Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 3 अपनी वस्तु Textbook Exercise Questions and Answers.
उच्चारण के लिए -
तत्काल, बिल्कुल, उद्यत, दलीलें, तत्पश्चात्, बँटवारा
नोट - छात्र अध्यापक की सहायता से शुद्ध उच्चारण का अभ्यास करें।
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
लड़ाई-झगड़ा कौन कर रहे थे?
उत्तर :
दो भाई आपस में लड़ाई-झगड़ा कर रहे थे।
प्रश्न 2.
दोनों भाई किसके लिए झगड़ा कर रहे थे?
उत्तर :
दोनों भाई जमीन पर अधिकार के लिए झगड़ा कर रहे थे।
प्रश्न 3.
दोनों भाइयों को किसने समझाया?
उत्तर :
दोनों भाइयों को एक दयालु महात्मा ने समझाया।
लिखें -
प्रश्न 1.
सही उत्तर का क्रमाक्षर कोष्ठक में लिखें -
(अ) दोनों भाई क्या कर रहे थे
(अ) हँसी-मजाक
(ब) लड़ाई-झगड़ा
(स) बातचीत
(द) खाना खा रहे थे
उत्तर :
(ब) लड़ाई-झगड़ा
(ब) महात्मा जी के लिए दोनों भाई क्या लाए
(अ) सोना
(ब) फल
(स) भोजन
(द) कपड़ा।
उत्तर :
(स) भोजन
प्रश्न 2.
महात्मा जी ने झगड़ा रोकने के लिए दोनों भाइयों को क्या राय दी?
उत्तर :
महात्मा जी ने झगड़ा रोकने के लिए दोनों भाइयों को यह राय दी कि जिस भूमि के लिए झगड़ रहे हो उसी से पूछ लो उसका असली मालिक कौन है।
प्रश्न 3.
भोजन बनवाकर मँगवाने के पीछे महात्मा जी का क्या उद्देश्य था?
उत्तर :
भोजन बनवाकर मैंगवाने के पीछे महात्मा जी का उद्देश्य दोनों भाइयों के क्रोध को शांत करना था। भोजन करने व खाने में समय लगा । इस बीच दोनों भाइयों का क्रोध शांत हो गया।
प्रश्न 4.
महात्मा जी के अनुसार धरती ने क्या कहा?
उत्तर :
महात्मा जी के अनुसार धरती ने यह कहा कि मैं इन दोनों में से किसी की नहीं हैं। ये दोनों अवश्य मेरे हैं। मैंने इनकी कई पीढ़ियों को पाला है और जाते हुए भी देखा है।
प्रश्न 5.
दोनों भाई लज्जित क्यों हुए?
उत्तर :
दोनों भाई लज्जित इसलिए हुए क्योंकि जिस भूमि के लिए वे एक दूसरे की जान लेने पर तुले थे उसी भूमि ने उन दोनों में से किसी एक की होने से भी मना कर दिया था।
प्रश्न 6.
महात्मा जी ने दोनों भाइयों को क्या समझाया?
उत्तर :
महात्मा जी ने दोनों भाइयों को यह समझाया कि तुम दोनों व्यर्थ ही झगड़ रहे हो। यह धरती किसी के साथ नहीं जाती। बडे-बडे छत्रपति राजा भी इसे अपना-अपना कहकर खाली हाथ चले गए।
भाषा की बात -
पाठ में उद्धृत मुहावरा-“लाल पीला होना" का अर्थ "अत्यधिक क्रोधित होना" है। वाक्य प्रयोग-"दोनों भाई धरती के स्वामित्व को लेकर लाल पीले हो रहे थे।" इसी प्रकार आप भी नीचे लिखे मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करें -
1. नौ दो ग्यारह होना
2. पसीना-पसीना होना
उत्तर :
1. पुलिस को देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गए।
2. जंगल में शेर को देखते ही किसान पसीना-पसीना हो गया।
यह भी करें -
किसने क्या-क्या कहा -
1. भाई ने भाई से ...............
2. महात्मा ने भाइयों से .............
3. भूमि ने महात्मा से .............
उत्तर :
1. भाई ने भाई से कहा कि यह भूमि मेरी है और मैं इसका स्वामी हूँ। यही बात दोनों एक दूसरे से कह रहे थे।
2. महात्मा ने भाइयों से कहा कि तुम दोनों मारने मरने पर उतारू हो। जिस जमीन के लिए झगड़ रहे हो उसी से पूछ लो वह किसकी है।
3. भूमि ने महात्मा से कहा कि ये दोनों व्यर्थ मेरे ऊपर अधिकार जमाने के लिए झगड़ा कर रहे हैं, मैं इन दोनों में से किसी की भी नहीं हूँ।
आप भी इसी प्रकार के प्रेरक प्रसंगों का संकलन कर अपने विद्यालय की बालसभा व प्रार्थना सभा में सुनाएँ।
नोट - विद्यार्थी स्वयं करें।
बहुविकल्पीय प्रश्न -
प्रश्न 1.
सही विकल्प का चयन कीजिए -
(i) दोनों भाइयों को रास्ते में कौन मिला?
(क) भूमि
(ख) पड़ोसी
(ग) महात्मा
(घ) मित्र
उत्तर :
(ग) महात्मा
(ii) संपत्ति का बँटवारा किसने किया था?
(क) दादा ने
(ख) भाई ने
(ग) ताऊ ने
(घ) पिता ने
उत्तर :
(घ) पिता ने
(iii) भोजन आदि में कितना समय लग गया?
(क) 2 घंटे
(ख) 1 घंटा
(ग) 4 घंटे
(घ) 1/2 घंटा
उत्तर :
(क) 2 घंटे
(iv) अंत में दोनों ने अपना समय किस तरह बिताया?
(क) झगड़कर
(ख) प्रेम से रहकर
(ग) अलग-अलग रहकर
(घ) महात्मा के साथ में
उत्तर :
(ख) प्रेम से रहकर
(v) धरती किसके साथ जाती है?
(क) किसी के नहीं
(ख) छत्रपति राजा के
(ग) भूमि के स्वामी के
(घ),महात्मा के
उत्तर :
(क) किसी के नहीं
रिक्तस्थान पूर्ति -
प्रश्न 2.
दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
(क्षमा, महात्मा, गर्म, भोजन, लज्जित)
(i) एक........कहीं जा रहे थे।
(ii) पहले मुझे........कराओ।
(iii) दोनों भाई बड़े........हुए।
(iv) महात्मा जी ने लोहा........देखकर चोट की।
(v) दोनों ने अपनी भूल के लिए........माँगी।
उत्तर :
(i) महात्मा
(ii) भोजन
(iii) लज्जित
(iv) गर्म
(v) क्षमा
सत्य-असत्य -
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए वाक्यों के सामने सही होने पर (✓) व तथा गलत होने पर (✗) का निशान लगाएँ -
(i) दोनों उस भूमि को अपनी बता रहे थे। ( )
(ii) एक सेठ ने उनको झगड़ा करने से रोक दिया। ( )
(iii) जमीन ने कहा मैं दोनों की हूँ। ( )
(iv) महात्मा जी की शिक्षा ने दोनों का जीवन बदल दिया। ( )
(v) दोनों भाई जीवन भर लड़ते रहे। ( )
उत्तर :
(i) दोनों उस भूमि को अपनी बता रहे थे। (✓)
(ii) एक सेठ ने उनको झगड़ा करने से रोक दिया। (✗)
(iii) जमीन ने कहा मैं दोनों की हूँ। (✗)
(iv) महात्मा जी की शिक्षा ने दोनों का जीवन बदल दिया। (✓)
(v) दोनों भाई जीवन भर लड़ते रहे। (✗)
सार्थक शब्द निर्माण -
प्रश्न 4.
सार्थक शब्दों के समूह से शब्द बनते हैं। आप निम्नांकित वर्ग पहेली में से अक्षरों का प्रयोग करते हुए सार्थक शब्द बनाइए -
उत्तर :
(i) आपसी
(ii) पहले
(iii) साहस
(iv) लेने
(v) साथ
(vi) आप।
अति लघूत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न 5.
महात्मा जी को रास्ते में कौन मिला?
उत्तर :
महात्मा जी को रास्ते में दो भाई झगड़ते हुए मिले।
प्रश्न 6.
दोनों भाइयों को किस पर पूरा विश्वास था?
उत्तर :
दोनों भाइयों को महात्मा जी पर पूरा विश्वास था।
प्रश्न 7.
महात्मा जी ने जमीन के निर्णय से पहले दोनों भाइयों से क्या कहा?
उत्तर :
महात्मा जी ने दोनों भाइयों से कहा बड़े जोरों की . भूख लगी है। पहले मुझे भोजन कराओ।
प्रश्न 8.
महात्मा जी ने उन दोनों से क्या पूछा?
उत्तर :
महात्मा जी ने उन दोनों से पूछा कि हे भद्रपुरुषो! तुम लोग कौन हो और आपस में झगड़ा क्यों कर रहे हो?
प्रश्न 9.
दोनों भाइयों ने महात्मा जी को झगड़े का कारण क्या बताया?
उत्तर :
दोनों भाइयों ने झगड़े का कारण पिता की संपत्ति का बँटवारा होना बताया।
लघु/दीर्घ उत्तरीय प्रश्न -
प्रश्न 10.
महात्मा जी ने दोनों भाइयों का झगड़ा रोकने का उपाय क्यों किया?
उत्तर :
महात्मा जी ने दोनों भाइयों का झगड़ा रोकने का उपाय इसलिए किया क्योंकि संत-महात्मा स्वभाव से ही दयालु एवं परोपकारी होते हैं और वे सदैव सबका भला चाहते हैं।
प्रश्न 11.
महात्मा जी ने दोनों भाइयों को क्या सीख दी?
उत्तर :
जब दो सगे भाई जमीन के टुकड़े को लेकर एक दूसरे के खून के प्यासे हो रहे थे उसी समय एक महात्मा वहाँ से गुजरे। उनको झगड़ता देखकर वह सब मामला समझ गए और उन्होंने दोनों भाइयों का झगड़ा निबटाया। साथ ही महात्मा जी ने दोनों भाइयों को यह सीख दी कि मनुष्य का जीवन अनमोल है। इसे लड़ने-झगड़ने के बजाय अच्छे कर्मों और नाम सुमिरण में लगाओ ताकि तुम्हारा लोक-परलोक सँवर जाए।
केवल पढ़ने के लिए -
क्यों देते हैं नारियल की भेंट ?
प्रकृति ने न जाने कितनी तरह के पेड़-पौधे, फल-फूल, वनस्पतियाँ आदि हमारे लिए दिए हैं। अलग रंग, अलग स्वाद, अलग आकार और अलग स्वभाव के ये फल-फूल प्रकृति के अनोखे उपहार हैं। इनमें नारियल कुछ विशेष है। इसमें कुछ ऐसे गुण हैं जो इसे विशेष बनाते हैं। नारियल का ऊपरी भाग रूखा-सूखा, खुरदरा एवं अरुचिकर होता है।
उतना ही उसका भीतरी भाग नरम, सरल, रुचिकर व हितकारी होता है। एक सच्चे इंसान का व्यक्तित्व ऐसा ही होता है। हर मानव का स्वभाव भी ऐसा ही होना चाहिए। संघर्ष की राह चलता हुआ मनुष्य ऊपर से भले ही कठोर हो, सुंदर न लगे लेकिन भीतर से संवेदनशील बना रहे। नारियल की भेंट विभिन्न अवसरों पर दी जाती है, यही इसका रहस्य है।
पाठ सार - एक बार एक महात्मा जी कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में दो व्यक्ति झगड़ते हुए मिले। वे दोनों भाई अपने पिता की संपत्ति को लेकर झगड़ रहे थे। दयालु संत ने दोनों भाइयों का क्रोध शांत करने के लिए कहा कि तुम जिस जमीन के लिए झगड़ रहे हो उससे ही पूछ लो। दोनों भाइयों ने कहा कि जमीन उत्तर नहीं देगी आप ही हमारा फैसला कर दीजिए। महात्मा जी ने कहा-मैं भूखा हूँ पहले मुझे भोजन कराओ तब तुम्हारा फैसला करूँगा।
दोनों भाई घर से महात्मा जी के लिए भोजन लेकर आए। वहाँ महात्मा जी व दोनों भाइयों ने एक साथ भोजन किया। भोजन करने की प्रक्रिया में काफी समय बीत गया और उनका क्रोध शांत हो गया। दोनों भाइयों ने महात्मा जी से कहा कि यह जमीन क्या बताएगी, आप ही बता दीजिए यह जमीन किसकी है? यह बात सुनकर महात्मा जी ने जमीन पर कान लगाकर कहा कि जमीन कहती है कि मेरे ऊपर किसी का अधिकार नहीं है बल्कि ये दोनों अवश्य मेरे हैं।
मैंने इनकी कई पीढ़ियों का पालन किया है और अब इनका पालन कर रही हूँ। मैं स्थिर हूँ, किसी के साथ नहीं गयी। महात्मा जी ने दोनों भाइयों को समझाया कि मनुष्य का जीवन अनमोल है, इसे व्यर्थ नष्ट करने के बजाय अच्छे कर्मों में लगाओ ताकि तुम्हारा परलोक सँवर जाए। दोनों भाइयों ने अपनी भूल के लिए महात्मा जी से क्षमा माँगी और भगवान का भजन करते हुए प्रेम से रहने लगे।
कठिन शब्दार्थ :
अपनी वस्तु महत्त्वपूर्ण गद्यांशों पर आधारित प्रश्नोत्तर :
(अ) महात्मा जी को देखकर उनमें से एक व्यक्ति बोला-महात्मन्! हम दोनों भाई हैं। हमारे पिता ने मरते समय अपनी सम्पत्ति का जो बँटवारा किया था, उसके अनुसार इस भूमि का मालिक मैं हूँ, फिर भी यह व्यर्थ ही झगड़ा कर रहा है। दूसरा व्यक्ति तत्काल चिल्ला उठा-महाराज यह बिल्कुल झूठ बोल रहा है। यह भूमि इसके भाग में नहीं, बल्कि मेरे भाग में आती है, इसलिए इसका असली मालिक मैं हूँ । यह झूठमूठ ही इसे अपनी बतलाकर और मुझे डरा-धमका कर इसे हड़पना चाहता है।
1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
2. महात्मा से एक व्यक्ति ने क्या कहा ?
3. दूसरे व्यक्ति ने महात्मा को क्या समझाया?
4. 'हड़पना' शब्द का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
1. उचित शीर्षक-संपत्ति का बँटवारा।
2. व्यक्ति ने कहा-महात्मन्! हम दोनों भाई हैं। हमारे पिता ने मरते समय अपनी संपत्ति का बँटवारा किया था, उसके अनुसार इस भूमि का मालिक मैं हूँ। फिर भी वह व्यर्थ झगड़ा कर रहा है।
3. दूसरे भाई ने महात्मा को समझाया-महाराज यह झूठ बोल रहा है। यह जमीन मेरे हिस्से में आती है। यह मुझे डरा-धमकाकर इसे हड़पना चाहता है।4. हड़पना शब्द से आशय है कि बल प्रयोग या डराधमकाकर किसी वस्तु या संपत्ति पर अधिकर जमा लेना।
(ब) तुम लोग भूमि के इस छोटे से टुकड़े के लिए झगड़ा करके अपने अनमोल जीवन को नष्ट करने पर क्यों तुले हुए हो? यह भूमि न तुम्हारी है और न ही तुम्हारी बनेगी। भूमि ही क्या संसार के जितने भी पदार्थ हैं, धन-सम्पत्ति है, मकान आदि हैं इनमें से कुछ भी तुम्हारा नहीं है। तुम्हारी अपनी वस्तु तो केवल भजन-भक्ति और तुम्हारे अच्छे कर्म हैं ! जो लोक-परलोक के संगी-साथी हैं, शेष सब कुछ तो यहीं रह जाता है। अतएव आपस में लड़ने-झगड़ने और मनुष्य-जन्म के मूल्यवान् समय को व्यर्थ नष्ट करने की अपेक्षा जीवन को अच्छे कर्मों और नाम-सुमिरण में लगाओ, ताकि तुम्हारा लोक-परलोक सँवर जाए।
1. महात्मा जी के अनुसार जीवन कैसा है ?
2. मनुष्य की अपनी संपत्ति क्या है?
3. महात्मा जी के अनुसार लोक-परलोक सँवारने के लिए क्या आवश्यक है ?
4. गद्यांश से उस शब्द-युग्म को चुनिए, जो आपस में विलोम अर्थ देते हों।
उत्तर :
1. महात्मा जी ने बताया कि मानव जीवन अनमोल है। इसे व्यर्थ के कार्यों में नहीं गँवाना चाहिए।
2. मनुष्य की अपनी संपत्ति अच्छे कर्म और भगवान का भजन व भक्ति है।
3. लोक-परलोक सँवारने के लिए मनुष्य को अपना समय। नाम-सुमिरन तथा अच्छे कर्मों में लगाना चाहिए।
4. लोक-परलोक।