Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 6 ऊतक Textbook Exercise Questions and Answers.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 9 Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 9. Students can also read RBSE Class 9 Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 9 Science Notes to understand and remember the concepts easily. The why do we fall ill important questions are curated with the aim of boosting confidence among students.
पृष्ठ 77.
प्रश्न 1.
ऊतक क्या है?
उत्तर
ऊतसमान संरचना वाले कोशिकाओं के समूह, जो एक विशेष कार्य को सम्पादित करते हैं, ऊतक कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है?
उत्तर:
बहुकोशिक जीवों में लाखों कोशिकाएँ होती हैं, जो परस्पर मिलकर ऊतकों के रूप में विशेष कार्यों को संपन्न करती हैं। मनुष्यों तथा पशुओं में पेशीय कोशिका फैलती और सिकुड़ती है, जिससे गति होती है। तंत्रिका कोशिकाएँ संदेशों की वाहक होती हैं। रक्त, ऑक्सीजन, भोजन, हार्मोन और अपशिष्ट पदार्थों का वहन करता है। पौधों में वाहकनलियों से सम्बन्धित कोशिकाएँ भोजन और पानी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाती हैं। ऊतक पेड़ - पौधों को स्थिरता प्रदान करते हैं, उन्हें सहारा व मजबूती प्रदान करते हैं। इस प्रकार बहुकोशिक जीवों में ऊतकों के अनेक उपयोग हैं।
पृष्ठ 81.
प्रश्न 1.
प्रकाश-संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
प्रकाश - संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड गैस की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर:
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्य:
पृष्ठ 83.
प्रश्न 1.
सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं?
उत्तर:
सरल ऊतक तीन प्रकार के होते हैं।
प्रश्न 2.
प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है?
उत्तर:
प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक जड़ों एवं तने के वृद्धि वाले भागों में पाया जाता है। ये तने की लम्बाई में वृद्धि करते हैं।
प्रश्न 3.
नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है?
उत्तर:
नारियल का रेशा स्क्लेरेन्काइमा ऊतक (दृढ़ ऊतक) का बना होता है।
प्रश्न 4.
फ्लोएम के संघटक कौन - कौन से हैं ?
उत्तर:
फ्लोएम के संघटक हैं।
पृष्ठ 87.
प्रश्न 1.
उस ऊतक का नाम बताएँ, जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर:
पेशीय ऊतक।
प्रश्न 2.
न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
उत्तर:
तंत्रिका ऊतक की कोशिका को तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन कहते हैं। न्यूरॉन में केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य (साइटोप्लाज्म) होता है। इससे लंबे-पतले बालों जैसी शाखाएँ निकलती हैं। प्रत्येक न्यूरॉन में इस तरह का एक लम्बा प्रवर्ध होता है, जो एक्सॉन कहलाता है तथा बहुत सारे छोटी शाखाओं वाले प्रवर्ध (डेंडराइट्स) होते हैं। न्यूरॉन की संरचना निम्न प्रकार की दिखाई देती है।
प्रश्न 3.
हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
उत्तर:
प्रश्न 4.
एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
एरिओलर ऊतक, रक्त वाहिनियों और तंत्रिका के आस-पास की पेशियों, त्वचा व मांसपेशियों के मध्य होते हैं।
प्रश्न 1.
ऊतक को परिभाषित करें।
उत्तर:
ऊतक - कोशिकाओं का एक ऐसा समूह जिसकी उत्पत्ति, संरचना एवं कार्य समान होते हैं, ऊतक कहलाता है।
प्रश्न 2.
कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं? उनके नाम बताएँ।
उत्तर:
जाइलम ऊतक चार प्रकार के अवयवों से मिलकर बनता है। जो हैं।
प्रश्न 3.
पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर:
सरल ऊतक |
जटिल ऊतक |
1. ये एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं। |
ये एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं। |
2. इनकी कोशिका भित्ति पतली होती है। |
इनकी कोशिका भित्ति मोटी होती है। |
3. यह आधारीय पैकिंग पदार्थ के रूप में जल व भोजन संचय करने तथा यांत्रिक सहायता देने का काम करते हैं। |
यह संवहन ऊतक का कार्य करते हैं एवं पौधों को यांत्रिक दृढ़ता प्रदान करते हैं। |
4. इनकी कोशिकाएँ जीवित होती हैं। |
इनकी अधिकांश कोशिकाएँ मृत होती हैं। |
5. उदाहरण: पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा, स्क्लेरेन्काइमा। |
उदाहरण: जाइलम एवं फ्लोएम। |
प्रश्न 4.
कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर:
पैरेन्काइमा ऊतक पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाओं का बना होता है। इसकी कोशिका भित्ति पैक्टिन तथा सैल्यूलोज की बनी होती है। कॉलेन्काइमा ऊतक की कोशिका भित्ति भी पैक्टिन तथा सैल्यूलोज की बनी होती है। स्क्लेरेन्काइमा ऊतक की कोशिका भित्ति लिग्निन की बनी होती है तथा मोटी होती है।
प्रश्न 5.
रंध्र के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
रंध्र के कार्य निम्न प्रकार हैं।
प्रश्न 6.
तीनों प्रकार के पेशीय रेशों के चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
पेशीय ऊतक तीन प्रकार के होते हैं।
(i) ऐच्छिक पेशी (रेखित पेशी):
ये कंकाल पेशी भी कहलाती हैं क्योंकि अधिकतर ये पेशियाँ हड्डियों से जुड़ी रहती हैं तथा शारीरिक गति में सहायक होती हैं। इस ऊतक की कोशिकाएँ लम्बी, बेलनाकार, शाखा रहित व बहुनाभीय होती हैं। इन पेशियों की गति हम अपनी इच्छानुसार करा सकते हैं। देखने में ये रेखाओं या धारियों की तरह प्रतीत होती हैं। इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टियाँ होती हैं, इसलिए इन्हें रेखित पेशियाँ भी कहते हैं।
(ii) चिकनी या अनैच्छिक पेशियाँ:
ये तर्कुरूपी पेशीय कोशिका आहारनाल, रक्तनलिका, आँख की पलक, मूत्रवाहिनी व फेफड़ों की श्वसनी में पाई जाती हैं। इनकी गतियों पर हमारा नियंत्रण नहीं होता है। ये स्वयं संचालित होती हैं। ये एक - केन्द्रकीय होती हैं। ये कोशिकाएँ लम्बी तथा इनका आखिरी सिरा नुकीला होता है, इन्हें अरेखित पेशी भी कहते हैं।
(iii) कार्डियक ( हृदयक) पेशी:
ये अनैच्छिक पेशियाँ हैं, जो जीवनभर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती हैं। हृदय की पेशी कोशिकाएँ बेलनाकार, शाखाओं वाली और एक - केन्द्रकीय होती हैं।
प्रश्न 7.
कार्डियक ( हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है ?
उत्तर:
कार्डियक पेशी जीवनभर लयबद्ध प्रसार एवं संकुचन का कार्य करती है। इससे प्राणियों में रक्त परिसंचरण होता है।
प्रश्न 8.
रेखित, अरेखित तथा कार्डियक ( हृदयक) पेशियों में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
अन्तर का आधार |
रेखित पेशी |
अरेखित पेशी |
कार्डियक पेशी |
1. संरचना व शरीर में स्थिति |
1. इन पर एक के बाद एक रेखाएँ या धारियाँ दिखाई देती हैं। |
इनमें धारियाँ दिखाई नहीं देतीं। |
इनमें धारियाँ दिखाई नहीं देतीं। |
2. कोशिकाएँ लम्बी, बेलनाकार एवं अशाखित होती हैं। |
कोशिकाएँ लम्बी एवं तर्कु के आकार की होती हैं। |
इनकी कोशिकाएँ बेलनाकार एवं शाखित होती हैं। |
|
3. कोशिकाएँ बहु - नाभिकीय हैं। |
कोशिकाएँ एक - नाभिकीय हैं। |
कोशिकाएँ एक - नाभिकीय हैं । |
|
4. हाथ, पैर, आमाशय, जीभ, डायफ्राम फेरिक्स में पाई जाती हैं। |
नलिकाकार अंगों, धमनियों, |
केवल ह्रद्य में पाई जाती हैं। |
|
2. कार्य |
ये शरीर को इच्छानुसार गति प्रदान करती हैं। |
शिराओं, फेफड़ों की श्वसनी, आँख |
पेशियाँ स्वयं गति को नियंत्रित कर हृद्य की गतिविधि संचालित करती हैं। |
प्रश्न 9.
न्यूरॉन का एक चिह्नित चित्र बनाइए।
उत्तर:
न्यूरॉन का चित्र:
प्रश्न 10.
निम्नलिखित के नाम लिखें।
(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
उत्तर:
(a) शल्की एपिथीलियम ऊतक
(b) कंडरा (tendon)
(c) फ्लोएम ऊतक
(d) वसामय ऊतक (Adipose tissue)
(e) रक्त (Blood)
(f) तंत्रिका ऊतक (न्यूरॉन)।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करेंत्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन बंडल।
उत्तर:
त्वचा |
शल्की एपिथीलियम ऊतक |
पौधे का वल्क |
एपीडर्मिस रक्षी ऊतक |
अस्थि |
संयोजी कंकाल ऊतक |
वृक्कीय नलिका अस्तर |
घनाकार एपिथीलियम ऊतक |
संवहन बंडल |
जटिल स्थायी ऊतक (जाइलम एवं फ्लोएम) |
प्रश्न 12.
पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं?
उत्तर:
पैरेन्काइमा ऊतक पौधों के तने और जड़ों में स्थित होते हैं।
प्रश्न 13.
पौधों में एपीडर्मिस की क्या भूमिका है?
उत्तर:
पौधों की कोशिकाओं की सबसे बाहरी परत एपीडर्मिस है। शुष्क स्थानों पर मिलने वाले पौधों में यह मोटी हो जाती है और पानी की हानि को कम कर उनकी रक्षा करती है। पौधों की पूरी सतह एपीडर्मिस से ढकी रहती है, इसलिए यह पौधों के सभी भागों की रक्षा करती है। एपीडर्मल कोशिका पौधों की बाह्य सतह पर प्रायः एक मोम जैसी जल प्रतिरोधी परत बनाती है, जो जल हानि के विरुद्ध यांत्रिक आघात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों की रक्षा करती है। पत्तियों की एपीडर्मिस में उपस्थित छोटे - छोटे रंध्रों को स्टोमेटा कहते हैं। स्टोमेटा को दो वृक्क के आकार की कोशिकाएँ घेरे रहती हैं, जिन्हें रक्षी कोशिकाएँ कहते हैं। ये कोशिकाएँ वायुमण्डल से गैसों का आदानप्रदान करने के लिए आवश्यक हैं, इन्हीं से वाष्पोत्सर्जन क्रिया होती है। जड़ों की एपीडर्मल कोशिकाएँ पानी को सोखने का कार्य करती हैं। मरुस्थलीय पौधों के बाहरी सतह वाले एपीडर्मिस में (जल अवरोधक रासायनिक पदार्थ) क्यूटिन का लेप होता है, जिस कारण वाष्पोत्सर्जन की क्रिया नहीं होती।
प्रश्न 14.
छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है ?
उत्तर:
छाल (कॉर्क) मोटी भित्ति वाली मृत कोशिकाओं का बना होता है। यह पौधों के भीतर की कोशिकाओं की रक्षा करता है। इसका सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्यरोधन तथा घातरोधन का है। जब वृक्ष की आयु बढ़ती है तो उस पर विभाज्योतक की पट्टी आ जाती है। बाहरी सतह की कोशिकाएँ इससे अलग हो जाती हैं तथा पौधों पर बहुपरतों वाली मोटी छाल का निर्माण करती हैं। यह मृत कोशिकाओं की होती है और बिना अंत:कोशिकीय स्थानों के होती है। इस पर सुबेरिन नामक रसायन होता है, जो हवा और पानी को प्रवेश नहीं करने देता।
प्रश्न 15.
निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें
उत्तर: