Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 3 Hindi Chapter 2 मीठे बोल Textbook Exercise Questions and Answers.
सोचें और बताएँ -
मीठे बोल कक्षा 3 प्रश्न 1.
खरगोश को गुड़ खाते हुए किसने देखा?
उत्तर :
खरगोश को गुड़ खाते हुए लोमड़ी ने देखा।
RBSE Class 3 Hindi Chapter 2 Question Answer प्रश्न 2.
लोमड़ी बाज़ार की तरफ़ क्यों गई?
उत्तर :
लोमड़ी दुकानदार से गुड़ लेने बाज़ार की तरफ़ गई।
Mithe Bol Class 3 Question Answer प्रश्न 3.
दुकानदार ने लोमडी के बारे में क्या सोचा?
उत्तर :
दुकानदार ने सोचा कि लोमड़ी धूर्त है।
लिखें -
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें (जंगल, धूर्त, निर्बल, मूर्ख)
(क) मैं उसकी तरह ............... नहीं हूँ।
(ख) यह लोमड़ी ............... है।
(ग) वह ............... की ओर भागते हुए चिल्लाई।
(घ) खरगोश तो ............... है।
उत्तर :
(क) निर्बल
(ख) धूर्त
(ग) जंगल
(घ) मूर्ख।
प्रश्न 2.
किसने कहा
(क) आप बहुत दयालु हैं।
(ख) मैं निर्बल नहीं हूँ।
(ग) बैठो-बैठो, मैं तुम्हें गुड़ देता हूँ।
उत्तर :
(क) खरगोश ने।
(ख) लोमड़ी ने।
(ग) दुकानदार ने।
Class 3 Hindi Chapter 2 प्रश्न 3.
खरगोश ने गुड़ की भेलियों को देखकर क्या सोचा?
उत्तर :
गुड़ की भेलियाँ देखकर खरगोश ने सोचा कि कितना अच्छा हो उसे थोड़ा गुड़ खाने को मिल जाए।
Mithe Bol Class 3 प्रश्न 4.
लोमड़ी ने दुकानदार से क्या-क्या कहा?
उत्तर :
लोमड़ी ने दुकानदार से कहा कि तुम बेईमान हो, सामान कम तोलते हो। मिलावट करते हो। मुझे गुड़ की भेली दो, नहीं तो मैं तुम्हारी शिकायत करूँगी।
Class 3 Hindi Chapter 2 Question Answer प्रश्न 5.
लोमड़ी की बातें सुनकर दुकानदार ने क्या किया?
उत्तर :
लोमड़ी की बातें सुनकर दुकानदार ने उसे गुड़ का एक बोरा दिया, जिसमें बहुत सारे चींटे थे।।
कक्षा 3 हिंदी पाठ 2 प्रश्न उत्तर प्रश्न 6.
दुकानदार के स्थान पर आप होते तो लोमड़ी की बातें सुनकर क्या करते?
उत्तर :
दुकानदार के स्थान पर हम होते तो लोमड़ी को डण्डे से मारकर भगा देते।
यह भी करें -
कहानी याद करें और कक्षा में सुनाएँ।
लोमड़ी के स्थान पर आप होते तो क्या करते ?
हमें क्या करना चाहिए व क्या नहीं करना चाहिए ?
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
प्रश्न 1.
खरगोश ने दुकानदार से गुड़ कैसे लिया?
(अ) चुराकर
(ब) माँगकर
(स) छिपकर
(द) लड़कर।
उत्तर :
(ब) माँगकर
प्रश्न 2.
खरगोश के मीठे बोल सुनकर दुकानदार क्या हुआ?
(अ) खुश हुआ
(ब) दुःखी हुआ
(स) गुस्सा हुआ
(द) कुछ नहीं हुआ।
उत्तर :
(अ) खुश हुआ
प्रश्न 3.
लोमड़ी स्वभाव से कैसी थी?
(अ) दयालु
(ब) विनम्र
(स) धूर्त
(द) समझदार।
उत्तर :
(स) धूर्त
प्रश्न 4.
लोमड़ी ने दुकानदार से गुड़ कैसे माँगा?
(अ) विनम्रता से
(ब) मीठा बोलकर
(स) गिड़गिड़ा कर
(द) अकड़कर।
उत्तर :
(द) अकड़कर।
रिक्त स्थान भरो -
प्रश्न 1.
उसकी नज़र गुड़ की .......... पर पड़ी। (बोरियों/भेलियों)
उत्तर :
भेलियों
प्रश्न 2.
खरगोश की बात सुनकर .......... खुश हो गया। (दुकानदार/व्यापारी)
उत्तर :
दुकानदार
प्रश्न 3.
वह दुकानदार के पास गई और ......... बोली। (अकड़कर/विनम्रता से)
उत्तर :
अकड़कर
प्रश्न 4.
हाथ डालते ही .......... उसके हाथ पर चिपक गए। (गुड़/टे)
उत्तर :
चटि।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
दुकानदार किसकी बात सुनकर खुश हो गया?
उत्तर :
दुकानदार खरगोश की बात सुनकर खुश हो गया।
प्रश्न 2.
किसे देखकर खरगोश ने गुड़ छिपा लिया?
उत्तर :
लोमड़ी को देखकर खरगोश ने गुड़ छिपा लिया।
प्रश्न 3.
दुकानदार से किसने अकड़कर बात की?
उत्तर :
दुकानदार से लोमडी ने अकडकर बात की।
प्रश्न 4.
लोमड़ी ने दुकानदार से क्या माँगा?
उत्तर :
लोमड़ी ने दुकानदार से गुड़ की भेली माँगी।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
खरगोश ने दुकानदार से क्या कहा?
उत्तर :
खरगोश ने दुकानदार से कहा कि आप दयालु हैं। दानी हैं। जीवों पर दयां करते हैं। आपका कारोबार बढ़े। क्या आप मुझे थोड़ा गुड़ देंगे?
प्रश्न 2.
दुकान पर गुड़ का ढेर देखकर लोमड़ी ने क्या सोचा?
उत्तर :
दुकान पर गुड़ का ढेर देखकर लोमड़ी ने सोचा कि खरगोश तो मूर्ख है, थोड़ा सा गुड़ लेकर ही खुश हो गया, लेकिन मैं उसकी तरह निर्बल नहीं हूँ। दुकानदार को धमका कर बहुत सारा गुड़ ले लूँगी।
प्रश्न 3.
लोमड़ी को मज़ा चखाने के लिए दुकानदार ने क्या किया?
उत्तर :
लोमड़ी को मज़ा चखाने के लिए दुकानदार एक गुड़ का बोरा लेकर आया, जिसमें बहत सारे चींटे थे। वह लोमड़ी से बोला, इसमें से चाहे जितना गुड़ ले लो।
प्रश्न 4.
इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर :
इस कहानी 'मीठा बोल' से यह शिक्षा मिलती है कि मीठे वचन बोलकर किसी का भी दिल जीता जा सकता है, जबकि कड़वे वचन बोलने से बदले में दण्ड ही मिलता है।
पाठ का सार - एक खरगोश था। एक दिन वह बाज़ार से एक दुकानदार के पास से मीठी-मीठी बातें बोलकर कुछ गुड़ ले आया। जंगल में एक लोमडी ने उसे गुड खाते देख लिया। लोमडी धर्त और लालची थी। उसने सोचा खरगोश तो मूर्ख है, जो इतने से गुड़ में खुश हो गया। मैं तो ज्यादा गुड़ लेकर आऊँगी। उसने दुकानदार को धमकी देते हुए अकड़ कर गुड़ की भेली माँगी। दुकानदार समझ गया था कि लोमड़ी धूर्त है। उसने लोमड़ी को एक बोरा दिया, जिसमें बहुत सारे चींटे भरे हुए थे। लोमड़ी बहुत खुश हुई। उसने गुड़ निकालने के लिए जैसे ही बोरे में हाथ डाला, बहुत सारे चींटे उसके हाथ में चिपक गए। लोमड़ी दर्द के मारे चिल्लाई और बोली नहीं चाहिए तेरा गुड़। तेरा गुड़ तो खारा है।
कठिन-शब्दार्थ