RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 6 संचार माध्यम और संचार प्रौद्योगिकी

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 6 संचार माध्यम और संचार प्रौद्योगिकी Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Home Science Solutions Chapter 6 संचार माध्यम और संचार प्रौद्योगिकी

RBSE Class 11 Home Science संचार माध्यम और संचार प्रौद्योगिकी Textbook Questions and Answers

समीक्षात्मक प्रश्न

Class 11 Home Science Chapter 6 Question Answer In Hindi प्रश्न 1. 
संचार शब्द से आप क्या समझते हैं? मौखिक और गैर-शाब्दिक संचार की विभिन्न विधियाँ क्या
उत्तर:
संचार शब्द अंग्रेजी के कम्युनिकेशन का पर्याय है जो लैटिन कॉम्यूनिस से निकला है, जिसका अर्थ हैसर्वसामान्य । इसलिए, यह न केवल विचारों, मतों को व्यक्त करने या ज्ञान और सूचना प्राप्त करने से संबंधित है, बल्कि इसमें विषय को बिल्कुल उसी अर्थ में समझना भी शामिल है, जो संप्रेषक और ग्राही के लिए समान हो।

मौखिक और गैर-शाब्दिक संचार की विभिन्न विधियाँ एवं साधन निम्नलिखित हैं

मौखिक या शाब्दिक संचार: श्रवण साधन अथवा मौखिक माध्यम, जैसे-बोलना, गाना और कभी-कभी स्वर का लहजा इत्यादि भी मौखिक संचार के लिए महत्वपूर्ण हैं। सभी व्यक्ति अपने सक्रिय समय का लगभग 70 प्रतिशत समय मौखिक रूप से संचार करने (सुनने, बोलने और जोर से पढ़ने) में बिताते हैं।

गैर-शाब्दिक संचार: संचार के गैर-शाब्दिक साधन हैं-हाव-भाव, मुखमुद्राएँ, मिजाज, भंगिमाएँ, नेत्र संपर्क, स्पर्श, परा-भाषा, लिखाई, पहनावा, केश-सज्जा आदि साथ ही वास्तुकला, प्रतीकों और संकेतों की भाषा, जैसे-कुछ जनजातीय लोगों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले धूम्र संकेत।

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Class 11 Home Science Chapter 6 Question Answer प्रश्न 2. 
संचार प्रक्रिया को उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें।
उत्तर:
संचार की प्रक्रिया: किसी माध्यम के जरिए प्रेषक से प्राप्तकर्ता तक सूचना अथवा विषय के संप्रेषण की प्रक्रिया संचार कहलाती है। इस प्रक्रिया में विभिन्न तरीकों से सूचना के आदान-प्रदान में वह लचीलापन शामिल है, जिससे प्रेषक और प्राप्तकर्ता दोनों सूचना को ठीक-ठीक स्पष्टतः और पूर्ण रूप से समझ लें। संदेश पर आगे की योजना बनाने के लिए श्रोताओं/दर्शकों की प्रतिपुष्टि भी ठीक उसी तरह ग्रहण की जाती है, जैसे बाजार में कोई उत्पाद भेजने से पहले बाजार सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है

प्रभावी और सफल संचार के लिए आगे दिए गए मुख्य पाँच घटकों का कुशलता से नियंत्रण किया जाना चाहिए। इसे संचार के एस.एम.सी.आर.ई. मॉडल के जरिए आसानी से समझा जा सकता है, जो कि निम्न है

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चित्र : संचार का एस.एम.सी.आर.ई. मॉडल 

एस.एम.सी.आर.ई. मॉडल संचार की संपूर्ण प्रक्रिया और उसमें शामिल घटकों को दर्शाता है, जो कि निम्नलिखित

1. स्रोत:
स्रोत वह व्यक्ति है जो संचार की प्रक्रिया को शुरू करता है। वह पूरी संचार प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए उत्तरदायी मुख्य घटक है। वह श्रोता या दर्शक के एक विशिष्ट समूह को इस प्रकार संदेश देता है कि यह न केवल संदेश के सही संप्रेषण में परिलक्षित होता है, बल्कि इससे अपेक्षित अनुक्रिया भी प्राप्त होती है। वह आपका शिक्षक, माता-पिता, मित्र, सहपाठी, विस्तार कार्यकर्ता, नेता, प्रशासक, लेखक, किसान अथवा देश के दूरस्थ क्षेत्र से देशज जानकारी रखने वाला कोई जनजातीय व्यक्ति हो सकता/सकती है।

2. संदेश:
यह वह सूचना या विषय है जिसे संचारक प्राप्त करने की इच्छा करता है, स्वीकार करता है या उस पर कार्रवाई करता है। यह कोई भी ऐसी तकनीकी, वैज्ञानिक, आम जानकारी हो सकती है या किसी व्यक्ति, समूह अथवा अधिक बड़े जनसमुदाय की रोजमर्रा की जिंदगी या ज्ञान के किसी क्षेत्र से संबंधित सामान्य या विशिष्ट विचार हो सकता है।

3. चैनल:
संचार का वह माध्यम जिसके द्वारा कोई जानकारी प्रेषक से ग्राहियों तक पहुँचती है, चैनल कहलाता है। आमने-सामने बैठकर किया गया संचार एवं मौखिक संचार, संचार के सर्वाधिक सहज और प्रभावी साधनों में से एक हैं। लेकिन अब यह स्थान जन-संचार माध्यमों और बहु-माध्यम प्रौद्योगिकियों ने ले लिया है।

4. ग्राही (प्राप्तकर्ता):
संदेश या संचार कार्य के लक्ष्य के रूप में ग्राही या श्रोता या दर्शक। ग्राही कोई व्यक्ति वा समूह, आदमी या औरत, ग्रामीण या शहरी, वृद्ध या जवान हो सकते हैं। ग्राही समूह जितना अधिक समरूप होगा, सफल संचार के अवसर उतने ही अधिक होंगे।

5. सूचना का प्रभाव (प्रतिपुष्टि):
संचार प्रक्रिया तब तक अधूरी रहती है जब तक प्रेषित संदेश के संबंध में अनुक्रिया प्राप्त नहीं हो जाती।

प्रतिपुष्टि का उदाहरण: जब कोई शिक्षक पाठ पढ़ा देता है तो वह विद्यार्थियों से यह जानने के लिए प्रश्न पूछता है कि उन्होंने पाठ समझ लिया या नहीं। प्रश्न पूछने और उत्तर जानने की यह क्रिया कि क्या विषयवस्तु और पाठ समझे गए हैं और फिर से किन विषयों को समझाने की आवश्यकता है, प्रतिपुष्टि कहलाती है।

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Home Science Class 11 Chapter 6 Notes In Hindi प्रश्न 3. 
"संचार प्रक्रिया में जितनी अधिक इंद्रियाँ शामिल होंगी, संचार उतना ही प्रभावी और दीर्घ होगा।" औचित्य सहित टिप्पणी कीजिए। 
उत्तर:
किताब में पढ़ने की तुलना में टीवी पर प्रसारण अथवा जीवंत लोकनृत्य या शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति देखने से अपनी समृद्ध परंपरा के बारे में जानने-समझने में अधिक आसानी होती है और यह अधिक रुचिकर भी होता

औचित्यकरण: लोग जो पढ़ते हैं, उसका 10 प्रतिशत याद रखते हैं। लोग जो सुनते हैं, उसका लगभग 2025 प्रतिशत याद रखते हैं। लोग जो देखते हैं, उसका लगभग 30-35 प्रतिशत उनके दिमाग में रहता है। लोग जो देखते और सुनते हैं, उसका 50 प्रतिशत या उससे अधिक वे याद रखते हैं। जबकि लोग जो देखते, सुनते और करते हैं, उसका 80-85 प्रतिशत या उससे भी अधिक याद रखते हैं।

निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि अधिक इंद्रियों को प्रयुक्त करने पर किसी विषयवस्तु का अध्ययन अधिक स्पष्ट रूप से समझ में आता है और स्थायी रहता है।

Sanchar Class 11 प्रश्न 4. 
संचार माध्यम दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करते है? विभिन्न प्रकार के संचार माध्यमों की व्याख्या करें।
उत्तर:
रेडियो सुनते समय या टेलीविजन देखते समय आप जो सुनते या देखते हैं, वह आपको किसी-नकिसी रूप में प्रभावित करता है। यह संचार माध्यम का प्रभाव है।

संचार माध्यम से अभिप्राय: संचार माध्यम वह साधन है, जो धारणाओं, विचारों, भावनाओं, नए तथ्यों, अनुभवों आदि को प्रेषित और प्रसारित करने के लिए संचार के विभिन्न तरीकों का प्रयोग करता है।

संचार माध्यम का दैनिक जीवन पर प्रभाव: संचार माध्यम हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमारे जीवन के लगभग हर पहलू पर प्रभाव डालता है। इसका मुख्य कारण है कि इसे हम दुनिया की घटनाओं के बारे में जानने के लिए सबसे बेहतर स्रोत मानते हैं। संचार माध्यम हमारे दैनिक जीवन को इसलिए भी बहुत अधिक प्रभावित करते हैं क्योंकि ये हमारे विचारों को प्रभावित करने की शक्ति रखते हैं। यह प्रभाव कभी सकारात्मक होता है तो कभी नकारात्मक भी हो सकता है।

संचार माध्यमों का वर्गीकरण: संचार माध्यमों को दो वृहत् श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है

  1. पारंपरिक संचार माध्यम: ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में अंतर्वैयक्तिक संचार माध्यम मुख्य रूप से संचार का सर्वाधिक प्रयुक्त और प्रभावी माध्यम है। अन्य पारंपरिक लोक संचार माध्यमों में शामिल हैं-कठपुतली, लोकनृत्य व गीत, लोक रंगमंच, मौखिक साहित्य, मेले और त्यौहार, अनुष्ठान और प्रतीक, संकेत, पोस्टर, पत्र-पत्रिकाएँ और अन्य स्थानीय मुद्रित सामग्रियाँ, जनजातीय समूहों के ढोल महोत्सव, छाया पुतली, रेडियो, उत्सव और यात्राएँ इत्यादि । इन माध्यमों द्वारा देशभर के विविध संप्रदायों के संदेशों, अभिव्यक्तियों, भावनाओं और परंपराओं का संप्रेषण होता
  2. आधुनिक संचार माध्यम: आधुनिक प्रौद्योगिकी के आगमन से, संचार माध्यमों का आश्चर्यजनक विस्तार हुआ है। नई संचार प्रौद्योगिकियाँ, जैसे-मोबाइल फोन, ऐसी आकर्षक विशेषताओं के साथ आ रहे हैं, जिससे बॉडकास्ट (प्रसारण) की गुणवत्ता और क्षमता में सुधार हुआ है। कम्प्यूटरों की उपलब्धता और इंटरनेट सुविधा से संचार माध्यम ने एक नए युग में प्रवेश किया है। रेडियो, उपग्रह, टेलीविजन, आधुनिक मुद्रण माध्यम, फिल्म न की विभिन्न पद्धतियाँ, ऑडियो कैसेट और कॉम्पैक्ट डिस्क प्रौद्योगिकी, केबल और बेतार प्रौद्योगिकी, मोबाइल फोन, वीडियो फ़िल्म और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि आधुनिक माध्यम के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।

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Class 6 Home Science Chapter 6 Question Answer प्रश्न 5. 
संचार प्रौद्योगिकी की परिभाषा लिखिए। ऐसी दो आवश्यक संचार प्रौद्योगिकियों की सविस्तार चर्चा करें, जिनसे संचार क्षेत्र में क्रांति आ गई है। अपने उत्तर का औचित्य भी दें।
उत्तर:
संचार प्रौद्योगिकी की परिभाषा-संचार प्रौद्योगिकी का संबंध सूचना को नियंत्रित करने और संचार को सहायता देने के लिए विकसित और प्रयुक्त विभिन्न प्रौद्योगिकियों से है। इसमें आधुनिक प्रौद्योगिकियां शामिल हैं जिनका प्रयोग डाटा के प्रेषण के लिए किया जाता है जो इलेक्ट्रॉनिक संकेत या डिजिटल हो सकते हैं।

ऐसे हार्डवेयर, संस्थागत तंत्र तथा सामाजिक मूल्य, जिनका उपयोग व्यक्ति सूचना एकत्र करने, संसाधित करने और आदान-प्रदान करने के लिए करते हैं, संचार प्रौद्योगिकी के भाग हैं।

यूनेस्को के अनुसार, "संचार प्रौद्योगिकी एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जो सूचनाओं को प्रसारित करने, स्टोर करने, बनाने, साझा करने या विनिमय करने के लिए उपयोग की जाती है।

संचार क्षेत्र में क्रांति लाने वाली दो आवश्यक संचार प्रौद्योगिकियाँ

1. उपग्रह संचार:
पिछले 30 वर्षों में उपग्रह संचार विश्व के लगभग सभी देशों में पहुंच गया है और इसने न केवल संचार में बल्कि मानव जीवन के विविध पहलुओं में क्रांति ला दी है।

उपग्रह संचार क्या है?-विभिन्न प्रबोजनों के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी की सहायता से की जाने वाली संचारप्रक्रिया उपग्रह संचार कहलाती है। उपग्रह को अंतरिक्ष में स्थापित किया जाता है और वायु-वाहित या अंतरिक्षवाहित प्लेटफार्मों पर लगाए गए प्रकाशीय संवेदकों की सहायता से प्राप्त सूचनाएँ विश्व भर में प्रेषित की जाती हैं।

उपग्रह प्रौद्योगिकी के विशिष्ट लक्षण-इसमें किन्हीं भी दो बिंदुओं के बीच त्वरित और विश्वसनीय संचार बनाने की क्षमता होती है। यह एक ही समय में पर्याप्त विस्तृत क्षेत्र में एक ही जगह से विभिन्न जगहों तक एक साथ सूचना प्रेषित करती है। साथ ही, यह कई जगहों से एक मुख्य स्थान (केंद्र) में सूचना एकत्र करता है। 

उपग्रह प्रौद्योगिकी के लाभ और अनुप्रयोग (औचित्यकरण)

  1. रिमोट सेंसिंग अर्थात् किसी दूरस्थ वस्तु को पकड़ पाना । उपग्रह द्वारा आँकड़े तेजी से बार-बार एकत्र किए जाते हैं। ये संवेदी डाटा ऐसे अनेक बिंब या चित्र बनाते हैं, जो कई वर्षों में प्रयुक्त होते हैं। जैसे-ये बिंब प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्ता की सही स्थिति का पता लगाने में मदद करते हैं जो प्राकृतिक संसाधनों के दक्षतापूर्ण उपयोग या मौसम के पूर्व अनुमान में सहायता करते हैं और कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों के लिए सहायक हैं।
  2. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और भारतीय अंतरिक्ष विकास कार्यक्रम के उन्नत अनुप्रयोग किए जाते हैं।
  3. विश्व भर में उच्च-गुणवत्ता वाली दूरसंचार प्रणाली उपलब्ध कराना और बेहतर वैश्विक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करना।
  4. दूरस्थ और अलग-अलग क्षेत्रों को भी विकास का लाभ उपलब्ध कराना।
  5. उत्कृष्ट कोटि की एवं तीव्र संचार की उपलब्धता से इस विषय में होने वाली अनावश्यक मात्राओं में कमी व शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता सुकर हुई जिससे ऊर्जा एवं अन्य संसाधनों का संरक्षण बढ़ा।

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2. पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो:
पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो का संबंध ऐसे वीडियो-तंत्र से है जो कम्प्यूटर और वीडियो का संयोजन है। यह आपके वीडियो को अधिक आकर्षक बनाने का एक नया तरीका है। यह स्थिर फोटो, वीडियो, ऑडियो, स्लाइडों, ओवरहेडों आदि का उपयोग करके बहु-माध्यम (मल्टीमीडिया) को अपनाता है। यह उपयोगकर्ताओं को एक अधिक विशिष्ट और मजेदार वीडियो अनुभव करने के लिए वीडियो सामग्री को क्लिक करने, हॉवर करने, स्वाइप करने, स्क्रॉल करने और ड्रैग करने की अनुमति प्रदान करता है।

पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो क्या है?-पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो (जिसे IV यानी इंटरैक्टिव वीडियो भी कहते हैं) एक प्रकार का डिजिटल वीडियो है, जो उपयोगकर्ता इंटरैक्शन का समर्थन करता है। ये वीडियो नियमित वीडियो फाइलों की तरह चलाये जाते हैं, लेकिन क्लिक करने योग्य क्षेत्रों या 'हॉट स्पॉट्स' को शामिल करते हैं, जो जब आप उन पर क्लिक करते हैं तो एक विशेष क्रिया करते हैं।

पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो के विशिष्ट लक्षण-पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो, विभिन्न प्रकार के टूल के माध्यम से दर्शक को वीडियो सामग्री के साथ इंटरैक्ट (बातचीत) करने की क्षमता देता है। उपयोगकर्ता वीडियो सामग्री के साथ इंटरैक्ट (बातचीत) करने के लिए क्लिक, ड्रैग, स्क्रॉल, होवर, जेस्चर और अन्य डिजिटल क्रियाओं को पूरा कर सकते हैं, जिस तरह से वे वेब सामग्री के साथ करते हैं। 

पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो के लाभ और अनुप्रयोग (औचित्यकरण)

  1. पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो मार्केटर (विपणक) को वस्तुतः मौलिक वीडियो बनाने में सक्षम बनाता है। छूने योग्य या क्लिक करने योग्य क्षेत्रों के साथ, दर्शक व्यक्तिगत जानकारी तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं या स्टोरीलाइन को कंट्रोल कर सकते हैं।
  2. स्पष्टतया आकर्षक ढंग से बहुमूल्य जानकारी साझा करने के लिए इन्फोग्राफिक्स का उपयोग किया जाता है। इन्फोग्राफिक्स को इंटरैक्टिव बनाकर, अधिक दर्शकों को आकर्षित किया जा सकता है।
  3. पारंपरिक नौकरी विज्ञापन के स्थान पर एक इंटरैक्टिव वीडियो प्रयुक्त करने से भर्ती प्रक्रिया अधिक सुखद और संभावित उम्मीदवारों के लिए अधिक आकर्षक हो जाती है।
  4. इंटरैक्टिव वेबसाइट जानकारी देने के साथ ब्रांडों की मदद भी करती है और आगंतुकों हेतु बहुत अधिक मनोरंजक अनुभव प्रदान करती है।
  5. यह ऐसे परिणाम देता है, कि प्रयुक्त करने के बाद आपको लगेगा कि आपने इसे जल्दी क्यों नहीं प्रयोग किया।
Raju
Last Updated on Nov. 20, 2023, 10:26 a.m.
Published Nov. 19, 2023