RBSE Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 2 आखेट-खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 2 आखेट-खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक Textbook Exercise Questions and Answers.

RBSE Class 6 Social Science Solutions History Chapter 2 आखेट-खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक

RBSE Class 6 Social Science आखेट-खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक InText Questions and Answers


पृष्ठ 14 

प्रश्न 1.
क्या तुम बता सकते हो कि रहने के लिए लोगों ने यह जगह (भीमबेटका) क्यों चुनी होगी? 
उत्तर:
लोगों ने रहने के लिए यह जगह इसलिए चुनी होगी क्योंकि यहाँ अनेक गुफाएँ व कन्दराएँ थीं जहाँ बारिश, धूप तथा हवाओं से राहत मिलती थी। ये गुफाएँ नर्मदा घाटी के पास स्थित थीं जहाँ से उन्हें रोजाना की आवश्यकता पूर्ति हेतु सामग्री उपलब्ध हो जाती थी। 

RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 2 भोजन : संग्रह से उत्पादन तक

पृष्ठ 15 

प्रश्न 2.
आज हम आग का उपयोग किसलिए करते हैं? 
उत्तर:

  1. खाना बनाने के लिए 
  2. गर्मी प्राप्त करने के लिए 
  3. उद्योगों में उत्पादन के लिए 
  4. ईंटें, मिट्टी के बर्तन पकाने के लिए 
  5. शवदाह के लिए, आदि। 

पृष्ठ 16

प्रश्न 3. 
क्या तुम बता सकते हो कि सबसे पहले कुत्तों को ही पालतू क्यों बनाया गया? 
उत्तर:

  1. कुता मनुष्य के इशारों को जल्दी समझता था। 
  2. वह मनुष्य का वफादार था। 
  3. कुत्ता मनुष्य के सामान की रखवाली करता था। 
  4. कुत्ता शिकार में मनुष्य की सहायता करता था। 

पृष्ठ 18

प्रश्न 1. 
क्या तुम्हें लगता है कि शिकारी या भोजन - संग्रह करने वाले बर्तन बनाते और उनका प्रयोग करते होंगे? अपने जवाब का कारण बताओ। 
उत्तर:
नहीं, हमें नहीं लगता कि वे ऐसा करते होंगे। क्योंकि तब तक उन्हें भण्डारण की आवश्यकता महसूस नहीं हुई होगी। 

प्रश्न 2. 
भोजन के अतिरिक्त जानवरों से और क्या - क्या मिल सकता है? 
उत्तर:
भोजन के अतिरिक्त जानवरों से ऊन, चमड़ा, सींग आदि प्राप्त होते हैं। जानवर हमें अनेक कार्यों जैसे खेती, परिवहन एवं भार वाहन में भी सहायक होते हैं। जानवरों की चर्बी को जलाकर रोशनी तथा गर्मी भी प्रास की जाती हैं।

प्रश्न 3. 
आज जानवरों का उपयोग किसलिए होता है? 
उत्तर:

  • भोज्य पदार्थों, यथा - दूध, मांस, अण्डे आदि की प्राप्ति के लिए
  • ऊन, चमड़ा, सींग आदि की प्राप्ति के लिए 
  • खेती के लिए 
  • भार वहन के लिए 
  • गोबर प्राति के लिए, आदि। 

पष्ठ 22 

प्रश्न 4. 
बताओ कौडिचों तथा सीपियों का क्या उपयोग होता होगा? 
उत्तर:
कौड़ियों तथा सौपियों का निम्न उपयोग होता होगा

  • मुद्रा के रूप में 
  • आभूषणों के रूप में 
  • सजावटी सामान के रूप में 
  • कुछ रस्म - रिवाज के लिए 
  • खेल सामग्री के रूप में।

RBSE Class 6 Social Science आखेट-खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक Textbook Questions and Answers

आओ याद करें।

प्रश्न 1. 
इन वाक्यों को पूरा करो
(क) आखेटक - खाद्य संग्राहक गुफाओं में इसलिए रहते थे क्योंकि ....................................। 
(ख) घास वाले मैदानों का विकास .................................... साल पहले हुआ। 
उत्तर:
(क) वहाँ उनें बारिश, धूप और हवाओं से राहत मिलती थी। 
(ख) 12,000 

प्रश्न 2. 
खेती करने वाले लोग एक ही स्थान पर लंबे समय तक क्यों रहते थे? 
उत्तर:
खेती करने वाले लोग फसल की देखभाल करने हेतु एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहते थे। इसमें बीज बोने से लेकर फसलों के पकने तक, पौधों की सिंचाई करने, खरपतवार हटाने, जानवरों और चिड़ियों से उनकी सुरक्षा करने जैसे बहुत - से काम शामिल थे। 

प्रश्न 3. 
पुरातत्त्वविद् ऐसा क्यों मानते हैं कि मेहरगढ़ के लोग पहले केवल शिकारी थे, और बाद में उनके लिए पशुपालन ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गया? 
उत्तर:
मेहरगढ़ में विभिन्न प्रकार के जानवरों की हड्डियाँ मिली हैं। इनमें हिरण तथा सूअर जैसे जंगली जानवरों तथा भेड़ और बकरियों की हड्डियाँ हैं। वहाँ पर घरों के अवशेष भी मिले हैं। वहाँ मिली एक कन में एक मृतक के साथ एक बकरी को भी दफनाया गया है। इसलिए पुरातत्वविद् मानते हैं कि मेहरगढ़ के लोग पहले शिकारी थे और बाद में उनके लिए पशुपालन ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गया।

आओ चर्चा करें 

प्रश्न 4. 
आखेटक - खाद्य संग्राहक एक स्थान से दूसरे स्थान पर क्यों घूमते रहते थे? उनकी यात्रा और आज की हमारी यात्रा के कारणों में क्या समानताएँ या क्या भिन्नताएँ हैं? 
उत्तर:
आखेटक - खाद्य संग्राहक एक जगह से दूसरी जगह पर धूमते रहते थे। इसके निम्न प्रमुख कारण थे
1. भोजन की तलाश में: अगर आखेटक - खाद्य संग्राहक एक ही जगह पर ज्यादा दिनों तक रहते तो आस - पास के पौधों, फलों और जानवरों को खाकर समाप्त कर देते थे। इसलिए और भोजन की तलाश में इनें दूसरी जगहों पर जाना पड़ता था। 

2.  पशुओं की गतिशीलता: जानवर अपने शिकार के लिए या फिर हिरण और मवेशी अपना चारा दूँदने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाया करते हैं। इसीलिए, इन जानवरों का शिकार करने वाले लोग भी इनके पीछे - पीछे जाया करते होंगे। 

3. मौसम: पेड़ों और पौधों में फल - फूल अलग - अलग मौसम में आते हैं, इसीलिए खाद्य संग्राहक उनकी तलाश में उपयुक्त मौसम के अनुसार अन्य इलाकों में घूमते होंगे। 

4. पानी की तलाश: जीवन के लिए पानी एक अत्यावश्यक चीज है। पानी के बिना किसी का भी जीवित रहना संभव नहीं। कई नदियों और झीलों का पानी कभी नहीं सूखता, लेकिन कुछ झीलों और नदियों में पानी बारिश के बाद ही मिल पाता है। इसीलिए ऐसी झीलों और नदियों के किनारे बसे लोगों को सूखे मौसम में पानी की तलाश में इधर - उधर जाना पड़ता होगा।

उनको यात्रा और आज की हमारी यात्रा में निम्न समानताएँ है:

  1. आज भी मनुष्य भोजन (रोजगार) की तलाश में यात्रा करता है।
  2. आज भी ऊँचे पर्वतीय भागों तथा मरुस्थलीय क्षेत्रों में लोग अपने पशुओं के साथ भोजन और पानी की तलाश में यात्रा करते हैं। 

उनकी यात्रा और आज की हमारी यात्रा में निम्न भिन्नताएँ:

  1. आज मनुष्य मुख्यत: शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय, पर्यटन आदि कारणों से यात्रा करता है। 
  2. सगे - सम्बन्धियों से मिलने तथा वैवाहिक कारणों से भी आज यात्राएँ की जाती हैं। 

RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 2 भोजन : संग्रह से उत्पादन तक

प्रश्न 5. 
आखेटक - खाद्य संग्राहक आग का उपयोग किनकिन चीजों के लिए करते थे? क्या तुम आज आग का उपयोग इनमें से किसी चीज के लिए करोगे!
उत्तर:
आखेटक - खाद्य संग्राहक आग का उपयोग निम्न चीजों के लिए करते थे

  1. प्रकाश के लिए 
  2. मांस भूनने के लिए 
  3. खतरनाक जानवरों को दूर भगाने के लिए 
  4. गर्मी प्राप्त करने के लिए, आदि। 

आज हम आग का उपयोग इनमें से निम्न चीजों के लिए

  • भोजन पकाने के लिए 
  • गर्मी प्राप्त करने के लिए। 

प्रश्न 6. 
कृषकों - पशुपालकों का जीवन आखेटक - खाद्य संग्राहकों के जीवन से कितना भिन्न था, तीन अंतर बताओ। 
उत्तर:

कृषक - पशपालक

आखेटक - खाद्य संग्राहक

(1) एक ही जगह पर लम्बे समय तक रहना

(1) घुमक्कड़ी जीवन व्यतीत करना।

(2) कृषि करना।

(2) जंगलों से कंद - मूल - फल तथा अन्य भोग्य सामग्री एकत्रित करना।

(3) पशुओं को पालना।

(3) पशुओं का शिकार करना।

Bhagya
Last Updated on June 1, 2022, 7:10 p.m.
Published May 31, 2022