Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध Textbook Exercise Questions and Answers.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 8. Students can also read RBSE Class 8 Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 8 Science Notes to understand and remember the concepts easily. Browsing through class 8 science chapter 14 extra questions that includes all questions presented in the textbook.
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प्रश्न 1.
हम खुरपी, दरांती, बेलचा, हल इत्यादि औजारों का उपयोग कहाँ और कैसे करते हैं?
उत्तर:
हम खुरपी, दरांती, बेलचा, हल इत्यादि औजारों का उपयोग खेतों में कृषि कार्य में करते हैं।
खुरपी: इसकी सहायता से हम क्यारी बनाने के लिए मिट्टी खोदते हैं तथा खरपतवार को भी हटाते हैं।
दरांती: इसकी सहायता से हम फसल काटते हैं।
बेलचा: इसका प्रयोग मिट्टी, अनाज आदि को उठाकर टोकरों में भरने के लिए किया जाता है।
हल: जुताई, भूमि में खाद / उर्वरक मिलाने तथा मिट्टी खुरचने के लिए हल का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 2.
हम अपने देश के इतने अधिक लोगों को भोजन किस प्रकार उपलब्ध करा सकते हैं?
उत्तर:
हम अपने देश के इतने अधिक लोगों को भोजन इसके बड़े स्तर पर एवं नियमित उत्पादन, उचित प्रबन्धन तथा वितरण द्वारा उपलब्ध करा सकते हैं।
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प्रश्न 3.
धान को शीत ऋतु में क्यों नहीं उगाया जा सकता?
उत्तर:
धान को बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है। अतः इसे शीत ऋतु में नहीं उगाया जा सकता। इसे वर्षा ऋतु में उगाते हैं।
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प्रश्न 4.
बीजों को पानी में डालकर रखने पर कुछ मिनट पश्चात् कुछ बीज पानी के ऊपर क्यों तैरने लगते हैं?
उत्तर:
कुछ बीज क्षतिग्रस्त होते हैं जिससे वे खोखले हो जाते हैं। इस कारण वे हल्के होते हैं और पानी पर तैरने लगते हैं।
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प्रश्न 5.
कुछ पौधे अन्य पौधों की तुलना में ज्यादा अच्छी तरह से क्यों उगते हैं?
उत्तर:
जिन पौधों को पानी, खनिज पदार्थ, खाद तथा उर्वरक पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं वे उन पौधों की आंक्षा, जिन्हें ये पदार्थ उचित मात्रा में न मिले हों, ज्यादा अच्छी तरह से उगते हैं।
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प्रश्न 6.
खेत में फसल के साथ कुछ अन्य पौधे भी उग रहे हैं। क्या ये अन्य पौधे विशेष उद्देश्य के लिए उगाये गए हैं?
उत्तर:
नहीं, ये अन्य पौधे किसी विशेष उद्देश्य के लिए नहीं उगाये गये हैं। ये अवांछित पौधे होते हैं जो फसल के साथ प्राकृतिक रूप से उग जाते हैं। इन्हें खरपतवार कहते हैं।
प्रश्न 7.
क्या खरपतवारनाशी का प्रभाव इसको छिड़कने वाले व्यक्ति पर भी पड़ता है?
उत्तर:
हाँ, खरपतवारनाशी का प्रभाव इसको छिड़कने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। ये विथैले रसायन होते हैं। अत: छिड़काव करते समय उन्हें अपना मुंह एवं नाक कपड़े से ढक लेनी चाहिए।
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प्रश्न 8.
अनाज रखे लोहे के ड्रम में नीम की सूखी पत्तियाँ क्यों रखते हैं?
उत्तर:
अनाज रखे लोहे के ड्रम में नीम की सूखी पत्तियाँ अनाज को कोयें से सुरक्षित रखने के लिए रखी जाती हैं।
प्रश्न 1.
उचित शब्द छाँटकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
तैरने, जल, फसल, पोषक, तैयारी
(क) एक स्थान पर एक ही प्रकार के बड़ी मात्रा में उगाए गए पौधों को ............... कहते हैं।
(ख) फसल उगाने से पहले प्रथम चरण में मिट्टी की ............... होती है।
(ग) क्षतिग्रस्त बीज जल की सतह पर ............... लगेंगे।
(घ) फसल उगाने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश एवं मिट्टी ............... से तथा ............... आवश्यक हैं।
उत्तर:
(क) फसल
(ख) तैयारी
(ग) तैरने
(घ) पोषक तत्व, जल।
प्रश्न 2.
'कॉलम A' में दिए गए शब्दों का मिलान 'कॉलम B' से कीजिए:
कॉलम A |
कॉलम B |
(i) खरीफ फसल |
(a) मवेशियों का चारा |
(ii) रबी फसल |
(b) यूरिया एवं सुपर फास्फेट |
(iii) रासायनिक उर्वरक |
(c) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष |
(iv) कार्बनिक खाद |
(d) गेहूँ, चना, मटर |
|
(e) धान एवं मक्का |
उत्तर:
कॉलम A |
कॉलम B |
(i) खरीफ फसल |
(e) धान एवं मक्का |
(ii) रबी फसल |
(d) गेहूँ, चना, मटर |
(iii) रासायनिक उर्वरक |
(b) यूरिया एवं सुपर फास्फेट |
(iv) कार्बनिक खाद |
(c) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष |
प्रश्न 3.
निम्न के दो - दो उदाहरण बीजिए
(क) खरीफ फसल
(ख) रबी फसल।
उत्तर:
(क) खरीफ फसल:
(ख) रबी फसल:
प्रश्न 4.
निम्न पर अपने शब्दों में एक - एक पैराग्राफ लिखिए:
(क) मिट्टी तैयार करना
(ख) बुआई
(ग) निराई
(घ) शिंग।
उत्तर:
(क) मिट्टी तैयार करना (Preparation of Soil):
फसल उगाने से पहले मिट्टी तैयार की जाती है। इसके लिए भूमि की मिट्टी को उलट - पलट कर पोली करते हैं, इससे जड़ें भूमि में गहराई तक जा सकती हैं। यह प्रक्रिया जुताई कहलाती है। इसे हल चलाकर करते हैं। ढीली मिट्टी के छिद्रों में उपस्थित वायु से फसल के पौधों की जड़ें श्वसन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी प्राप्त कर लेती हैं।
पोली मिट्टी, मिट्टी में रहने वाले केंचुओं और सूक्ष्म जीवों की वृद्धि करने में सहायता प्रदान करती है। यह जीव किसानों के मित्र हैं क्योंकि यह मिट्टी को पलटकर पोला करते हैं तथा ह्यूमस बनाते हैं। मिट्टी को उलटने - पलटने तथा पोला करने से पोषक पदार्थ ऊपर आ जाते हैं जिनका उपयोग पौधे आसानी से कर लेते हैं।
(ख) बुआई (Sowing):
फसलों के पौधे उगाने के लिए खेत की मिट्टी में बीज डालने की प्रक्रिया को बुआई कहते हैं। खेत की भूमि को हल से जोतने, समतल करने तथा खाद डालने के बाद उसमें उगाई जाने वाली फसल के बीज बोए जाते हैं। खेतों में बुआई के दो तरीके हैं:
(i) परम्परागत औजार द्वारा:
यह कीप के आकार का होता है। बीजों को कोप के अन्दर डालने पर यह दो या तीन नुकीले सिरे वाले पाइपों से गुजरते हैं। ये सिरे मिट्टी को भेदकर बीज को स्थापित कर देते हैं।
(ii) सीड ड्रिल द्वारा:
सीड ड्रिल नामक बीज बोने के यंत्र से भी बुआई की जाती है। इसके द्वारा बीजों में समान दूरी तथा गहराई बनी रहती है। बीजों की गुणवत्ता तथा बीज बोने का तरीका दोनों ही फसल उपजाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(ग) निराई (Weeding):
खेत में से खरपतवार हयने को निराई कहते हैं। निराई खेतों में आवश्यक है क्योंकि खरपतवार जल, पोषक, जगह और प्रकाश की स्पर्धा कर फसल की वृद्धि पर प्रभाव डालते हैं। निराई का कार्य खरपी या हैरो की सहायता से करते हैं। पौधों में पुष्पन एवं बीज बनने की प्रक्रिया से पहले खरपतवार पौधों को हाथ से जड़ सहित उखाड़कर अथवा भूमि के निकट से काटकर समयसमय पर हटा दिया जाता है।
यह कार्य खड़ी फसल वाले खेत में किया जा सकता है। फसल उगाने से पहले खेत जोतने से खरपतवार उखाड़ने एवं हटाने में सहायता मिलती है। इससे खरपतवार पौधे सूखकर मर जाते हैं और मिट्टी में मिल जाते हैं। यह कार्य हैरो (पटेले) से किया जाता है।
(घ) रेशिंग (Threshing):
काटी गई फसल से बीजों अथवा दानों को भूसे से अलग किया जाता है। यह कार्य श्रेशिंग कहलाता है। आजकल ग्रेशिंग (भूसे से बीजों अथवा दानों को अलग करना) का कार्य कॉम्बाइन मशीन द्वारा किया जाता है। यह मशीन वास्तव में तो हार्वेस्टर और प्रेशर का संयुक्त रूप ही होती है। छोटे खेत वाले किसान अनाज के दानों को फटक कर (विनोइंग) अलग करते हैं।
प्रश्न 5.
स्पष्ट कीजिए कि उर्वरक खाद से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
उर्वरक व खाद में अन्तर:
उर्वरक |
खाद |
1. उर्वरक रासायनिक पदार्थ हैं। |
1. खाद एक कार्बनिक (जैविक) पदार्थ है जो गोबर, मानव अपशिष्ट एवं पौधों के अवशेष के विघटन से प्राप्त होता। |
2. उर्वरक का उत्पादन फैक्ट्रियों में होता है। |
2. खाद खेतों में बनाई जा सकती है। |
3. उर्वरक से मिट्टी को झूमस प्राप्त नहीं होता। |
3. खाद से मिट्टी को प्रचुर मात्रा में ह्यूमस प्राप्त होता है। |
4. उर्वरक में पादप पोषक, जैसे कि नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटैशियम प्रचुरता में होते हैं। |
4. खाद में पादप पोषक तुलनात्मक रूप से कम होते हैं। |
प्रश्न 6.
सिंचाई किसे कहते हैं? जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सिंचाई - उचित समय एवं विभिन्न अंतराल पर खेत में जल देना सिंचाई कहलाता है। जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की विधियाँ:
(1) छिड़काव तंत्र (Sprinkler System):
इस विधि का उपयोग असमतल भूमि के लिए किया जाता है जहां पर जल कम मात्रा में उपलब्ध है। पाइपों के ऊपरी सिरों पर घूमने वाले नोजल लगे होते हैं। ये पाइप निश्चित दूरी पर मुख्य पाइप से गुड़े होते हैं। जब पम्प की सहायता से जल मुख्य पाइप में भेजा जाता है तो वह घूमते हुए नोजल से बाहर निकलता है। इसका छिड़काव पौधों पर इस प्रकार होता है जैसे वर्षा हो रही हो। छिड़काव बलुई मिट्टी के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
(2) डिप तंत्र (Drip System):
इस विधि में जल बूंद - बूंद करके पौधों की जड़ों में गिरता है। फलदार पौधों, बगीचों एवं वृक्षों को पानी देने का यह सर्वोत्तम तरीका है। इसमें पौधे को बूंद - बूंद करके जल प्राप्त होता है। इस विधि में जल बिल्कुल व्यर्थ नहीं होता।
प्रश्न 7.
यदि गेहूँ को खरीफ ऋतु में उगाया जाए तो क्या होगा? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
यदि गेहूं को खरीफ ऋतु में उगाया जाए तो वे नहीं उगेंगे क्योंकि उन्हें उगने के लिए अधिक जल की आवश्यकता नहीं होती। वर्षा ऋतु में जल की प्रचुरता में बीज नष्ट हो जायेंगे।
प्रश्न 8.
खेत में लगातार फसल उगाने से मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
खेत में लगातार फसलों के उगाने से मिट्टी में कुछ पोषक तत्वों की कमी आ जाती है। इससे मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है। इस क्षति को पूरा करने के लिए किसान खेत में खाद डालता है। अपर्याप्त खाद से पौधे कमजोर हो जाते हैं।
प्रश्न 9.
खरपतवार क्या है? हम उनका नियंत्रण कैसे कर सकते हैं?
उत्तर:
खरपतवार वे अवांछनीय पौधे (या जंगली पौधे) हैं जो खेत में बोई गई फसल के साथ अपने आप उग जाते हैं।
खरपतवार पर नियंत्रण:
इसके लिए खेत की निराई करते हैं। इस क्रिया में ऐसे पौधों को खेत में से हटा देते हैं। खरपतवार हटाने के लिए निम्न विधियाँ काम में लेते हैं:
1. पटे ले (या हैरो) द्वारा खरपतवार को हटाना:
जब फसल की बुआई से पहले हल चलाकर खेत को जोता जाता है तो उसमें लगे हुए अधिकतर खरपतवार हल चलाते समय जड़ सहित उखड़ जाते हैं और निकाल दिए जाते हैं। अब यदि खेत में पटेला (या हैरो) नामक कंपी जैसा उपकरण घुमा दिया जाए तो ये उखड़े हुए खरपतवार पटेले की छड़ों के साथ फैसकर खेत से बाहर निकल जाते हैं।
2. रसायनों के उपयोग से:
खरपतवार को नष्ट करने के लिए 2, 4D जैसे रसायनों का छिड़काव कर दिया जाता है। इससे खरपतवार पौधे भर जाते हैं किन्तु फसल को कोई हानि नहीं होती। खरपतवारनाशी को जल में आवश्यकतानुसार मिलाकर स्प्रेयर (फुहारा) की सहायता से खेत में छिड़काव करते हैं।
प्रश्न 10.
निम्न बॉक्स को सही क्रम में इस प्रकार लगाइए कि गन्ने की फसल उगाने का रेखाचित्र तैयार हो जाए:
उत्तर:
प्रश्न 11.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से पहेली को पूरा कीजिए:
ऊपर से नीचे की ओर
1. सिंचाई का एक पारंपरिक तरीका।
2. बड़े पैमाने पर पालतू पशुओं की उचित देखभाल करना।
3. फसल जिन्हें वर्षा ऋतु में बोया जाता है।
6. फसल पक जाने के बाद काटमा।
बाई से दाईं ओर
1. शीत ऋतु में उगाई जाने वाली फसलें।
4. एक ही किस्म के पौधे जो बड़े पैमाने पर उगाए जाते
5. रासायनिक पदार्थ जो पौधों को पोषक प्रदान करते
7. खरपतवार हटाने की प्रक्रिया।
उत्तर: