RBSE Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 8 Social Science Solutions History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है

RBSE Class 8 Social Science व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है InText Questions and Answers

गतिविधि (पृष्ठ 18) 

प्रश्न 1.
कल्पना कीजिए कि आपको श्रीरंगपट्म के युद्ध और टीपू सुल्तान की मौत के बारे में खबर देने वाले दो पुराने अखबार मिलते हैं। एक अखबार ब्रिटेन का है और दूसरा मैसूर का है। दोनों अखबारों के लिए इन घटनाओं के बारे में एक-एक सुखी लिखिए। 
उत्तर:
(1) ब्रिटिश अखबार के लिए सुखी-
"टीपू सुल्तान मारा गया-कम्पनी ने सफलता का परचम फहराया" 
(2) मैसूर के अखबार के लिए सुर्थी-
" 'शेर-ए-मैसूर' टीपू सुल्तान शहीद हो गये"

RBSE Class 8 Social Science व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

प्रश्न 1. 
निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ-

दीवानी

टीपू सुल्तान

'शेर-ए-मैसूर'

भूराजस्व वसूल करने का अधिकार 

फौजीदारी अदालत

सिपॉय 

रानी चेन्नम्मा

भारत का पहला गवर्नर-जनरल 

सिपाही

फौजदारी अदालत  

वॉरेन हेस्टिंग्स

कित्तूर में अंग्रेज-विरोधी आन्दोलन का नेतृत्व किया 

उत्तर:

दीवानी

भूराजस्व वसूल करने का अधिकार

'शेर-ए-मैसूर'

टीपू सुल्तान

फौजीदारी अदालत

फौजीदारी अदालत

रानी चेन्नम्मा

कित्तूर में अंग्रेज-विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया

सिपाही

सिपॉय 

वॉरेन हेस्टिंग्स

भारत का पहला गवर्नर-जनरल 

RBSE Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 2 व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है

प्रश्न 2. 
रिक्त स्थान भरें-
(क) बंगाल पर अंग्रेजों की जीत .............. की जंग से शुरू हुई थी।
(ख) हैदर अली और टीपू सुल्तान .............. के शासक थे। 
(ग) डलहौजी ने .............. का सिद्धान्त लागू किया। 
(घ) मराठा रियासतें मुख्य रूप से भारत के ............... भाग में स्थित थीं। 
उत्तर:
(क) प्लासी, 
(ख) मैसूर, 
(ग) विलय, 
(घ) दक्षिणी-पश्चिमी। 

प्रश्न 3. 
सही या गलत बताएँ: 
(क) मुगल साम्राज्य अठारहवीं सदी में मजबूत होता गया। 
(ख) इंग्लिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी भारत के साथ व्यापार करने वाली एकमात्र यूरोपीय कम्पनी थी।
(ग) महाराजा रणजीत सिंह पंजाब के राजा थे। 
(घ) अंग्रेजों ने अपने कब्जे वाले इलाकों में कोई शासकीय बदलाव नहीं किए। 
उत्तर:
(क) गलत, 
(ख) गलत, 
(ग) सही, 
(घ) गलत। 

आइए विचार करें-

प्रश्न 4. 
यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थीं? 
उत्तर:
यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ भारत के साथ व्यापार में अपार सम्भावनाएँ देखती थीं। यूरोप के बाजारों में भारतीय सूती कपड़े, रेशम, कालीमिर्च, लौंग, इलायची, दालचीनी आदि की जबर्दस्त माँग थी। वे भारत में सस्ती कीमतों पर ये चीजें खरीदकर वापस यूरोप जाकर उन्हें ऊँची कीमतों पर बेच सकती थीं। इसी व्यापारिक सम्भावना के कारण वे भारत की ओर आकर्षित हो रही थीं। 

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प्रश्न 5. 
बंगाल के नवाबों और ईस्ट इण्डिया कम्पनी के बीच किन बातों पर विवाद थे? 
उत्तर:
बंगाल के नवाबों और ईस्ट इण्डिया कम्पनी के बीच निम्नलिखित बातों पर विवाद थे-
I. बंगाल के नवाबों की माँगें तथा आरोप-

  • नवाबों ने कम्पनी को व्यापारिक छूट देने से मना कर दिया था। 
  • उन्होंने कम्पनी को व्यापारिक अधिकार देने के लिए नजरानों की माँग की। 
  • उन्होंने कम्पनी को सिक्का ढालने का अधिकार देने से मना कर दिया तथा किलाबंदी का विस्तार करने से रोक दिया। 
  • नवाबों ने कम्पनी पर कर अदा नहीं करने के साथसाथ असम्मानजनक पत्र लिखने का आरोप लगाया। 

II. कम्पनी के द्वारा नवाबों पर आरोप-

  • नवाब के स्थानीय अधिकारी अपनी माँगों से कम्पनी के व्यापार को नष्ट कर रहे थे। 
  • कम्पनी को अत्यधिक चुंगी कर देना पड़ रहा था।
  • कम्पनी को अपनी आबादी बढ़ाने तथा किलों के पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं थी। 

प्रश्न 6. 
दीवानी मिलने से ईस्ट इण्डिया कम्पनी को किस तरह फायदा पहुँचा? 
उत्तर:
सन् 1765 में ईस्ट इण्डिया कम्पनी को बंगाल की दीवानी मिल गई। दीवानी मिलने से ईस्ट इण्डिया कम्पनी को निम्नलिखित रूप से फायदा पहुँचा-

  • दीवानी मिलने के कारण कम्पनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों पर नियन्त्रण मिल गया। 
  • भारत में चीजों के खरीदने के लिए कम्पनी को अब ब्रिटेन से सोना-चाँदी नहीं मँगाना पड़ता था।
  • बंगाल से प्राप्त राजस्व से कम्पनी अब भारत में सूती और रेशमी कपड़ा खरीद सकती थी, अपनी फौजों को सँभाल सकती थी और कलकत्ता में किले और दफ्तरों के निर्माण की लागत उठा सकती थी। 

प्रश्न 7. 
ईस्ट इण्डिया कम्पनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी?
उत्तर:
ईस्ट इण्डिया कम्पनी निम्नलिखित कारणों से टीप |सुल्तान को खतरा मानती थी-

  • टीपू सुल्तान बहुत महत्त्वाकांक्षी था तथा अंग्रेजों को अपना दुश्मन मानता था। 
  • मालाबार तट पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत (टीपू) के नियन्त्रण में था जहाँ से कम्पनी काली मिर्च और इलायची खरीदती थी। 
  • 1785 में टीपू ने अपनी रियासत में पड़ने वाले बन्दरगाहों से चंदन की लकड़ी, काली मिर्च और इलायची का निर्यात रोक दिया था।
  • टीपू सुल्तान ने स्थानीय व्यापारियों को भी कम्पनी के साथ व्यापार करने की मनाही कर दी थी। 
  • इसके अतिरिक्त टीपू का फ्रांसीसी व्यापारियों से घनिष्ठ सम्बन्ध था जिसने सेना के आधुनिकीकरण में उसकी मदद की थी।

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प्रश्न 8. 
'सब्सिडियरी एलायंस' (सहायक संधि) व्यवस्था की व्याख्या करें।
उत्तर:
कम्पनी द्वारा रियासतों पर नियन्त्रण बढ़ाने के उद्देश्य से सब्सिडियरी एलायंस (सहायक संधि) व्यवस्था लागू की गई। सहायक संधि व्यवस्था की प्रमुख शर्ते निम्न थीं-

  • सहायक सन्धि व्यवस्था को अपनाने वाले भारतीय शासकों को अपने दरबार में एक अंग्रेज अधिकारी भी रखना होता था जो रेजीडेन्ट कहलाता था।
  • सहायक सन्धि व्यवस्था को अपनाने वाले भारतीय शासकों को अपनी स्वतन्त्र सेनाएँ रखने की इजाजत नहीं थी।
  • इन शासकों की सुरक्षा का भार कम्पनी पर था किन्तु इसके लिए शासकों को शुल्क देना पड़ता था। 
  • यदि भारतीय शासक समय पर शुल्क अदा नहीं कर पाते थे तो दण्ड के रूप में शुल्क के बराबर के राजस्व वाला क्षेत्र शासक से छीन लिया जाता था। 

प्रश्न 9. 
कम्पनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था? 
उत्तर:
(1) कम्पनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से बहुत भिन्न था। यद्यपि भारतीय राजाओं ने भी अपने राज्य को प्रशासनिक तथा राजस्व की विभिन्न इकाइयों में विभाजित कर रखा था। किन्तु ये इकाइयाँ ब्रिटिश प्रशासनिक एवं राजस्व इकाइयों की तरह प्रभावी नहीं थीं। अंग्रेजों ने प्रेसीडेंसी के रूप में एक नई प्रशासनिक इकाई बनाई जिसका मुखिया गवर्नर होता था। इनसे भी ऊपर एक गवर्नर-जनरल होता था। 

(2) कम्पनी शासन द्वारा पुलिस तथा राजस्व व्यवस्था में काफी सुधार किए गए थे। 

(3) भारतीय राजाओं के तहत न्यायिक व्यवस्था प्रभावी नहीं थी। एक ही अदालत द्वारा दीवानी तथा फौजदारी दोनों तरह के मुकदमे सुने जाते थे। कम्पनी ने एक आधुनिक एवं विकसित न्यायिक व्यवस्था की स्थापना की। 1773 के रेग्युलेटिंग एक्ट के तहत एक नये सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई। प्रत्येक जिले में अलग-अलग दीवानी तथा फौजदारी अदालतों की स्थापना की गई। 

(4) पहले ब्राह्मण पंडित धर्मशास्त्र की अलग-अलग शाखाओं के हिसाब से स्थानीय कानूनों की अलग-अलग व्याख्या कर देते थे। कानूनों में समरूपता लाने के लिए अंग्रेजों ने 1775 में 11 पंडितों से भारतीय कानूनों का एक संकलन तैयार कराया। इसी प्रकार मुस्लिम कानूनों की भी एक संहिता तैयार कराई गई। इससे कानूनों की व्याख्या में भिन्नता समाप्त हुई।

(5) कम्पनी के शासन में प्रशासनिक समरूपता थी। 

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प्रश्न 10. 
कम्पनी की सेना की संरचना में आए बदलावों का वर्णन करें। 
उत्तर:
कम्पनी की सेना की संरचना में निम्न बदलाव आये-

  • कम्पनी ने सेना के लिए भर्ती शुरू कर उन्हें पेशेवर सैनिक प्रशिक्षण दिया। 
  • युद्ध की तकनीकं बदलने के कारण, सेना में घुड़सवार टुकड़ियों की आवश्यकता कम होती गई तथा पैदल टुकड़ियाँ महत्त्वपूर्ण होती गईं। 
  • सैनिकों को आधुनिक हथियारों मस्केट (तोड़ेदार बन्दूक) तथा मैचलॉक से लैस किया जाने लगा। 
  • सैनिकों को यूरोपीय ढंग का प्रशिक्षण, अभ्यास तथा अनुशासन सिखाया जाने लगा। 
  • कंपनी पेशेवर सिपाहियों की सेना खड़ी करती जा रही थी लेकिन इस चक्कर में कई बार जाति और समुदाय की भावनाओं को नजरअंदाज कर जाते थे।
admin_rbse
Last Updated on May 30, 2022, 3:36 p.m.
Published May 30, 2022