Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 2 बचपन Textbook Exercise Questions and Answers.
संस्मरण से
प्रश्न 1.
लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थी?
उत्तर-
लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोजे धोती थी और अपने जूतों पर पॉलिश करके चमकाती थी।
प्रश्न 2.
"तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है?" इस बात के लिए लेखिका क्या-क्या उदाहरण देती है?
उत्तर-
इस सम्बन्ध में लेखिका उदाहरण देती है कि
(1) तब कुछ घरों में ग्रामोफोन थे रेडियो और टेलीविजन नहीं थे, आज ये हर घर में हैं।
(2) उस समय की कुल्फी आइसक्रीम में और कचौड़ीसमोसा पेटीज में बदल गए हैं।
(3) शहतूत, खसखस आदि के शरबत कोक-पेप्सी में बदल गए हैं।
प्रश्न 3.
पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे?
उत्तर-
लेखिका को नज़र कमजोर होने के कारण चश्मा लगाना पड़ा। लेखिका के चश्मा लगाने पर इनके चचेरे भाई उन्हें इसलिए छेड़ते थे और उनकी सूरत को लंगूर की सूरत कहकर चिढ़ाते थे।
प्रश्न 4.
लेखिका अपने बचपन में कौन-कौनसी चीजें मजा ले-लेकर खाती थी? उनमें से प्रमख फलों के नाम लिखो।
उत्तर-
लेखिका अपने बचपन में कुल्फी, कचौड़ी-समोसा, गरम चने, अनारदाने का चूर्ण, पेस्ट्री और चाकलेट मजा लेकर खाती थी। वह कुछ फल, काफ़ल और चेस्टनट खाती थी तथा शहतूत, फालसे और खसखस का शरबत पीती थी।
संस्मरण से आगे-
प्रश्न 1.
लेखिका के बचपन में हवाई जहाज की आवाजें, घुड़सवारी, ग्रामोफोन और शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें थीं। आज क्या-क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।
उत्तर-
आज हमें निम्नलिखित चीजें आकर्षित करती हैं
(1) कम्प्यूटर एवं इंटरनेट,
(2) उपग्रहों का प्रक्षेपण,
(3) लड़ाकू जहाजों की तेज गति,
(4) मोबाइल क्षेत्र की आधुनिक चीजें,
(5) मेट्रो ट्रेन आदि।
प्रश्न 2.
अपने बचपन की कोई मनमोहक घटना याद करके विस्तार से लिखो।
उत्तर-
स्वयं याद करके लिखो।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
सन् 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुजरा। उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो।
उत्तर-
उन दिनों शिमला का प्राकृतिक वातावरण अत्यन्त सुहावना था। तब वहाँ पर मॉल, रेस्टोरेंट तथा अच्छी दुकानें आदि खुल गई थीं। शिमला-कालका ट्रेन थी और कभी-कभी हवाई जहाज भी दिखाई देता था।
प्रश्न 2.
लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया गया है। अनुमान लगाओ कि सरवर कौन हो सकता है ?
उत्तर-
लेखिका ने अपने बचपन के संस्मरण में सरवर नाम के किसी लड़के का उल्लेख किया है। सरवर लेखिका का परिचित कोई दस-बारह साल का लड़का रहा होगा, जो शिमला या दिल्ली का रहने वाला होगा।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
क्रियाओं से भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि. भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञाएँ बनाओ।
उत्तर-
क्रिया -- भाववाचक संज्ञा
बदलना -- बदलाव
गूंज -- गहराई
चलना -- चाल
धुलना -- धुलाई
चढ़ना -- चढ़ाई
उतरना -- उतार, उतराई
बुरकना -- बुरकाव
गूंजना -- गहराना
खीजना -- खीज
प्रश्न 2.
चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दें तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी 'चार दिन' से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ' से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार 'एक लीटर दूध' से परिमाण का बोध होता है, इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो
उत्तर
(क) मुझे दो दर्जन केले - निश्चित संख्यावाचक चाहिए। विशेषण
(ख) दो किलो अनाज दे दो। - निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं। - अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(घ) सभी लोग हँस रहे थे। - अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ङ) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर - गुणवाचक विशेषण
प्रश्न 3.
कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं। इस वाक्य में रेखांकित शब्द 'दिलचस्पियाँ' और 'मौसी' संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
उत्तर-
(i) मैं तुम्हें अपने बचपन की ओर ले जाऊँगी।
(ii) हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते।
(iii) अपने-अपने जूते पॉलिश करके चमकाते।
(iv) हमारा घर मॉल से ज्यादा दूर नहीं था।
(v) यह गाना उन दिनों स्कूल के हर बच्चे को आता था।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
लेखिका का बचपन किस नगर में बीता?
(अ) दिल्ली में
(ब) शिमला में
(स) मसूरी में
(द) जम्मू में
उत्तर-
(ब) शिमला में
प्रश्न 2.
हर शनीचर को लेखिका को पीना पड़ता था
(अ) गर्म दूध
(ब) लस्सी
(स) ऑलिव ऑयल
(द) शरबत
उत्तर-
(स) ऑलिव ऑयल
प्रश्न 3.
लेखिका के अनुसार शिमला के हर बच्चे को कभी-न-कभी मौका मिल जाता था
(अ) रेल की सवारी का
(ब) जहाज की सवारी का
(स) घोडे की सवारी का
(द) बैलगाड़ी की सवारी का
उत्तर-
(स) घोडे की सवारी का
प्रश्न 4.
लेखिका ने कई रंगों की जमा कर ली थीं
(अ) टोपियाँ
(ब) ओढ़नियाँ
(स) फ्राकें.
(द) रूमालें
उत्तर-
(अ) टोपियाँ
रिक्त-स्थानों की पूर्तिप्रश्न
प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्द से कीजिए
(i) मुझे आज भी बूट ............ करना अच्छा लगता है। (मालिश/पॉलिश)
(ii) हमारे बचपन की कुल्फी .................. हो गई है (आइसक्रीम/पेस्ट्री)
(iii) शुरू-शुरू में चश्मा लगाना बड़ा ........... लगा। (अच्छा /अटपटा)
उत्तर-
रिक्त स्थानों के लिए शब्द-
(i) पॉलिश,
(ii) आइसक्रीम
(iii) अटपटा।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 6.
'बचपन' नामक संस्मरण की लेखिका का नाम बताइए।
उत्तर-
संस्मरण की लेखिका का नाम कृष्णा सोबती है।
प्रश्न 7.
लेखिका कृष्णा सोबती का बचपन कहाँ पर बीता?
उत्तर-
कृष्णा सोबती का बचपन शिमला नगर में बीता।
प्रश्न 8.
लेखिका को शिमला का कौन-सा फल बहुत याद आता है ?
उत्तर-
लेखिका को काफल बहुत याद आता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 9.
लेखिका उम्र में सयाना क्यों महसूस करने लगी?
उत्तर-
लेखिका का जन्म पिछली शताब्दी में हुआ था। अब उसकी उम्र काफी अधिक हो गयी थी। उसके पहननेओढ़ने में भी अन्तर आ गया था। इससे वह स्वयं को सयाना महसूस करने लगी थी।
प्रश्न 10.
बचपन में लेखिका को कौन-सी शनिवारी दवा पीनी पड़ती थी?
उत्तर-
बचपन में लेखिका को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल शनिवारी दवा के रूप में पीनी पड़ती थी।
प्रश्न 11.
लेखिका को शिमला के कौन-से फल अच्छे लगते थे और क्यों?
उत्तर-
लेखिका को शिमला के काफ़ल बहुत अच्छे लगते थे, क्योंकि उनका स्वाद कुछ खट्टा-मीठा, रसभरा कसमल होता था और वे देखने में भी अच्छे लगते थे।
प्रश्न 12.
लेखिका के चेहरे पर चश्मा देखकर छोटेबड़े क्या कहते थे?
उत्तर-
लेखिका को वे कहते थे कि क्या आँखों में तकलीफ है? इस उम्र में ऐनक! खूब दूध पिया करो।
प्रश्न 13.
लम्बी सैर पर निकलते समय लेखिका अपने पास क्या रखती थी और क्यों?
उत्तर-
लम्बी सैर पर निकलते समय लेखिका अपने पास रुई रखती थी, क्योंकि नये जूते उसके पैर काटते थे। छाले पड़ने पर वह रुई को मौजे में रख लेती थी।
प्रश्न 14.
'बचपन' संस्मरण से क्या सन्देश मिलता है?
उत्तर-
इससे सन्देश मिलता है कि हमें बड़ों का कहना मानना चाहिए, अपना काम स्वयं करना चाहिए और हमेशा सही रोशनी में बैठकर पढ़ना-लिखना चाहिए।
प्रश्न 15.
"चश्मा तो अब तक नहीं उतरा।" इसका कारण क्या रहा?
उत्तर-
लेखिका दिन की रोशनी छोड़कर रात में टेबल लैम्प के सामने लिखने-पढ़ने में लगी रहती, अपना काम करती रहती। इस कारण उनकी आँखों से चश्मा नहीं उतरा।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 16.
लेखिका (कृष्णा सोबती) के पहनने-ओढ़ने में क्या बदलाव आए और क्यों?
उत्तर-
लेखिका पहले रंग-बिरंगे कपड़े पहनती थी। वह अलग-अलग तरह की पोशाकें पहनती थी, जैसे फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहंगे, गरारे आदि; परन्तु अब वह प्रायः सफेद घेरदार कुर्ते व चूड़ीदार पाजामे पहनने लगी। बचपन तथा जवानी में रुचि में उमंग होने से वह पहनने ओढ़ने में गहरे-चमकीले रंग पसन्द करती थी, परन्तु बाद में ढलती उम्र के कारण उमंग कम होने से वह हल्के रंग एवं सफेद कपड़े पहनने-ओढ़ने लगी।
प्रश्न 17.
'बचपन' संस्मरण से लेखिका कृष्णा सोबती की कौन-सी विशेषताएँ प्रकट हुई हैं ?
उत्तर-
'बचपन' संस्मरण से लेखिका की अनेक विशेषताएँ व्यक्त हुई हैं। बचपन में वह रंग-बिरंगे कपड़े पहनती थी, शिमला में माल एवं रिज की सैर करती थी और रात में पढ़ने-लिखने में लगी रहती थी। लेखिका अपनी ढलती उम्र में सादा जीवन बिताने लगी। वह अपने लेखन कार्य में लगी रही। इससे उसका परिश्रमी, चिन्तनशील एवं संवेदनशील स्वभाव व्यक्त हुआ है।
गद्यांश पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 18.
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(1) मैं इन दिनों कुछ बड़ा-बड़ा यानी उम्र में सयाना महसूस करने लगी हूँ। शायद इसलिए कि पिछली शताब्दी में पैदा हुई थी। मेरे पहनने-ओढ़ने में भी काफी बदलाव आए हैं। पहले मैं रंग-बिरंगे कपड़े पहनती रही हूँ। नीलाजामुनी-ग्रे-काला-चॉकलेटी। अब मन कुछ ऐसा करता है कि सफेद पहनो। गहरे नहीं, हल्के रंग। मैंने पिछले दशकों में तरह-तरह की पोशाकें पहनी हैं। पहले फ्रॉक, फिर निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे और अब चूड़ीदार और घेरदार कुर्ते।
प्रश्न-
(क) यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? नाम लिखिए।
(ख) लेखिका अब क्या महसूस करने लगी?
(ग) लेखिका पहले किन रंगों के कपड़े पहनती रही?
(घ) लेखिका ने पिछले दशकों में किस प्रकार की पोशाकें पहनीं? .....
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-बचपन।
(ख) लेखिका अब उम्र में काफी बड़ी होने से स्वयं को सयाना महसूस करने लगी।
(ग) लेखिका पहले नीले, जामुनी, ग्रे, काला और चाकलेटी रंगों के कपडे पहनती रही।
(घ) लेखिका ने पिछले दशकों में फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे व घेरदार कुर्ते आदि पोशाकें पहनीं।
(2). पिछली सदी में तेज रफ्तारवाली गाड़ी वही थी। कभीकभी हवाई जहाज भी देखने को मिलते! दिल्ली में जब भी उनकी आवाज़ आती, बच्चे उन्हें देखने बाहर दौड़ते। दीखता एक भारी-भरकम पक्षी उड़ा जा रहा है पंख फैलाकर। यह देखो और वह गायब! उसकी स्पीड ही इतनी तेज लगती। हाँ, गाड़ी के मॉडलवाली दुकान के साथ एक और ऐसी दुकान थी जो मुझे कभी नहीं भूलती। यह वह दुकान थी जहाँ मेरा पहला चश्मा बना था। वहाँ आँखों के डॉक्टर अंग्रेज थे।
प्रश्न:
(क) इस गद्यांश की लेखिका का नाम लिखिए।
(ख) लेखिका को बचपन में हवाई जहाज कहाँ देखने को मिलते थे?
(ग) हवाई जहाज को उड़ता हुआ देखकर कैसा लगता था?
(घ) चश्मा लगाने वाले डॉक्टर को क्या कहते थे?
उत्तर-
(क) लेखिका का नाम-कृष्णा सोबती।
(ख) लेखिका को बचपन में शिमला में हवाई जहाज देखने को मिलते थे।
(ग) हवाईजहाज को उड़ता हुआ देखकर ऐसा लगता था कि जैसे कोई भारी-भरकम पक्षी पंखा फैलाकर उड़ रहा
(घ) चश्मा लगाने वाले डॉक्टर को आँखों का डॉक्टर कहते थे।
[सप्रसंग व्याख्या/भावार्थ]
कठिन-शब्दार्थ - सयाना = बड़ा समझदार। शताब्दी = एक सौ सालों का समय। फ्रिल = झालर। चलन = प्रचलन, रिवाज। मनाही = अनुमति न होना, मना होना। आरामदेह = आराम देने वाले। छालों = फफोलों। मितली = उल्टियाँ, कै। सेहत = स्वास्थ्य। दिलचस्पियाँ = रुचियाँ । कैस्टर ऑयल = गाढ़ी चिकनाई वाला तेल।ऑलिव ऑयल = जैतून का तेल। काफ़ल = एक पहाड़ी-जंगली फल, गौरी फल। कसमल = खट्टे-मी में पानी भर आना = लालच आना, स्वाद आना। बुरकना = छिड़कना। खास = विशेष। कमतर = कम अच्छा । हृष्ट-पुष्ट = स्वस्थ, ताकतवर। आश्वासन = भरोसा । सहजता = आसानी से। सुभीता = सुविधाजनक।
पाठ का सार - 'बचपन' पाठ में हिन्दी की प्रसिद्ध लेखिका कृष्णा सोबती ने अपने बचपन के बारे में बताया है। वह बचपन में रंग-बिरंगे कपड़े पहनती थीं। उसे बचपन के फ्राकों की बनावट को लेकर सब कुछ याद है। बचपन में उन्हें अपने जूतों पर स्वयं पालिश करना अच्छा लगता था। उस समय बच्चों को कुल्फी, कचौड़ी, समो फाल्से आदि खाने को मिलते थे। लेखिका का परिवार शिमला में रहता था। वहाँ पर उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ बचपन मजे में बिताया। उन्होंने चश्मा बचपन में ही पहन लिया था और कई रंगों की टोपियाँ इकट्ठी कर ली थीं, जिन्हें आज भी लगाना पसन्द करती हैं।