Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
अपशिष्ट जल है।
(अ) तेल मिश्रित
(ब) शौचालय का जल
(स) झाग से भरपूर जल
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 2.
सामान्यतया मैनहोल के मध्य कितनी दूरी रखी जाती है?
(अ) 15 m से 20 m तक
(ब) 50 m से 60 m तक
(स) 75 m से 80 m तक
(द) 110 m से 120 m तक
उत्तर:
(अ) 15 m से 20 m तक
प्रश्न 3.
अपशिष्ट जल उपचार प्रक्रिया का प्रथम चरण।
(अ) अपशिष्ट जल को शलाका छन्ने से गुजारना।
(ब) अपशिष्ट जल को ग्रिट और बालू अलग करने की टंकी में डालना।
(स) आपंक (स्लज) को बाहर निकालना।
(द) वायवीय जीवाणुओं की वृद्धि करवाना।
उत्तर:
(ब) अपशिष्ट जल को ग्रिट और बालू अलग करने की टंकी में डालना।
प्रश्न 4.
निम्न में से कौनसा जल जनित रोग नहीं है?
(अ) हैजा
(ब) एड्स
(स) पेचिश
(द) हेपैटाइटिस
उत्तर:
(अ) हैजा
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
प्रश्न 1.
वाहित मल .................... अपशिष्ट पदार्थ है।
उत्तर:
द्रवरूपी
प्रश्न 2.
निर्मलीकृत जल में पंप द्वारा वायु गुजारने पर इसमें ...................... जीवाणुओं की वृद्धि होती है।
उत्तर:
वायवीय
प्रश्न 3.
उपचारित जल को .................... प्रक्रम और अधिक स्वच्छ कर देते हैं।
उत्तर:
प्राकृतिक
निम्न कथनों में से सत्य एवं असत्य कथनों का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
वाहित मल जल और मृदा का प्रदूषण करता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
अपशिष्ट जल उपचार के मुख्य उत्पाद, आपंक और बायोगैस है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
सैप्टिक टैंक उन स्थानों के लिए उपयुक्त है, जहाँ मल वहन की व्यवस्था नहीं है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
बायोगेस का उपयोग खाद के रूप में किया जाता
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
अपशिष्ट जल में तैरने वाली अशुद्धियों को हटाने के लिए अपमथित्र (स्किमर) का उपयोग किया जाता है।
उत्तर:
सत्य
कॉलम - A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - B से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) ओजोन |
(A) ईंधन |
(2) आपंक |
(B) खाद |
(3) बायोगैस |
(C) अपशिष्ट |
(4) वाहित मल |
(D) रोगाणुनाशक |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) ओजोन |
(D) रोगाणुनाशक |
(2) आपंक |
(B) खाद |
(3) बायोगैस |
(A) ईंधन |
(4) वाहित मल |
(C) अपशिष्ट |
प्रश्न 2.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) वाहित मल में घुले हुए और निलम्बित अपद्रव्य |
(A) संदूषक |
(2) यथास्थान वाहित मल निपटान तंत्र |
(B) सीवर |
(3) मल विसर्जन का परिवहन तंत्र |
(C) जल शोधन |
(4) जल की सफाई |
(D) कम्पोस्टिंग पिट |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) वाहित मल में घुले हुए और निलम्बित अपद्रव्य |
(A) संदूषक |
(2) यथास्थान वाहित मल निपटान तंत्र |
(D) कम्पोस्टिंग पिट |
(3) मल विसर्जन का परिवहन तंत्र |
(B) सीवर |
(4) जल की सफाई |
(C) जल शोधन |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
अपशिष्ट जल किसे कहते हैं?
उत्तर:
झाग से भरपूर, तेल मिश्रित, काले - भूरे रंग का जल जो सिंक, शौचालय आदि से नालियों में जाता है, अपशिष्ट जल कहलाता है।
प्रश्न 2.
विश्व की अधिकांश जनसंख्या जल सम्बन्धित रोगों से पीड़ित है। इसका मुख्य कारण क्या है? लिखिए।
उत्तर:
स्वच्छ पेयजल का अभाव।
प्रश्न 3.
विश्व जल दिवस, 22 मार्च, 2005 को संयुक्त राष्ट्र की जनरल एसेम्बली ने 2005 - 2015 की अवधि को किस कार्य के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दशक घोषित किया
उत्तर:
'जीवन के लिए जल' पर कार्य के लिए।
प्रश्न 4.
2005 - 2015 की अवधि में किए जाने वाले सभी प्रयासों का मुख्य उद्देश्य क्या है? लिखिए।
उत्तर:
सभी प्रयासों का मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों की संख्या को घटाकर आधा करना है, जिन्हें सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है।
प्रश्न 5.
संदूषक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वाहित मल में घुले हुए और निलंबित अपद्रव्य संदूषक कहलाते हैं।
प्रश्न 6.
वाहित मल में उपस्थित किन्हीं दो कार्बनिक अशुद्धियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
तेल और यूरिया (मूत्र)।
प्रश्न 7.
शुष्क आपंक का उपयाग खाद के रूप में क्यों किया जाता है? समझाइये।
उत्तर:
इससे कार्बनिक पदार्थ और पोषक तत्त्व पुनः मृदा में वापस चले जाते हैं।
प्रश्न 8.
सक्रियित आपंक में पाये जाने वाले जल की मात्रा लिखिए।
उत्तर:
लगभग 97%
प्रश्न 9.
जल प्रदूषण से होने वाले तीन रोगों के नाम लिखो।
उत्तर:
हैजा, टायफाइड और पोलियो।
प्रश्न 10.
"मानवीय और पथ - प्रदर्शक कार्य प्रारम्भ करने के लिए किसी को भी किसी दूसरे का मुँह नहीं देखना चाहिए।" यह कथन किसका है?
उत्तर:
महात्मा गांधी का।
प्रश्न 11.
अपशिष्ट जल उपचार के दौरान बनने वाले सह - उत्पादों के नाम लिखिए।
उत्तर:
आपंक (स्लज) और बायोगैस।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
अपशिष्ट जल कहाँ जाता है और इसका क्या होता है?
उत्तर:
अपशिष्ट जल 'अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र' में जाता है, जहाँ इसका भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रक्रमों के द्वारा उपचार किया जाता है, ताकि इसे पुनः उपयोग योग्य बनाया जा सके।
प्रश्न 2.
यदि आपके घर के आस - पास मलजल निकास व्यवस्था तंत्र नहीं है, तो वाहित मल का निबटान (प्रबन्धन) कैसे होता है?
उत्तर:
वाहित मल को पहले घर के अन्दर जमीन के नीचे बने टैंक तक पहुँचाते हैं। इसका पानी तो धीरे-धीरे जमीन के अन्दर स्यंदित हो जाता है और शेष बचे ठोस अपशिष्टों को समय-समय पर टैंक साफ करते समय सफाईकर्मियों से बाहर निकलवा दिया जाता है।
प्रश्न 3.
क्या क्लोरीन की अपनी कोई गंध होती है? क्या यह अपशिष्ट जल की गंध से अधिक अरुचिकर होती है?
उत्तर:
प्रश्न 4.
'वाहित मल उपचार' से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जल की सफाई करने के प्रक्रम में जल के जलस्रोतों में प्रवेश अथवा उसके पुन: उपयोग से पहले उसमें से प्रदूषकों को अलग करना सम्मिलित है। अपशिष्ट जल के उपचार का यह प्रक्रम सामान्य रूप से 'वाहित मल उपचार' कहलाता है। यह अनेक चरणों में सम्पन्न होता है।
प्रश्न 5.
2005 - 2015 की अवधि को किस कार्य के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दशक घोषित किया गया है? इसके क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि, प्रदूषण, औद्योगिक विकास, कुप्रबन्धन और अन्य कारकों के कारण अलवण (ताजे) जल की आपूर्ति में बढ़ती कमी को गंभीरता से समझते हुए, विश्व जल दिवस 22 मार्च, 2005 को संयुक्त राष्ट्र की जनरल एसेम्बली ने 2005 - 2015 की अवधि को 'जीवन के लिए जल' पर कार्य के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दशक के रूप में घोषित किया है। इस दशक में किए जाने वाले सभी प्रयासों का उद्देश्य उन व्यक्तियों की संख्या को घटाकर आधा करना है, जिन्हें सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है।
प्रश्न 6.
समझाइए कि सीवर एक परिवहन तंत्र की तरह कार्य करता है।
उत्तर;
भूमि के अन्दर बड़े और छोटे पाइपों का एक जाल, जो मिलकर मल विसर्जन की व्यवस्था करता है, सीवर कहलाता है। यह एक परिवहन तंत्र की तरह है, जो वाहित मल को उसके उद्गम स्थल से उसके निबटान के स्थान अर्थात् उपचार संयंत्र तक ले जाता है।
प्रश्न 7.
निट और बालू अलग करने की टंकी में वाहित अपशिष्ट जल को कम प्रवाह से क्यों छोड़ा जाता है? कारण लिखिए।
उत्तर:
अपशिष्ट जल को उपचारित करते समय अपशिष्ट जल को शलाका छन्ने (बार स्क्रीन) से गुजारने के बाद ग्रिट और बालू अलग करने की टंकी में ले जाया जाता है। इस टंकी में अपशिष्ट जल को कम प्रवाह से छोड़ा जाता है, जिससे उसमें उपस्थित बालू, ग्रिट और कंकड़पत्थर उसकी पेंदी में बैठ जाते हैं।
प्रश्न 8.
वाहित मल संयंत्रों के चारों ओर कौनसे वृक्ष लगाने चाहिए और क्यों?
उत्तर:
वाहित मल संयंत्रों के चारों ओर हमें 'यूकेलिप्टस' के वृक्ष लगाने चाहिए क्योंकि यूकेलिप्टस के वृक्ष अतिरिक्त अपशिष्ट जल को अवशोषित कर लेते हैं और वायुमण्डल में शुद्ध जलवाष्प को निर्मुक्त करते हैं।
प्रश्न 9.
कृमि - प्रसंस्करण शौचालय से आप क्या समझते हैं? यह किस प्रकार लाभप्रद है? लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश में ऐसे शौचालय की रूपरेखा का परीक्षण किया गया है, जिसमें मानव मल को केंचुओं द्वारा उपचारित किया जाता है। यह तकनीक मानव मल के सुरक्षित प्रसंस्करण के लिए आदर्श सिद्ध हो सकती है, क्योंकि इसके उपयोग में जल की बहुत कम मात्रा की आवश्यकता होती है। शौचालय का संचालन बहुत सरल और स्वच्छ है। मानव मल पूर्णत: कृमि केकों में परिवर्तित हो जाता है, जो मृदा के लिए अति समृद्ध पोषक है।
प्रश्न 10.
वाहित मल निबटान की वैकल्पिक के विषय में लिखिए।
उत्तर:
वाहित मल निबटान की वैकल्पिक व्यवस्थास्वच्छता की स्थिति सुधारने के लिए, कम लागत के यथास्थान वाहित मल निबटान तंत्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके कुछ उदाहरण सैप्टिक टैंक, रासायनिक शौचालय, कंपोस्टिंग पिट आदि का उपयोग है। सैप्टिक टैंक उन स्थानों के लिए उपयुक्त हैं, जहाँ मल वहन की व्यवस्था नहीं है। जैसे-अस्पताल, अलग - थलग बने भवन अथवा 4 से 5 घरों के समूह कुछ संगठन, मानव अपशिष्ट के स्वच्छतापूर्वक निपटान की तकनीकी सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इन शौचालयों में अपमार्जन की आवश्यकता नहीं होती है। शौचालय से मल बंद नालियों से होता हुआ बायोगैस संयंत्र में चला जाता है। उत्पन्न होने वाली बायोगैस का उपयोग ऊर्जा के स्रोत के रूप में किया जाता है।
प्रश्न 11.
'स्वच्छ भारत मिशन' क्या है?
उत्तर:
वर्ष 2016 में भारत सरकार ने 'स्वच्छ भारत' के नाम से एक नई मुहिम शुरू की है, जिसके अन्तर्गत कई अभियान शुरू किए गए जैसे कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए शौचालय सुनिश्चित करना तथा मल अपशिष्ट का उपयुक्त निपटान आदि।
प्रश्न 12.
किन परिस्थितियों में यथास्थान स्वच्छता तंत्र को अपनाया जा सकता है?
उत्तर:
जहाँ भूमिगत मल व्यवस्था तंत्र और कचरा निपटान तंत्र उपलब्ध नहीं होते हैं, वहाँ कम लागत के यथास्थान स्वच्छता तंत्र को अपनाया जा सकता है।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
वाहित मल में कौन - कौनसी अशुद्धियाँ पाईं जाती हैं? इन अशुद्धियों को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
वाहित मल घरों, उद्योगों, अस्पतालों, कार्यालयों और अन्य उपयोगों के बाद प्रवाहित किए जाने वाला अपशिष्ट जल होता है। यह द्रवरूपी अपशिष्ट है। यह सामान्यतः एक जटिल मिश्रण होता है, जिसमें निलम्बित ठोस, कार्बनिक और अकार्बनिक अशुद्धियाँ, पोषक तत्त्व, मृतजीवी और रोगवाहक जीवाणु और अन्य सूक्ष्मजीव होते हैं। इन अशुद्धियों के कुछ सामान्य उदाहरण इस प्रकार हैंकार्बनिक अशुद्धियाँ - मानव मल, जैविक अपशिष्ट पदार्थ, तेल, यूरिया (मूत्र), पीड़कनाशी, शाकनाशी, फल और सब्जी का कचरा आदि। अकार्बनिक अशुद्धियाँ - नाइट्रेट, फॉस्फेट, धातुएँ। पोषक तत्त्व - फॉस्फोरस और नाइट्रोजन युक्त पदार्थ। जीवाणु - हैजा और टायफायड आदि रोग उत्पन्न करने वाले। अन्य सूक्ष्मजीव - पेचिश आदि रोग उत्पन्न करने वाले।
प्रश्न 2.
अपशिष्ट पदार्थों से हमें किन - किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है? अपशिष्ट पदार्थों से उत्पन्न इन परेशानियों को दूर करने के संदर्भ में एक जागरूक नागरिक के रूप में अपने कर्तव्य को समझाइये।,
उत्तर:
अपशिष्ट पदार्थों से होने वाली परेशानियाँअपशिष्ट पदार्थों की उत्पत्ति, मानव के प्राकृतिक एवं सामाजिक क्रियाकलापों का परिणाम है। परन्तु हम अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा तथा उनकी विविधता को सीमित अवश्य कर सकते हैं। हम प्रायः कूड़े - कचरे से उठने वाली दुर्गन्ध से परेशानी का अनुभव करते हैं। खुली नालियों का दृश्य घृणित लगता है। वर्षाकाल में स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब नालियाँ उमड़ने लगती हैं और उनका कचरा सड़कों पर फैल जाता है। हमें कीचड़ से भरी सड़कों से अपना मार्ग ढूँढना पड़ता है।
ये परिस्थितियाँ अत्यन्त अस्वास्थ्यकर एवं रोगकारक हो सकती हैं। सड़कों पर बिखरे कचरे या अपशिष्ट पदार्थों पर रोगवाहक मच्छर, मक्खियाँ तथा अन्य कीट पनपने लगते हैं। कर्तव्य - एक जागरूक नागरिक के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम नगरपालिका तथा ग्राम पंचायत को इन विषम परिस्थितियों के बारे में आगाह करें तथा उनसे यथोचित कदम उठाने के लिए आग्रह करें। यदि किसी घर से निकलने वाला वाहित जल पास-पड़ोस में गंदगी फैला रहा हो, तो हम उनसे अन्य नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील होने का निवेदन कर सकते हैं।