Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 8 खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
इस चार्ट में तुम्हें सिंचाई से आए परिवर्तन दिखाए गए हैं। खाली स्थानों में सही वाक्य भरो:
• लोगों द्वारा परिश्रम किया गया।
• किसानों को लाभ मिला, क्योंकि अब उत्पादन की अनिश्चितता घटी।
• कर अदा करने के लिए किसानों को उत्पादन बढ़ाना था।
• राजाओं ने सिंचाई की योजना बनाई और धन खर्च किया।
1. राजा को सेना, महल और किले बनवाने के लिए धन चाहिए।
2. वे किसानों से कर लेते हैं।
3.
4. यह सिंचाई से ही संभव था।
5.
6.
7. कृषि उत्पादन बढ़ा।
8. राजस्व भी बढ़ा।
9.
उत्तर:
3. कर अदा करने के लिए किसानों को उत्पादन बढ़ाना था।
5. राजाओं ने सिंचाई की योजना बनाई और धन खर्च किया।
6. लोगों द्वारा परिश्रम किया गया।
9. किसानों को लाभ मिला, क्योंकि अब उत्पादन की अनिश्चितता घटी।
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प्रश्न 1.
बेरिगाजा से आयात और निर्यात होने वाली चीजों की सूची बनाओ।
उत्तर:
प्रश्न 2.
दो ऐसी चीजें बताओ, जिनका उपयोग हड़प्पा युग में नहीं होता था।
उत्तर:
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प्रश्न 3.
व्यापारी किस चीज से इसका (नमक का) विनिमय करते हैं? वे किस तरह यात्रा कर रहे हैं?
उत्तर:
व्यापारी धान से नमक का विनिमय करते हैं। वे गाड़ियों (बैलगाड़ियों, घोड़ागाड़ियों आदि) में परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं।
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प्रश्न 4.
मथुरा के लोगों के व्यवसायों की एक सूची बनाओ। एक ऐसे व्यवसाय का नाम बताओ जो हड़प्पा में नहीं था।
उत्तर:
मथुरा के लोगों के व्यवसाय
व्यवसाय जो हड़प्पा में नहीं था-
लोहार का कार्य।
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प्रश्न 1.
उन महिलाओं की सूची बनाओ जिन्हें निरीक्षक नियुक्त कर सकता था।
उत्तर:
निरीक्षक निम्न महिलाओं को नियुक्त कर सकता था।
प्रश्न 2.
क्या काम करने के दौरान महिलाओं को मुश्किलें झेलनी पड़ती थी?
उत्तर:
अगर किसी महिला ने अपना काम पूरा नहीं किया, तो उसे जुर्माना देना होता था। इसके लिए उसका अंगूठा भी काटा जा सकता था।
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प्रश्न 1.
रोम के साथ संबंध दर्शाने वाले साक्ष्य की सूची बनाओ।
अथवा
अरिकामेडु और रोम में सम्बन्ध दर्शाने वाले कुछ प्रमाण बताइये।
उत्तर:
अरिकामेडु में मिले निम्न प्रमाण अरिकामेडु एवं रोम में सम्बन्ध दर्शाते हैं
प्रश्न 2.
ये बड़े खुले रंगमंडल (एम्फिधियेटर) और जलवाही सेतु इतने दिनों तक कैसे बचे रहे?
उत्तर:
ये बड़े वले रंगमंडल (एम्फिथियेटर) तथा जलवाही सेतु ईंटों की मजबूत चुनाई करके बनाये गये थे। इनकी इंजीनियरिंग कमाल की थी। इनकी देखरेख तथा संरक्षण भी भली प्रकार होता था। इसीलिए ये इतने दिनों तक बचे रहे।
आओ याद करें
प्रश्न 1.
खाली जगहों को भरो:
(क) तमिल में बड़े भूस्वामी को .................................... कहते थे
(ख) ग्राम - भोजकों की जमीन पर प्रायः .................................... द्वारा खेती की जाती थी।
(ग) तमिल में हलवाहे को .................................... कहते थे।
(घ) अधिकांश गृहपति .................................... भूस्वामी होते थे।
उत्तर:
(क) वेल्लला
(ख) उनके दास और मजदूरों
(ग) उणवार
(घ) छोटे।
प्रश्न 2.
ग्राम - भोजकों के काम बताओ। वे शक्तिशाली क्यों थे?
उत्तर:
ग्राम - भोजकों के काम
ग्राम - भोजकों के शक्तिशाली होने के कारण
प्रश्न 3.
गाँवों तथा शहरों दोनों में रहने वाले शिल्पकारों की सूची बनाओ।
उत्तर:
गाँवों तथा शहरों दोनों में रहने वाले शिल्पकार
प्रश्न 4.
सही जवाब दूंढो:
(क) बलबकूप का उपयोग
• नहाने के लिए
• कपड़े धाने के लिए
• सिंचाई के लिए
• जल निकास के लिए किया जाता था।
उत्तर:
जल निकास के लिए किया जाता था।
(ख) आहत सिक्के
• चाँदी
• सोना
• टिन
• हाथीदांत के बने होते थे।
उत्तर:
चाँदी के बने होते थे।
(ग) मथुरा महत्वपूर्ण
• गाँव
• पत्तन
• धार्मिक केंद्र
• जंगल क्षेत्र था।
उत्तर:
धार्मिक केंद्र था।
(घ) श्रेणी
• शिल्पकारों
• कृषकों
• पशुपालकों का संघ होता था।
उत्तर:
शिल्पकारों का संप होता था।
आओ चर्चा करें
प्रश्न 5. पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 79 पर दिखाए गए लोहे के औजारों में कौनसे खेती के लिए महत्वपूर्ण होंगे? अन्य औजार किस काम में आते होंगे?
उत्तर:
पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 79 पर दिखाए गए लोहे के औजारों में से हंसिया खेती के लिए महत्वपूर्ण औजार होगा। आज भी किसान खेती के लिए हंसिये का उपयोग करते
चित्र में अन्य औजार कुल्हाड़ी और संझसी हैं। इनमें कुल्हाड़ी जंगलों को साफ करने तथा लकड़ी काटने एवं संडासी वस्तुओं को पकड़ने विशेषकर गरम वस्तुओं को पकड़ने के लिए काम में आती होगी।
प्रश्न 6.
अपने शहर की जल निकास व्यवस्था की तुलना तुम उन शहरों की व्यवस्था से करो, जिनके बारे में तुमने पड़ा है। इनमें तुम्हें क्या - क्या समानताएँ और अंतर दिखाई दिए?
उत्तर:
हमारे शहर की जल निकास व्यवस्था हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो की जल निकास व्यवस्था से मेल खाती है। हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो में सड़कों में नाले बनाकर जल निकास व्यवस्था की गई थी। घरों के पानी के निकास के लिए नालियाँ बनाकर उन्हें सड़कों के नालों से जोड़ा गया था। वर्तमान में काम में लाई जा रही जल निकास व्यवस्था अधिक उन्नत है। अब भूमिगत नालों के द्वारा व्यर्थ जल की निकासी की जाती है। इनकी देखभाल भी आसानी से की जा सकती है।