These comprehensive RBSE Class 11 Business Studies Notes Chapter 7 कंपनी निर्माण will give a brief overview of all the concepts.
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→ कम्पनी की संरचना-कम्पनी की संरचना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें काफी वैधानिक औपचारिकताएँ एवं प्रक्रियाएँ सम्मिलित हैं। इन्हें मुख्य रूप से. तीन चरणों में बाँटा जा सकता है जो इस प्रकार हैं
→ एक निजी कम्पनी समामलेन प्रमाण पत्र प्राप्ति के तुरन्त पश्चात् अपना व्यापार प्रारम्भ कर सकती है जबकि एक सार्वजनिक कम्पनी को पूंजी अभिदान की स्थिति से गुजरना होता है।
I. कम्पनी का प्रवर्तन:
→ प्रवर्तक के कार्य:
→ प्रवर्तकों की स्थिति:
प्रवर्तक न तो कम्पनी के एजेण्ट होते हैं और न ही उसके ट्रस्टी। कम्पनी के प्रवर्तकों की स्थिति विश्वासाश्रित सम्बन्धों पर आधारित होती है। प्रवर्तकों को अपनी इस स्थिति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
II. समामेलन:
उपर्युक्त औपचारिकताओं को पूरा कर लेने के पश्चात् प्रवर्तक कम्पनी के समामेलन के लिए आवेदन-पत्र उस राज्य के रजिस्ट्रार के पास जमा करवाते हैं जिस राज्य में कम्पनी का पंजीकृत कार्यालय स्थापित किया जायेगा। समामेलन के प्रमाण-पत्र के आवेदन-पत्र के साथ निम्न प्रलेखों को जमा करवाया जाता है
जब कम्पनी रजिस्ट्रार कम्पनी की पंजीयन सम्बंधी औपचारिकताओं के पूरा होने के सम्बन्ध में सन्तुष्ट हो जाता है तो वह कम्पनी को अपने हस्ताक्षर एवं मोहर लगाकर समामेलन का पत्र जारी कर देता है। इसका तात्पर्य है कि अब कम्पनी अस्तित्व में आ गई है। कम्पनी का समामेलन का प्रमाण-पत्र ही इसके जन्म का प्रमाण-पत्र भी कहा जाता है। 1 नवम्बर, 2000 से कम्पनी रजिस्ट्रार कम्पनी को सी.आई.एन. (निगम पहचान नम्बर) का आवंटन करता है।
→ समामेलन प्रमाण-पत्र का प्रभाव:
समामेलन के प्रमाण-पत्र के प्राप्त होने की तिथि से ही कम्पनी शाश्वत (स्थायी) उत्तराधिकार के साथ ही पृथक् वैधानिक अस्तित्व प्राप्त कर लेती है एवं वैधानिक रूप से अनुबन्ध के लिए अधिकृत हो जाती है। समामेलन का यह प्रमाण-पत्र कम्पनी के नियमन का निर्णायक प्रमाण है । कम्पनी के समामेलन की औपचारिकताओं में चाहे कितनी भी कमी क्यों न हो, एक बार इसके जारी हो जाने पर यह कम्पनी की स्थापना का पक्का प्रमाण है।
→ समामेलन प्रमाण-पत्र जारी हो जाने पर निजी कम्पनी तो तुरन्त व्यापार शुरू कर सकती है। किन्तु एक | सार्वजनिक कम्पनी को पूँजी अभिदान अवस्था से गुजरना होगा।
III. पूँजी अभिदान-सार्वजनिक कम्पनी जनता को अंशों एवं ऋण-पत्रों का निर्गमन कर आवश्यक धनराशि जुटा सकती है। इसके लिए इसे प्रविवरण-पत्र जारी करना होगा, जो जन-साधारण को कम्पनी की पूँजी के अभिदान के लिए आमंत्रण है एवं अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। जनता से धन एकत्रित करने के लिए निम्न कदम उठाने होते हैं
IV. व्यापार का प्रारम्भ-यदि सार्वजनिक कम्पनी को जो मित्रों, सगे-सम्बन्धियों (जनता से नहीं) से धन जुटा रही है तो उसे अंशों के आवंटन से कम से कम तीन दिन पूर्व कम्पनी रजिस्ट्रार के पास प्रविवरण पत्र का स्थानापन्न विवरण एवं आवंटन की समाप्ति पर आवंटन विवरणी जमा करानी होगी।
→ सार्वजनिक कम्पनी यदि नये अंशों का निर्गम कर न्यूनतम अभिदान राशि जुटाती है तो वह कम्पनी रजिस्ट्रार को व्यापार प्रारम्भ करने का प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन करेगी। इसके लिए निम्न प्रलेखों की आवश्यकता होगी
एक सार्वजनिक कम्पनी जो अपने निजी साधनों से धन जुटा रही है एवं उसने पहले ही स्थानापन्न प्रविवरण जमा करा दिया है, को केवल ऊपर दिये प्रलेख (2) एवं (4) ही कम्पनी रजिस्ट्रार के यहाँ जमा करने होते हैं।
कम्पनी रजिस्ट्रार यदि उपर्युक्त कार्यवाही से सन्तुष्ट हो जाता है तो वह व्यापार प्रारम्भ करने का प्रमाण-पत्र जारी कर देगा कम्पनी इस प्रमाण-पत्र को प्राप्त करने के साथ ही व्यापार शुरू कर सकती है। इस प्रमाण-पत्र के प्राप्त होने के साथ ही कम्पनी के निर्माण की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।