Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 1 कैसे, कब और कहाँ Textbook Exercise Questions and Answers.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 8. Students can also read RBSE Class 8 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 8 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. Go through these class 8 history chapter 6 questions and answers in hindi and get deep explanations provided by our experts.
गतिविधि (पृष्ठ 1)
प्रश्न 1.
चित्रं 1 (पाठ्यपुस्तक) को ध्यान से देखें। यह चित्र किस प्रकार उपनिवेशवाद का बोध कराता है?
उत्तर:
इस चित्र में ब्राह्मणों को ब्रिटिश सत्ता की प्रतीक ब्रिटेनिया को शास्त्र भेंट करते हुए दर्शाया गया है वे उसे अपने प्राचीन पवित्र ग्रन्थ सौंप रहे हैं। इससे पता चल रहा है कि ब्रिटिश सत्ता ने भारत पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है तथा उससे भारतीय संस्कृति की रक्षा करने का आग्रह किया जा रहा है।
गतिविधि (पृष्ठ 7)
प्रश्न 1.
स्रोत 1 और 2 को देखें। क्या आपको प्रतिवेदनों के स्वरूप में कोई फर्क दिखाई देता है। बताएँ कि आपको क्या फर्क लगता है?
उत्तर:
हमें दोनों प्रकार के प्रतिवेदनों के स्वरूप में मौलिक फर्क दिखाई देता है। दोनों प्रकार के प्रतिवेदनों का स्वरूप अलग-अलग प्रकार का है। जहाँ स्रोत 1 में सरकारी कर्मचारियों द्वारा गृह विभाग को रिपोर्ट भेजी गई हैं वहीं स्रोत 2 में अखबार द्वारा दी गई रिपोर्ट है। स्रोत 1 की रिपोर्ट में विद्रोहियों के विरुद्ध की गयी कार्यवाही का वर्णन किया गया है। यह रिपोर्ट उन कारणों को भी नहीं बताती जिनकी वजह से ऐसी स्थिति आई। साथ ही यह रिपोर्ट उन कारणों को भी नहीं बताती है कि ऐसी स्थिति आई क्यों थी। यह विद्रोहियों के पक्ष को उजागर नहीं करती है। दूसरी ओर, स्रोत 2 की रिपोर्ट मीडिया के निष्पक्ष रिपोर्टिंग का एक उदाहरण है। इसमें वर्णन है कि पुलिस ने हड़ताल क्यों की थी, हड़ताल कहाँ और कैसे हुई थी। अतः यह प्रतिवेदन अधिक वास्तविक है। यह मानवतावाद के विरुद्ध सरकार की प्रवृत्ति को उजागर करता है।
आइए कल्पना करें (पृष्ठ 8)
प्रश्न 1.
कल्पना कीजिए कि आप इतिहासकार हैं। आप यह पता लगाना चाहते हैं कि आजादी मिलने के बाद एक दुर्गम आदिवासी इलाके की खेती में क्या बदलाव आए हैं। इन जानकारियों को ढूँढ़ने के विभिन्न तरीकों की सूची बनाएँ।
उत्तर:
किसी दुर्गम आदिवासी इलाके की खेती में आए परिवर्तन के बारे में जानकारियाँ एकत्र करने के कुछ तरीके निम्न प्रकार हैं-
फिर से याद करें-
प्रश्न 1.
सही और गलत बताएँ-
(क) जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, तीन काल खण्डों में बाँट दिया था।
(ख) सरकारी दस्तावेजों से हमें ये समझने में मदद मिलती है कि आम लोग क्या सोचते हैं।
(ग) अंग्रेजों को लगता था कि सही तरह शासन चलाने के लिए सर्वेक्षण महत्त्वपूर्ण होते हैं।
उत्तर:
(क) गलत (स्पष्टीकरण-जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिन्दू, मुस्लिम, ब्रिटिश तीन काल खण्डों में बाँटा था।)
(ख) गलत
(ग) सही।
आइए विचार करें-
प्रश्न 2.
जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल-खण्डों में बाँटा है, उसमें क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर:
जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को तीन कालखण्डों-हिन्दू, मुस्लिम तथा ब्रिटिश में बाँटा उसके अनुसार भारत में अंग्रेजों के आने से पहले यहाँ हिन्दू तथा मुस्लिम तानाशाहों का ही राज चलता था। जेम्स मिल द्वारा भारतीय इतिहास के इस तरह किये गये कालखण्डों के विभाजन में अनेक समस्याएँ हैं, जो निम्न प्रकार हैं-
प्रश्न 3.
अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को किस तरह सुरक्षित रखा?
उत्तर:
अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए सभी शासकीय संस्थानों में अभिलेख कक्ष बनवाये। उन्होंने तहसील के दफ्तरों, कलेक्टरेट, कमिश्नर के दफ्तर, प्रान्तीय सचिवालय, कचहरी आदि सभी के लिए उनके पृथक्-पृथक् रिकॉर्ड रूम बनवाये, जिनमें सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाता था। महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों को बचाकर रखने के लिए अभिलेखागार (आर्काइव) तथा संग्रहालय जैसे संस्थान भी बनाये गये। उन्नीसवीं सदी के शुरुआती वर्षों में सुलेखनवीसों द्वारा दस्तावेजों की नकलें बनवाई जाती थीं। बाद में छपाई तकनीक द्वारा सरकारी दस्तावेजों की अनेक प्रतियाँ बनाई जाने लगीं।
प्रश्न 4.
इतिहासकार पुराने अखबारों से जो जानकारी जुटाते हैं वह पुलिस की रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी से किस तरह अलग होती है?
उत्तर:
इनमें मुख्य अन्तर निष्पक्षता का होता है। सामान्यतः अखबार की रिपोर्ट गलत नहीं होती। इन रिपोर्टों में घटनाओं का सही विवरण दिया जाता है। अखबार घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत नहीं करते हैं। ये घटनाओं का सही, विस्तृत और निष्पक्ष विवरण प्रस्तुत करते हैं। दूसरी तरफ पुलिस की रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी के पक्षपातपूर्ण होने की सम्भावना होती है। कई बार ये रिपोर्ट्स वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव में या उन्हें खुश करने के लिए लिखी जाती हैं। इन रिपोर्टों में जाँच अधिकारी व्यक्तिगत रूप से भी पक्षपात कर सकते हैं।
अतः यदि इतिहासकार केवल पुलिस रिपोर्यों से उपलब्ध जानकारी पर आधारित रहे तो सम्भव है कि गलत इतिहास प्रस्तुत होवे।