Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 1 परिचय-मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान Textbook Exercise Questions and Answers.
प्रश्न क:
क्या आप गृहविज्ञान विषय के बारे में जानते हैं? हाँ/नहीं यदि आपका उत्तर नहीं है तो कृपया अपने अध्यापक से पूछे। उन पाँच शब्दों/संकल्पनाओं की सूची बनाएं, जिन्हें आप गृहविज्ञान के साथ जोड़ते हैं।
उत्तर:
हाँ, पाँच संकल्पनाओं की सूची निम्न प्रकार है:
प्रश्न ख:
वर्ष के अंत में जब आप यह पुस्तक 'मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान' का अध्ययन कर चुकेंगे तब उन पाँच अध्ययन क्षेत्रों की सूची बनाएं, जिन्हें आप विषय के साथ जोड़ेंगे।
उत्तर:
मानव परिस्थितिकी और परिवार विज्ञान विषय के साथ हम निम्न पाँच अध्ययन क्षेत्रों को जोड़ेंगे
समीक्षात्मक प्रश्न
मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान Question Answer प्रश्न 1.
'मानव पारिस्थितिकी' और 'परिवार विज्ञान' को समझाएँ।
उत्तर:
1. मानव पारिस्थितिकी:
यह एक ऐसा विज्ञान है जिसके माध्यम से मानव के पर्यावरण के साथ संबंध का अध्ययन किया जाता है। साथ ही, पारिस्थितिकी के उन भौतिक, आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक तत्वों का भी अध्ययन करते हैं, जिनका सक्रिय संबंध बच्चों, किशोरों और वयस्कों के साथ है।
2. मानव पारिस्थितिकी का अर्थ:
पारिस्थितिकी की व्याख्या दो प्रकार से की जा सकती है। एक, जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवधारियों और उनके पर्यावरण के आपसी संबंध का अध्ययन किया जाता है। दूसरे, यह जीव और पर्यावरण के बीच उसके बहुआयामी संबंधों को बताता है। प्रस्तुत संदर्भ में जीवविज्ञान का आशय है 'मानव' और इसीलिए 'मानव' शब्द के बाद 'पारिस्थितिकी' शब्द को जोड़ दिया गया है।
3. परिवार विज्ञान:
परिवार विज्ञान का संबंध व्यक्ति के उसके घर-समाज से, परिवार से तथा उसके संसाधनों से जुड़ी सभी विषय-वस्तुओं से है। परिवार विज्ञान शीर्षक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि अधिकांश व्यक्तियों के जीवन में उनका परिवार प्रमुख होता है। परिवार में बच्चों का पालन-पोषण किया जाता है ताकि वे एक वयस्क के रूप में अपनी स्वतंत्र पहचान को अर्जित एवं विकसित कर सकें। इस विषय का अध्ययन करते हुए छात्राओं को परिवार के संदर्भ में 'व्यक्ति' की भूमिका समझने का मार्गदर्शन किया जाता है।
इस प्रकार मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का एक समेकित मार्ग अपनाया गया है। इसमें परिवार के सदस्यों के रूप में मानवों और समाज के पर्यावरण के मध्य पारस्परिक क्रियाओं को भी समझा जा सकता है। यह उनकी पारिस्थितिकी के साथ सह क्रियात्मक संबंध बनाता है, जिसमें भौतिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक संसाधन सम्मिलित हैं।
मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान को समझाइए प्रश्न 2.
क्या आप सहमत हैं कि किशोरावस्था एक व्यक्ति के जीवन का 'निर्णायक मोड़' है?
उत्तर:
हाँ, हम सहमत हैं कि किशोरावस्था एक व्यक्ति के जीवन का निर्णायक मोड़ है। किशोरावस्था एक ऐसा नाजुक मोड़ है, जिसके दौरान किशोर अपनी समझ का विकास करते हैं और भोजन तथा अन्य संसाधन, कपड़े, पौशाकें एवं संचार आदि उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बाल्यावस्था के पश्चात् किशोरावस्था का आगमन होता है और उम्र के इन पड़ावों को व्यक्ति के चरित्र निर्माण की नींव कहा जा सकता है। किशोरावस्था के दौरान हम अपने बारे में सबसे अधिक सोचना शुरू कर देते हैं कि हम कौन हैं, 'मुझे' 'अन्य' से भिन्न कौन-सी बातें बनाती हैं। इस अवस्था में किसी अन्य अवस्था की तुलना में हम 'स्वयं' को परिभाषित करने की अधिक कोशिश करते हैं। इस उम्र में उत्सुकता इतनी अधिक होती है कि किशोर सही-गलत का अंतर नहीं कर पाते। उन्हें अगर स्पष्टतया बताया जाए कि अमुक कार्यों में खतरा है तो किशोर सतर्कता बरतेंगे।
मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 1 प्रश्न 3.
उन जानी-मानी महिलाओं के नाम बताएँ, जिन्होंने भारत में सर्वप्रथम गृहविज्ञान विषय को महाविद्यालयों में आरंभ करने की संकल्पना की।
उत्तर:
(क) सरोजनी नायडू
(ख) राजकुमारी अमृत कौर
(ग) कमला देवी चट्टोपाध्याय
(घ) लेडी डोरोथी इरविन