These comprehensive RBSE Class 9 Maths Notes Chapter 8 चतुर्भुज will give a brief overview of all the concepts.
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→ चतुर्भुज-चार रेखाखण्डों से बनी बन्द आकृति, जिसमें कोई भी रेखाखण्ड आपस में नहीं कटते हों, चतुर्भुज कहलाती है।
→ शीर्ष-चतुर्भुज की भुजाओं के प्रतिच्छेदी बिन्दुओं को शीर्ष कहते हैं।
→ विकर्ण-चतुर्भुज के आमने-सामने के शीर्षों को मिलाने वाले रेखाखण्ड विकर्ण कहलाते हैं।
→ आसन्न भुजायें-चतुर्भुज में जिन भुजाओं में उभयनिष्ठ शीर्ष हो उन्हें आसन्न भुजायें कहते हैं।
→ सम्मुख भुजायें-जिन भुजाओं में उभयनिष्ठ शीर्ष न हो उन्हें सम्मुख भुजाएँ कहते हैं।
→ आसन्न कोण-चतुर्भुज की एक ही भुजा पर बनने वाले कोण आसन्न कोण कहलाते हैं।
→ सम्मुख कोण-उन कोणों को जिनमें कोई भुजा उभयनिष्ठ न हो, सम्मुख कोण कहते हैं।
→ समलम्ब चतुर्भुज-यदि किसी चतुर्भुज में सम्मुख भुजाओं का एक जोड़ा समान्तर हो, तो उसे समलम्ब चतुर्भुज कहते हैं।
→ सम चतुर्भुज-किसी चतुर्भुज में सम्मुख भुजाओं के जोड़े समान्तर हों व सभी भुजाएं भी बराबर हों तथा कोई भी कोण समकोण न हो तो उसे सम चतुर्भुज कहते हैं।
→ समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं। इसका विलोम भी सत्य है।
→ सम चतुर्भुज की विशेषताएँ
→ समान्तर चतुर्भुज-यदि किसी चतुर्भुज में सम्मुख भुजाओं के जोड़े समान्तर हों, तो उसे समान्तर चतुर्भुज कहते हैं।
→ समान्तर चतुर्भुज का एक विकर्ण उसे दो सर्वांगसम त्रिभुजों में विभाजित करता है।
→ एक समान्तर चतुर्भुज में,
→ एक चतुर्भुज समान्तर चतुर्भुज होता है, यदि
→ आयत-वह चतुर्भुज जिसकी सम्मुख भुजाएँ समान्तर हों तथा प्रत्येक कोण 90° का हो, आयत होता है। अन्य शब्दों में, यदि समान्तर चतुर्भुज का एक कोण समकोण हो तो उसे आयत कहते हैं।
→ आयत की विशेषताएँ
→आयत के विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं और बराबर होते हैं। इसका विलोम भी सत्य है।
→ वर्ग-यदि किसी आयत की सभी भुजायें बराबर हों, तो उसे वर्ग कहते हैं । इसी प्रकार यदि किसी सम चतुर्भुज का एक कोण समकोण हो तो वह वर्ग कहलाता है।
→ वर्ग की विशेषताएँ
→ वर्ग के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं और बराबर होते हैं। इसका विलोम भी सत्य है।
→ किसी त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने वाला रेखाखण्ड तीसरी भुजा के समान्तर होता है और उसका आधा होता है।
→ किसी त्रिभुज की एक भुजा के मध्य-बिन्दु से दूसरी भुजा के समान्तर खींची गई रेखा तीसरी भुजा को समद्विभाजित करती है।
→ किसी चतुर्भुज की भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को एक क्रम से मिलाने वाले रेखाखण्डों द्वारा बना चतुर्भुज एक समान्तर चतुर्भुज होता है।
→ किसी चतुर्भुज के अन्त:कोणों का योग = 4 समकोण।