Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 3 Hindi Chapter 15 अटल ध्रुव Textbook Exercise Questions and Answers.
सोचें और बताएँ -
प्रश्न 1.
राजा उत्तानपाद की. रानियों के क्या नाम थे?
उत्तर :
राजा उत्तानपाद की रानियों के नाम सुनीति और सुरुचि थे।
प्रश्न 2.
सुरुचि ने ध्रुव के साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर :
सुरुचि ने धूव के साथ बुरा व्यवहार किया।
प्रश्न 3.
सुनीति किस बात से घबरा गई थी?
उत्तर :
ध्रुव को रोता हुआ देख सुनीति घबरा गई थी।
लिखें -
प्रश्न 1.
'और','तो','कि', 'पर' आदि शब्द लगाकर वाक्य पूरे करो -
(क) ईश्वर ने चाहा ......... तेरी मनोकामना पूरी होगी।
(ख) तपस्वी ने ध्रुव को हठ छोड़ने को कहा ........... वह टस से मस नहीं हुआ।
(ग) ध्रुव दौड़ता हुआ गया ........... राजा की गोद में बैठ गया।
(घ) सुरुचि ने कहा ........... अपने पिता का प्रेम पाने के लिए तुझे दूसरा जन्म लेना पड़ेगा।
उत्तर :
(क) तो
(ख) पर
(ग) और
(घ) कि।
प्रश्न 2.
सही शब्द चुनकर वाक्य पूरे करें -
(क) राजा उत्तानपाद ........... राजा थे। (महाप्रतापी/अत्याचारी)
(ख) सुनीति के पुत्र का नाम .......... था। (उत्तम/ध्रुव)
(ग) ध्रुव तपस्या करने ................ गया। (जंगल/मंदिर)
(घ) ईश्वर ने उसकी ........... से प्रसन्न हो वरदान दिया। (भक्ति/शक्ति)
(ङ) ध्रुव राजा बना और रानी ........... राजमाता बनी। (सुनीति/सुरुचि)
उत्तर :
(क) महाप्रतापी
(ख) ध्रुव
(ग) जंगल
(घ) भक्ति
(ङ) सुनीति।
प्रश्न 3.
ध्रुव किसका पुत्र था?
उत्तर :
ध्रुव राजा उत्तानपाद और रानी सुनीति का पुत्र था।
प्रश्न 4.
सुनीति ध्रुव के साथ महल में अकेली क्यों रहती थी?
उत्तर :
राजा और राज्य के लोग सुनीति का आदर नहीं करते थे, इसलिए वह महल में ध्रुव के साथ अकेली रहती थी।
प्रश्न 5.
सुरुचि ने राजा की गोद से ध्रुव को क्यों उतारा?
उत्तर :
ध्रुव का अपने पिता की गोद में बैठना सुरुचि को अच्छा नहीं लगा। इसलिए उसने ध्रुव को गोद से उतार दिया।
प्रश्न 6.
ध्रुव को जंगल में क्यों जाना पड़ा?
उत्तर :
ईश्वर से मिलने की हठ के कारण तपस्या करने के लिए ध्रुव को जंगल में जाना पड़ा।
प्रश्न 7.
ध्रुव ने ईश्वर की भक्ति कैसे की?
उत्तर :
ध्रुव ने पहले यमुना के किनारे बैठकर मन्त्र जाप किया, फिर केवल पानी पीकर तथा निराहार रहकर भजन किया। अन्त में एक पैर पर खड़े रहकर ईश्वर की भक्ति की।
भाषा की बात -
प्रश्न :
निम्नलिखित शब्दों के जोड़े बनाएँ -
नाना - नानी
उत्तर :
मौसा - मौसी
चाचा - चाची
मामा मामी
राजा - रानी
प्रश्न :
नए शब्द बनाएँ -
चढ़ - चढ़ना
उत्तर :
पढ़ - पढ़ना
सुन - सुनना
चल - चलना
कर - करना
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
प्रश्न 1.
राजा उत्तानपाद के कितनी रानियाँ थीं?
(अ) एक
(ब) दो
(स) तीन
(द) चार।
उत्तर :
(ब) दो
प्रश्न 2.
ध्रुव का पिता की गोद में बैठना किसे बुरा लगा?
(अ) राजा को
(ब) सुनीति को
(स) उत्तम को
(द) सुरुचि को।
उत्तर :
(द) सुरुचि को।
प्रश्न 3.
तप करने के लिए ध्रुव कहाँ गया?
(अ) जंगल में
(ब) मंदिर में
(स) आश्रम में
(द) कहीं नहीं।
उत्तर :
(अ) जंगल में
प्रश्न 4.
उत्तानपाद ने किसे राजपाट सौंपा?
(अ) उत्तम को
(ब) मंत्री को
(स) सुनीति को
(द) ध्रुव को।
उत्तर :
(द) ध्रुव को।
रिक्त स्थान भरो -
प्रश्न 1.
राज्य के सभी लोग सुरुचि का ही .......... करते थे। (आदर/अनादर)
उत्तर :
आदर
प्रश्न 2.
राजकुमार उत्तम ......... की गोद में खेल रहा था। (राजा/रानी)
उत्तर :
राजा
प्रश्न 3.
जंगल में उसे कई .......... मिले। (राक्षस/तपस्वी)
उत्तर :
तपस्वी
प्रश्न 4.
वे सारा .......... ध्रुव को सौंप कर वन में चले गए। (धन/राजपाट)
उत्तर :
राजपाट
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
ध्रुव की माता का क्या नाम था?
उत्तर :
ध्रुव की माता का नाम सुनीति था।
प्रश्न 2.
दरबार में क्या हो रहा था?
उत्तर :
दरबार में नृत्य-गान हो रहा था।
प्रश्न 3.
ध्रुव के रोने पर कौन घबरा गया?
उत्तर :
ध्रुव के रोने पर उसकी माता सुनीति घबरा गई।
प्रश्न 4.
ध्रुव कहाँ बैठकर मंत्र जाप करने लगा?
उत्तर :
ध्रुव यमुना के किनारे बैठकर मंत्र जाप करने लगा।
लघूत्तरात्मक प्रश्न -
प्रश्न 1.
ध्रुव की पिता की गोद में बैठने की इच्छा क्यों हुई?
उत्तर :
राजकुमार उत्तम को पिता की गोद में खेलता देखकर ध्रुव की भी अपने पिता की गोद में बैठने की इच्छा हो गई।
प्रश्न 2.
ध्रुव के पिता की गोद में बैठने पर रानी सुरुचि ने क्या कहा?
उत्तर :
ध्रुव के पिता की गोद में बैठने पर रानी सुरुचि ने ध्रुव को उठाते हुए कहा तुम यहाँ नहीं बैठ सकते। तुम्हारा यहाँ कोई अधिकार नहीं है। यदि तू मेरा पुत्र बनकर आता तो यहाँ बैठता। अपने पिता का प्रेम पाने के लिए तुझे दूसरा जन्म लेना पड़ेगा।
प्रश्न 3.
ध्रुव ने किस प्रकार अपनी तपस्या पूरी की?
उत्तर :
ध्रुव पहले कंदमूल खाकर रहने लगा। बाद में केवल पानी पीकर तथा अंत में निराहार रहकर तथा एक पैर पर खड़ा रहकर तपस्या पूरी की।
प्रश्न 4.
किस कारण ध्रुव को आज भी याद किया जाता है?
उत्तर :
अपने दृढ़-निश्चय और अटल भक्ति के कारण ध्रुव को आज भी आदर से याद किया जाता है।
पाठ का सार - प्रस्तुत पाठ में दृढ़ निश्चय से जीत होने के बारे में बताया गया है। राजा उत्तानपाद की दो रानियाँ थीं। सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव तथा सुरुचि के पुत्र का नाम उत्तम था। राजा उत्तम और रानी सुरुचि को अधिक प्यार करते थे। एक दिन ध्रुव अपने पिता की गोद में आकर बैठ गया तो रानी सुरुचि को अच्छा नहीं लगा। उसने ध्रुव को भलाबुरा कहा। इससे ध्रुव को बहुत बुरा लगा। वह अपनी माँ से ईश्वर से मिलने की जिद करने लगा। माँ ने उसे जंगल में जाकर तपस्या करने को कहा। ध्रुव ने जंगल में जाकर कठोर तपस्या की। तब ईश्वर ने प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया। राजा उत्तानपाद को अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने ध्रुव को अपना राज्य सौंप दिया। अपने दृढ़ निश्चय और अटल भक्ति के कारण ध्रुव को आज भी आदर के साथ याद किया जाता है।
कठिन-शब्दार्थ :