RBSE Class 11 Political Science Notes Chapter 9 शांति

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RBSE Class 11 Political Science Chapter 9 Notes शांति

→ परिचय 

  • वर्तमान विश्व में युद्ध, आतंकवादी हमलों और गुटीय दंगों पर आधारित बड़े-बड़े समाचार हमें निरन्तर याद दिलाते हैं कि हम अशान्त समय में रहते हैं।
  • आजकल राजनेता, पत्रकार, उद्योगपति, शिक्षाशास्त्री, सेनाधिकारी इत्यादि सभी शान्ति की बात निरन्तर करते रहते हैं।
  • शान्ति की धारणा आमतौर पर बिल्कुल आसान और स्पष्ट लगती है, पर वास्तव में यह एक जटिल धारणा है। इसका अर्थ और महत्व निरन्तर हर साल बदलता रहता है।

→ भूमिका

  • लोकतन्त्र, न्याय और मानव अधिकारों की तरह वर्तमान में 'शान्ति' की बात भी एक सामान्य व निरन्तर बोली जाने वाली बात बन गयी है।
  • अतीत के अनेक महत्वपूर्ण चिन्तकों ने शान्ति के बारे में नकारात्मक ढंग से लिखा है। इन विचारकों में जर्मन दार्शनिक नीत्शे, इटली के समाजशास्त्री विल्फ्रेडो पैरेटो जैसे चिन्तकों का उल्लेख किया जा सकता है।
  • नीत्शे ने शान्ति को कोई महत्व न देते हुए युद्धों की तारीफ की क्योंकि उनका मानना था कि सिर्फ संघर्ष ही सभ्यता की उन्नति का मार्ग दिखा सकता है।
  • विल्फ्रेडो पैरेटो का दावा था कि अधिकतर समाजों में शासक वर्ग का निर्माण सक्षम और ताकतवर लोगों से होता है। वह इन्हें 'शेर' की संज्ञा देते हैं।
  • आधुनिक काल में शान्ति की पैरवी करने वाले भी कई महापुरुष हुए हैं। इन्होंने व्यावहारिक और आध्यात्मिक दोनों ही क्षेत्रों में शान्ति का प्रबल समर्थन किया है, जैसे महात्मा गाँधी।
  • अनेक प्रयासों व शान्ति की बातों के बावजूद 20वीं सदी में मानवता को व्यापक अशान्ति व अत्याचारों का सामना करना पड़ा। इनमें लाखों लोगों की मौत हुई।
  • 20वीं सदी में हमने शान्ति विरोधी धारणाओं फासीवाद, नाजीवाद आदि को देखा। इनके फलस्वरूप होने वाले विश्वयुद्धों को भी हमने देखा है।
  • विश्वयुद्धों में तबाही फैलाने के उद्देश्य से उन्नत तकनीक का प्रयोग किया गया है, जैसे जर्मनी का लंदन पर बमबारी करना, अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा व नागासाकी पर अणुबम से हमला करना आदि।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के साथ ही दुनिया में अपनी सर्वोच्चता कायम करने के उद्देश्य से दो महाशक्तियों साम्यवादी सोवियत संघ रूस और पूँजीवादी संयुक्त राज्य अमेरिका में तेज प्रतिस्पर्धा का दौर शुरू हो गया। 
  • संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ रूस की प्रतिस्पर्धा ने 'क्यूबा मिसाइल संकट' को जन्म दिया। हालांकि अनेक प्रयासों के चलते इसका शान्तिपूर्ण समाधान खोज लिया गया।
  • हमारे लिए शान्ति बहुमूल्य इसलिए बनी हुई है कि इस पर हमेशा खतरा मंडराया करता है।

RBSE Class 11 Political Science Notes Chapter 9 शांति 

→ शांति का अर्थ 

  • शान्ति की परिभाषा अक्सर युद्ध की अनुपस्थिति के रूप में की जाती है।
  • शान्ति की दूसरी परिभाषा युद्ध, दंगा, कत्ल या सामान्य शारीरिक प्रहार समेत सभी प्रकार के हिंसक संघर्षों के अभाव के रूप में भी की जाती है।
  • समाज में हिंसा का अलग रूप 'संरचनात्मक हिंसा' के रूप में दिखाई पड़ता है। जातिभेद, वर्गभेद, पितृसत्ता, उपनिवेशवाद, नस्लवाद, साम्प्रदायिकता आदि 'संरचनात्मक हिंसा' के रूप में शान्ति को नुकसान पहुंचाते हैं।

→ संरचनात्मक हिंसा के विभिन्न रूप

  • संरचनात्मक हिंसा का शिकार व्यक्ति जिन मनोवैज्ञानिक और भौतिक नुकसानों से गुजरता है वे उसके भीतर शिकायतें पैदा करती हैं। ये शिकायतें संघर्षों के रूप में शान्ति को नुकसान पहुँचाती हैं।
  • न्यायपूर्ण और टिकाऊ शान्ति छिपी शिकायतों और संघर्ष के कारणों को साफ-साफ व्यक्त करने और बातचीत द्वारा हल करने के जरिए ही प्राप्त की जा सकती है।
  • शान्ति कोई अन्तिम स्थिति नहीं बल्कि ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यापकतम अर्थों में मानव कल्याण की स्थापना के लिए जरूरी नैतिक और भौतिक संसाधनों के सक्रिय-क्रियाकलाप शामिल होते हैं। 
  • शान्तिवाद का उद्देश्य लड़ाकुओं की क्षमता को कम करके आँकना नहीं, बल्कि प्रतिरोध के अहिंसक स्वरूप पर बल देना है।
  • गाँधीजी ने भारत में ब्रिटिश सरकार का विरोध व स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए प्रतिरोध के अहिंसात्मक मार्गों को ही अपनाया था।
  • गाँधीजी के लिए अहिंसा का आशय कल्याण और अच्छाई का सकारात्मक और सक्रिय क्रियाकलाप है।

→ क्या हिंसा कभी शांति को प्रोत्साहित कर सकती है? 
गाँधीजी से प्रेरणा लेकर मार्टिन लूथर किंग ने सन् 1960 में संयुक्त राज्य अमेरिका में गोरे लोगों द्वारा काले लोगों के साथ किए जाने वाले भेदभाव के विरुद्ध एक आन्दोलन चलाया।

→ शांति और राज्यसत्ता

  • प्रत्येक राज्य स्वयं को पूर्णतः स्वतंत्र एवं सर्वोच्च इकाई के रूप में देखता है। इससे राज्य की अपने हितों को बचाने एवं बढ़ाने की प्रवृत्ति जन्म लेती है।
  • शान्ति को सर्वोच्च मूल्य मानने वाले शांतिवादी किसी न्यायपूर्ण संघर्ष में भी हिंसा के प्रयोग के विरुद्ध नैतिक रूप से खड़े हो जाते हैं।

→ शांति कायम करने के विभिन्न तरीके

  • शान्ति स्थापित करने के लिए वर्तमान विश्व में तीन प्रमुख दृष्टिकोण या पद्धतियाँ प्रचलित हैं
    • राष्ट्रों द्वारा एक-दूसरे की सत्ता का सम्मान करना,
    • राष्ट्रों की आपसी निर्भरता व सहयोग,
    • समस्त विश्व को ही एक राष्ट्र बना दिया जाना।
  • आधुनिक विश्व में संयुक्त राष्ट्रसंघ शान्ति स्थापित करने की प्रचलित तीनों पद्धतियों के प्रमुख तत्वों को साकार कर सकता है।
  • समकालीन चुनौतियाँ हालांकि संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अनेक उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं, लेकिन शान्ति के प्रति खतरों को रोकने और समाप्त करने में वह सफल नहीं हुआ है। समकालीन विश्व में शान्ति को बढ़ावा देने के लक्ष्य को लेकर अनेक लोकप्रिय प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों को सामूहिक तौर पर 'शान्ति आन्दोलन' की संज्ञा दी जाती है।
  • आज हमें शान्ति की खोज को राजनीतिक कार्यवाहियों के साधन और लक्ष्यों, दोनों के रूप में सम्मिलित करना चाहिए।

→ शांति - शांति को युद्ध, दंगा, कत्ल, नरसंहार अथवा सामान्य शारीरिक प्रहार सहित समस्त प्रकार के हिंसक संघर्षों के अभाव के रूप में परिभाषित कर सकते हैं।

→ आतंकवाद - आतंकवाद उन हिंसात्मक गतिविधियों व कार्यवाहियों का सामूहिक नाम है जिनके द्वारा सरकार तथा नागरिकों को भयभीत करके कुछ लोग अपनी बात मनवाना चाहते हैं। जैसेट्रेन में बम विस्फोट, इमारतों पर हमला आदि आतंकवाद के ही उदाहरण हैं।

→ सामाजिक जीवंतता - समाज के लोगों के सक्रिय और क्रियाशील (कर्मठ) रहने की स्थिति को सामाजिक जीवंतता कहा जाता है। 

→ लौकिक - इस दुनिया की वास्तविकताओं को दर्शाने व इनसे सम्बन्धित होने वाली बातों के लिए प्रयुक्त शब्द। 

RBSE Class 11 Political Science Notes Chapter 9 शांति

→ फासीवाद - 20वीं सदी में उदित होने वाली एक धारणा है। इसमें राष्ट्र को सर्वोपरि माना जाता है तथा राष्ट्र के नाम पर व्यक्तियों से सब कुछ न्यौछावर कर देने की अपेक्षा की जाती है। 

→ नाजीवाद - 20वीं सदी में जर्मनी में उदित हुई वह धारणा जिसमें जर्मनी को विश्व में श्रेष्ठ स्थान दिलाने पर बल दिया गया तथा जर्मन (नाजी) लोगों को अन्य लोगों की तुलना में श्रेष्ठ माना गया।

→ विश्वयुद्ध - विश्व में बहुत बड़े स्तर पर लड़ा जाने वाला युद्ध 'विश्वयुद्ध' कहलाता है। इसमें विश्व के अधिकांश राष्ट्र प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो जाते हैं। उदाहरण—1914-18 ई. तथा 1939-1945 ई. में लड़े गये दोनों युद्ध विश्वयुद्ध थे।
 
→ परमाणु हथियार - वह हथियार जो परमाणु ऊर्जा और विकिरण (रेडिएशन) पर आधारित होते हैं, जैसे-अणु बम, परमाणु बम, मिसाइल आदि।

→ नरसंहार - किसी राज्य में सत्ता या अन्य पक्ष से असहमत लोगों को खुलेआम बड़ी संख्या में जान से मार दिया जाना 'नरसंहार' कहलाता है। कई बार विभिन्न समुदायों के बीच आपसी असहमति के मामले में भी 'नरसंहार' देखने को मिलते हैं।

→ संरचनात्मक हिंसा - विभिन्न सामाजिक समस्याओं जैसे-असमानता, भेदभाव, नस्लवाद इत्यादि के चलते होने वाली हिंसा 'संरचनात्मक हिंसा' कहलाती है। जैसे—जातिभेद, वर्गभेद, पितृसत्ता एवं साम्प्रदायिकता आदि।

→ औपनिवेशिक काल - 16वीं, 17वीं सदी से 19वीं, 20वीं सदी के मध्य का वह समय जब शक्तिशाली देशों द्वारा विभिन्न राष्ट्रों को अपना उपनिवेश बनाकर रखा गया था, 'औपनिवेशिक काल' कहलाता है। 

→ नस्लवाद - समाज में जब एक जाति, वर्ग या समुदाय के लोगों द्वारा दूसरे जाति, वर्ग या समुदाय के लोगों के साथ उनकी जाति, वर्ग या समुदाय के आधार पर भेदभाव किया जाए तो इसे 'नस्लवाद' कहते हैं। 

→ यूनिसेफ - 'यूनिसेफ' संयुक्त राष्ट्रसंघ की एक शाखा है। इसका पूरा नाम 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' है। यह संगठन विश्व में शिक्षा व संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करता है। 

→ शान्तिवाद - शान्ति को बढ़ावा देने वाले विचारों को सामूहिक तौर पर 'शान्तिवाद' के नाम से जाना जाता है।

→ लोकतंत्रीकरण - विभिन्न राज्यों व समाजों में लोकतांत्रिक मूल्यों व सिद्धान्तों की स्थापना तथा प्रचार-प्रसार . करने की प्रक्रिया : लोकतंत्रीकरण' कहलाती है।

→ फ्रेडरिक नीत्शे - जर्मनी के दार्शनिक, इन्होंने शान्ति को महत्वहीन बताया था। नीत्शे ने शान्ति की बजाय युद्धों को अधिक उपयोगी बताते हुए इनका गुणगान किया था। नीत्शे का मानना था कि सिर्फ संघर्ष ही सभ्यता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

→ विल्फ्रेडो पैरेटो - इटली के प्रख्यात समाजशास्त्री, इनका मानना था कि अधिकांश समाजों में सक्षम और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए शक्ति का प्रयोग करने वाले लोग ही 'शासक वर्ग' बनते हैं। पैरेटो ने इन लोगों का वर्णन 'शेर' के रूप में किया है। 

→ गौतम बुद्ध - बौद्ध धर्म के संस्थापक, इन्होंने दुनिया को प्रेम व शान्ति का महान सन्देश दिया। उनका मानना था कि सभी बुरे कर्म मन के कारण उपजते हैं। यदि मन को परिवर्तित कर लिया जाए तो बुरे काम स्वतः समाप्त हो जाएँगे।

→ महात्मा गाँधी - भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन के महापुरुष एवं शान्ति के महान प्रचारक, इन्होंने दुनिया को सत्य व अहिंसा जैसी धारणाओं का व्यावहारिक राजनीति में प्रयोग करके शान्ति का महान
सन्देश दिया।

→ खमेर रूज - 20वीं सदी में कम्बोडिया में सत्ता सँभालने वाला एक निर्दयी तानाशाह, इसका शासन दुनिया के सामने क्रांतिकारी हिंसा के नुकसानदेह बन जाने का प्रमुख उदाहरण था। 

→ मार्टिन लूथर किंग जूनियर - 1950 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका में काले लोगों के लिए समान नागरिक अधिकारों के लिए आन्दोलन चलाने वाले अग्रणी नेता, ये गाँधी जी के विचारों से बहुत प्रभावित थे।

→ एडोल्फ हिटलर - 20वीं सदी का जर्मनी का तानाशाह शासक, हिटलर ने जर्मनी में नाजी लोगों की सर्वोच्चता स्थापित करने का भरपूर प्रयास किया। इन्होंने जर्मनी में बड़ी संख्या में यहूदियों का
कत्लेआम कराया।

Prasanna
Last Updated on Aug. 29, 2022, 5:09 p.m.
Published Aug. 29, 2022