RBSE Class 9 Maths Notes Chapter 3 निर्देशांक ज्यामिति

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RBSE Class 9 Maths Chapter 3 Notes निर्देशांक ज्यामिति

→ निर्देशांक ज्यामिति-इस ज्यामिति में बिन्दु की स्थिति विशिष्ट संख्याओं, जिन्हें निर्देशांक कहते हैं, द्वारा निरूपित की जाती है तथा उनसे बनी विभिन्न आकृतियों (रेखाओं, वक्रों आदि) को बीजीय समीकरणों द्वारा निरूपित किया जाता है। इस प्रकार ज्यामिति की यह शाखा रेखागणित तथा बीजगणित के सम्मिश्रण से विकसित हुई है। अतः निर्देशांकों के प्रयोग के कारण गणित की इस शाखा को निर्देशांक ज्यामिति (Co-ordinate geometry) कहा जाता है। इस प्रकार निर्देशांक ज्यामिति गणित की एक महत्त्वपूर्ण शाखा है। इस अध्ययन को फ्रांसीसी दार्शनिक और गणितज्ञ रेने देकार्ते ने विकसित किया था।

→ एक तल में एक वस्तु या एक बिन्दु का स्थान निर्धारण करने के लिए दो लांबिक रेखाओं की आवश्यकता होती है जिसमें एक क्षैतिज होती है और दूसरी ऊर्ध्वाधर होती है।

→ कार्तीय निर्देशांक (Cartesian co-ordinate)-माना किसी समतल में दो परस्पर लम्बवत् रेखाएँ xox' और yoy' हैं जो कि बिन्दु 0 पर P(x,y) प्रतिच्छेद करती हैं। इन्हें निर्देशांक अक्ष (co-ordinate axes) कहते हैं और 0 को मूलबिन्दु (origin) कहते हैं। xox' तथा yoy' परस्पर लम्बवत् हैं, अत: xox' और yoy' को समकोणिक अक्ष या आयतीय निर्देशांक अक्ष कहते है।
RBSE Class 9 Maths Notes Chapter 3 निर्देशांक ज्यामिति 1

→ तल को कार्तीय या निर्देशांक तल कहा जाता है और रेखाओं को निर्देशांक अक्ष कहा जाता है।

→ एक समतल में दो लम्बवत् रेखाएँ xox तथा yoy को क्रमश: x-अक्ष तथा y-अक्ष कहा जाता है।

→ यदि अक्ष परस्पर लम्ब लिए जाएँ, तो इनको समकोणिक अक्ष कहा जाता है।

RBSE Class 9 Maths Notes Chapter 3 निर्देशांक ज्यामिति

→ x-अक्ष पर स्थित प्रत्येक बिन्दु का y-निर्देशांक = 0

→ y-अक्ष पर स्थित प्रत्येक बिन्दु का x-निर्देशांक = 0

→ क्षैतिज रेखा को x-अक्ष और ऊर्ध्वाधर रेखा को y-अक्ष कहा जाता है।

→ निर्देशांक अक्ष तल को चार भागों में बाँट देते हैं, जिन्हें चतुर्थांश कहा जाता है।

→ xoy को प्रथम चतुर्थांश, yox को द्वितीय चतुर्थांश, xoy' को तृतीय चतुर्थांश तथा yox को चतुर्थ चतुर्थांश कहा जाता है।

→ अक्षों के प्रतिच्छेद बिन्दु को मूलबिन्दु कहा जाता है।

→ y-अक्ष से किसी बिन्दु की दूरी को उसका x-निर्देशांक या भुज कहा जाता है। साथ ही, x-अक्ष से बिन्दु की दूरी को y-निर्देशांक या कोटि कहा जाता है।

→ यदि एक बिन्दु का भुज x हो और कोटि । हो, तो (x, y) को बिन्दु के निर्देशांक कहा जाता है।

→ x-अक्ष पर एक बिन्दु के निर्देशांक (x, 0) के रूप के होते हैं और y-अक्ष पर बिन्दु के निर्देशांक (0, Y) के रूप के होते हैं।

→ मूलबिन्दु के निर्देशांक (0, 0) होते हैं।

→ एक बिन्दु के निर्देशांक पहले चतुर्थांश में (+, +) के रूप के, दूसरे चतुर्थांश में (-, +) के रूप के, तीसरे चतुर्थांश में (-, -) के रूप के और चौथे चतुर्थांश में (+, -) के रूप के होते हैं, जहाँ + एक धनात्मक वास्तविक संख्या को और – एक ऋणात्मक वास्तविक संख्या को प्रकट करते हैं।

→ यदि x ≠ 1 हो, तो (x, y) ≠ (y, x) होगा और यदि x = y हो, तो (x, y) = (y, x) होगा।

→ चतुर्थांश में निर्देशांकों के चिह्न-यदि समतल में किसी बिन्दु p के निर्देशांक (x, y) हों, तो 
RBSE Class 9 Maths Notes Chapter 3 निर्देशांक ज्यामिति 2

  • प्रथम चतुर्थांश में x > 0, y > 0; निदेशांक (+, +)
  • द्वितीय चतुर्थांश में x < 0, " > 0; निर्देशांक (-, +)
  • तृतीय चतुर्थांश में x < 0, Y < 0; निर्देशांक (-, -)
  • चतुर्थ चतुर्थांश में x> 0, Y < 0; निर्देशांक (+, -)

RBSE Class 9 Maths Notes Chapter 3 निर्देशांक ज्यामिति

स्मरणीय-

  • किसी बिन्दु P के निर्देशांक (x, y) हैं, तो इसे P(x, y) लिख सकते हैं।
  • किसी बिन्दु का भुज, बिन्दु की y-अक्ष से लम्बवत् दूरी होती है।
  • किसी बिन्दु की कोटि, बिन्दु की x-अक्ष से लम्बवत् दूरी होती है।
  • किसी बिन्दु का भुज, y-अक्ष के दायीं ओर धनात्मक और बायीं ओर ऋणात्मक होता है।
  • किसी बिन्दु की कोटि, x-अक्ष के ऊपर धनात्मक और नीचे ऋणात्मक होती है।
  • यदि y = 0 हो, तो बिन्दु x-अक्ष पर स्थित होता है।
  • यदि x = (0 हो, तो बिन्दु y-अक्ष पर स्थित होता है।
  • यदि x = 0, y = 0 हो, तो बिन्दु मूल बिन्दु है।
Prasanna
Last Updated on April 26, 2022, 12:43 p.m.
Published April 26, 2022