Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 4 ऊष्मा Important Questions and Answers.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 7. Students can also read RBSE Class 7 Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 7 Science Notes to understand and remember the concepts easily. The class 7 science chapter 4 heat extra questions are curated with the aim of boosting confidence among students.
बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से ऊष्मा का कुचालक है।
(अ) ऐलुमिनियम
(ब) ताँबा
(स) जल
(द) आयरन
उत्तर:
(स) जल
प्रश्न 2.
मानव शरीर का सामान्य ताप कितना होता है?
(अ) 35°C
(ब) 37°C
(स) 40°C
(द) 42°C
उत्तर:
(ब) 37°C
प्रश्न 3.
जल में ऊष्मा का स्थानान्तरण किस प्रकार होता है?
(अ) चालन
(ब) विकिरण
(स) संवहन
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(स) संवहन
प्रश्न 4.
मौसम का तापमान ज्ञात करने के लिए कौनसे तापमापी का उपयोग करते हैं?
(अ) अधिकतम - न्यूनतम तापमापी
(ब) डॉक्टरी थर्मामीटर
(स) प्रयोगशाला तापमापी
(द) अंकीय तापमापी
उत्तर:
(अ) अधिकतम - न्यूनतम तापमापी
प्रश्न 5.
ठोसों में ऊष्मा का स्थानान्तरण होता है।
(अ) विकिरण द्वारा
(ब) चालन द्वारा
(स) संवहन द्वारा
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
प्रश्न 1.
डॉक्टरी थर्मामीटर से हम ............. से ............. तक के ताप ही माप सकते हैं।
उत्तर:
35°C, 42°C
प्रश्न 2.
अंकीय तापमापी (डिजिटल थर्मामीटर) में ............. का उपयोग नहीं होता है।
उत्तर:
पारे
प्रश्न 3.
हमारा शरीर ............. द्वारा ही परिवेश को ऊष्मा देता है तथा उससे ऊष्मा ग्रहण करता है।
उत्तर:
विकिरण
प्रश्न 4.
दिन के समय, स्थल भाग जल की अपेक्षा शीघ्र ............. होता है।
उत्तर:
गर्म
निम्न कथनों में से सत्य एवं असत्य कथनों का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
सूर्य से हम तक ऊष्मा संवहन प्रक्रम द्वारा आतीं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
सभी गर्म पिण्ड विकिरणों के रूप में ऊष्मा विकिरित करते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
थर्मामीटर को पढ़ते समय पारे का तल दृष्टि रेखा की सीध में होना चाहिए।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
प्रत्येक व्यक्ति का सामान्य ताप 37°C होता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
सर्दियों में सूती वस्त्र हमें गरम रखते हैं।
उत्तर:
कॉलम - A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - B से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) डॉक्टरी थर्मामीटर |
(A) मौसम की जानकारी |
(2) प्रयोगशाला तापमापी |
(B) 35°C से 42°C |
(3) अधिकतम - न्यूनतम तापमापी |
(C) -10°C से 110°C |
(4) मानव शरीर का तापमान |
(D) 37°C |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) डॉक्टरी थर्मामीटर |
(B) 35°C से 42°C |
(2) प्रयोगशाला तापमापी |
(C) -10°C से 110°C |
(3) अधिकतम - न्यूनतम तापमापी |
(A) मौसम की जानकारी |
(4) मानव शरीर का तापमान |
(D) 37°C |
प्रश्न 2.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) चालक |
(A) जल में ऊष्मा का स्थानान्तरण |
(2) चालन |
(B) ठोसों में ऊष्मा स्थानान्तरण |
(3) संवहन |
(C) बिना माध्यम ऊष्मा स्थानान्तरण |
(4) विकिरण |
(D) जिसमें से ऊष्मा आसानी से स्थानान्तरित हो |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) चालक |
(D) जिसमें से ऊष्मा आसानी से स्थानान्तरित हो |
(2) चालन |
(B) ठोसों में ऊष्मा स्थानान्तरण |
(3) संवहन |
(A) जल में ऊष्मा का स्थानान्तरण |
(4) विकिरण |
(C) बिना माध्यम ऊष्मा स्थानान्तरण |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
हम यह कैसे ज्ञात कर सकते हैं कि कोई वस्तु वास्तव में कितनी गर्म है?
उत्तर:
किसी वस्तु की उष्णता (गर्मी) की विश्वसनीय माप उसके ताप से की जाती है।
प्रश्न 2.
ताप मापने के लिए उपयोग की जाने वाली युक्ति क्या कहलाती है?
उत्तर:
तापमापी (थर्मामीटर)।
प्रश्न 3.
जिस तापमापी से हम अपने शरीर के ताप को मापते हैं, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर:
डॉक्टरी थर्मामीटर।
प्रश्न 4.
विभंग का क्या लाभ है?
उत्तर:
यह थर्मामीटर में पारे के तल को अपने आप नीचे गिरने से रोकता है।
प्रश्न 5.
जब ज्वाला पर रखे बर्तन को हटा लेते हैं, तो यह धीरे - धीरे ठंडा हो जाता है। यह ठंडा क्यों हो जाता है?
उत्तर:
बर्तन की ऊष्मा परिवेश की ओर स्थानान्तरित हो जाने के कारण बर्तन ठंडा हो जाता है।
प्रश्न 6.
वायु में ऊष्मा का स्थानान्तरण किस प्रकार होता है।
उत्तर:
वायु में ऊष्मा का स्थानान्तरण संवहन द्वारा होता।
प्रश्न 7.
धुआँ किस दिशा में जाता है?
उत्तर:
धुआँ ऊपर की ओर जाता है।
प्रश्न 8.
सूर्य से हम तक ऊष्मा कैसे पहुँचती है?
उत्तर:
सूर्य से हम तक ऊष्मा विकिरण द्वारा पहुंचती है।
प्रश्न 9.
भारत में वर्तमान में ताप मापने के लिए कौनसे मापक्रम (स्केल) का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
सेल्सियस स्केल, जिसे °C से दर्शाते हैं।
प्रश्न 10.
फारेनहाइट स्केल (°F) का परिसर कितना होता है?
उत्तर:
94°F से 108°F तक।
प्रश्न 11.
सामान्य ताप (नॉर्मल टेम्परेचर) से क्या तात्पर्य
उत्तर:
वास्तव में, सामान्य ताप स्वस्थ व्यक्तियों के विशाल समूह के शरीर का औसत ताप है।
प्रश्न 12.
प्रयोगशाला तापमापी का परिसर कितना होता।
उत्तर:
प्रयोगशाला तापमापी का परिसर प्रायः -10°C से 110°C तक होता है।
प्रश्न 13.
चालन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वह प्रक्रम, जिसमें ऊष्मा किसी वस्तु के गर्म सिरे से ठंडे सिरे की ओर स्थानांतरित होती है, चालन कहलाता है।
प्रश्न 14.
ऊष्मारोधी किसे कहते हैं?
उत्तर:
जो पदार्थ अपने से होकर ऊष्मा को आसानी से नहीं जाने देते, उन्हें ऊष्मा का कुचालक या ऊष्मारोधी कहते हैं।
प्रश्न 15.
अधिकतम-न्यूनतम तापमापी का उपयोग कब किया जाता है?
उत्तर:
मौसम की रिपोर्ट में दिए गए अधिकतम तथा न्यूनतम तापों की जानकारी देने के लिए अधिकतमन्यूनतम तापमापी का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 16.
संवहन तथा विकिरण में अन्तर बताइए।
उत्तर:
संवहन द्वारा ऊष्मा स्थानान्तरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है जबकि विकिरण द्वारा ऊष्मा स्थानान्तरण बिना माध्यम के होता है।
प्रश्न 17.
ऊष्मा स्थानान्तरण की विभिन्न विधियों का नाम बताइए।
उत्तर:
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
डॉक्टरी थर्मामीटर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
डॉक्टरी थर्मामीटर का उपयोग हम अपने शरीर के ताप को मापने के लिए करते हैं। इसमें एक लम्बी, बारीक तथा एक समान व्यास की काँच की नली होती है। इसके एक सिरे पर एक बल्ब होता है। बल्ब में पारा भरा होता है। बल्ब के बाहर नली में पारे की एक पतली चमकीली धारी देखी जा सकती है। थर्मामीटर पर ताप मापने का एक मापक्रम (स्केल) दिखाई देता है जो सेल्सियस स्केल होता है, जिसे °C द्वारा दर्शाते हैं। इस थर्मामीटर से हम 35°C से 42°C तक के ताप ही माप सकते हैं।
प्रश्न 2.
डॉक्टरी थर्मामीटर का परिसर 35°C से 42°C तक ही क्यों होता है?
उत्तर:
डॉक्टरी थर्मामीटर को केवल मानव शरीर का ताप मापने के लिए ही डिजाइन किया गया है। मानव शरीर का ताप सामान्यतः 35°C से कम तथा 42°C से अधिक नहीं होता। यही कारण है कि इस थर्मामीटर का परिसर 35°C से 42°C तक ही होता है।
प्रश्न 3.
प्रयोगशाला तापमापी द्वारा ताप का पाठ्यांक कब नोट करना चाहिए?
उत्तर:
चूंकि प्रयोगशाला तापमापी में विभंग (किंक) नहीं होता है, इसलिए इस तापमापी को जैसे ही जल अथवा उस वस्तु से बाहर निकालते हैं, पारे का तल गिरने लगता है। इसलिए प्रयोगशाला तापमापी द्वारा किसी वस्तु के ताप का पाठ्यांक तभी नोट कर लेना चाहिए जब उसका बल्ब जल या उस वस्तु में रखा होता है, जिसका ताप मापना है।
प्रश्न 4.
डॉक्टरी थर्मामीटर का उपयोग करते समय हमें | क्या - क्या सावधानियाँ अपनानी चाहिए?
उत्तर:
डॉक्टरी थर्मामीटर का उपयोग करते समय हमें निम्नलिखित सावधानियों को अपनाना चाहिए।
प्रश्न 5.
ऊष्मा का स्थानान्तरण किस प्रकार होता है? समझाइये।
उत्तर:
ऊष्मा सदैव उच्च ताप की वस्तु से अपेक्षाकृत निम्न ताप की वस्तु की ओर स्थानान्तरित होती है। एक वस्तु से दूसरी वस्तु में ऊष्मा साधारणतः तीन प्रक्रमों द्वारा स्थानान्तरित हो सकती है-चालन, संवहन तथा विकिरण। ऊष्मा का 'चालन' द्वारा स्थानान्तरण प्रायः ठोस पदार्थों में होता है। द्रवों तथा गैसों में ऊष्मा 'संवहन' की प्रक्रिया द्वारा स्थानान्तरित होती है। 'विकिरण' द्वारा ऊष्मा के स्थानान्तरण के लिए ऊष्मा को किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।
प्रश्न 6.
चालक तथा कुचालक पदार्थों में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
चालक |
कुचालक |
(i) जो पदार्थ अपने से होकर ऊष्मा को आसानी से जाने देते हैं, उन्हें ऊष्मा का चालक कहते हैं। |
(i) जो पदार्थ अपने से होकर ऊष्मा को आसानी से नहीं जाने देते, उन्हें ऊष्मा का कुचालक या ऊष्मारोधी कहते हैं। |
(ii) ऐलुमिनियम, आयरन (लोहा) तथा कॉपर (ताँबा) ऊष्मा के चालक हैं। |
(ii) प्लास्टिक, लकड़ी तथा कपड़ा जैसे पदार्थ ऊष्मा के कुचालक पदार्थ हैं। |
प्रश्न 7.
एक मोमबत्ती जलाइए। अपने एक हाथ को लौ के ऊपर तथा दूसरे हाथ को लौ के पावं में रखिए। क्या आपके दोनों हाथ समान गर्मी का अनुभव करते हैं? यदि नहीं, तो कौन - सा हाथ अधिक गर्मी अनुभव करता है और क्यों?
उत्तर:
प्रश्न 8.
तटीय क्षेत्रों के भवनों में खिड़कियाँ समुद्र की ओर क्यों बनाई जाती हैं?
उत्तर:
दिन के समय, स्थल भाग जल की अपेक्षा शीघ्र गर्म होता है। स्थल भाग के ऊपर की वायु गर्म होकर ऊपर उठती है। इसका स्थान लेने के लिए समुद्र की ओर से ठंडी वायु स्थल भाग की ओर चलती है। इस चक्र को पूरा करने के लिए स्थल भाग की ओर से गर्म वायु समुद्र की ओर बह जाती है। समुद्र की ओर से आने वाली यह वायु 'समुद्र समीर' कहलाती है। समुद्र समीर की ठंडी वायु का लाभ उठाने के लिए ही तटीय क्षेत्रों के भवनों में खिड़कियाँ समुद्र की ओर बनाई जाती हैं।
प्रश्न 9.
'तटीय क्षेत्रों में रात्रि के समय थल समीर चलती है।' ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
स्थल की ओर से समुद्र की ओर बहने वाली - ठंडी वायु 'थल समीर' कहलाती है। रात्रि के समय, समुद्र का जल स्थल भाग की अपेक्षा धीमी गति से ठंडा होता है। इससे समुद्र के ऊपर की गर्म वायु ऊपर उठती है और इसका स्थान लेने के लिए स्थल की ओर से ठंडी वायु समुद्र की ओर बहने लगती है।
प्रश्न 10.
समुद्र समीर तथा थल समीर की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 11.
धूप में बाहर जाते समय आपको छाते का उपयोग करने का परामर्श क्यों दिया जाता है?
उत्तर:
चूँकि सभी गर्म पिंड विकिरणों के रूप में ऊष्मा विकिरित करते हैं। सूर्य से हम तक ऊष्मा विकिरण द्वारा . ही पहुँचती है। जब ये ऊष्मा विकिरण छाते से टकराते हैं, तो इनका कुछ भाग परावर्तित हो जाता है, कुछ भाग अवशोषित हो जाता है तथा कुछ भाग परागत हो जाता है। वस्तुत: ऊष्मा के अवशोषित भाग के कारण ही वस्तु का ताप बढ़ता है। परन्तु छाते के कारण ऊष्मा विकिरण सीधे हम तक नहीं पहुँच पाते हैं वरन् छाते द्वारा ही अवशोषित कर लिए जाते हैं, जिससे हमें गर्मी का अहसास कम होता है इसीलिए बाहर जाते समय हमें छाते का उपयोग करने का परामर्श दिया जाता है।
प्रश्न 12.
गर्मियों में सफेद या हल्के रंग के वस्त्र तथा सर्दियों में गहरे रंग के वस्त्र पहनना अधिक आरामदायक क्यों प्रतीत होता है?
उत्तर:
चूँकि हल्के रंग के कपड़े अपने ऊपर पड़ने वाले ऊष्मीय विकिरणों के अधिकांश भाग को परावर्तित कर देते हैं, इसलिए गर्मियों में हल्के रंग के वस्त्र अधिक आरामदायक लगते हैं। जबकि गहरे रंग के वस्त्र अपेक्षाकृत अधिक ऊष्मा अवशोषित करते हैं, इसलिए सर्दियों में गहरे रंग के वस्त्र पहनना अधिक आरामदायक लगता है।
प्रश्न 13.
यदि सर्दियों में आपको एक मोटे कंबल' अथवा 'एक के ऊपर एक जुड़े दो पतले कम्बलों' में से किसी एक का चुनाव करके उपयोग करने की छूट है तो आप इनमें से किसे चुनेंगे और क्यों?
उत्तर:
हम 'एक के ऊपर एक जुड़े दो पतले कंबलों' का चुनाव करेंगे, क्योंकि इन दोनों कंबलों के बीच में वायु की एक परत भी विद्यमान है। चूंकि वायु ऊष्मा की कुचालक होती है, इसलिए यह अधिक ऊष्मा बनाए रखती है और कंबल को गर्म रखती है।
प्रश्न 14.
सूर्य से हम तक ऊष्मा कैसे पहुँचती है?
उत्तर:
सूर्य से हम तक ऊष्मा चालन अथवा संवहन द्वारा नहीं पहुंच सकती क्योंकि इन दोनों प्रक्रमों में ऊष्मा स्थानान्तरण के लिए माध्यम आवश्यक है। चूंकि पृथ्वी तथा सूर्य के बीच के अधिकांश स्थान में कोई माध्यम, जैसे वायु नहीं है अतः सूर्य से हम तक ऊष्मा एक अन्य प्रक्रम द्वारा आती है जिसे विकिरण कहते हैं। विकिरण द्वारा ऊष्मा के स्थानान्तरण में किसी माध्यम जैसे वायु अथवा जल की आवश्यकता नहीं होती। माध्यम विद्यमान हो या न हो, विकिरण द्वारा ऊष्मा का स्थानान्तरण हो सकता है।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
थर्मामीटर से ताप का मापन किस प्रकार किया जाता है? स्पष्ट करें।
उत्तर:
थर्मामीटर से ताप का मापन।
प्रश्न 2.
प्रयोगशाला तापमापी का उपयोग करते समय हमें कौन-कौनसी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
प्रयोगशाला तापमापी का उपयोग करते समय हमें सामान्यतया निम्नलिखित सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रश्न 3.
चालन किसे कहते हैं? एक क्रियाकलाप द्वारा चालन के प्रक्रम को समझाइये।
उत्तर:
(1) चालन: वह प्रक्रम, जिसमें ऊष्मा किसी वस्तु के गर्म सिरे से ठंडे सिरे की ओर स्थानान्तरित होती है, चालन कहलाता है। ठोसों में ऊष्मा प्रायः चालन के प्रक्रम द्वारा स्थानान्तरित होती है।
(2) क्रियाकलाप: चालन के प्रक्रम को निम्न क्रियाकलाप द्वारा समझा जा सकता है।
(i) सबसे पहले ऐलुमिनियम या लोहे जैसी धातु की एक छड़ अथवा चपटी पट्टी लेते हैं।
(ii) अब इस छड़ पर मोम के छोटे-छोटे टुकड़े समान दूरियों पर चिपकाते हैं।
(iii) इसके बाद छड़ के एक सिरे को एक प्रयोगशाला स्टैण्ड पर कसते हैं। स्टैन्ड न मिलने की स्थिति पर हम छड़ के एक सिरे को ईंटों के बीच में दबाकर भी रख सकते हैं। 'धातु की पट्टी में ऊष्मा के स्थानांतरण का अध्ययन'
(iv) अब छड़ के दूसरे सिरे को गर्म करते हैं और ध्यानपूर्वक देखते हैं।
(v) हम देखते हैं कि मोम का जो टुकड़ा लौ के सबसे नजदीक था, वह सबसे पहले गिरता है और इसके बाद क्रमशः मोम के टुकड़े नीचे गिरते जाते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि ऊष्मा ज्वाला के सबसे निकट के सिरे से दूसरे सिरे की ओर स्थानान्तरित होती है।
प्रश्न 4.
एक क्रियाकलाप द्वारा समझाइये कि 'जल में ऊष्मा का स्थानान्तरण संवहन प्रक्रम के द्वारा होता है।'
उत्तर:
क्रियाकलाप:
(i) सबसे पहले गोल पेंदे का एक फ्लास्क या बीकर लेते हैं। इसे जल से दो - तिहाई भरते हैं।
(ii) अब इसको किसी तिपाई पर रखते हैं अथवा इसको रखने का कोई ऐसा प्रबन्ध करते हैं कि इसके नीचे एक मोमबत्ती रखकर इसे गर्म कर सकें।
(iii) इसके बाद फ्लास्क के स्थिर जल में एक स्ट्रॉ की सहायता से फ्लास्क के पेंदे पर पोटैशियम परमेंगनेट का क्रिस्टल धीरे से रखते हैं।
(iv) अब, क्रिस्टल के ठीक नीचे मोमबत्ती जलाकर जल को गर्म करते हैं।
(v) जब जल को गर्म करते हैं, तो लौ के पास का जल गर्म हो जाता है।
(vi) हम देखते हैं कि गर्म जल ऊपर उठता है जो कि पोटैशियम परमैंगनेट के कारण रंगीन धारी के रूप में दिखाई देता है और इस गर्म जल के आस - पास का ठंडा जल उसका स्थान लेने के लिए आ जाता है।
(vii) फिर यह जल भी गर्म होकर ऊपर उठता है तथा आसपास से जल फिर इसके स्थान पर आ जाता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है, जब तक कि सारा चित्र : जल में ऊष्मा का संवहन जल गर्म न हो जाए। ऊष्मा स्थानान्तरण की यह विधि 'संवहन' कहलाती है। इस प्रकार स्पष्ट है कि जल में ऊष्मा का स्थानान्तरण संवहन द्वारा होता है।