Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit Ruchira Chapter 13 क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत -
(क) इयं धरा कैः स्वर्णवद् भाति?
(ख) भारतस्वर्णभूमिः कुत्र राजते?
(ग) इयं केषां महाशक्तिभिः पूरिता?
(घ) इयं भूः कस्मिन् युतानाम् अस्ति?
(ङ) अत्र किं सदैव सुपूर्णमस्ति?
उत्तराणि :
(क) शस्यैः।
(ख) क्षितौ।
(ग) अणूनाम्।
(घ) प्रबन्धेः।
(ङ) खाद्यान्नभाण्डम्।
प्रश्न 2.
समानार्थकपदानि पाठात् चित्वा लिखत -
(क) पृथिव्याम् ................... (क्षितौ/पर्वतेषु/त्रिलोक्याम्)
(ख) सुशोभते ................... (लिखते/भाति/पिबति)
(ग) बुद्धिमताम् ................... (पर्वणाम्/उत्सवामाम्/विपश्चिज्जनानाम्)
(घ) मयूराणाम् .................. (शिखीनाम्/शुकानाम्/पिकानाम्)
(ङ) अनेकेषाम् .................... (जनानाम्/वैज्ञानिकानाम्/बहूनाम्)
उत्तरम् :
(क) पृथिव्याम् = क्षितौ।
(ख) सुशोभते = भाति।
(ग) बुद्धिमताम् = विपश्चिज्जनानाम्।
(घ) मयूराणाम् = शिखीनाम्।
(ङ) अनेकेषाम् = बहूनाम्।
प्रश्न 3.
श्लोकांशमेलनं कृत्वा लिखत -
(क) त्रिशूलाग्निनागैः नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्
पृथिव्यस्वघोरैः
(ख) सदा पर्वणामुत्सवानां जगद्वन्दनीया च भूः देवगेया
धरेयम्
(ग) वने दिग्गजानां तथा क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः
केशरीणाम्
(घ) सुपूर्ण सदैवास्ति अणूनां महाशक्तिभिः पूरितेयम्
खाद्यान्नभाण्डम्।
(ङ) इयं वीरभोग्या तथा तटीनामियं वर्तते भूधराणाम्।
कर्मसेव्या
उत्तरम् :
श्लोकांशमेलनम
(क) त्रिशूलाग्निनागैः पृथिव्यस्त्रघोरैः अणूनां महाशक्तिभिः पूरितेयम्।
(ख) सदा पर्वणामुत्सवानां धरेयम् क्षितौ राजते भारतस्वर्ण भूमिः।
(ग) वने दिग्गजानां तथा केशरीणाम् तटीनामियं वर्तते भूधराणाम्।
(घ) सुपूर्ण सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डम् नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्।
(ङ) इयं वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या जगद्वन्दनीया च भूः देवगेया।
प्रश्न 4.
चित्रं दृष्ट्वा (पाठात्) उपयुक्तपदानि गृहीत्वा वाक्यपूर्ति कुरुत -
उत्तरम् :
(क) अस्मिन् चित्रे एका नदी वहति।
(ख) नदी पर्वतात् निःसरति।
(ग) नद्या: जलं मधुरं भवति।
(घ) नदीजलेन शस्यसेचनं भवति।
(ङ) भारत: स्वर्णस्य भूमिः अस्ति।
प्रश्न 5.
चित्राणि दृष्ट्वा (मञ्जूषातः) उपयुक्तपदानि गृहीत्वा वाक्यपूर्ति कुरुत -
[अस्त्राणाम्, भवति, अस्त्राणि, सैनिकाः प्रयोगः, उपग्रहाणां]
उत्तरम् :
(क) अस्मिन् चित्रे अस्त्राणि दृश्यन्ते।
(ख) एतेषाम् अस्त्राणां प्रयोगः युद्धे भवति।
(ग) भारतः एतादृशानां अस्त्राणां प्रयोगेण विकसितदेशः मन्यते।
(घ) अत्र परमाणुशक्तिप्रयोगः अपि भवति।
(ङ) आधुनिकैः अस्त्रैः सैनिकाः अस्मान् शत्रुभ्यः रक्षन्ति।
(च) उपग्रहाणां सहायतया बहूनि कार्याणि भवन्ति।
प्रश्न 6.
(अ) चित्रं दृष्ट्वा संस्कृते पञ्चवाक्यानि लिखत।
उत्तरम् :
(क) अस्मिन् चित्रे दीपावली-पर्व दृश्यते।
(ख) चित्रे माता, पिता, पुत्री, पुत्रश्च दृश्यन्ते।
(ग) दीपावलिः अस्माकं प्रमुखपर्व वर्तते।
(घ) दीपावल्यां जनाः स्व-स्व गृहेषु दीपान् प्रज्वालयन्ति।
(ङ) रात्रौ सर्वे प्रसन्नतापूर्वकं मिष्टान्नं स्फोटकान् च वितरन्ति।
(आ) चित्रं दृष्ट्वा संस्कृते पञ्चवाक्यानि लिखत।
उत्तरम् :
(क) अस्मिन् चित्रे रक्षाबन्धनस्य दृश्यं वर्तते।
(ख) श्रावणमासस्य पूर्णिमायां रक्षा-बन्धनम् आयोज्यते।
(ग) अस्मिन् दिवसे भगिनी भ्रातुः हस्ते रक्षासूत्रं बध्नाति।
(घ) भ्राता भगिन्यै उपहारं ददाति।
(ङ) रक्षाबन्धनं भ्राता-भगिन्यो: स्नेहस्य पर्व वर्तते।
प्रश्न 7.
अत्र चित्रं दृष्ट्वा संस्कृतभाषया पञ्चवाक्येषु प्रकृतेः वर्णनं कुरुत।
उत्तरम् :
(क) अस्मिन् चित्रे एकस्य वनस्य दृश्यं वर्तते।
(ख) वनस्य प्राकृतिकशोभा रमणीया अस्ति।
(ग) वने बहवः वृक्षाः सन्ति।
(घ) वृक्षेषु खगाः कलरवं कुर्वन्ति।
(ङ) वने सिंहः मृगः, मयूरः च स्वच्छन्दं विचरन्ति।
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि प्रदत्तविकल्पेभ्य: चित्वा लिखत -
प्रश्न 1.
'क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः' इति पाठस्य क्रमः कः?
(अ) त्रयोदशः
(ब) द्वादशः
(स) चतुर्दशः
(द) एकादशः
उत्तर :
(अ) त्रयोदशः
प्रश्न 2.
भारतभूमिः कैः स्वर्णवद् भाति?
(अ) वनैः
(ब) भवनैः
(स) शस्यैः
(द) शस्त्रैः
उत्तर :
(स) शस्यैः
प्रश्न 3.
भारते नदीनां जलं केन तुल्यम् अस्ति?
(अ) विषेन
(ब) लवर्णन
(स) दुग्धेन
(द) अमृतेन
उत्तर :
(द) अमृतेन
प्रश्न 4.
'मयूराणाम्' इति पदस्य पर्यायपदं किम?
(अ) शुकानाम्
(ब) शिखीनाम्
(स) पिकानाम्
(द) कपोतानाम्
उत्तर :
(ब) शिखीनाम्
प्रश्न 5.
'पृथ्वी' इत्यर्थे किं पदमस्ति?
(अ) जरा
(ब) धरा
(स) सुरा
(द) गिरा
उत्तर :
(ब) धरा
प्रश्न 6.
'सदा राष्ट्ररक्षारतानां धरेयम्'-इत्यत्र अव्ययपदं किम्?
(अ) धरा
(ब) राष्ट्र
(स) इयम्
(द) सदा
उत्तर :
(द) सदा
प्रश्न 7.
'तटीनामिय ............. भूधराणाम्।' अत्र पूरणीयं क्रियापदं किम्?
(अ) वर्तते
(ब) वर्तेते
(स) वर्तन्ते
(द) वर्ते
उत्तर :
(अ) वर्तते
प्रश्न 8.
'सदा पर्वणामुत्सवानां धरेयम्'-अत्र सर्वनामपदं
किम्?
(अ) अयम्
(ब) सदा
(स) इयम्
(द) पर्वणाम्
उत्तर :
(स) इयम्
अतिलघूत्तरात्मकप्रश्ना:
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत -
(क) अत्र नदीनां जलं केन तुल्यमस्ति?
(ख) भारतभूमिः शस्यैः कथमिव भाति?
(ग) वीरभोग्या कर्मसेव्या च का अस्ति?
(घ) भारतभूमिः कैः गया?
(ङ) धरेयं कीदृशानां जनानां वर्तते?
उत्तराणि :
(क) पीयूषतुल्यम्
(ख) स्वर्णवत्
(ग) भारतभूमिः
(घ) देवैः
(ङ) बहूनां मतानाम्।
लघूत्तरात्मकप्रश्नाः
प्रश्न 1.
सुमेलनं कुरुत -
(क) (ख)
(i) सुपूर्ण सदैवास्ति तथा कर्मसेव्या
(ii) नदीनां जलं यत्र खाद्यान्नभाण्डम्
(iii) इयं वीरभोग्या भारतस्वर्णभूमिः
(iv) क्षितौ राजते पीयूषतुल्यम्
उत्तरम् :
(i) संपूर्ण सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डम्।
(ii) नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्।
(iii) इयं वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या।
(iv) क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः।
प्रश्न 2.
रेखाङ्कितपदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत।
उत्तरम् :
प्रश्न-निर्माणम्
प्रश्न 3.
अधोलिखितशब्दानां अर्थैः सह उचितमेलनं कुरुत
शब्दाः - अर्थाः
उत्तरम् :
शब्दाः - अर्थाः
पाठ-परिचय - प्रस्तुत पाठ्यांश डॉ. कृष्णचन्द्र त्रिपाठी द्वारा रचित है, जिसमें भारत के गौरव का गुणगान है। इसमें देश की खाद्यान्न सम्पन्नता, कलानुराग, प्राविधिक प्रवीणता, वन एवं सामरिक शक्ति की महनीयता को दर्शाया गया है। प्राचीन परम्परा, संस्कृति, आधुनिक मिसाइल क्षमता एवं परमाणु शक्ति सम्पन्नता के गीत द्वारा कवि ने देश की सामर्थ्यशक्ति का वर्णन किया है। छात्र संस्कृत के इन श्लोकों का सस्वर गायन करें तथा देश के गौरव को महसूस करें, इसी उद्देश्य से इन्हें यहाँ संकलित किया गया है।
पाठ के पद्यों के अन्वय, कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी भावार्थ -
सुपूर्ण सदैवास्ति ......................... राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वयः - यत्र सदैव खाद्यान्नभाण्डं सुपूर्णम् अस्ति, नदीनां जलं पीयूषतुल्यम् (अस्ति)। इयं धरा शस्यैः स्वर्णबद् भाति। क्षितौ इयं भारत-स्वर्णभूमिः राजते।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ : प्रस्तुत श्लोक में कवि भारत देश की महिमा का वर्णन करते हुए कहता है कि इस देश में हमेशा खाद्यान्न के भण्डार भरे हुए रहते हैं। यहाँ की नदियों का जल अमृत के समान है। धान आदि की फसलों से भारत की धरती स्वर्ण के समान सुशोभित होती है। इस पृथ्वी पर भारत की यह स्वर्णभूमि सुशोभित है।
त्रिशूलाग्निनागैः पृथिव्यस्त्रघोर: ...................... राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वयः - इयम् (धरा) त्रिशूलाग्निनागैः पृथिव्यस्त्रघोरैः अणूनां महाशक्तिभिः पूरिता (अस्ति)। इयम् सदा राष्ट्ररक्षारतानां धरा (अस्ति)। भारतस्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ - प्रस्तुत श्लोक में भारत की सैन्य समृद्धि का वर्णन करते हुए कहा गया है कि भारत देश की भूमि त्रिशूल, अग्नि, नाग, पृथ्वी तथा आकाश नामक पाँच आणविक महाशक्तियों वाले अस्त्रों से परिपूर्ण है। यह सदैव राष्ट्र रक्षा में तत्पर वीरों की धरती है। भारत-स्वर्णभूमि इस पृथ्वी पर सुशोभित है।
इयं वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या .................................. राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वयः - इयं भूः वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या जगद्वन्दनीया देवगेया च (अस्ति)। इयं सदा पर्वणाम् उत्सवानां (च) धरा। भारतस्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ - प्रस्तुत श्लोक में भारत की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया है कि भारत की यह भूमि वीरों द्वारा भोगने योग्य है तथा यहाँ कर्मशील लोग ही निवास करते हैं। यह संसार में सभी के द्वारा वन्दनीय है। देवता भी इसकी प्रशंसा करते हैं। यह सदा पर्यों और उत्सवों की भूमि है। भारतस्वर्णभूमि इस पृथ्वी पर सुशोभित है।
इयं ज्ञानिनां चैव वैज्ञानिकाना ......................... राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वयः - इयं (धरा) ज्ञानिनाम्, वैज्ञानिकानां चैव (अस्ति)। इयं (धरा) विपश्चिज्जनानां संस्कृतानाम् (चास्ति)। इयं धरा बहूनां मतानां जनानाम् (अस्ति)। भारतस्वर्णभूमि क्षितौ राजते।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ - प्रस्तुत श्लोक में भारत देश की महिमा का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि भारत देश की भूमि ज्ञानियों, वैज्ञानिकों, विद्वानों और संस्कृतज्ञों से युक्त है। इस भूमि पर अनेक मतों वाले लोग रहते हैं। भारत की यह स्वर्णभूमि पृथ्वी पर सुशोभित है।
इयं शिल्पिनां यन्त्रविद्याधराणां .............................................. राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
अन्वयः - इयं (धरा) शिल्पिनाम्, यन्त्रविद्याधाराणाम्, भिषक्शास्त्रिणाम्, भूः प्रबन्धे युतानाम् (चास्ति)। इयं धरा नटानां नटीनां कवीनां (चास्ति)। भारतस्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ-प्रस्तुत श्लोक में भारत देश की महिमा का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि भारत देश महान् शिल्पकार, यन्त्र-विद्या के ज्ञाता, प्रबन्धक, अभिनेता, अभिनेत्रियाँ तथा कवियों से सुशोभित है। भारत-स्वर्णभूमि पृथ्वी पर सुशोभित है।
वने दिग्गजानां तथा केसरीणां .................................राजते भारतस्वर्णभूमिः।।
अन्वयः - इयं धरा वने दिग्गजानां तथा केशरीणाम्, तटीनां भूधराणां (च) वर्तते। इयं धरा शिखीनां शुकानां पिकानां (च) वर्तते। भारतस्वर्णभूमिः क्षितौ राजते।।
कठिन-शब्दार्थ :
हिन्दी भावार्थ - प्रस्तुत श्लोक में कवि भारत देश की प्राकृतिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए कहता है कि भारत-भूमि वनों में हाथियों, सिंहों, नदियों, पर्वतों, मयूरों, तोतों तथा कोयलों से सुशोभित है। भारत की स्वर्णभूमि इस पृथ्वी पर सुशोभित हो रही है।