RBSE Class 11 Home Science Notes Chapter 7 प्रभावशाली संप्रेषण कौशल

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RBSE Class 11 Home Science Chapter 7 Notes प्रभावशाली संप्रेषण कौशल

→ परिचय:
संप्रेषण प्रक्रिया में हम विभिन्न कौशलों का इस्तेमाल करके सूचना प्राप्त करते हैं अथवा भेजते हैं तथा संप्रेषण प्रक्रिया की प्रभाविता उपयुक्त संप्रेषण-कौशलों के प्रयोग पर निर्भर करती है। अतः उपयुक्त संप्रेषण कौशल प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
1. संप्रेषण कौशल का अर्थ; संप्रेषण कौशल का अर्थ है—भाषा (ग्राही) का उपयोग करने और सूचना को अभिव्यक्त करने (व्यंजक) की क्षमताएँ। इस प्रकार, संप्रेषण कौशल वे योग्यताएँ हैं जो सूचना को प्रभावशाली ढंग से भेजने एवं प्राप्त करने में हमारी मदद करती है।

2. संप्रेषण कौशल के प्रकार: हम किसी सूचना को कितने प्रभावशाली ढंग से भेज सकते हैं अथवा प्राप्त कर सकते हैं, यह निम्नलिखित संप्रेषण कौशलों पर निर्भर करता है

  • चिंतन-यह एक अंतरावैयक्तिक संप्रेषण कौशल है। इसमें व्यक्तिगत विचार, अनुचिंतन, सोच-विचार एवं मनन सन्निहित होता है।
  • पठन-यह मुद्रित अथवा लिखित सामग्री से अर्थ प्राप्त करने की योग्यता है। मनोरंजन, सूचना एवं ज्ञान प्राप्त करना पठन के लिए कुछ उत्प्रेरक कारक हैं।
  • लेखन-कभी-कभी लेखन ही संप्रेषण का सर्वोत्तम तरीका सिद्ध होता है। छात्र/छात्राओं के लिए कौशल परीक्षाओं में निबंध, नियत कार्य, औपचारिक पत्र तथा वर्णनात्मक उत्तर लिखने में उपयोगी सिद्ध होते हैं।
  • श्रवण-संप्रेषण प्रक्रिया में हम या तो सूचना भेजते हैं अथवा प्राप्त करते हैं। ध्यानपूर्वक सुनना सूचना की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
  • बोलना-बोलना सर्वाधिक आधारभूत संप्रेषण कौशलों में से एक है। हम सूचना देने, भावनाओं के आदानप्रदान एवं अन्य कारणों से परिवार के सदस्यों, मित्रों तथा अन्य लोगों से व्यवसाय एवं कार्य के संबंध में बातचीत करते हैं।
  • गैर-शाब्दिक संप्रेषण-गैर-शाब्दिक कौशल जो कभी-कभी दृश्य-कौशल भी कहलाते हैं। ये आपकी अनकही बात को भी व्यक्त कर देते हैं।

RBSE Class 11 Home Science Notes Chapter 7 प्रभावशाली संप्रेषण कौशल 

→ संप्रेषण के कुछ साधन
आँख मिलाकर बात करना ( नेत्र संपर्क)-यह अंतर्वैयक्तिक संप्रेषण का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जो संप्रेषण के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है।

  • चेहरे की अभिव्यक्तियाँ-मुस्कुराना एक सशक्त संकेत है।
  • हाव-भाव-यदि आप बोलते समय हाव-भाव नहीं दर्शाते हैं तो लोग आपको उबाऊ, संवेदनहीन एवं उत्साहहीन मान सकते हैं।
  • अंग-विन्यास-आप टहलने, बात करने, खड़े होने एवं बैठने के तरीके से अनेक अलग-अलग संदेश संप्रेषित करते हैं।
  • निकटता-सांस्कृतिक मूल्य यह इंगित करते हैं कि अन्य लोगों के साथ पारस्परिक क्रिया करने में उनसे कुछ दूरी रखी जानी चाहिए।
  • पराभाषिक-भाषेतर संप्रेषण के इस रूप में छह वाक् तत्व शामिल होते हैं-सुर, तारत्व, लय, ध्वनिरूप, प्रबलता और उतार-चढ़ाव।
  • हास-परिहास-इससे संप्रेषक एवं श्रोता दोनों का तनाव दूर होता है।
Prasanna
Last Updated on Aug. 3, 2022, 10:16 a.m.
Published Aug. 3, 2022