्तर:
मिश्रण से उसके अवयवों को पृथक करने की निम्न विधियाँ हैं, जिन्हें पृथक्करण की विधियाँ कहते हैं –
- बीनना
- छानना
- निष्यंदन
- निष्पादन
- अपकेन्द्रण
- ग्रेशिंग
- वाष्पीकरण
- चुम्बकीय पृथक्करण
- ऊर्ध्वपातन
- अवसादन एवं निधारना
- आसवन आदि
प्रश्न 6.
पृथक्करण की बीनना (Handpicking) विधि पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
बीनना-गेहूं, चावल, दाल आदि में अनुपयोगी पदार्थ जैसे-अनाज, कंकड़, मिट्टी एवं अन्य अशुद्धियाँ मिली होती हैं। जो प्राय: बहुत कम मात्रा में होती हैं। इनकी आकृति एवं रंग मूल पदार्थों से भिन्न होता है। इन अशुद्धियों को हाथ से चुनकर पृथक् कर लेते हैं। पृथक्करण की इस विधि को बीनना या हस्तचयन कहते है।
प्रश्न 7.
छानना (Sieving) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
छानना – भवन निर्माण वाले स्थानों पर बड़े चालनों की सहायता से रेत में से कंकड़, पत्थर अलग करते हैं। आटे को भी छानते हैं जिससे चालनी में भूसा एवं अशुद्धियाँ रह जाती हैं। इस प्रक्रिया को छानना कहते हैं। मिश्रण की अशुद्धियों को चालने की सहायता से अलग-अलग करने को मिश्रण की विधि छानना विधि कहलाती है।
प्रश्न 8.
सूप की सहायता से अनाज को फटकना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
सूप की सहायता से अनाज में मिश्रित हल्की अशुद्धियों को पृथक् करने की प्रक्रिया को फटकना कहते हैं। खलिहानों में किसान अनाज को ऊंचाई से गिराते हैं, अनाज भारी होने के कारण पास में गिरता है जबकि हल्का भूसा वायु के प्रवाह के कारण दूर गिरता है। इस प्रकार से फटक कर अनाज की अशुद्धियों को दूर किया
प्रश्न 9.
दही को बिलौने पर छाछ नीचे एवं मक्खन ऊपर क्यों आ जाता है?
उत्तर:
बिलौनी की सहायता से दही को पात्र में वृत्ताकार घुमाया जाता है जिससे छाउ भारी होने के कारण नीचे रह जाती है और मक्खन हल्का होने के कारण ऊपर तैरने लगता है। यह प्रक्रिया अपकेन्द्रण कहलाती है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मिश्रण कितने प्रकार के होते हैं? प्रयोग द्वारा समझाइये।
उत्तर:
मिश्रण के प्रकार – पदार्थों की प्रकृति के आधार पर मिश्रणों को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है –
- समांगी मिश्रण
- विषमांगी मिश्रण
इनका वर्णन निम्न प्रकार है –
1. समांगी मिश्रण – ऐसे मिश्रण जिनमें दो या दो से अधिक अवयव उपस्थित रहते हैं किन्तु उन्हें अलग-अलग नहीं देख सकते हैं। ये समांगी मिश्रण कहलाते हैं, जैसेनमक का जलीय विलयन। प्रयोग-काँच का एक गिलास लीजिए, उसको पानी से लगभग आधा भरिये और एक चम्मच नमक डालकर हिलाइए। नमक उसमें घुल जाता है। इस मिश्रण में पानी और नमक को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता है।
2. विषमांगी मिश्रण – ऐसे मिश्रण जिनमें उनके अवयवों को अलग-अलग देखा जा सकता है, विषमांगी मिश्रण कहलाते हैं। जैसे-पानी-तेल का मिश्रण। प्रयोग-काँच के एक बीकर में थोड़ा पानी लीजिए। उसमें एक छोटा चम्मच मूंगफली या सरसों का तेल मिलाकर हिलाइए। हम देखते हैं कि बीकर में पानी तथा तेल की दो अलग-अलग परतें दिखाई देती हैं।
प्रश्न 2.
पृथक्करण की निम्न विधियों का सचित्र वर्णन कीजिए
- वाष्पीकरण
- अवसादन एवं निथारना
उत्तर:
1. वाष्पीकरण (Vaporisation) – किसी द्रव को वाष्प में बदलना वाष्पीकरण कहलाता है।
प्रयोग – एक चाईना डिश लीजिए। इसको लगभग आधा पानी से भरिये। इसमें एक चम्मच नमक डालकर हिलाइए। अब इसे गरम कीजिए। थोड़ी देर बाद हम देखते हैं कि चाईना डिश का सारा पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है और चाईना डिश में नमक रह जाता है। यही पदार्थों को पृथक् करने की वाष्पीकरण विधि है।
2. अवसादन एवं निथारना (Sedimentation and Decantation) – मिश्रण में भारी अवयवों के नीचे बैठ जाने की प्रक्रिया को अवसादन कहते हैं। अवसादित मिश्रण को बिना हिलाये-डुलाये सावधानी पूर्वक दूसरे बीकर में स्थानान्तरित करने की प्रक्रिया को निथारना कहते हैं। ये भी पदार्थों के पृथक्करण की विधियाँ हैं। प्रयोग-काँच का एक बीकर लीजिए, उसको जल से लगभग आधा भरिये। उसमें एक चम्मच बालू रेत डालकर हिलाइए। हम देखते हैं कि बालू रेत नीचे बीकर की तली में बैठ जाती है।
यह अवसादन है। अब इस जल को निथारकर दूसरे बीकर में निकाल लेते हैं, यह निथारना है।
प्रश्न 3.
समुद्री जल से नमक बनाने की विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वाष्पीकरण विधि द्वारा समुद्री जल से नमक प्राप्त किया जाता है जिसमें वाष्पीकरण के लिए समुद्री जल को छोटी-छोटी क्यारियों में इकट्ठा करते हैं। जिन्हें लैगन कहते हैं। सूर्य की गर्मी से क्यारियों का समुद्री पानी भाप बनकर उड़ जाता है तथा नमक क्यारियों में बचा रहता है।
प्रश्न 4.
ऊर्ध्वपातन (Sublimation) क्या है? इसे प्रयोग द्वारा समझाइए।
उत्तर:
कुछ ठोस गरम करने पर सीधे गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं एवं ठण्डा करने पर वाष्प से बिना द्रव में बदले ही पुनः ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया कोऊर्ध्वपातन कहते हैं।
हम ऊर्ध्वपातन के द्वारा नमक एवं नौसादर के मिश्रण को अलग कर सकते हैं।
प्रयोग – चाईना डिश में नमक एवं नौसादर का मिश्रण लीजिए। इसे तिपाई स्टेण्ड पर रखकर, इसके ऊपर काँच की एक कीप को उल्टा करके रख दीजिए। कीप के मुँह को रुई से बन्द कर दीजिए। मिश्रण में से धुआँ निकलने तक मिश्रण को गर्म कीजिए। मिश्रण को अब बंद कर ठण्डा कीजिए। हम देखते हैं कि कीप की सतह पर सफेद पाउडर जैसा नौसादर जम जाता है और चाईना डिश में नमक शेष रह जाता है।
प्रश्न 5.
पृथक्करण की विधि आसवन (Distillation) को सचित्र प्रयोग द्वारा समझाइये।
उत्तर:
किसी विलयन से वाष्पीकरण और संघनन विधि द्वारा शुद्ध द्रव को प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसवन कहते हैं। प्रयोग-एक केतली में जल लेकर गर्म कीजिए। केतली का सारा पानी भाप में बदल जाता है। द्रव को वाष्प में परिवर्तित करने की यह प्रक्रिया वाष्पन कहलाती है। पानी की अशुद्धियाँ केतली में रह जाती हैं। अब धातु की एक प्लेट लेकर उस पर बर्फ रखिए। प्लेट को केतली की टोंटी के ठीक ऊपर चित्रानुसार पकड़िये। जब भाप बर्फ से ठण्डी की गई प्लेट के सम्पर्क में आती है तो वह द्रव जल में परिवर्तित हो जाती है। यह द्रव बूंद-बूंद बनकर बीकर में एकत्रित हो जाता है। भाप को द्रव में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को संघनन कहते हैं।
प्रश्न 6.
नीचे दिये गये मिश्रणों को पृथक्करण की कौनसी विधियों द्वारा उनके मूल अवयवों से पृथक् करेंगे?
- कपूर एवं नमक का मिश्रण
- नमक एवं रेत का मिश्रण
- जल एवं खाने का सोडा का मिश्रण
- जल एवं सरसों के तेल का मिश्रण
- मिट्टी एवं लोहे के बुरादे का मिश्रण।
उत्तर:
- कपूर एवं नमक के मिश्रण को पृथक्करण की ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा पृथक् करेंगे।
- नमक एवं रेत के मिश्रण को पृथक्करण की अवसादन तथा वाष्पन की विधियों द्वारा पृथक् करेंगे।
- जल एवं खाने के सोडे के मिश्रण को पृथक्करण की वाष्पन विधि द्वारा पृथक् करेंगे।
- जल एवं सरसों के तेल के मिश्रण को पृथक्करण की निस्यंदन विधि द्वारा पृथक् करेंगे।
- मिट्टी एवं लोहे के बुरादे के मिश्रण को पृथक्करण की चुम्बकीय पृथक्करण विधि द्वारा पृथक् करेंगे।