Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ruchira Chapter 11 समवायो हि दुर्जयः Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 7 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Read कक्षा 7 संस्कृत श्लोक written in simple language, covering all the points of the topic.
प्रश्न 1.
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत -
(प्रश्नों के उत्तर एक पद में लिखिए-)
(क) वृक्षे का प्रतिवसति स्म?
(वृक्ष पर कौन रहती थी?)
(ख) वृक्षस्य अधः कः आगतः?
(वृक्ष के नीचे कौन आया?)
(ग) गजः केन शाखाम् अत्रोटयत्?
(हाथी ने किससे शाखा को तोड़ दिया?)
(घ) काष्ठकूटः चटकां कस्याः समीपम् अनय?
(काष्ठकूट चिड़िया को किसके पास ले गया?)
(ङ) मक्षिकायाः मित्रं कः आसीत?
(मक्खी का मित्र कौन था?)
उत्तराणि :
(क) चटका
(ख) गजः
(ग) शुण्डेन
(घ) मक्षिकायाः
(ङ) मेघनादः मण्डूकः।
प्रश्न 2.
रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत -
(रेखांकित पदों को आधार बनाकर प्रश्न निर्माण कीजिए-)
(क) कालेन चटकायाः सन्ततिः जाता।
(ख) चटकायाः नीडं भुवि अपतत्।
(ग) गजस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्।
(घ) काष्ठकूट: चञ्च्या गजस्य नयने स्फोटयिष्यति।
उत्तराणि :
प्रश्न-निर्माणम् -
(क) कालेन कस्याः सन्ततिः जाता?
(ख) चटकायाः किम् भुवि अपतत्?
(ग) कस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्?
(घ) काष्ठकूटः केन गजस्य नयने स्फोटयिष्यति?
प्रश्न 3.
मञ्जूषातः क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत -
(मञ्जूषा से क्रियापद चुनकर रिक्त-स्थानों को पूरा कीजिए-)
करिष्यामि गमिष्यति अनयत् पतिष्यति स्फोटयिष्यति त्रोटयति।
उत्तरम् :
(क) काष्ठकूट : चञ्च्वा गजस्य नयने स्फोटयिष्यति।
(ख) मार्गे स्थितः अहमपि शब्दं करिष्यामि।
(ग) तृषार्तः गजः जलाशयं गमिष्यति।
(घ) गजः गर्ते पतिष्यति।
(ङ) काष्ठकूट: तां मक्षिकायाः समीपं अनयत्।
(च) गजः शुण्डेन वृक्षशाखा: त्रोटयति।
प्रश्न 4.
प्रश्नानाम् उत्तराणि एकवाक्येन लिखत -
(प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए-)
(क) चटकायाः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः तां किम् अपृच्छत्?
(चिड़िया के विलाप को सुनकर काष्ठकूट ने उससे क्या पूछ?)
उत्तरम् :
काष्ठकूटः ताम् अपृच्छत् यत् "भद्रे, किमर्थं विलपसि?" इति।
(काष्ठकूट ने उससे पूछा कि "हे भद्रे! तुम किसलिए विलाप कर रही हो?")
(ख) चटकायाः काष्ठकूटस्य च वार्ता श्रुत्वा मक्षिका किम् अवदत्?
(चिड़िया और काष्ठकूट की बात सुनकर मक्खी क्या बोली?)
उत्तरम् :
मक्षिका अवदत् यत्-"ममापि मित्र मण्डूकः मेघनादः अस्ति। शीघ्रं तमुपेत्य यथोचितं करिष्यामः।"
(मक्खी बोली कि "मेरा भी मित्र मेंढक मेघनाद है। शीघ्र ही उसके पास जाकर यथोचित करेंगे।")
(ग) मेघनादः मक्षिकां किम् अवदत्?
(मेघनाद मक्खी से क्या बोला?)
उत्तरम् :
सः अवदत् यत् "यथाहं कथयामि तथा कुरुतम्।"
(वह बोला कि "जैसा मैं कहता हूँ वैसा ही तुम दोनों करो।")
(घ) चटका काष्ठकूटं किम् अवदत्? (चिड़िया काष्ठकूट से क्या बोली?)
उत्तरम् :
चटका अवदत् यत् "दुष्टेनैकेन गजेन मम सन्ततिः नाशिता। तस्य गजस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्।"
(चिड़िया बोली कि "एक दुष्ट हाथी ने मेरी सन्तान को नष्ट कर दिया है। उस हाथी की मृत्यु से ही मेरा दुःख दूर होगा।")
प्रश्न 5.
उदाहरणमनुसृत्य रिक्तस्थानानि पूरयत।
(उदाहरण के अनुसार रिक्त-स्थान पूर्ण कीजिए।)
उत्तरम् :
प्रश्न 6.
उदाहरणानुसारं 'स्म' शब्दं योजयित्वा भूतकालिकक्रियां रचयत
(उदाहरण के अनुसार 'स्म' शब्द जोड़कर भूतकालिक क्रिया बनाइए-)
यथा- अवसत् - वसति स्म।
उत्तरम् :
प्रश्न 7.
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(कोष्ठक से उचित पद चुनकर रिक्त स्थान भरिए-)
(क) ................. बालिका मधुरं गायति। (एकम्, एका, एक:)
(ख) ................. कृषकाः कृषिकर्माणि कुर्वन्ति। (चत्वारः, चतस्रः, चत्वारि)
(ग) ................. पत्राणि सुन्दराणि सन्ति। (ते, ताः, तानि)
(घ) धेनवः दुग्धं .............। (ददाति, ददति, ददन्ति)
(ङ) वयं संस्कृतम् ...............। (अपठम्, अपठन्, अपठाम)
उत्तराणि :
(क) एका बालिका मधुरं गायति।
(ख) चत्वारः कृषकाः कृषिकर्माणि कुर्वन्ति।
(ग) तानि पत्राणि सुन्दराणि सन्ति।
(घ) धेनवः दुग्धं ददति।
(ङ) वयं संस्कृतम् अपठाम।
प्रश्न 1.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि प्रदत्तविकल्पेभ्यः चित्वा लिखत -
(i) वृक्षस्य शाखां कः अत्रोटय?
(अ) गजः
(ब) मण्डूकः
(स) खगः
(द) सिंहः
उत्तरम् :
(अ) गजः
(ii) चटकाया: नीडं कुत्र अपतत्?
(अ) जले
(ब) गर्ते
(स) भुवि
(द) वृक्षे
उत्तरम् :
(स) भुवि
(iii) मण्डूकस्य नाम किम् आसीत्?
(अ) काष्ठकूटः
(ब) मेघनादः
(स) वीणारवा
(द) चञ्चलः
उत्तरम् :
(ब) मेघनादः
(iv) मक्षिकायाः नाम किम् आसीत्?
(अ) सुपर्णा
(ब) मधुरिमा
(स) कर्णरवा
(द) वीणारवा
उत्तरम् :
(द) वीणारवा
(v) 'यथाहं . कथयामि ................... कुरुतम्' अत्र पूरणीयम् अव्ययं किम्?
(अ) तथा
(ब) एव
(स) सदा
(द) खलु
उत्तरम् :
(अ) तथा
प्रश्न 2.
कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत -
उत्तराणि :
अतिलघूत्तरात्मकप्रश्ना:
प्रश्न: - एकपदेन प्रश्नान् उत्तरत -
(क) चटकायाः नीडं कुत्र अपतत्?
(ख) मण्डूकस्य नाम किम् आसीत्?
(ग) तृषार्तः कः जलाशयं गच्छति?
(घ) कः चञ्च्वा गजस्य नयने स्फोटयति?
(ङ) समवायो हि कीदृशः?
उत्तराणि :
(क) भूमौ
(ख) मेघनादः
(ग) गजः
(घ) काष्ठकूटः खगः
(ङ) दुर्जयः।
लघूत्तरात्मकप्रश्नाः
प्रश्न: - पूर्णवाक्येन प्रश्नान् उत्तरत -
(क) वृक्षस्य शाखां कः कथञ्च अत्रोटयत्।
उत्तरम् :
एकः प्रमत्तः गजः शुण्डेन वृक्षस्य शाखाम् अत्रोटयत्।
(ख) चटकायाः विलापं श्रुत्वा कः दुःखेन ताम् अपृच्छत्?
उत्तरम् :
चटकाया: विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः नाम खगः ताम् अपृच्छत्।
(ग) काष्ठकूट: चटकां कस्याः समीपम् अनयत्?
उत्तरम् :
काष्ठकूटः चटकां वीणारवा-नाम्न्याः मक्षिकाया: समीपम् अनयत्।
(घ) दुष्टः गजः कस्य अन्तः पतितः मृतः च?
उत्तरम् :
दुष्टः गजः महतः गर्तस्य अन्तः पतितः मृतः च।
(ङ) बहूनामप्यसाराणां कः दुर्जयः?
उत्तरम् :
बहूनामप्यसाराणां समवायो हि दुर्जयः।
निबन्धात्मकप्रश्ना:
प्रश्न: - 'समवायो हि दुर्जयः' इति कथायाः सारं हिन्दीभाषायां लिखत।
उत्तर :
कथा का सार-प्रस्तुत कथा के अनुसार किसी वृक्ष पर एक चिड़िया रहती थी। एक बार किसी मदमस्त हाथी ने उस वृक्ष के नीचे आकर उसकी शाखा को सूंड से तोड़ दिया, जिससे चिड़िया का घोंसला धरती पर गिर गया और उसके अण्डे नष्ट हो गये। इसके बाद वह चिड़िया विलाप करने लगी। उसका विलाप सुनकर काष्ठकूट नामक पक्षी ने उसके दु:ख का कारण पूछा। चिड़िया ने कहा कि एक दुष्ट हाथी ने मेरी सन्तान को नष्ट कर दिया है। उस हाथी की मृत्यु से ही मेरा दुःख दूर होगा।
काष्ठकूट चिड़िया को वीणारवा नामक मक्खी के पास ले गया तथा मक्खी उन दोनों को अपने मित्र मेघनाद नामक मेंढक के पास ले गई। उनकी बात सनकर मेघनाद ने कहा कि-हे मक्खी सबसे पहले तुम दोपहर को उस हाथी के कान में आवाज करना, जिससे वह नेत्र बन्द करके रुक जायेगा। इसके बाद काष्ठकूट अपनी चोंच से उसकी दोनों आँखें फोड़ देगा। इस प्रकार वह अन्धा हो जायेगा।
प्यास से व्याकुल होकर जब वह तालाब की ओर जायेगा तो रास्ते में जो बहुत बड़ा गड्ढा है उसके पास मैं बैठ जाऊँगा और आवाज करूँगा। मेरी आवाज से वह गड्ढे को तालाब समझकर उसी गड्ढे में गिर जायेगा और मर जायेगा। इसके बाद वैसा ही किया जाने पर वह हाथी दोपहर में मेंढक की आवाज का अनुसरण करता हुआ उस गड्ढे में गिर गया और मर गया। इसीलिए कहा गया है "अनेक निर्बलों का भी समुदाय दुर्जय होता है।"
पाठ-परिचय - प्रस्तुत पाठ में एक रोचक कथा के माध्यम से संगठन (समूह) के महत्त्व को बतलाते हुए कहा गया है कि संगठन (एकता) में रहने से छोटे-छोटे जीव भी विशालकाय हाथी को परास्त कर देते हैं। वास्तव में एकता में ही ताकत होती है।
पाठ के गद्यांशों का हिन्दी-अनुवाद एवं पठितावबोधनम् -
1. पुरा एकस्मिन् वृक्षे एका .................................. किमर्थं विलपसि?" इति।
हिन्दी अनुवाद - पुराने समय में एक वृक्ष पर एक चिड़िया रहती थी। समयानुसार उसके सन्तान उत्पन्न हुई। एक बार किसी मदमस्त हाथी ने उस वृक्ष के नीचे आकर उसकी शाखा को सूंड से तोड़ दिया। चिड़िया का घोंसला धरती पर गिर पड़ा। उससे उसके अण्डे नष्ट हो गए। इसके बाद वह चिड़िया विलाप करने लगी। उसका विलाप सुनकर काष्ठकूट नामक पक्षी ने दुःखपूर्वक उससे पूछा- "हे भद्रे ! किसलिए विलाप कर रही हो?" पठितावबोधनम्
निर्देश: - उपर्युक्तं गद्यांशं पठित्वा एतदाधारितप्रश्नानाम् उत्तराणि यथानिर्देशं लिखतप्रश्ना :
(क) वृक्षस्य शाखां गजः केन अत्रोटयत्? (एकपदेन उत्तरत)
(ख) कस्याः नीडं भुवि अपतत्? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) चटकायाः विलापं श्रुत्वा कः दुःखेन ताम् अपृच्छत्? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(घ) 'प्रतिवसति स्म' इति क्रियायाः गद्यांशे कर्तृपदं किम् अस्ति?
(ङ) 'पक्षी' इत्यर्थे गद्यांशे किं पदं प्रयुक्तम्?
उत्तराणि :
(क) शुण्डेन।
(ख) चटकायाः।
(ग) चटकायाः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः नाम खगः दुःखेन ताम् अपृच्छत्।
(घ) चटका।
(ङ) खगः।
2. चटकावदत-"दष्टेनैकेन गजेन ........................................ सर्वं वृत्तान्तं न्यवेदयताम्।
हिन्दी अनुवाद - चिड़िया बोली-"एक दुष्ट हाथी ने मेरे बच्चों को नष्ट कर दिया है। उस हाथी की मृत्यु से ही मेरा दु:ख दूर होगा।" इसके बाद काष्ठकूट उस चिड़िया को वीणारवा नामक मक्खी के पास ले गया। उन दोनों की बात सुनकर मक्खी बोली-"मेरा भी मित्र मेंढक मेघनाद है। शीघ्र ही उसके पास जाकर यथोचित करेंगे।" तब उन दोनों ने मक्खी के साथ जाकर मेघनाद के सामने सम्पूर्ण वृत्तान्त निवेदन किया।
पठितावबोधनम्प्रश्ना :
(क) मक्षिकाया: किन्नाम आसीत्? (एकपदेन उत्तरत)
(ख) मण्डूकस्य नाम किम् आसीत्? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) चटकायाः सन्तति: केन नाशिता? (पूर्णवाक्येन उत्तर)
(घ) 'मक्षिकया सह गत्वा'- अत्र रेखातिपदे का विभक्तिः प्रयुक्ता?
(ङ) 'समक्षम्' इत्यर्थे गद्यांशे किं पदम् अस्ति?
उत्तराणि :
(क) वीणारवा।
(ख)मेघनादः।
(ग) चटकाया सन्ततिः दुष्टेनैकेन गजेन नाशिता।
(घ) तृतीया।
(ङ) पुरः।
3. मेघनादः अवदत्-"यथाहं ................................................... गजः अन्धः भविष्यति।"
हिन्दी अनुवाद - मेघनाद बोला-जैसा मैं कहता हूँ वैसा ही तुम दोनों करो। मक्खी! पहले तुम दोपहर में उस हाथी के कान में आवाज करना, जिससे वह नेत्र बन्द करके रुक जाएगा। तब काष्ठकूट चोंच से उसकी दोनों आँखों को फोड़ देगा। इस प्रकार वह हाथी अन्धा हो जायेगा।
पठितावबोधनम्प्रश्नाः
(क) गजस्य कर्णे शब्दं कः करिष्यति? (एकपदेन उत्तरत)
(ख) क: नयने निमील्य स्थास्यति? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) काष्ठकूटः चञ्च्या कस्य नयने स्फोटयिष्यति? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(घ) 'स्फोटयिष्यति' इति क्रियायाः कर्तृपदं गद्यांशे किमस्ति?
(ङ) 'नेत्रे' इति पदस्य गद्यांशे पर्यायपदं किं प्रयुक्तम्?
उत्तराणि :
(क) मक्षिका।
(ख) गजः।
(ग) काष्ठकूट: चञ्च्या गजस्य नयने स्फोटयिष्यति।
(घ) काष्ठकूटः।
(ङ) नयने।
4. "तृषार्तः सः जलाशय. ..................................... समवायो हि दुर्जयः।
हिन्दी अनुवाद - प्यास से पीड़ित वह तालाब पर जायेगा। रास्ते में बहुत बड़ा गड्ढा है। उसके पास मैं बैठ जाऊँगा और आवाज करूँगा। मेरी आवाज से उस गड्ढे को तालाब मानकर वह उसी गड्ढे में गिर जाएगा और मर जाएगा। इसके बाद वैसा ही करने पर वह हाथी दोपहर में मेंढक की आवाज का अनुसरण करके उस बहुत बड़े गड्ढे के अन्दर गिर गया और मर गया। और जैसा कि कहा भी गया है-"अनेक निर्बलों के समूह को भी जीतना अत्यन्त कठिन होता है।"
पठितावबोधनम्प्रश्ना :
(क) बहूनामप्यसाराणां कः दुर्जयः? (एकपदेन उत्तरत)
(ख) महान् गर्तः कुत्र अस्ति? (एकपदेन उत्तरत)
(ग) गजः केन प्रकारेण मृतः? (पूर्णवाक्येन उत्तरत)
(घ) 'तृषार्तः' इति कर्तृपदस्य गद्यांशे क्रियापदं किम् अस्ति?
(क) 'महान्' इति विशेषणस्य गद्यांशे विशेष्यपदं किम्?
उत्तराणि :
(क) समवायः।
(ग) गजः मण्डूकस्य शब्दम् अनुसृत्य महतः गर्तस्य अन्तः पतितः मृतः च।
(घ) गमिष्यति।
(ङ) गर्तः।
(ख) मार्गे।
पाठ के कठिन-शब्दार्थ :