Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से क्षारकीय पदार्थ कौनसा है?
(अ) दही
(ब) नींबू का रस
(स) बेकिंग सोडा
(द) सिरका
उत्तर:
(स) बेकिंग सोडा
प्रश्न 2.
टार्टरिक अम्ल पाया जाता है।
(अ) अंगूर में
(ब) इमली में
(स) कच्चे आम में
(द) उपर्युक्त सभी में
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी में
प्रश्न 3.
चूने के पानी में कौनसा क्षारक पाया जाता है?
(अ) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड
(ब) अमोनियम हाइड्रॉक्साइड
(स) सोडियम हाइड्रॉक्साइड
(द) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड
उत्तर:
(अ) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड
प्रश्न 4.
जब मृदा अत्यधिक अम्लीय होती है, तो उसमें क्या मिलाया जाता है?
(अ) सोडियम हाइड्रॉक्साइड
(ब) कैल्सियम ऑक्साइड
(स) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड
(द) मैग्नीशियम ऑक्साइड
उत्तर:
(ब) कैल्सियम ऑक्साइड
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
प्रश्न 1.
पालक में ............. पाया जाता है।
उत्तर:
ऑक्सेलिक अम्ल
प्रश्न 2.
प्राकृतिक रंजक लिटमस को ................... से निष्कर्षित किया जाता है।
उत्तर:
लाइकेनों (शैक)
प्रश्न 3.
सभी प्रोटीन, जो कि हमारी कोशिकाओं के भाग होते हैं, ................... के बने होते हैं।
उत्तर:
एमीनो अम्लों
प्रश्न 4.
चींटी के डंक के प्रभाव को उदासीन करने के लिए कैलेमाइन विलयन लगाया जाता है, इसमें ........................ होता है।
उत्तर:
जिंक कार्बोनेट।
निम्न कथनों में से सत्य एवं असत्य कथनों का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
अम्ल व क्षारक संक्षारक प्रकृति के होते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
जब विलयन क्षारीय होता है तो फिनॉल्फधेलिन रंगहीन रहता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग मृदा को अम्लीय बना देता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
उदासीनीकरण अभिक्रिया में सदैव ऊष्मा निकलती।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
क्षारक स्वाद में खट्टे होते हैं।
उत्तर:
असत्य
कॉलम - A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - B से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) दही |
(A) ऐसीटिक अम्ल |
(2) सिरका |
(B) ऐस्कॉर्बिक अम्ल |
(3) आंवला |
(C) ऑक्सेलिक अम्ल |
(4) पालक |
(D) लैक्टिक अम्ल |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) दही |
(D) लैक्टिक अम्ल |
(2) सिरका |
(A) ऐसीटिक अम्ल |
(3) आंवला |
(B) ऐस्कॉर्बिक अम्ल |
(4) पालक |
(C) ऑक्सेलिक अम्ल |
प्रश्न 2
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) चूने का पानी |
(A) सोडियम हाइड्रॉक्साइड |
(2) मार्जक |
(B) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड |
(3) साबुन |
(C) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड |
(4) मिल्क ऑफ |
(D) अमोनियम मैग्नीशिया हाइड्रॉक्साइड |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) चूने का पानी |
(C) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड |
(2) मार्जक |
(D) अमोनियम मैग्नीशिया हाइड्रॉक्साइड |
(3) साबुन |
(A) सोडियम हाइड्रॉक्साइड |
(4) मिल्क ऑफ |
(B) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड |
प्रश्न 3.
कॉलम - A |
'कॉलम - B |
(1) अम्ल |
(A) सिरका |
(2) क्षारक |
(B) बेकिंग सोडा |
(3) लवण |
(C) नमक |
(4) सूचक |
(D) फिनॉल्फथेलि |
उत्तर:
कॉलम - A |
'कॉलम - B |
(1) अम्ल |
(A) सिरका |
(2) क्षारक |
(B) बेकिंग सोडा |
(3) लवण |
(C) नमक |
(4) सूचक |
(D) फिनॉल्फथेलिन |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
एसिड शब्द की उत्पत्ति किससे हुई है?
उत्तर:
लैटिन शब्द 'एसियर' से एसिड शब्द की उत्पत्ति
प्रश्न 2.
खाने का सोडा (बेकिंग सोडा) स्वाद में कैसा होता है?
उत्तर:
इसका स्वाद कड़वा होता है।
प्रश्न 3.
क्षारक किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे पदार्थ, जिनका स्वाद कड़वा होता है और जो स्पर्श करने पर साबुन जैसे लगते हैं, क्षारक कहलाते हैं।
प्रश्न 4.
नींबू कुल के (सिट्रस) फलों जैसे-संतरा, नींबू आदि में कौनसा अम्ल पाया जाता है?
उत्तर:
साइट्रिक अम्ल।
प्रश्न 5.
दूधिया मैग्नीशियम (मिल्क ऑफ मैग्नीशियम) में पाये जाने वाले क्षारक का नाम लिखिए।
उत्तर:
मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड।
प्रश्न 6.
गुड़हल के पुष्प का सूचक अम्लीय तथा क्षारकीय विलयनों पर क्या प्रभाव डालता है?
उत्तर:
यह अम्लीय विलयनों को गहरा गुलाबी (मेजेन्टा) और क्षारकीय विलयनों को हरा कर देता है।
प्रश्न 7.
जब विलयन क्षारकीय होता है तो फिनॉल्फथेलिन डालने पर कैसा रंग आता है?
उत्तर:
गुलाबी रंग।
प्रश्न 8.
अम्लीय विलयन में फिनॉल्फथेलिन कैसा रंग देता है?
उत्तर:
यह रंगहीन रहता है।
प्रश्न 9.
हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका में पाए जाने वाले अम्ल DNA का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
DNA = डी - ऑक्सी राइबोन्यूक्लीक एसिड
प्रश्न 10.
जब किसी अम्ल और क्षारक के विलयन को उचित मात्रा में मिलाया जाता है, बनने वाले विलयन की प्रकृति कैसी होती है?
उत्तर:
उदासीन।
प्रश्न 11.
किन्हीं तीन प्राकृतिक सूचकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
लिटमस, हल्दी और गुड़हल की पंखुड़ियाँ।
प्रश्न 12.
दही, नींबू का रस और सिरके का स्वाद खट्टा क्यों होता है?
उत्तर:
इन पदार्थों का स्वाद खट्टा इसलिए होता है क्योंकि इनमें अम्ल (एसिड) होते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
यदि हम किसी पदार्थ को चख नहीं सकते हैं, तो हमें उसकी प्रकृति कैसे ज्ञात होगी?
उत्तर:
कोई पदार्थ अम्लीय है अथवा क्षारकीय, इसका परीक्षण करने के लिए विशेष प्रकार के पदार्थों का उपयोग किया जाता है। ये पदार्थ 'सूचक' कहलाते हैं। इन सूचकों को जब अम्लीय अथवा क्षारकीय पदार्थयुक्त विलयन में मिलाया जाता है, तो उनका रंग बदल जाता है। हल्दी, लिटमस, गुड़हल की पंखुड़ियाँ आदि कुछ प्राकृतिक रूप में पाए जाने वाले सूचक हैं।
प्रश्न 2.
किन्हीं चार क्षारकों के नाम और उनके प्राप्ति स्रोत लिखिए।
उत्तर:
क्षारक का नाम |
किसमें पाया जाता है। |
1. कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड |
चूने का पानी |
2. अमोनियम हाइड्रॉक्साइड |
खिड़की के काँच आदि साफ करने के लिए उपयुक्त मार्जकों में |
3. सोडियम हाइड्रॉक्साइड / पोटैशिंयम हाइड्रॉक्साइड |
साबुन में |
4. मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड |
दूधिया मैग्नीशियम (मिल्क ऑफ मैग्नीशिया ) |
प्रश्न 3.
लिटमस के विषय में लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
उदासीन विलयन से आप क्या समझते हो?
उत्तर:
उदासीन विलयन: ऐसे विलयन, जो लाल अथवा नीले लिटमस पत्र के रंग को परिवर्तित नहीं करते, उदासीन विलयन कहलाते हैं। ऐसे पदार्थ न तो अम्लीय होते हैं और न ही क्षारकीय होते।
प्रश्न 5.
सफेद कमीज पर पड़ा हल्दी का दाग साबुन से धोने पर लाल क्यों हो जाता है?
उत्तर:
चूँकि हल्दी का विलयन क्षारकों के सम्पर्क में आने पर लाल रंग का हो जाता है। अम्लों एवं उदासीन पदार्थों से यह प्रभावित नहीं होता है। साबुन का विलयन क्षारकीय है, इसीलिए सफेद कमीज पर हल्दी का दाग लाल हो जाता है।
प्रश्न 6.
उदासीनीकरण अभिक्रिया के तत्काल बाद परखनली को स्पर्श करें। आपने क्या अनुभव किया?
उत्तर:
चूँकि उदासीनीकरण अभिक्रिया में सदैव ऊष्मा निकलती है, अर्थात् निर्मुक्त होती है। निर्मुक्त ऊष्मा से अभिक्रिया मिश्रण का ताप बढ़ जाता है। इसलिए परखनली गर्म हो जाती है और स्पर्श करने पर गर्म महसूस होती है।
प्रश्न 7.
अम्ल वर्षा को समझाइये।
उत्तर:
अम्ल वर्षा: जब वर्षा जल में अम्ल की मात्रा अत्यधिक होती है, तो वह अम्ल वर्षा कहलाती है। वायु में प्रदूषकों के रूप में निर्मुक्त कार्बन डाई - आक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसें वर्षा जल में घुलकर क्रमशः कार्बोनिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं, जिससे वर्षा जल अम्लीय हो जाता है। यह अम्ल वर्षा भवनों, ऐतिहासिक इमारतों, पौधों और जन्तुओं के लिए बहुत नुकसानदायक होती है।
प्रश्न 8.
'फिनॉल्फथेलिन' क्या है? इसकी उपयोगिता समझाइए।
उत्तर:
फिनॉल्फथेलिन एक सूचक है, जिसका उपयोग अम्लीय एवं क्षारकीय विलयनों का पता लगाने में किया जाता है। जब विलयन क्षारकीय होता है, तो फिनॉल्फथेलिन गुलाबी रंग देता है। इसके विपरीत, जब विलयन अम्लीय होता है, तो यह रंगहीन रहता है।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
प्रकृति में पाए जाने वाले कुछ अम्ल और उनके प्राप्ति स्रोत लिखिए।
उत्तर:
प्रकृति में पाए जाने वाले कुछ अम्ल और उनके प्राप्ति स्रोत अन प्रकार से हैंअम्ल का नाम प्राप्ति स्रोत ऐसीटिक अम्ल सिरका फॉर्मिक अम्ल चींटी का डंक साइट्रिक अम्ल नींबू कुल के (सिट्रस) फल जैसे संतरा, नींबू आदि लैक्टिक अम्ल ऑक्सेलिक अम्ल पालक ऐस्कॉर्बिक अम्ल आँवला, सिट्रस फल (विद्यामिन C) टार्टरिक अम्ल इमली, अंगूर, कच्चे आम आदि
अम्ल का नाम |
प्राप्ति स्रोत |
1. ऐसीटिक अम्ल |
सिरका |
2. फॉर्मिक अम्ल |
चींटी का डंक |
3. साइट्रिक अम्ल |
नींबू कुल के (सिट्रस) फल जैसे संतरा, नींबू आदि |
4. लैक्टिक अम्ल |
दही |
5. ऑक्सेलिक अम्ल |
पालक |
6. ऐस्कॉर्बिक अम्ल |
आँवला, सिट्रस फल |
7. (विटामिन C) |
इमली, अंगूर, कच्चे आम आदि |
प्रश्न 2.
किन्हीं तीन प्राकृतिक सूचकों के विषय में लिखिए।
उत्तर:
सूचक: सूचक वे विशेष प्रकार के पदार्थ होते हैं, जिनका प्रयोग कोई पदार्थ अम्लीय है अथवा क्षारकीय, इसका परीक्षण करने के लिए किया जाता है। इनको जब अम्लीय अथवा क्षारकीय पदार्थयुक्त विलयन में मिलाते हैं तो उनका रंग बदल जाता है। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सूचक निम्न प्रकार से हैं।
(1) लिटमस: यह सबसे सामान्य रूप से उपयोग किया जाने वाला प्राकृतिक सूचक है। इसे लाइकेनों (शैक) से निष्कर्षित किया जाता है। आसुत जल में इसका रंग माँव (नीलशोण) होता है। जब इसे अम्लीय विलयन में मिलाया जाता है, तो यह लाल हो जाता है और जब क्षारीय विलयन में मिलाया जाता है, तो यह नीला हो जाता है। यह विलयन के रूप में अथवा कागज की पट्टियों के रूप में उपलब्ध होता है, जिन्हें लिटमस पत्र कहते हैं। सामान्यतः यह लाल और नीले लिटमस पत्र के रूप में उपलब्ध होता है।
(2) हल्दी: यह भी एक प्राकृतिक सूचक है। इसका उपयोग करने से पहले इसकी पट्टियाँ बनाई जाती हैं। इसके लिए सबसे पहले एक चम्मच हल्दी पाउडर लेकर उसमें थोड़ा-सा जल मिलाकर पेस्ट बनाते हैं। अब स्याही सोख्ता (ब्लाटिंग पेपर) या फिल्टर पत्र पर इस पेस्ट को लगाकर हल्दी पत्र बनाते हैं और इसे सुखाकर इसकी पतली-पतली पट्टियाँ काट लेते हैं। हल्दी पत्र क्षारकीय विलयन के साथ लाल रंग देता है परन्तु अम्लीय एवं उदासीन विलयनों के साथ यह अप्रभावित रहता है।
(3) गुड़हल के पुष्प की पंखुड़ियाँ: यह भी एक प्राकृतिक सूचक है। पंखुड़ियों को सूचक बनाने के लिए सबसे पहले एक बीकर में रखते हैं। फिर इसमें थोड़ा गरम जल मिलाते हैं। इस मिश्रण को तब तक रखते हैं, जब तक जल रंगीन न हो जाए। इस रंगीन जल को सूचक के रूप में उपयोग में लेते हैं। यह अम्लीय विलयनों को गहरा गुलाबी (मेजेंटा) और क्षारकीय विलयनों को हरा कर देता है।
प्रश्न 3.
उदासीनीकरण की प्रक्रिया को प्रयोग द्वारा समझाइए।
उत्तर:
उदासीनीकरण की प्रक्रिया:
(i) एक परखनली के एक - चौथाई भाग में तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) लेते हैं और इसका रंग नोट कर लेते हैं।
(ii) फिनॉल्फथेलिन विलयन के रंग को भी नोट कर लेते हैं और इसकी 2 - 3 बूंद अम्ल में मिलाते हैं।
(iii) अब इस अम्लीय विलयन में ड्रॉपर से सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) की एक बूंद डालकर परखनली को धीरे से हिलाते हैं। हम देखते हैं कि विलयन का रंग परिवर्तित होने लगता है।
(iv) विलयन को निरन्तर हिलाते हुए बूंद - बूंद करके NaOH विलयन तब तक डालते हैं, जब तक कि हल्का गुलाबी रंग न आ जाए।
(v) अब इसमें HCI अम्ल की एक बूंद डालते हैं, तो हम देखते हैं कि विलयन पुनः रंगहीन हो गया है। इसमें फिर से NaOH की बूँद डालने पर विलयन पुनः गुलाबी हो जाता है। अतः स्पष्ट है कि जब विलयन क्षारकीय होता है, तब फिनॉल्फथेलीन सूचक गुलाबी रंग देता है और विलयन अम्लीय होने पर, यह रंगहीन रहता है। इस प्रकार जब किसी अम्लीय विलयन में क्षारकीय विलयन मिलाया जाता है तो दोनों विलयन एक - दूसरे के प्रभाव को उदासीन कर देते हैं। इस प्रकार बना विलयन न तो अम्लीय होता है और न ही क्षारकीय। उदासीनीकरण अभिक्रिया में सदैव ऊष्मा निकलती है, जिससे मिश्रण का ताप बढ़ जाता है। इस प्रकार किसी अम्ल और क्षारक के बीच होने वाली अभिक्रिया उदासीनीकरण कहलाती है। इस प्रक्रम में ऊष्मा के निर्मुक्त होने के साथ - साथ लवण और जल भी बनते हैं।
प्रश्न 4.
(क) गुड़हल के पुष्प से सूचक किस प्रकार बनाते हैं?
(ख) शैम्पू (तनु विलयन), नींबू का रस, सोडा जल, सोडियम हाइड्रोजन बाइकार्बोनेट का विलयन, सिरका, शक्कर का विलयन तथा नमक का विलयन पर गुहल के पुष्प का सूचक के रूप में पड़ने वाले प्रभावों को लिखिए।
उत्तर:
(क) सबसे पहले गुड़हल के पुष्प की कुछ पंखुड़ियाँ लेते हैं। फिर इन्हें एक बीकर में रख देते हैं। अब बीकर में थोड़ा गरम जल डालते हैं और इस मिश्रण को तब तक रखा रहने देते हैं, जब तक कि जल रंगीन न हो जाए। अब इस रंगीन जल को सूचक के रूप में उपयोग करते हैं।
(ख) गुड़हल के पुष्प का सूचक अम्लीय विलयनों को गहरा गुलाबी (मेजेंटा) और क्षारकीय विलयनों को हरा कर देता है। परीक्षण विलयन आरम्भिक रंग अंतिम रंग। शैम्पू (तनु विलयन) लाल रंग नींबू का रस लाल रंग मेजेंटा रंग सोडा जल लाल रंग हरा रंग सोडियम हाइड्रोजन लाल रंग हरा रंग कार्बोनेट का विलयन
परीक्षण विलयन |
आरस्थिक रंग |
अंतिम रंग |
1. शैम्पू (तनु विलयन ) |
लाल रंग |
हरा रंग |
2. नींबू का रस |
लाल रंग |
मेजेंटा रंग |
3. सोडा जल |
लाल रंग |
हरा रंग |
4. सोडियम हाइड्रोजन |
लाल रंग |
हरा रंग |
5. कार्बोनेट का विलयन |
आरस्थिक रंग |
अंतिम रंग |
6. सिरका |
लाल रंग |
मेजेंटा रंग |
7. शक्कर का विलयन |
लाल रंग |
लाल रंग |
8. नमक का विलयन |
लाल रंग |
लाल रंग |
प्रश्न 5.
उदासीनीकरण किसे कहते हैं? हमारे दैनिक जीवन में पाये जाने वाले उदासीनीकरण के कोई तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
(1) उदासीनीकरण: किसी अम्ल और क्षारक के बीच होने वाली अभिक्रिया उदासीनीकरण कहलाती है। इस प्रक्रिया में ऊष्मा निकलती है तथा साथ ही लवण और जल बनते हैं। उदाहरणस्वरूप:
HCl + NaOH → NaCl + H2O+ ऊष्मा↑
(2) दैनिक जीवन में उदासीनीकरण के उदाहरण:
(i) अपाचन: हमारे आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पाया जाता है। यह भोजन के पाचन में हमारी सहायता करता है, लेकिन आमाशय में अम्ल की आवश्यकता से अधिक मात्रा होने से अपाचन हो जाता है। कभी - कभी अपाचन काफी कष्टदायक होता है। अपाचन से मुक्ति पाने के लिए हम दूधिया मैग्नीशियम जैसा कोई प्रतिअम्ल लेते हैं, जिसमें मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड होता है। यह अत्यधिक अम्ल के प्रभाव को उदासीन कर देता है।
(ii) चींटी का डंक: जब हमें चींटी काटती है तब यह त्वचा में अम्लीय द्रव छोड़ देती है। इस डंक के प्रभाव को नमीयुक्त खाने का सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) अथवा कैलेमाइन विलयन मलकर उदासीन किया जा सकता है, जिसमें जिंक कार्बोनेट होता है।
(iii) मृदा उपचार: रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग मृदा को अम्लीय बना देता है। यदि मृदा अत्यधिक अम्लीय या क्षारकीय हो, तो पौधों की अच्छी वृद्धि नहीं हो पाती। इसलिए अत्यधिक अम्लीय मृदा में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड) अथवा बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्राक्साइड) जैसे क्षारकों को मिलाकर उपचारित करते हैं। जबकि क्षारकीय मृदा में, जैव पदार्थ मिलाते हैं। जैव पदार्थ मृदा में अम्ल निर्मुक्त करते हैं, जो उसकी क्षारकीय प्रकृति को उदासीन कर देते हैं।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित पदार्थों का लाल लिटमस पत्र एवं नीले लिटमस पत्र पर पड़ने वाले प्रभावों को लिखिएनींबू का रस, नल का पानी, डिटर्जेंट विलयन, वातित पेय पदार्थ, साबुन का विलयन, शैम्पू, साधारण नमक का विलयन, शक्कर का विलयन, सिरका, बेकिंग सोडे का विलयन, दूधिया मैग्नीशियम, धावन सोडे का विलयन तथा चूने का पानी।
उत्तर:
परीक्षण विलयन |
लाल लिटमस पत्र पर प्रभाव |
नीने लिटमस पत्र पर प्रभाव |
निक्कर्ष |
1. नींबू का रस |
कुछ नहीं |
लाल हो जाता है। |
अम्लीय |
2. नल का पानी |
कुछ नहीं |
कुछ नहीं |
उदासीन |
3. डिटर्जेंट विलयन |
नीला हो जाता है। |
कुछ नहीं |
क्षारकीय |
4. वातित पेय पदार्थ |
कुछ नहीं |
लाल हो जाता है। |
अम्लीय |
5. साबुन का विलयन |
नीला हो जाता है। |
कुछ नहीं |
क्षारकीय |
6. शैम्सू |
नीला हो जाता है। |
कुछ नहीं |
क्षारकीय |
7. साधारण नमक का विलयन |
कुछ नहीं |
कुछ नहीं |
उदासीन |
8. शक्कर का विलयन |
कुछ नहीं |
कुछ नहीं |
उदासीन |
9. सिरका |
कुछ नहीं |
लाल हो जाता है। |
अम्लीय |
10. बेकिंग सोडे का विलयन |
नीला हो जाता है। |
कुछ नहीं |
अम्लीय |
11. दूधिया मैग्नीशियम |
नीला हो जाता है। |
कुछ नहीं |
क्षारकीय |
12. धावन सोडे का विलयन |
नीला हो जाता है। |
कुछ नहीं |
क्षारकीय |
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पदार्थों के हल्दी के विलयन पर पड़ने वाले प्रभावों को उनके निष्कर्षों के साथ लिखिएनींबू का रस, संतरे का रस, सिरका, दूधिया मैग्नीशियम, खाने का सोडा, चूने का पानी, शक्कर तथा नमक।
उत्तर:
परीक्षण विलयन |
हल्दी के विलयन |
टिप्पणी |
1. नींबू का रस |
पर प्रभाव |
अम्लीय |
2. संतरे का रस |
कुछ नहीं |
अम्लीय |
3. सिरका |
कुछ नहीं |
अम्लीय |
4. परीक्षण विलयन |
कुछ नहीं |
टिप्पणी |
5. दूधिया मैग्नीशियम |
लाल हो जाता है। |
क्षारकीय |
6. खाने का सोडा |
लाल हो जाता है । |
क्षारकीय |
7. चूने का पानी |
लाल हो जाता है। |
क्षारकीय |
8. शक्कर |
कुछ नहीं |
उदासीन |
प्रश्न 8.
तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, तनु सल्फ्यूरिक अम्ल, तनु नाइट्रिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल, सोडियम हाइड्रॉक्साइड, अमोनियम हाइड्रॉक्साइड तथा कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड में से प्रत्येक विलयन पर लिटमस पत्र, हल्दी के पत्र तथा गुड़हल के पुष्प के सूचक प्रभावों को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
अम्ल का नाम |
लिटमस पत्र पर प्रभाव |
हल्दी के पत्र पर प्रभाव |
गुड़हल के पुष्प के |
1. तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल |
नीला लिटमस लाल हो जाता है। |
कुछ नहीं |
सूचक का प्रभाव |
2. तनु सल्फ्यूरिक अम्ल |
नीला लिटमस लाल हो जाता है। |
कुछ नहीं |
मेजेन्य रंग (गहरा गुलाबी) |
3. तनु नाइट्रिक अम्ल |
नीला लिटमस लाल हो जाता है। |
कुछ नहीं |
मेजेन्टा रंग |
4. ऐसीटिक अम्ल |
नीला लिटमस लाल हो जाता है। |
कुछ नहीं |
मेजेन्टा रंग |
5. सोडियम हाइड्रॉक्साइड |
लाल लिटमस नीला हो जाता है। |
लाल हो जाता है। |
मेजेन्ट रंग |
6. अमोनियम हाइड्रॉक्साइड |
लाल लिटमस नीला हो जाता है। |
लाल हो जाता है। |
हरा रंग |
7. कैल्सिय हाइड्रॉक्साइड |
लाल लिटमस नीला हो जाता है। |
लाल हो जाता है। |
हरा रंग |