RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 17 साँस-साँस में बाँस

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 17 साँस-साँस में बाँस Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 6 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 6 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Here is visheshan worksheet for class 6 to learn grammar effectively and quickly.

RBSE Class 6 Hindi Solutions Vasant Chapter 17 साँस-साँस में बाँस

RBSE Class 6 Hindi साँस-साँस में बाँस Textbook Questions and Answers

निबन्ध से

प्रश्न 1.
बाँस को बूढ़ा कब कहा जा सकता है? बूढ़े
बाँस में कौन-सी विशेषता होती है जो युवा बाँस में नहीं पायी जाती?
उत्तर-
जब बाँस तीन साल से अधिक का होता है, तब उसे बूढ़ा बाँस कहते हैं। बूढ़े बाँस सख्त होते हैं और  चिराई-बुनाई करते समय टूट भी जाते हैं। इन पर शाखाएँ भी अधिक होती हैं।

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प्रश्न 2. 
बाँस से बनाई जाने वाली चीजों में सबसे आश्चर्यजनक चीज तुम्हें कौन-सी लगी और क्यों? 
उत्तर-
बाँस से बनाई जाने वाली चीजों में सबसे आश्चर्यजनक चीज टोकरी और जकाई लगी; क्योंकि टोकरी को अनेक आकार में, रंग-बिरंगी चित्रों या चैकों में बुना जाता है। जकाई एक तरह का जाल होता. है, जिससे पूर्वोत्तर के लोग मछलियाँ पकड़ते हैं। वैसे बाँस से बना सजावटी सामान भी आश्चर्यजनक लगता है। 

प्रश्न 3. 
बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में कब आरम्भ हुई होगी? 
उत्तर-
बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में उस दौर से आरम्भ हुई होगी, जब मानव बाँस की टोकरियों में भोजन इकट्ठा किया करता था। 

प्रश्न 4. 
बाँस के विभिन्न उपयोगों से सम्बन्धित जानकारी देश के किस भू-भाग के सन्दर्भ में दी गई है? एटलस में देखो। 
उत्तर-
बाँस के विभिन्न उपयोगों से सम्बन्धित जानकारी देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों के सन्दर्भ में दी गई है। इसमें नागालैण्ड का विशेष उल्लेख हुआ है। पूर्वोत्तर राज्यों में बाँस का अनेक प्रकार से उपयोग होता है। छात्र एटलस में इन राज्यों को स्वयं देखें। 

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निबन्ध से आगे 

प्रश्न 1. 
बाँस के कई उपयोग इस पाठ में बताए गए हैं। लेकिन बाँस के उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है। नीचे दिये गये शब्दों की मदद से तुम इस दायरे को पहचान सकते होसंगीत, प्रकाशन, मच्छर, फर्नीचर, एक नया सन्दर्भ। 
उत्तर-
संगीत - बाँस से संगीत के कई वाद्य यन्त्र बनते हैं तथा कई यन्त्रों को बजाने में इसका प्रयोग किया जाता है। 
प्रकाशन -प्रकाशन के लिए उपयोगी कागज बाँस की लुग्दी से ही बनाया जाता है। 
मच्छर - मच्छरों से बचने के लिए बाँस की मच्छरदानी एवं उसे तानने के लिए पतले बाँस की जरूरत होती है। 
फर्नीचर - बाँस से कुर्सी, मूढ़े, टेबल, रैक आदि कई फर्नीचर बनाये जाते हैं।
एक नया सन्दर्भ - बाँस से घरेलू उपयोगी सामान बनाया जाता है। जैसे हाथ का पंखा, दीवार पर लटकने वाला कलावत्तू, छाजला-सूप, झालर दार टोपा आदि। 

प्रश्न 2. 
इस लेख में दैनिक उपयोग की चीजें बनाने के लिए बाँस का उल्लेख प्राकृतिक संसाधन के रूप में हुआ है। नीचे दिये गये प्राकृतिक संसाधनों से दैनिक उपयोग की कौन-कौन सी चीजें बनाई जाती
चमड़ा, घास के तिनके, पेड़ की छाल, गोबर, मिट्टी। इनमें से किन्हीं एक या दो प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कोई एक चीज बनाने का तरीका अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर -
प्राकृतिक संसाधन -- दैनिक उपयोग की वस्तुएँ 
चमड़ा - जूते, बैग, बैल्ट, पर्स आदि। 
घास के तिनके - खिलौने, सजावटी सामान, छाजन आदि। 
पेड़ की छाल - पाउडर, देशी दवाइयाँ, रंग आदि। 
गोबर - खाद; उपले आदि।
मिट्टी - खिलौने, बर्तन, गमले आदि। 
मिट्टी-इसका उपयोग बर्तन बनाने या खिलौने बनाने में किया जाता है। इसके लिए मिट्टी को बारीक छानकर, पीसकर, पानी में गूंथकर और लोई जैसा बनाकर चाक की सहायता से अलग-अलग आकार-प्रकार के बर्तन बनाये जाते हैं। मिट्टी के बर्तनों को भट्टी या आवे में पकाया जाता है और इन पर रंग या चूने से चित्र आदि भी बनाये जाते है।

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प्रश्न 3. 
जिन जगहों की साँस में बाँस बसा है, अखबार और टेलीविजन के जरिए उन जगहों की कैसी तस्वीर तुम्हारे मन में बनती है? 
उत्तर-
जिन जगहों पर बाँस उगते हैं, अखबारों एवं टेलीविजन पर उन स्थानों की तस्वीरें दिखाई जाती हैं। विशेष रूप से टेलीविजन में बाँस के पौधों के बड़े-बड़े झुरमुट दिखाये जाते हैं। साथ ही बाँस की चीजें, फर्नीचर एवं सजावटी सामान बनाते हुए कारीगर दिखाई देते हैं। उन तस्वीरों को देखकर हमारे मन में उन जगहों की आकर्षक तस्वीर उभरती है।

अनुमान और कल्पना --

प्रश्न 1. 
इस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है? जैसे छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है या फिर धीरे-धीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है कि वे एक शंकु का आकर ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गुंथी हुई होती

• इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचो
(क) बाँस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है? 
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा कैसा दिखाई देता है? 
(ग) इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे क्यों चलना पड़ता है? 
उत्तर-
(क) शंकु के आकार का जाल पानी की सतह पर रखा जाता है, इस पर बाँस की खपच्चियाँ आपस में एकदम मिली रहती हैं। इस कारण इससे छोटी मछलियाँ आसानी से पकड़ी जाती हैं। 
(ख) शंकु की तरह बने जाल का नीचे का हिस्सा नुकीला होता है और वहाँ पर खपच्चियाँ एक-दूसरे से गुंथी रहती हैं। 
(ग) यह जाल छोटा होता है, अधिक मजबूत भी नहीं रहता है। इसलिए मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे चलना पड़ता है।

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शब्दों पर गौर -

हाथों की कलाकारी घनघोर बारिश बुनाई का सफ़र

आड़ा-तिरछा , डलियानुमा , कहे मुताबिक 

• इन वाक्यांशों का वाक्यों में प्रयोग करो। 
उत्तर-
हाथों की कलाकारी - मूर्तिकार अपने हाथों की कलाकारी से सुन्दर मूर्तियाँ बनाता है। 
घनघोर बारिश - श्रावण-भादों में घनघोर बारिश होती है। 
बुनाई का सफ़र - बाँस की बुनाई का सफ़र काफी पुराना है। 
आड़ा-तिरछा - छाजन पर आड़ा-तिरछा बाँस रखा जाता है।  
डलियानुमा - बाँस की डलियानुमा सामान बनाने के लिए अत्यधिकअभ्यास की आवश्यकता होती
कहे मुताबिक - गुरुजी के कहे मुताबिक मैंने चित्र बनाया। 

व्याकरण

प्रश्न 1. 
'बुनावट' शब्द 'बुन' क्रिया में आवट' प्रत्यय जोड़ने से बनता है। इसी प्रकार नुकीला, दबाव, घिसाई भी मूल शब्द में विभिन्न प्रत्यय जोड़ने से बने हैं। इन चारों शब्दों में प्रत्ययों को पहचानो और उनसे तीनतीन शब्द और बनाओ। इन शब्दों का वाक्यों में भी प्रयोग करो। 
उतर-
RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 12 संसार पुस्तक है

प्रश्न 2. 
नीचे पाठ से कुछ वाक्य दिये गये हैं
(क) वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब
(ख) हम यहाँ बाँस की एक-दो चीजों का ही जिक्र कर पाए हैं। 
(ग) मसलन औसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है। 
(घ) खपच्चियों से तरह-तरह की टोपियाँ भी बनाई जाती हैं। रेखांकित शब्दों को ध्यान में रखते हुए इन बातों को अलग ढंग से लिखो। 
उत्तर-
(क) यहाँ बाँस की चीजें बनाने का रिवाज भी
(ख) हम यहाँ बाँस की एक-दो चीजों की ही चर्चा कर पाए हैं। 
(ग) उदाहरण के लिए आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को प्रत्येक गठान से काटा जाता है। 
(घ) खपच्चियों से अनेक प्रकार की टोपियाँ भी बनाई जाती हैं। 

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प्रश्न 3. 
तर्जनी हाथ की किस उँगली को कहते हैं? बाकी उँगलियों को क्या कहते हैं? सभी उँगलियों के नाम अपनी भाषा में पता करो और कक्षा में अपने साथियों और शिक्षकों को बताओ। 
उत्तर-
अँगूठे के पास की उँगली को तर्जनी कहते हैं। तर्जनी उँगली के बाद मध्यमा, फिर अनामिका और सबसे छोटी उँगली कनिष्ठा कहलाती है। आम बोलचाल में अँगूठा, बड़ी उँगली, बीच की बड़ी व छोटी और छुटकी उँगली कहते हैं। 

प्रश्न 4. 
अंगुष्ठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठाये पाँच उँगलियों के नाम हैं। इन्हें पहचान कर सही क्रम में लिखो। 
उत्तर-
ऊपर दिया गया क्रम एवं नाम सही हैं। 

RBSE Class 6 Hindi साँस-साँस में बाँस Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
बाँस की चीजें बनाने का खूब प्रचलन है
(अ) असम में 
(ब) नागालैण्ड में 
(स) राजस्थान में 
(द) हिमाचल में 
उत्तर-
(ब) नागालैण्ड में 

प्रश्न 2. 
जंगलों से बाँस इकट्ठा करने का सही वक्त होता है
(अ) मई-जून में 
(ब) अप्रैल-जून में 
(स) जुलाई-अक्टूबर में 
(द) जून-सितम्बर में 
उत्तर-
(स) जुलाई-अक्टूबर में 

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प्रश्न 3. 
बाँस को छीलने एवं चिकना बनाने में काम आता है
(अ) दाओ
(ब) दरांती 
(स) तलवार  
(द) फरशी 
उत्तर-
(अ) दाओ

प्रश्न 4. 
असम में शंकु आकार के जाल को कहते हैं
(अ) जाल
(ब) खपच्ची 
(स) टोकरी
(द) जकाई 
उत्तर-
(द) जकाई 

रिक्त-स्थानों की पूर्ति

प्रश्न 5. 
उचित शब्द से रिक्त-स्थानों की पूर्ति करो

(i) बाँस की खपच्चियों से ...... चीजें बनाई जाती हैं। (ढेर/कम) 
(ii) टोकरी बनाने के लिए खपच्चियों को ......... बनाया जाता है। (चिकना/सख्त) 
(ii) खपच्चियों से तरह-तरह की ........ बनाई जाती हैं। (जूतियाँ/टोपियाँ) 
उत्तर-
रिक्त-स्थानों के लिए शब्द-
(i) ढेर, 
(ii) चिकना, 
(iii) टोपियाँ।

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 6. 
मरते समय चंग की चंगलनबा ने लोगों से क्या कहा? 
उत्तर-
उसने कहा कि मुझे दफनाए जाने के छठे दिन मेरी कब्र खोदकर देखोगे तो कुछ नया पाओगे। 

प्रश्न 7. 
भारत में बाँस कहाँ पर बहुत उगता है? 
उत्तर-
भारत के उत्तर-पूर्वी सात राज्यों में बाँस बहुत उगता है। 

प्रश्न 8. 
कहाँ के लोग बाँस की चीजें बनाने में उस्ताद होते हैं? 
उत्तर-
नागालैण्ड के लोग बाँस की चीजें बनाने में उस्ताद होते हैं। 

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प्रश्न 9. 
आमतौर पर कितनी उम्र वाले बाँस काटे जाते
उत्तर-
आमतौर पर एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटे जाते हैं। 

प्रश्न 10. 
आमतौर पर खपच्चियाँ कैसी होनी चाहिए? 
उत्तर-
आमतौर पर खपच्चियाँ एक इंच चौड़ाई वाली, पतली, लचीली और कामलायक होनी चाहिए। 

प्रश्न 11. 
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लोगों के पास किस मौसम में खाली वक्त होता है? 
उत्तर-
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लोगों के पास जुलाई से अक्टूबर के महीनों में अर्थात् बरसात के मौसम में खाली वक्त होता है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 12. 
बाँस की खपच्चियों से कौन-कौन-सी चीजें बनाई जाती हैं? 
उत्तर-
बाँस की खपच्चियों से तरह-तरह की चटाइयाँ, टोपियाँ, टोकरियाँ, बर्तन, बैलगाड़ियाँ, फर्नीचर, सजावटी सामान, जाल, मकान, पुल आदि बनाये जाते हैं। 

प्रश्न 13. 
टोकरी बनाने के लिए कितनी लम्बी खपच्चियाँ काटी जाती हैं? 
उत्तर-
टोकरी बनाने के लिए दो या तीन या चार गठानों वाली लम्बी खपच्चियाँ काटी जाती हैं। टोकरी जितनी लम्बी-बड़ी बनानी हो, उस हिसाब से काटी जाती हैं। 

प्रश्न 14. 
खपच्चियों की रंगाई किससे की जाती है? 
उत्तर-
खपच्चियों की रंगाई ज्यादातर गुड़हल और इमली के पत्तों से की जाती है। काले रंग के लिए आम की छाल में लपेटकर कुछ दिनों के लिए मिट्टी में दबाया जाता है। 

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 15. 
चीजें बनाने के अलावा बाँस का उपयोग किसमें होता है?
उत्तर-
चीजें बनाने के अलावा बाँस का उपयोग अचार बनाने में होता है। सूखे बाँस को ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जाता है, इसका कोयला बनता है। इससे बच्चों का सुन्दर पालना एवं छाता आदि बनाया जाता है। बाँस पर ही अर्थी बनाकर शव ले जाया जाता है। बाँस से तीर-धनुष आदि अस्त्र-शस्त्र भी बनाये जाते हैं।

प्रश्न 16.
बाँस की बुनाई किस प्रकार होती है?
उत्तर-
बाँस की बुनाई उसी प्रकार होती है, जैसी अन्य कोई बुनाई होती है। इसमें पहले खपच्चियों को चिकना कर रंगा जाता है, फिर उन्हें आड़ा-तिरछा रखा जाता है। इस क्रिया में बाने को बारी-बारी से ताने के ऊपर-नीचे किया जाता है। इससे पलंग की निवाड़ की तरह चैक का डिजायन बुना जाता है।

गद्यांश पर आधारित प्रश्न

प्रश्न 17. 
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

(1) बाँस भारत के विभिन्न हिस्सों में बहुतायत में होता है। भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सातों राज्यों में बाँस बहुत उगता है। इसलिए वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब है। सभी समुदायों के भरण-पोषण में इसका बहुत हाथ है। यहाँ हम खासतौर पर देश के उत्तरी-पूर्वी राज्य नागालैंड की बात करेंगे। नागालैंड के निवासियों में बाँस की चीजें बनाने का खूब प्रचलन है।। इंसान ने जब हाथ से कलात्मक चीजें बनानी शुरू की, बाँस की चीजें तभी से बन रही हैं। 

प्रश्न
(क) उक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? नाम लिखिए।
(ख) भारत के किस हिस्से में बाँस बहुतायत में उगता है? 
(ग) बाँस की चीजें बनाने का खूब प्रचलन किनमें है? 
(घ) बाँस की चीजें कब से बन रही हैं? 
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-साँस-साँस में बाँस। 
(ख) भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों में बाँस बहुतायत में उगता है। 
(ग) नागालैण्ड के निवासियों में बाँस की चीजें बनाने का खूब प्रचलन है। 
(घ) जब से मनुष्य ने हाथ से कलात्मक चीजें बनानी प्रारम्भ की, तभी से बाँस की अनेक चीजें बन रही हैं।

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(2) जुलाई से अक्टूबर, घनघोर बारिश के महीने! यानी लोगों के पास बहुत सारा खाली वक्त या कहो आसपास के जंगलों से बाँस इकट्ठा करने का सही वक्त।आमतौर पर वे एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटते हैं। बूढ़े बाँस सख्त होते हैं और टूट भी तो जाते हैं। बाँस से
उत्तर-
चीजें बनाने के अलावा बाँस का उपयोग अचार बनाने में होता है। सूखे बाँस को ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जाता है, इसका कोयला बनता है। इससे बच्चों का सुन्दर पालना एवं छाता आदि बनाया जाता है। बाँस पर ही अर्थी बनाकर शव ले जाया जाता है। बाँस से तीर-धनुष आदि अस्त्र-शस्त्र भी बनाये जाते हैं। 

प्रश्न 16. 
बाँस की बुनाई किस प्रकार होती है? 
उत्तर-
बाँस की बुनाई उसी प्रकार होती है, जैसी अन्य कोई बुनाई होती है। इसमें पहले खपच्चियों को चिकना कर रंगा जाता है, फिर उन्हें आड़ा-तिरछा रखा जाता है। इस क्रिया में बाने को बारी-बारी से ताने के ऊपर-नीचे किया जाता है। इससे पलंग की निवाड़ की तरह चैक का डिजायन बुना जाता है। 

गद्यांश पर आधारित प्रश्न

प्रश्न 17. निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

(1) बाँस भारत के विभिन्न हिस्सों में बहुतायत में होता है। भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सातों राज्यों में बाँस बहुत उगता है। इसलिए वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब है। सभी समुदायों के भरण-पोषण में इसका बहुत हाथ है। यहाँ हम खासतौर पर देश के उत्तरी-पूर्वी राज्य नागालैंड की बात करेंगे। नागालैंड के निवासियों में बाँस की चीजें बनाने का खूब प्रचलन है।। इंसान ने जब हाथ से कलात्मक चीजें बनानी शुरू की, बाँस की चीजें तभी से बन रही हैं। 

प्रश्न 
(क) उक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? नाम लिखिए। 
(ख) भारत के किस हिस्से में बाँस बहुतायत में उगता है? 
(ग) बाँस की चीजें बनाने का खूब प्रचलन किनमें है? 
(घ) बाँस की चीजें कब से बन रही हैं? 
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-साँस-साँस में बाँस। 
(ख) भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों में बाँस बहुतायत में उगता है। 
(ग) नागालैण्ड के निवासियों में बाँस की चीजें बनाने का खूब प्रचलन है। 
(घ) जब से मनुष्य ने हाथ से कलात्मक चीजें बनानी प्रारम्भ की, तभी से बाँस की अनेक चीजें बन रही हैं।

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(2) जुलाई से अक्टूबर, घनघोर बारिश के महीने! यानी लोगों के पास बहुत सारा खाली वक्त या कहो आसपास के जंगलों से बाँस इकट्ठा करने का सही वक्त।आमतौर पर वे एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटते हैं। बूढ़े बाँस सख्त होते हैं और टूट भी तो जाते हैं। बाँस से शाखाएँ और पत्तियाँ अलग कर दी जाती हैं। इसके बाद ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिनमें गाँठें दूर-दूर होती हैं। दाओ यानी चौड़े, चाँद जैसी फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैं। 

प्रश्न 
(क) बॉस इकट्ठा करने का सही समय कौन-सा रहता है और क्यों? 
(ख) आमतौर पर किस उम्र के बाँस काटे जाते हैं और क्यों? 
(ग) चीजें बनाने के लिए कैसे बाँसों को चुना जाता है? 
(घ) खपच्चियाँ कैसे तैयार की जाती हैं?
उत्तर-
(क) बाँस इकट्ठा करने का सही समय जुलाई से अक्टूबर मास रहता है, क्योंकि तब घनघोर बारिश होने से लोगों के पास खाली समय रहता है। 
(ख) आमतौर पर एक से तीन साल की उम्र के बाँस काटे जाते हैं, क्योंकि इस उम्र के बाँस लचीले होते हैं। 
(ग) चीजें बनाने के लिए ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिनमें गाँठे दूर-दूर होती हैं। 
(घ) चौड़े, चाँद जैसी फाल वाले चाकू अर्थात् दाओ से बाँस को छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैं।

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(3) इस स्थिति में बाएँ हाथ से खपच्ची को बाहर की ओर खींचा जाता है। इस दौरान दायाँ अँगूठा दाओ को अंदर की ओर दबाता है और दाओ खपच्ची पर दबाव बनाते हुए घिसाई करता है। जब तक खपच्ची एकदम चिकनी नहीं हो जाती, यह प्रक्रिया दोहराई जाती है। इसके बाद होती है खपच्चियों की रंगाई। इसके लिए ज्यादातर गुड़हल, इमली की पत्तियों आदि का उपयोग किया जाता है। काले रंग के लिए उन्हें आम की छाल में लपेटकर कुछ दिनों के लिए मिट्टी में दबाकर रखा जाता है। 

प्रश्न 
(क) खपच्चियों को चिकना किस औजार से किया जाता है? 
(ख) दाओ खपच्ची पर क्या करता है? 
(ग) खपच्चियों की रंगाई में किसका प्रयोग किया जाता है? 
(घ) खपच्चियों पर काला रंग करने के लिए क्या किया जाता है? 
उत्तर-
(क) खपच्चियों को चिकना दाओ नामक औजार से किया जाता है 
(ख) दाओ खपच्ची पर दबाव बनाते हुए उसकी घिसाई करता है। 
(ग) खपच्चियों की रंगाई में ज्यादातर गुडहल, इमली की पत्तियों आदि का प्रयोग किया जाता है। 
(घ) खपच्चियों पर काला रंग करने के लिए उन्हें आम की छाल में लपेटकर कुछ दिनों के लिए मिट्टी में दबाकर रखा जाता है।

साँस-साँस में बाँस Summary in Hindi

[सप्रसंग व्याख्या/भावार्थ]

कठिन-शब्दार्थ-बहुतायत अधिक मात्रा में। चलन-रिवाज। कलात्मक-अत्यन्त सुन्दर। मसलन जैसे कि, उदाहरण रूप में। हुनर कलाकारी का गुण । प्रक्रिया काम करने की विधि । गठानों-गाँठों। उस्तादी कलाकारी, चतुराई। तर्जनी-हाथ की दूसरी अंगुली। प्रक्रिया काम करने का तरीका । चैक-चौखाना। 

पाठ का सार - प्रस्तुत पाठ में बाँस के पौधे की उपयोगिता का वर्णन किया गया है। बाँस भारत के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है, परन्तु उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में यह खूब उगता है। इसलिए वहाँ पर बाँस से अनेक कलात्मक वस्तुएँ बनायी जाती हैं। नागालैण्ड के लोग इसमें काफी कुशल होते हैं।

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बाँस से टोकरियाँ, चटाइयाँ, टोपियाँ, सजावटी सामान, फर्नीचर, जाल, मकान तथा जकाई आदि वस्तुएँ बनायी जाती हैं। इन चीजों को बनाने के लिए बाँस की खपच्चियाँ तैयार की जाती हैं। बाँस की बुनाई-रंगाई आदि में जो लोग उस्ताद होते हैं, वे मनचाहा सामान बना देते हैं। बाँस से तैयार चीजें घर के काम तो आती ही हैं, इन्हें बेचकर आमदनी भी हो जाती है।

Bhagya
Last Updated on June 28, 2022, 4:11 p.m.
Published June 28, 2022