Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 12 पादप में जनन Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
पादप कैसे जनन करते हैं?
उत्तर:
पादपों में जनन विभिन्न विधियों द्वारा होता है। ये मुख्यतः दो प्रकार से जनन करते हैं:
(1) अलैंगिक जनन और
(2) लैंगिक जनन।
अलैंगिक जनन में पादप बिना बीजों के ही नए पादप को उत्पन्न कर सकते हैं, जबकि लैंगिक जनन में नए पादप बीजों से प्राप्त होते हैं।
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प्रश्न 2.
क्या कायिक प्रवर्धन का कोई लाभ है?
उत्तर:
हाँ, कायिक प्रवर्धन से होने वाले लाभ निम्न प्रकार से हैं:
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प्रश्न 3.
परागकण में उपस्थित नर युग्मक किस प्रकार बीजाण्ड में उपस्थित मादा युग्मक तक पहुंचता है?
उत्तर:
नर युग्मक परागण की क्रिया द्वारा मादा युग्मक तक पहुंचता है।
प्रश्न 4.
पुष्प सामान्यतः इतने रंग - बिरंगे और सुगन्धयुक्त क्यों होते हैं? क्या ऐसा कीटों को आकर्षित करने के लिए होता है?
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जनक पादक के कायिक भागों से नए पादप के उत्पादन का प्रक्रम .............................. कहलाता है।
(ख) ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है .............................. पुष्प कहते हैं।
(ग) परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकान पर स्थानान्तरण का प्रक्रम .............................. कहलाता है।
(घ) नर और मादा युग्मकों का युग्मन .............................. कहलाता है।
(च) बीज प्रकीर्णन .............................., .............................. और .............................. के द्वारा होता है।
उत्तर:
(क) कायिक प्रवर्धन
(छ) एकलिंगी
(ग) परागण
(घ) निषेचन
(च) पवन, जल, जन्तुओं।
प्रश्न 2.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन की विधियाँ: अलैंगिक जनन में पादप बिना बीजों के ही नए पादप को उत्पन्न कर सकते हैं। इस जनन की विभिन्न विधियाँ हैं, जो निम्न प्रकार से हैं
(1) कायिक प्रवर्धन: इस विधि में पादप जड़, तना, पत्ती अथवा कली (मुकल) जैसे किसी कायिक अंग द्वारा नये पादप को उत्पन्न करते हैं। कि जनन पादप के कायिक भागों में होता है, इस कारण इसे कायिक प्रवर्धन कहते हैं।
उदाहरण- गन्ना, आलू, गुलाब, ब्रायोफिलम, हल्दी, शकरकंद, डहेलिया, कैक्टस आदि पादपों में जनन इसी विधि द्वारा होता है।
चित्र में दिखाये अनुसार ब्रायोफिलम (पत्थरचट्टा) में पत्ती के किनारे गर्त में कलिकाएं होती हैं। यदि इस पादप की पत्ती आई मृदा में गिर जाए, तो प्रत्येक कलिका (मुकुल) नए पादप को जन्म दे सकती है।
2. मुकुलन: एक कोशिकीय जीव यीस्ट मुकलन द्वारा जनन करते हैं। यीस्ट कोशिका से बाहर निकलने वाला छोटे
बल्ब जैसा प्रवध मुकुल या कली कहलाता है। मुकुल क्रमशः वृद्धि करता है और जनक कोशिका से विलग होकर नई बीस्ट कोशिका बनाता है। नई यीस्ट कोशिका विकसित होकर परिपक्व हो जाती है और फिर नई यीस्ट कोशिकाएँ बनाती है। कभी - कभी नवीन मुकुल से नए मुकुल विकसित हो जाते हैं, जिससे एक मुकुल शृंखला बन जाती है। यदि यह प्रक्रम चलता रहता है, तो कुछ ही समय में बहुत अधिक संख्या में यीस्ट कोशिकाएं बन जाती हैं।
3. खंडन: इस प्रकार का जनन सामान्यतः शैजाल में पाया जाता है। ये मुख्यतः ठहरे हुए पानी में पाये जाते हैं। जल और पोषक तत्त्व उपलब्ध होने पर ये वृद्धि करते हैं और तेजी से खंडन द्वारा गुणन करते हैं। शैवाल दो या अधिक खंडों में विखंडित हो जाते हैं। फिर ये खंड नए जीवों में वृद्धि कर जाते हैं। यह प्रक्रम निरन्तर चलता रहता है और कुछ ही समय में शैवाल एक बड़े क्षेत्र में फैल जाते हैं।
4. बीजाणु निर्माण: बीजाणु अलैंगिक जनन ही करते हैं। प्रत्येक बीजाणु उच्च ताप और निम्न आर्द्रता जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों को झेलने के लिए एक कठोर सुरक्षात्मक आवरण से ढका रहता है, इसलिए ये लम्बे समय तक जीवित रह सकते हैं। अनुकूल परिस्थितियों में ये अंकुरित हो जाते हैं और नए जीव को जन्म देते हैं।
डबल रोटी में, वायु में उपस्थित बीजाणुओं से कवक ठग जाते हैं। जब बीजाणु निर्मुक्त होते हैं, तब ये वायु में तैरते रहते हैं। चौक ये बहुत हल्के होते हैं, इसलिए वे लम्बी दूरी तक भी चले जाते हैं।
प्रश्न 3.
पादपों में लगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर:
लैंगिक जनन: इस जनन में नए पादप बीजों से प्राप्त होते हैं। पादप में मुख्यतः पुष जनन अंग होता है। पुंकेसर नर जनन अंग और स्त्रीकेसर मादा जनन अंग कहलाता है। पुंकेसर के दो भाग होते हैं - परागकोश और पुतंतु। परागकोश में परागकण होते हैं, जो नर युग्मक बनाते हैं। स्त्रीकेसर के तीन भाग वर्तिकान, वर्तिका और अंडाशय होते हैं। अंडाशय में एक या अधिक बीजाण्ड होते हैं। मादा युग्मक अथवा अंड का निर्माण बीजाण्ड में होते हैं।
लैंगिक जनन में नर और मादा युग्मकों के युग्मन से युग्मनज बनता है। लैंगिक जनन का प्रथम चरण 'परागण' की क्रिया होती है। इसमें परागकणों का परागकोश से पुष्प के वर्तिकान पर स्थानान्तरण होता है। यहाँ पर परागकण अंकुरित होकर एक पतली नली का निर्माण करते हैं। यह नली परागकण को स्वीकेसर के अंडाशय तक पहुँचने में मदद करती है। यहाँ पर नर युग्मकों का मादा युग्मकों अर्थात् अंड से निषेचन होता है और युग्मनज बनता है। यह युग्मनग भ्रूण में विकसित होता है। इस प्रकार लैंगिक जनन की प्रक्रिया पूरी होती है।
प्रश्न 4.
अलैंगिक और लैंगिक जनन के बीच प्रमुख अन्तर बताइए।
उत्तर:
अलैंगिक और लैंगिक जनन में अन्तर:
अलगिक जनन |
लैंगिक जनन |
(i) इस प्रकार के जनन में पादप बिना बीजों के ही नए पादप को उत्पन्न कर सकते हैं। |
(i) इस जनन में नए पादप बीजों से प्राप्त होते हैं। |
(ii) इसके लिए नर तथा मादा युग्मकों की आवश्यकता नहीं होती। |
(ii) इसमें नर तथा मादा युग्मकों के युग्मन से ही नयी कोशिका बनती है। |
(iii) इस विधि द्वारा उत्पन्न पादप जनक पादप की यथार्थ प्रतिलिपि होते हैं क्योंकि वे एक ही जनक द्वारा उत्पन्न होते हैं। |
(iii) इस विधि से उत्पन्न नए पादपों में विविधता की संभावना अधिक होती है। |
प्रश्न 5.
किसी पुष्प का चित्र खींचकर उसमें जनन अंगों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
स्व - परागण और पर - परागण के बीच अन्तर बताइए।
उत्तर:
स्व - परागण में, परागकण परागकोश से उसी पुष्प के वर्तिकान पर स्थानान्तरित होते हैं, जबकि पर - परागण में परागकण एक पुष्प के परागकोश से उसी प्रकार के दूसरे पुष्प के वर्तिकान पर स्थानान्तरित होते हैं।
प्रश्न 7.
पुष्यों में निषेचन का प्रक्रम किस प्रकार सम्पन्न होता है?
उत्तर:
निषेचन की प्रक्रिया: लैंगिक जनन के समय निषेचन की प्रक्रिया सम्पन्न होती है। लैंगिक जनन में नर तथा मादा युग्मक भाग लेते हैं। नर जनन अंग पुंकेसर के ऊपरी भाग परागकोश में परागकण होते हैं। ये नर युग्मक बनाते हैं। परागण के द्वारा परागकणों का परागकोश से पुष्प के मादा जनन अंग के ऊपरी भाग वर्तिकान पर स्थानान्तरण हो जाता है। वर्तिकान पर परागकण अंकुरित होकर एक पतली नली का निर्माण करते हैं। यह परागनली परागकण को स्वीकेसर के अंडाशय तक पहुँचने में मदद करते हैं। यहाँ पर नर युग्मकों का मादा युग्मकों (अंड) से युग्मन होता है। बुग्मन (संयोग) से बनी कोशिका 'युग्मनज' कहलाती हैं। युग्मनज बनाने के लिए नर और मादा युग्मकों के युग्मन का प्रक्रम 'निषेचन' कहलाता है। यह युग्मनन भ्रूण में विकसित होता है।
प्रश्न 8.
बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बीज - प्रकीर्णन: प्रकृति में एक ही प्रकार के पादप विभिन्न स्थानों पर उगे हुए पाए जाते हैं। ऐसा बीजों के विभिन्न स्थानों पर प्रकीर्णन के कारण होता है। प्रकृति में पादप के फलों और बीजों का प्रकीर्णन पवन, जल और जन्तुओं द्वारा होता है।
1. पवन द्वारा: सेहिजन (ड्रमस्टिक) तथा द्विफल (मैपिल) जैसे पादप के पंखयुक्त बीज, घासों के हल्के बीज अथवा आक (मदार) के रोमयुक्त बीज और सूरजमुखी के रोमयुक्त फल पवन के साथ उड़कर सुदूर स्थानों तक चले जाते हैं।
2. जल द्वारा: कुछ बीज जल द्वारा प्रकीर्णित होते हैं। ऐसे बीजों अथवा फल के आवरण स्पंजी अथवा तंतुमय होते हैं, ताकि वे जल में तैरते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकें, जैसे-नारियल।
3.जंतुओं द्वारा: कुछ बीज जंतुओं द्वारा प्रकीर्णित होते हैं, विशेषरूप से कंटकी (काँटेदार) बीज, जिनमें हुक जैसी संरचनाएं होती हैं, जिससे बीज जंतुओं के शरीर से चिपक जाते हैं और दूरस्थ स्थानों तक ले जाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, यूरेना एवं जैन्थियम के बीज।
4. कुछ पादपों के फल झटके के साथ फट जाते हैं, जिससे उनके अन्दर स्थित बीज प्रकौर्णित हो जाते हैं। बीज जनक पादप से दूर जाकर गिरते हैं। एरंड और बाल्सम के पादप में ऐसा ही होता है।
प्रश्न 9.
कॉलम A में दिए गए शब्दों का कॉलम B में दिए गए जीवों से मिलान कीजिए
कालम A |
कॉलम B |
(क) कली/मुकुल |
(i) मैपिल |
(ख) आँख |
(ii) स्पाइरोगाइरा |
(ग) खंडन |
(iii) बीस्ट |
(घ) पंख |
(iv) डबलरोटी की फफूंद |
(च) बीजाणु |
(v) आलू |
|
(vi) गुलाब |
उत्तर:
कालम A |
कॉलम B |
(क) कली/मुकुल |
(iii) बीस्ट |
(ख) आँख |
(v) आलू |
(ग) खंडन |
(ii) स्पाइरोगाइरा |
(घ) पंख |
(i) मैपिल |
(च) बीजाणु |
(iv) डबलरोटी की फफूंद |
प्रश्न 10.
सही विकल्प पर (√ ) निशान लगाइए
(क) पादप का जनन भाग होता है, उसका
(i) पत्ती/पर्ण
(ii) तना
(iii) मूल
(iv) पुष्प
उत्तर:
(iv) पुष्प।
(ख) नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता हैं
(i) निषेचन
(ii) परागण
(iii) जनन
(iv) बीज निर्माण
उत्तर:
(i) निषेचन।
(ग) परिपक्व होने पर अंडाशय विकसित हो जाता
(i) बीज में
(ii) पुंकेसर में
(iii) स्वोकेसर में
(iv) फल में
उत्तर:
(iv) फल में।
(घ) बीजाणु उत्पन्न करने वाला एक पादप जीव है
(i) गुलाब
(ii) डबलरोटी की फफूंद
(iii) आलू
(iv) अदरक
उत्तर:
(ii) डबलरोटी की फफूंद।
(च) ब्रायोफिलम अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है
(i) तना
(ii) पत्ती
(iii) मूल
(iv) पुष्प
उत्तर:
(ii) पत्ती।