Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 8 ऐसे-ऐसे Textbook Exercise Questions and Answers.
एकांकी से
Class 6 Hindi Chapter 8 Question Answer प्रश्न 1.
'सड़क के किनारे एक सुन्दर फ्लैट में बैठक का दृश्य। उसका एक दरवाजा सड़क वाले बरामदे में: खुलता है ....... उस पर एक फोन रखा है।' इस बैठक की पूरी तस्वीर बनाओ।
उत्तर-
दिये गये निर्देशानुसार छात्र तस्वीर स्वयं बनावें।
ऐसे ऐसे पाठ के प्रश्न उत्तर प्रश्न 2.
माँ मोहन के 'ऐसे-ऐसे' कहने पर क्यों घबरा रही थी?
उत्तर-
मोहन के 'ऐसे-ऐसे' कहने पर माँ इसलिए घबरा रही थी कि वह बीमारी का नाम नहीं बता रहा था। वह केवल पेट पर हाथ रखकर जोर-जोर से कराह रहा था। माँ 'ऐसे-ऐसे' को कोई भयानक नयी बीमारी समझ रही थी।
Class 6 Hindi Chapter 8 प्रश्न 3.
ऐसे कौन-कौन-से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टरजी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं ? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।
उत्तर-
सिर दर्द होना, पेट दर्द होना, बुखार आना, मातापिता के साथ कहीं जाना, घर का काम करना, शादी में जाना, घर पर समय न मिलना आदि ऐसे बहाने होते हैं, जिन्हें मास्टरजी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं।
अनुमान और कल्पना
ऐसे-ऐसे पाठ के प्रश्न उत्तर Class 6 प्रश्न 1.
स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में 'ऐसे-ऐसे' होने के बहाने बनाए। मान लो, एक बार उसे सचमुच पेट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर क्या बीती होगी?
उत्तर-
मोहन 'ऐसे-ऐसे' होने के बहाने बनाकर झूठ बोलता था। उसके पेट में सचमुच दर्द होने पर लोगों ने उसकी बात को कोरा बहाना या असत्य कथन माना होगा और उस पर विश्वास नहीं किया होगा। इस कारण मोहन को अपने झूठ बोलने का पछतावा हुआ होगा, उसे दु:ख भी हुआ होगा।
Class 6 Hindi Chapter Aise Aise Question Answer प्रश्न 2.
पाठ में आए वाक्य-'लोचा-लोचा फिरे है' के बदले 'ढीला-ढाला हो गया है या बहुत कमजोर हो गया है'-लिखा जा सकता है। लेकिन, लेखक ने संवाद में विशेषता लाने के लिए बोलियों के रंग-ढंग का उपयोग किया है। इस पाठ में इस तरह की अन्य पंक्तियाँ भी हैं, जैसे
- इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं;
- राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया,
- तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है।
• अनुमान लगाओ, इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से कैसे लिखा जा सकता है?
उत्तर-
इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से इस प्रकार लिखा जा सकता है
• 'इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं' के बदले 'इतनी
नयी-नयी बीमारियाँ हो रही हैं' या 'आजकल नयी-नयी बीमारियाँ हो रही हैं -लिखा जा सकता है।
• 'राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया' के बदले लिखा जा सकता है-'कष्ट देने वाली बीमारियों ने परेशान कर दिया है' या 'बहुत-सी बीमारियों ने दुःखी कर दिया
• 'तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है' के बदले 'तू तो बहुत झूठ बोलता है' या 'तू तो बड़ा बहानेबाज है'लिखा जा सकता है।
कक्षा 6 हिंदी पाठ 8 के प्रश्न उत्तर प्रश्न 3.
मान लो कि तुम मोहन की तबीयत पूछने जाते हो। तुम अपने और मोहन के बीच की बातचीत को संवाद के रूप में लिखो।
उत्तर-
मोहन के घर उसकी तबीयत पूछने जाने पर
मैं - मोहन! क्या बात है? तुम लेटे क्यों हो?
मोहन - मेरे पेट में कुछ ऐसे-ऐसे' हो रहा है।
मैं - ये 'ऐसे-ऐसे' क्या होता है ?
मोहन - (कराहकर) यहाँ पेट में बहुत दर्द हो रहा है। उठकर बैठा नहीं जा रहा है।
मैं - यह 'ऐसे-ऐसे' कब से हो रहा है?
मोहन - आज दोपहर से अचानक शुरू हुआ है।
मैं - तुमने कोई दवा ली या नहीं ?
मोहन - माँ ने देशी दवा और काला नमक दिया, परन्तु आराम नहीं मिला।
मैं - तुम घबराओ मत, कुछ देर में पेट दर्द ठीक हो जाएगा। तुम कुछ देर योगासन कर लो। अब
मैं चलता हूँ। मुझे स्कूल का गृहकार्य करना -
है। कल स्कूल में मिलेंगे। अच्छा, नमस्ते।
Aise Aise Paath Ke Shabdarth प्रश्न 4.
संकट के समय के लिए कौन-कौन से नम्बर याद रखे जाने चाहिए? ऐसे वक्त में पुलिस, फायर ब्रिगेड और डॉक्टर से तम कैसे बात करोगे? कक्षा में करके बताओ।
उत्तर-
संकट के समय के लिए मित्रों, सगे-सम्बन्धियों, पुलिस स्टेशन, फायर ब्रिगेड, डॉक्टर और अस्पताल के नम्बर याद रखने चाहिए। पुलिस, फायर ब्रिगेड एवं डॉक्टर से बात करने का अभ्यास छात्र कक्षा में स्वयं करें।
ऐसा होता तो क्या होता ......
मास्टर - स्कूल का काम तो पूरा कर लिया है ? (मोहन हाँ में सिर हिलाता है।)
मोहन - जी, सब काम पूरा कर लिया है।
• इस स्थिति में नाटक का अंत क्या होता? लिखो।
उत्तर-
मोहन यदि स्कूल का काम पूरा कर लेने की बात कहता तो उसके नाटक से पर्दा नहीं हटता। उसके माँबाप उसके लिए दवा आदि का प्रबन्ध करते और उन्हें लगता कि हमारा बेटा सचमुच में बीमार है। वह 'ऐसेऐसे' के बहाने सबको मूर्ख बनाने में सफल हो जाता।
भाषा की बात
(क) मोहन ने केला और संतरा खाया।
(ख) मोहन ने केला और संतरा नहीं खाया।
(ग) मोहन ने क्या खाया ?
(घ) मोहन केला और संतरा खाओ।
• उपर्युक्त वाक्यों में से पहला वाक्य एकांकी से लिया गया है। बाकी तीन वाक्य देखने में पहले वाक्य से मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ अलग-अलग हैं। पहला पाक्य किसी कार्य या बात के होने के बारे में बताता है। इसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं। दूसरे वाक्य का सम्बन्ध उस कार्य के न होने से है, इसलिए उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। तीसरे वाक्य में इसी बात को प्रश्न के रूप में पूछा जा रहा है, ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं। चौथे वाक्य में मोहन से उसी कार्य को करने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए उसे आदेशवाचक वाक्य कहते हैं।
आगे एक वाक्य दिया गया है। इसके बाकी तीन रूप तुम सोचकर लिखो।
बताना - रूथ ने कपड़े अलमारी में रखे।
नहीं/मना करना - ..................
पूछना - ..................
आदेश देना - ..................
उत्तर-
(क) रूथ ने कपड़े आलमारी में नहीं रखे। या-रूथ ने कपड़े आलमारी में रखने से मना किया।
(ख) क्या रूथ ने कपड़े आलमारी में रखे?
(ग) रूथ! कपड़े आलमारी में रख दो।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
मोहन के पेट में 'ऐसे-ऐसे' क्यों होने लगा?
(अ) पढ़ाई के मारे
(ब) डर के मारे ।
(स) चोट के मारे
(द) भूख के मारे
उत्तर-
(ब) डर के मारे
प्रश्न 2.
दो दिन की छुट्टी में मोहन को काम करना है(अ) घर का
(ब) पिताजी का
(स) स्कूल का
(द) खेलने का
उत्तर-
(स) स्कूल का
प्रश्न 3.
'क्यों रे मोहन, तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है।' यह किसने कहा?
(अ) पिताजी ने
(ब) वैद्यजी ने
(स) मास्टरजी ने
(द) माँजी ने
उत्तर-
(द) माँजी ने
प्रश्न 4.
माँ ने 'ऐसे-ऐसे' को क्या समझा?
(अ) अजीब बीमारी
(ब) खराब आदत
(स) बुरा बहाना
(द) पेट का दर्द
उत्तर-
(अ) अजीब बीमारी
रिक्त स्थानों की पूर्ति-
प्रश्न 5.
रिक्त-स्थानों की पर्ति उचित शब्द से करो
(i) 'ऐसे-ऐसे' तो कोई बड़ी ............. है। (बीमारी/आफत).
(ii) ऐसे-ऐसे' तो काम न करने का........... है। (रोग/डर)
उत्तर-
रिक्त-स्थानों के लिए शब्द-
(i) बीमारी,
(ii) डर।
अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 6.
पिताजी के अनुसार मोहन ने क्या खाया था?
उत्तर-
पिताजी के अनुसार मोहन ने एक केला और एक संतरा खाया था।
प्रश्न 7.
मोहन के दर्द को लेकर माँ ने क्या सोचा?
उत्तर-
मोहन के दर्द को लेकर माँ ने सोचा कि इसे कोई अजीब रोग हो गया है।
Class 6 Hindi Chapter 8 Shabdarth प्रश्न 8.
डॉक्टर को किसने बुलाया था?
उत्तर-
डॉक्टर को मोहन के पिता ने बुलाया था।
कक्षा 6 पाठ 8 हिंदी प्रश्न 9.
मास्टरजी ने ऐसे-ऐसे' को क्या बताया?
उत्तर-
मास्टरजी ने 'ऐसे-ऐसे' को काम न करने का डर बताया।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
Chapter 8 Hindi Class 6 Question Answer प्रश्न 10.
डॉक्टर ने फोन पर मोहन के बारे में क्याक्या पूछा ?
उत्तर-
डॉक्टर ने फोन पर मोहन के पिता से पूछा कि क्या मोहन नाचता-फिरता है? क्या उसे दस्त तो नहीं आया? पेशाब आया तो उसका रंग कैसा था?
Hindi Chapter 8 Class 6 Question Answer प्रश्न 11.
दीनानाथ ने मोहन के बारे में क्या कहा?
उत्तर-
दीनानाथ ने कहा कि मोहन तो घर क्या, सारे पड़ोस को भी गुलजार किए रहता है। इसे छेड़, उसे पछाड़, इसके मुक्का, उसके थप्पड़। यहाँ-वहाँ, हर कहीं मोहन ही मोहन दिखाई देता है।
Aise Aise Ka Question Answer प्रश्न 12.
वैद्यजी ने मोहन की नाड़ी देखकर क्या कहा?
उत्तर-
वैद्यजी ने कहा कि मोहन को वात का प्रकोप है। इसे कब्ज है। इसका पेट साफ नहीं है । मल रुक जाने से पेट में वायु बढ़ गई है। मामूली रोग है, यह ठीक हो जाएगा।
प्रश्न 13.
मोहन की हालत देखकर माँ क्यों अधिक परेशान थी?
उत्तर-
माँ के द्वारा हींग, चूरन और पिपरमेंट देने पर भी जब मोहन को कुछ फायदा नहीं हुआ, तो माँ उसे कोई नयी बीमारी से ग्रस्त मानने लगी। इसी कारण वह उसकी हालत देखकर अंधिक परेशान हुई।
प्रश्न 14.
मास्टरजी ने मोहन के 'ऐसे-ऐसे' की क्या दवाई बताई
उत्तर-
मास्टरजी ने मोहन के 'ऐसे-ऐसे' की दवा बताई कि इसे स्कूल से दो दिन की छुट्टी मिलेगी, उसमें वह अपने स्कूल का सारा काम पूरा करेगा। तब इसकी 'ऐसेऐसे' बीमारी दूर हो जायेगी।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 15.
मास्टरजी ने मोहन की बीमारी के सम्बन्ध में क्या कहा?
उत्तर-
मास्टरजी ने कहा कि मोहन ने महीना भर मौज की। इसका स्कूल का काम पूरा नहीं किया। आज काम करने का ख्याल आया इसी डर से उसके पेट में ऐसे. ऐसे' होने लगा। इसके 'ऐसे-ऐसे' की दवा मेरे पास है। स्कूल से इसे दो दिन की छुट्टी मिलेगी, उसमें यह सारा काम पूरा करेगा। तब इसका ‘ऐसे-ऐसे' रोग दूर भाग जाएगा।
प्रश्न 16.
'ऐसे-ऐसे' एकांकी से क्या शिक्षा दी गई है?
उत्तर-
इस एकांकी से यह शिक्षा मिलती है कि प्रत्येक काम समय पर पूरा कर लेना चाहिए। छात्रों को स्कूल का काम पूरा करने में आलस्य या लापरवाही नहीं करनी चाहिए। स्कूल का काम नहीं करने से मास्टरजी की डाँटफटकार मिलती है और मन में डर लगा रहता है। इससे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। अतः छात्रों को इसका ध्यान रखना चाहिए।
गद्यांश पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 17.
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(1) बस यही कह रहा है....बस जी...नहीं, गिरा भी नहीं....'ऐसे-ऐसे होता है। बस जी, 'ऐसे-ऐसे' होता है। बस जी 'ऐसे-ऐसे!' यह ऐसे-ऐसे' क्या बला है, कुछ समझ में नहीं आता। जी...जी हाँ! चेहरा एकदम सफेद हो रहा है। नाचा....नाचता फिरता है....जी नहीं, दस्त तो नहीं आया....जी हाँ, पेशाब तो आया था....जी नहीं, रंग तो नहीं देखा। आप कहें तो अब देख लेंगे....अच्छा जी! जरा जल्दी आइए। अच्छा जी, बड़ी कृपा है। (फोन का चोंगा रख देते हैं।) डॉक्टर साहब चल दिए हैं। पाँच मिनट में आ जाते हैं।
प्रश्न
(क) उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? नाम लिखिए।
(ख) मोहन के पेट में कौन-सी बीमारी हो रही है?
(ग) मोहन का चेहरा सफेद क्यों पड़ रहा है?
(घ) गद्यांश में कौन, किसे और किसलिए फोन कर रहा
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-ऐसे-ऐसे।
(ख) मोहन के पेट में एक अजीब-सी बीमारी 'ऐसेऐसे' हो रही है।
(ग) मोहन का चेहरा 'ऐसे-ऐसे' पेट की बीमारी के कारण सफेद पड़ रहा है।
(घ) गद्यांश में मोहन का पिता डॉक्टर को फोन कर रहा है। इसमें मोहन के इलाज के लिए डॉक्टर को फोन किया जा रहा है।
(2) कुछ नहीं, माताजी, मोहन ने महीना भर मौज की। स्कूल का काम रह गया। आज खयाल आया। बस डर के मारे पेट में 'ऐसे-ऐसे' होने लगा-'ऐसे-ऐसे'! अच्छा, उठिए साहब! आपके ऐसे-ऐसे' की दवा मेरे पास है। स्कूल से आपको दो दिन की छुट्टी मिलेगी। आप उसमें काम पूरा करेंगे और आपका ऐसे-ऐसे' दूर भाग जाएगा। (मोहन उसी तरह मुँह छिपाए रहता है।) अब उठकर सवाल शुरू कीजिए। उठिए, खाना मिलेगा। (मोहन उठता है। माँ ठगी-सी देखती है।)
प्रश्न
(क) उक्त गद्यांश में कौन, किससे और किसके सम्बन्ध में हँसकर कहता है?
(ख) मास्टरजी मोहन के सम्बन्ध में क्या कहते हैं?
(ग) मोहन के 'ऐसे-ऐसे' की दवा किसके पास थी?
(घ) मोहन की माँ ठगी-सी क्यों देखती रह गयी?
उत्तर-
(क) उक्त गद्यांश में मास्टरजी, मोहन की माता से और मोहन की बीमारी के सम्बन्ध में हँसकर कहते हैं।
(ख) मास्टरजी कहते हैं कि मोहन को 'ऐसे-ऐसे' कोई बीमारी नहीं है, बल्कि इसने महीनाभर मौज-मस्ती कर स्कूल का काम नहीं किया है।
(ग) मोहन के 'ऐसे-ऐसे' की दवा मास्टरजी के पास थी।
(घ) मास्टरजी ने मोहन की बीमारी तुरन्त समझ ली थी और अब मोहन ठीक था। इस बात पर मोहन की माँ ठगी-सी देखती रह गयी।
[सप्रसंग व्याख्या/भावार्थ]
कठिन - शब्दार्थ - अंट-शंट = बेकार की बातें। रट लगाना = बार-बार कहना। कल = चैन, आराम । बला = आफत, मुसीबत । गुलजार = रौनक से युक्त, फूलों से खिला हुआ। वात = वायु। प्रकोप = उग्र या तेज होना। टटोलकर = खोजकर। बदहजमी = पाचन में गड़बड़ी। रौनक = चहल-पहल । मौन = चुप। छकाया - परेशान किया। अट्टहास = जोर की हँसी। पाठ का सार-प्रस्तुत एकांकी का प्रमुख पात्र मोहन आठ-नौ साल का बालक है। वह अपने कमरे में लेटा हुआ बार-बार पेट-दर्द से कराहता है। उसकी माँ गर्म पानी की बोतल से उसके पेट की सिकाई करती है।
उसके पिताजी डाक्टर और वैद्यजी को भी बुलाते हैं। मोहन बार-बार कहता है कि पेट में कुछ ऐसे-ऐसे' हो रहा है। इस बीच पड़ोसी दीनानाथ भी आते हैं। एक पड़ोसन आकर कुछ नयी बीमारियों की चर्चा करती है। अन्त में मोहन के मास्टरजी आते हैं। मोहन की माँ मास्टरजी को 'ऐसे-ऐसे' वाली बीमारी के बारे में बताती है । तब मास्टरजी समझ जाते हैं कि इसने छुट्टियों का काम नहीं किया है। इसी कारण यह सब बहानेबाजी कर रहा है। मास्टरजी मोहन को दो दिन की छुट्टी देकर काम पूरा करके स्कूल आने की बात करते हैं और कहते हैं कि यह 'ऐसे-ऐसे' पेट का दर्द नहीं है, स्कूल का काम न करने का डर है। इस बात पर सभी लोग हँसने लगते हैं।