Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 14 अकबरी लोटात Textbook Exercise Questions and Answers.
कहानी की बात -
प्रश्न 1.
"लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।" लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिल्कुल पसन्द नहीं था फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
छत पर टहलते हुए लाला झाऊलाल ने पत्नी द्वारा लाये उस बेढंगे लोटे को ले लिया, लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी से इसलिए कुछ भी नहीं कहा, क्योंकि एक ओर जहाँ वे उसकी इज्जत करते थे वहीं उसके तेज-तर्रार स्वभाव से भी परिचित थे। वे सोचने लगे कि यदि अभी लोटे के बारे में कुछ कह दिया तो खाना बाल्टी में ही खाना पड़ेगा।
प्रश्न 2.
"लाला झाऊलालजी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।" आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौनसी बातें समझ ली होंगी?
उत्तर :
लाला झाऊलाल के हाथों से लोटा गिरने से आँगन में भीड़ एकत्र हो गयी और एक अंग्रेज नखशिख तक भीगा हुआ लोटा अपने हाथ में लिए गालियाँ देता हुआ उनकी ओर आ रहा था। उसको आते देखकर लाला ने परिस्थिति को भाँप लिया कि निश्चित ही लोटे की वजह से इसकी यह स्थिति हुई है। इस प्रकार लाला झाऊलाल समझ गये होंगे कि लोटा अंग्रेज के लगा है और अब वह उनसे लड़ने आ रहा है।
प्रश्न 3.
अंग्रेज के सामने बिलवासीजी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इन्कार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासीजी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
अंग्रेज के सामने बिलवासीजी ऐसा अजीब व्यवहार इसलिए कर रहे थे जिससे उसे यह पता चले कि वे झाऊलाल को पहचानते ही नहीं हैं। इस सम्बन्ध में उनकी सोच थी कि ऐसा करने से अंग्रेज का क्रोध शान्त हो जायेगा और मामला जल्दी ही समाप्त हो जायेगा।
प्रश्न 4.
बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबन्ध कहाँ से किया था? लिखिए।
उत्तर :
बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबन्ध अपनी पत्नी का सन्दूक चुपचाप खोलकर किया था। उन्होंने यह काम इतनी सफाई से किया था कि उनकी पत्नी को इसकी भनक भी नहीं लग पाई थी।
प्रश्न 5.
आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।
उत्तर :
हमारे विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोट इसलिए खरीद लिया, क्योंकि उसके पड़ोसी मेजर डगलस से पुरानी चीजों के संग्रह करने में उसकी होड़ लगी रहती थी। गत वर्ष हिन्दुस्तान आने पर वे यहाँ से जहाँगीरी अण्डा खरीदकर ले गये थे। अब यह अंग्रेज इस अकबरी लोटे को खरीदकर ले जाने में उसे यह दिखाना चाहता था कि वह भी हिन्दुस्तान से उनसे मूल्यवान और बढ़िया चीजें खरीदकर ला सकता है। यह अकबरी लोटा उस जहाँगीरी अण्डे से एक पुश्त पुराना था।
अनुमान और कल्पना -
प्रश्न 1.
"इस भेद को मेरे सिवाय मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।" बिलवासीजी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।
उत्तर :
"इस भेद को मेरे सिवाय मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊंगा।" यह बात बिलवासीजी ने लाला झाऊलाल से कही। ऐसा उन्होंने इसलिए कहा, क्योंकि वह अपनी पत्नी के सन्दूक से निकाले गये रुपयों की बात उनसे नहीं कहना चाहते थे।
प्रश्न 2.
"उस दिन रात्रि में बिलवासीजी को देर तक नींद नहीं आई।" समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासीजी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।
उत्तर :
बिलवासीजी झाऊलाल के पक्के मित्र थे। उनके लिए उन्होंने जो ढाई सौ रुपये का प्रबन्ध किया था, वे ढाई सौ रुपये उन्होंने अपनी पत्नी के सन्दूक से निकाले थे। यदि यह बात उनकी पत्नी को पता चल जाती तो इससे भी बड़ी समस्या उनके सामने उठ खड़ी होती। इसलिए जब तक वे निकाले गये रुपये चुपचाप उसी जगह नहीं रख देते, उन्हें नींद कैसे आ सकती थी। यही कारण था कि उनकी नींद उड़ी हुई थी।
प्रश्न 3.
"लेकिन मुझे इसी जिन्दगी में चाहिए।"
"अजी इसी सप्ताह में ले लेना।"
"सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?"
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।
उत्तर :
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच हुई इस बात से पता चलता है कि झाऊलाल कंजूस प्रवृत्ति का जीव है। उसकी पत्नी ने पहले भी उससे कुछ माँगा होगा। उसने अपनी पत्नी को 'हाँ' करने के बाद भी देने में बहुत विलम्ब कर दिया होगा या फिर 'हाँ' करके भी न दिया होगा।
क्या होता यदि -
प्रश्न 1.
अंग्रेज लोटा न खरीदता?
उत्तर :
यदि अंग्रेज वह अकबरी लोटा न खरीदता तो बिलवासीजी जो रुपये लाला झाऊलाल के लिए अपनी पत्नी के सन्दूक से उठाकर लाये थे, वे देने पड़ते। झाऊलाल उन रुपयों को अपनी पत्नी को देकर उसकी निगाहों में अपना स्थान ऊँचा बना पाते।
प्रश्न 2.
यदि अंग्रेज पुलिस को बुला लेता?
उत्तर :
यदि अंग्रेज पुलिस को बुला लेता तो पुलिस उस अंग्रेज और लाला झाऊलाल दोनों को ही थाने ले जाती। दोनों की बातें सुनती और दोनों को समझा-बुझाकर मामले को आपस में मुलझाने को कहती। आपस में समझौता करवाकर उन दोनों को छोड़ देती।
प्रश्न 3.
जब बिलवासीजी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?
उत्तर :
जब बिलवासीजी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, यदि उसी समय उनकी पत्नी जाग जाती तो वह बवंडर खड़ा कर देती और उनसे पूछती कि चाबी से सन्दूक खोलकर क्या करते? ऐसी क्या जरूरत आ गई थी जो मुझसे नहीं कह सकते थे। अपने ही घर में इस तरह चोरी करने का कारण पूछती। दूसरी ओर बिलवासीजी वचन देकर भी लाला झाऊलाल की मदद नहीं कर पाते।
पता कीजिए -
प्रश्न 1.
"अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।" उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौनसी समानताएँ और अन्तर होते हैं?
उत्तर :
उल्का सामान्य रूप से किसी तारे का छोटा चट्टानी टुकड़ा होता है। यह अपने पथ से अलग होकर तेजी से धरती की ओर गिरता है तथा हवा के घर्षण के कारण जलने लगता है।
दोनों में समानताएँ-
दोनों में असमानताएँ -
प्रश्न 2.
इस कहानी में आपने दो चीजों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ीं-अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अण्डे की कहानी।
आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?
उत्तर :
हमारे विचार से ये दोनों ही कहानियाँ काल्पनिक लगती हैं।
प्रश्न 3.
अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।
उत्तर :
गत वर्ष की बात है। दीपावली की छुट्टियों में घर की सफाई का अभियान चल रहा था। माँ के कहे अनुसार मैं भी घर की सफाई करने में जुट गया। मुझे सफाई कार्य में सहयोग करते देखकर माँ बहुत प्रसन्न हुई। एक दिन उन्होंने कहा-"राजु बेटा! तु अन्दर कमरे में रखी अलमारी की सफाई कर ले। सभी चीजों को बाहर निकालकर साफ करके अच्छी तरह जमा दे।" माँ की बात सुनकर बहुत खुश हुआ और दौड़ता हुआ कमरे में अलमारी के पास पहुँच गया। जैसे ही अलमारी खोली, देखा कि अलमारी में रखी सभी चीजों पर जाला और धूल छायी है।
मैं एक-एक चीज को निकालकर उसकी सफाई करने लगा। उस अलमारी की सफाई करते समय मुझे एक चार्ट मिला जिसके चारों ओर लकड़ी का फ्रेम लगा हुआ था और उस पर एक राक्षस का चित्र बना हुआ था। उस चित्र को देखने के लिए सहज उत्सुकता मेरे मन में जाग गयी। उसे निकालकर मैंने जमीन पर रखा और उसे कपड़े से पोंछने लगा। तभी अचानक मैंने देखा कि उस राक्षस की दोनों आँखें चमकने लगीं। उन चमकती आँखों को देखकर मैं भयभीत हो गया और मारे डर के चीखने लगा।
मेरी चीख सुनकर मेरा बड़ा भाई कमरे में आया और स्थिति देखकर मेरे चीखने का कारण समझ गया। उसने तुरन्त उस चार्ट को उल्टय किया और उसके पीछे लगे सर्किट में से तार हटाया। राक्षस की आँखें चमकना बन्द हो गयीं। यह देखकर वह हँसने लगा और मैं भी उसके साथ ही हँसने लगा। उसके बताने पर मेरी समझ में पूरी स्थिति आ गई, तब मुझे अपनी मूर्खता पर लज्जा आ गई। सफाई छोड़कर बाहर आ गया।
प्रश्न 4.
बिलवासीजी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबन्ध किया, वह सही था या गलत?
उत्तर :
बिलवासीजी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबन्ध किया था वह उचित नहीं था। अपने मतलब को सिद्ध करने के लिए किसी को इस तरह धोखा नहीं देना चाहिए।
भाषा की बात -
प्रश्न 1.
इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधीसी बात कहने के बजाय रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।
उत्तर :
प्रश्न 2.
इस कहानी में लेखक ने अनेक महावरों का प्रयोग किया है। कहानी में से पाँच मुहावरे चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए।
उत्तर :
प्रश्न 1.
लाला झाऊलाल की पत्नी ने माँगे थे -
(क) 200 रुपये
(ख) 150 रुपये
(ग) 250 रुपये
(घ) 240 रुपये।
उत्तर :
(ग) 250 रुपये
प्रश्न 2.
झाऊलाल की चिन्ता का कारण था -
(क) रुपये का इन्तजाम न हो पाना।
(ख) पत्नी द्वारा रुपयों का माँगा जाना।
(ग) बिलवासीजी द्वारा सहयोग न करना।
(घ) पीने के लिए पानी न मिलना।
उत्तर :
(क) रुपये का इन्तजाम न हो पाना।
प्रश्न 3.
झाऊलाल की पत्नी उनके लिए पानी लाई थी -
(क) गिलास में
(ख) जग में
(ग) अकबरी लोटे में
(घ) बेढंगे लोटे में।
उत्तर :
(घ) बेढंगे लोटे में।
प्रश्न 4.
'अदब मानना' मुहावरे का अर्थ है -
(क) सम्मान करना
(ख) बड़ा मानना
(ग) भय मानना
(घ) धैर्य धारण करना।
उत्तर :
(क) सम्मान करना
प्रश्न 5.
झाऊलाल ने अपनी प्रशंसा किससे की थी?
(क) डगलस से
(ख) बिलवासी से
(ग) अंग्रेज से
(घ) पत्नी से
उत्तर :
(घ) पत्नी से
प्रश्न 6.
'चारों खाने चित्त होना' मुहावरे का अर्थ क्या
(क) पीठ के बल लेट जाना
(ख) दूसरे की बात को स्वीकार कर लेना
(ग) पराजित हो जाना
(घ) अपनी गलती मान लेना।
उत्तर :
(ग) पराजित हो जाना
प्रश्न 7.
हफ्ते के अन्तिम दिन से क्या तात्पर्य है?
(क) पाँचवाँ दिन
(ख) छठा दिन
(ग) सातवाँ दिन
(घ) आठवाँ दिन।
उत्तर :
(ग) सातवाँ दिन
प्रश्न 8.
पृथ्वी की आकर्षण शक्ति के बारे में किसने बताया?
(क) मिल्टन ने
(ख) झाऊलाल ने
(ग) पं. बिलवासी ने
(घ) न्यूटन ने यटन ने
उत्तर :
(घ) न्यूटन ने यटन ने
प्रश्न 9.
बिलवासीजी ने लोटे की क्या विशेषता बताई?
(क) बेढंगा
(ख) ऐतिहासिक
(ग) जादुई
(घ) टूटा हुआ
उत्तर :
(ख) ऐतिहासिक
प्रश्न 10.
अंडे को कहाँ रखा गया?
(क) घोंसले में
(ख) बिल्लौर की हाड़ी में
(ग) धान में
(घ) खड्ढे में।
उत्तर :
(ख) बिल्लौर की हाड़ी में
रिक्त स्थानों की पूर्ति -
प्रश्न 11.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए गये सही शब्दों से कीजिए -
उत्तर :
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 12.
झाऊलाल का मकान कहाँ था?
उत्तर :
झाऊलाल का मकान काशी के ठठेरी बाजार में था।
प्रश्न 13.
न्यूटन ने क्या खोज की थी?
उत्तर :
न्यूटन ने पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की खोज की थी।
प्रश्न 14.
किसने लोटे को ऐतिहासिक कहा?
उत्तर :
बिलवासी मिश्र ने लोटे को ऐतिहासिक कहा।
प्रश्न 15.
बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबन्ध कहाँ से किया?
उत्तर :
बिलवासीजी ने रुपयों का प्रबन्ध पत्नी के सन्दूक से लाकर किया।
प्रश्न 16.
लाला झाऊलाल के अनुसार बुजुर्गों ने पानी पीने के सम्बन्ध में क्या नियम बनाये थे?
उत्तर :
बुजुर्गों ने नियम बनाये थे कि खड़े होकर या सोते समय पानी नहीं पीना चाहिए, दौड़ने के बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए।
प्रश्न 17.
अंग्रेज को किस बात का शौक था?
उत्तर :
अंग्रेज को पुरानी और ऐतिहासिक चीजों के संग्रह का शौक था।
प्रश्न 18.
बिलवासीजी ने लोटे की कीमत ढाई सौ ही क्यों लगायी?
उत्तर :
क्योंकि उस समय बिलवासीजी के पास ढाई सौ रुपये ही थे।
प्रश्न 19.
लोटा बिकने की स्थिति में किसे और कितना फायदा हुआ?
उत्तर :
लोटा बिकने की स्थिति में झाऊलाल को ढाई सौ के स्थान पर पाँच सौ रुपये मिलने से फायदा हुआ।
प्रश्न 20.
लाला अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ किसे सुना चुके थे?
उत्तर :
लाला अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ अपनी पत्नी को सुना चुके थे।
प्रश्न 21.
लाला अपनी पत्नी की किस हँसी से डर रहे थे?
उत्तर :
लाला अपनी पत्नी की मजाक उड़ाने वाली हँसी से डर रहे थे।
प्रश्न 22.
लोटा किसके हाथ से और कहाँ से गिरा था?
उत्तर :
लोटा झाऊलाल के हाथ से छत पर से गिरा था।
प्रश्न 23.
न्यूटन ने किसकी खोज की?
उत्तर :
न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण की खोज की जिसका अर्थ था कि पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है।
प्रश्न 24.
अंग्रेज दूसरे पैर पर क्यों नाच रहा था?
उत्तर :
लोटा गिरने से उसके एक पैर में दर्द हो रहा था, उस दर्द के कारण वह दूसरे पैर से नाच रहा था।
प्रश्न 25.
कौन किसे विज्ञ और सुशिक्षित समझता था?
उत्तर :
पं. बिलवासी अंग्रेज को विज्ञ और सुशिक्षित समझते थे।
प्रश्न 26.
कबूतर का अहसान कौन नहीं भूला और क्यों?
उत्तर :
कबूतर का अहसान जहाँगीर नहीं भूला क्योंकि कबूतर के माध्यम से ही तो वह नूरजहाँ का हमराह बना था।
प्रश्न 27.
बिलवासी जी चादर लपेटे पलंग पर क्यों पड़े हुए थे?
उत्तर :
बिलवासी जी चादर लपेटे हुए पलंग पर नींद न आने के कारण पड़े हुए थे।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 28.
झाऊलाल की आर्थिक स्थिति कैसी थी?
उत्तर :
झाऊलाल की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। वे काशी के ठठेरी बाजार में रहते थे। नीचे की दुकान से सौ रुपया किराया मिल जाता था। दोनों पति-पत्नी उसी के सहारे अपना घर चलाते थे।
प्रश्न 29.
झाऊलाल मन-ही-मन बिलवासीजी से क्यों नाराज हो रहे थे?
उत्तर :
झाऊलाल अपने मित्र बिलवासीजी से इसलिए नाराज हो रहे थे, क्योंकि वे अंग्रेज को उनके विरुद्ध भड़का रहे थे जबकि मित्र के नाते उन्हें उनसे यह आशा नहीं थी।
प्रश्न 30.
लोटे का नाम अकबरी लोटा कैसे पड़ा?
उत्तर :
लोटे का नाम अकबरी लोटा ऐसे पड़ा, क्योंकि वह लोटा अकबर को बहुत प्रिय था। वह इस लोटे को हमेशा अपने पास रखता था और इसी लोटे से हमेशा वजू करता था।
निबन्धात्मक प्रश्न -
प्रश्न 31.
बिलवासीजी ने अंग्रेज से सौदा कैसे पटाया?
उत्तर :
बिलवासीजी अंग्रेज को एक झूठी कहानी सुनाकर उसे विश्वास में ले लेते हैं कि वह लोटा एक सामान्य लोटा न होकर 'अकबरी लोटा' है। म्यूजियम वाले भी इस लोटे को खरीदना चाहते हैं। इसलिए इसकी जो ऊँची बोली लगायेगा वह इसे खरीद लेगा। इस आधार पर अंग्रेज ऊँची बोली लगाकर लोटे को खरीद लेता है। इस प्रकार उसने अंग्रेज से सौदा पटाया।
गद्यांश पर आधारित प्रश्न -
प्रश्न 32.
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए
1. लेकिन जब चार दिन ज्यों-त्यों में यों ही बीत गये और रुपयों का कोई प्रबन्ध न हो सका तब उन्हें चिन्ता होने लगी। प्रश्न अपनी प्रतिष्ठा का था, अपने ही घर में अपनी साख का था। देने का पक्का वादा करके अगर अब दे न सके तो अपने मन में वह क्या सोचेगी? उसकी नजरों में उसका क्या मूल्य रह जायेगा? अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ सुना चुके थे। अब जो एक काम पड़ा तो चारों खाने चित्त हो रहे । यह पहली बार उसने मुँह खोलकर कुछ रुपयों का सवाल किया था। इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे?
प्रश्न :
(क) यह गद्यांश जिस पाठ से उद्धृत है, उसका नाम लिखिए।
(ख) झाऊलाल को कब और क्यों चिन्ता होने लगी?
(ग) झाऊलाल मन-ही-मन क्या सोचने लगा?
(घ) पहली बार किसने और किसलिए मुँह खोलकर कुछ कहा था?
उत्तर :
(क) पाठ का नाम-'अकबरी लोटा'।
(ख) झाऊलाल चार दिन बीत जाने पर भी रुपयों का कोई प्रबन्ध न कर सके और आगे भी उन्हें अच्छी स्थिति नहीं लग रही थी, इसी कारण उन्हें चिन्ता होने लगी।
(ग) झाऊलाल मन-ही-मन सोचने लगे कि वादे के अनुसार रुपयों का प्रबन्ध न हो पाया तो पत्नी के सामने इज्जत जाती रहेगी। उसकी नजरों में वह गिर जायेगा।
(घ) पहली बार झाऊलाल की पत्नी ने रुपये माँगने के लिए मुँह खोलकर कुछ कहा था।
2. संयोग कुछ ऐसा बिगड़ा था कि बिलवासीजी भी उस समय बिल्कुल खुक्ख थे। उन्होंने कहा-'मेरे पास तो नहीं पर मैं कहीं से माँग-जाँचकर लाने की कोशिश करूँगा और अगर मिल गया तो कल शाम को तुमसे मकान पर मिलँगा। वही शाम आज थी। हफ्ते का अंतिम दिन। कल ढाई सौ रुपये या तो गिन देना है या सारी हेकड़ी से हाथ धोना है। यह सच है कि कल रुपया न आने पर उनकी स्त्री उन्हें डामलफाँसी न कर देगी-केवल जरा-सा हँस देगी। पर वह कैसी हँसी होगी, कल्पना मात्र से झाऊलाल में मरोड़ पैदा हो जाती थी।
प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) बिलवासीजी ने कब तक रुपयों की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया?
(ग) लाला झाऊलाल क्यों भयभीत हो रहा था?
(घ) लाला झाऊलाल बार-बार क्या सोच रहा था?
उत्तर :
(क) शीर्षक-झाऊलाल की व्यथा।
(ख) बिलवासीजी ने कल शाम तक रुपयों की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया।
(ग) पत्नी को रुपये देने का प्रबन्ध न होने से लाला झाऊलाल के मन में कई अशुभ विचार आ रहे थे। इसी कारण वह भयभीत हो रहा था।
(घ) लाला झाऊलाल बार-बार पत्नी की बात सोच रहा था कि कल ढाई सौ रुपये उसे गिना देना या अपनी सारी हेकड़ी से हाथ धो लेना।
3. कुछ हुआ भी ऐसा ही। गली में जोर का हल्ला उठा। लाला झाऊलाल जब तक दौड़कर नीचे उतरे तब तक एक भारी भीड़ उनके आँगन में घुस आयी। लाला झाऊलाल ने देखा कि इस भीड़ में प्रधान पात्र एक अंग्रेज है जो नखशिख से भीगा हुआ है और जो अपने एक पैर को हाथ से सहलाता हुआ दूसरे पैर पर नाच रहा है। उसी के पास अपराधी लोटे को भी देखकर लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।
प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) गली में जोर का हल्ला क्यों उठा?
(ग) नख-शिख तक कौन भीग गया था और क्यों नाच. रहा था?
(घ) लाला झाऊलाल ने किस स्थिति को समझ लिया था?
उत्तर :
(क) शीर्षक-झाऊलाल की लाचारी।
(ख) ऊपर से पानी का लोटा नीचे अंग्रेज के ऊपर गिरने से गली में लोग चिल्लाने लगे, इसी से जोर का हल्ला उठा।
(ग) नख-शिख तक अंग्रेज भीग गया था और लोटा गिरने से उसके पैर पर दर्द हो रहा था, जिससे वह दूसरे पैर पर नाच रहा था।
(घ) लाला झाऊलाल ने अंग्रेज के दर्द से चीखने तथा भीड़ के आ जाने से फौरन समझ लिया था कि कोई बुरी बला सिर पर आ पड़ी है।
4. सोलहवीं शताब्दी की बात है। बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर भागा था और सिंध के रेगिस्तान में मारा-मारा फिर रहा था। एक अवसर पर प्यास से उसकी जान निकल रही थी। उस समय एक ब्राह्मण ने इसी लोटे से पानी पिलाकर उसकी जान बचाई थी। हुमायूँ के बाद अकबर ने उस ब्राह्मण का पता लगाकर उससे इस लोटे को ले लिया और इसके बदले में उसे इसी प्रकार के दस सोने के लोटे प्रदाम किए। यह लोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी से इसका नाम अकबरी लोटा पड़ा। वह बराबर इसी से वजू करता था।
प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) एक ब्राह्मण ने लोटे से किसकी प्यास बुझाई थी?
(ग) अकबर ने किसका पता लगाया था और क्यों?
(घ) वह लोटा किसने, किससे और क्या देकर लिया था?
उत्तर :
(क) शीर्षक-अकबरी लोटा।
(ख) एक ब्राह्मण ने बादशाह हुमायूँ को उस समय इस लोटे से पानी पिलाकर उसकी प्यास बुझाई थी, जब वह रेगिस्तान में भटक रहा था।
(ग) अकबर ने उस ब्राह्मण का पता लगाया था जिसने इस लोटे से हुमायूँ को पानी पिलाया था, क्योंकि वह लोटे को खरीदना चाहता था।
(घ) वह लोटा अकबर ने उस ब्राह्मण से, इसके बदले दस सोने के ऐसेही लोटे देकर लिया था।
5. "एक कबूतर ने नूरजहाँ से जहाँगीर का प्रेम कराया था। जहाँगीर के पूछने पर कि, मेरा एक कबूतर तुमने कैसे उड़ जाने दिया, नूरजहाँ ने उसके दूसरे कबूतर को उड़ाकर बताया था, कि ऐसे। उसके इस भोलेपन पर जहाँगीर दिलोजान से निछावर हो गया। उसी क्षण से उसने अपने को नूरजहाँ के हाथ कर दिया। कबूतर का यह अहसान वह नहीं भूला। उसके एक अंडे को बड़े जतन से रख छोड़ा। एक बिल्लौर की हाँडी में वह उसके सामने टँगा रहता था। बाद में वही अंडा 'जहाँगीरी अंडा' के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उसी को मेजर डगलस ने पारसाल दिल्ली में एक मुसलमान सज्जन से तीन सौ रुपये में खरीदा।"
प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) कबूतर का अहसान कौन नहीं भूला और क्यों?
(ग) नूरजहाँ के द्वारा कबूतर उड़ाने की अदा करा क्या असर हुआ?
(घ) जहाँगीरी अण्डे को बिल्लौरी हाँडी में क्यों रखा था?
उत्तर :
(क) शीर्षक-अकबरी लोटा : जहाँगीरी अण्डा।
(ख) कबूतर का अहसान बादशाह जहाँगीर नहीं भूला था, क्योंकि उसने ही नूरजहाँ को जहाँगीर की जीवनसंगिनी बनाया था।
(ग) नूरजहाँ के द्वारा कबूतर उड़ाने की अदा का यह असर हुआ कि जहाँगीर उस पर दिलोजान से निछावर हो गया।
(घ) जहाँगीरी अण्डे को बिल्लौरी हाँडी में इसलिए रखा था ताकि जहाँगीर को अपने प्रेम की रीति याद रहे और उसके मन में नूरजहाँ के प्रति प्रेम उमड़ता रहे।
6. उस दिन रात्रि में बिलवासीजी को देर तक नींद नहीं आई। वे चादर लपेटे चारपाई पर पड़े रहे। एक बजे वे उठे। धीरे, बहुत धीरे से अपनी सोई हुई पत्नी के गले से उन्होंने सोने की वह सिकड़ी निकाली जिसमें एक ताली बँधी हुई थी। फिर उसके कमरे में जाकर उन्होंने उस ताली से संदूक खोला। उसमें ढाई सौ के नोट ज्यों-के-त्यों रखकर उन्होंने उसे बंद कर दिया। फिर दबे पाँव लौटकर ताली को उन्होंने पूर्ववत अपनी पत्नी के गले में डाल दिया। इसके बाद उन्होंने हँसकर अंगड़ाई ली। दूसरे दिन सुबह आठ बजे तक चैन की नींद सोए।।
प्रश्न :
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) बिलवासीजी चादर लपेटे पलंग पर क्यों पड़े हुए थे?
(ग) बिलवासीजी ने पत्नी के गले से सिकड़ी क्यों निकाली?
(घ) बिलवासीजी ने क्यों हँसकर अंगलाई ली?
उत्तर :
(क) शीर्षक-बिलवासीजी की चालाकी।
(ख) बिलवासीजी पत्नी के सन्दूक में रुपये रखने के लिए चिन्तित थे, इस कारण वे चादर लपेटे पड़े हुए थे और उन्हें नींद नहीं आ रही थी।
(ग) बिलवासीजी की पत्नी के गले में सिकड़ी से बँधी ताली (चाबी) थी, उस चाबी के लिए ही उन्होंने सिकड़ी निकाली।
(घ) पत्नी के गले से सिकड़ी निकालकर सन्दुक खोला, उसमें चुपचाप रुपये रखे और फिर सिकड़ी पत्नी के गले में डाल दी। सारा काम बड़ी चतुराई से करने पर बिलवासीजी ने हँसकर अंगड़ाई ली।
पाठ का सार - अकबरी लोटा काल्पनिक कहानी में एक ओर झाऊलाल हैं जिनकी पत्नी ढाई सौ रुपयों की माँग करती | है और कैसे उसकी यह समस्या हल होती है। दूसरी ओर एक साधारण लोटे की कथा साथ-साथ चलती है जो विशेष रूप से अकबरी लोट बन जाता है जिसे एक अंग्रेज पुरानी व ऐतिहासिक वस्तु मानकर ऊँचे दामों में खरीद लेता है।
कठिन-शब्दार्थ :