RBSE Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 कृषि

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 कृषि Textbook Exercise Questions and Answers.

RBSE Class 8 Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

RBSE Class 8 Social Science कृषि Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. 
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) कृषि क्या है? 
उत्तर:
कृषि एक प्राथमिक क्रिया है जिसमें फसलों, फलों, सब्जियों, फलों को उगाना तथा पशुपालन को शामिल किया जाता है। 

(ii) उन कारकों का नाम बताइए जो कृषि को प्रभावित कर रहे हैं।
उत्तर:
कृषि को अनेक कारक प्रभावित करते हैं जिसमें स्थलाकृति, मृदा और जलवायु प्रमुख हैं। 

(iii) स्थानान्तरी कृषि क्या है? इस कृषि की क्या हानियाँ हैं?
उत्तर:
स्थानान्तरी कृषि में वृक्षों को काटकर और जलाकर भूखण्ड साफ किए जाते हैं तथा जले वृक्षों की राख को मृदा में मिला दिया जाता है। इसके पश्चात् उस भूमि पर फसलों को उगाया जाता है। जब उस भूमि की उर्वरता खत्म हो जाती है तो कृषक वह भूमि छोड़ देता है तथा नई भूमि पर चला जाता है। इस प्रकार कृषक अपने परिवार की सहायता से स्थान-स्थान पर खेती करता है। 

स्थानान्तरी कृषि की हानियाँ-

  • इससे मृदा का क्षरण तथा अपरदन होता है
  • वन क्षेत्रों को हानि पहुँचती है। 
  • इस प्रकार की कृषि से वनस्पति नष्ट हो जाती है। 

RBSE Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 कृषि

(iv) रोपण कृषि क्या है? 
उत्तर:
रोपण कृषि-एक बड़े भू-भाग पर किसी एक विशेष फसल की खेती करना रोपण कृषि कहलाती है। रोपण कृषि वाणिज्यिक कृषि का ही एक प्रकार है जहाँ चाय, कॉफी, काजू, रबड़, केला, कपास आदि की एकल फसल उगाई जाती है। इस प्रकार की कृषि में वृहद् पैमाने पर श्रम और पूँजी की आवश्यकता होती है। उत्पादन का प्रसंस्करण भी खेतों पर ही या निकट के कारखाने में किया जा सकता है। रोपण कृषि के मुख्य क्षेत्र विश्व के उष्णकटिबन्धीय प्रदेशों में पाए जाते हैं। मलेशिया में रबड़, ब्राजील में कहवा, भारत और श्रीलंका में चाय इसके कुछ उदाहरण हैं।

(v) सरकार किसानों को कृषि के विकास में किस प्रकार मदद करती है? 
उत्तर:
सरकार किसानों को कृषि के विकास में कई प्रकार से सहायता करती है। सरकार ने यह व्यवस्था की है कि कृषक चाहें तो सरकारी कृषि अधिकारियों से सलाह कर सकते हैं। सरकार कृषकों को रियायती दरों पर उन्नत बीज, खाद, मशीनें आदि उपलब्ध करवाती है। किसानों को रियायती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है जिससे वे कृषि वित्त की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। इसके अतिरिक्त अति उत्पादन की स्थिति में सरकार न्यूनतम समर्थन कीमतों पर कृषकों का उत्पाद स्वयं खरीदती है ताकि उन्हें किसी प्रकार की वित्तीय हानि न हो पाए। हाल के वर्षों में सरकार ने भंडारण की सुविधाओं के विकास के लिए भी अनेक कदम उठाये हैं। 

प्रश्न 2. 
सही उत्तर को चिह्नित कीजिए-
(i) उद्यान कृषि का अर्थ है-
(क) गेहूँ उगाना 
(ख) आदिम कृषि 
(ग) फलों व सब्जियों को उगाना। 
उत्तर:
(ग) फलों व सब्जियों को उगाना।

RBSE Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 कृषि

(ii) सुनहरा रेशा' से अभिप्राय है-
(क) चाय 
(ख) कपास 
(ग) पटसन। 
उत्तर:
(ग) पटसन। 

(iii) कॉफी का प्रमुख उत्पादक है-
(क) ब्राजील 
(ख) भारत 
(ग) रूस। 
उत्तर:
(क) ब्राजील 

प्रश्न 3. 
कारण बतायें: 
(i) भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है। 
(ii) विभिन्न फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती हैं।
उत्तर:
(i) प्राथमिक क्रिया के अन्तर्गत उन सभी क्रियाओं को शामिल किया जाता है जिनका सम्बन्ध प्राकृतिक संसाधनों |के उत्पादन और निष्कर्षण से है, जैसे-कृषि। भारत ऐसा देश है जहाँ पर दो-तिहाई जनसंख्या कृषि एवं उसकी सहायक क्रियाओं में संलग्न है। भारत में प्राचीन समय से ही अधिकांश जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय कृषि रहा है अतः भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है। 

(ii) विभिन्न फसलों हेतु भिन्न-भिन्न मृदा एवं जलवायु की आवश्यकता होती है अतः विभिन्न प्रदेशों की जलवायु एवं मृदा भिन्न-भिन्न होने के कारण वहाँ के अनुसार विभिन्न फसलें उगाई जाती हैं। 

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प्रश्न 4. 
अन्तर स्पष्ट कीजिए-
(i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ
(ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि। 
उत्तर:
(i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ-

प्राथमिक क्रियाएँ 

तृतीयक क्रियाएँ 

1. प्राथमिक क्रियाओं में उन क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है जिनका सम्बन्ध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से है।

1. तृतीयक क्रियाएँ वे होती हैं जो प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रों के विकास में सहयोग प्रदान करती हैं।

2. प्राथमिक क्रियाएँ प्रायः एक परिवार के सदस्य मिलकर करते हैं।

2. तृतीयक क्षेत्र की क्रियाएँ कई लोग मिलकर करते है।

3. उदाहरण-कृषि, पशु-पालन, मत्स्य-पालन आदि।

3. उदाहरण-बैंकिंग, बीमा, परिवहन आदि।

(ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि-

निर्वाह कृषि

गहन कृषि

1. इसके अन्तर्गत खेतों पर परिवार के लोगों द्वारा जीवन निर्वाह हेतु फसलों का उत्पादन किया जाता है।

1. गहन कृषि में किसान छोटे खेतों पर अधिक श्रम व संसाधनों की सहायता से कई फसलें उत्पादित करते हैं। 

2. निर्वाह कृषि में अधिकांश कार्य हाथों से ही किया जाता है।

2. गहन कृषि में अधिकांश कार्य मशीनों द्वारा किया जाता है।

3. निर्वाह कृषि में पूँजी की कम आवश्यकता पड़ती है।

3. गहन कृषि में पूँजी की अधिक आवश्यकता पड़ती है। 

4. निर्वाह कृषि में निम्न प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है।

4. गहन कृषि में उच्च प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पड़ती है।

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Last Updated on June 3, 2022, 9:58 a.m.
Published June 2, 2022