Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Our Rajasthan Chapter 1 वन, वन्य जीव एवं संरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 7 Our Rajasthan are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 7 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts.
I. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर के विकल्प को कोष्ठक में लिखिए
Class 7 Hamara Rajasthan Chapter 1 Question Answer प्रश्न 1.
राजस्थान का राज्य पक्षी है:
(अ) मोर
(ब) गोडावण
(स) तोता
(द) कबूतर
उत्तर:
(ब) गोडावण
Class 7 Hamara Rajasthan Chapter 1 प्रश्न 2.
राजस्थान में सदाबहार वन कहाँ पाये जाते हैं
(अ) करौली.
(ब) उदयपुर
(स) श्रीगंगानगर
(द) माउन्ट आबू
उत्तर:
(द) माउन्ट आबू
II. मिलान कीजिए:
1. सीतामाता वन्य जीव अभयारण्य |
(i) साइबेरियन क्रेन |
2. राष्ट्रीय मरु उद्यान वन्य जीव |
(ii) उड़न गिलहरी अभयारण्य |
3. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान |
(iii) गोडावण |
4. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान |
(iv) बाघ |
उत्तर:
1. सीतामाता वन्य जीव अभयारण्य |
(ii) उड़न गिलहरी अभयारण्य |
2. राष्ट्रीय मरु उद्यान वन्य जीव |
(iii) गोडावण |
3. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान |
(iv) बाघ |
4. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान |
(i) साइबेरियन क्रेन |
III. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान के राष्ट्रीय उद्यानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान,
2. रणथम्भौर राष्ट्रीय
3. मुकंदरा राष्ट्रीय उद्यान।
हमारा राजस्थान कक्षा 7 पाठ 1 के प्रश्न उत्तर प्रश्न 2.
राजस्थान के किन्हीं चार वन्य जीव अभयारण्यों के जाता है? नाम लिखिए।
उत्तर :
1. केसर बाग वन्य जीव अभयारण्य,
2. जयसमन्द वन्य जीव अभयारण्य,
3. नाहरगढ़ वन्य जीव अभयारण्य,
4. शेरगढ़ वन्य जीव अभयारण्य
IV. लघूत्तरात्मक प्रश्न
हमारा राजस्थान कक्षा 7 भाग-1 प्रश्न 1.
वनों से होने वाले लाभ का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वन प्रकृति के द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार हैं। पेड़ पौधे हमें शुद्ध हवा देने के साथ वर्षा में भी सहयोग करते हैं। पेड-पौधे वन्य जीवों को आश्रय प्रदान करते हैं। वन | प्राकतिक संदरता के साथ ही जलवाय को सम बनाते हैं। वन आजीविका के साधन भी होते हैं।
वनों का आर्थिक महत्त्व उनसे प्राप्त होने वाले उत्पादन से | होता है। राजस्थान के वनों से इमारती लकडी, ईंधन की |
Hamara Rajasthan Class 7 Chapter 1 Question Answer प्रश्न 2.
राजस्थान के उष्ण कटिबंधीय कटीले वनों की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान के उष्ण कटिबंधीय कटीले वनों की
विशेषताएँ :
• यहाँ तापमान अधिक एवं वर्षा कम होती है। -
• इस क्षेत्र में वृक्षों की पत्तियाँ छोटी होने के कारण वाष्पीकरण कम मात्रा में होता है।
• पेड़ों की जड़ें गहरी होती हैं, जिससे ये जमीन के काफी नीचे से पानी प्राप्त कर सकते हैं।
• राज्य वृक्ष-खेजड़ी (कल्पवृक्ष), राज्य पुष्प-रोहिड़ा व अत्यंत पौष्टिक सेवण घास इत्यादि इसी क्षेत्र में प्राप्त होते हैं।
निम्नलिखित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए ।
1. राजस्थान राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग कितना भाग वन क्षेत्र है?
(अ) आधा भाग
(ब) दसवाँ भाग
(स) बीसवाँ भाग
(द) तीसवाँ भाग उद्यान,
उत्तर:
(ब) दसवाँ भाग
2. राजस्थान राज्य में सर्वाधिक वन क्षेत्र किस जिले में पाया
(अ) उदयपुर
(ब) चुरू उत्तर
(स) जयपर
(द) भरतपुर
उत्तर:
(अ) उदयपुर
3. राजस्थान के किस वृक्ष को कल्पवृक्ष माना जाता है?
(अ) रोहिड़ा
(ब) खेजड़ी
(स) धौकड़ा
(द) कैर उत्तर
उत्तर:
(ब) खेजड़ी
4. राजस्थान राज्य में कितने संरक्षित क्षेत्र हैं?
(अ) 7
(ब) 11
(स) 13
(द) 17
उत्तर:
(स) 13
II. रिक्त स्थानों की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए
1. .... में साइबेरियन क्रेन, सारस, बगुला, बया, कोयल, बटेर जैसे अनेक पक्षी पाये जाते हैं।
2. अरावली पर्वतमाला ..... को दो भागों में विभक्त करती है।
3. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान ....... के लिए प्रसिद्ध है।
4. शुष्क वन अनुसंधान संस्थान ....... में स्थित है।
उत्तर-
1. पक्षी उद्यान
2. राजस्थान
3. भारतीय बाघ
4. जोधपुर।
III. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
हमारा राजस्थान कक्षा 7 प्रश्न उत्तर प्रश्न 1.
ईशान के पिता वन विभाग में कहाँ कार्यरत थे?
उत्तर:
ईशान के पिता भरतपुर के केवलादेव घना राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में कार्यरत थे।
हमारा राजस्थान कक्षा 7 प्रश्न 2.
राजस्थान राज्य में सर्वाधिक तथा सबसे कम वन क्षेत्र किन जिलों में पाया जाता है?
उत्तर:
सर्वाधिक वन क्षेत्र उदयपुर तथा सबसे कम वन क्षेत्र चुरू जिले में पाया जाता है।
कक्षा 7 हमारा राजस्थान पाठ 1 के प्रश्न उत्तर प्रश्न 3.
राजस्थान में कुल कितने वन्य जीव अभयारण्य हैं?
उत्तर:
राजस्थान में 26 वन्य जीव अभयारण्य हैं।
Class 7 Hamara Rajasthan Chapter 1 Question Answer English Medium प्रश्न 4.
राजस्थान के राज्य पशु कौनसे हैं?
उत्तर:
वन श्रेणी में चिंकारा एवं पालतू श्रेणी में ऊँट राजस्थान के राज्य पशु हैं।
IV. लघूत्तरात्मक प्रश्न
हमारा राजस्थान कक्षा 7 भाग-2 पाठ 1 प्रश्न 1.
राजस्थान के राष्ट्रीय उद्यानों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में तीन राष्ट्रीय उद्यान हैं
1. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान-यह भरतपुर जिले में स्थित है। यहाँ साइबेरियन क्रेन, सारस, बगुले, बया, कोयल, बटेर आदि पक्षी पाये जाते हैं।
2. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान-यह सवाई माधोपुर जिले में स्थित है। यह उद्यान भारतीय बाघ के लिए प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त यहाँ भालू, चीतल, सांभर, नीलगाय, मगरमच्छ आदि भी पाये जाते हैं।
3. मुकंदरा राष्ट्रीय उद्यान-यह कोटा और चित्तौड़गढ़ जिले में फैला हुआ है। यहाँ बाघ, रीछ, जरख, गीदड़, भेड़िया, सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, सियार आदि वन्य जीव पाये जाते हैं।
Hamara Rajasthan Class 7 प्रश्न 2.
राजस्थान वन संरक्षण पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
राजस्थान राज्य में कुल 13 संरक्षित क्षेत्र हैं। पारिस्थितिकीय एवं पर्यावरण संतुलन बने रहने के साथसाथ प्रदेशवासियों के सामाजिक, आर्थिक उत्थान के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु राजस्थान राज्य की वन नीति 2010 में राज्य के सम्पूर्ण भू-भाग के 20 प्रतिशत को वृक्षाच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन राजस्थान में वन क्षेत्र
लगभग 10 प्रतिशत ही है। वनों की अन्धाधुन्ध कटाई एवं जागरूकता के अभाव के कारण राजस्थान में आरक्षित वन का क्षेत्रफल समय के साथ घटा है।
शुष्क वन अनुसंधान संस्थान जोधपुर में स्थित है। इस संस्थान | का उद्देश्य शुष्क एवं अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में वनों एवं वन्य जीवों | के विकास हेतु अनुसंधान करना है। वन संरक्षण के उद्देश्य से राज्य सरकार एवं अनेक संस्थाओं द्वारा जनमानस में | जागरूकता हेतु अभियान चलाये गये हैं। वनों से लकड़ी काटने पर पाबंदी लगाई गई है। वृक्षारोपण, चारागाह विकास |एवं सामाजिक वानिकी के कार्य किये गये हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न
Class 7 Hamara Rajasthan प्रश्न 1.
राजस्थान के वनों के कितने प्रकार हैं? वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग दसवाँ भाग वन क्षेत्र है, जिसका वर्गीकरण निम्नलिखित है
वैधानिक (कानूनी) दृष्टि से वनों का वर्गीकरण:
1. आरक्षित वन-ये कुल वन क्षेत्र के एक तिहाई से अधिक हैं। इस वर्ग के वन सरकारी नियंत्रण में आते हैं । पर्यावरण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होने के कारण इस क्षेत्र में पशु चराने व लकड़ी काटने पर प्रतिबंध होता है।
2.सुरक्षित वन-ये कुल वन क्षेत्र के आधे से अधिक क्षेत्र पर फैले हैं। इन वनों पर भी सरकारी नियंत्रण होता है। कुछ | नियमों के साथ इस क्षेत्र में पशुओं को चराने व लकड़ी काटने
की अनुमति दी जाती है।
3. अवर्गीकृत वन-सुरक्षित किये गये वनों के अतिरिक्त शेष वन इसके अंतर्गत आते हैं। इस श्रेणी के वनों में पशु चराने एवं लकड़ी काटने पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।
भौगोलिक दृष्टि से वनों का वर्गीकरण:
1. उष्ण कटिबंधीय कंटीले वन-ये वन राजस्थान के शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क भागों में पाये जाते हैं। इन वनों में झाड़ियाँ एवं कंटीले वृक्ष पाये जाते हैं। रोहिड़ा, खेजड़ी, धौकड़ा, बेर. बबूल, कैर, नीम इत्यादि मुख्य वृक्ष हैं। यहां की मर स्थलीय वनस्पति को मरुदभिद् भी कहा जाता है। |
2. उष्ण कटिबंधीय शुष्क पतझड़ बन-इन वनों को | मानसनी वन भी कहते हैं। इन वनों में पाई जाने वाली | अधिकांश लकड़ियाँ मजबूत होती हैं। यहाँ के वृक्ष | ग्रीष्मकाल में अपनी पत्तियां गिरा देते हैं। इन वनों में सागवान, बरगद, आम, तेंदू, सालर, महुआ, गूलर, धौक, ढाक, साल, सीताफल, बाँस, आँवला, नीम, शीशम इत्यादि वृक्ष पाये जाते हैं।
3. अर्द्ध-उष्ण सदाबहार वन-सदव हर-भर हान के कारण इन वनों को सदाबहार वन कहते हैं। ये वन पहाड़ी के ऊँचाई वाले भागों में ही पाये जाते हैं। जैसे-आबू पर्वतीय क्षेत्र। इन वनों में आम, बाँस, सागवान आदि मुख्य वृक्ष पाये जाते हैं।
गतिविधि
प्रश्न:
जरा सोचे-यदि वन ना रहे तो क्या होगा?
उत्तर:
वन हमारी दुनिया की जीवनरेखा हैं, उनके बगैर हम पृथ्वी पर जिंदगी का पहिया घूमने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हमारे ग्रह को पेड़ जो सेवाएँ देते हैं, उनकै ? सूची बहुत लंबी है—वे इंसानों और दूसरे जानवरों के छोड़े हुए कार्बन को सोखते हैं, जमीन पर मिट्टी की परत को बनाए रखने का काम करते हैं, पानी के चक्र के नियमितीकरण में भी इनका अहम योगदान है, इसके साथ पेड़ प्रकृति और इंसान के खान-पान के सिस्टम को चलाते हैं और न जाने कितनी प्रजातियों को भोजन प्रदान करते हैं। इसके अलावा ये दुनिया के अनगिनत जीवों को आश्रय देते हैं। निर्माण सामग्री यानी लकड़ी के रूप में ये इंसानों को अपना घर बनाने के लिए भी मदद करते हैं।
पेड़ हमारे लिए इतने काम के हैं, फिर भी हम इन्हें बेरहमी से काटते रहते हैं, जैसे कि इनकी इस धरती के लिए कोई उपयोगिता ही नहीं है। अगर हम धरती पर मौजूद सभी पेड़ काट डालते हैं, तो इससे प्रलय आने के अतिरिक्त किसी अन्य स्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती है। हम ऐसी धरती पर रह रहे होंगे, जो जिंदगी को सहारा नहीं दे सकेगी। दुनिया इतनी भयानक होगी कि वहाँ किसी जीव के पनपने का तो दूर, मौजूदा जीवों के जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पेड़ों के साथ ही धरती पर मौजूद ज्यादातर जिंदगी समाप्त हो जाएगी, जंगलों में रहने वाले जीव भी मर जाएँगे, जो पेड़ों पर ही निर्भर हैं। धरती की जलवायु में भी बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिलेगा।