Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English Snapshots Chapter 2 The Address Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 11 English are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 11 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Our team has come up with Tenses Class 11 to ensure that students have basic grammatical knowledge.
Reading with Insight
Question 1.
'Have you come back ?' said the woman. “I thought that no one had come back.' Does this statement give some clue about the story ? If yes, what is it ?
'क्या तुम वापस आ गई हो ?' स्त्री ने कहा। 'मैंने सोचा कि कोई भी वापस नहीं आ पायेगा।' क्या इस कथन से कहानी के बारे में कोई सुराग मिलता है ? यदि हाँ, तो वह क्या है?
Answer:
This statement reflects Mrs Dorling's unwillingness to return the belongings of the narrator's mother. She does not expect them (the narrator and her mother) to be alive. She does not let her in but rather asks her to come at another time. It points out that Mrs Dorling is dishonest, greedy, clever and wicked natured woman.
यह कथन वर्णनकर्ता की माँ के सामान को लौटाने में श्रीमती डोर्लिंग की अनिच्छा को प्रकट करता है। उसे आशा नहीं थी कि वे (वर्णनकर्ता तथा उसकी माँ) जीवित होंगे। वह उसे (वर्णनकर्ता को) अपने घर में अंदर नहीं आने देती बल्कि उसे किसी और समय आने के लिए कहती है। इससे स्पष्ट होता है कि श्रीमती डोर्लिंग बेईमान, लालची, चतुर तथा कुटिल स्वभाव वाली महिला है।
Question 2.
The story is divided into pre-War and post-War times. What hardships do you think the girl underwent during these times ?
कहानी युद्धपूर्व और युद्धोत्तर काल में विभाजित है। आपके विचार में लड़की को इस अवधि में क्या-क्या कठिनाइयाँ सहन करनी पड़ी ?
Answer:
During the pre-War period, the narrtor and her mother have to move from Holland. Her mother hands over all her precious belongings to Mrs Dorling. She cunningly assures Mrs S that her belongings will be safe with her. But the narrator is not convinced. After the war, the girl lost her mother. She has to suffer poverty and loneliness. She goes to Mrs Dorling to bring her mother's belongings back. But Mrs Dorling does not recognize her. She indifferently asks her to come at another time.
युद्ध के पूर्व काल में वर्णनकर्ता तथा उसकी माँ को हॉलैंड से बाहर जाना पड़ता है। उसकी माँ अपनी सभी कीमती वस्तुओं को श्रीमती डोर्लिंग को सौंप देती है। वह चालाकीपूर्वक श्रीमती एस को आश्वस्त करती है कि उसके पास उसकी चीजें पूर्ण रूप से सुरक्षित रहेंगी। लेकिन वर्णनकर्ता आश्वस्त नहीं हो पाती है। युद्ध के बाद, लड़की ने अपनी माँ को खो दिया। उसे गरीबी तथा अकेलेपन में रहना पड़ता है। वह अपनी माँ की वस्तुओं को पुनः प्राप्त करने हेतु श्रीमती डोर्लिंग के पास जाती है। लेकिन श्रीमती डोर्लिंग उसे नहीं पहचानती। वह अनमनी सी होकर उससे फिर कभी आने के लिए कहती है।
Question 3.
Why did the narrator of the story want to forget the address ?
कहानी की वर्णनकर्ता पते को क्यों भूल जाना चाहती थी ?
Answer:
During the War, the narrator's mother handed over her belongings to Mrs Dorling. But when the narrator visited Mrs Dorling's house, she found those belongings in a pitiable condition. This made her (the narrator) oppressed and horrified. She thought that all those objects had lost their importance. So she wanted to forget the address. She wanted to live her life again in a new way.
युद्ध के दौरान वर्णनकर्ता की माँ ने अपनी चल-संपत्ति को श्रीमती डोर्लिंग को सौंप दिया था। लेकिन जब वर्णनकर्ता श्रीमती डोर्लिंग के घर गई तो वह उन वस्तुओं को दयनीय स्थिति में पाती है। इससे वह बहुत ज्यादा भयभीत तथा परेशान हो गई उसने सोचा कि उन सब वस्तुओं ने अब अपना महत्त्व खो दिया था। अत: वह (वाचक) पते को भूलना चाहती थी। वह फिर से नए तरीके से जिन्दगी जीना चाहती थी।
Question 4.
The Address' is a story of human predicament that follows war. Comment.
'The Address' कहानी युद्ध के बाद की मानवीय दुर्दशा की कहानी है। समीक्षा कीजिए।
Answer:
This story is a painful account of the post-War human unfortunate position. During the war, narrator's mother, Mrs S has to move out from Holland. She hands over all her belongings to Mrs Dorling, her old acquaintance. She (Mrs S) dies during the war. The narrator visits Mrs Dorling who does not recognize her because she does not want to return her mother's belongings. She is ungrateful. She does not even sympathise with her (the narrator). The narrator tries to forget the sad memories of her past
यह कहानी युद्ध के बाद की मानवीय दुर्दशा का दर्दनाक वर्णन है। युद्ध के दौरान, वर्णनकर्ता की माँ, श्रीमती एस को हॉलैंड छोड़ना पड़ता है। वह अपनी सभी कीमती वस्तुओं को अपनी एक पुरानी परिचित महिला श्रीमती डोर्लिंग को सौंप देती है। युद्ध के दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है।
वर्णनकर्ता श्रीमती डोर्लिंग से मिलने जाती है जो उसे नहीं पहचानती क्योंकि वह उसकी माँ की वस्तुओं को लौटाना नहीं चाहती है। वह अहसानफरामोश है। वह वर्णनकर्ता के प्रति सहानुभूति भी नहीं दर्शाती है। वर्णनकर्ता भूतकाल की दुखदायी यादों को भूल जाना चाहती है।
Short Answer Type Questions
Question 1.
What do you know about the narrator ? (Content)
वर्णनकर्ता के बारे में आप क्या जानते हैं ?
Answer:
The narrator Dutch Jew is a victim of the war in Holland. She is the daughter of Mrs S. She loses all her precious articles and belongings along with the true owner-her mother. She is by nature a lady of progressive ideas and thinks of future.
वर्णनकर्ता डच यहूदी हॉलैंड में हुए युद्ध की शिकार है। वह श्रीमती एस. की पुत्री है। वह अपनी सभी कीमती वस्तुओं तथा संपत्तियों के साथ-साथ उनकी असली मालिक-अपनी माँ को भी खो देती है। वह प्रगतिशील विचारों वाली महिला है जो भविष्य की सोच रखती है।
Question 2.
What image do you form of Mrs S. after reading this story ? (Content)
इस कहानी को पढ़ने के बाद आपके दिमाग में श्रीमती एस. की क्या छवि बनती है ?
Answer:
Mrs S. is very simple and innocent. She is easily convinced by Mrs Dorling to hand her over all her belongings. During the war, she leaves her country. She loses not only her home and belongings but also her life.
श्रीमती एस. बड़ी ही सरल तथा भोली-भाली हैं। श्रीमति डोर्लिंग के द्वारा उसे अपनी सारी संपत्ति उसको (डोर्लिंग को सौंप) देने के लिए आसानी से आश्वस्त कर लिया जाता है। युद्ध के दौरान, वह अपना देश छोड़ देती है। वह न केवल अपनी संपत्ति तथा घर बल्कि अपना जीवन भी खो देती है।
Question 3.
What do you think about Mrs Dorling ? (Content Episode)
श्रीमती डोर्लिंग के बारे में आप क्या सोचते हैं ?
Answer:
Mrs Dorling lacks human qualities. She is selfish, clever and ill-mannered. She exploits Mrs S's fear of war and takes away all her precious possessions. She uses all the belongings of Mrs S. as her own. Her behaviour towards the narrator is cold and unfriendly.
श्रीमती डोर्लिंग में मानवीय भावनाओं की कमी है। वह स्वार्थी, चालाक तथा बुरे स्वभाव की महिला है। वह श्रीमती एस. के युद्ध के प्रति डर का दोहन करती है तथा उसकी सारी कीमती वस्तुओं को ले लेती है। वह श्रीमती एस. की वस्तुओं को अपनी निजी वस्तुओं की तरह उपयोग में लाती है। वर्णनकर्ता के प्रति उसका व्यवहार रूखा तथा अमैत्रीपूर्ण है।
Question 4.
Why does Mrs S. hand over all her possessions to Mrs Dorling ? (Content)
श्रीमती एस. अपनी सारी (मूल्यवान) वस्तुओं को श्रीमती डोर्लिंग को क्यों सौंप देती है ?
Answer:
Mrs S. is afraid of war. Mrs Dorling warns her that if she had to move somewhere else, she would lose all her nice things. She also suggests Mrs S. to hand over her valuables to her. Moreover, she assures her (Mrs S.) to keep safe all her things.
श्रीमती एस. युद्ध के कारण डरी हुई है। श्रीमती डोर्लिंग उसे चेतावनी देती है कि यदि उसे कहीं बाहर जाना पड़ा तो वह अपनी सारी अच्छी वस्तुओं को खो देगी। वह श्रीमती एस. को अपनी बहुमूल्य वस्तुओं को उसे सौंप देने का सुझाव देती है। इसके अलावा, वह उसको (Mrs S. को) उसकी वस्तुओं की सुरक्षा करने का आश्वासन देती है।
Question 5.
How did the narrator's mother react when the narrator asked her if she was sure that Mrs Dorling would keep everything safe ? (Content)
जब वर्णनकर्ता ने अपनी माँ से पूछा कि क्या उसे यकीन है कि श्रीमती डोर्लिंग प्रत्येक वस्तु को सुरक्षित रखेगी तो उसकी माँ की क्या प्रतिक्रिया थी ?
Answer:
The narrator's mother got angry. She said that Mrs Dorling was selflessly taking all this risk only for their sake. It would be an insult to her to talk like that.
वर्णनकर्ता की माँ नाराज हो गईं। उन्होंने कहा कि श्रीमती डोर्लिंग केवल उनकी खातिर ही निस्वार्थ भाव से यह सब जोखिम उठा रही हैं। इस प्रकार की बातें करना उसका अपमान करना होगा।
Question 6.
Why did the narrator visit Mrs Dorling ? (Content)
वर्णनकर्ता श्रीमती डोलिंग से क्यों मिली ?
Answer:
When the war was over, the narrator became curious about her mother's belongings. She wanted to see and touch them. She wanted to claim those belongings. So she decided to visit Mrs Dorling.
जब युद्ध समाप्त हो गया तो वर्णनकर्ता अपनी माँ की वस्तुओं के बारे में (जानने के लिए) उत्सुक हो गयी। वह उनको देखना व छूना चाहती थी। वह उन चीजों को लेना चाहती थी, इसलिए उसने श्रीमती डोर्लिंग से मिलने का निश्चय किया।
Question 7.
Why did the narrator think that she had rung the wrong bell ? (Content)
वर्णनकर्ता ने ऐसा क्यों सोचा कि उसने गलत घंटी बजा दी थी ?
Answer:
She thought so because when she rang Mrs Dorling's bell, she came out. She refused to recognize her. But all her doubts were dispelled when she saw Mrs Dorling in her mother's cardigan.
वर्णनकर्ता ने ऐसा इसलिए सोचा क्योंकि जब उसने श्रीमती डोर्लिंग के मकान की घंटी बजाई तो वह बाहर आई। उसने उसको पहचानने से इन्कार कर दिया। लेकिन उसका सारा संशय उस समय खत्म हो गया जब उसने श्रीमती डोर्लिंग को अपनी माँ के कार्डिगन में देखा।
Question 8.
How did the narrator feel when she found herself in the midst of her mother's belongings ? (Event)
वर्णनकर्ता को उस समय कैसा अनुभव हुआ जब उसने स्वयं को अपनी माँ की चीजों के बीच में पाया?
Answer:
When she was in the midst of her mother's belongings, she was horrified to find them in a pitiable condition. The tasteless manner, in which those things were arranged, oppressed her.
जब वर्णनकर्ता अपनी माँ की वस्तुओं के बीच में थी तो वह उनको दयनीय स्थिति में पाकर भयभीत हो गयी। जिस बेढंगे अंदाज में वे वस्तुएँ व्यवस्थित की गई थीं, उसने उसे (वर्णनकर्ता को) परेशान कर दिया।
Question 9.
Why does the narrator resolve to forget the address ? (Content)
वर्णनकर्ता पते को भूल जाने का निश्चय क्यों करती है ?
Answer:
The narrator resolves to forget the address, the belongings as well as her past memories. The real owner, her mother is dead. She cannot even arrange them in her small rented room. So they are useless for her.
वर्णनकर्ता पते को, अपनी वस्तुओं को और साथ ही अपनी पुरानी यादों को भूल जाने का निश्चय करती है। उनकी असली मालकिन, वर्णनकर्ता की माँ मर चुकी है। वह अपने छोटे से किराए के कमरे में उन चीजों को लगा भी नहीं सकती है। इसलिए वे उसके लिए व्यर्थ हो गई हैं।
Question 10.
Justify the title of the story ‘The Address'? (Episode)
'पता' कहानी के शीर्षक का औचित्य समझाइए।
Answer:
The title is apt and logical. Number-46, Marconi Street, is the address of Mrs Dorling around which the whole story revolves. The belongings of Mrs S are kept there Carelessly and have last their value. Moreover, the title gives rise to nostalgic ideas. She decided to forget the very address.
शीर्षक (कहानी का शीर्षक) उचित तथा तर्कसंगत है। संख्या- 46, मार्कोनी स्ट्रीट श्रीमती डोलिंग का वह पता है जिसके इर्द-गिर्द सारी कहानी घूमती है। श्रीमती एस. की वस्तुएँ वहाँ (उस पते पर) पर लापरवाही से रखी गई हैं तथा अपना महत्व खो चुकी है। यह शीर्षक अतीत की सुखद स्मृतियों को जागृत करता है। वह पते को ही भूल जाने का निर्णय ले लेती है।
Long Answer Type Questions
Question 1.
Give a character sketch of Mrs Dorling.
श्रीमती डोर्लिंग का चरित्र-चित्रण कीजिए।
Answer:
Mrs Dorling is an old acquaintance of the narrator's mother. She takes all the nice things of Mrs S. under the pretext that she would preserve them. But when the narrator visits her, she pretends not to recognize her. Her behaviour is quite cold and unfriendly. She does not even sympathise with the narrator. It exposes her selfishness and inhuman qualities.
श्रीमती डोर्लिंग वर्णनकर्ता की माँ की पुरानी परिचित है। वह श्रीमती एस. की सभी अच्छी वस्तुओं को इस बहाने हथिया लेती है कि वह उनकी सुरक्षा करेगी। लेकिन जब वर्णनकर्ता उससे मिलने जाती है तो वह उसे नहीं पहचानने का बहाना करती है। उसका व्यवहार काफी रूखा तथा अमैत्रीपूर्ण है। यहाँ तक कि वह वर्णनकर्ता के साथ सहानुभूति भी नहीं दर्शाती है। यह उसकी स्वार्थता तथा अमानवीय गुणों को दर्शाता है।
Question 2.
What does the short story 'The Address' highlight ? What does it deal with ? (Episode)
लघु कथा 'द एड्रेस' किस बात को चित्रित करती है ? यह किस बारे में बताती है ?
Answer:
The story deals with a dilemma of human life- whether to stick to the memories of the past, or forget it and make adjustment with the present. The narrator, who has lost her mother, her old home in the war, is ill-fated to live in a small rented room in an unfamiliary city.
यह कहानी मानव जीवन की दुविधा से सम्बन्धित है-कि पुराने समय की यादों को सजाये रखा जाये अथवा उन्हें भुलाकर वर्तमान समय के साथ समायोजन कर लिया जाये। वर्णनकर्ता जिसने कि युद्ध में अपनी माता तथा अपने घर को खो दिया है, दुर्भाग्य से एक अपरिचित शहर में किराये के छोटे से कमरे में रहने को मजबूर है।
Question 3.
What was the purpose of the narrator's visit to Mrs Dorling ? (Event)
वर्णनकर्ता का श्रीमती डोर्लिंग के घर जाने का क्या उद्देश्य था ?
Answer:
The narrator, a young girl was displaced during the world war II. After the war was over, she goes in search of her mother's belongings which had been handed over by her to one of her acquaintance, some Mrs Dorling. She wants to revive her memories of the good old days. Now, since her mother has been lost in the war, she wants to see and touch her mother's belongings and cherish her memory. For this purpose, she visits to 46, Marconi Street to meet Mrs Dorling.
वर्णनकर्ता, जो कि एक युवा लड़की है द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विस्थापित हो गयी। युद्ध समाप्त हो जाने के बाद, वह अपनी माता द्वारा उसके परिचित की किसी महिला श्रीमती डोर्लिंग को सौंपे गये सामान की, खोज में जाती है। वह अपने पुराने अच्छे दिनों की याद को ताजा करना चाहती है। अब, चूँकि युद्ध में उसकी माँ मारी जा चुकी है, वह अपनी माता की वस्तुओं को छूकर उसकी याद को संजोना चाहती है। इसके लिए वह श्रीमती डोलिंग से मिलने के लिए, 46-मारकोनी स्ट्रीट जाती है।
Question 4.
Describe the narrator's second visit to Mrs Dorling. What was the impact of this visit or her? (Event/episode)
वर्णनकर्ता का श्रीमती डोर्लिंग के घर की गई दूसरी यात्रा का वर्णन कीजिए। इस यात्रा का उस पर क्या प्रभाव पड़ा ?
Answer:
When the narrator got disappointed by her first visit to Mrs dorling, she made a second visit after some time. This time Mrs Dorling was not there, but her fifteen year old daughter received her and allowed to come in her living-room.
There the narrator recognised all those nice things that once her mother had possessed. They lie in a very miserable condition. She thought, the real owner of those nice things, her mother, was no more in this world. So she wanted to forget them. As a result she resolved to forget the 'Address' itself for ever.
जब वर्णनकर्ता श्रीमती डोर्लिंग के पास अपनी पहली यात्रा से निराश हो गयी तो कुछ समय बाद उसने दूसरी बार यात्रा की। इस बार श्रीमती डोर्लिंग वहाँ नहीं थी, परन्तु उसकी 15 वर्षीय बेटी ने उसका स्वागत किया तथा अन्दर आने की अनुमति दी। वहाँ वर्णनकर्ता की नजर उन सारी सुन्दर वस्तुओं पर पड़ी जो कभी उसकी माता के पास हुआ करते थीं। उसने सोचा इन वस्तुओं की असली स्वामी उसकी माता अब इस दुनिया में नहीं रही। अतः उसने इन्हें भूल जाना चाहा। परिणामस्वरूप उसने उस 'पते' को ही हमेशा के लिए भूल जाने का संकल्प ले लिया।
Question 5.
What kind of personality does the narrator possess ? (Evaluation of Character)
वर्णनकर्ता का व्यक्तित्व किस प्रकार है ?
Or
Is the narrator a forward looking woman ?
क्या वर्णनकर्ता आगे की सोच रखने वाली महिला है ?
Answer:
The narrator is a Dutch Jew. She was uprooted and had to leave the country. She is a sensitive and civilized woman. She observes everything around her gravely. When after the liberation she visits Mrs Dorling she was shocked to see that all her mother's nice things are used by her family. She wants to forget those precious things of her mother, contending herself that where she could place them. She makes a compromise with the present and forgets the past. It can be said of her that she is a daring and forward-looking woman.
वर्णनकर्ता एक डच (जर्मन) यहूदी है। वह विस्थापित हो गयी तथा उसे देश छोड़ देना पड़ा। वह एक संवेदनशील तथा सभ्य महिला है। वह अपने चारों ओर की हर चीज का गंभीरता से अवलोकन करती है। जब युद्ध समाप्त हो जाने के बाद वह श्रीमती डोर्लिंग के पास जाती है तो उसे यह देखकर आघात लगा कि उसकी माता की सारी अच्छी चीजों को उसके परिवार द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है। वह अपनी माता की उन बहुमूल्य चीजों को भूल जाना चाहती है, यह संतोष करके कि वह उनको कहाँ रख पाती। वह वर्तमान से समझौता कर लेती है तथा पुराने समय को भूल जाती है। उसके बारे में कहा जा सकता है कि वह एक साहसी तथा आगे की सोच रखने वाली महिला है।
About The Story
यह लघु कहानी एक ऐसी लड़की का मर्मस्पर्शी वर्णन है जो कि हॉलैंड में युद्ध के बाद अपनी माँ की वस्तुओं (कीमती वस्तुओं) की खोज में जाती है। जब वह उन वस्तुओं को ढूँढ़ लेती है तब वे वस्तुएँ उसके प्रारम्भिक जीवन की यादों को जागृत कर देती हैं। फिर भी वह उन सब वस्तुओं को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने का निश्चय करती है।
Summary Of The Lesson :
This short and moving story is divided into pre-war and post-war periods. It was in 1940 that the Germans invaded Holland and annexed it. Holland had to surrender because the German attack was sudden and unexpected. Large number of the jews were forced to leave Holland. The narrator is the daughter of Mrs S. During the war, they, being the jews, have to move from Holland.
She hands over all her precious belongings to Mrs Dorling, her old acquaintance. When the war is over, the narrator is displaced and decides to meet Mrs Dorling. She remembers her address, Number 46, Marconi Street, Holland. On reaching there, she rings the bell. She introduces herself to Mrs Dorling. But she refuses to recognize her. Mrs Dorling was wearing the cardigan of Mrs S. at that time. The narrator recognizes it. Mrs Dorling says, 'Have you come back?' She does not let her come in.
She asks the narrator to come another time. The narrator remembers about her mother who died during the war. She pays a second visit to Mrs Dorling. This time, Mrs Dorling's daughter fifteen year old admits her. There she finds all her mother's belongings in a pitiable condition.
The belongings were included green knitted cardigan, wooden table cloth, white tea pot, spoons, forks and knives. She becomes unhappy. She does not wait for Mrs Dorling. She made up her mind to leave the house. She boards her train and comes back to her little room. She now decides to forget the address as well as her mother's belongings.
पाठ का सारांश
यह मर्मस्पर्शी लघु कहानी युद्ध के पूर्व तथा युद्धोत्तर काल में विभाजित है। यह 1940 की एक घटना थी जिसमें जर्मन लोगों ने हालैंडवासियों पर हमला करके उसे हड़प लिया। हॉलैंड को आत्मसमर्पण करना पड़ा क्योंकि जर्मन हमला अचानक तथा अप्रत्याशित था। हॉलैंड से भारी संख्या में यहूदियों को देश छोड़कर जाना पड़ा। वर्णनकर्ता श्रीमती एस. की पुत्री है। युद्ध के दौरान उनको यहूदी होने के कारण हॉलैंड से बाहर जाना पड़ा। वह (श्रीमती एस.) अपनी सभी बहुमूल्य वस्तुओं को अपनी एक परिचित महिला श्रीमती डोर्लिंग को सौंप देती है।
जब युद्ध समाप्त हो जाता है, तब वर्णनकर्ता बेघर हो जाती है, वह श्रीमती डोर्लिंग से मिलने का निश्चय करती है। उसे उनका पता याद है - संख्या 46, मार्कोनी स्ट्रीट, हॉलैंड। वहाँ पहुँच कर वह घंटी बजाती है। वह श्रीमती डोर्लिंग को अपना परिचय देती है। लेकिन वह उसे (वर्णनकर्ता को) पहचानने से इंकार कर देती है।
श्रीमती डोर्लिंग ने उस समय श्रीमती एस. का कार्डीगन पहन रखा था। वर्णनकर्ता उसको (अपनी माँ के कार्डीगन को) पहचान लेती है। श्रीमती डोर्लिंग (उससे) कहती है कि 'क्या तुम वापस आ गई हो ?' वह उसको अंदर नहीं आने देती है। वह वर्णनकर्ता से फिर कभी आने के लिए कहती है। वर्णनकर्ता अपनी माँ के बारे में याद करती है जो कि युद्ध के दौरान मर गई थी। वह एक बार फिर श्रीमती डोर्लिंग से मिलने जाती है।
इस बार श्रीमति डोर्लिंग की पन्द्रह वर्षीय बेटी उसका स्वागत करती है। वहाँ वह अपनी माँ की सभी वस्तुओं को दयनीय दशा में पाती है। उन वस्तुओं में हाथ का बुना हरा कार्डिगन (ऊनी जैकट), लकड़ी की मेज पर रखने वाला मेजपोश, सफेद चायदानी,चम्मचे, काँटे तथा चाकू शामिल थे। वह उदास हो जाती है। वह श्रीमती डोर्लिंग का इन्तजार नहीं करती। उसने उस मकान से जाने का मन बना लिया। वह रेल में बैठती है और पुनः अपने छोटे से कमरे में वापस आ जाती है। वह अब उस पते के साथ-साथ अपनी माँ की सभी वस्तुओं को भूल जाने का निश्चय करती है।
Word Meanings And Hindi Translation
Do you still ....... 'Only me.' (Page 10)
Word Meanings : poignant(पॉइन्यन्ट) = causing sadness or pity, करुणाजनक। account (अ'काउन्ट) = description, वर्णन। belongings (बि'लॉङि ) = a person's movable possessions, चल संपत्ति। objects(ऑब्जिक्ट्स् ) = things, वस्तुएँ। evoke(इ'वोक्) = to produce, जागृत करना। memories (मेमरिज्) = something that one remembers, यादें, स्मृतियाँ। earlier (अलिअर्) = old, पुरानी। resolves (रिज़ॉल्व्ज् ) = determines, निश्चय करती है। searchingly (सर्चिलि ) = trying to find out, खोजपूर्वक।
chink (चिङ्क्) = a narrow opening, दरार। prevent (प्रिवेन्ट) = to stop, रोकना। absolutely (ऐब्सलूट्लि) = completely, पूरी तरह से। sign (साइन्) = mark, चिह्न। recognition (रेकग्'निश्न्) = being recognized, पहचान। stare (स्टेअर्) = to look at, घूरना। silence(साइलन्स्) = without any noise, शांति। perhaps (प'हैप्स्) = possibly, शायद। mistaken(मि'स्टेकन्) = wrong, गलत। fleetingly (फ्लीटिड्लि ) = for a very short time, सरसरी निगाह से। probable (प्रॉबब्ल्) = likely, शायद, संभवतया। knitted (निटिड्) = made through knitting needles, बुना गया। wooden (वुड्न्) = made of wood, लकड़ी का। pale (पेल्) = dim, धुंधला। cardigan (काडिगन्) = ऊनी जैकेट।
हिन्दी अनुवाद - मैंने पूछा, 'क्या आप मुझे अब भी जानती हैं ?' उस औरत ने मेरी ओर खोज भरी दृष्टि से देखा। उसने थोड़ा-सा दरवाजा खोला। मैं उसके और अधिक नजदीक आई और सीढ़ी पर खड़ी हो गई। 'नहीं, मैं तुम्हें नहीं जानती।' 'मैं श्रीमती एस. की पुत्री हूँ।' उसने अपना हाथ दरवाजे पर इस प्रकार रखा मानो वह उसको और ज्यादा खुलने से रोकना चाहती हो। उसके चेहरे पर पहचानने जैसा कोई चिह्न नहीं था। वह शांतिपूर्वक मुझे एकटक देखती रही।
मैंने सोचा, शायद, मैं गलती पर थी, शायद यह स्त्री वह (मेरी माँ की परिचित) न हो। मैंने उसको केवल एक बार ही सरसरी निगाह से देखा था और वह भी वर्षों पहले। यह बहुत ही सम्भव था कि मैंने गलत घंटी बजा दी हो। वह स्त्री दरवाजे से दूर खिसक गई और एक तरफ खड़ी हो गई। उसने मेरी माँ के हाथ से बुना हुआ हरा कार्डीगन पहन रखा था।
उसके लकड़ी के बटन धुलाई के कारण धुंधले पड़ गए थे। उसने देखा कि मैं (उसके) कार्डीगन की तरफ देख रही हूँ और उसने पुनः अपने आप को पहले की भाँति दरवाजे के पीछे आधा छुपा लिया। लेकिन अब मैं यह जान चुकी थी कि मैं सही थी। मैंने पूछा, 'अच्छा, आप मेरी माँ को जानती हैं ?' उस स्त्री ने कहा, 'क्या तुम वापस आ गई हो ? मैंने सोचा था कि कोई भी वापस नहीं आ पाएगा।' 'केवल मैं ही (वापस आई हूँ।)'
A door .......................... suitcase or bag. (Page 11)
Word Meanings : passage (पैसिज्) = a long, narrow way, गलियारा। musty (मस्टी) = having an unpleasant smell, सीलनभरी। smell (स्मेल्) = stink, बदबू। emerged (इ'मजूड्) = appeared, प्रकट हुई। regret (रि 'ग्रेट) = to feel sorry, पश्चाताप। specially(स्पेशलि) = particularly, विशेष रूप से। convenient (कन्'वीनिअन्ट्) = suitable, सुविधाजनक। dded (नॉडिड्) = moved her head in agreement, सहमति में सिर हिलाया। cautiously (काँशस्लि) = carefully, सावधानीपूर्वक। disturbed (डिस्टब्ड्) = interrupted, बाधित होना। step (स्टेप्) = stair, सीढ़ी। bay window (बे विन्डो) = बाहर की तरफ खुलने वाली खिड़की।
stared (स्टेअर्ड) = looked at, घूरकर देखा। enamel(इ नम्ल) = a type of paint, एक प्रकार का पेंट करने का रंग। jamb (जॉम्ब्) = the side piece of a door, द्वार का पाखा। bit (बिट्) = slightly, a little, हल्का सा। struck (स्ट्रक्) = came to my mind, अचानक मेरे दिमाग में आया। various (वेरिअस्) = several, कई। apparently (अ पैरट्लि ) = clearly, स्पष्ट रूप से। acquaintance (अ'क्वेन्टन्स्) = familiar, परिचित।
renewed (रि'न्यूड्) = started again, फिर से शुरू किया। contact (कॉनटैक्ट) = relation, संबंध। antique (ऐन्टीक्) = very old, पुरानी। trouble (ट्रब्ल) = difficulty, कष्ट। lugging (लगिंग्) =dragging, घसीटना। vases (वाज़ेज) = flowerpots, फूलदान। crick(क्रिक्) = a pain in back, कमरदर्द। pityingly (पिटिइंग्लि) = in a pathetic manner, करुणाजनक रूप से। dared (डेअड्) = asked strongly, साहस किया। insisted (इन् 'सिस्टेड्) = stressed, जोर दिया। necessary(नेससरि) = needed, आवश्यक। insult (इन् 'सल्ट्) = remark that hurts dignity, अपमानजनक कथन या कार्य। risk (रिस्क्) = danger, जोखिम।
हिन्दी अनुवाद - उस स्त्री के पीछे की ओर गलियारे में एक दरवाजा खुला और बंद हो गया। एक सीलनभरी बदबू आई। 'मुझे खेद है कि मैं तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं कर सकती।' 'मैं यहाँ विशेष रूप से रेलगाड़ी से आई हूँ। मैं क्षणभर के लिए आपसे बातें करना चाहती हूँ।' स्त्री ने कहा, 'अभी मेरे लिए बात कर पाना संभव नहीं है। मैं तुमसे नहीं मिल सकती (बात नहीं कर सकती।) तुम फिर कभी आना।' उसने अपनी गर्दन हिलायी तथा सावधानीपूर्वक दरवाजा बंद कर दिया ताकि मकान में उपस्थित किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो।
मैं जिस सीढ़ी पर खड़ी थी वहीं खड़ी रही। दीवार के बाहर की तरफ स्थित खिड़की का पर्दा हिला। किसी ने मेरी ओर घूरा तथा शायद यह पूछा कि मैं क्या चाहती थी। उस स्त्री ने कहा, 'अरे, कुछ नहीं। कुछ भी तो नहीं।' मैंने नामपट्टिका की तरफ दोबारा देखा। इस पर सफेद चमकीले रंग के ऊपर काले अक्षरों में डोर्लिंग (नाम) लिखा था। और उस द्वार के पाखे में, थोड़ा-सा ऊपर नंबर (मकान का नंबर) लिखा था - संख्या 46 जब मैं धीरे-धीरे स्टेशन की तरफ वापस जा रही थी तब मैंने अपनी माँ के बारे में सोचा, जिन्होंने मुझे यह पता वर्षों पहले दिया था। यह युद्ध के पूर्वार्द्ध की बात थी। मैं घर पर कुछ दिन के लिए ठहरी थी तथा तुरंत यह बात मेरे दिमाग में आई कि कमरों में कुछ-न-कुछ परिवर्तन हो गया है। मैंने बहुत-सी वस्तुओं को गायब पाया। मेरी माँ
आश्चर्यचकित थीं कि मैंने इतनी जल्दी यह सब-कुछ (परिवर्तन, चीजों का गायब होना) देख लिया। तब उन्होंने मुझे श्रीमती डोलिंग के बारे में बताया। मैंने उसके बारे में कभी नहीं सुना था लेकिन वह स्पष्ट रूप से मेरी माँ की पुरानी परिचित थी जिससे वह वर्षों से नहीं मिल पाई थी। वह अचानक से ही (युद्ध के समय में) प्रकट हुई तथा अपने संपर्क को ताजा बनाया। तब से वह नियमित रूप से आती रही। मेरी माँ ने कहा, 'जब भी वह यहाँ से जाती है, कुछ-न-कुछ अपने साथ अपने घर ले जाती है। वह एक बार में ही मेज पर के चाँदी के सारे बर्तन ले गई थी। और फिर उन प्राचीन प्लेट्स को भी ले गई जो वहाँ पर टंगी रहती थी। उन बड़े-बड़े फूलदानों को प्रयासपूर्वक खींचकर ले जाने में उसे काफी कष्ट हो रहा था, और मुझे चिंता है कि क्रॉकरी से उसकी कमर में दर्द हो गया होगा।'
मेरी माँ ने करुणाजनक ढंग से अपना सिर हिलाया। 'मुझमें उससे पूछने का कभी भी साहस नहीं हुआ। उसने स्वयं ही मुझे यह सुझाव दिया। उसने तो (मुझसे) अनुरोध भी किया। वह मेरी सभी उत्तम चीजों को बचाना चाहती थी। वह कहती है कि यदि हमें यह स्थान छोड़ना पड़ गया तो हम सब चीजों को खो देंगे।' मैंने पूछा, 'क्या आप इस बात से सहमत थीं कि वह सब कुछ (सम्भालकर) रख लेगी ?' मेरी माँ चिल्लाई, जैसे कि क्या यह पूछना आवश्यक है ? इस प्रकार की बातें करना अपमान होगा। और उस जोखिम के बारे में सोचो जो कि वह (हम लोगों के लिए) उठा रही थी, 'जब भी वह हमारे घर से जाती तो वह भरा हुआ सूटकेस या थैला ले जाया करती थी।'
My mother ........... for her. (Page 12)
Word Meanings : entirely(इन्'टाइअलि) = completely, पूर्ण रूप से। convinced (कन् 'विन्स्ट् ) = satisfied, सन्तुष्ट। reprovingly (रिप्रूविंगलि) = rebukingly, डाँटते हुए। attention (अ'टेन्श्न् ) = watch carefully, ध्यान देना। familiar (फ़ मिलिअर्) = known, परिचित। further (फरदर) = to a greater degree, इससे अधिक आगे। upset (अप्'सेट्) = worry, चिंतित करना। sight (साइट) = scene, दृश्य। precious (प्रेशस्) = valuable, कीमती। downstairs (डाउन्'स्टेअज्) = on a lower floor, निचली मंजिल पर। broad (ब्रॉड्) = wide, चौड़ी। beckoned (बेकन्ड्) = gave a signal, इशारा किया।
picked up (पिक्ट् अप्) = lifted up, ऊपर की तरफ उठाया। coat rack (कोट रैक) = a framework for holding things, कोट को रखने वाली अलमारी। shapeless (शेपलस्) = not having a clear shape, बेढंगा। case (केस्) = box, suitcase, बक्सा, सूटकेस। initially (इनिशलि) = of the beginning, आरम्भ। liberation (लिबरेशन्) = freedom, आजादी। absolutely (ऐब्सलूट्लि ) = completely, पूर्णरूपेण। stored (स्टॉड्) = kept for future use, रखा हुआ। stuff (स्टफू) = things, वस्तुएँ। naturally (नैचलि) = of course, स्वाभाविक रूप से। afraid (अ'फ्रेड्) = frightened, डरी हुई। confronted (कन्'फ्रन्टिड्) = faced with, सामना करते हुए। connection (क'नेक्श्न् ) = relation, संबंधा existed
(इग् 'जिस्टेड्) = remained, मौजूद था। cupboards (कबड्स्) = almirahs, अलमारियाँ। in vain (इन वेन्) = uselessly, व्यर्थ में। endured (इन'ड्युअड्) = tolerated, सहन किया। gradually (ग्रैजुअलि) = slowly, धीरे-धीरे। normal (नॉम्ल) = usual, सामान्य। bread was getting to be a lighter colour= जो रोटी युद्ध के दौरान महँगी और दुर्लभ हो गई थी, अब सुलभ और सस्ती हो गई। unthreatened (अन्'थ्रेट्न्ड ) = without any threat, बिना किसी भय के। glancing (ग्लान्सिंग) = taking a brief look, एक झलक देखना। curious (क्यूअरिअस्) = eager, उत्सुक। possessions (प'ज़ेशन्ज्) = belongings, चल संपत्ति। touch (टच्) = to feel, महसूस करना, छूना। errand (एरन्ड्) = work, short journey, कार्य।
हिन्दी अनुवाद - ऐसा प्रतीत हुआ मानो मेरी माँ ने देख लिया था कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त नहीं थी। उन्होंने मेरी तरफ देखा और उसके बाद हमने इस बारे में और कभी भी बात नहीं की। . इसी बीच मैं रास्ते में दिखाई देने वाली चीजों पर बहुत ज्यादा ध्यान न देते हुए स्टेशन पर आ पहुँची। युद्ध के पश्चात् मैं पहली बार फिर से परिचित स्थानों पर घूम रही थी, पर मैं जरूरत से ज्यादा आगे नहीं जाना चाहती थी। मैं स्वयं को मूल्यवान समय की (प्राचीन समय की) स्मृतियों से भरे उन गलियों तथा मकानों के दृश्यों से परेशान नहीं करना चाहती थी।
रेलगाड़ी में वापस मैंने पुनः श्रीमती डोर्लिंग को अपने सामने देखा जैसा मैंने उन्हें पहली बार मिलने पर देखा था। जिस दिन मेरी माँ ने मुझे उसके (श्रीमती डोर्लिंग के) बारे में बताया था, यह उससे दूसरे दिन की सुबह की बात है। मैं देरी से उठी थी और सीढ़ियों से नीचे आते समय मैंने अपनी माँ को किसी को विदा करते हुए देखा। वह एक चौड़ी कमर वाली स्त्री थी।
मेरी माँ ने (उससे) कहा, 'यह मेरी बेटी है।' उसने मुझे अपने पास बुलाने के लिए इशारा किया।
उस स्त्री ने अपनी गर्दन हिलाई तथा कोट-रैक के नीचे से सूटकेस उठाया। उसने भूरे रंग का कोट तथा टोप पहन रखा था। भारी-भरकम सूटकेस से घर से बाहर की तरफ जाने में उसे हो रही कठिनाई को देखकर मैंने (अपनी माँ से) पूछा 'क्या वह (यहाँ से) बहुत दूर रहती है ?' मेरी माँ ने कहा, 'मार्कोनी स्ट्रीट में, संख्या - 46 याद रखना।' मैंने इसे याद रखा। लेकिन मैंने वहाँ जाने के लिए बहुत लंबे समय तक इंतजार किया।
आरंभ में स्वतंत्रता के बाद मैं उस इकट्ठे किए गए सामान में बिल्कुल भी रुचि नहीं रखती थी और शायद स्वाभाविक रूप से मैं इससे डरी हुई थी। उन सब चीजों से सामना करने से डरी हुई थी जो उस रिश्ते से सम्बन्धित थीं जो कि अब रहा ही नहीं; वे चीजें अलमारियों तथा बक्सों में भरी पड़ी थीं तथा वे अपने स्थान पर पुनः स्थापित किए जाने का व्यर्थ में ही इंतजार कर रही थीं; वे इतने लंबे समय तक इसलिए जीवित रहीं क्योंकि वे 'वस्तुएँ' थीं।
लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ फिर से सामान्य हो गया। रोटी जो युद्ध के दौरान महँगी और दुर्लभ हो गई थी, अब सुलभ और सस्ती हो गई थी; वहाँ एक बिस्तर था जिस पर तुम निर्भीकता से सो सकते थे (जिस पर सोते समय युद्ध के दौरान बम गिरने का भय रहता था); एक कमरा था जिससे वही दृश्य देखा जा सकता था जिसको प्रतिदिन देखने के तुम आदी थे। (युद्ध के दौरान सारा दृश्य ही बदल जाता है- बारुद का धुंआ और गंध तथा लाशें दिखाई देती हैं)
और एक दिन मैंने देखा कि मैं (अचानक ही) उन सब चीजों को पुनः देखने के लिए उत्सुक थी जो कि अब भी उस पते पर विद्यमान होनी चाहिए। मैं उन चीजों को देखना, छूना तथा याद करना चाहती थी।
श्रीमती डोर्लिंग के घर के लिए मेरी प्रथम असफल यात्रा के बाद, मैंने दोबारा कोशिश करने का निश्चय किया। अब की बार लगभग 15 साल की एक लड़की ने मेरे लिए दरवाजा खोला। मैंने उससे पूछा कि क्या उसकी माँ घर पर है। उसने कहा, 'नहीं मेरी माँ किसी आवश्यक कार्य से बाहर गई हुई हैं।' मैंने कहा, 'कोई बात नहीं, मैं उनके लिए प्रतीक्षा करूंगी।'
I followed............... at me. (Page 13)
Word Meanings : passage (पैसिज्) = a long, narrow way, गलियारा। old-fashioned (ओल्ड् फैश्न्ड् ) = usual in the past but not now, पुराने जमाने में प्रचलित। Hanukkah = the feast of lights, a Hebrew festival in December, यहूदियों का प्रकाश उत्सव। cumbersome (कम्बसम्) = heavy and difficult to carry, भारी। candlestick (कैन्ड्ल्स्टिक्) = an object for holding candles, मोमबत्तीदान। horrified (हॉरिफाइड्) = frightened, डरी हुई। midst (मिड्स्ट्) = among, के बीच में। oppressed (अ'प्रेस्ट) = troubled, परेशान किया। strange (स्ट्रेन्ज्) = unusual, असामान्य, अजीब। atmosphere (ऐट्मस्फिअर्) = वातावरण। tasteless (टेस्ट्ल स्) = not attractive, भद्दे तरीके से। arranged (अरेन्ज्ड् ) = व्यवस्थित थीं, लगाई गई थीं। muggy (मगि) = smell of dampness, सीलनभरी बदबू।
scarcely (स्के अस्लि ) = hardly, मुश्किल से। dared (डेअर्ड) = had courage, साहस दिखाया। rubbed (रब्ड्) = pressed, रगड़ा। warm (वॉम्) = गर्म। followed (फॉलोड) = दिलचस्पी ली। lines of the pattern (लाइन्स ऑव दी पेटन्) = बनावट के तरीके में। edge (एज्) = end, किनारे पर। mark (माक्) = sign, निशान, चिह्न। pour (पॉ(र्)) = served, उड़ेल दी, परोस दी। lid (लिड्) = the top part of the tea-pot, चायदान का ढक्कन। strange (स्ट्रेन्ज्) = unknown, अजीब। antique (ऐन्'टीक्) = very old, प्राचीन। fancied (फैन्सिड्) = imagined, कल्पना की। pewter (प्यूटर) = made of zinc, grey metal made by mixing tin with lead used for making mugs, dishes etc. जस्ते की बनी हुई। questioningly (क्वेस्चनिलि ) = as if asking a question, जैसे कि प्रश्न पूछ रही हो।
हिन्दी अनुवाद - मैं उस लडकी के पीछे-पीछे गलियारे में गयी। दर्पण के पास में ही एक पुराने फैशन का लोहे का कैंडल होल्डर टँगा था। हमने कभी भी उसका इस्तेमाल नहीं किया था क्योंकि यह एक अकेली मोमबत्ती की अपेक्षा कहीं अधिक भारी था। उस लड़की ने पूछा, क्या आप बैठेंगी नहीं ? उसने बैठक का दरवाजा खोल दिया और मैं उसके पीछे अंदर गई। मैं भयभीत-सी होती हुई रुक गई। मैं एक ऐसे कमरे में थी जिसको मैं जानती भी थी और नहीं भी जानती थी। मैंने स्वयं को उन चीजों के बीच में पाया जिनको मैं पुनः देखना तो चाहती थी किंतु जिन्होंने मुझे एक विचित्र वातावरण में परेशान कर दिया था।
अथवा इसलिए (परेशान कर दिया) क्योंकि वे सभी चीजें बेहूदे ढंग से व्यवस्थित की गई थीं अथवा भद्दा फर्नीचर था या फिर सीलन भरी बदबू जो वहाँ पर फैली हुई थी', मुझे पता नहीं लेकिन मैं उन्हें अपने चारों ओर देखने का बमुश्किल ही साहस कर पाई। लड़की ने एक कुर्सी सरकाई। मैं कुर्सी पर बैठ गई तथा ऊनी मेजपोश को टकटकी लगाकर देखने लगी। मैंने उसको रगड़ा। रगड़ने से मेरी अँगुलियाँ गर्म हो गईं। मैं ऊनी मेजपोश की डिजाइन की लाइनों को देखने लगी। उसके किनारे पर कहीं एक जला हुआ निशान होना चाहिए जिसकी कभी भी मरम्मत नहीं की गई थी। लड़की ने कहा, 'मेरी माँ शीघ्र ही वापस आती होंगी। मैंने उनके लिए पहले ही चाय बना दी है। क्या आप चाय का एक प्याला लेंगी ?' 'धन्यवाद।'
मैंने ऊपर की तरफ देखा। लड़की ने मेज पर चाय के प्याले रख दिए। उसकी पीठ चौड़ी थी, उसकी माँ की ही तरह। उसने सफेद रंग के चायदान से (कपों में) चाय उड़ेली। मुझे याद आया, उस चायदान के ढक्कन पर सुनहरी किनारी थी। उसने एक बक्सा खोला तथा कुछ चम्मचें बाहर निकाली।मैंने स्वयं को कहते हुए सुना 'यह एक सुंदर बक्सा है।' यह एक अजीब सी आवाज थी। जैसे कि मानो इस कमरे में प्रत्येक आवाज भिन्न हो जाती हो।
'अरे ! तुम इनके बारे में जानती हो ?' वह मेरी ओर घूम गयी और मुझे मेरी चाय दी। वह हँसी 'मेरी माँ कहती है कि यह पुरानी शैली की है। हमारे पास ऐसी और भी बहुत सी वस्तुएँ हैं।' उसने कमरे के चारों ओर संकेत किया। 'तुम स्वयं ही देख लो।' मुझे उसके हाथ का अनुसरण करने की जरूरत नहीं थी। मैं जानती थी कि वह किन चीजों के बारे में कह रही थी। मैंने चाय की मेज पर शांत जीवन को देखा। जब मैं छोटी थी तब मैं हमेशा कांसे की प्लेट पर सेब की कल्पना किया करती थी। उसने कहा, 'हम इसका प्रयोग प्रत्येक चीज के लिए करते हैं। एक बार तो हमने वहाँ दीवार पर टंगी हुई तश्तरियों में भी भोजन किया था। मैं इसको (इस तरह भोजन करना) बहुत ज्यादा पसंद करती थी। लेकिन इसमें कोई विशेष बात नहीं थी।' मैंने मेजपोश पर जले हुए का निशान ढूँढ लिया। लड़की ने प्रश्न भरी दृष्टि से मेरी ओर देखा।
'Yes', I said, .... .............. the easiest. (Pages 13-14)
Word Meanings : to touching (टू टचिङ्) = स्पर्श करने की। used to (यूज्ड टु) = habitual,आदी हो गई हो। hardly (हाड्लि) = almost not, मुश्किल से। lent (लेन्ट्) = given to someone, किसी को दे दिया। unnatural (अन् 'नैचल्) = unexpected, अप्राकृतिक। sound (साउन्ड्) = voice, आवाज। probably (प्रॉबब्लि) = almost certainly, संभवतया। bored (बॉड्) = feeling tired, ऊब गयी। forks (फ़ॉक्स्) = काँटे। cutlery (कट्लरि) = भोजन करने के छरी, काँटे, चम्मचे इत्यादि।silver (सिल्वर) = चाँदी के बर्तन। bet (बेट) = an act of betting, शर्त लगाना। intently (इन् 'टेट्लि ) = purposefully, इरादे से, उद्देश्य से।
hesitated (हेजिटेटिड्) = paused before she spoke, हिचकिचाई। sideboard (साइड्बॉड्) = a type of low cupboard used for storing plates, etc. तश्तरियों आदि को रखने की नीची मेज। pulled (पुल्ड्) = dragged, खींचा। jingling (जिङ्गलिंङ) = a ringing sound like small bells, खनखनाहट।familiar (फ़ 'मिलिअर्) = well-known, जाना-पहचानाinstantly (इन्स्ट ट्ल ) = without delay, immediately, तुरंत।value (वैल्यू) = importance, महत्त्वsevered (सेवरड्) = cut-off, अलग हुआ।surroundings (स'राउन्डिङ्ग्) = environment, वातावरण।shreds (शेड्स्) = pieces, टुकड़े।resolved (रिजॉल्वड्) = decided, निश्चय किया।
हिन्दी अनुवाद - मैंने कहा, 'हाँ, तुम इस घर में इन सब संदर चीजों को देखने को इतनी ज्यादा आदी हो चकी हो कि तुम मुश्किल से ही अब उनकी ओर देखती हो। तुम उनको केवल तब ही देखती हो जब कोई चीज खो जाती है, क्योंकि उसकी मरम्मत की जानी है अथवा उदाहरणार्थ तुमने उन्हें किसी को उधार दे दिया है।' मैंने पुनः स्वयं की अस्वाभाविक आवाज को सुना और मैं (अपनी ही आवाज की) सुनती गई : 'मुझे याद है एक बार मेरी माँ ने मुझसे पूछा था कि क्या मैं चाँदी की वस्तुओं पर पॉलिश करने में उनकी मदद करूँगी।
यह बहुत समय पहले की बात है और शायद मैं उस दिन ऊब गई थी अथवा शायद मुझे घर पर ठहरना पड़ा था क्योंकि मैं बीमार हो गई थी, क्योंकि उन्होंने मुझे पहले कभी (मदद करने के लिए) नहीं कहा था। मैंने उससे पूछा कि उनका तात्पर्य किन चाँदी की वस्तुओं से है और उन्होंने आश्चर्यचकित होते हुए उत्तर दिया कि उनका तात्पर्य चम्मचों, काँटों तथा चाकुओं से था। और यह एक विचित्र बात थी, मैं इस बात को नहीं जानती थी कि जिस कटलरी से हम प्रतिदिन भोजन करते थे वे चाँदी की थी। लड़की पुनः हँसी। 'मैं शर्त लगा सकती हूँ कि तुम इस बात को भी नहीं जानती हो (कि यह कटलरी भी चाँदी की है'), मैंने दृढ़तापूर्वक उसकी ओर देखा।
उसने पूछा, 'हम किस चीज से भोजन करते हैं ?' 'अच्छा, क्या तुम जानती हो ?' वह हिचकिचाई। वह साइडबोर्ड की तरफ गई तथा एक दराज को खोलना चाहा। 'मैं देखूगी। वह इसमें रखी है।' मैं उछल पड़ी, 'मुझे समय का ध्यान नहीं रहा। मुझे ट्रेन पकड़नी है।' उसका हाथ दराज के ऊपर था। 'क्या आप मेरी माँ की प्रतीक्षा करना नहीं चाहती ? 'नहीं, मझे जाना होगा।' मैं दरवाजे तक गयी। लड़की ने दराज को खींचकर पूरा खोल दिया। 'मैं रास्ता स्वयं ढूँढ सकती हूँ।' जैसे ही मैं गलियारे से चली तभी मैंने काँटों तथा चम्मचों की खनखनाहट की आवाज सुनी।
सड़क के कोने पर जाकर, मैंने उस नामपट्टिका की ओर देखा। इस पर लिखा था - मार्कोनी स्ट्रीट। मैं मकान संख्या- 46 पर ही थी। पता सही था। लेकिन मैं अब इसे और अधिक याद रखना नहीं चाहती थी। मैं वहाँ पर वापस नहीं जाऊँगी क्योंकि वे सभी चीजें जो आपके पुराने समय के परिचित जीवन की यादों से जुड़ी रहती हैं, वे उसी समय अपना मूल्य खो देती हैं जब हम उनको स्वयं से अलग कर लेते हैं, आप उनको दोबारा विचित्र वातावरण में देखते हैं।
और मैं उन सब चीजों का उस छोटे से किराए के कमरे में क्या करती जहाँ खिड़कियों पर अभी भी काले पड़कर चीथड़े हो चुके कागजों के टुकड़े लटक रहे हैं और थोड़ी-सी ही कटलरी की आवश्यकता थी जो मेरी छोटी-सी मेज . की दराज में समा सकती थी ? मैंने उस पते को भूल जाने का निश्चय किया। मुझे उन सब चीजों के बारे में भूल जाना था और शायद यही सबसे ज्यादा आसान होता।