Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 4 Hindi Chapter 14 निराला राजस्थान Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 4 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 4 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts.
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
किस धरती पर हमने जन्म लिया है?
उत्तर :
हमने उस धरती पर जन्म लिया है, जहाँ त्याग, प्रेम, सौन्दर्य और शौर्य की कहानियाँ कण-कण में व्याप्त हैं।
प्रश्न 2.
पूर्व दिशा की धरा कैसी है?
उत्तर :
पूर्व दिशा की धरा सघन वनों की है और कहीं-कहीं झरने झर-झर करते हैं।
प्रश्न 3.
खेतों में कैसी फसलें खड़ी हैं?
उत्तर :
खेतों में धानी फसलें खड़ी हैं।
लिखें -
प्रश्न 1.
पंक्तियाँ पूरी करें -
(क) गोड़ावण के जोड़ों के घर
.........................................
(ख) कहीं तीज, गणगौर रंगीली
.........................................
(ग). ऊँट, भेड़, बकरी मस्ती से
.........................................
(घ) बंशी, इकतारे, अलगोजे,
.........................................
उत्तर :
(क) पश्चिम के रेतीले टीले।
(ख) गोरी फाग-बधावे गाए।
(ग) जहाँ पालते लोग छबीले।
(घ) कोई ढोलक-चंग बजाए।
प्रश्न 2.
उन पंक्तियों को चुनो जिनमें गोरियाँ फाग और बधावे गाती हैं।
उत्तर :
कहीं तीज, गणगौर रंगीली,
गोरी फाग-बधावे गाए।।
प्रश्न 3.
उन पंक्तियों को चुनो जिनमें पुरुषों की मस्ती का आभास होता है।
उत्तर :
बंशी, इकतारे, अलगोजे,
कोई ढोलक-चंग बजाए।
प्रश्न 4.
पश्चिमी राजस्थान को भाखड़ा से क्या लाभ हैं और कैसे?
उत्तर :
भाखड़ा बाँध से निकली नहरों से पश्चिमी राजस्थान में न केवल पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है, बल्कि लोगों को सिंचाई के लिए भी पानी मिल रहा है और बिजली भी मिल रही है। इससे रेगिस्तानी पश्चिमी राजस्थान में समृद्धि आई है।
प्रश्न 5.
दुर्गादास और पन्ना को किन कारणों से स्वामि-भक्त कहते हैं? लिखें।
उत्तर :
दुर्गादास-दुर्गादास मारवाड़ के महाराजा जसवंत सिंह के मंत्री थे। उनके निधन के बाद वे उनके पुत्र अजीतसिंह के संरक्षक बने। मुगल सम्राट औरंगजेब ने अजीतसिंह को राजा नहीं मानने पर दुर्गादास ने सम्राट को चुनौती दी और युद्ध में हराया और अन्त में अजीतसिंह को राजा के रूप में मान्यता दिलाई। पन्नाधाय-पन्ना मेवाड़ राजघराने में धाय थी। संग्रामसिंह की मृत्यु के बाद जब बनवीर उदयसिंह को मारने का षड्यन्त्र रच रहा था, तब पन्ना ने अपने पुत्र चंदन का बलिदान देकर कुँवर उदयसिंह की रक्षा की। इस तरह उसने अपनी स्वामिभक्ति का परिचय दिया।
प्रश्न 6.
राजस्थान की धरती पर जन्म लेने वाले पानीदार वीर योद्धा कौन-कौन हैं? नाम लिखें।
उत्तर :
महाराणा प्रताप, दुर्गादास राठौड़, पृथ्वीराज राठौड़, भामाशाह, झाला, मन्ना इत्यादि पानीदार वीर योद्धाओं ने राजस्थान की धरती पर जन्म लिया है। भाषा की बातत्याग शब्द में त् अर्द्ध वर्ण है। इसी प्रकार से पाठ में आए अर्द्ध वर्ण के शब्दों को छाँटकर लिखें। उत्तर-प्रेम, सौन्दर्य, सूर्य, संध्या, जन्म, पुण्य, पूर्व, पश्चिम, मस्ती, स्वामिभक्त, पन्ना, मन्ना, चम्बल,राजस्थान।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
प्रश्न 1.
महतारी का अर्थ होता है -
(अ) माता
(ब) दादी
(स) बहन
(द) बुआ।
उत्तर :
(अ) माता
प्रश्न 2.
कवि के अनुसार सुबह का सूर्य क्या लुटाता -
(अ) रोशनी
(ब) फूल
(स) सिन्दूर
(द) किरणें।
उत्तर :
(स) सिन्दूर
प्रश्न 3.
गोड़ावण के जोड़ों के घर कहाँ पाए जाते हैं?
(अं) पूर्व के जंगल में
(ब) पश्चिमी राजस्थान में
(स) नदी के किनारे
(द) झरनों पर।
उत्तर :
(ब) पश्चिमी राजस्थान में
प्रश्न 4.
राजस्थान में सलौना शिल्प कहाँ पाया जाता है?
(अ) मंदिरों में
(ब) घरों में
(स) बाजारों में
(द) किलों में।
उत्तर :
(द) किलों में।
रिक्त स्थान भरो -
1. सुबह ........... सिंदूर लुटाए, (चन्द्र/सूर्य)
2. झरे कहीं ........... से पानी। (धारे/झरनों)
3. ऊँट, भेड़, बकरी .............. से, (मस्ती/खुशी)
4. पश्चिम के ........... टीले। (मटमैले/रेतीले)
उत्तर :
1. सूर्य
2. झरनों
3. मस्ती
4. रेतीले।
सत्य/असत्य -
1. खड़ी खेत में फसलें धानी। (सत्य/असत्य)
2. पूर्व के रेतीले टीले। (सत्य/असत्य)
3. गूंजे कहीं भजन सीता के। (सत्य/असत्य)
4. है हर पुरुष प्रताप यहाँ का। (सत्य/असत्य)
उत्तर :
1. सत्य
2. असत्य
3. असत्य
4. सत्य।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
इस धरती पर जन्म लेना किस बात का फल है?
उत्तर :
इस धरती पर जन्म लेना हमारे पूर्व जन्मों के पुण्य का फल है।
प्रश्न 2.
यहाँ के छबीले लोग क्या-क्या पालते हैं?
उत्तर :
यहाँ के छबीले लोग ऊँट, भेड़ और बकरी पालते हैं।
प्रश्न 3.
गोडावण के जोड़े कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर :
गोड़ावण के जोड़े पश्चिम के रेतीले टीलों में पाए जाते हैं।
प्रश्न 4.
फाग कब गाए जाते हैं?
उत्तर :
फाग होली के अवसर पर गाए जाते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
राजस्थान की माटी पूजने योग्य क्यों है?
उत्तर :
राजस्थान की माटी का कण-कण त्याग, प्रेम, सौन्दर्य और वीरता की गाथाओं से भरा हुआ है। इसलिए यहाँ की माटी पूजने योग्य है।
प्रश्न 2.
पाठ में पश्चिमी राजस्थान की क्या-क्या विशेषताएँ बताई गई हैं?
उत्तर :
पश्चिमी राजस्थान ऊँचे-ऊँचे रेतीले टीलों वाला है। यहाँ के रेत के टीलों में गोडावण पक्षी के जोड़े पाए जाते हैं। यहाँ के लोग छबीले होते हैं। वे भेड़, बकरियाँ और ऊँट पालते हैं और मस्ती में जीते हैं।
प्रश्न 3.
यहाँ के लोग त्यौहार और उत्सव कैसे मनाते हैं?
उत्तर :
यहाँ के स्त्री और पुरुष हर त्यौहार और उत्सव को मस्ती से मनाते हैं। पुरुष बाँसुरी, अलगोजे, इकतारा के साथ ढप और चंग की थाप पर नृत्य करते हैं वहीं स्त्रियाँ तीज, गणगौर के गीत गाती हैं। होली पर फाग की मस्ती रहती है तो दीवाली पर बधावे गाए जाते हैं।
प्रश्न 4.
राजस्थान की धरती संत कवियों की महतारी है। क्यों?
उत्तर :
राजस्थान की धरती पर कई संत-कवियों ने जन्म लिया है। उनके रचे गए भजन व दिया गया ज्ञान आज भी लोगों का मार्गदर्शन करता है। इन संतकवियों में मीरा, रैदास, दादू, अजमल, सुंदरदास, पीपा, धन्ना इत्यादि प्रमुख हैं।
प्रश्न 5.
'निराला राजस्थान' कविता में नारी और पुरुष को कैसा बताया गया है?
उत्तर :
इस कविता में कवि ने नारी को दुर्गा के समान अर्थात् वीरता दिखाने वाली तथा पुरुष को महाराणा प्रताप की तरह अर्थात् वीर योद्धा बताया है। संस्कृति की रक्षा तथा मातृभूमि की आजादी में दोनों को समान रूप से भागीदार बताया है।
निबन्धात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
'निराला राजस्थान' कविता में राजस्थान की कौन-सी विशेषताएँ बतायी गयी हैं? लिखिए।
उत्तर :
इस कविता में राजस्थान की अनेक विशेषताएँ बतायी गयी हैं। यह प्रदेश त्याग, प्रेम, सौन्दर्य और शौर्य के कारण पवित्र माना जाता है। इसके पूर्वी भाग में हरियाली है तो पश्चिमी भाग में रेतीले धोरे हैं। यहाँ पर तीज, गणगौर, होली आदि सब पर्व धूमधाम से |मनाये जाते हैं। यह राणा प्रताप जैसे वीरों. मीराँ. रैदास. दादू जैसे सन्तों और दुर्गादास, पन्ना धाय जैसे स्वामिभक्तों की जन्मभूमि है। यहाँ के किलों-दुर्गों पर वास्तुकला का सुन्दर रूप दिखाई देता है। यहाँ अब खुशहाली फैल रही है।
पाठ परिचय - प्रस्तुत कविता में कवि ने राजस्थान के सांस्कृतिक वैभव, प्राकृतिक सौन्दर्य, वीरता भरे इतिहास के साथ यहाँ के तीज-त्योहारों का बखान किया है। कवि ने बताया है कि इन सभी खूबियों के कारण राजस्थान का अपना विशिष्ट स्थान है। इसमें कवि कहता है कि राजस्थान निरन्तर प्रगति करता हुआ आगे बढ़ रहा है। लोगों के जीवन में खुशहाली आ रही है। राजस्थान सचमुच निराला है।
निराला राजस्थान कठिन शब्दार्थ एवं सरलार्थ :
त्याग, प्रेम, सौंदर्य, शौर्य की,
जिसका कण-कण एक कहानी।
आओ पूजें, शीश झुकाएँ,
मिल हम, माटी राजस्थानी।
सुबह सूर्य सिंदूर लुटाए,
संध्या का भी रूप सँवारे।
इस धरती पर हम जनमे हैं,
पूर्व जन्म के पुण्य हमारे।
कठिन शब्दार्थ :
सरलार्थ - राजस्थान के गौरव की बात करते हुए कवि बताता है कि इस राजस्थान की मिट्टी का एक-एक कणं त्याग, प्रेम, सुन्दरता और वीरता की कहानी कहता है। आओ हम सब मिलकर इसकी. मिट्टी को प्रणाम करें, इसकी पूजा करें। जब सूर्योदय होता है तो इस धरती का रंग सिंदरी हो जाता है। संध्या को भी सूर्य इसका रूप निखारता है। हमने राजस्थान की इस पवित्र धरती पर जन्म लिया है, यह हमारे पहले के जन्मों के अच्छे कर्मों का फल है।
सघन वनों की धरा पूर्व की,
झरे कहीं झरनों से पानी।
बोले मोर, पपीहे, कोयल,
खड़ी खेत में फसलें धानी॥
गोड़ावण के जोड़ों के घर,
पश्चिम के रेतीले टीले।
ऊँट, भेड़, बकरी मस्ती से,
जहाँ पालते लोग छबीले॥
कठिन शब्दार्थ :
सरलार्थ - राजस्थान के प्राकृतिक सौन्दर्य की बात करते हुए कवि कहता है कि पूर्वी राजस्थान की धरती सघन वनों से परिपूर्ण है। वहाँ जगहजगह पानी के झरने बह रहे हैं। मोर, पपीहे और कोयल बोलते हैं और खेतों में धान की फसलें लहलहाती हैं। पश्चिमी राजस्थान में रेत के ऊँचे-ऊँचे टीलों की सुन्दरता के बीच सुन्दर गोडावण पक्षियों के जोड़े घूमते नजर आते हैं। यहाँ के लोग ऊँट, भेड और बकरियाँ पालते हैं और गाते-बजाते मस्तीभरा जीवन जीते हैं।
बंशी, इकतारे, अलगोजे,
कोई ढोलक-चंग बजाए।
कहीं तीज, गणगौर, रंगीली,
गोरी फाग-बधावे गाए।।
गूंजे कहीं भजन मीरा के
और कहीं, अजमल अवतारी।
दादू और रैदास सरीखे,
यह धरती ही तो महतारी।
कठिन शब्दार्थ :
सरलार्थ - राजस्थान के सांस्कृतिक वैभव, तीज-त्योहारों का बखान करते हुए कवि कहता है कि यहाँ के लोगों का जीवन लोक संस्कृति से परिपूर्ण है। लोग मस्ती में बाँसुरी, अलगोजे, इकतारे, ढोलक और चंग बजाकर अलग-अलग तीजत्योहारों का आनन्द उठाते हैं। कभी तीज, गणगौर का उत्साह होता है तो कभी होली के अवसर पर रंगीली फाग की मस्ती होती है तो कभी बधावे गाए जाते हैं। राजस्थान की धरती पर मीरा, रैदास, दादू और अजमल सरीखे सन्तों के भजन गूंजते हैं। इन सभी की जन्म देने वाली यही राजस्थान की धरती है।
स्वामी भक्त हुए इसमें ही,
दुर्गादास तथा पन्ना से।
पानीदार हुए इसमें ही,
पीथल, भामाशाह, मन्ना से।
दुर्ग-दुर्ग में शिल्प सलौना,
दुर्गा जैसी है हर नारी।
है हर पुरुष प्रताप यहाँ का,
आजादी का परम पुजारी॥
कठिन शब्दार्थ :
सरलार्थ - राजस्थान की वीरता और स्वामिभक्ति की बात कहते हुए कवि कहता है कि राजस्थान की इस मिट्टी में ही दुर्गादास और पन्नाधाय जैसे स्वामिभक्त लोगों ने जन्म लिया है और इसी वीरों को जन्म देने वाली राजस्थान की माटी में पीथल, अर्थात् पृथ्वीराज राठौड़, महादानी भामाशाह और झाला वीर मन्ना जैसे इज्जतदार लोग पैदा हुए हैं। राजस्थान किलों का राज्य है। यहाँ के प्रत्येक किले में अनूठी शिल्पकला है। व्यहाँ की हर एक नारी दुर्गा का अवतार और हर पुरुष महाराणा प्रताप की तरह वीर और आजादी का रक्षक है।
यहाँ भाखड़ा-चंबल बाँटे,
खुशहाली का नया उजाला।
भारत की पावन धरती पर,
अपना राजस्थान निराला।
कठिन शब्दार्थ :
सरलार्थ - अन्त में राजस्थान के विकास की बात करते हुए कवि कहता है कि यहाँ भाखड़ा बाँध और चम्बल नदी से दिन-प्रतिदिन खुशहाली आ रही है। सिंचाई का पानी और बिजली राजस्थान के विकास की नई कहानी लिख रहे हैं। भारतवर्ष की इस पवित्र भूमि पर हमारा राजस्थान सचमुच सबसे अलग है।