Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 1 हम भारत के भरत Textbook Exercise Questions and Answers.
उच्चारण के लिए -
व्रत, पुरखों, ज्वालाओं, श्रम, हिन्दुस्तान, सौगंध, चिनगारियाँ।
नोट - छात्र अध्यापक जी की सहायता से शुद्ध उच्चारण करें।
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
भरत किससे खेलते थे?
उत्तर :
भरत शेर के बच्चों से खेलते थे।
प्रश्न 2.
पुरखों की सौगात क्या है?
उत्तर :
पुरखों की सौगात साहस और वीरता है।
प्रश्न 3.
हमें जान से प्यारी क्या है?
उत्तर :
हमें जान से प्यारी भारत माता है।
लिखें -
प्रश्न 1.
सही उत्तर के शब्द का क्रमाक्षर छाँटकर कोष्ठक में लिखें।
(क) सौगात का अर्थ होता है -
(अ) सोगरा
(ब) सागर
(स) उपहार
(द) सौगंध
उत्तर
(स) उपहार
(ख) एक वर्ष में महीनों की संख्या होती है -
(अ) दस
(ब) सात
(स) बारह
(द) नौ
(द) नौ
उत्तर :
(स) बारह
प्रश्न 2.
इस कविता में से वे पंक्तियाँ छाँटकर लिखो, जिनका अर्थ है -
(अ) चिनगारियाँ ज्वालाओं से कम नहीं हैं।
(ख) हमारे काम इतिहास का हिस्सा बनते रहे हैं।
(स) हम धरती को माँ समान प्यार करते हैं।
(द) कठिन परीक्षा में मेहनत करने की आवश्यकता है।
उत्तर :
(अ) बड़ी-बड़ी ज्वालाओं से कम, नहीं यहाँ चिनगारियाँ।
(ब) सदियों से बनते आए हैं, हम पन्ने इतिहास के।
(स) यह धरती जो माँ है अपनी, हमें जान से प्यारी है।
(द) बोलो-मेहनत खूब करेंगे, कठिन परीक्षा आई है।
प्रश्न 3.
हमारे लिए सबसे अधिक गर्व की क्या बात है?
उत्तर :
हिंदुस्तान की मिट्टी में जन्म लेना सबसे अधिक गर्व की बात है।
प्रश्न 4.
फुलवारियों से हमें क्या-क्या मिलता है?
उत्तर :
फुलवारियों से हमें काँटे और फूल मिलते हैं।
प्रश्न 5.
कविता में हमारे कौन-से व्रतों की बात कही गई है?
उत्तर :
कविता में हमारे त्याग और बलिदान के व्रतों की बात कही गई है।
प्रश्न 6.
बालकों की क्या जिम्मेदारी है?
उत्तर :
मातृभूमि की सावधानी के साथ रखवाली करना बालकों की जिम्मेदारी है।
प्रश्न 7.
इतिहास के पन्नों में लिखी हुई कौन-सी बातें हैं?
उत्तर :
इतिहास के पन्नों में ये बातें लिखी हुई हैं कि शत्रु से युद्ध करने के लिए जब भी हम युद्ध क्षेत्र में आए तो सारा संसार आश्चर्यचकित रह गया। हमारी वीरता और साहस के उदाहरण इतिहास के पन्नों पर लिखे हैं।
भाषा की बात -
बोलकर अंतर कराएँ -
हंस-हँस, चाँद-चंदा, अंगना-आँगन, पूँछ-पूछ, रंग-रूँगा
नोट - अध्यापक जी की सहायता से छात्र शुद्ध उच्चारण करना सीखें।
संकेत-अनुनासिक - अँ : 'अँ' के उच्चारण में हवा नाक और मुँह दोनों से निकलती है। जैसे-गाँव, पाँच।
नीचे लिखे शब्दों को एकवचन में लिखें -
उत्तर :
बहुवचन - एकचन
नीचे दिए गए शब्दों में से पुल्लिंग व स्त्रीलिंग शब्द छाँटकर लिखें -
नीचे दिए गए शब्दों में से पुल्लिंग व स्त्रीलिंग शब्द छाँटकर लिखें -
मिट्टी, उँगली, हीरा, बालक, परीक्षा, दूध
उत्तर :
पुल्लिंग-हीरा, बालक, दूध।
स्त्रीलिंग-मिट्टी, उंगली, परीक्षा
जो शब्द स्त्री अथवा पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे 'लिंग' कहलाते हैं। लिंग दो प्रकार के होते हैं :
जो शब्द स्त्री अथवा पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे 'लिंग' कहलाते हैं। लिंग दो प्रकार के होते हैं :
1. स्त्रीलिंग 2. पुल्लिंग
यह भी करें -
हम बालक अपने देश की सेवा के रूप में कौनकौन-से कार्य कर सकते हैं? चर्चा करें।
उत्तर :
हम बालक अपने देश की सेवा के लिए निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं -
1. अपने आस-पास साफ-सफाई रखकर
2. पानी का दुरुपयोग न करके उसे बचाकर।
3. पेड़-पौधों की रक्षा करके तथा पौधारोपण करके।
4. अनुशासन में रहकर तथा अच्छी तरह से पढ़ाई करके।
5. अपने कर्तव्यों का ठीक तरह से पालन करके।
आपके आस-पास देश सेवा करने वालों/देशभक्तों के बारे में जानें व कक्षा में चर्चा करें।
उत्तर :
हमारे यहाँ हुए देशभक्तों में से कुछ नाम हैं-महाराणा प्रताप, भामाशाह, राव चूड़ा, मोहनलाल सुखाड़िया, पं. जुगलकिशोर चतुर्वेदी, वैद्य मधाराम आदि इन लोगों ने देश की बहुत अच्छी तरह से सेवा की।
भारतीय व अंग्रेजी महीनों के नाम लिखें।
उत्तर :
एक वर्ष में बारह महीने होते हैं।
भारतीय महीने - 1. चैत्र, 2. वैशाख,3. ज्येष्ठ, 4. आषाढ़, 5. श्रावण, 6. भाद्रपद, 7. आश्विन, 8. कार्तिक, 9. मार्गशीर्ष, 10. पौष, 11. माघ, 12. फाल्गुन। अंग्रेजी महीने-1. जनवरी, 2. फरवरी, 3. मार्च, 4. अप्रैल, 5. मई, 6. जून, 7. जुलाई, 8. अगस्त, 9. सितंबर, 10. अक्टूबर, 11. नवंबर, 12. दिसंबर
इन महीनों में आने वाले व्रत व त्योहारों के बारे में जानें।
उत्तर :
माह (पंद्रह-पंद्रह दिन) व्रत एवं त्योहार
जनवरी/(पौष माघ) - ईसाई नववर्ष, मकर संक्रांति,लोहड़ी, पोंगल, संकष्ट/श्री गणेश चतुर्थी, सुभाषचंद बोस जयंती, विवेकानंद जयंती, गणतंत्र दिवस।
फरवरी/(माघ फाल्गुन) - वसंत पंचमी, संत रविदास जयंती।
मार्च/(फाल्गुन + चैत्र) - महाशिवरात्रि व्रत, होली, महर्षि दयानंद जयंती, हिंदू नववर्ष प्रारंभ।
अप्रैल/(चैत्र + वैशाख) - नवरात्र व्रत, गुड़ी पड़वा, दुर्गाष्टमी, श्रीरामनवमी व्रत, घुड़ला, गणगौर, महावीर जयंती, हनुमान जयंती, झूलेलाल जयंती (चेटीचंद), डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती, वैशाखी, ईस्टर।
मई/(वैशाख + ज्येष्ठ) - परशुराम जयंती, श्री नृसिंह जयंती, आद्य शंकराचार्य जयंती, अक्षय, तीज, नारद जयंती, बुद्ध पूर्णिमा। जून/(ज्येष्ठ आषाढ़) - गंगा दशहरा, ऊबछट।
जुलाई/(आषाढ़ + श्रावण) - ईद-उल-फितर (रमजान), गुरु पूर्णिमा, हिंडोलोत्सव।
अगस्त/(श्रावण + भाद्रपद) - बच्छवारस, गोगा नवमी हरियाली तीज, नाग पंचमी, रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस, गोस्वामी तुलसीदास जयंती,
जलझूलनी, देवझूलनी सितंबर/(भाद्रपद आश्विन) - श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, राधा अष्टमी, विश्वकर्मा जयंती, दशहरा, धनतेरस, करवाचौथ
अक्टूबर/(आश्विन कार्तिक) - दीपावली, भैयादूज, गोवर्धन
पूजा, यम द्वितीया (भैयादूज) नवंबर/(कार्तिक मार्गशीर्ष) - गोपाष्टमी, अक्षय नवमी,
कदंब पूजा दिसंबर/(मार्गशीर्ष+पौष) - क्रिसमस
कविता को मौखिक रूप से याद कर अपनी कक्षा या प्रार्थना सभा में हाव-भाव के साथ सुनाएँ।
नोट - कविता याद करके विदयार्थी अपनी संदर अभिव्यक्ति स्वयं दें।
मेरा संकलन -
अपने आस-पास के किसी ऐतिहासिक/पौराणिक या आधुनिक स्थल अथवा घटना का चित्र या विवरण 'मेरा संकलन' में संकलित करें।
क्र.सं. | ऐतिहासिक | विवरण/चित्र |
1. | ऐतिहासिक स्थल | अजमेर (चौहान राजाओं कीराजधानी) |
2. | इतिहास पुरुष | अजयराज |
3. | आविष्कार | ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती कीविश्व प्रसिद्ध दरगाह है। इसका निर्माण सुल्तान गयासुद्दीन ने कराया था। |
4. | घटनाएँ | सन 1556 में मुगलों का कब्जा हुआ और बाद में अंग्रेजों ने इस पर अधिकार जमाया। |
5. आमेर - जयपुर के निकट स्थित है। कछवाहा राजपूतों की प्रारंभिक राजधानी था। आमेर का किला जयपुर में है। इसे धौलराय ने बनवाया था। यहाँ विश्वप्रसिद्ध शीशमहल स्थित है।
6. हवा महल - जयपुर में स्थित है। इसका निर्माण सवाई प्रताप सिंह ने कराया था।
बहुविकल्पीय प्रश्न -
प्रश्न 1.
सही विकल्प का चयन कीजिए -
(i) भरत किससे खेलते थे?
(क) खिलौनों से
(ख) शेर से
(ग) हिरन से
(घ) हाथी से।
उत्तर :
(ख) शेर से
(ii) दुनिया में सबसे बढ़कर देश कौन-सा है?
(क) अमेरिका
(ख) हिंदुस्तान
(ग) पाकिस्तान
(घ) श्रीलंका
उत्तर :
(ख) हिंदुस्तान
(iii) एक वर्ष में कितने मास होते हैं?
(क) 6
(ख) 8
(ग) 11
(घ) 12
उत्तर :
(घ) 12
(iv) हिंदुस्तान की खानों से क्या निकला है?
(क) हीरा
(ख) सोना
(ग) तेल
(घ) मोती।
उत्तर :
(क) हीरा
रिक्तस्थान -
उचित शब्दों से रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए -
प्रश्न 1.
(i) हम भारत के ............. खेलते, शेरों की संतान से।
(ii) साहस और वीरता अपने ............. की सौगात है।
(iii) जब भी निकला ........... निकला, यहाँ किसी भीखान से।
(iv) माँ का दूध पिया जो है, ............. उसी की खाई है।
उत्तर :
(i) भरत
(ii) पुरखों
(iii) हीरा
(iv) सौगंध।
सुमेलित कीजिए -
प्रश्न 2.
सही शब्दों के साथ मेल कीजिए -
(क) - (ख)
धरती - बारह
हीरा - कठिन
मास - खान
परीक्षा - माँ
उत्तर :
(क) - (ख)
धरती - माँ
हीरा - खान
मास - बारह
परीक्षा - कठिन
सार्थक शब्द निर्माण -
प्रश्न 3.
सार्थक शब्दों के समूह से शब्द बनते हैं। आप निम्नांकित वर्ग पहेली में से अक्षरों का प्रयोग करते हुए सार्थक शब्द बनाइए -
उत्तर :
(i) भारत
(ii) भरत
(iii) बात
(iv) तले
(v) व्रत
(vi) आभा।
अति लघुत्तरीय -
प्रश्न 4.
भरत कौन थे?
उत्तर :
भरत सम्राट दुष्यंत और रानी शकुंतला के पुत्र थे। इन्हीं के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा।
प्रश्न 5.
भारत के भरत से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
भारत के भरत से कवि का तात्पर्य शक्तिशाली वीर योद्धाओं से है।
लघु/दीर्घ उत्तरीय -
प्रश्न 6.
माँ का दूध पीने से कवि का क्या आशय है?
उत्तर :
माँ का दूध पीने से कवि का आशय हिम्मती और साहसी होने से है।
प्रश्न 7.
कविता में भरत को शक्तिशाली क्यों कहा गया है?
उत्तर :
कविता में भरत को शक्तिशाली इसलिए कहा गया है क्योंकि भरत अपने बचपन में शेर के बच्चों के साथ खेलते थे। शेर के बच्चों के दाँत गिनते थे।
प्रश्न 8.
"इसी उम्र में परिचय पा लें, हम श्रम से बलिदान से" इन पंक्तियों के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर :
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि बच्चों को बचपन से ही परिश्रम करना और देश के लिए प्राण न्योछावर करने का पाठ सीख लेना चाहिए।
प्रश्न 9.
'हम भारत के भरत' कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलतीहै?
उत्तर :
'हम भारत के भरत' कविता देश-प्रेम और स्वाभिमान की प्रेरणा देती है। इस देश के वासी बलिदान देने के लिए खशी से तैयार रहते हैं। साहस और वीरता के गुण हमें अपने पूर्वजों से मिले हैं। इसकी मिट्टी में जन्म लेना गर्व की बात है। कविता का संदेश है कि भारत का प्रत्येक बालक अपनी मातृभूमि की रक्षा करे और उस पर समर्पित होकर बलिदान के लिए तैयार रहे।
पाठ सार - प्रस्तुत कविता में कवि ने हिंदुस्तान की महानता का वर्णन करते हुए उसे संसार में अद्वितीय बताया है। इस भारत भूमि के बच्चे भरत के समान सिंहों से खेलते हैं। हमें साहस और वीरता के गुण अपने पूर्वजों से मिले हैं। इसकी मिट्टी में जन्म लेना गर्व की बात है। इस देश के वासी अपने देश पर बलिदान होने के लिए खुशी से तैयार रहते हैं। हिंदुस्तानियों के पराक्रम के सामने सारा संसार आश्चर्यचकित है। अपने त्याग और बलिदान से हमने इतिहास बनाया है।
कवि कहना चाहता है कि मातृभूमि हमें जान से भी बढ़कर प्यारी है। देश के प्रत्येक बालक की यह जिम्मेदारी है कि वह अपनी मातृभूमि की रक्षा करे और उस पर समर्पित होकर बलिदान के लिए तैयार रहे।
हम भारत के भरत 'पदयांशों के कठिन शब्दार्थ और सरलार्थ' :
कठिन शब्दार्थ-भरत-चक्रवर्ती सम्राट दुष्यंत के पुत्र। संतान-औलाद, संतति। दुनिया- संसार। पैदा होना-उत्पन्न होना। साहस-हिम्मत। सौगात-उपहार, भेंट। 'शान-गर्व। काँटे-कष्ट, दु:ख। पुरखों-पूर्वज, पूर्वपीढ़ी। फूल-आनंद, सुख। दहकते-दुःखी होना। महकते-सुख शांति के लिए काम करते। समर-युद्ध । ललकारनाचुनौती देना। अचरज-आश्चर्य। व्रत-उपवास, निश्चय। हीरा- अमूल्य रत्न। जान-प्राण। सदियों-सौ वर्षों से अधिक, बहुत समय। कठिन-मुश्किल। चौकस पहरेदारी-सावधानी के साथ रखवाली करना। मेहनत-परिश्रम। उम्र-आयु। सौगंध-कसम।
1. हम भारत के भरत खेलते, शेरों की संतान से।
कोई देश नहीं दुनिया में, बढ़कर हिन्दुस्तान से॥
इस मिट्टी में पैदा होना, बड़े गर्व की बात है।
साहस और वीरता अपने, पुरखों की सौगात है।'
सरलार्थ - कवि कहता है कि हम भारतवासी सम्राट दुष्यंत के प्रतापी पुत्र भरत के समान शक्तिशाली हैं। हम शेरों के बच्चों से खेलने का साहस रखते हैं। हमारे देश हिंदुस्तान के समान दुनिया का कोई भी देश नहीं है। भारत की भूमि में जन्म लेना बड़े ही गौरव की बात है। हमें साहस और वीरता के गुण अपने पूर्वजों से विरासत (उपहार) में प्राप्त हुए हैं।
2. बड़ी-बड़ी ज्वालाओं से कम, नहीं यहाँ चिनगारियाँ।
काँटे पहले, फूल बाद में, देती हैं फुलवारियाँ ।
कभी दहकते, कभी महकते, जीते-मरते शान से।
कोई देश नहीं दुनिया में, बढ़कर हिन्दुस्तान से॥
सरलार्थ - कवि बच्चों की वीरता का वर्णन करते हुए कहता है कि हम छोटी-छोटी चिंगारी बड़ी-बड़ीज्वालाओं का डटकर मुकाबला करती हैं। यहाँ बगीचों में फूल से पहले काँटे आते हैं। हम कठिन संघर्ष करके सफलता पाते हैं। हम कभी अंगारे बनकर दहकते हैं तो कभी फूलों के समान खिल कर खुशियाँ फैलाते हैं। हम अपने देश के लिए शान से जीते और मरते हैं। संसार का कोई भी देश हिंदुस्तान से बढ़कर नहीं है।
3. कूद समर में आगे आए, जब भी हम ललकारने।
उँगली दाँतों तले दबाई, अचरज से संसार ने॥
सदियों से बनते आए हैं, हम पन्ने इतिहास के।
त्याग और बलिदान हमारे व्रत हैं बारह मास के॥
जब भी निकला हीरा निकला, यहाँ किसी भी खान से।
कोई देश नहीं दुनिया में, बढ़कर हिन्दुस्तान से॥
सरलार्थ - कवि कहता है कि जब हम गर्जना करते हुए युद्ध भूमि में लड़ने के लिए आए तब हमारे पराक्रम के सामने सारा संसार आश्चर्यचकित रह गया। हम सदियों से इतिहास बनाते आए हैं। अपनी मातृभूमि के लिए त्यागऔर बलिदान की भावना ही हमारे जीवन की प्रतिज्ञा है। इस भारतभूमि की खानों से हीरे जैसे अमूल्य रत्न ही निकलते हैं। इसकी मिट्टी में महान देशभक्तों ने जन्म लिया है। सारे संसार में कोई भी देश हिंदुस्तान से बढ़कर नहीं है।
4. यह धरती जो माँ है अपनी, हमें जान से प्यारी है।
हर बालक के जिम्मे इसकी, चौकस पहरेदारी है।
बोलो-मेहनत खूब करेंगे, कठिन परीक्षा आई है।
माँ का दूध पिया जो है, सौगंध उसी की खाई है।
इसी उम्र में परिचय पा लें, हम श्रम से, बलिदान से।
कोई देश नहीं दुनिया में बढ़कर हिन्दुस्तान से॥
सरलार्थ - कवि कहता है कि यह भारतभूमि हमारी मातृभूमि है, जो हमें प्राणों से भी अधिक प्यारी है। इसकी सावधानी और सतर्कता के साथ रक्षा करने की जिम्मेदारी हम सभी बच्चों की है। हमारे सामने देश की रक्षा और विकास करने की कठिन परीक्षा का समय है। अत: हम खूब परिश्रम करने का संकल्प लें। जिस माँ का दूध पिया है उसकी कसम खाकर अपने देश की रक्षा के लिए तैयार रहें, इस छोटी आयु में ही परिश्रम और बलिदान का अर्थ जान लें। इस संसार में कोई भी देश ऐसा नहीं है जो हिंदुस्तान से बढ़कर हो।