Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Home Science Chapter 21 विकास संचार तथा पत्रकारिता Textbook Exercise Questions and Answers.
प्रश्न 1.
विकास संचार क्या है और विकास में इसकी क्या भूमिका है?
उत्तर:
विकास संचार से आशय-विकास संचार का अर्थ है-संचार की क्षमता को सामाजिक विकास के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक की भांति उपयोग में लाना। यह सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से प्रक्रियाओं, योजनाओं तथा संचार के सिद्धान्तों को क्रमबद्ध तरीके से प्रयोग करने की विधि है।
यह कला तथा मानवीय संचार का वह विज्ञान है, जिसका उपयोग किसी अभावग्रस्त समाज के विकास की गति को तीव्र करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से किया जाता है, जिससे समानता तथा व्यक्ति की क्षमता को सुनिश्चित किया जा सके।
विकास में विकास संचार की भूमिका विकास की ओर बढ़ने में विकास संचार की भमिका को निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है-
(1) यह उपलब्ध प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी देता है और उनका उपयोग कर समाज की उन्नति करने के लिए व्यक्तियों को संगठित करता है।
(2) यह सरकारी संस्थाओं, गैर-सरकारी संस्थाओं (एन.जी.ओ.) तथा व्यक्तियों को जोड़ता है।
(3) विकास संचार और विकास पत्रकारिता अध्ययन के ऐसे क्षेत्र हैं जो उन्हें न्याय संगत तथा निष्पक्ष समाज से संबंधित विषयों पर लिखने और बोलने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।
(4) विकास संचार का उद्देश्य विकास के मुद्दों पर वर्तमान तथा भविष्य के पत्रकारों, अभियान चलाने वालों तथा मीडिया व्यावसायिकों का ज्ञान बढ़ाना तथा व्यावहारिक कौशलों को दृढ़ करना है।
(5) विकास संचार ऐसे दो पक्षों के बीच दुतरफा संप्रेषण है, जिसमें एक के पास सूचनाएँ हैं तथा दूसरा उससे अनभिज्ञ है। यह ऐसा मानता है कि जो व्यक्ति समस्या का सामना करते हैं, उनमें उसका हल ढूँढने की स्वाभाविक क्षमता होती है, उन्हें संसाधन जुटाने में सहायता की आवश्यकता महसूस हो सकती है। यह अभिप्रेरण को मुख्य घटक के रूप में देखता है। यह व्यक्तियों तथा विकास एजेन्सियों के बीच संवाद बनाने का प्रयत्न करता है। इसलिए यह एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया है, जिसे इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि इसमें सम्मिलित सभी सहभागियों के बीच एक आम सहमति या समझ उत्पन्न हो, जिससे वे संगठित कार्यवाही कर सकें।
प्रश्न 2.
विकास संचार की अपेक्षित विशिष्टताएँ क्या हैं?
उत्तर:
विकास संचार की विशिष्टताएँ (विशेषताएँ) विकास संचार की निम्नलिखित मुख्य विशिष्टताएँ हैं-
प्रश्न 3.
अभियान क्या है? अपनी पसंद की समस्या पर अभियान के लिए एक नारा बनाइए।
उत्तर:
अभियान
अभियान का अर्थ है-विभिन्न संचार विधियों तथा सामग्री जैसे-बैठकें, भ्रमण, समाचार-पत्रों के लेख, पत्रक (लीफलेट्स) तथा पूर्व-निश्चित समय के लिए किसी विषय पर प्रदर्शनियों का मिला-जुला उपयोग।
यह एक संकेंद्रित तथा भली-भांति आयोजित क्रियाकलाप है। इससे जनता को जानकारी प्राप्त होती है तथा यह विशिष्ट संदेश प्रदान करता है। विभिन्न चैनलों द्वारा नाटकों का उपयोग ध्यान तथा रुचि को सुनिश्चित करता है। यह व्यक्ति की स्मृति से जुड़ जाता है और कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह उपयुक्त कार्य-व्यवहारं अपनाने के लिए अनुकूल वातावरण उत्पन्न करता है।
उदाहरण के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश से गंदगी दूर करने के लिए राष्ट्रव्यापी 'स्वच्छता अभियान' चला रखा है। इसका उद्देश्य गंदगी निवारण के साथ-साथ देशवासियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, अनेक बीमारियों से मुक्ति तथा देश के सौंदर्य को बढ़ावा देना है। इस अभियान के लिए एक नारा यह दिया जा सकता है, "स्वच्छता स्वास्थ्य, सौंदर्य की मूल है, हमें इसकी अलख जगानी है।"
नोट-विद्यार्थी अपनी पसंद की समस्या पर अभियान के लिए नारा स्वयं बनायें।
प्रश्न 4.
समुदाय-रेडियो, आकाशवाणी (आल इंडिया रेडियो) से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
रेडियो आकाशवाणी तथा समुदाय रेडियो में अन्तर
(1) क्षेत्र सम्बन्धी अन्तर-आकाशवाणी सामान्यतः राष्ट्रीय स्तर पर, समूचे देश के लिए उपयोगी कार्यक्रमों का प्रसारण करती है। इसका क्षेत्र राष्ट्रीय समस्याएं, राष्ट्रीय विकास, राष्ट्रीय सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक मुद्दों पर समाचार, साक्षात्कार, चर्चाएं, वृत्त चित्रों, नाटक, प्रश्नोत्तरी आदि के रूप में कार्यक्रमों का प्रसारित करना है। इसके समाचारों में अल्प समय में अनेक विभिन्न विषयों को सम्मिलित कर लिया जाता है। मानव की सामान्य रुचि के सामायिक मनोरंजक तथ्यों तथा कहानियों को नियमित अन्तराल से प्रसारित किया जाता है। यह राष्ट्रीय तथा राज्य सरकारों द्वारा चलाया तथा नियंत्रित किया जाता है।
दूसरी तरफ, समुदाय रेडियो का क्षेत्र समुदाय विशेष होता है। यह स्थानीय लोगों द्वारा चलाया और नियंत्रित किया जाता है। इसके विषय उन लोगों की स्थानीय बोली में तथा स्थानीय उपयोग के लिए होते हैं।
(2) विषय सम्बन्धी अन्तर-स्थानीय रेडियो सामान्यतः विकास के स्थानीय कार्यक्रमों को बढ़ावा देते हैं, जबकि आकाशवाणी सामान्यतः विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रमों को बढ़ावा देती है।
(3)नियंत्रण संबंधी अन्तर-स्थानीय रेडियो-स्थानीय व्यक्तियों गैर-सरकारी संस्थाओं तथा शिक्षण संस्थाओं को विकास के विषयों पर सूचनाएं प्रसारित करने के लिए स्थानीय समुदाय रेडियो स्थापित करने के लिए अनुज्ञप्ति प्रदान की जाती है, लेकिन आकाशवाणी सरकार का चैनल है, इसे स्थापित करने के लिए गैर-सरकारी संस्थाओं को अनुमति नहीं दी जा सकती।
(4) उद्देश्य सम्बन्धी अन्तर-आकाशवाणी का उद्देश्य राष्ट्रव्यापी जागृति है और राष्ट्रव्यापी मुद्दों के प्रति समूचे राष्ट्र की जनता को जागृत व शिक्षित करना है, जबकि समुदाय रेडियो का उद्देश्य स्थानीय समस्याओं व मुद्दों के प्रति स्थानीय लोगों को जागरूक करना है तथा स्थानीय समुदाय की सहभागिता को बढ़ावा देना है।
प्रश्न 5.
अपने विद्यालय के पुस्तकालय से एक समाचार-पत्र लीजिए। पर्यावरण से संबंधित समाचारों को देखिए। कक्षा में छात्रों से सिनेमा, जीवन-शैलियों तथा विकास से संबंधित समाचारों की दृष्टि सीमा और उनके संभावित कारणों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
यह चर्चा विद्यार्थी अपने सहपाठियों तथा अध्यापक के साथ अपनी कक्षा में करें।
प्रश्न 6.
"सूचना संचार प्रौद्योगिकियाँ विकास की भावी वाहिका हैं।" टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
सूचना संचार प्रौद्योगिकियाँ विकास की भावी वाहिका हैं
सूचना संचार प्रौद्योगिकी एक समाबेशी शब्द है जिसमें कम्प्यूटर का हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर (यंत्र सामग्री तथा प्रक्रिया सामग्री), अंकीय प्रसारण तथा दूर-संचार प्रौद्योगिकियां सम्मिलित हैं। सूचना-संचार प्रौद्योगिकियां विकास की भावी वाहिका हैं, क्योंकि-
(1) इसका उपयोग व्यक्तियों को सूचना और जानकारी देने के लिए किया जाता रहा है।
(2) निर्धन तथा धनवान दोनों ही देशों में, मोबाइल फोन के उपयोग ने बाजारों के प्रसार तथा सामाजिक कारोबार एवं जन सेवाओं को सक्षम तथा सुसाध्य बना दिया है। मोबाइल फोनों से क्षमता प्राप्त करके समग्र वित्तीय सेवाओं ने बैंकिंग तथा वित्तीय लेन-देनों, विपणन तथा वितरण, रोजगार तथा जन-सेवाओं को सक्षम बना दिया है।
(3) इसने वित्तीय, सामाजिक तथा राजनैतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तन कर दिया है।
(4) भविष्य में निर्धन व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सूचना-संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग का अधिक सीधा तरीका टेलीसेंटरों का निर्माण हो सकता है। पिछले दशक में भारत में अनेक ऐसी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। उदाहरण के लिए तमिलनाडु में ऐसा ही एक टेलिसेंटर जमीनी स्तर पर जुड़ी महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु 'सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तथा स्व नियोजित महिला संघ' की स्थापना की गई है। यह भारत में अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत कई हजार निर्धन महिलाओं का संघ है। इसका उद्देश्य महिला श्रमिकों को पूर्ण रोजगार तथा आत्मनिर्भरता प्रदान करना है। इस महिला संघ ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को भी अपने कार्य में सम्मिलित कर लिया, जिसका उद्देश्य था-जमीनी सतह से जुड़े लगातार बढ़ते सदस्यों को अधिकार दिलाने के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को हथियार बनाना।