Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 3 Hindi Chapter 16 बताओ मैं कौन हूँ Textbook Exercise Questions and Answers.
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
समारोह का आयोजन कहाँ हो रहा था?
उत्तर :
समारोह का आयोजन एक मैदान में हो रहा था।
प्रश्न 2.
पांडाल में लोग क्या कर रहे थे?
उत्तर :
पांडाल में लोग खाना खा रहे थे।
प्रश्न 3.
अंधेरे में उजाला कौन करती है?
उत्तर :
अंधेरे में उजाला बिजली करती है।
लिखें -
प्रश्न 1.
सही कथन पर सही तथा गलत कथन पर गलत का चिह्न लगाएँ -
(क) मैं अंधेरे में उजाला करती हूँ। ( )
(ख) दिन-रात काम करने से मैं थक जाती हूँ। ( )
(ग) मैं धातुओं के तारों में प्रवाहित नहीं होती। ( )
(घ) मेरा प्रवाह रबड़ रोक सकता है। ( )
(ङ) मेरी चाल बहुत धीमी है। ( )
उत्तर :
(क) मैं अंधेरे में उजाला करती हूँ। (✓)
(ख) दिन-रात काम करने से मैं थक जाती हूँ। (✗)
(ग) मैं धातुओं के तारों में प्रवाहित नहीं होती। (✗)
(घ) मेरा प्रवाह रबड़ रोक सकता है। (✓)
(ङ) मेरी चाल बहुत धीमी है। (✗)
प्रश्न 2.
बिजली क्या काम करती है?
उत्तर :
बिजली रोशनी करती है तथा चक्की चलाती है, कपड़े धोती है, जमीन से पानी खींचती है, गाने सुनाती है, दूरदर्शन दिखाती है, अखबार छापती है तथा अन्य अनेक कार्य करती है।
प्रश्न 3.
बिजली किसमें प्रवाहित होती है?
उत्तर :
बिजली धातु के तारों में प्रवाहित होती है।
प्रश्न 4.
बिजली के दुरुपयोग से क्या आशय है?
उत्तर :
जहाँ आवश्यकता नहीं है वहाँ बिजली अथवा उसके उपकरण चालू छोड़ देना बिजली का दुरुपयोग है।
प्रश्न 5.
यदि बिजली न हो तो क्या होगा?
उत्तर :
यदि बिजली न हो तो सब तरफ अंधेरा हो जाएगा और सारे उपकरण ठप्प हो जाएंगे और जीवन की गति रुक जाएगी।
भाषा की बात -
प्रश्न :
पाठ में 'दुरुपयोग' और 'सदुपयोग' शब्द आए हैं। इन दोनों शब्दों में मूल शब्द 'उपयोग' है तथा 'दुर'/सद्' पूर्व में जुड़कर उपर्युक्त शब्द बने हैं। आप भी निम्नलिखित शब्दों को जोड़कर नया शब्द बनाएँ।
उत्तर :
दुर् + उपयोग - दुरुपयोग
दुर् + आचरण - दुराचरण
दुर् + आचार - दुराचार
सद् + उपयोग - सदुपयोग
सद् + आचरण - सदाचरण
सद् + आचार - सदाचार
प्रश्न :
'दुरुपयोग' शब्द 'सदुपयोग' शब्द का विपरीतार्थी भी है। इसी प्रकार 'दुर' और 'सद्' से बनने वाले पाँच विपरीतार्थी शब्द लिखें -
जैसे - दुर्गुण - सद्गुण
उत्तर :
दुर्व्यवहार - सद्व्यवहार
दुर्बुद्धि - सद्बुद्धि
दुराचार - सदाचार
दुर्भावना - सद्भावना
दुर्गति - सद्गति
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
प्रश्न 1.
बिजली ने क्या व्रत लिया है?
(अ) जलने का
(ब) चलने का
(स) दूसरों की सेवा का
(द) कुछ भी नहीं।
उत्तर :
(स) दूसरों की सेवा का
प्रश्न 2.
जो लोग बिजली की परवाह नहीं करते, बिजली उनका क्या करती है?
(अ) सबक सिखाती है।
(ब) आनन्द प्रदान करती है।
(स) चली जाती है।
(द) परवाह करती है।
उत्तर :
(अ) सबक सिखाती है।
प्रश्न 3.
बिजली की चाल कैसी है?
(अ) सुस्त
(ब) बहुत तेज
(स) थीमी
(द) मन्द।
उत्तर :
(ब) बहुत तेज
प्रश्न 4.
यदि बिजली को जरूरत अनुसार काम लिया जाए तो क्या होगा?
(अ) नुकसान होगा
(ब) हानि होगी
(स) घाटा रहेगा
(द) लाभ होगा।
उत्तर :
(द) लाभ होगा।
रिक्त स्थान भरो -
प्रश्न 1.
मैंने सबकी सेवा करने का ........ लिया है। (प्रण/व्रत)
उत्तर :
व्रत
प्रश्न 2.
मुझे ......... पसन्द नहीं है। (सुस्ती/फुर्ती)
उत्तर :
सुस्ती
प्रश्न 3.
मेरी चाल बहुत ......... है। (धीमी/तेज)
उत्तर :
तेज
प्रश्न 4.
अब तो जान ही गए होंगे कि मैं ......... हूँ। (रोशनी/बिजली)
उत्तर :
बिजली
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
बिजली ने क्या व्रत लिया है?
उत्तर :
बिजली ने सबकी सेवा करने का व्रत लिया है।
प्रश्न 2.
पांडाल में अफरा-तफरी क्यों मच गई?
उत्तर :
बिजली के अचानक चले जाने के कारण पांडाल में अफरा-तफरी मच गई।
प्रश्न 3.
बिजली की चाल कैसी है?
उत्तर :
बिजली की चाल बहुत तेज़ है।
प्रश्न 4.
हजारों किलोमीटर जाने में बिजली को कितना समय लगता है?
उत्तर :
हजारों किलोमीटर जाने में बिजली को पल भर का समय लगता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
बिजली से क्या-क्या घरेलू कार्य किए जा सकते हैं?
उत्तर :
बिजली से घर में रोशनी की जा सकती है। पंखा, कपड़े धोने की मशीन, पानी खींचने की मशीन चलाई जा सकती है। सफाई करने, छाछ बिलोने के साथ रेडियो और दूरदर्शन इत्यादि चलाने का कार्य किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
'अन्यथा मैं हवा से बातें करती हूँ।' बिजली के इस कथन से क्या आशय है?
उत्तर :
उक्त कथन से आशय है कि बिजली की चाल बहुत तेज़ है। बिजली धातु के तारों से प्रवाहित होकर पल भर में हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर लेती है।
प्रश्न 3.
पांडाल में हो रहे समारोह का अपने शब्दों में वर्णन करें।
उत्तर :
पांडाल में समारोह में चारों तरफ़ रोशनी हो रही थी। बैंड बज रहा था। लोग खाना खा रहे थे। कुछ जगह पर अपने दुरुपयोग से गुस्सा होकर बिजली चली गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। लोगों को परेशान देख कर बिजली वापस आ गई, जिससे पूरे पांडाल में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों को बिजली का महत्त्व समझ आ गया था।
पाठ का सार - प्रस्तुत पाठ में बिजली और उसके उपयोग के बारे में बताया गया है। इसमें बिजली स्वयं अपनी उपयोगिता बताती है। बिजली रोशनी के काम आती है। बिजली घरेलु उपकरण चलाने, दूरदर्शन के कार्यक्रम चलाने तथा अन्य मशीनें इत्यादि चलाने के काम आती है। बिजली अपने दुरुपयोग होने पर नाराज़ भी होती है और वहाँ से चली जाती है। बिजली बताती है कि यदि सही तरीके से उसका उपयोग किया जावे तो वह लंबे समय तक सबके काम आ सकती है।
कठिन-शब्दार्थ :