Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन से पदार्थ हैं कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, नींबू पानी, इत्र की सुगंध।
उत्तर:
कुर्सी, वायु, बादाम, नींबू पानी, इत्र की सुगंध पदार्थ हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ गर्मा - गर्म खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है, लेकिन ठण्डे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।
उत्तर:
पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं तथा तापमान बढ़ने पर कणों की गति बढ़ जाती है। वस्तुतः खाने की गंध या महक हम तक विसरण के माध्यम से पहुँचती है। कणों का विसरण उच्च ताप पर अधिक व निम्न ताप पर कम होता है, इसीलिए गर्मा - गरम (उच्च ताप वाले) खाने की गंध तेजी के साथ कई मीटर दूर से ही हमारे पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की गंध (महक) लेने के लिए हमें उसके पास जाना पड़ता है।
प्रश्न 3.
स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौनसा गुण प्रेक्षित होता है?
उत्तर:
स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी (जल) काट पाता है क्योंकि वहां पानी के कणों के मध्य लगने वाला आकर्षण बल, गोताखोर द्वारा लगाये जाने वाले बल से कम होता है, जिस कारण पानी के कण आसानी से अलग हो जाते हैं। इससे पदार्थ का यह गुण प्रदर्शित होता है कि पदार्थ सूक्ष्म कणों से बना है।
प्रश्न 4.
पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर:
पदार्थ के कणों की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं।
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प्रश्न 1.
किसी तत्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं।
(घनत्व = द्रव्यमान / आयतन)
बढ़ते घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें-वायु, चिमनी का धुआँ, शहद, जल, चॉक, रुई और लोहा।
उत्तर:
वायु < चिमनी का धुआं < रुई < जल < शहद < चॉक < लोहा।
प्रश्न 2.
(a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अन्तर को सारणीबद्ध कीजिए।
(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए - दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
उत्तर:
(a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में अन्तर निम्न हैंगुण ठोस द्रवगैस।
गुण |
ठोस |
द्वव |
गैस |
1. अणुओं की स्थिति |
अणु बहुत पास - पास होते हैं। |
अणु बहुत पास - पास नहीं होते हैं। |
गैस अणु बहुत दूर - दूर होते हैं। |
2. अणुओं का स्थान |
अणुओं का स्थान निश्चित होता है। |
अणुओं का स्थान निशिचत नहीं होता है। |
अणुओं का स्थान निश्चित नहीं होता है । |
3. अणुओं की गतिज ऊर्जा |
न्यूनतम होती है। |
कुछ अधिक होती है। |
सर्वाधिक होती है। |
4. आकार |
निश्चित |
अनिश्चित / पात्र का आकार ग्रहण करता है। |
अनिश्चित (जिस पात्र में रखी जाती है, उसी का आकार ग्रहण कर लेती है।) |
5. आयतन |
निश्चित |
निश्चित |
अनिश्चित (जिस पात्र में रखी जाती है, उसी का आयतन ग्रहण कर लेती है।) |
6. तरलता |
बहते नहीं हैं। |
ऊपर से नीचे की ओर बहते हैं। |
सभी दिशाओं में बहती है। |
7. घनत्व |
सर्वाधिक |
कुछ कम |
सबसे कम |
8. ऊष्मा द्वारा प्रसरण |
कम |
कुछ अधिक |
बहुत अधिक |
9. अन्तर आणविक बल |
सर्वाधिक |
कुछ कम |
सबसे कम |
10. गलनांक एवं क्वथनांक |
इनके गलनांक एवं क्वथनांक कमरे के ताप से अधिक होते हैं। |
इनके क्वथनांक कमरे के ताप से अधिक परन्तु गलनांक कम होते हैं। |
इनके गलनांक एवं क्वथनांक कमरे के ताप से अधिक होते हैं। |
(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए - दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व:
प्रश्न 3.
कारण बताएँ।
(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
उत्तर:
(a) गैस के कणों के मध्य आकर्षण बल नगण्य होता है, इस कारण इसके कण सभी दिशाओं में गति करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। इसीलिए जब किसी बर्तन में गैस को रखते हैं, तो वह पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है।
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है क्योंकि गैस के कण न्यून आकर्षण बल के कारण सभी दिशाओं में गति करने के लिए स्वतंत्र होते हैं और वे बर्तन की दीवारों से लगातार टकराते रहते हैं, जिससे बर्तन की दीवारों पर दबाव पड़ता है।
(c) लकड़ी के कण अत्यधिक आकर्षण बल से जुड़े होने के कारण पास-पास होते हैं। इस कारण इसका आकार एवं आयतन निश्चित होते हैं, चूँकि ये ठोस पदार्थ के गुण हैं, अतः लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं क्योंकि हवा के कणों के मध्य आकर्षण बल बहुत कम होता है, जिससे हवा के कण बहुत दूर-दूर होते हैं। जबकि लकड़ी के कणों के मध्य अत्यधिक आकर्षण बल होता है, जिसके कारण इसके कण पास-पास होते हैं, इसलिए लकड़ी के टुकड़ों में हाथ चलाने के लिए कराटे में दक्ष होना पड़ता है।
प्रश्न 4.
सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है, लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को जल में तैरते हुए देखा होगा। पता लगाइए, ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर:
सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है, लेकिन जब जल बर्फ में बदलता है, तो जल के कणों की आकृति बदल जाने के कारण बर्फ का आयतन जल के आयतन से अधिक हो जाता है। इसलिए बर्फ का टुकड़ा अपने अधिक आयतन के कारण अपने द्रव्यमान से अधिक जल हटा देता है, जिससे वह उसकी सतह पर तैरता है।
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प्रश्न 1.
निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें।
(a) 300K
(b) 573K
उत्तर:
(a) सेल्सियस (°C) = K - 273
∴ °C = 300K - 273
⇒ °C = 27°C
(b) °C = K - 273
∴ °C = 573K - 273
⇒ °C = 300°C
प्रश्न 2.
निम्नलिखित तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?
1. 250°C
2. 100°C
उत्तर:
प्रश्न 3.
किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता है ?
उत्तर:
किसी पदार्थ का ताप बढ़ाने पर वह दूसरी अवस्था में परिवर्तित होने लगता है तथा एक निश्चित ताप पर अवस्था परिवर्तन होता है। सम्पूर्ण अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर रहता है क्योंकि उस समय सम्पूर्ण ऊष्मा उस पदार्थ के कणों के मध्य स्थान बढाने में काम आती है. जिससे वह पदार्थ अपनी अवस्था परिवर्तित करता है, अर्थात् कणों के पारस्परिक आकर्षण बल को वशीभूत करके पदार्थ की अवस्था को बदलने में इस ऊष्मा का उपयोग होता है। ऐसा तब तक होता है, जब तक कि पदार्थ पूर्ण रूप से दूसरी अवस्था में परिवर्तित न हो जाए।
प्रश्न 4.
वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन (परिवर्तित) करने के लिए कोई विधि सुझाइए।
उत्तर:
वस्तुतः पदार्थ की अवस्थाएँ तापमान व दाब पर निर्भर करती हैं। अतः वायुमंडलीय गैसों को निम्नलिखित दो विधियों द्वारा द्रव में परिवर्तित किया जा सकता है।
वायुमंडलीय गैसें ऊँचाई पर होती हैं, जहाँ पर तापमान कम होने के कारण ये संघनित होकर बादलों में बदल जाती है जो द्रव की छोटी - छोटी बूंदों से मिलकर बने होते हैं।
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प्रश्न 1.
गर्म, शुष्क दिन में कूलर अधिक ठण्डा क्यों करता है?
उत्तर:
गर्म, शुष्क दिनों में वायुमंडल में जलवाष्प कम होती है जिसके कारण वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। जब कूलर चलता है, तब उसमें भरा गया जल अपनी वाष्पीकरण की ऊर्जा आस-पास के वातावरण से लेता है और तेजी से वाष्पित होता है। इस वाष्पीकरण की क्रिया के कारण ही कूलर अधिक ठण्डा करता है।
प्रश्न 2.
गर्मियों में घड़े का जल ठण्डा क्यों होता है?
उत्तर:
गर्मियों में वायुमंडल में जलवाष्प कम होती है जो वाष्पन की दर को बढ़ा देती है। मिट्टी का घड़ा सरन्ध्र होता है जिसकी सतह पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिनके कारण अंदर का जल घड़े की सतह पर आ जाता है, जिसके वाष्पन के लिए ऊष्मा घड़े के जल और आसपास के वातावरण से ली जाती है। इससे आसपास का वातावरण ठंडा हो जाता है और घड़े का जल भी ठंडा रहता है।
प्रश्न 3.
एसीटोन / पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठण्डी क्यों हो जाती है ?
उत्तर:
एसीटोन / पेट्रोल या इत्र वाष्पशील पदार्थ हैं। जब इन्हें हथेली पर डालते हैं, तो इनके कण हमारी हथेली व आसपास के वातावरण से ऊर्जा प्राप्त कर वाष्पीकृत हो जाते हैं, जिससे हमारी हथेली ठण्डी हो जाती है।
प्रश्न 4.
कप की अपेक्षा प्लेट में हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं ?
उत्तर
वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है। प्लेट की खुली सतह का क्षेत्रफल कप के क्षेत्रफल से अधिक होता है। अत: प्लेट में दूध या चाय का वाष्पीकरण कप की अपेक्षा तेजी से होता है, जिससे वे जल्दी ठंडे हो जाते हैं। इसी कारण प्लेट से हम दूध या चाय जल्दी पी लेते हैं।
प्रश्न 5.
गर्मियों में हमें किस प्रकार के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर:
हमें गर्मियों में सूती कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि सूती कपड़ों में जल का अवशोषण अधिक होता है, इसलिए हमारा पसीना इसमें अवशोषित होकर वायुमण्डल में आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है। इससे हमारे शरीर को शीतलता मिलती है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें।
(a) 300K
(b) 573K
उत्तर:
(a) सेल्सियस (°C) = K - 273
∴ °C = 300K - 273
⇒ °C = 27°C
(b) °C = K - 273.
∴ °C = 573K - 273
⇒ °C = 300°C
प्रश्न 2.
निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें।
(a) 25°C
(b) 373°C
उत्तर:
(a) केल्विन (K) = °C + 273
= 25 + 273 = 298K
(b) K = °C + 273
= 373 + 273 = 646K
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें
(a). नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
(b). हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
उत्तर:
(a). नैफ्थलीन एक ऊर्ध्वपातज पदार्थ है जो ठोस अवस्था से सीधे ही गैसीय अवस्था में बदल जाती है। यही कारण है कि नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
(b). हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुंच जाती है क्योंकि गंध या महक के कण अपने आप ही वायु के कणों में विसरित होकर दूर - दूर तक फैल जाते हैं।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें।
(a) जल
(b) चीनी
(c) ऑक्सीजन।
उत्तर:
उपरोक्त पदार्थों में कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण का क्रम निम्न है।
ऑक्सीजन < जल < चीनी
प्रश्न 5.
निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है?
(a) 25°C
(b) 0°C
(c) 100°C
उत्तर:
तापमान जल की भौतिक अवस्था।
तापमान |
जल की भौतिक अवस्था |
(a) 25°C |
द्रव |
(b) 0°C |
ठोस |
(c) 100°C |
गैसीय (वाष्प) |
प्रश्न 6.
पुष्टि हेतु कारण दें।
(a). जल कमरे के ताप पर द्रव है।
(b). लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
उत्तर:
(a). जल का कोई निश्चित आकार नहीं होता है तथा यह उसी बर्तन का आकार ग्रहण कर लेता है, जिसमें इसको रखा जाता है। इसी कारण जल कमरे के ताप पर द्रव होता है।
(b). लोहे की अलमारी के पदार्थ का गलनांक कमरे के ताप से अधिक होता है तथा इसका आकार निश्चित होता है। इस कारण यह कमरे के ताप पर ठोस है।
प्रश्न 7.
273K पर बर्फ को ठण्डा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठण्डा करने पर बर्फ द्वारा शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?
उत्तर:
273K पर बर्फ के कणों की ऊर्जा, जल के कणों की ऊर्जा की अपेक्षा कम होती है। इस कारण बर्फ वातावरण से जल की अपेक्षा अधिक ऊष्मा अवशोषित करने की क्षमता रखती है। इसीलिए समान ताप होने पर भी बर्फ, जल की अपेक्षा अधिक शीतलता प्रदान करती है।
प्रश्न 8.
उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती है ?
उत्तर:
उबलते हुए जल की तुलना में भाप द्वारा जलने की तीव्रता अधिक होती है, क्योंकि समान ताप पर भाप के कणों की ऊर्जा जल के कणों की ऊर्जा से अधिक होती है। ऐसा भाप के कणों के द्वारा वाष्पन की गुप्त ऊष्मा के रूप में अवशोषित अतिरिक्त ऊर्जा के कारण होता है। अतः जब भाप हमारी त्वचा को लगती है तो समान ताप (373K) पर उबलते हुए जल की अपेक्षा अधिक ऊर्जा मुक्त करती है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित चित्र के लिए A, B, C, D,
उत्तर:
A - संगलन (गलन)
B - वाष्पीकरण
C - संघनन
D - जमना (हिमीकरण)
E - ऊर्ध्वपातन
F - निक्षेपण