Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Home Science Chapter 6 खाद्य गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता एक वैश्विक मुद्दा क्यों है? स्पष्ट रूप से समझाइए।
उत्तर:
पुराने समय में बहुत से खाद्य पदार्थ घरेलू स्तर पर संसाधित किये जाते थे और उनकी शुद्धता चिंता का विषय नहीं होती थी। लेकिन वर्तमान में प्रौद्योगिकी और संसाधन में प्रगति, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि और बेहतर क्रय क्षमता के साथ-साथ उपभोक्ता की बढ़ती माँग के कारण कई प्रकार के खाद्य उत्पादों का बड़े पैमाने पर निर्माण हो रहा है, जैसे-संसाधित खाद्य पदार्थ, स्वास्थ्य के लिए खाद्य पदार्थ आदि। ऐसे खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के लिए आकलन की आवश्यकता होती है।
पिछले दशक में पूरे विश्व में खाद्य गुणवत्ता तथा खाद्य सुरक्षा से संबंधित मामलों को अत्यधिक महत्त्व मिला है। इसके लिए उत्तरदायी कारण निम्नलिखित हैं-
(1) जीवन-शैली और खान-पान की आदतों के तेजी से बदलने के कारण अधिक संख्या में लोग घरों से बाहर खाने के लिए जाने लगे हैं। व्यावसायिक प्रयोजन के लिए खाद्य पदार्थ अधिक मात्रा में और कई घंटे पहले तैयार कर लिए जाते हैं। यदि ऐसे खाद्य पदार्थों का भंडारण सही तरीके से नहीं किया जाये तो ये खराब हो सकते हैं।
(2) संसाधिक और पैक किए हुए खाद्य पदार्थ बहुत से हैं, जिनकी सुरक्षा महत्त्व रखती है।
(3) आज पैक किए हुए विभिन्न मसालों, स्वादवर्धक मसालों, पिसे हुए मसालों और मसालों के मिश्रणों की माँग बड़े नगरों में बहुत अधिक हो गई है। संसाधित खाद्यों के अतिरिक्त कच्चे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता भी सार्वजनिक स्वास्थ्य से सम्बन्ध रखती है। इसलिए खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता का मुद्दा प्रबल हो गया है।
(4) भोजन की व्यवस्था के लिए बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थों को अन्य स्थान पर पहुँचाना एक जटिल कार्य है और संसाधित तथा उपभोग के बीच एक लम्बा अन्तराल रहता है। अतः बड़ी मात्रा में उत्पादन और बड़ी मात्रा में वितरण के बीच के समय का आंकलन भी सुरक्षा और गुणवत्ता को बनाए रखने की दृष्टि से विचारणीय मुद्दा है।
(5) सूक्ष्म जैविक अनुकूलन, प्रतिजैविक प्रतिरोधकता, परिवर्तित मानवीय सुग्राहिता और अन्तर्राष्ट्रीय यात्राओं मिलकर खाद्य जनित सूक्ष्मजैविक रोगों के मामलों में वृद्धि की है। आज हमें जितने भी खाद्य-जनित रोगाणुओं की जानकारी है उनमें से लगभग आधे खाद्य-जनित रोगाणुओं की खोज पिछले 25-30 वर्षों में हुई है। अभी भी बहुत से ऐसे खाद्यजनित रोग हैं जिनके कारणों की जानकारी अभी तक नहीं है।
यही कारण है कि खाद्यजनित रोगों का मुद्दा वैश्विक जनस्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है और रोगाणुओं को ढूँढ़ने, पहचानने और राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय निगरानी की प्रणालियाँ स्थापित करने की आवश्यकता है।
प्रश्न 2.
इन शब्दों को समझाइए (अ) खाद्य संकट (ब) खाद्य आविषालुता (स) संदूषण (द) खाद्य गुणवत्ता (य) अपमिश्रण।
उत्तर:
(अ) खाद्य संकट-खाद्य संकट वह सापेक्षिक संभावना है कि जब पदार्थ को किसी प्रस्तावित तरीके और मात्रा में प्रयुक्तं न किया जाए तो उसके फलस्वरूप क्षति हो सकती है। खाद्य संकट भौतिक, रासायनिक और जैविक हो सकता है जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है।
(ब) खाद्य आविषालुता-खाद्य आविषालुता किसी पदार्थ की और किन्हीं परिस्थितियों में क्षति उत्पन्न करने की क्षमता होती है।
(स) संदूषण-संसाधन अथवा भंडारण के समय/पहले/बाद में खाद्य पदार्थ में हानिकारक, अखाद्य अथवा आपत्तिजनक बाहरी पदार्थों, जैसे-रसायन, सक्ष्मजीवी, तनकारी पदार्थों की उपस्थिति संदूषण कहलाती है।
(द) खाद्य गुणवत्ता-खाद्य गुणवत्ता उन गुणों की ओर संकेत है जो उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों के गुणों को प्रभावित करती है। इसमें नकारात्मक गुण भी शामिल हैं, जैसे सड़ना, संदूषण, अपमिश्रण, खाद्य सुरक्षा खतरे और साथ ही सकारात्मक गुण भी शामिल हैं, जैसे-रंग, सुगंध, बनावट।
यह एक परिपूर्ण संकल्पना है जो पोषक विशेषताओं, संवेदनशील गुणों (रंग, बनावट, आकार, रूप, स्वाद, गंध), सामाजिक सोच विचार और सुरक्षा जैसे कारकों को जोड़ती है। सुरक्षा, गुणवत्ता का प्राथमिक और सबसे महत्त्वपूर्ण गुण है।
(य) अपमिश्रण-अपमिश्रण बेईमानी करने, सस्ता बनाने या नकली सामग्री तैयार करने के लिए जानबूझकर या संयोगवश अशुद्ध या अनावश्यक अवयवों को मिलाना है, जो खाद्य पदार्थ के गुणों और संघटनों.को बदल देता है और खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता को कम कर देता है।
प्रश्न 3.
कोडेक्स ऐलिमेन्टैरियस क्या है?
उत्तर:
कोडेक्स ऐलिमेन्टैरियस (सी.ए.सी.)-कोडेक्स एलिमेन्टैरियस कमीशन (सी.ए.सी.) एक अंर्तसरकारी संस्था है, जिसे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य मानक, सुरक्षा और खाद्य तथा कृषि व्यापार को सुसाध्य बनाने के लिए स्थापित किया गया है। 1999 में इसके सदस्यों की संख्या क्रमशः 166 सदस्य देश तथा एक सदस्य संगठन (यूरोपीय समुदाय) की थी। भारत भी इसका एक सदस्य देश है।
सी.ए.सी. द्वारा प्रकाशित प्रलेख कोडेक्स ऐलिमेन्टैरियस है। इस प्रलेख में उपभोक्ताओं के बचाव और खाद्य व्यापार में निष्कपट पद्धतियों को सुनिश्चित करने के लिए मानक, पद्धति की नियमावली, मार्गदर्शन और अन्य अनुशंसाएँ सम्मिलित हैं। विभिन्न देश अपने राष्ट्रीय मानकों के विकास के लिए कोडेक्स मानकों को उपयोग करते हैं।
प्रश्न 4.
एच.ए.सी.सी.पी. के महत्त्व की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
एच.ए.सी.सी.पी. अर्थात् संकट विश्लेषण क्रांतिक नियंत्रण बिंदु
एच.ए.सी.सी.पी. खाद्य की सुरक्षा का आश्वासन देने का एक साधन है। यह खाद्य निर्माण और भंडारण के लिए एक उपागम है, जिसमें कच्ची सामग्री और एक विशेष प्रक्रम के प्रत्येक चरण पर विस्तार से ध्यान दिया जाता है। इसमें सम्मिलित हैं-संकटों की पहचान, कच्ची सामग्री एकत्र करना, निर्माण, वितरण, खाद्य उत्पादों का उपयोग, आहार श्रृंखला के प्रत्येक चरण के समय होने वाले संकटों की संभावनाओं का आकलन और संकटों के नियंत्रण के लिए उपाय बताना।
एच.ए.सी.सी.पी. का महत्त्व एच.ए.सी.सी.पी. के महत्त्व की विवेचना निम्न प्रकार की गई है-
प्रश्न 5.
राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य मानकों की सूची बनाइए।
उत्तर:
राष्ट्रीय खाद्य मानक-
अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य मानक-