These comprehensive RBSE Class 7 Science Notes Chapter 10 जीवों में श्वसन will give a brief overview of all the concepts.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 7. Students can also read RBSE Class 7 Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 7 Science Notes to understand and remember the concepts easily. The class 7 science chapter 4 heat extra questions are curated with the aim of boosting confidence among students.
→ श्वसन एक महत्त्वपूर्ण जैविक प्रक्रम है। सभी जीवों को जीवित रहने के लिए आवश्यक ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए श्वसन की आवश्यकता होती है।
→ सभी जीव सूक्ष्म इकाइयों के बने होते हैं, जिन्हें कोशिकाएँ कहते हैं। कोशिका में भोजन के विखंडन के प्रक्रम में ऊर्जा मुक्त होती है, इसे 'कोशिकीय श्वसन' कहते हैं। सभी जीवों की कोशिकाओं में कोशिकीय श्वसन होता है।
→ श्वसन दो प्रकार का होता है
→ वायवीय श्वसन में भोजन (ग्लूकोस) का विखंडन ऑक्सीजन के उपयोग से कार्बन डाई-ऑक्साइड और जल में होता है; परन्तु अवायवीय श्वसन में भोजन (ग्लूकोस) ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी विखंडित हो जाता है और कार्बन डाई-ऑक्साइड एवं ऐल्कोहॉल बनाता है।
→ अधिक व्यायाम करते समय जब हमारी पेशी-कोशिकाओं को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो पाती, तब भोजन का विखंडन अवायवीय श्वसन द्वारा होता है।
→ साँस लेना श्वसन प्रक्रम का एक चरण है, जिसमें जीव ऑक्सीजन से समृद्ध वायु को अन्दर खींचते हैं और कार्बन डाई-ऑक्साइड से समृद्ध वायु को बाहर निकालते हैं।
→ ऑक्सीजन समृद्ध वायु को अंदर लेना 'अंतः श्वसन' और कार्बन डाई-ऑक्साइड समृद्ध वायु को बाहर निकालना 'उच्छ्वसन' कहलाता है। गैसों के विनिमय के लिए विभिन्न जीवों में श्वसन अंग भिन्न-भिन्न होते हैं।
→ अंतःश्वसन के समय हमारे फेफड़े वायु से भर जाते हैं, जिससे ये विस्तारित होते हैं और उच्छ्वसन के समय वायु फेफड़ों से बाहर निकाल दी जाती है, जिससे ये वापस अपनी मूल अवस्था में आ जाते हैं।
→ हाथी, शेर, गाय, बकरी, मेंढक, छिपकली, सर्प और पक्षियों आदि जंतुओं की वक्ष-गुहाओं में मनुष्यों की भाँति फेफड़े होते हैं।
→ कीटों में गैस विनिमय श्वासप्रणाल या वातक द्वारा, केंचुए में आई त्वचा द्वारा तथा मछलियों में क्लोम (गिल्स) के द्वारा होता है।
→ पादपों में गैसों के विनिमय के लिए पत्तियों में सूक्ष्म छिद्र 'रंध्र' होते हैं। इनकी जड़ भी मृदा कणों के बीच के खाली स्थानों में उपस्थित वायु से ऑक्सीजन ले लेती हैं।