Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 4 आदिवासी, दीकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना Textbook Exercise Questions and Answers.
गतिविधि (पृष्ठ 42)
प्रश्न 1.
बैगा औरतें और मर्द जो काम करते हैं, उनको ध्यान से पढ़ें। क्या आपको उनमें कोई क्रम दिखाई देता है? उनके कामों में क्या फर्क थे?
उत्तर:
हाँ, हमें उनके कार्यों में समय के आधार पर एक निश्चित क्रम दिखाई देता है। इसी क्रम में उनके मध्य कामों में भी निम्नानुसार अन्तर दिखाई देता है-
फिर से याद करें-
प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरें :
(क) अंग्रेजों ने आदिवासियों को .............. के रूप में वर्णित किया।
(ख) झूम खेती में बीज बोने के तरीके को ........... कहा जाता है।
(ग) मध्य भारत में ब्रिटिश भूमि बंदोबस्त के अंतर्गत आदिवासी मुखियाओं को ............... स्वामित्व मिल गया।
(घ) असम के .............. और बिहार की ......... में काम करने के लिए आदिवासी जाने लगे।
उत्तर:
(क) जंगली और बर्बर
(ख) छितराना,
(ग) भूमि का
(घ) चाय बागानों, कोयला खदानों।
प्रश्न 2.
सही या गलत बताएँ :
(क) झूम काश्तकार जमीन की जुताई करते हैं और बीज रोपते हैं।
(ख) व्यापारी संथालों से कृमिकोष खरीदकर उसे पाँच गुना ज्यादा कीमत पर बेचते थे।
(ग) बिरसा ने अपने अनुयायियों का आह्वन किया कि वे अपना शुद्धिकरण करें, शराब पीना छोड़ दें और डायन व जादूटोने जैसी प्रथाओं में यकीन न करें।
(घ) अंग्रेज आदिवासियों की जीवन पद्धति को बचाए रखना चाहते थे।
उत्तर:
(क) गलत,
(ख) सही,
(ग) सही,
(घ) गलत।
आइए विचार करें-
प्रश्न 3.
ब्रिटिश शासन में घुमंतू काश्तकारों के सामने कौनसी समस्याएँ थीं?
उत्तर:
ब्रिटिश शासन में घुमंतू काश्तकारों के सामने निम्न समस्याएँ थीं-
प्रश्न 4.
औपनिवेशिक शासन के तहत आदिवासी मुखियाओं की ताकत में क्या बदलाव आए?
उत्तर:
औपनिवेशिक शासन के तहत आदिवासी मुखियाओं की ताकत में निम्न महत्त्वपूर्ण बदलाव आए-
प्रश्न 5.
दीकुओं से आदिवासियों के गुस्से के क्या कारण थे?
उत्तर:
आदिवासी लोग मिशनरी, महाजन, हिंदू भू-स्वामियों तथा अंग्रेज अधिकारियों को दीकु (बाहरी लोग) मानते थे। दीकुओं से आदिवासियों के गुस्से के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे-
प्रश्न 6.
बिरसा की कल्पना में स्वर्ण युग किस तरह का था? आपकी राय में यह.कल्पना लोगों को इतनी आकर्षक क्यों लग रही थी?
उत्तर:
(1) बिरसा की कल्पना में स्वर्ण युग निम्न प्रकार का था-
(2) बिरसा की यह कल्पना लोगों को इसलिए आकर्षक लग रही थी कि उन्हें विगत समय में मिशनरियों, भूस्वामियों, महाजनों तथा ब्रिटिश अधिकारियों के शोषण का शिकार होना पड़ा था। ब्रिटिश शोषक नीतियों ने उनसे उनके कई पारंपरिक अधिकार छीन लिए थे।