Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 14 विद्युत धारा और इसके प्रभाव Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
सत्य कथन है।
(अ) स्विच को परिपथ में दाहिनी ओर लगाते हैं।
(ब) संहत प्रतिदीप्त लैम्प (CFLs) विद्युत की क्षति में कमी करते हैं।
(स) विद्युत धारा चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न नहीं करती है।
(द) विद्युत घंटी में चुम्बक का उपयोग नहीं होता।
उत्तर:
(ब) संहत प्रतिदीप्त लैम्प (CFLs) विद्युत की क्षति में कमी करते हैं।
प्रश्न 2.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव को सत्यापित किया था।
(अ) एल्फ्रेड नोबल
(ब) लुई पास्चर
(स) विलियम हार्वे
(द) हैंस क्रिश्चियन ऑस्टैंड
उत्तर:
(द) हैंस क्रिश्चियन ऑस्टैंड
प्रश्न 3.
दो सेलों की बैटरी बनाने के लिए।
(अ) एक सेल के ऋण टर्मिनल को दूसरे सेल के ऋण टर्मिनल से संयोजित करते हैं।
(ब) एक सेल के धन टर्मिनल को दूसरे सेल के धन टर्मिनल से संयोजित करते हैं।
(स) एक सेल के ऋण टर्मिनल को दूसरे सेल के धन टर्मिनल से संयोजित करते हैं।
(द) एक सेल के ऋण टर्मिनल को उसी सेल के धन टर्मिनल से संयोजित करते हैं।
उत्तर:
(स) एक सेल के ऋण टर्मिनल को दूसरे सेल के धन टर्मिनल से संयोजित करते हैं।
प्रश्न 4.
किसी तार में उत्पन्न ऊष्मा का परिमाण किन कारकों पर निर्भर करता है?
(अ) तार के पदार्थ पर.
(ब) तार की लम्बाई पर
(स) तार की मोटाई पर
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 5.
विद्युत बल्ब के आविष्कारक है।
(अ) थॉमस अल्बा एडिसन
(ब) न्यूटन
(स) ग्राहम बेल
(द) लुई पास्चर
उत्तर:
(अ) थॉमस अल्बा एडिसन
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
प्रश्न 1.
विद्युत सेल के प्रतीक में छोटी व मोटी रेखा .............. टर्मिनल को निरूपित करती है।
उत्तर:
ऋण
प्रश्न 2.
जब स्विच 'ऑफ' की स्थिति में होता है, तब परिपथ .............. होता है।
उत्तर:
खुला
प्रश्न 3.
बल्ब में एक पतला तार होता है, जिसे ....................... कहते हैं।
उत्तर:
तंतु (फिलामेन्ट)
प्रश्न 4.
स्विच को अधिक देर तक 'ऑन' की स्थिति में रखने पर सेल अति शीघ्र .................... हो सकता है।
उत्तर:
दुर्बल।
निम्न कथनों में से सत्य एवं असत्य कथनों का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
विद्युत परिपथों को जोड़ने में प्रयोग होने वाले संयोजी तार सामान्यतः गर्म हो जाते हैं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
LED बल्ब बहुत ही विद्युत दक्ष होते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
विद्युत घंटी विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
कुंजी अथवा स्विच को परिपथ में कहीं पर भी लगाया जा सकता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
इमर्शन हीटर, विद्युत इस्त्री जैसे विद्युत साधित्रों में अवयव के ऊपर आवरण होता है।
उत्तर:
सत्य
कॉलम - A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - B से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) बैटरी |
(A) विद्युत धारा का तापीय प्रभाव |
(2) विद्युत फ्यूज |
(B) सुरक्षा युक्ति |
(3) संहत प्रतिदीप्त लैंप |
(C) सेलों का संयोजन |
(4) हेयर ड्रायर |
(D) प्रकाश खोत |
उत्तर:
कॉलम - A |
कॉलम - B |
(1) बैटरी |
(C) सेलों का संयोजन |
(2) विद्युत फ्यूज |
(B) सुरक्षा युक्ति |
(3) संहत प्रतिदीप्त लैंप |
(D) प्रकाश खोत |
(4) हेयर ड्रायर |
(A) विद्युत धारा का तापीय प्रभाव |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
किन्हीं तीन युक्तियों के नाम लिखिए, जिनमें सेल का उपयोग किया जाता है।
उत्तर:
टॉर्च, ट्रांजिस्टर एवं रेडियो।
प्रश्न 2.
विद्युत परिपथों को परिपथ आरेखों से क्यों निरूपित किया जाता है?
उत्तर:
प्रतीकों का उपयोग करके विद्युत परिपथ आरेख खींचना काफी आसान होता है। इसलिए विद्युत परिपथों को परिपथ आरेखों से निरूपित करते हैं।'
प्रश्न 3.
विद्युत परिपथ में बल्ब किन परिस्थितियों में दीप्त होता है?
उत्तर:
जब स्विच 'ऑन' की स्थिति में हो तथा परिपथ बन्द हो।
प्रश्न 4.
यदि बल्ब का तंतु टूट जाए, तो क्या तब भी परिपथ पूरा होगा? क्या तब भी बल्ब दीप्त होगा?
उत्तर:
नहीं, बल्ब का तंतु टूटने पर परिपथ पूरा नहीं होगा, जिससे बल्ब भी दीप्त नहीं होगा।
प्रश्न 5.
क्या किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वह तार चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है?
उत्तर:
हाँ, विद्युत धारा प्रवाहित करने पर तार चुम्बक की भाँति व्यवहार करते हैं।
प्रश्न 6.
फ्यूज को सुरक्षा युक्ति क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
फ्यूज सुरक्षा युक्ति है क्योंकि यह विद्युत परिपथ को क्षति एवं संभावित आग से बचाते हैं।
प्रश्न 7.
आजकल फ्यूज के स्थान पर किस युक्ति का उपयोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है?
उत्तर:
लघु परिपथ विच्छेदकों (MCBs) का।
प्रश्न 8.
जब एक चुम्बकीय सुई के निकट रखे तार में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं, तो क्या होता है?
उत्तर:
सुई विक्षेपित हो जाती है।
प्रश्न 9.
विद्युत चुम्बक किसे कहते हैं?
उत्तर:
लोहे के किसी टुकड़े पर विद्युतरोधी तार से लिपटी विद्युत धारावाही कुंडली को विद्युत चुम्बक कहते हैं।
प्रश्न 10.
किन्हीं चार ऐसे विद्युत साधित्रों के नाम लिखिए, जिनमें विद्युत धारा के तापीय प्रभाव का उपयोग होता है।
उत्तर:
इमर्शन हीटर, विद्युत इस्त्री, गीजर और हेयर ड्रायर।
प्रश्न 11.
'विद्युत तापन अवयव' (एलीमेंट) किसे कहते
उत्तर:
सभी विद्युत तापकों में तारों को एक कुण्डली होती है जिसे विद्युत तापन अवयव (एलीमेंट) कहते हैं।
प्रश्न 12.
खराब प्रतिदीप्त नलिकाओं तथा CFL का निपटारा सावधानीपूर्वक क्यों करना चाहिए?
उत्तर:
प्रतिदीप्त नलिकाओं तथा CFL में पारे का वाष्प होता है जो कि विषैला होता है। अतः खराब प्रतिदीप्त , नलिकाओं तथा CFL का निपटारा सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
कभी - कभी सेलों को एक के साथ दूसरे से सटा कर रखा जाता है। तब फिर सेलों के टर्मिनलों को किस प्रकार संयोजित करते हैं?
उत्तर:
किसी भी युक्ति के बैटरी वाले खाने में प्रायः एक मोटा तार अथवा धातु की पत्ती होती है, जो एक सेल के धन टर्मिनल को दूसरे सेल के ऋण टर्मिनल से जोड़ती है। बैटरी के खानों में सेलों को सही ढंग से रखने के लिए प्रायः इन पर '+' तथा '-' चिन्ह अंकित होते हैं।
प्रश्न 2.
बैटरी क्या होती है?
उत्तर:
जब दो या अधिक सेलों को इस प्रकार जोड़ते हैं कि एक सेल का धन टर्मिनल दूसरे सेल के ऋण टर्मिनल से संयोजित हो, तो इस प्रकार का संयोजन बैटरी कहलाता हैं।
प्रश्न 3.
दीप्त बल्ब गरम हो जाता है। क्या आप जानते हैं, ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
विद्युत बल्ब में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर इसके तंतु इतने उच्च ताप तक तप्त हो जाते हैं कि दीप्त होकर प्रकाश देना आरम्भ कर देते हैं। अत: विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के कारण दीप्त बल्ब कुछ समय बाद गरम हो जाते हैं।
प्रश्न 4.
क्या यह संभव है कि विद्युत धारा प्रवाहित करने पर कोई तार पिघलकर टूट जाए?
उत्तर:
हाँ कछ विशेष पदार्थों के बने तारों से जब अधिकतम सीमा से अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तब वे शीघ्र ही पिघलकर टूट जाते हैं।
प्रश्न 5.
अपने क्रियाकलापों के लिए बैटरी बनाते समय हम सेलों को कैसे संयोजित कर सकते हैं?
उत्तर:
लकड़ी के एक गुटके, लोहे की दो पत्तियों तथा रबड़ के छल्लों का उपयोग करके हम सेल होल्डर बना सकते हैं। यह आवश्यक है कि रबड़ के छल्ले धातु की पत्तियों को कसकर जकड़े रखें। इस प्रकार हम सेलों को संयोजित कर सकते हैं।
प्रश्न 6.
विद्युत बल्ब एवं विद्युत सेल के प्रतीकों का उपयोग करके एक विद्युत परिपथ का परिपथ आरेख खींचिए।
उत्तर:
प्रश्न 7.
विद्युत परिपथ को बन्द तथा खुला परिपथ किन स्थितियों में कहा जाता है?
उत्तर:
जब स्विच 'ऑन' की स्थिति में होता है, तो बैटरी के धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल तक परिपथ पूरा होता है। इससे सारे परिपथ में तुरन्त विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है। इस स्थिति में परिपथ को 'बन्द परिपथ' कहा जाता है। इसके विपरीत जब स्विच ऑफ' की स्थिति में होता है, तो परिपथ अधूरा होता है, तब इसे 'खुला परिपथ' कहते हैं। इस स्थिति में परिपथ के किसी भी भाग में विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है।
प्रश्न 8.
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब किसी तार से कोई विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह तप्त हो जाता है। इसे 'विद्युत धारा का तापीय प्रभाव' कहते हैं। निमज्जन तापक (इमर्शन हीटर), हॉट प्लेट, विद्युत इस्त्री, गीजर, विद्युत केतली, हेयर ड्रायर जैसे विद्युत साधित्रों में विद्युत धारा के तापीय प्रभाव का उपयोग होता है। जब इन साधित्रों को विद्युत मेंस से संयोजित करके स्विच को ऑन करते हैं, तब इनके अवयव रक्त तप्त होकर ऊष्मा देने लगते हैं।
प्रश्न 9.
भिन्न - भिन्न आवश्यकताओं के लिए भिन्नभिन्न तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
किसी तार में उत्पन्न ऊष्मा का परिमाण उस तार के पदार्थ की धातु, जिससे यह बना है, तार की लम्बाई तथा तार की मोटाई पर निर्भर करता है। इस कारण विभिन्न आवश्यकताओं के लिए विभिन्न पदार्थों तथा विभिन्न लम्बाई एवं मोटाई के तार उपयोग किए जाते हैं।
प्रश्न 10.
राम अपने घर के लिए साधित्र खरीदने गया, तो श्याम ने उसे ISI चिह्न लगे साधित्र ही खरीदने की सलाह दी। क्या आप श्याम से सहमत हैं? अपने उत्तर के लिए कारण दीजिए।
उत्तर:
हाँ, हम श्याम से सहमत हैं। ISI चिह्न यह सुनिश्चित करता है कि साधित्र के निर्माण में सुरक्षा सम्बन्धी सभी शर्तों का ध्यान रखा गया है तथा इसके उपयोग में ऊर्जा की क्षति न्यूनतम होगी। इसलिए ISI चिह्न लगे उपकरण ही खरीदने चाहिए।
प्रश्न 11.
विद्युत परिपथों में अत्यधिक विद्युत धारा प्रवाहित होने के कारण लिखिए।
उत्तर:
(i) विद्युत परिपथों में अत्यधिक विद्युत धारा प्रवाहित होने का एक कारण विद्युत तारों में परस्पर सीधा सम्पर्क हो जाना होता है। ऐसा टूट - फूट अथवा तारों के विद्युत रोधन के हटने के कारण हो सकता है। इससे लघुपथन (शॉर्ट सर्किट) हो सकता है।
(ii) अत्यधिक धारा प्रवाहित होने का एक कारण एक ही सॉकेट से कई यक्तियों को संयोजित करना हो सकता है। इससे परिपथ में अतिभारण हो सकता है। इससे आग भी लग सकती है।
प्रश्न 12.
विद्युत फ्यूज बनाने के लिए किस प्रकार के तारों का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
कुछ विशेष पदार्थों जैसे कॉपर के बने तारों से जब सीमा से अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तब वे शीघ्र ही पिघलकर टूट जाते हैं। इन तारों का उपयोग 'विद्यत फ्यज' बनाने में किया जाता है। इससे विद्युत परिपथ क्षति और आग से बच जाते हैं।
प्रश्न 13.
विद्युत चुम्बकों के कोई तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर:
विद्युत चुम्बक के उपयोग।
प्रश्न 14.
तापदीप्त बल्ब, प्रतिदीप्त नलिकाओं तथा CFL की तलना में LED बल्ब को प्राथमिकता क्यों दी जा रही है?
उत्तर:
तापदीप्त बल्ब, प्रतिदीप्त नलिकाओं तथा CFL की तुलना में LED बल्ब विधुत का कम उपयोग करते हैं। इस प्रकार LED बल्ब बहुत ही विद्युत दक्ष है और इसीलिए इन्हें प्राथमिकता दी जा रही हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव को एक क्रियाकलाप द्वारा समझाइए।
उत्तर:
क्रियाकलाप:
अतः जब किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है। इसे 'विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव' कहते हैं। वास्तव में, विद्युत धारा का उपयोग चुम्बकों के निर्माण में किया जाता है।
प्रश्न 2.
विद्युत चुम्बक किस प्रकार कार्य करता है? समझाइए।
उत्तर:
विद्युत चुम्बक: लोहे के किसी टुकड़े पर विद्युत रोधी तार से लिपटी विद्युत धारावाही कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह चुम्बक की भांति व्यवहार करती है। विद्युत धारा का प्रवाह समाप्त करने पर इसका चुम्बकत्व प्रायः नष्ट हो जाता है। ऐसी कुंडली को विद्युत चुम्बक कहते हैं। विद्युत चुम्बक की कार्यप्रणाली को हम निम्न क्रियाकलाप की सहायता से समझ सकते है।
क्रियाकलाप:
प्रश्न 3.
विद्युत घंटी की कार्य - प्रणाली को समझाइये।
उत्तर:
विद्युत घंटी की कार्य - प्रणाली: इसमें एक विद्युत चुम्बक होता है। इसमें लोहे के टुकड़े पर ताँबे के तार की कुंडली लिपटी होती है। विद्युत चुम्बक के निकट लोहे की एक पत्ती लगी होती है, जिसके एक सिरे से हथौड़ा जुड़ा होता है। लोहे की पत्ती के समीप एक सम्पर्क पेंच होता है। जब लोहे की पत्ती इस पेंच के सम्पर्क में आती है, तो विद्युत परिपथ पूरा हो जाता है तथा कुंडली से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, जिससे वह विद्युत चुम्बक बन जाती है। तब यह लोहे की पत्ती को अपनी ओर खींचती है। इस प्रक्रिया में पत्ती के सिरे से जुड़ा हथौड़ा घंटी से टकराता है और ध्वनि उत्पन्न होती है। परन्तु, जब विद्युत चुम्बक लोहे की पत्ती को अपनी ओर खींचती है, तो यह परिपथ को भी तोड़ देती है। इससे कुंडली से विद्युत धारा का प्रवाह समाप्त हो जाता है।
अब कुंडली विद्युत चुम्बक नहीं होती। यह लोहे की पत्ती को भी अपनी ओर नहीं खींचती है। लोहे की पत्ती अपनी मूल स्थिति में आकर पुनः सम्पर्क पेंच से स्पर्श करती है। इससे परिपथ फिर से पूरा हो जाता है। कुंडली से पुन: विद्युत धारा प्रवाहित होती है तथा हथौड़ा पुनः घंटी से टक्कर मारता है। यह प्रक्रिया अति शीघ्रता से दोहराई जाती है। हर बार परिपथ पूरा होने पर हथौड़ा घंटी से टकराता है और इस प्रकार विद्युत घंटी बजती है।