RBSE Class 6 Maths Notes Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ

These comprehensive RBSE Class 6 Maths Notes Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ will give a brief overview of all the concepts.

RBSE Class 6 Maths Chapter 4 Notes आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ

→ बिन्दु की लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई, आकार या क्षेत्रफल नहीं होता है। बिंदु एक स्थिति निर्धारित करता है। इसे सामान्यतः अंग्रेजी के बड़े अक्षर से व्यक्त किया जाता है।

→ दो बिंदुओं को जोड़ने वाला सबसे छोटा रास्ता एक रेखाखंड दर्शाता है। बिंदु A और B को मिलाने वाले रेखाखंड को \(\overline{\mathrm{AB}}\) या \(\overline{\mathrm{BA}}\) से दर्शाते हैं।

→ किसी रेखाखंड जैसे \(\overline{\mathrm{AB}}\) को दोनों तरफ बिना किसी अंत के विस्तृत करने पर हमें एक रेखा प्राप्त होती है। इसे \(\overleftrightarrow{\mathrm{AB}}\) से व्यक्त किया जाता है। इसे कभी-कभी । जैसे अक्षर से भी व्यक्त किया जाता है।

→ दो रेखाएँ जब एक-दूसरे को किसी एक बिंदु पर मिलती या काटती हैं तो वे प्रतिच्छेदी रेखाएँ कहलाती हैं।

→ दो रेखाएँ जब एक-दूसरे को नहीं काटती हैं, तो वे समांतर रेखाएँ कहलाती हैं।

→ किरण रेखा का एक भाग होता है जो एक बिंदु से प्रारंभ होकर एक दिशा में बिना किसी अंत के विस्तृत होता है।

RBSE Class 6 Maths Notes Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ

→ कागज से बिना पेंसिल उठाए बनाई गई सीधी या टेढ़ी कोई भी आकृति वक्र कहलाती है।

→ सामान्य भाषा में ‘वक्र' का अर्थ ‘सीधा नहीं होता है लेकिन गणित में ‘वक्र' सीधा भी हो सकता है।

→ यदि कोई वक्र स्वयं को न काटे तो वह सरल वक्र (Simple Curve) कहलाता है।

→ जिस वक्र के सिरे मिले हुए हों, बंद वक्र कहलाता है; अन्यथा उसे खुला वक्र कहते हैं।

→ रेखाखंडों से बनी सरल बंद आकृति एक बहुभुज कहलाती है।

→ बहुभुज को बनाने वाले रेखाखंड उसकी भुजाएँ (sides) कहलाती हैं। कोई भी दो भुजाएँ जिनमें एक उभयनिष्ठ अंत बिंदु हो, बहुभुज की आसन्न भुजाएँ कहलाती हैं। दो भुजाएँ जहाँ मिलती हैं वह बिंदु बहुभुज का शीर्ष (vertex) कहलाता है। बहुभुज की एक ही भुजा के अंत बिंदु आसन्न शीर्ष (adjacent vertices) कहलाते हैं। ऐसे शीर्ष जो आसन्न नहीं हैं को मिलाने से बना रेखाखंड बहुभुज का विकर्ण (diagonal) कहलाता है।

→ दो किरण, जो एक ही शीर्ष से प्रारम्भ हों, से बनी आकृति कोण है। 14. तीन भुजाओं वाला बहुभुज त्रिभुज (Triangle) कहलाता है।

→ चार भुजाओं वाला बहुभुज एक चतुर्भुज (Quadrilateral) कहलाता है। इसको शीर्षों के एक क्रम के अनुसार नामांकित करना चाहिए। किसी चतुर्भुज ABCD में, \(\overline{\mathrm{AB}}\) और \(\overline{\mathrm{DC}}\) तथा \(\overline{\mathrm{AD}}\) और \(\overline{\mathrm{BC}}\) सम्मुख भुजाओं के युग्म हैं। ∠A और ∠C तथा ∠B और ∠D सम्मुख कोणों के युग्म हैं। ∠A और B आसन्न कोण हैं; ऐसे ही आसन्न कोणों के तीन अन्य युग्म हैं। 

→ एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर चक्कर लगाने से बना बिंदुओं का पथ वृत्त कहलाता है।

→ निश्चित बिंदु वृत्त का केंद्र कहलाता है, केन्द्र से वृत्त पर स्थित बिन्दु की निश्चित दूरी (समान दूरी) त्रिज्या कहलाती है तथा वृत्त के चारों ओर चली गयी दूरी उसकी परिधि कहलाती है। 19. परिधि पर किन्हीं दो बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड वृत्त की एक जीवा (chord) कहलाती है।

→ वह रेखाखण्ड, जो वृत्त के केन्द्र से गुजरता है और जिसके दोनों सिरे वृत्त पर स्थित हों, वृत्त का व्यास कहलाता

RBSE Class 6 Maths Notes Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ

→ वृत्त का व्यास त्रिज्या का दुगुमा होता है।

→ परिधि पर स्थित दो बिन्दुओं के मध्य, परिधि के भाग को वृत्त चाप कहते हैं।

→ जीवा के दोनों ओर स्थित वृत्त के भाग वृत्तखण्ड कहलाते हैं

→ व्यास पर बना वृत्तखण्ड अर्द्धवृत्त कहलाता है।

→ दो त्रिज्याओं तथा संगत चाप से घिरकर बना भाग त्रिज्यखण्ड कहलाता है।

Prasanna
Last Updated on May 31, 2022, 11:10 a.m.
Published May 31, 2022