These comprehensive RBSE Class 11 Political Science Notes Chapter 3 चुनाव और प्रतिनिधित्व will give a brief overview of all the concepts.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Political Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 11. Students can also read RBSE Class 11 Political Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 11 Political Science Notes to understand and remember the concepts easily.
→ चुनाव और लोकतंत्र लोकतन्त्र दो प्रकार का होता है
→ प्रत्यक्ष लोकतंत्र में नागरिक स्वयं दिन-प्रतिदिन के कार्यों एवं सरकार चलाने में सीधे भाग लेते हैं।
→ भारत में चुनाव व्यवस्था
→ भारत में सर्वाधिक वोट से जीत की' प्रणाली क्यों स्वीकार की गई?
→ निर्वाचन क्षेत्रों का आरक्षण
→ सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार और चुनाव लड़ने का अधिकार
→ स्वतंत्र निर्वाचन आयोग
→ चुनाव सुधार
→ अध्याय में दी गईं प्रमुख तिथियाँ एवं संबंधित घटनाएँ)
वर्ष |
सम्बन्धित घटनाएँ |
1984 |
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 543 में से 415 सीटों पर विजय प्राप्त की। |
1989 |
भारत में बहुदलीय गठबंधन की सरकारों के निर्माण का युग प्रारम्भ। |
1989 |
संविधान में संशोधन कर 18 वर्ष के नागरिक को वयस्क मानकर वोट देने का अधिकार प्रदान किया गया है। |
1989 |
सन् 1989 तक भारत का निर्वाचन आयोग एक सदस्यीय था, पर सन् 1989 के आम चुनावों के ठीक पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों को नियुक्त कर इसे बहु सदस्यीय बना दिया गया लेकिन चुनाव के बाद उसे फिर एक सदस्यीय बनाया गया। |
1991 |
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की हत्या। |
1993 |
भारत के निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के अलावा पुनः दो निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई और यह पुनः बहु सदस्यीय हो गया। |
→ निर्वाचन या चुनाव - जनता द्वारा अपने प्रतिनिधियों को चुनने की विधि को निर्वाचन या चुनाव कहते हैं।
→ जनता का शासन - इसका अर्थ सामान्यतः जनता के प्रतिनिधियों के द्वारा चलने वाले शासन से है।
→ लोकतंत्र - शासन का वह रूप है जिसमें शासकों का चुनाव जनता करती है।
→ प्रत्यक्ष लोकतंत्र - इसमें नागरिक दिन-प्रतिदिन के फैसले और सरकार चलाने में सीधा भाग लेते हैं। प्राचीन यूनान के नगर राज्य प्रत्यक्ष लोकतंत्र के उदाहरण हैं। जब करोड़ों लोगों को निर्णय लेना होता है तो इस प्रकार का प्रत्यक्ष लोकतंत्र व्यवहार में नहीं लाया जा सकता।
→ अप्रत्यक्ष लोकतंत्र - जनता के प्रतिनिधियों द्वारा चलने वाला शासन अप्रत्यक्ष लोकतंत्र कहलाता है। नागरिक इस लोकतंत्र में अप्रत्यक्ष रूप से अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से सम्मिलित होते हैं। इसे प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र भी कहते हैं।
→ गैर-लोकतांत्रिक देश - जहाँ लोकतांत्रिक रूप से चुनाव नहीं होते और न लोकतांत्रिक रूप से शासन चलता है, वे देश गैर-लोकतांत्रिक देश कहलाते हैं।
→ लोकतांत्रिक चुनाव - स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को लोकतांत्रिक चुनाव कहते हैं। इसमें जनता वोट देती है और उसकी इच्छा से ही यह तय होता है कि चुनाव कौन जीतेगा।
→ बहुलवादी व्यवस्था (फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट सिस्टम) - चुनावी दौड़ में जो प्रत्याशी अन्य प्रत्याशियों से प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे निकलता है, वही विजयी कहलाता है। इसी व्यवस्था को बहुलवादी व्यवस्था कहते हैं।
→ समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली - दलों को प्राप्त मतों के अनुपात में विधायिका में प्रत्येक दल को सीटें प्रदान करने की व्यवस्था को समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली कहा जाता है।
→ राजनीतिक दल - लोगों का एक समूह जो चुनाव लड़ने एवं सरकार में राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से कार्य करता है।
→ द्विदलीय व्यवस्था - द्विदलीय व्यवस्था का अर्थ है-जहाँ सत्ता के लिए दो प्रमुख दल प्रतियोगी होते हैं और बारी-बारी से जीतते हैं।
→ गठबंधन - व्यक्तियों, संस्थाओं, दलों अथवा देशों का एकजुट होना।
→ बहुदलीय गठबंधन - जब सत्ता प्राप्त करने के लिए अनेक दल मिलकर एक गठबंधन बना लेते हैं तो इसे बहुदलीय गठबंधन कहते हैं।
→ निर्वाचन क्षेत्र - एक भौगोलिक क्षेत्र के मतदाता जो अपने एक प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं।
→ आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र - इसका आशय है कि किसी निर्वाचन क्षेत्र में सभी मतदाता वोट देंगे, पर प्रत्याशी उसी समुदाय या सामाजिक वर्ग का होगा जिसके लिए वह सीट आरक्षित है।
→ परिसीमन आयोग - वह आयोग जो यह तय करता है कि कौन-से निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित होंगे। परिसीमन आयोग कहलाता है। यह निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर कार्य करता है।
→ सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार - 18 वर्ष और इसके ऊपर के समस्त नागरिकों को मत देने का अधिकार जिसमें धर्म, नस्ल, जाति, लिंग एवं जन्म स्थान के आधार पर कोई भेदभाव न हो।
→ वयस्क - भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक 18 वर्ष के नागरिक को वयस्क नागरिक माना जाता है, उसे वोट देने का अधिकार है।
→ विशेष बहुमत - उपस्थिति और मतदान करने वाले सदस्यों का दो-तिहाई तथा सदन की कुल सदस्य संख्या का साधारण बहुमत, रोष बहुमत कहलाता है।
→ निर्वाचन आयोग - हमारे देश में निर्वाचन की सम्पूर्ण प्रक्रिया एक स्वतंत्र संगठन द्वारा संचालित, नियंत्रित व पर्यवेक्षित की जाती है जिसे निर्वाचन आयोग के नाम से जाना जाता है।
→ विधायिका - जनता के प्रतिनिधियों की सभा जिसके पास देश का कानून बनाने का अधिकार होता है। कानून बनाने के अतिरिक्त विधायिका को कर लगाने, बजट व अन्य वित्त विधेयकों को पारित करने का अधिकार होता है।
→ कार्यपालिका - अधिकार प्राप्त लोगों की संस्था जो देश के संविधान व कानून के आधार पर प्रमुख नीति बनाती है, निर्णय लेकर उसे लागू करने का कार्य करती है।
→ न्यायपालिका - ऐसी संस्था जिसके पास न्याय करने व कानूनी विवादों को निपटाने का अधिकार होता है। देश की समस्त अदालतों को न्यायपालिका के नाम से जाना जाता है।