Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 4 Hindi Chapter 8 आज मेरी छुट्टी है Textbook Exercise Questions and Answers.
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
"आज मेरी छुट्टी है" किसने कहा?
उत्तर :
आज मेरी छुट्टी है-यह सूर्य ने कहा।
प्रश्न 2.
कोलाहल कौन मचा रहा था?
उत्तर :
कोलाहल बच्चे मचा रहे थे।
प्रश्न 3.
दिन में अंधेरा क्यों हो गया?
उत्तर :
सूर्य-ग्रहण लगने के कारण दिन में अंधेरा हो गया।
लिखें -
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिए शब्दों में से चुनकर करें -
(प्रकाश, सात, छिप)
(अ) बादल आने पर सूर्य ............. जाता है।
(ब) सूर्य हमें ........ देता है।
(स) इन्द्रधनुष में .......... रंग होते हैं।
उत्तर :
(अ) छिप
(ब) प्रकाश
(स) सात।
प्रश्न 2.
सही उत्तर का क्रमाक्षर कोष्ठक में लिखें -
(अ) सूर्य को ढक लेते हैं -
(क) धूप
(ख) बादल
(ग) दिन
(घ) रात।
उत्तर :
(ख) बादल।
(ब) सूर्य पानी से बनाता है -
(क) नमक
(ख) बर्फ
(ग) बादल
(घ) रोशनी।
उत्तर :
(ग) बादल।
प्रश्न 3.
इन्द्रधनुष कैसे बनता है?
उत्तर :
पानी की बूंदों से जब सूर्य की किरणें गुजरती हैं तो उसमें से सूर्य के सातों रंग दिखाई देते हैं। अर्ध चन्द्राकार यही आकृति इन्द्रधनुष कहलाती है।
प्रश्न 4.
मेरी दादी माँ कह रही थी कि आज सूर्यग्रहण लगेगा। यह बात किसने कही?
उत्तर :
यह बात मोहित ने कही।
प्रश्न 5.
इन्द्रधनुष के रंगों के नाम लिखिए।
उत्तर :
इन्द्रधनुष के सात रंग हैं - लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला तथा बैंगनी।
प्रश्न 6.
आर्यन ने अन्तिम बात क्या कही और किससे कही?
उत्तर :
आर्यन ने अन्तिम बात बच्चों से कही कि अब संध्या हो गई है। सूर्यजी अपने घर जाने की तैयारी में हैं। ये अपना कुछ प्रकाश चन्द्रमा को देकर घर जाएँगे। चलो, हम भी चलें।
भाषा की बात -
पाठ में 'र' के तीन रूप आए हैं। आप ऐसे शब्दों को छाँटकर लिखें, जिनमें खाने में दिए गए 'र' का रूप लिखा हो।
उत्तर :
पढ़ते और लिखते समय कहीं-कहीं रुकना पड़ता है। कभी थोड़ा, कभी बहुत रुकने के लिए कुछ चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें 'विराम चिह्न' कहते हैं।
दिए गए विराम चिह्नों का मिलान करें -
पूर्णविराम - ?
प्रश्नसूचक - ,
अल्पविराम - !
विस्मयादिबोधक चिह्न - ।
उत्तर :
पूर्ण विराम - ।
प्रश्नसूचक - ?
अल्पविराम - ,
विस्मयादिबोधक चिह्न - !
पाठ में निम्नलिखित चिह्नों पर आधारित वाक्य आए हैं, उन्हें छाँटकर लिखिए।
उत्तर :
(अ) क्या यह काम नहीं है? और हाँ, वर्षा के दिनों में इन्द्रधनुष देखा है कभी?
(ब) मैं तो अपना काम करता ही रहता हूँ।
(स) अरे! आज यह क्या हो गया!
(द) विद्यालय मत जाओ, छुट्टी ले लो।
निम्नलिखित शब्दों के सामने दिए गए शब्दों में से अलग अर्थ देने वाले शब्द पर (×) का निशान लगाइए।
उत्तर :
बादल - मेघ जलद आसमान× घन
सूरज - रवि सुबह× भानु भास्कर
चन्द्रमा - शशि राकेश सोम रात×
यह भी करें -
वर्ग पहेली में से शब्द ढूँढ़कर लिखिए, जैसे -
उत्तर :
1. सूर्य
2. बैंगनी
3. प्रकाश
4. आसमानी
5. बादल
6. इन्द्रधनुष
7. समुद्र।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
प्रश्न 1.
दिन में अंधेरा क्यों हो गया था?
(अ) बादल छाने से
(ब) वर्षा आने से
(स) सूर्यग्रहण के कारण
(द) तूफान आने के कारण।
उत्तर :
(स) सूर्यग्रहण के कारण
प्रश्न 2.
इन्द्रधनुष में कितने रंग होते हैं?
(अ) चार
(ब) पाँच
(स) छह
(द) सात।
उत्तर :
(द) सात।
प्रश्न 3.
इन्द्रधनुष कब दिखाई देता है?
(अ) वर्षा से पहले
(ब) वर्षा के बाद
(स) सूर्यग्रहण के दिन
(द) कभी भी।
उत्तर :
(ब) वर्षा के बाद
प्रश्न 4.
मोहित को सूर्यग्रहण होने की बात किसने बताई -
(अ) दादी ने
(ब) पिताजी ने
(स) गुरुजी ने
(द) बच्चों ने।
उत्तर :
(अ) दादी ने
रिक्त स्थान भरो -
1. आज फिर .......... मुँह छिपाकर कहाँ भाग गए। (सूर्यदेव/बादल)
2. मैंने एक दिन थोड़ी देर की छुट्टी ली तो इतना ......... क्यों। (गुस्सा/कोलाहल)
3. मैं तो अपना ............ करता ही रहता हूँ। (धन्धा/काम)
4. यही बादल फिर ............ लाते हैं। (तूफान/वर्षा)
उत्तर :
1. सूर्यदेव
2. कोलाहल
3. काम
4. वर्षा।
सत्य/असत्य -
1. जब बादल ढक लेते हैं तब भी सूर्य अपना काम करता रहता है। (सत्य/असत्य)
2. सूर्य ने एक दिन की छुट्टी कर ली थी। (सत्य/असत्य)
3. इन्द्रधनुष वर्षा के दिनों में दिखाई पड़ता है। (सत्य/असत्य)
4. इन्द्रधनुष में कितने भी रंग हो सकते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर :
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. असत्य।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
हमें छुट्टी कब-कब मिलती है?
उत्तर :
हमें त्योहारों पर, गरमियों की और सरदियों की छुट्टी मिलती है।
प्रश्न 2.
आज सूर्यदेव छुट्टी पर हैं, का क्या आशय
उत्तर :
आज सूर्य-ग्रहण होने के कारण कुछ समय के लिए अँधेरा छा गया था, तब बालकों ने कहा कि आज सूर्यदेव छुट्टी पर हैं।
प्रश्न 3.
क्या बादल से ढक जाने पर भी सूर्य छुट्टी कर लेता है?
उत्तर :
नहीं, बादल से ढक जाने पर भी सूर्य अपना कार्य करता रहता है।
प्रश्न 4.
इन्द्रधनुष किस ऋतु में अधिक दिखाई पड़ता है?
उत्तर :
इन्द्रधनुष वर्षा ऋतु में अधिक दिखाई पड़ता है।
प्रश्न 5.
किसका जल सूखकर भाप बन जाता है?
उत्तर :
तालाबों, नदियों और समुद्र का जल सूखकर भाप बन जाता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
सूर्य-ग्रहण कब होता है?
उत्तर :
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है और पृथ्वी से देखने पर सूर्य का पूर्ण या कुछ भाग दिखाई नहीं देता है, तब सूर्यग्रहण होता है।
प्रश्न 2.
वर्षा कैसे होती है?
उत्तर :
सूर्य की तेज किरणों से तालाब, नदियों और समुद्रों का पानी भाप बनकर ऊपर उठता है। ऊपर जाकर यह ठंडक से बादल बन जाते हैं और इन्हीं बादलों से वर्षा होती है।
प्रश्न 3.
सूर्य से मान्या ने पूछा कि आप क्या काम करते हैं, तो सूर्य ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर :
सूर्य ने उत्तर दिया कि मैं ही बादलों को लाता हूँ। अपनी तेज किरणों से तालाबों, नदियों एवं समुद्र का जल सुखाकर भाप बनाता हूँ, जो ऊपर की ठण्डक से बादल बन जाता है। वही बादल फिर वर्षा करते है।
प्रश्न 4.
आर्यन ने इन्द्रधनुष के रंगों का क्रम क्या बताया?
उत्तर :
आर्यन ने इन्द्रधनुष के सात रंगों के नामों को इस क्रम से बताया - पहले लाल, फिर नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला और सबसे नीचे बैंगनी। ये सातों रंग ऊपर से नीचे दिखाई देते हैं।
प्रश्न 5.
"लगता है उनकी छुट्टी समाप्त हो गई है।" यह किसने और किस कारण कहा?
उत्तर :
सूर्यदेव को सामने देखकर यह आर्यन ने कहा। सूर्यग्रहण होने से सूर्य की छुट्टी हो गई थी, वह अदृश्य हो गये थे। जब ग्रहण समाप्त हुआ, तो सूर्य, दिखाई देने लगा। इसी कारण आर्यन ने कहा कि अब सूर्यदेव सामने आ रहे हैं, उनकी छुट्टी समाप्त हो गई है।
निबन्धात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
इस पाठ से किन बातों का ज्ञान दिया गया है? लिखिए।
उत्तर :
इस पाठ से इन बातों का ज्ञान दिया गया है -
पाठ का सार - प्रस्तुत पाठ में बालकों के साथ सूर्य की बात के माध्यम से सूर्य के महत्त्व और उसके द्वारा प्रकृति में होने वाले विभिन्न प्रभावों के बारे में रोचक ढंग से बताया गया है। बच्चों के साथ बात करते हुए सूर्य, इन्द्रधनुष, उसके रंगों, सूर्यग्रहण, वर्षा के लिए जल से भाप और फिर बादल बनकर बरसने की प्रक्रिया इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई है। इसके साथ ही शाम के समय के सर्यास्त के चित्र का वर्णन व सूर्य की रोशनी से चन्द्रमा के चमकने के बारे में भी बताया गया है।
कठिन शब्दार्थ :