RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन

Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन Important Questions and Answers.

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RBSE Class 7 Science Chapter 11 Important Questions जंतुओं और पादप में परिवहन


बहुचयनात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
रक्त का तरल भाग क्या कहलाता है? 
(अ) लाल रक्त कोशिकाएँ 
(ब) प्लैज्मा 
(स) श्वेत रक्त कोशिकाएँ 
(द) प्लेटलेट्स 
उत्तर:
(ब) प्लैज्मा 

RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन 

प्रश्न 2. 
हृदय स्पंदन को मापने के लिए चिकित्सक किस यंत्र का उपयोग करते हैं? 
(अ) बैरोमीटर का 
(ब) थर्मामीटर का 
(स) लेसर किरणों का 
(द) स्टेथॉस्कोप का 
उत्तर:
(द) स्टेथॉस्कोप का 

प्रश्न 3. 
रक्त परिसंचरण की खोज करने वाले वैज्ञानिक थे। 
(अ) विलियम हार्वे 
(ब) विलियम कोजीन 
(स) रदरफोर्ड 
(द) न्यूटन 
उत्तर:
(अ) विलियम हार्वे 

प्रश्न 4. 
पादपों में भोजन का परिवहन होता है। 
(अ) जाइलम के द्वारा 
(ब) फ्लोएम के द्वारा 
(स) मूलरोमों के द्वारा 
(द) रंध्रों के द्वारा
उत्तर:
(ब) फ्लोएम के द्वारा 

प्रश्न 5. 
मानव शरीर में कितनी मूत्र वाहिनियाँ पायी जाती हैं?
(अ) चार
(ब) तीन 
(स) दो
(द) एक 
उत्तर:
(स) दो


रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

प्रश्न 1. 
हृदय और रक्त वाहिनियाँ संयुक्त रूप से हमारे शरीर का .............. बनाती हैं। 
उत्तर:
परिसंचरण तंत्र

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प्रश्न 2. 
..................... शरीर के सभी भागों से कार्बन-डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को वापस हृदय में लाती हैं। 
उत्तर:
शिराएँ 

प्रश्न 3. 
जलीय जंतु अपने अपशिष्ट उत्पादों को ..................... के रूप में उत्सर्जित करते हैं. जो सीधे जल में घुल जाती है। 
उत्तर:
अमोनिया 

प्रश्न 4. 
..................... हमारे शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं को नष्ट करती हैं। 
उत्तर:
श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC)


निम्न कथनों में से सत्य एवं असत्य कथनों का चयन कीजिए:

प्रश्न 1. 
शिराएँ हदय से शरीर के सभी अन्य भागों में रक्त को ले जाती हैं।
उत्तर:
असत्य 

प्रश्न 2. 
मछली अपशिष्ट पदार्थ के रूप में यूरिया उत्सर्जित करती है।
उत्तर:
असत्य 

प्रश्न 3. 
मानव हृदय चार कक्षों में बँटा होता है।
उत्तर:
सत्य

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प्रश्न 4. 
हाइड्रा में विकसित परिसंचरण तंत्र पाया जाता है।
उत्तर:
असत्य 

प्रश्न 5. 
मूत्र में 95% जल होता है। 
उत्तर:
सत्य


कॉलम - A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - B से कीजिए:
 

प्रश्न 1. 

कॉलम - A

कॉलम - B

(1) लाल रक्त कोशिकाएँ

(A) जल संवहन

(2) श्वेत रक्त कोशिकाएँ

(B) रक्त का थक्का बनाना

(3) पट्टिकाणु

(C) रोगाणुओं से रक्षा

(4) जाइलम

(D) गैसों का परिवहन

उत्तर:

कॉलम - A

कॉलम - B

(1) लाल रक्त कोशिकाएँ

(D) गैसों का परिवहन

(2) श्वेत रक्त कोशिकाएँ

(C) रोगाणुओं से रक्षा

(3) पट्टिकाणु

(B) रक्त का थक्का बनाना

(4) जाइलम

(A) जल संवहन


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प्रश्न 2. 

कौलम - A

कॉलम - B

(1) मछली

(A) फ्लोएम

(2) पक्षी

(B) अमोनिया

(3) मानव

(C) यूरिक अम्ल

(4) पादप

(D) यूरिया

उत्तर:

कौलम - A

कॉलम - B

(1) मछली

(B) अमोनिया

(2) पक्षी

(C) यूरिक अम्ल

(3) मानव

(D) यूरिया

(4) पादप

(A) फ्लोएम


प्रश्न 3. 

कॉलम - A

कॉलम - B

(1) धमनी

(A) पतली नलिका

(2) शिरा

(B) वाल्व

(3) केशिका

(C) मोटी भित्ति

(4) हृदय

(D) पम्प

उत्तर:

कॉलम - A

कॉलम - B

(1) धमनी

(C) मोटी भित्ति

(2) शिरा

(B) वाल्व

(3) केशिका

(D) पम्प

(4) हृदय

(A) पतली नलिका


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
जब आपने शरीर का कोई भाग कट जाता है, तो क्या होता है? 
उत्तर:
रक्त या रुधिर बाहर बहने लगता है। 

प्रश्न 2. 
रक्त क्या है? 
उत्तर:
रक्त वह तरल पदार्थ या द्रव है, जो रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होता है। 

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प्रश्न 3. 
लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) में पाया जाने वाला लाल वर्णक क्या कहलाता है? 
उत्तर:
हीमोग्लोबिन।

प्रश्न 4. 
हमारे शरीर में नाड़ी स्पंद (नब्ज) क्यों होता है? 
उत्तर:
यह धमनियों में प्रवाहित हो रहे रक्त के कारण होता है। 

प्रश्न 5. 
स्पंदन दर किसे कहते हैं? 
उत्तर:
प्रति मिनट हो रहे स्पंदों की संख्या 'स्पंदन दर' कहलाती है। 

प्रश्न 6. 
एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति में स्पंदन दर कितनी होती है? 
उत्तर:
72 से 80 स्पंदन प्रति मिनट। 

प्रश्न 7. 
फुफ्फुस शिरा क्या कार्य करती है? लिखिए। 
उत्तर:
यह ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को फेफड़ों से हृदय में लाती है। 

प्रश्न 8. 
हमारे शरीर में अपशिष्ट पदार्थ कहाँ से आते हैं? 
उत्तर:
जब हमारी कोशिकाएँ अपना कार्य करती हैं, तो वे कुछ पदार्थ अपशिष्ट के रूप में निर्मुक्त करती हैं। 

प्रश्न 9. 
क्या स्वेदन या पसीना आने का कोई विशेष प्रयोजन होता है? 
उत्तर:
स्वेदन या पसीना हमें अपने शरीर को ठंडा बनाए रखने में सहायता करता है। 

प्रश्न 10. 
एक वयस्क व्यक्ति द्वारा एक दिन (24 घंटे) में कितना मूत्र उत्सर्जित किया जाता है? 
उत्तर:
लगभग 1 से 1.8 लीटर तक। 

प्रश्न 11. 
मूत्र के घटकों के नाम लिखिए। 
उत्तर:
मूत्र में 95% जल, 2.5% यूरिया और 2.5% अन्य अपशिष्ट उत्पाद होते हैं।

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प्रश्न 12. 
पक्षी, छिपकली, सर्प जैसे कुछ जन्तु अपने शरीर से अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन किस रूप में करते हैं? 
उत्तर:
यह अर्ध घन (सेमी सॉलिड) पदार्थ के रूप में यूरिक अम्ल का उत्सर्जन करते हैं। 

प्रश्न 13. 
ऊतक किसे कहते हैं? 
उत्तर:
ऊतक कोशिकाओं का वह समूह होता है, जो किसी जीव में किसी कार्य विशेष को संपादित करता

प्रश्न 14. 
श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) हमारे लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है? 
उत्तर:
श्वेत रक्त कोशिकाएँ उन रोगाणुओं को नष्ट करती है जो हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। 

प्रश्न 15. 
किसकी उपस्थिति के कारण रक्त का थक्का बनता है? 
उत्तर:
पट्टिकाणु (प्लैट्लेट्स)। 

प्रश्न 16. 
गर्मियों के दिनों में प्रायः कपड़ों पर सफेद धब्बों क्यों दिखाई देते हैं? 
उत्तर:
ये धब्बे पसीने में उपस्थित लवणों के कारण बनते हैं। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
हीमोग्लोबिन क्या है? यह क्या कार्य करता
उत्तर:
(i) हीमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक लाल रंग का वर्णक होता है। 

(ii) कार्य: यह ऑक्सीजन को अपने साथ संयुक्त करके शरीर के सभी अंगों में और अंततः सभी कोशिकाओं तक परिवहन करता है। इसकी कमी होने पर शरीर की सभी कोशिकाओं को कुशलतापूर्वक ऑक्सीजन प्रदान करना कठिन हो जाता है। इसकी उपस्थिति के कारण ही रक्त का रंग लाल होता है। 

प्रश्न 2. 
धमनी और शिरा में अन्तर लिखिए। 
उत्तर:

धमनी

शिरा

(i) ये हृदय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में ले जाती हैं।

(i) ये शरीर के सभी भागों से कार्बन - डाइ - ऑक्साइड समृद्ध रक्त को वापस हृदय में लाती हैं।

(ii) इनकी भित्तियाँ (दीवार) मोटी एवं प्रत्यास्थ होती हैं।

(ii) इनकी भित्तियाँ अपेक्षाकृत पतली होती हैं।


प्रश्न 3. 
केशिकाएँ क्या होती हैं? लिखिए। 
उत्तर:
हृदय से निकलने वाली धमनियाँ ऊतकों में पहुंचकर पुनः अत्यधिक पतली नलिकाओं में विभाजित हो जाती हैं, जिन्हें केशिकाएँ कहते हैं। ये केशिकाएँ पुनः मिलकर शिराओं का निर्माण करती हैं, जो रक्त को वापस हृदय में ले जाती हैं। 

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प्रश्न 4. 
हृदय स्पंद (हार्ट बीट) से आप क्या समझते हैं? हृदय स्पंद का मापन कैसे किया जाता है? 
उत्तर:
(i) हृदय के कक्ष की भित्तियाँ पेशियों की बनी होती हैं। ये पेशियाँ लयबद्ध रूप से संकुचन और विश्रांति करती हैं। यह लयबद्ध संकुचन और उसके बाद होने वाली लयबद्ध विश्रांति, दोनों मिलकर हृदय स्पंद (हार्ट बीट) कहलाता है। हृदय का स्पंदन जीवन के हर क्षण होता रहता।

(ii) हृदय स्पंद (धड़कन) का मापन 'स्टेथॉस्कोप' नामक यंत्र की सहायता से किया जाता है। 

प्रश्न 5. 
क्या आपको अपने हृदय स्पंदन और नाड़ी स्पंद दर के बीच कोई सम्बन्ध दिखाई देता है? 
उत्तर:
हाँ, दोनों एक समान हैं। प्रत्येक हृदय स्पंदन (धड़कन) धमनियों में एक स्पंद उत्पन्न करता है। प्रति मिनट धमनी में उत्पन्न स्पंद, हृदय स्पंदन (धड़कन) दर को बताती है। इस प्रकार दोनों एक - दूसरे से सम्बन्धित।

प्रश्न 6. 
अपोहन (डायलाइसिस ) की आवश्यकता क्यों पड़ती है? समझाइए। 
उत्तर:
कभी - कभी किसी व्यक्ति के वृक्क काम करना बंद कर देते हैं। ऐसा किसी संक्रमण अथवा चोट के कारण हो सकता है। वृक्क के अक्रिय हो जाने की स्थिति में रक्त में अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे व्यक्ति की अधिक दिनों तक जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है। तथापि, यदि कृत्रिम वृक्क द्वारा रक्त को नियमित रूप से छानकर उसमें से अपशिष्ट पदार्थों को हटा दिया जाए, तो उसके जीवन काल में वृद्धि संभव है। इस प्रकार रक्त के छनन की विधि को अपोहन (डायलाइसिस) कहते हैं। अतः वृक्क खराब हो जाने की स्थिति में जीवित रहने के लिए अपोह्न (डायलाइसिस) की आवश्यकता पड़ती है। 

प्रश्न 7. 
अपशिष्ट पदार्थों के निष्कासन की विधि किस पर निर्भर करती है? जलीय जंतु, पक्षी तथा मानव द्वारा पदार्थों का उत्सर्जन किस रूप में होता है? लिखिए। 
उत्तर:

  1. जन्तुओं के शरीर से अपशिष्ट रसायनों/पदार्थों के निष्कासन की विधि जल की उपलब्धता पर निर्भर करती है। 
  2. मछली जैसे जलीय जंतु कोशिका के अपशिष्ट उत्पादों को अमोनिया के रूप में उत्सर्जित करते हैं, जो सीधे जल में घुल जाती है। पक्षी अर्ध घन (सेमी सॉलिड) रूप में यूरिक अम्ल का उत्सर्जन करते हैं और मानव द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट पदार्थों में यूरिया प्रमुख होता है। 

प्रश्न 8. 
यदि हृदय में कार्बन - डाइ - ऑक्साइड और ऑक्सीजन से समृद्ध रक्त परस्पर मिल जाए, तो क्या होगा? 
उत्तर:
कार्बन - डाइ: ऑक्साइड और ऑक्सीजन से समृद्ध रक्त परस्पर मिल जाने पर कुल ऑक्सीजन मिश्रित रक्त की मात्रा कम हो जायेगी। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जायेगी, जिससे हमारे शरीर में भोजन का विखंडन नहीं हो पायेगा और हमें ऊर्जा नहीं मिल पायेगी। 

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प्रश्न 9. 
क्या स्पंज और हाइड्रा में भी रक्त होता है? 
उत्तर:
नहीं, स्पंज और हाइड्रा में रक्त नहीं होता है। स्पंज और हाइड्रा जैसे जंतुओं में कोई परिसंचरण तंत्र नहीं पाया जाता है। जिस जल में वे रहते हैं, वही उनके शरीर में प्रवेश करके उनके भोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति कर देता है। जब जल बाहर निकलता है, तो वह अपने साथ कार्बन - डाइ - ऑक्साइड और अपशिष्ट पदार्थों को ले जाता है। अत: उन्हें परिसंचरण हेतु रक्त के समान तरल की आवश्यकता नहीं होती है। 

प्रश्न 10. 
पौधों की जड़ों द्वारा अवशोषित जल तथा पोषक तत्त्व पत्तियों तक किस प्रकार पहुँचाए जाते हैं? 
उत्तर:
जल और पोषक तत्त्वों के परिवहन के लिए पादपों में एक संवहन ऊतक पाया जाता है, जो 'जाइलम' (दारू) कहलाता है। जाइलम चैनलों (नलियों) का सतत् जाल बनाता है, जो मूलों को तने और शाखाओं के माध्यम से पत्तियों से जोड़ता है और इस प्रकार बना तंत्र पूरे पादप में जल का परिवहन करता है। 

प्रश्न 11. 
पौधों के वे भाग, जो भोजन नहीं बना सकते, पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन किस प्रकार प्राप्त करते
उत्तर:
पादपों में पत्तियाँ भोजन का संश्लेषण करती हैं। भोजन को पादप के सभी भागों में ले जाने का कार्य एक संवहन ऊतक द्वारा किया जाता है, जो 'फ्लोएम' (पोषवाह) कहलाता है।

प्रश्न 12.
रक्तदान क्यों किया जाना चाहिए? रक्तदान के समय किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए?
उत्तर:
रक्त की अनुपलब्धता के कारण सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। स्वेच्छा से किया गया रक्तदान हानि रहित व दर्द रहित होता है जो कई अनमोल जाने बचा सकता है। रक्तदान अस्पतालों में, सरकार द्वारा अधिकृत जगहों पर ही किया जाना चाहिए। 
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प्रश्न 13. 
जन्तुओं में विभिन्न अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन किस प्रकार किया जाता है? 
उत्तर:

(i) शरीर में अपशिष्ट पदार्थ के रूप में उत्पन्न CO2 फेफड़ों द्वारा उच्छ्व सन के प्रक्रम के दौरान शरीर से बाहर निकल जाती है। 
(ii) अपाचित भोजन बहिक्षेपण प्रक्रम द्वारा मल के रूप में शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। 

(iii) रक्त में उपस्थित अपशिष्ट पदार्थों को मूत्र के रूप में उत्सर्जित कर दिया जाता है। 

प्रश्न 14. 
संवहन ऊतक किसे कहते हैं? पादपों में पाये जाने वाले संवहन ऊतकों के नाम व कार्य बताइए। 
उत्तर:
पादपों में जल एवं पोषक तत्वों का परिवहन विशेष कोशिकाओं से बनी वाहिकाओं से होता है, जिन्हें सामूहिक रूप से संवहन ऊतक कहते हैं। पादपों में दो प्रकार के संवहन ऊतक पाये जाते हैं। 

  1. जाइलम (दारु): यह जड़ों से जल व खनिज लवणों का परिवहन करता है। 
  2. फ्लोएम (पोषवाह): यह पत्तियों द्वारा संश्लेषित भोजन को पादप के सभी भागों तक ले जाता है। 

निबन्धात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
रक्त परिसंचरण तंत्र के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए और परिसंचरण तंत्र का व्यवस्था चित्र बनाइए। 
उत्तर:
रक्त परिसंचरण तंत्र की खोज 'विलियम हार्वे' ने की थी। इसके अन्तर्गत निम्न भाग सम्मिलित हैं। 
(i) रक्त: यह वह तरल पदार्थ या द्रव है, जो रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होता है। यह शरीर की विभिन्न कोशिकाओं को भोजन और ऑक्सीजन का वितरण करता है। यह शरीर में से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उनका परिवहन भी करता है। इसमें प्लैज्मा, लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC), श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) और पट्टिकाणु (प्लैटलेट्स) होते हैं। इसका लाल रंग, हीमोग्लोबिन वर्णक की उपस्थिति के कारण होता है। 

(ii) रक्त वाहिनियाँ: हमारे शरीर में दो प्रकार की रक्त वाहिनियाँ पाई जाती हैं-धमनी और शिरा । धमनियाँ हृदय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में ले जाती हैं और शिराएँ शरीर के सभी भागों से कार्बन-डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को वापस हृदय में लाती हैं। चूंकि रक्त प्रवाह तेजी से और अधिक दाब पर होता है, अतः
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धमनियों की भित्तियाँ (दीवार) मोटी और प्रत्यास्थ होती हैं। शिराओं की भित्तियाँ अपेक्षाकृत पतली होती हैं। शिराओं में ऐसे वाल्व होते हैं, जो रक्त को केवल हृदय की ओर ही प्रवाहित करते हैं। 

(iii) हृदय: यह वह अंग है, जो रक्त द्वारा पदार्थों के परिवहन के लिए पंप के रूप में कार्य करता है। यह वक्ष गुहा में स्थित होता है। यह चार कक्षों में बँटा होता है। ऊपरी दो कक्ष आलिन्द एवं निचले दो कक्ष निलय कहलाते हैं। इसके दाहिने भाग में कार्बन - डाइ - ऑक्साइड युक्त रक्त और बायें भाग में ऑक्सीजन युक्त रक्त रहता है। हृदय के इन कक्षों की लयबद्ध गति रक्त के परिसंचरण और पदार्थों के परिवहन को बनाए रखती है। 

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प्रश्न 2. 
हृदय की संरचना का नामांकित चित्र बनाते हुए वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
हृदय की संरचना: हृदय वह अंग है, जो रक्त द्वारा पदार्थों के परिवहन के लिए पंप के रूप में कार्य करता है। यह निरन्तर धड़कता रहता है। यह वक्ष - गुहा में स्थित होता है, जिसका निचला सिरा थोड़ी बाईं ओर झुका रहता है। यह चार कक्षों में बँटा होता है। इसके ऊपरी दो कक्ष 'अलिन्द' कहलाते हैं और निचले दो कक्ष 'निलय' कहलाते हैं। इन कक्षों के बीच की विभाजन दीवार ऑक्सीजन समृद्ध रक्त और कार्बन - डाइ - ऑक्साइड से समृद्ध रक्त को परस्पर मिलने नहीं देती है। हृदय के दाहिनी ओर कार्बनडाइ - ऑक्साइड युक्त रक्त होता है और बायीं ओर शुद्ध अर्थात् ऑक्सीजन समृद्ध रक्त होता है। हृदय में रुधिर (रक्त) का परिवहन अग्र प्रकार से होता रहता है। 
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इस प्रकार रक्त हृदय से संपूर्ण शरीर में पंप होता है। हृदय के कक्ष की भित्तियाँ पेशियों की बनी होती हैं। ये पेशियाँ लयबद्ध रूप से गति करती हैं। हृदय के विभिन्न कक्षों की लयबद्ध गति रक्त के परिसंचरण और पदार्थों के परिवहन को बनाए रखती है। 

प्रश्न 3. 
उत्सर्जन किसे कहते हैं? मानव उत्सर्जन तंत्र की क्रियाविधि को नामांकित चित्र सहित समझाइये।
उत्तर:
उत्सर्जन: सजीवों द्वारा कोशिकाओं में निर्मित होने वाले अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के प्रक्रम को उत्सर्जन कहते हैं। मानव उत्सर्जन तंत्र - मानव रक्त में उपस्थित अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए रक्त को छानने की आवश्यकता होती है। यह कार्य हमारे शरीर में उपस्थित वृक्क (गुर्दे) में पायी जाने वाली रक्त कोशिकाओं द्वारा किया जाता है। जब रक्त दोनों वृक्कों में पहुँचता है, । तो इसमें उपयोगी और हानिकारक दोनों ही प्रकार के । पदार्थ होते हैं। उपयोगी पदार्थों को रक्त में पुनः अवशोषित । कर लिया जाता है। जल में घुले हुए अपशिष्ट पदार्थ मूत्र | के रूप में पृथक कर लिए (हटा दिए) जाते हैं । वृक्कों | से, मूत्र वाहिनियों से होता हुआ मूत्र मूत्राशय में जाता है।

मूत्र वाहिनियाँ नली के आकार की होती हैं। मूत्राशय में मूत्र संचित होता रहता है। मूत्राशय से एक पेशीय नली जुड़ी होती है, जिसे मूत्रमार्ग कहते हैं। मूत्रमार्ग का दूसरा सिरा खुला होता है, जिसे मूत्ररंध्र कहते हैं और जिससे मूत्र शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। वृक्क, मूत्र वाहिनियाँ, मूत्राशय और मूत्रमार्ग सम्मिलित रूप से उत्सर्जन तंत्र बनाते हैं। कोई वयस्क व्यक्ति सामान्यत: 24 घंटे में 1 से 1.8 लीटर मूत्र करता है, जिसमें 95% जल, 2.5% यूरिया और 2.5% अन्य अपशिष्ट उत्पाद होते हैं। [नोट - मानव उत्सर्जन तंत्र के चित्र के लिए कृपया पाठ्यपुस्तक के प्रश्न संख्या 13 का उत्तर देखें।] 

प्रश्न 4. 
पादपों में पदार्थों का परिवहन क्यों आवश्यक है? यह किस प्रकार से होता है? 
उत्तर:
पादपों में पदार्थों का परिवहन: पादप अपनी जड़ों (मूलों) द्वारा मृदा से जल और खनिज पोषकों का अवशोषण करके उन्हें पत्तियों को उपलब्ध कराते हैं। पत्तियाँ जल और CO2 का उपयोग कर प्रकाश-संश्लेषण के प्रक्रम द्वारा पौधों के लिए भोजन बनाती हैं। यदि जल का परिवहन नहीं होगा तो पत्तियाँ भोजन नहीं बना पायेंगी। अतः प्रत्येक कोशिका की क्रियाविधि को संपादित करने के लिए पदार्थों का परिवहन आवश्यक है। यह परिवहन निम्न प्रकार से होता हैं। 

(i) जल और खनिजों का परिवहन: पादप मूलों (जड़ों) द्वारा जल और खनिजों को अवशोषित करते हैं। मूलों में मूलरोम होते हैं। ये मूलरोम जल में घुले हुए खनिज पोषक पदार्थों और जल के अन्तर्ग्रहण के लिए मूल से सतह क्षेत्रफल को बढ़ा देते हैं। मूलरोम मृदा कणों के बीच उपस्थित जल के सम्पर्क में रहते हैं। वस्तुतः पादपों में मृदा से जल और पोषक तत्त्वों के परिवहन के लिए पाइप जैसी वाहिकाएँ होती हैं । वाहिकाएँ विशेष कोशिकाओं की बनी होती हैं, जो 'संवहन ऊतक' बनाती हैं। जल और पोषक तत्वों के परिवहन के लिए पादपों में जो संवहन ऊतक होता है, उसे 'जाइलम (दारू)' कहते हैं। जाइलम चैनलों (नलियों) का सतत् जाल बनाता है, जो मूलों को तने और शाखाओं के माध्यम से पत्तियों से जोड़ता है और इस प्रकार बना तंत्र पूरे पादप में जल का परिवहन करता है। 

(ii) भोजन का परिवहन: पादप में पत्तियों द्वारा संश्लेषित भोजन को पादप के सभी भागों में ले जाया जाता है। यह सजाव आल इन वन कार्य एक संवहन ऊतक द्वारा किया जाता है, जिसे 'फ्लोएम (पोषवाह)' कहते हैं। इस प्रकार जाइलम और फ्लोएम पादपों में पदार्थों का परिवहन करते हैं। 

(iii) वाष्पोत्सर्जन: पादप वाष्पोत्सर्जन द्वारा बहुत अधिक जल निर्मुक्त करते हैं। वास्तव में, वाष्योत्सर्जन के कारण पादपों में एक चूषण बल निर्मित होता है, जिसके कारण मूलों द्वारा मृदा में से अवशोषित जल अभिकर्षित (खिंचकर) होकर तने और पत्तियों तक पहुँचता है। 

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प्रश्न 5. 
एक क्रियाकलाप द्वारा समझाइये कि 'कोशिकाएँ जल का परिवहन करती हैं। 
उत्तर:
क्रियाकलाप:

  1. एक बड़ी साइज का आलू लेते हैं और उसके ऊपरी छिलके को उतार देते हैं। 
  2. अब इसके एक सिरे को काटकर चपटा आधार बना लेते हैं और दूसरे सिरे पर एक गहरी खोखली गुहा बनाते
  3. इस गुहा को शक्कर के घोल से आधी भर लेते हैं। 
  4. फिर आलू में एक पिन घुसाकर घोल के स्तर को चिह्नित करते हैं। 
  5. इसके बाद आलू को जलयुक्त किसी बीकर में रखते हैं और यह ध्यान रखते हैं कि बीकर में जल का स्तर पिन के स्तर से नीचे रहे। 
  6. इसे कुछ घंटों तक इसी स्थिति में रखे रहने देते हैं। कुछ घंटों बाद हम देखते हैं कि आलू की गुहा में शक्कर के घोल का स्तर बढ़ जाता है। 
  7.  इससे स्पष्ट होता है कि अल्प दूरी तक जल एक कोशिका से दूसरी कोशिका में जा सकता है। इसी प्रकार से जल मृदा से मूल की जाइलम वाहिकाओं में जाता है।

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प्रश्न 6. 
रुधिर की संरचना को समझाइए। 
उत्तर:
रुधिर की संरचना:
रुधिर वह तरल पदार्थ या द्रव है, जो रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होता है। यह शरीर की विभिन्न कोशिकाओं को भोजन और ऑक्सीजन का वितरण करता है। यह शरीर में से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उनका परिवहन भी करता है। इसमें विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ निलंबित रहती हैं, जो निम्न प्रकार से हैं।

(i) प्लैज्या: यह रक्त का तरल भाग होता है। यह कोशिकाओं से CO2 को फेफड़ों तक पहुँचाने में सहायता करता है। 

(ii)  लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC): इनमें एक लाल वर्णक हीमोग्लोबिन पाया जाता है जिसके कारण रुधिर लाल रंग का दिखाई देता है। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को अपने साथ संयुक्त करके शरीर के सभी अंगों में और अंततः सभी कोशिकाओं तक परिवहन करता है। 

(iii) श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC): ये कोशिकाएँ उन रोगाणुओं को नष्ट करती हैं, जो हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इस प्रकार ये शरीर को स्वस्थ रखती हैं। 

(iv)  पट्टिकाणु (प्लैटलेट्स): ये कोशिकाएं चोट लगे स्थान पर रुधिर का थक्का (जमने) बनाने में मदद करती हैं, जिससे रुधिर का बहना रुक जाता है।

Prasanna
Last Updated on May 26, 2022, 5:52 p.m.
Published May 26, 2022